दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली को हिंसक बनाने वाले 37 किसान नेताओं के खिलाफ 13 धाराओं में FIR दर्ज,योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत मुखिया में शामिल attacknews.in

नईदिल्ली 27 जनवरी । दिल्ली पुलिस ने FIR में जो धाराएं लगाई हैं उसमें आपराधिक षड्यंत्र, डकैती, डकैती के दौरान घातक हथियार का प्रयोग और हत्या का प्रयास जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।पुलिस ने कुल कुल 13 धाराएं लगाई हैं।

ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर पुलिस द्वारा दर्ज FIR में 37 किसान नेताओं के भी नाम हैं,धरने में शामिल लगभग सभी नेताओं के नाम इसमें  हैं।

समयपुरी बादली की एफआईआर नंबर 39 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर और स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव का नाम है।

जमुरी किसान सभा पंजाब के कुलवंत सिंह संधू, भारतीय किसान सभा डाकोड़ा के बूटा सिंह, कवंलप्रीत सिंह पन्नू, किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू, सुरजीत सिंह फूल, जोगिंदर सिंह हरमीत सिंह कादियान, बलवीर सिंह राजेवाल, सतनाम सिंह साहनी, डॉ दर्शन पाल, भोग सिंह मनसा, बलविंदर सिंह ओलक, सतनाम सिंह भेरु, बूटा सिंह शादीपुर, बलदेव सिंह सिरसा, जगबीर सिंह टाडा, मुकेश चंद्र, सुखपाल सिंह डाफर, हरपाल सांगा, कृपाल सिंह नाटूवाला, राकेश टिकैत, कविता, ऋषि पाल अंबावता, वीएम सिंह और प्रेम सिंह गहलोत का नाम शामिल है।

इन 37 किसान नेताओं पर FIR:

  1. डॉक्टर दर्शन पाल, बीकेयू क्रांतिकारी दर्शनपाल ग्रुप
  2. कुलवंत सिंह संधू, जम्हूरी किसान सभा पंजाब
  3. बूटा सिंह बुर्जगिल, भारतीय किसान सभा, धकोंडा
  4. निर्भय सिंह धुड़ीके, कीर्ति किसान यूनियन, धुड़ीके ग्रुप
  5. रुल्दू सिंह, पंजाब किसान यनियन, रुल्दू ग्रुप
  6. इंदरजीत सिंह, किसान संघर्ष कमेटी, कोट बुद्धा ग्रुप
  7. हरजिंदर सिंह टांडा, आजाद किसान संघर्ष कमेटी
  8. गुरबख्श सिंह, जय किसान आंदोलन
  9. सतनाम सिंह पन्नू, किसान मजदूर संघर्ष समिति, पिड्डी ग्रुप
  10. कंवलप्रीत सिंह पन्नू, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब
  11. जोगिंदर सिंह उग्राहा, भारतीय किसान यूनियन उग्राहां
  12. सुरजीत सिंह फूल, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी
  13. जगजीत सिंह डालेवाल, भारतीय किसान यूनियन, सिद्धूपुर
  14. हरमीत सिंह कड़ियां, बीकेयू, कड़ियां
  15. बलबीर सिंह राजेवाल, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल
  16. सतनाम सिंह साहनी, भारतीय किसान यूनियन, दोआबा
  17. बोघ सिंह मानसा, भारतीय किसान यूनियन मानसा
  18. बलविंदर सिंह औलख, माझा किसान कमेटी
  19. सतनाम सिंह बेहरू, इंडियन फार्मर एसोसिएशन
  20. बूटा सिंह शादीपुर, भारतीय किसान मंच
  21. बलदेव सिंह सिरसा, लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी
  22. जगबीर सिंह जाड़ा, दोआबा किसान समिति
  23. मुकेश चंद्रा, दोआबा किसान संघर्ष कमेटी
  24. सुखपाल सिंह डफ्फर, गन्ना संघर्ष कमेटी
  25. हरपाल सिंह सांघा, आजाद किसान कमेटी दोआब
  26. कृपाल सिंह नाथूवाला, किसान बचाओ मोर्चा
  27. हरिंदर सिंह लाखोवाल, भारतीय किसान यूनियन लाखोवाल
  28. प्रेम सिंह भंगू, कुलहिंद किसन फेडरेशन
  29. गुरनाम सिंह चडूनी, भारतीय किसान यूनियन चडूनी
  30. राकेश टिकैट, भारतीय किसान यूनियन
  31. कविता कुमगुटी, महिला किसान अधिकार मंच
  32. रिषिपाल अंबावाटा, भारतीय किसान यूनियन अंबावाटा
  33. वीएम सिंह, ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी
  34. मेधा पाटेकर, नर्मदा बचाओ
  35. योगेंद्र यादव, स्वराज इंडिया
  36. अवीक साहा, जन किसान आंदोलन, स्वराज इंडिया
  37. प्रेम सिंह गहलोत, ऑल इंडिया किसान सभा

पुलिस की एफआईआर में आपराधिक षड्यंत्र, डकैती, डकैती के दौरान घातक हथियार का प्रयोग और हत्या का प्रयास जैसी गंभीर धाराओं समेत कुल 13 धाराएं लगाई गई हैं।

इस किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान मंलगवार को हुई झड़प में दिल्ली पुलिस के 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए, एफआईआर में दावा किया गया कि इलाके में 600 ट्रैक्टरों के जरिए 10 हजार से ज्यादा किसानों के दाखिल होने के बाद कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और लोहे के 70 बैरिकेड को तोड़ दिया गया।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने तिलक ब्रिज से लुटियन दिल्ली में दाखिल होने का प्रयास किया जबकि इंद्रप्रस्थ इस्टेट थाना क्षेत्र में ट्रैक्टर परेड आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गयी थी।

FIR के अनुसार किसानों ने बैरिकेड तोड़ डाले और आईटीओ में ट्रैक्टरों से डीटीसी की बसों को टक्कर मारी और पुलिसकर्मी को कुचलने का प्रयास किया।

किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान उत्पात मचाने वाले 100 से अधिक गिरफ्तार, 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया:

इस घटना को लेकर अब तक कुल 22 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें किसान नेताओं का नाम भी शामिल हैं ।

दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले सहित अलग-अलग जगहों पर मचाये गए उत्पात के बाद बुधवार को 93 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि, 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। उक्त मामले में उन किसान नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई , जिन्होंने इस ट्रैक्टर रैली के लिए अनुमति मांगी थी। फिलहाल पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी जा रही है।

दिल्ली पुलिस ने 37 शर्तों के साथ किसान नेताओं को ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन मंगलवार को निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान सभी तय शर्तों की धज्जियां उड़ा दी गईं।

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को चोटें पहुंचाईं। बैरिकेड्स, गाड़ियों और बसों में जमकर तोड़फोड़ भी की। इसके साथ ही लाल किले में घुसकर भी तोड़फोड़ की गई। इसके अलावा काफी सामान भी यहां से लूटा गया है। इस प्रदर्शन के दौरान 200 से ज्यादा लोगों को उत्पात मचाते समय पकड़ा गया । सत्यापन के बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है।

दिल्ली पुलिस की तरफ से मंगलवार को हुई इस घटना को लेकर अब तक कुल 22 एफआईआर दर्ज की गई । इनमें किसान नेताओं का नाम भी शामिल है, क्योंकि उन्होंने पुलिस के तय किए गए नियमों का पालन करने का आश्वासन दिया था, लेकिन ट्रैक्टर रैली के दौरान इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। इसे लेकर उत्तरी रेंज पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उनमें किसान नेताओं के नाम भी शामिल किए गये । फिलहाल पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि किन किसान नेताओं को आरोपित बनाया गया है।

वहीं सूत्रों की मानें तो ट्रैक्टर रैली के लिए अनुमति मांगने वाले अधिकांश नेताओं के नाम उक्त एफआईआर में आरोपित के तौर पर रखे गए हैं।

क्राइम ब्रांच करेगी मामले की जांच

पुलिस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के अलग-अलग थानों में दर्ज की गई 22 एफआईआर की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर यह मामला जल्द ही क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। दिल्ली पुलिस द्वारा आईपी स्टेट, बाबा हरिदास नगर, नजफगढ़, उत्तम नगर, गाजीपुर, पांडव नगर, बुराड़ी, कोतवाली, ज्योति नगर, आदर्श नगर, मॉडल टाउन, अलीपुर, भलस्वा डेरी, समय पुर बादली, स्वरूप नगर, सीमापुरी, कीर्ति नगर और पंजाबी बाग में एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें अभी तक 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारी हिरासत में लिये जा चुके हैं। वहीं अन्य आरोपितों की पहचान के लिए जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।

दिल्ली की ट्रैक्टर रैली में किसानों की हिंसा पर पुलिस ने दर्ज की 22 FIR, CCTV फुटेज से खंगाले जा रहे हैं आरोपी,100 से अधिक गिरफ्तार,300 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल,अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 जनवरी । दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में विभिन्न थानों में 22 प्राथमिकी दर्ज कर एक सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।

पुलिस ने दंगा फैलाने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने, सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि गणतंत्र दिवस वाले दिन दिल्ली के विभिन्न इलाकों में आंदोलनकारी किसानों द्वारा किये गये हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद कल एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और राजधानी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया था। बैठक में राजधानी में अर्द्धसैनिक सैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती का निर्णय लिया गया था।

सीसीटीवी फुटेज से हो रही है आरोपियों की पहचान:

दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।

अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, खासकर लाल किले और किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।

कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।

अतिरिक्त पीआरओ (दिल्ली पुलिस) अनिल मित्तल ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।

उन्होंने बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के एकीकृत संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा के लिए बुधवार को एक बैठक भी बुलाई । इससे पहले सिंघू बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संगठनों ने भी एक बैठक की।

एसकेएम की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली का प्रस्ताव पेश किया गया था। ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठक हुयी थी।

पुलिस ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार मार्गों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघू बॉर्डर पर एकत्र हो गए और तय मार्गों के बजाय मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे।

उन्होंने बताया कि बार-बार समझाने के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया। गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर से भी इसी तरह की घटना की खबरें आईं। इसके बाद गाजीपुर एवं सिंघू बॉर्डर से आये किसानों की एक बड़ा समूह आईटीओ पहुंच गया और उसने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया।

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया, उन्होंने अवरोधक तोड़ दिये तथा वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज करके हिंसक भीड़ को नियंत्रित किया। लेकिन यहां से वे लाल किले की ओर बढ़ गए।

बयान के अनुसार, मंगलवार को लगभग 90 मिनट तक अफरा-तफरी मची रही, किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे। वहां वे उस ध्वज-स्तंभ पर भी अपना झंडा लगाते दिखे, जिसपर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया था।

शाह ने उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की

गृह मंत्रालय आंदोलनकारी किसानों के गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी में उत्पात को गंभीरता से ले रहा है और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार दूसरे दिन उच्च स्तरीय बैठक में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की।

केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव , गुप्तचर ब्यूरो और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।

सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने गृह मंत्री को पूरे घटनाक्रम तथा इससे उत्पन्न स्थिति और राजधानी में शांति बनाये रखने के लिए किये जा रहे उपायों की जानकारी विस्तार से दी। बैठक में इस समूचे घटनाक्रम के संबंध में आगे की रणनीति और इस बारे में उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा की गयी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने इस सारे घटनाक्रम के बारे में अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है जिसके आधार पर आगे कदम उठाये जा रहे हैं।

श्री शाह ने मंगलवार शाम को भी एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की थी। इस बैठक में राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में पांच हजार अतिरिक्त अर्र्द्धसैनिक बल तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया था। इन बलों की तुरंत तैनाती भी कर दी गयी है।

बिहार में कर दी कृषि अधिकारी की हत्या: खाद और बीज कारोबारी ने बिलों के निपटारे से जुड़े विवाद के कारण कर लिया था अपहरण attacknews.in

पटना, 25 जनवरी । पटना जिला के मसौढी में पदस्थापित में कृषि अधिकारी अजय कुमार (55) का क्षत-विक्षत शव पुलिस ने गौरीचक थाना क्षेत्र में पुनपुन नदी के पास खोदे गए एक गड्ढे से बरामद किया है। वह पिछले बुधवार से लापता थे।

पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) ने सोमवार को बताया कि उक्त मामले में आरोपी अभिनव उर्फ गोलू को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, उसकी निशानदेही पर कुमार का शव रविवार को बरामद किया गया।

पटना शहर के कंकड़बाग मुहल्ला निवासी कुमार के 18 जनवरी को लापता होने पर उनके परिवार वालों ने संबंधित थाना में शिकायत दर्ज कराई थी।

खाद और बीज का कारोबारी गोलू (21) अक्सर अजय कुमार के घर आया-जाया करता था। पूछताछ के दौरान गोलू ने कथित तौर पर बिलों के निपटारे से जुड़े विवाद के कारण कृषि अधिकारी की हत्या करने की बात कबूली है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कुमार के मोबाइल फोन रिकॉर्ड के अनुसार आखिरी बार उनकी गोलू से बातचीत हुई थी। आरोपी ने कृषि अधिकारी को बेहतर जमीन के सौदे का लालच देकर उन्हे एकांत स्थान पर बुलाया।

उन्होंने कहा कि गोलू को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है और इस वारदात में शामिल अन्य लोगों के बारे पता लगाया जा रहा है।

पिछले हफ्ते राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने वाले राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने ट्वीट कर कटाक्ष किया, ‘‘बिहार सरकार के कृषि अधिकारी अजय कुमार का अपहरण हुआ। हफ़्ते तक पुलिस सोती रही। अब उनका शव बरामद हुआ है। सत्ता संरक्षित अपराधियों ने तांडव मचा रखा है और सरकार के मुखिया दो-दो उपमुख्यमंत्री के साथ हाथ पर हाथ धरे बैठे है। क्यों, क्या मजबूरी है।’’

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ डिस्पेंसर द्वारा संरक्षणित अपराधी अमोघ चल रहे हैं और मुख्यमंत्री और उनके दो जवान असहाय दिख रहे हैं।

भाजपा सांसद राम कृपाल यादव, जिनकी पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार में प्रमुख सहयोगी है, ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि रूपेश कुमार सिंह (एक निजी एयरलाइंस के प्रबंधक जिनकी पटना शहर के पुनाईचक मुहल्ला में हाल में ही गोली मारकर हत्या की गई थी) के बाद एक पखवाड़े के भीतर यह ताजा घटना हुई है। अपराध पर नियंत्रण पाया जाना चाहिए ताकि लोगों का सरकार पर भरोसा न टूटे।

पीलीभीत में नागा साधु की पीट-पीट कर हत्या,गांव में नहर के किनारे बने मंदिर परिसर में झोपड़ी डालकर रहते थे attacknews.in

पीलीभीत (उप्र) 23 जनवरी । पीलीभीत जिले के दियोरिया कला थाना क्षेत्र के सिंधौरा गांव में शनिवार को एक नागा साधु की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्‍या करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस के अनुसार सिंधौरा गांव में नहर के किनारे बने मंदिर परिसर में नागा साधु झोपड़ी डालकर रहते थे, शनिवार सुबह साधु की भांजी खेत देखने गई तो साधु को मृत अवस्‍था में पाया।

उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और विधिक प्रक्रिया पूरी कर शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया।

पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश ने पत्रकारों को बताया कि दियोरिया पुलिस ने परिजनों से मिली तहरीर के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच प्रारम्भ कर दी।

उन्‍होंने दावा किया कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

दियोरिया कोतवाली पुलिस के अनुसार बंडा थाना क्षेत्र के ताजपुर गांव निवासी सोमपाल (60) अविवाहित थे और वह लगभग 25 वर्ष पहले नागा साधु बन गये, उन्‍होंने निगोही शाखा नहर की पटरी पर छोटा सा मंदिर बनाया और वहीं झोपड़ी डालकर रहने लगे।

पुलिस के मौके पर मौजूद लोगों के हवाले से बताया कि साधु काली माता के पुजारी थे और अपनी सुरक्षा के लिए दो कुत्ते भी पाल रखे थे जो हमेशा साधु के पास रहते थे और अपरिचित लोगों को कुटिया के समीप नहीं जाने देते थे।

मौके पर मौजूद लोगों के हवाले से पुलिस ने बताया कि साधु का किसी से कोई विवाद नहीं था।

आरोप है कि शुक्रवार रात कुछ अज्ञात बदमाशों ने कुटिया पर हमला बोल दिया और साधु की जमकर पिटाई की। पिटाई के दौरान सिर में लगी चोट से साधु ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

सुबह परिजनों को पता चला तो मौके पर भीड़ जमा हो गयी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया तथा शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला मुख्यालय भेज दिया।

दिल्ली की महिला सिपाही दो लाख रुपये की रिश्वत के साथ मांग रही थी और एक लेटेस्ट मोबाइल फोन,CBI ने रिश्वत लेते हुए चार सरकारी कर्मचारियों को किया रंगे हाथ गिरफ्तार attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 जनवरी । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के तीन अलग-अलग मामलों में चार सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है जिनमें दिल्ली पुलिस के एक सिपाही, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के दो कर्मचारी और सैन्य इंजीनियरिंग सेवा का एक जूनियर इंजीनियर शामिल है।

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत मिली थी कि दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिले के सरिता विहार थाने में तैनात एक सिपाही सुमन शिकायतकर्ता से दो लाख रुपये और मोबाइल फोन की रिश्वत मांग रहा है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI) ने भ्रष्टाचार के तीन अलग-अलग मामलों में चार सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है।इनमें दिल्ली पुलिस की महिला सिपाही, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के दो कर्मचारी और सेना की इंजीनियरिंग कोर का एक जूनियर इंजीनियर शामिल है।

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत मिली थी कि दिल्ली के सरिता विहार थाने में तैनात एक महिला सिपाही शिकायतकर्ता से दो लाख रुपये की रिश्वत मांग रही है और इस रिश्वत के साथ उसे एक लेटेस्ट मोबाइल फोन भी चाहिए।शिकायतकर्ता के मुताबिक उसके खिलाफ कोई जांच सरिता विहार पुलिस थाने में चल रही थी और महिला सिपाही उसे यह कहकर रिश्वत मांग रही थी कि अगर उसे दो लाख नहीं दिए तो वह उसे इस केस में फंसा देगी।

रिश्वत की रकम को लेकर महिला सिपाही और शिकायतकर्ता के बीच में डील हुई और आखिरकार महिला सिपाही सुमन एक लाख रुपये और एक मोबाइल फोन पर मान गई।सूचना के आधार पर सीबीआई ने जाल बिछाया और महिला सिपाही को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।उसे सीबीआई के विशेष मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

रंगे हाथों गिरफ्तार:

सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक दूसरा मामला पूर्वी दिल्ली नगर निगम से जुड़ा हुआ है. जहां सीबीआई ने शिकायतकर्ता की सूचना के आधार पर रिश्वत ले रहे एक लाइसेंस इंस्पेक्टर कम लोअर डिवीजन क्लर्क और निगम के प्रशासनिक अधिकारी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई के मुताबिक शिकायतकर्ता ने सीबीआई को सूचना दी थी कि उसने घरेलू उद्योग के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम में प्रार्थना पत्र दिया था और इसके बदले उससे 40 हजार रुपये की रकम मांगी जा रही थी. सूचना के आधार पर सीबीआई ने लाइसेंस इंस्पेक्टर एके राय और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारी राकेश रावत को रिश्वत की रकम लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक तीसरा मामला सेना की इंजीनियरिंग कोर से जुड़ा हुआ है. शिकायतकर्ता ने सीबीआई को सूचना दी थी कि उसने सेना की मिलिट्री इंजीनियरिंग कोर के लिए कुछ काम किए थे, जिनके बदले उसका 13 लाख रुपये से ज्यादा का बिल था. इस बिल को पास करने के बदले सेना की इंजीनियरिंग शाखा में तैनात जूनियर इंजीनियर अरुण कुमार मिश्रा उससे रिश्वत की मांग कर रहा था. दोनों के बीच 18 हजार रुपये पर मामला तय हुआ. सूचना के आधार पर सीबीआई ने जाल बिछाकर जूनियर इंजीनियर अरुण कुमार मिश्रा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई के मुताबिक सभी मामलों में आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

न्यूज़ पेपर एजेंट चिटफंड के करोड़ों रूपये इकठ्ठा करके हो गया फरार,कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में पडऩे वाले व्यक्तियों मेंअखबार का पूरा स्टाफ, लखपतियों के अलावा फुटकर व्यापारी , रोज कमाने खाने वाले लोग शामिल है attacknews.in

भिलाई 20 जनवरी।छत्तीसगढ़ की इस्पता नगरी भिलाई का एक न्यूज पेपर एजेंट चिटफंड (बीसी) का करोड़ों रुपए लेकर एक माह से कथित रूप से फरार हो गया है।

कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में पडऩे वाले व्यक्तियों में लखपतियों के अलावा मार्केट के फुटकर व्यापारी और रोज कमाने खाने वाले (सब्जी, चाय, पान ठेले, झिल्ली बीनने वाले) लोग शामिल हैं।

इनमें बड़े अखबार के एजेंट के अलावा प्रसार विभाग के कर्मचारी भी हैं जिनका लाखों रुपए बीसी में लगा हुआ है।

सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और फुटकर व्यापारी को हैं जिन्होंने कोरोना महामारी में भी एक-एक पैसे बचत कर दोगुनी रकम के लालच में पैसे जमा किये।

भिलाई में ही अभी कुछ दिनों पहले ही बिहार की एक चिटफंड कंपनी रियल इंडिया एग्रो प्रोडयूसर लिमिटेड ने भी लोगों को जमा रकम पर ज्यादा ब्याज का लालच दिखाकर 1 करोड़ 80 हजार रुपए लेकर चंपत हो गई ।. कंपनी के एजेंट समेत १६ निवेशकों ने सुपेला थाना में शिकायत दर्ज कराई । पुलिस कंपनी के सीएमडी प्रदीप गुप्ता, मुज्जफ्फर इमाम और अन्य डायरेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज जांच कर रही है।

सुपेला टीआई भावेश साव ने बताया था कि चौहान स्टेट प्रथम तल शॉप-276, 277 पर कपंनी का दफ्तर संचालित था। इसका मुख्य ब्रांच पटना और कंट्रोलिंग ऑफिस बनारस उत्तर प्रदेश बताया गया है।

शिकायतकर्ता एजेंट मोहम्मद शुकरूल्लाह समेत 16 लोगों ने कंपनी की दैनिक, मासिक और सावधी जमा योजना में पैसे निवेश किए थे। लोगों की जमा रकम लौटाने की पारी आई तो कंपनी के कर्ताधर्ता ऑफिस बंदकर फरार हो गए।

1५ निवेशकों ने जब एजेंट मोहम्मद शुकरूल्लाह पर दबाव बनाया तो वह लखनऊ हेड ऑफिस गया। वहांं कंपनी के डायरेक्टर व सीएमडी प्रदीप गुप्ता और औरंगाबाद कंपनी के जोनल मैनेजर संजय कुमार सिंह से मुलाकात की। गुप्ता और सिंह रकम लौटाने का आश्वासन देता रहा। यह भी बताया कि रियल इंडिया एग्रो की तरह चार कंपनी और है। उसमें से पैसे लौटाने का इंतजाम हो जाएगा। लेकिन वर्ष 2009 से अब तक रकम नहीं लौटाई।

मध्यप्रदेश में भी “तांडव” के खिलाफ शुरू हुआ पुलिस अभियान: वेब सीरीज तांडव के निर्माताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज attacknews.in

भोपाल/ जबलपुर, 20 जनवरी ।समाज के विभिन्न वर्गों के बीच कथित रूप से आपसी वैमनस्य को बढ़ावा देने और लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में मध्यप्रदेश पुलिस ने अमेजन प्राइम वेब सीरीज ‘‘तांडव’’ के निर्माताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी ।

जबलपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अमित कुमार ने बुधवार को बताया कि वेब सीरीज ‘‘तांडव’’ के निर्देशक और अन्य के खिलाफ समाज के विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को नाराज़ करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी। प्राथमिकी में दर्ज शिकायत की पुलिस जांच कर रही है।’’ इस बीच, मध्यप्रदेश विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मुंबई में भाजपा के विधायक राम कदम की शिकायत पर तांडव के निर्माताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है।

एएसपी ने कहा कि मंगलवार रात को जबलपुर के ओमती पुलिस स्टेशन में धीरज ज्ञानचंदानी ने ‘ तांडव ‘ के निर्देशक अली अब्बास, लेखक गौरव सोलंकी और अन्य कलाकारों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है ।’’ उन्होंने बताया कि वेब सीरीज के निदेशकों और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धार्मिक भावनाओं को नाराज करने के उद्देश्य से) और 505 (2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है ।

उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता से इस बारे में तथ्य प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था कि कैसे किसी समाज की धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर वेब श्रृंखला “तांडव” के माध्यम से चोट पहुँचाई गई।

दूसरी ओर रामेश्वर शर्मा ने भोपाल में बुधवार को कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर तांडव के निर्माताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है।

शर्मा ने कहा , ‘‘ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे की विरासत को आगे ले जाना चाहिए, चाहे उन्होंने किस भी तरह से वहां सरकार बनाई हो। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है महाराष्ट्र सरकार को भी भाजपा विधायक राम कदम की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए।’’ इससे पहले, सोमवार को मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग और राज्य विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से हिंदू देवी-देवताओं का कथित तौर पर उपहास उड़ाने के आरोप में अमेजन प्राइम वीडियो की सीरीज ‘ तांडव ‘ पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी ।

इससे पहले, भाजपा सांसद मनोज कोटक और मुंबई में पार्टी के विधायक राम कदम भी इस वेब सीरीज को लेकर आपत्ति जता चुके हैं।

अभिनेता सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, सुनील ग्रोवर, तिग्मांशु धूलिया, डिनो मोरिया, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद जीशान अयूब, गौहर खान और कृतिका कामरा अभिनीत ‘तांडव’ का शुक्रवार को अमेजन प्राइम ओटीटी पर प्रीमियर हुआ।

फिल्मकार अली अब्बास जफर ने हिमांशु किशन मेहरा के साथ इस राजनीतिक नाटक का निर्माण, व निर्देशन किया है। इसे गौरव सोलंकी ने लिखा है, जो फिल्म ‘‘आर्टिकल 15’’ के लेखन के लिये जाने जाते हैं।

पन्ना जिले के अजयगढ़ में एक लाख की रिश्वत लेते तहसीलदार गिरफ्तार,भूखंड पर भवन बनाने की स्वीकृति देने के लिए मांगी थी धनराशि attacknews.in

पन्ना, 20 जनवरी । मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में लोकायुक्त पुलिस ने आज अजयगढ़ तहसीलदार उमेश तिवारी को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

सागर लोकायुक्त पुलिस के अनुसार फरियादी अंकित मिश्रा से उसके चाचा के प्लाट में भवन बनाने की स्वीकृति के एवज में तहसीलदार द्वारा एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। इस आशय की शिकायत फरियादी द्वारा लोकायुक्त पुलिस में की गई। फलस्वरुप आज रेस्ट हाउस में तहसीलदार उमेश तिवारी जब रिश्वत की राशि ले रहे थे, उसी समय उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया गया।

“तांडव” मचने के बाद हुए “तांडव” को लेकर “तांडव” वेब सीरीज़ में बदलाव करेंगे “तांडव” के कर्ता धर्ता,जगह जगह “तांडव “की पुलिस थाने हुई FIR, “तांडव” के निर्माता, कलाकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज attacknews.in

ग्रेटर नोएडा 19 जनवरी । वेब सीरीज तांडव पर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है मंगलवार को यहां गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा स्थित थाना रबूपुरा में फिल्म निर्माताओं और कलाकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वेब सीरीज में सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि को कथित तौर पर खराब दिखाने का आरोप लगाया गया है।

ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने मुताबिक थाना रबूपुरा के गांव रौनिजा में रहने वाले बहुजन समाज पार्टी के पूर्व जिला प्रभारी बलबीर सिंह आजाद ने वेब सीरीज तांडव में दिखाए गए दलित अपमान, जातिगत विद्वेष की भावना, धार्मिक भावना भड़काने और उच्च संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों द्वारा गलत वार्तालाप करना दिखाए जाने को लेकर मामला दर्ज कराया है।

पुलिस ने शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दज्र कर लिया है।

डीएसपी ने कहा कि इस संबंध में तांडव वेब सीरीज के निर्देशक, अमेजन प्राइम वीडियो के इंडिया हेड, अभिनेता, अभिनेत्री और लेखकों के खिलाफ मामला दर्ज़ किया गया है। मामले में अनुसूचित जाति/जनजाति एक्ट लगा कर इसकी किसी राजपत्रित अधिकारी से जांच कराई जाएगी।

लखनऊ में वेब सीरीज तांडव के निर्माता निर्देशक समेत पांच पर मुकदमा

कल ही लखनऊ में वेब सीरीज तांडव में हिन्दू देवी देवताओं पर अशोभनीय टिप्पणी करने तथा प्रधानमंत्री के गरिमामय पद को ग्रहण करने वाले व्यक्ति का चरित्र चित्रण गलत तरीके से पेश् करने के मामले में निर्देशक अली अब्बास जफर ,निर्माता हिमांशु कृष्णा तथा अमेजन प्राइम के कंटेट इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है ।

प्राथमिकी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में रविवार की देर रात दर्ज कराई गई । दरोगा अमरनाथ ने अपनी तहरीर में कहा है कि इस वेब सीरीज के कई अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं ।

अधिकारियों ने वेब सीरीज देखने के बाद पाया कि पहले एपीसोड के 17वें मिनट में देवी देवताओं को बोलते दिखाया गया जिसमें निम्न स्तरीय भाषा का इस्तेमाल किया गया है ।

जबलपुर में तांडव वेब सीरीज के डायरेक्टर और लेखक के खिलाफ प्रकरण दर्ज

मध्यप्रदेश के जबलपुर के ओमती थाने में आज तांडव वेब सीरीज के डायरेक्टर तथा लेखक सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार धीरज ज्ञानचंदानी ने गत दिवस लिखित शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया था कि तांडव वेब सीरीज में दिखाए गए दृश्य तथा उपयोग की गई भाषा धार्मिक भावना को आघात करने वाली है। शिकायत पर कार्रवाई के लिए लोक अभियोजक अधिकारी से अभिमत माना गया था।

लोक अभियोजक अधिकारी के अनुमति के बाद पुलिस ने शिकायत पर तांडव वेब सीरीज के डायरेक्टर अली अब्बास तथा लेखक गौरव सोलंकी सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।

तांडव’ के निर्माताओं ने माफी मांगी, कहा भावनाएं आहत करने का कोई इरादा नहीं

उधर कल मुंबई, से खबर है कि, अमेजन प्राइम वीडियो पर प्रसारित ‘तांडव’ वेब सीरीज के एक दृश्य को लेकर शुरू हुए विवाद के मामले में इसके निर्माताओं ने सोमवार को बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि उनका किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।

वेब सीरीज के एक एपिसोड में कथित तौर पर ‘‘धार्मिक भावनाएं’’ आहत होने की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई गई थी।

‘तांडव’ के कास्ट एवं क्रू की ओर से जारी आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया, ‘‘वेब सीरीज तांडव पर दर्शकों की प्रतिक्रिया पर हम करीब से नजर रख रहे हैं और आज एक चर्चा के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हमें बताया कि उन्हें वेब सीरीज के विभिन्न पहलुओं को लेकर बड़ी संख्या में शिकायतें और अर्जियां मिली हैं जो इसकी सामग्री द्वारा लोगों की भावनाओं को आहत करने संबंधी गंभीर चिंताओं और आशंकाओं के बारे में हैं।’’

वक्तव्य में कहा गया, ‘‘तांडव काल्पनिक कहानी पर आधारित है और किसी भी गतिविधि, व्यक्ति या घटना से इसकी समानता होना विशुद्ध संयोग है। इसके निर्माताओं और कलाकारों का किसी व्यक्ति, जाति, समुदाय, धर्म की भावनाओं या धार्मिक आस्थाओं को आहत करने या किसी संस्था, राजनीतिक दल अथवा व्यक्ति (जीवित या मृत) का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था।’’

इसमें कहा गया, ‘‘तांडव की पूरी यूनिट लोगों द्वारा जताई गयी चिंताओं पर संज्ञान लेती है और यदि इससे गैर-इरादतन तरीके से किसी व्यक्ति की भावनाओं को चोट पहुंची है तो हम बिना शर्त माफी मांगते हैं।’’

वेब सीरीज में बदलाव करेंगे : तांडव निर्माता

इधर मंगलवार को मुंबई में अमेजन प्राइम वीडियो पर प्रसारित वेब सीरीज ‘तांडव’ के निर्माताओं ने कहा कि उन्होंने इस पर उठे विवाद के बाद लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए बदलाव करने का फैसला किया है।

सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया और मोहम्मद जीशान अय्यूब अभिनीत ‘तांडव’ का प्रसारण पिछले सप्ताह शुरू हुआ लेकिन इसमें हिंदू देवी देवताओं के चित्रण को लेकर विवाद शुरू हो गया।

इसमें विवाद के केंद्र में एक दृश्य है जिसमें कॉलेज छात्र शिवा का किरदार अदा कर रहे अय्यूब को एक मंच पर भगवान महादेव का चित्रण करते हुए दिखाया गया है।

इस शो की टीम ने एक आधिकारिक वक्तव्य में दोहराया कि उनका किसी की भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था।

बयान में कहा गया, ‘‘हम देशवासियों की भावनाओं का बहुत सम्मान करते हैं। हमारी किसी व्यक्ति, जाति, समुदाय की धार्मिक भावनाओं या धार्मिक आस्थाओं को आहत करने या किसी संस्था, राजनीतिक दल या व्यक्ति (जीवित अथवा मृत) को अपमानित करने का कोई इरादा नहीं था।’’

बयान के अनुसार, ‘‘तांडव की पूरी यूनिट ने वेब सीरीज को लेकर जताई गयी चिंताओं पर ध्यान देने के लिए इसमें बदलाव करने का फैसला किया है।’’

शो की टीम ने इस मामले में मार्गदर्शन और समर्थन के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय का आभार जताया।

बयान में कहा गया, ‘‘अगर सीरीज से किसी व्यक्ति की भावनाएं गैर-इरादतन आहत हुई हैं तो हम एक बार फिर माफी मांगते हैं।’’

राजस्थान की खुली जेल में दो सिख कैदियों के बीच खूनी संघर्ष में कृपाण से गौरा सिंह ने कर दी नत्था सिंह की हत्या और हो गया जेल से फरार attacknews.in

श्रीगंगानगर, 19 जनवरी । राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में घमूडवाली थाना क्षेत्र में खुली जेल में कैदियों में हुए झगड़े में एक कैदी की हत्या कर देने का मामला सामने आया हैं।

पुलिस के अनुसार क्षेत्र के नरसिंहपुरा में गौशाला में स्थापित इस खुली जेल में सोमवार देर रात कैदी नत्था सिंह और गौरा सिंह उर्फ अमनदीप सिंह अलाव जलाकर ताप रहे थे कि दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इसमें गौरा सिंह ने अपनी कटार से नत्था सिंह पर वार कर दिया जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो गया। घायल कैदी को श्रीगंगानगर के जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया जहां कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया।

जिले के घमुड़वाली थाना इलाके के नरसिंहपुरा खुला बंदी शिविर में सोमवार देर रात दो कैदियों में खूनी संघर्ष हो गया।हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी कैदी मौके से फरार हो गया।पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है. हत्या के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है।

जानकारी के अनुसार दो कैदियों के किसी बात को लेकर आपस में विवाद हो गया था।उसके बाद देखते ही देखते विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया।दोनों तरफ के विवाद में एक कैदी गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे देर रात इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

कैदियों ने कृपाण से एक दूसरे पर वार कर दिए

श्रीगंगानगर केन्द्रीय कारागृह के अधीक्षक मोईद्दीन पठान ने बताया कि नरसिंहपुरा खुली जेल में दो कैदियों के बीच देर रात विवाद हो गया था।विवाद के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।बाद में दोनों में आपस में मारपीट हो गयी।इसमें एक कैदी चोटिल हो गया।इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।दोनों ही बंदी सिख समुदाय के हैं।इसके कारण उनके पास मौजूद कृपाण से उन्होंने एक दूसरे पर वार कर दिए।इसमें कैदी नत्था सिंह की मौत हो गई।कैदी नत्था सिंह सूरतगढ़ का रहने वाला था।वारदात को अंजाम देने के वाला बंदी गौरा सिंह खुली जेल से फरार हो गया है.आरोपी कैदी की तलाश जारी।

पुलिस हत्या कर फरार हुए कैदी तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। मृतक कैदी के परिजन आ गए . घमुड़वाली थाना पुलिस नत्था सिंह के शव का पोस्टमार्टम करवाया। मामले की जांच की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि जिले में पहले जेलों में भी कैदियों की भिड़ंत होने की घटनाएं हो चुकी हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर पोस्ट करने वाले मध्यप्रदेश के आरोपी समीर की जमानत खारिज attacknews.in

इंदौर, 19 जनवरी । मध्यप्रदेश में उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले को आपत्तिजनक मानते हुए आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।

अभियोजन के अनुसार अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने धार जिले की सरदारपुर तहसील के राजोद पुलिस थाने में समीर के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कराया था। उसके खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने पर सूचना प्रोद्याैगिकी अधिनियम और धार्मिक भावनाओं को आहत करने पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं सहित अन्य धाराओं में आरोप दर्ज किये गए हैं।

दिसंबर 2020 से जेल में न्यायिक अभिरक्षा में रह रहे समीर की नियमित जमानत के आवेदन सत्र न्यायालय से खारिज होने के बाद उसने उच्च न्यायालय में अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानती आवेदन दाखिल किया था, जिसे न्यायालय के न्यायाधीश रोहित आर्य ने कल खारिज कर दिया हैं।

पंचायत चुनाव में वोट देने से मना करने पर दोस्त ने बेटों के साथ दोस्त और उसकी पत्नी को चाकुओं से लहू-लुहान किया,महिला की मौत attacknews.in

सोनीपत, 17 जनवरी । हरियाणा में सोनीपत के गांव माहरा में पंचायत चुनाव को लेकर एक ग्रामीण ने अपने दो बेटों के साथ मिलकर अपने दोस्त और उसकी पत्नी पर चाकुओं से हमला कर दिया जिसमें दोस्त की पत्नी की मौत हो गई, जबकि दोस्त पीजीआई, रोहतक में उपचाराधीन है।

गांव माहरा निवासी रामनारायण ने मोहाना थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपने गांव में ही अड्डे पर टैंट हाउस और परचून की दुकान चलाते हैं। उसकी गांव के ही सतबीर से अच्छी दोस्ती थी। वह अकसर उसके पास दुकान में आकर बैठता था।

रामनारायण ने बताया कि जब वह दुकान पर बैठे तो सतबीर ने दबाव बनाया कि भविष्य में आने वाले सरपंच पद के चुनाव में वह उसके कहने के अनुसार ही वोट डालेगा। जिस पर रामनाराण ने उसे मना कर दिया था। उसके मना करने पर दोनों में बहस हो गई थी। इसी को लेकर बीती रात को सतबीर अपने बेटे संजय और विजय के साथ हाथों में चाकू लेकर उनके घर आया था। उस समय रामनारायण, उसकी पत्नी रोशनी (45), उसका बेटा मंजीत और पुत्रवधू सविता तथा छोटी पुत्रवधू सोनिया भी घर पर थी। इसी बीच सतबीर तथा उसके बेटे संजय और विजय ने उनके साथ मारपीट की और चाकू से रामनारायण के कंधे और उसकी पत्नी रोशनी के पेट के पास हमला कर उन्हें घायल कर दिया। बाद में वह फरार हो गए।

जहरीली शराब के सेवन से 24 ग्रामीणों की मौत के बाद सुर्खियों में आया मुरैना के छेरा गांव में अवैध शराब निर्माण के साथ जुआ अड्डा भी होता था संचालित attacknews.in

मुरैना, 16 जनवरी । मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में कथित रूप से जहरीली शराब के सेवन से 24 ग्रामीणों की मौत के बाद सुर्खियों में आया ग्राम छेरा में अवैध शराब के निर्माण के साथ-साथ यहां अन्तर्राज्जीय स्तर का जुआ का अड्डा भी संचालित होता था।

सूत्रों के अनुसार इस गांव में बकायदा अलग-अलग टेंट लगाकर जुआ के अड्डों का संचालन भी किया जाता था। जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद कुछ चुनिंदा पत्रकारों का एक दल जब गांव में जायजा लेने पहुंचा तो, ग्रामीणों ने इसका खुलासा किया। ग्रामीणों ने बताया कि यहां अवैध शराब बनाने की भट्टियां और जुआ के अड्डो का संचालन एक लंबे समय से चल रहा था, लेकिन ग्रामीणों की शिकायतों के बाद भी पुलिस और आबकारी विभाग ने इस पर अंकुश लगाने के लिये कोई कार्यवाई नहीं की इसी का परिणाम है कि छेरा गांव की निर्मित कथित जहरीली शराब के सेवन से 24 लोगों की मौत हो गई।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रभावित परिवारों से मुलाक़ात की

राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुरैना जिले में कथित रूप से जहरीली शराब के सेवन से हुई पच्चीस लोगों की मौत के बाद आज ग्राम छेरा ,पहावली और मानपुर में मृतकों के परिवारों से मुलाक़ात की।

श्री सिंधिया ने प्रभावित परिजनों को ढाढस बंधाया और उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। सिंधिया ने अपनी ओर से प्रत्येक मृतक के परिवार को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा भी की। श्री सिंधिया ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो कितना भी बड़ा या किसी पार्टी का क्यों न हो। उन्होंने कहा कि अपराधी की कोई जाति या पार्टी नहीं होती है।

इंदौर की वेयर हाउसिंग कंपनी JRG ग्रुप और रियल स्टेट कारोबारी पर आयकर विभाग की छापामारी में अबतक 200 करोड़ रुपये की अघोषित आय सामने आई attacknews.in

इंदौर, 16 जनवरी ।मध्यप्रदेश के इंदौर के ‘रियल स्टेट कारोबारी समूह’ पर पड़े आयकर छापों में 180 से 200 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय सामने आ चुकी है।

आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया एक समूह के एक दर्जन से ज्यादा ठिकानों से मिले दस्तावेजों और डेटा को खंगाला जा रहा हैं। बीते चार दिनों से जारी कार्रवाई में अब तक 180 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय सामने आ चुकी हैं। कर अपवंचन की राशि गणना जारी हैं।

प्रारम्भिक जांच में वित्तीय लेनदेन के संबंध मिली जानकारी के बाद तीन सौ से ज्यादा लोगों के संदिग्ध वित्तीय व्यवहार को चिन्हित किया गया है। आयकर विभाग इन लोगों से भी पूछताछ की तैयारी कर रहा हैं।

छापे के दौरान अघोषित आय के रूप में सामने आए कालेधन को बेनामी कंपनियां बनाकर सफेदधन में तब्दील किये जाने की जानकारी भी सामने आई हैं। इसी के मद्देनजर आयकर विभाग अब अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों से भी डेटा साझा करने के संकेत दे रहा हैं। फिलहाल जांच का काम जारी है।

वेयर हाउसिंग कंपनी JRG ग्रुप पर आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग इंदौर की कार्रवाई शुक्रवार शाम खत्म हुई. शहर में व दिल्ली में हुए छापे में शुक्रवार को 13 करोड़ का और अघोषित लेन-देन सामने आया. इस तरह कुल आंकड़ा 182 करोड़ पर पहुंच गया. वहीं विभाग को 15 से अधिक बॉक्स भरकर दस्तावेज बरामद हुए हैं. इसमें मुख्य तौर पर लेनदेन की रसीदें, सौदों के करार आदि हैं, जिनकी विभाग द्वारा विस्तार से जांच की जाएगी. जिनके भी नाम इन लेन-देन में आए हैं, उन सभी को समन जारी कर पूछताछ की जाएगी।

250 लोगों से ज्यादा नाम आ रहे सामने

आयकर विभाग को 250 से ज्यादा लोगों के नाम इन लेन-देन में मिले हैं. सौ से ज्यादा बैंक खातों की डिटेल, 12 बैंक लॉकर से कैश, ज्वेलरी और दस्तावेज लिए गए हैं. बताया जा रहा है कि ग्रुप के साथ जमीन खरीदी में कई लोगों ने नंबर 2 में निवेश किया है. इन सभी को आयकर नोटिस दिया जाएगा।

फर्जी बिलों के खिलाफ सख्ती

इधर, जीएसटी के बोगस बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वाले कारोबारियों पर अब दोहरी मुश्किल आ गई है।. टैक्स छूट तो जीएसटी विभाग वसूलता है और अब फर्जी बिल की राशि संबंधित करदाता की आय में जोड़कर पेनल्टी वसूली जाएगी. हालांकि इस संबंध में नियम 1 अप्रैल 2020 को लागू किया गया था, लेकिन सीबीडीटी ने इस नियम का स्पष्टीकरण अब जारी किया है. साथ ही सभी आयकर अधिकारियों को इसे लागू करने और पेनल्टी वसूलने का आदेश दिया है. इस नियम का मतलब है कि जीएसटी और आयकर विभाग मिलकर इसमें काम करेंगे. यदि छापे या जांच में किसी करदाता के पास एक लाख का फर्जी खरीदी का बिल मिलता है और इस पर 18 फीसदी की दर से 18 हजार का टैक्स लगाकर गलत क्रेडिट ली गई तो 18 हजार की क्रेडिट तो जीएसटी विभाग वसूलेगा ही, वहीं 1 लाख के फर्जी बिल की राशि करदाता से बतौर पेनल्टी वसूली जाएगी।

रिश्वतखोर दोनों अतिरिक्त कलेक्टर को शासन ने किया निलंबित: लाखों रुपये की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार दोनो कलेक्टरी वाले एसडीएम को भेजा जेल और दलाल को सौंपा पुलिस रिमांड पर attacknews.in

जयपुर 15 जनवरी । राजस्थान सरकार ने रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार दौसा एसडीएम पुष्कर मितल एवं बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा को आज निलंबित कर दिया गया।

कार्मिक विभाग के शासन उप सचिव डा प्रिया बलराम शर्मा ने आज एक आदेश जारी कर दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। आदेश में दोनों अधिकारियों को निलंबन काल में जयपुर के कार्मिक विभाग में उपस्थिति देने के निर्देश जारी किए हैं

लाखों रुपये की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार दोनो कलेक्टरी वाले एसडीएम को भेजा जेल और दलाल को सौंपा पुलिस रिमांड पर

इससे पहले कल जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अदालत ने रिश्वत लेते पकड़े गए बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा और दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल को आज न्यायिक हिरासत में भेज दिया वहीं दलाल नीरज मीणा को दो दिन की पुलिस रिमांड़ पर भेज दिया।

एसीबी सूत्रों के अनुसार ब्यूरो ने गुरुवार को दोनों आरोपी एसडीएम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-2 के मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता के आवास पर पेश किया। पेशी के बाद जज ने दोनों अफसरों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं, दलाल नीरज मीणा को वैशाली नगर में मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश किया, जहां से उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया।