फर्जी बिलिंग करने वाले गिरोह के 42 ठिकानों पर आयकर का छापा,500 करोड़ रुपये की बिलिंग का खुलासा, हवाला कारोबारियों पर छापामारी में 62 करोड़ रुपये जब्त attacknews.in

नयी दिल्ली 28 अक्टूबर ।आयकर विभाग ने फर्जी बिलिंग करने वाले एक गिरोह के दिल्ली एनसीआर, हरियाणा , पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में स्थित 42 ठिकानों पर छापेमारी कर 500 करोड़ रुपये की बिलिंग का खुलासा किया ।

विभाग ने आज यहां जारी बयान में यह जानकारी देते हुये कहा कि कुल लोग मिलकर इस नेटवर्क का संचालन कर रहे थे। कल की गयी छापेमारी की कार्रवाई में 2.37 करोड़ रुपये नकद और 2.89 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किये गये हैं और 17 लॉकरी भी पाये गये हैं जिसे अभी खोला जाना है।

आयकर विभाग ने हवाला कारोबारियों पर छापे मारकर 62 करोड़ रुपये जब्त किेए:

आयकर विभाग ने कई शहरों में हवाला कारोबारियों और फर्जी बिल बनाने वालों पर छापे मारकर 62 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है।

आयकर विभाग के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने आरोप लगाया कि ये बेनामी धन है और इसे संजय जैन के रूप में पहचाने गए एक व्यक्ति से संबंधित विभिन्न परिसरों से जब्त किया गया।

आयकर विभाग ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 42 परिसरों में छापेमारी की थी, जिनसे यह राशि जब्त की गई।

आयकर विभाग ने कहा कि इस दौरान हवाला रैकेट द्वारा कथित रूप से करीब 500 करोड़ रुपये के अवैध लेनदेन के संकेत मिले।

उन्होंने कहा कि जिन परिसरों में छापे मारे गए, वहां लकड़ी की अलमारी और फर्नीचरों में 2000 रुपये और 500 रुपये के नोट छिपाकर रखे गए थे।

इससे पहले सीबीडीटी ने मंगलवार को जारी बयान कहा था कि 2.37 करोड़ रुपये की नकदी और 2.89 करोड़ रुपये के आभूषणों के साथ ही 17 बैंक लॉकरों की जानकारी मिली है, जिनकी जांच की जानी बाकी है।

राजस्थान की दो थानों की पुलिस ने दवा व्यापारी के साथ खेला लाखों रुपये की रिश्वत का बड़ा खेल:आखिर में पुलिस कांस्टेबल दस लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार attacknews.in

जयपुर 27 अक्टूबर । राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने राजधानी जयपुर में एक पुलिस कांस्टेबल को दस लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया हैं।

एसीबी के महानिदेशक बी एल सोनी के अनुसार ब्यूरो की जोधपुर टीम ने सोमवार देर रात श्रीगंगानगर के जवाहरनगर थाना में तैनात कांस्टेबल नरेश चंद मीणा को जयपुर में टोंक रोड़ स्थित एक होटल से यह रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

राजस्थान में रिश्वतखोरी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक नहीं बल्कि दो-दो जिलों के अलग-अलग पुलिस थानों में तैनात पुलिस वाले शामिल हुए । इसमें रंगे हाथों एक कांस्टेबल गिरफ्तार हुआ, जबकि एक थानाधिकारी फरार है। साथ ही कई और पुलिस वालों के इसमें भी शामिल होने की बात सामने आ रही है।

रिश्वत का यह प्रकरण उत्तर प्रदेश के एक दवा कारोबारी के भतीजे को NDPS एक्ट में दर्ज एक मुकदमे में आरोपी नहीं बनने को लेकर लाखों रूपये की रिश्वत लेने से जुड़ा है। राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस खेल का पर्दाफाश किया ।

बताया जा रहा है कि 16 लाख रूपये नोटो की रिश्वत लेने का यह खेल जयपुर के एक नामी होटल में चल रहा था तभी अचानक वहां पर एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी पहुंच गए।

जब आरोपों की गिरफ्तार किया तो जानकार हैरान रह गए कि आरोपी और कोई नहीं बल्कि राजस्थान पुलिस का एक कांस्टेबल था।

दरअसल जयपुर के टोंक रोड स्थित होटल रेडिसन ब्ल्यू में ACB की यह कारवाई हुई। जिसमें करौली के रहने वाले कांस्टेबल नरेश चंद मीना को गिरफ्तार किया गया। नरेश के साथ श्रीगंगानगर जिले के जवाहर नगर थाना प्रभारी राजेश कुमार सियाग के भी मौजूद होने की सूचना थी लेकिन ACB की टीम के पहुंचने की ना जाने उन्हें कैसे भनक लग गई की और वे मौके से फरार हो गए।

ख़ास बात यह है की इस पूरी कार्रवाई को एसीबी जोधपुर टीम के प्रभारी एडिशनल एसपी नरेंद्र सिंह चौधरी व पुलिस इंस्पेक्टर मनीष वैष्णव की अगुवाई में अंजाम दी गई।

दरअसल उत्तर प्रदेश में कानपुर के गोविंद नगर में रहने वाले कारोबारी हरदीप सिंह की 26 अक्टूबर को एसीबी जोधपुर में दर्ज शिकायत के आधार पर यह कारवाही हुई।

शिकायतकर्ता की मानें तो वह और उसका भतीजा पवन कुमार अरोड़ा की कानपुर में श्री गुरु तेगबहादुर फार्मा के नाम से दुकान चलाते हैं। जिसके खिलाफ नशीली दवाईयां जब्त होने के आरोप हैं।

श्रीगंगानगर जिले के सदर थाने में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मुकदमे की जांच जवाहर नगर थानाप्रभारी राजेश कुमार सियाग के पास थी।

हालांकि जांच में नशीली गोलियों के कारोबार में उनकी फर्म की कोई भूमिका सामने नहीं आई लेकिन थानाप्रभारी सियाग उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा को नोटिस देकर रिश्वत के लिए दबाव बना रहे थे। यहां तक की जांच के नाम पर 18 सितंबर को कांस्टेबल नरेशचंद मीणा और एएसआई सोहनलाल कानपुर में उनकी दुकान पर पहुंचे। पवन कुमार को दवाइयों के संबंध में पूछताछ के लिए एक होटल में ले गए और वहां उसे मुकदमे में गिरफ्तारी का डर दिखाया। जाते-जाते पहली किस्त के रूप में 15 लाख रुपए भी वसूल लिए, लेकिन 25 सितंबर को दोबारा कांस्टेबल नरेशचंद यूपी में पवन अरोड़ा के घर पहुंच गया और थानाप्रभारी राजेश सियाग के उनके दवाओं की जानकारी से संतुष्ट नहीं होने की बात कहते हुए 25 लाख रुपए और रिश्वत के मांगे। जिसमें से उसी दिन एक लाख रुपए लेकर वापस आने की बात कहकर लौट गए आ गया।

22 अक्टूबर को कांस्टेबल नरेशचंद मीणा तीसरी बार वापस यूपी पहुंचा और व्हाट्सएप कॉल से पवन अरोड़ा से बातचीत करके ना केवल 25 लाख रुपयों मांगे, पवन के दिल्ली होने की बात सुनकर कांस्टेबल नरेश ने तत्काल पवन को धमकाकर उसका दिल्ली का फ्लाइट टिकट बुक करवाने का दबाव भी डाला और फ्लाईट से कांस्टेबल नरेशचंद रिश्वत की रकम लेने दिल्ली पहुंच गया और पवन अरोड़ा से 10 लाख रुपए में सौदा तय करके कांस्टेबल नरेशचंद मीणा ने पवन के चाचा हरदीप सिंह को 26 अक्टूबर को रिश्वत की रकम लेकर जयपुर बुलाया।

हरदीप सिंह के जयपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर कांस्टेबल नरेशचंद खुद एक पिकअप लेकर रिश्वत लेकर आए हरदीप सिंह को लेने जयपुर एयरपोर्ट पहुंच गया और होटल इसके बाद वे दोनों होटल रेडिसन ब्लू पहुंचे। वहां कांस्टेबल नरेशचंद को हरदीप सिंह ने 10 लाख रुपयों की रिश्वत सौंपी तभी इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने कांस्टेबल नरेशचंद को धरदबोचा। उसकी व्हाट्सएप चैट्स व अन्य तथ्यों के आधार पर एसीबी ने पुलिस इंस्पेक्टर राजेश सियाग को भी आरोपी माना है, लेकिन वह फरार हो गया। ACB अधिकरियों का मानना है की इस मामले में कुछ और पुलिस वालों की भी भूमिका हो सकती है जिसकी जांच की जा रही है।

भारत में जासूसी करने वाला चीनी नागरिक जुटा रहा था बौद्ध धर्म गुरू दलाईलामा की जानकारी,,हवाला और मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार,हिमाचल पुलिस अलर्ट हुई attacknews.in

धर्मशाला, 24 अक्तूबर । हवाला और मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किये गये चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग के दिल्ली में कुछ लामाओं के सम्पर्क में होने तथा बौद्ध धर्म के सर्वोच्च गुरु दलाई लामा और उनके सहयोगियों के बारे में जानकारी जुटाने का खुलासा हुआ है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने आज यहां पत्रकार वार्ता में बताया कि पेंग की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां और राज्य पुलिस स्तर्क हो गई हैं। पेंग को हवाला मामले में आयकर विभाग ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि पेंग के हिमाचल में भी तीन सम्पर्क सामने आए हैं। इनमें यहां रह रही एक चीनी महिला भी शामिल है। इसमें एक कांगड़ा के बीड़ बिलिंग और एक जोगिंद्रनगर के चैतड़ा में था। एक कर्नाटक चला गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले के बाद हिमाचल पुलिस में तिब्बती और चाइनीज भाषा जानने वालों की कमी खलने लगी है और ऐसे लोगों की पुलिस में जरूरत है। राज्य पुलिस को इस तरह के मामलों में भाषा को लेकर केंद्रीय एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में जांच में दिक्कत होती है।

मुंबई पुलिस के खिलाफ़ मानहानि और बदनाम करने पर रिपब्लिक भारत टीवी के कई कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज attacknews.in

मुंबई, 23 अक्टूबर ।मुंबई में शुक्रवार को पुलिस विभाग के खिलाफ मानहानि और उकसाने के आरोप में रिपब्लिक भारत टीवी के कई कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

मुंबई सीआईडी की विशेष शाखा के पुलिस उप-निरीक्षक शशिकांत पवार द्वारा एक शिकायत पर एन.एम. जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में प्राथमकी दर्ज की गई।

हाथरस मामले में जातीय हिंसा भड़काने की ‘साजिश’ की जांच एसटीएफ करेगी attacknews.in

लखनऊ, 22 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) को हाथरस मामले के पीछे जातीय हिंसा भड़काने की कथित साजिश की जांच सौंपी गई है।

एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि एसटीएफ की एक टीम जल्द ही मौका-ए-वारदात पर जाकर तथ्य इकट्ठा करेगी।

अधिकारी ने बताया कि एसटीएफ को अभी तक चार मुकदमे मिले हैं जिनमें से दो हाथरस में और एक-एक अलीगढ़ तथा मथुरा में दर्ज किया गया है। मथुरा में दर्ज मामला चार लोगों की गिरफ्तारी से जुड़ा है, जिनके पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ कथित संबंध हैं।

गौरतलब है कि हाथरस मामले को लेकर राजनीति तेज होने के बीच राज्य सरकार ने इस घटना के पीछे जातीय हिंसा की साजिश का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस सिलसिले में राज्य के विभिन्न जिलों में अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल 19 मुकदमे दर्ज किए थे।

पुलिस ने जातीय हिंसा भड़काने की साजिश के मामले में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मथुरा के माट थाने में देशद्रोह तथा अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था।

ज्ञातव्य है कि हाथरस जिले के एक गांव में गत 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित लड़की से अगड़ी जाति के चार युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। बाद में दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला था।

नौकर की पत्नी को प्रेमिका बनाने के बाद दो बच्चों,पत्नी और प्रेमिका के पति की हत्या के आरोपी को फांसी की सजा,प्रेमिका को उम्र कैद attacknews.in

मुक्तसर, 22 अक्टूबर ।पंजाब के मुक्तसर जिला एवं सत्र अदालत ने अपने दो बच्चों, पत्नी और नौकर की हत्या के आरोपी पलविंदर सिंह को दोषी करार देते हुये उसे फांसी तथा प्रेमिका कर्मजीत कौर (नौकर की पत्नी) को आज उम्र कैद की सज़ा सुनाई।

लगभग पांच साल पुराने इस मामले के अनुसार पलविंदर के अपने नौकर निर्मल सिंह की पत्नी कर्मजीत कौर के साथ अवैध सम्बंध थे और ये दोनों ही वह अपने-अपने परिवार को प्यार के रास्ते से हटा कर शादी करना चाहते थे।

पलविंदर ने अपनी पत्नी सरबजीत कौर के नाम जीवन और दुर्घटना बीमा पॉलिसियां ले रखीं थीं। यह सभी बीमा उसने हत्या की वारदात को अंज़ाम देने से 11 दिन पहले ही कराए थे।

वारदात को अंज़ाम देने के लिये पलविंदर ने एक मारूति कार खरीदी। 20 जून 2015 को पलविंदर ने अपनी कार अटारी गांव के निकट गंग नहर में एक साजिश के तहत जानबूझकर गिरा दी थी।

कार में उसके साथ पत्नी सबरजीत कौर, पुत्र जशनप्रीत सिंह (4), पुत्री गगनदीप कौर (6) और निर्मल सिंह था जिनकी डूबने से मौत हो गई।

यूआईडीएआई के सहायक महानिदेशक एक लाख रूपये की रिश्वत लेते नई दिल्ली में गिरफ्तार,अदालत ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा attacknews.in

कोटा/जयपुर , 21 अक्टूबर । राजस्थान के कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक न्यायालय ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए केंद्र सरकार के यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के अधिकारी पंकज गोयल को आज पूछताछ के लिए दो दिन के रिमांड पर सौंप दिया।

कोटा से गई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने सहायक निदेशक के स्तर के अधिकारी पंकज गोयल को नई दिल्ली में एक व्यक्ति से आधार पहचान पत्र बनाने की फ्रेंचाइजी देने की एवज में यह रिश्वत मांगी थी। ब्यूरो की टीम ने उसे मंगलवार को उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।

राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कोटा इकाई ने मंगलवार को भारत सरकार के भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सहायक महानिदेशक पंकज गोयल को मंगलवार को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय में रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

राजस्थान में ब्यूरो के महानिदेशक बी.एल.सोनी ने बताया कि एसीबी के काेटा कार्यालय में परिवादी ने शिकायत कि उसने आधार पहचान पत्र बनाने की फ्रेन्चाइजी के लिए कई बार आवेदन किया था, लेकिन उसे फ्रेन्चाइजी नहीं मिली। उसने बताया कि नयी दिल्ली में स्थित यूआईडीएआई के क्षेत्रीय कार्यालय में सहायक महानिदेशक पंकज गोयल से उसने सम्पर्क किया तो उन्होंने फ्रेन्चाइजी आवंटित करने की एवज में रिश्वत मांगी। पंकज गोयल पांच राज्यों में आधार पहचान पत्र का कार्य देख रहे है।

फारूक अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के 113 करोड़ रुपये घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर से जांच शुरू कर की पूछताछ attacknews.in

श्रीनगर,19 अक्टूबर । पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को पूछताछ की।

इस बीच एनसी उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने डा. अब्दुल्ला से हुई पूछताछ को राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम बताया है जबकि पीडीपी के वरिष्ठ नेता एवं पीडीपी-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार के पूर्व प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि यह सरासर धमकी है।

ईडी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डा. अब्दुल्ला को दो दिन पूर्व ईडी की ओर से जेकेसीए घोटाले के संबंध में सोमवार को इसके सामने पेश होने का समन जारी किया गया था। डा. अब्दुल्ला आज जैसे ही यहां राजबाग स्थित कार्यालय में पहुंचे तो उनसे पूछताछ शुरू हो गयी।

इससे पहले डा. अब्दुल्ला से 31 जुलाई 2019 को चंडीगढ़ में पूछताछ की गयी थी। इसके पांच दिनों के बाद ही यानी पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था तथा डा. अब्दुल्ला, उनके पुत्र उमर तथा सुश्री मुफ्ती समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को हिरासत में या फिर नजरबंद कर दिया गया था।

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ में कथित 113 करोड़ रुपये की धांधली का मामला काफी पुराना है। पहले इसकी जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही थी, जिसके बाद अदालत ने इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई )को सौंपा दिया था। बाद में इस पूरे मामला धनशोधन से जुड़ा और ईडी भी जांच में शामिल हो गया।

गुपकार समझौते पर एकजुटता पर ईडी कर रही कार्रवाई: उमर

इधर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता सांसद फारुख अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ पर इसे केवल गुपकार समझौते पर जो पार्टियां एकजुट हुई हैं उसका बदला करार दिया है।

ईडी अधिकारी सोमवार को यहां फारुख अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में पैसों की अनियमितता के मामले में पूछताछ कर रहे हैं। इससे पहले भी ईडी फारूक अब्दुल्ला से इस मामले में सवाल-जवाब कर चुकी है।

उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “ पार्टी की तरफ से ईडी के समन का जवाब दिया जाएगा । ये केवल गुपकार समझौते पर जो पार्टियां एकजुट हुई हैं उसका बदला लिया जा रहा है। हालांकि ईडी ने फारूक अब्दुल्ला के घर पर कोई रेड नहीं की है ।”

राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों की बैठक हुई थी जिसमें कांग्रेस भी शामिल हुई थी। बैठक में 370 अनुच्छेद को फिर से बहाल करने की मांग की गई है।

अनुच्छेद 370 की बहाली की जंग जारी रहेगी: फारूक

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि भले ही उन्हें जान की बाजी लगानी पड़े लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अनुच्छेद 370 काे बहाल कराने का संघर्ष जारी रहेगा।

डॉ. अब्दुल्ला, जो जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष थे,के कार्यकाल में करोड़ों के घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज उनसे करीब सात घंटे तक पूछताछ की।

डा. अब्दुल्ला ने दिन के दौरान राज बाग कार्यालय में ईडी द्वारा की गई पूछताछ के बाद संवादाताओं से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा, “ईडी अपना काम कर रही है और मैं अपना काम करूंगा।”

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह इस पर हमेशा स्पष्ट हैं और हमेशा ईडी का सामना करेंगे। उन्होंने तत्काल कहा कि उनके भाग्य का फैसला अदालत करेगी, अब वह अपना मामला अदालत के समक्ष रखेंगे।

संवाददाताओं के सवालों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा ईडी ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ने के उनके संकल्प को कमजोर करने का प्रयास किया, यह केवल उनका संकल्प नहीं है, बल्कि पूरे जम्मू कश्मीर के लोगों का संकल्प है। उन्होंने कहा चाहे वह जिंदा रहें या मर जाए उनका अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए जंग जारी रहेगी।

कोऑपरेटिव अर्बन बैंक का अध्यक्ष को 10 लाख रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार,किराना दुकानदार से ढाई करोड़ रुपये का ॠण देने के एवज में मांगें थे attacknews.in

औरंगाबाद, 19 अक्टूबर । महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सोमवार को बीड़ जिले में परली के वैजनाथ कोऑपरेटिव अर्बन बैंक के अध्यक्ष अशोक पन्नालाल जैन को एक शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

ब्यूरो के अनुसार कथित आरोपी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत के तौर पर 15 लाख रुपये की मांग की थी। पीड़ित व्यक्ति की उस्माबाद में किराना की दुकान है और उसने 2़ 5 करोड़ रुपये का ऋण वर्ष 2018 में लिया था जिसके लिए आरोपी रिश्वत मांग रहा था।

बलिया हत्याकांड का मुख्य आरोपी धीरेन्द्र प्रताप सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा,दुर्जनपुर गांव में राशन दुकान विवाद में जयप्रकाश के सीने में रिवाल्वर सटा कर गोली मार दी थी attacknews.in

बलिया 19 अक्तूबर । उत्तर प्रदेश में बलिया के दुर्जनपुर गांव में हत्याकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को आज 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया ।

धीरेंद्र को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने रविवार को लखनऊ के जनेश्वर पार्क से गिरफ्तार किया था। उसके बाद आरोपी को बलिया में कोतवाली लाया गया। जहां आज उसे न्यायालय पेश किया गया।

रविवार को बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह समेत पांच अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने लखनऊ में पॉलीटेक्निक चौराहे के पास से धीरेंद्र को दबोचा था।

वहीं, इस मामले में नामजद अभियुक्त संतोष यादव व अमरजीत यादव को बलिया के एक होटल के पास से गिरफ्तार किया गया। तीनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

पुलिस ने इसके अलावा अभय सिंह और धर्मेन्द्र सिंह को वाराणसी से गिरफ्तार किया । दो बीएचयू के अस्पताल में भर्ती थे । इस मामले में पुलिस अब तब दस लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है ।

एसटीएफ ने रविवार की देर रात धीरेन्द्र को बलिया पुलिस के हवाले कर दिया । पिछले 15 अक्तूबर को दुर्जनपुर गांव में राशन की दुकान को लेकर हुये विवाद में धीरेन्द्र ने जयप्रकाश के सीने में रिवाल्वर सटा कर गोली मार दी थी और फरार हो गया था । पूर्व फौजी रह चुका धीरेन्द्र भाजपा का समर्थक है और बैरिया के पार्टी विधायक सुरेन्द्र सिंह उसके समर्थन में सामने आये थे।

आजमगढ़ में शराब पीने के लिये धन देने से मना करने पर एक मंदिर के बुजुर्ग पुजारी की पीट-पीट कर हत्या attacknews.in

आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश), 18 अक्टूबर । जिले में रविवार को कथित रूप से शराब पीने के लिये धन देने से मना करने पर एक मंदिर के बुजुर्ग पुजारी की हत्या कर दी गयी। वारदात से नाराज ग्रामीणों ने आजमगढ़—गोरखपुर राज्यमार्ग पर शव रखकर रास्ता जाम कर दिया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुबारकपुर थाना क्षेत्र के गुलउर गांव स्थित एक मंदिर के पुजारी रामचन्द्र दास (80) शनिवार की रात गुलउर बाजार गये थे। वहां से लौटते वक्त पड़ोस के बिजरवा गांव निवास एक शराबी युवक उनके पास आया और नशे के लिये पैसे मांगने लगा। रुपये देने से मना करने पर वह गुस्सा गया और उसने महंत पर डंडे से ताबड़तोड़ प्रहार किये और भाग गया।

उन्होंने बताया कि गम्भीर रूप से घायल पुजारी को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां रविवार को उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी मौत की खबर मिलने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गये और उन्होंने गुलउर बाजार के पास आजमगढ-गोरखपुर राज्यमार्ग पर महंत का शव रखकर जाम लगा दिया।

सूत्रों ने बताया कि इसकी जानकारी मिलने पर वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने-बुझाने की कोशिश की। अंतिम समाचार मिलने तक जाम नहीं खुला था।

पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मामले के आरोपी युवक को शनिवार को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

बलिया कांड: देशभर में चर्चा का विषय बना सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले का मुख्‍य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह समेत 3 गिरफ्तार attacknews.in

बलिया/लखनऊ, 18 अक्‍टूबर । बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने रविवार को मुख्‍य आरोपी को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही बलिया से दो और नामजद आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

यह जानकारी अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्‍यवस्‍था) प्रशांत कुमार ने दी।

कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किये गये मुख्‍य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह और नामजद आरोपी संतोष यादव और अमरजीत यादव पर पुलिस ने 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।

एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने रविवार को बताया ‘बलिया कांड के मुख्‍य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को राजधानी के पॉलिटेक्निक चौराहे से गिरफ्तार किया गया है।’

उन्‍होंने बताया कि धीरेंद्र प्रताप सिंह से घटना में प्रयुक्‍त असलहों के बारे में पूछताछ की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी बलिया पुलिस को दी गई है और पूछताछ के बाद उसे बलिया पुलिस के सुपुर्द कर दिया जाएगा।

बलिया पुलिस ने भी घटना के दो नामजद आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चन्द्र दुबे ने बताया कि दुर्जनपुर की घटना से संबंधित नामजद आरोपी संतोष यादव और अमरजीत यादव को बलिया शहर कोतवाली के वैशाली क्षेत्र से सुबह गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने बताया कि इन पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था ।

उन्होंने बताया कि इस कांड के नामजद आरोपियों की सम्पत्ति गैंगस्टर कानून के अंतर्गत जब्त की जायेगी ।

इस मामले में पुलिस पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

पुलिस ने इस मामले में शनिवार को मुन्ना , राजप्रताप यादव तथा राजन तिवारी को गिरफ्तार किया जबकि शुक्रवार को देवेन्द्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया था। अब तक कुल आठ आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। इस मामले में कुल आठ नामजद व 20 से 25 अज्ञात आरोपी हैं ।

इसके पहले मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने स्वयं को निर्दोष करार देते हुए दावा किया है कि रेवती की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा आधा दर्जन लोग घायल हैं ।

धीरेंद्र ने शुक्रवार रात जारी वीडियो में स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष करार दिया । उसने घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा है कि उसने बैठक के पहले ही बवाल होने की आशंका जताई थी,लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया ।

उधर बलिया जिले के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने रेवती कांड में आरोपी की तरफ से मुकदमा दर्ज करने के लिए जिला प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया है तथा मुकदमा दर्ज नहीं होने पर समर्थकों के साथ रेवती थाने पर धरना देने की चेतावनी दी है।

इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने रविवार को भाजपा विधायक की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ट्वीट करके मुख्‍यमंत्री से प्रश्न किया कि ‘ क्‍या वह अपराधी के साथ खड़े इस विधायक के पक्ष में हैं। अगर नहीं तो यह अब तक भाजपा में क्‍यों बना हुआ है।’

गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी तथा कई लोग घायल हो गये थे। इस मामले को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई तथा समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है।

पंजाब में आंतकवाद के दौर में आंतकवादियों का बहादुरी से सामना करने वाले शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह भिखीविंड की आतंकवादियों ने कर दी गोली मार कर हत्या attacknews.in

चंडीगढ़, 16 अक्तूबर। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शौर्य चक्र विजेेता कामरेड बलविंदर सिंह की अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार हत्या किये जाने के मामले में फिऱोज़पुर के उप महानिरीक्षक(डीआईजी) के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) गठित करने के आदेश दिए हैं।

कैप्टन सिंह ने बलविंदर सिंह की मौत पर दुख प्रकट करते हुए पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को इस मामले की त्वरित जांच करने के आदेश दिए ताकि दोषियों को पकड़ कर उनके खि़लाफ़ कानूनी कार्रवाई की जा सके। घटना काे गंभीरता से लेते हुये उन्हाेंने कहा कि एसआईटी इस घटना की सभी कोणों से जांच करेगी और जो भी इसमें दोषी पाया गया उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह भिखीविंड की हत्या का घटनाक्रम

पंजाब में आंतकवाद दौर में आंतकवादियों का बहादुरी से सामना करने वाले शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह भिखीविंड की शुक्रवार को तरनतारन के भिखीविंड में स्थित उनके निवास पर कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी।

श्री सिंह की पत्नी जगदीप कौर ने बताया कि सुबह करीब 07:00 बजे हुई कुछ अज्ञात लोग उसके घर में घुसे और बलविंदर सिंह पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया जिससे उनकी मौत हो गयी।

श्री सिंह के भाई रंजीत सिंह ने दावा किया है कि हमले के पीछे आतंकवादी हो सकते हैं , हालांकि पुलिस ने अभी पक्के तौर पर ऐसा कुछ नहीं कहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आवश्यक जांच कर रहे हैं।

आरएमपीआई की जिला कमेटी के सदस्य और कामरेड हरकिशन सिंह सुरजीत के साथी रह चुके कामरेड बलविंदर पंजाब में बहादुरी के साथ आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए कामरेड बलविंदर सिंह भिखीविंड तथा उनके पूरे परिवार को साल 1993 में राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा द्वारा शौर्यचक्र से सम्मानित किया था। उनके साथ उनकी पत्नी जगदीप कौर, भाई रणजीत सिंह और भुपिंदर सिंह को भी शौर्यचक्र और शाल दे कर सम्मानित किया गया था। उनके परिवार के सदस्यों को संदेह है कि उनकी हत्या के पीछे आतंकवादी हो सकते हैं।

राज्य में आंतकवाद दौरान श्री बलविंदर सिंह का आंतकवादियों के साथ 13 बार मुकाबला हुआ था। उन्होने तथा उनके परिवार ने बड़ी बहादुरी से आंतकबादियों को परास्त किया था। उनकी बहादुरी को देखते हुए राष्ट्रपति ने उन्हे शौर्यचक्र से सम्मानित किया था।

पंजाब सरकार ने हाल ही में श्री सिंह की सुरक्षा हाल ही में वापस ले ली थी। उन्होने फैसले का विरोध किया था क्योंकि उस पर पूर्व में भी हमला किया गया था। 2017 में, कुछ अज्ञात हमलावरों ने उनके आवास पर कई राउंड गोलियां चलाई थीं। सौभाग्य से हमले के दौरान उनके परिवार के सदस्यों में से कोई भी घायल नहीं हुआ।

उज्जैन में जहरीली शराब पीने से 12 मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सस्पेक्टेड टोक्सिन मौत का कारण बनी,शिवराज सिंह चौहान ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश attacknews.in

भोपाल, 16 अक्टूबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन जिले में कथित तौर पर नशीले पदार्थ के सेवन से हुयीं मौत की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए आज कहा कि इस घटना के दोषियों को किसी भी कीमत से बख्शा नहीं जाएगा।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने उज्जैन की घटना को लेकर यहां एक बैठक ली, जिसमें उन्होंने उज्जैन में कल नशीले पदार्थ के सेवन से हुई मौतों के बाद शासन स्तर पर और स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी ली।

उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके पीछे ज़िम्मेदार लोगों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के सौदागरों को मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने इस घटना को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं, जल्द ही दोषी सलाखों के पीछे होंगे।

श्री चौहान ने कहा कि मौत के सौदागरों को नेस्तनाबूत किया जाये। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों के विरुद्ध सख्त एक्शन लिया जाए। किसी भी तरह की मिलावट का मामला हो, दोषी व्यक्ति बचना नहीं चाहिये।

उन्होंने कहा कि आम जनता को बचाने के लिए सभी संबंधित विभाग सतर्क, सजग और सक्रिय रहें। उन्होंने निर्देश दिया है कि उन्हें प्रतिदिन इस दिशा में की गई कार्रवाई की जानकारी दी जाए। किसी भी स्थान पर इस तरह की अवैध गतिविधियों को प्रश्रय न मिले। जो अधिकारी-कर्मचारी ऐसे कार्यों को प्रश्रय देंगे उनके विरुद्ध भी कड़े कदम उठाए जाएं।

उज्जैन में कथित तौर पर नशीले पदार्थ के सेवन से कम से कम 14 लोगों की मृत्यु हो गयी है। इस घटना के मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। इसके अलावा खाराकुंआ थाना प्रभारी सहित चार पुलिस कर्मचारियों को निलंबित भी किया जा चुका है।

जहरीली शराब के सेवन ने अब तक 12 मौतें

उज्जैन जिले में जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या बढकर 12 पहुंच गयी। वहीं, पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है तथा कई लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।

पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि महाकाल थाना क्षेत्र में कल पुलिस ने 55 वर्षीय एवं 40 वर्षीय अज्ञात पुरुष के सार्वजनिक स्थल से शव बरामद किए और 40 वर्षीय जीतू को अधिक शराब पीने के कारण इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसकी बाद में मौत हो गयी है।

पुलिस ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उज्जैन शहर के खाराकुआ, महाकाल, कोतवाली, जीवाजीगंज के अंतर्गत कुल 12 पुरुषो की संदिग्ध जहरीली शराब पीने से मौत के मामले दर्ज किए हैं। मृतको का पोस्टमार्टम कराये जाने पर प्रथम दृष्टया सस्पेक्टेड टोक्सिन के कारण मृत्यु होना पाया गया।

पुलिस की उक्त मामले में प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आये की जहरीली शराब का निर्माण और विक्रय सिकन्दर, युनूस, गब्बर एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा गोपनीय रूप से किया जाता था और बाजार से स्प्रिट लाकर झिंझर नामक जहरीली शराब छोटी-छोटी पोलिथीन मे भरकर सेवन के लिए सस्ते दामों में गरीब मजदूर वर्ग के लोगो को विक्रय किया जाता था।

खाराकुआ पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत आरोपी सिकन्दर, युनुस ,गब्बर एवं अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। उनमें से यूनुस को गिरफ्तार कर लिया और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये टीम गठित की है।

सम्पूर्ण घटना संवेदनशील होने से और इस प्रकार के जहरीली शराब एवं नशीले पदार्थ के निर्माण और विक्रय के नेटवर्क की पतासाजी की जा रही है।

पुलिस ने फरार आरोपियों पर इनाम उद्घोषणा की गई है और रासुका के अन्तर्गत प्रकरण तैयार किए गए हैं। वहीं, पुलिस ने जिले में शहर और देहात के सभी थानों क्षेत्रों में जहरीली शराब निर्माण एवं विक्रम करने वालों पर बडी कार्रवाई करते हुए आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कई लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही इनके कब्जे से 623 लीटर अवैध शराब भी जब्त की गयी।

पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने इसके पूर्व प्रारंभिक जांच में खाराकुआ थाना के अन्तर्गत जहरीली शराब की विक्रय एवं निर्माण की जानकारी नही होने पर थाना प्रभारी खाराकुआ निरीक्षक एम एल मीना, बीट प्रभारी उपनिरीक्षक निरंजन शर्मा, बीट आरक्षक शेख अनवर एवं आरक्षक नवाज़ शरीफ को निलंबित कर जांच के आदेश दिए।

उज्जैन में डीनेचर स्प्रिट के सेवन से संदिग्ध रूप से हुईं मृत्यु के मामलों की जांच के लिए भेजे गए वरिष्ठ अधिकारियों का एक जांच दल यहां पहुंचा है। जांच दल को 17 अक्टूबर को घटना से संबंधित या स्पिरिट से नशायुक्त पेय एवं अवैध शराब निर्माण के संबंध में गोपनीय जानकारी दी जा सकती है।

राज्य शासन द्वारा गठित जांच दल ने जांच प्रारम्भ की विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर निरीक्षण किया

इधर  उज्जैन में संदिग्ध रूप से डिनेचर्ड स्पिरिट के सेवन से मृत 12 व्यक्तियों के प्रकरण की जांच करने के लिये राज्य शासन द्वारा उच्च स्तरीय जांच दल गठित किया गया है।

जांच दल में अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.राजेश राजौरा के साथ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री एसके झा एवं पुलिस उप महानिरीक्षक श्री सुशांत सक्सेना को रखा गया है।

गठित जांच दल ने आज 16 अक्टूबर को जांच प्रारम्भ कर दी है । जांच दल ने आज उज्जैन के छत्रीचौक, रीगज टॉकीज, खाराकुआ थाना एवं विभिन्न  रैन बसेरों   में जाकर मौके का मुआयना किया व पूछताछ की।

इस अवसर पर कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री मनोज सिंह भी मौजूद थे।

उज्जैन में जहरीली शराब से मौतों की जांच राजेश राजौरा के जिम्मे;सिकन्दर, युनूस, गब्बर के साथियों द्वारा छोटी-छोटी पॉलिथीन में किया जा रहा था जहरीला कारोबार ;जिले में अवैध शराब के विक्रय के विरुद्ध अभियान में 80 प्रकरणों में 81 आरोपी गिरफ्तार attacknews.in

भोपाल / उज्जैन , 15 अक्टूबर । मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने के कारण कम से कम 11 नागरिकों की मौत से जुड़े मामले की जांच गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा से कराने का निर्णय लिया है।यह टीम शुक्रवार से जांच प्रारंभ कर देगी ।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इस मामले में उज्जैन जिला प्रशासन से भी सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा था। इसके बाद उज्जैन के खाराकुआ थाना प्रभारी एम एल मीणा समेत चार पुलिस कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है।

सूत्रों कहा कि इस मामले की जांच में डॉ राजेश राजौरा की मदद पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस के झा और रतलाम रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक सुशांत सक्सेना करेंगे।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आज सुबह यहां उज्जैन की घटना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक ली, जिसमें उन्होंने घटना की जाँच करने और संबंधित थाने में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश दिये थे।

उज्जैन के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर घटना के संबंध में जानकारी हासिल की। पुलिस अधीक्षक ने प्रथम दृष्टया पाया कि थाना क्षेत्र में जिंजर नामक पेय पदार्थ (कच्ची शराब) की बिक्री हुयी है और संभवत: उसी का सेवन करने से लगभग 11 व्यक्तियों की मृत्यु होने जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुयी और थाना प्रभारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसी वजह से थाना प्रभारी और अन्य पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है।

उज्जैन में शुरूआत में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने के कारण आठ लोगों की मौत होने की सूचना आयी थी। बाद में मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गयी।

जहरीली शराब से मौतें: update

उज्जैन में एडीएम एवम नगर निगम की टीम ने डॉक्टरों के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्र का दौरा किया

फुटपाथ के किनारे रह रहे मजदूरों एवं बेघर लोगों की जांच की, बाहर के व्यक्तियों को रेन बसेरे में शिफ्ट किया गया

कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर आज देर रात एडीएम श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी डॉक्टर एवं नगर निगम की के अधिकारियो के दल के साथ 5 टीम में बंट कर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण पर निकले ।

*उन्होंने विभिन्न वार्डों में जाकर रेन बसेरों का निरीक्षण कर वँहा ठहरे हुए व्यक्तियों के साथ ही फुटपाथ पर रात्रि विश्राम कर रहे लोगों तक पहुंचकर उनसे बातचीत की व आवश्यकतानुसार उनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया ।

    * एडीएम  की  टीम  द्वारा  जिला  हॉस्पिटल  के बाहर फुटपाथ के किनारे   सो  रहे मजदूरों एवं बेघर लोगों की  जांच की ।

*उन्होंने उज्जैन के बाहर के व्यक्तियों को रेन बसेरे में शिफ्ट किया ।

  • उज्जैन के निवासी व्यक्तियों को उनके घर रवाना किया ।

*कुछ व्यक्ति नशे में मिले उन्हें अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है ।

  • उल्लेखनीय है कि गत दिवस रात्रि में संदिग्ध रूप से डीनेचरड स्पिरिट के सेवन से अब तक 12 लोगों की मृत्यु हो चुकी है ।

उज्जैन पुलिस द्वारा जहरीली शराब निर्माण व विक्रय करने वालो पर कार्रवाई:

उज्जैन थाना खाराकुआ, थाना महाकाल, थाना कोतवाली, थाना जीवाजीगंज के अंतर्गत कुल 12 पुरुषो की संदिग्ध जहरीली शराब पीने से हुई मृत्यु पर उपरोक्त थानों पर दर्ज किए गए मर्ग प्रकरण पर कार्रवाई की गई ।

उपरोक्त अलग-अलग थानों में मर्ग कायम कर मृतको का पोस्टमार्टम कराये जाने पर प्रथम दृष्टया सस्पेक्टेड टोक्सिन के कारण मृत्यु होना पाया गया ।

पंजीबद्ध उपरोक्त मर्ग की प्रारंभिक जांच में यह तथ्य पाये गये कि उपरोक्त जहरीली शराब का निर्माण व विक्रय सिकन्दर, युनूस, गब्बर एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा गोपनीय रूप से किया जाता था। बाजार से स्प्रिट लाकर झिंझर नामक जहरीली शराब छोटी-छोटी पोलिथीन मे भरकर सेवन हेतु सस्ते दामों में गरीब मजदूर वर्ग के लोगो को विक्रय किया जाता था।

थाना खाराकुआ पर पंजीबद्ध मर्ग क्रमांक 08/2020, 09/2020 ,10/2020, 11/2020, 12/2020, 13/2020 के प्रारंभिक जांच उपरांत अपराध क्रमांक 132/2020 धारा 328,304,34 भादवि एवं 49 ए(1)(3) आबकारी एक्ट में आरोपी सिकन्दर, युनुस ,गब्बर एवं अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी गणों में से यूनुस को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई है

प्रकरण में आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु टीम गठित कर आरोपियों की धरपकड़ की जा रही है।

सम्पूर्ण घटना संवेदनशील होने से और इस प्रकार के जहरीली शराब व नशीले पदार्थ के निर्माण व विक्रय के नेटवर्क की पतासाजी की जा रही है। फरार आरोपियों के विरुद्ध 10 10 1000 के ईनाम उद्घोषणा की गई है और रासुका के अन्तर्गत प्रकरण तैयार किये गये है।

उज्जैन जिले में अवैध शराब विक्रय के विरूद्ध अभियान जारी रखते हुवे कार्यवाही की जा रही है।

गुरूवार को उज्जैन जिले में इस अवैध शराब के विक्रय के विरुद्ध अभियान में 80 प्रकरणों में 81 आरोपी गिरफ्तार कर लगभग: 500 लीटर देशी व कच्ची शराब जब्त की गई है आदतन अपराधियों एवं तस्करो की पहचान कर कठोर वैधानिक कार्यवाही जैसे जिलाबदर एवं रासुका कार्यवाही हेतु प्रकरण तैयार किये जा रहे है।

पुलिस अधीक्षक उज्जैन श्री मनोज कुमार सिंह द्वारा ततपरता पूर्वक कार्यवाही करते हुए प्रारंभिक जांच में थाना खाराकुआ के अन्तर्गत जहरीली शराब की विक्रय एवं निर्माण की जानकारी नही होने पर थाना प्रभारी खाराकुआ निरीक्षक श्री एम.एल. मीना, बीट प्रभारी उपनिरीक्षक श्री निरजन शर्मा, बीट आरक्षक 408 शेख अनवर, एवं आरक्षक 1309 नवाज़ शरीफ को निलंबित कर जांच आदेशित की गई है।