उत्तरप्रदेश के बदायूं में मंदिर के महंत की हत्या, आरोपी फरार attacknews.in

बदायूँ (उप्र), छह फरवरी । जिले के थाना इस्लामनगर क्षेत्र के एक गाँव के मंदिर पर लंबे समय से रह रहे महंत जयपाल सिंह उर्फ सखी बाबा की शनिवार सुबह धारदार हथियार से हमला करके हत्या कर दी गई। गाँव के ही एक व्यक्ति पर महंत की हत्या का आरोप है। यह जानकारी पुलिस ने दी।

पुलिस ने बताया कि ग्राम प्रधान मनीष कुमार द्वारा दी गई तहरीर में बताया गया है कि आरोपी युवक रामवीर सिंह नशे का आदी है और अपनी पत्नी के छोड़ कर चले जाने के पीछे महंत को वजह मानता था। पुलिस के अनुसार शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रंजिश के कारण उसने शनिवार सुबह लगभग सात बजे महंत की हत्या कर दी।

पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक फरार है। पुलिस ने बताया कि महंत के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आरोपी की तलाश की जा रही है।

पुलिस के अनुसार मामला इस्लामनगर थाना इलाके के मोहद्दीनपुर ढक नगला का है जहां मंदिर पर रहने वाले जयलपाल सिंह उर्फ सखी बाबा (उम्र करीब 50 साल) की गाँव के ही रामवीर (उम्र करीब 26 साल) ने चाकू से हमला करके हत्या कर दी।

पुलिस ने बताया कि तहरीर के अनुसार आरोपी ने घटना को उस वक़्त अंजाम दिया जब बाबा अपने कमरे में थे। पुलिस ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक नशे का आदी है और उसकी पत्नी उसको छोड़ कर चली गई है।

बदायूँ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि जयपाल सिंह उर्फ सखी बाबा की गाँव के ही रामवीर नामक युवक ने हत्या कर दी है। उन्होंने बताया कि हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपी की तलाश की जा रही है।

मध्यप्रदेश:के देवास में लकड़ी माफियाओं ने कर दी वन रक्षक की गोली मारकर हत्या,रात्रिगश्त में हत्यारों से हुई मुठभेड़ में अकेले सामना करते हुए हो गये शहीद attacknews.in

देवास (मप्र) पांच फरवरी । मध्यप्रदेश के देवास जिले के पुंजापुरा वन क्षेत्र के वन रक्षक मदनलाल वर्मा (58) की कथित तौर पर कुछ लोगों ने ड्यूटी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी। उसका शव बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात पुंजापुरा वन परिक्षेत्र में छोटी तलाई के पास खून से लथपथ मिला।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सूर्यकांत शर्मा ने कहा, ‘‘वन रक्षक मदनलाल वर्मा बृहस्पतिवार सुबह करीब 11 बजे क्षेत्र की गश्त पर गया था। देर शाम नहीं लौटने पर रेंजर व पुलिस ने ‘सर्चिंग’ के दौरान उसका शव बरामद किया।’’

उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता लगा है कि जंगल में कुछ संदिग्ध लोगों को देखकर वनरक्षक ने कार्रवाई और उसके बाद आरोपियों ने देशी कट्टे से उस पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौत हो गई।

शर्मा ने बताया कि इस संबंध में उदयनगर पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में इस मामले में शिकारियों या लकड़ी माफियाओं के शामिल होने के संकेत मिले हैं। गिरफ्तारी के लिये तीन टीमों का भी गठन किया गया है।

इसी बीच, देवास वन मंडल अधिकारी पी. एन. मिश्रा ने कहा, ‘‘मदनलाल वर्मा वन मंडल देवास के परिक्षेत्र पुंजापुरा की बीट रतनपुर का वन रक्षक था। संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।’’

उन्होंने बताया कि मृतक कर्मचारी को शहीद का दर्जा दिलाए जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

मिश्रा ने बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम उदय नगर स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है और उसके बाद ही उनके गृह नगर उज्जैन के रामघाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये का विशेष अनुदान तथा परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी।

दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए ‘टूलकिट’ बनाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की attacknews.in

नयी दिल्ली, 04 फरवरी । दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन की आड़ में देश को बदनाम करने की ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ की जांच के तहत महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आंदोलन को समर्थन देने के लिए ‘टूलकिट’ बनाने वालों के खिलाफ गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की।

दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा कि प्राथमिकी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत ‘आपराधिक साजिश’ और ‘विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने’ के प्रयास के तहत मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को राजधानी में हुई हिंसा की योजना के बारे में सोशल मीडिया पर साझा किए गए टूलकिट में बताया गया है।

उत्तरप्रदेश में महोबा जिले के खरेला क्षेत्र  में 82 साल की बुजुर्ग महिला के साथ सामूहिक बलात्कार attacknews.in

महोबा 04 फरवरी । उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के खरेला क्षेत्र में एक 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है।

अपर पुलिस अधीक्षक आरके गौतम ने गुरूवार को बताया कि खरेला कस्बे में बुजुर्ग महिला अपनी नातिन के साथ रहती थी। कल रात गांव में ही आयोजित कार्यक्रम में नातिन के चले जाने के कारण वह घर मे अकेली थी कि देर रात मकान की दीवार फांद कर दो बदमाश लूटपाट के इरादे से उसके घर मे घुसे। धन संपदा की पूछताछ करते हुए महिला के साथ बदमाशो ने पहले बुरी तरह मारपीट की तथा बाद में दरिंदगी दिखाते हुए उसके साथ बलात्कार किया। इस दौरान वृद्धा की पौत्री को घर वापस आते देख बदमाश भाग निकले।

दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच हुए बिना गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड हिंसा की सुनवाई की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए याचिककर्ता वकील को फटकार लगाई attacknews.in

नयी दिल्ली, चार फरवरी । दिल्ली उच्च न्यायालय ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और सुरक्षा में कथित चूक की जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप याचिका वापस लेंगे या वह जुर्माना लगाकर इसे खारिज करें ।

अदालत ने याचिकाकर्ता एंव वकील विवेक नारायण शर्मा से पूछा कि क्या उन्होंने 26 जनवरी की घटना के ठीक बाद ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी क्योंकि इसे 29 जनवरी को दायर किया गया है।

पीठ ने वकील से पूछा, ‘‘ आपने 26 जनवरी दोपहर को ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी? क्या आपको पता है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत जांच करने के लिए कितना समय दिया गया है? आप एक वकील हैं। बताएं जांच के लिए कितना समय दिया गया है?’’

उसने कहा, ‘‘ आप चाहते हैं कि घटना के दो दिन के भीतर ही जांच पूरी हो जाए? क्या सरकार के पास कोई जादू की छड़ी है, जिसे घुमाते ही सब कुछ हो जाएगा? हम दंड लगाकर इसे खारिज करें या आप इसे वापस ले रहे हैं?’’

इसके बाद शर्मा ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के तीन निवासियों की ओर से दायर की गई याचिका को वापस ले लेंगे।

याचिका में हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।

पीठ ने कहा, ‘‘ अनुमति दी जाती है। याचिका अब खारिज हो गई है क्योंकि उसे वापस ले लिया गया है।’’

सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि हिंसा के संबंध में 43 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और इनमें से 13 दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (अपराध शाखा) को स्थनांतरित कर दी गई है।

गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर दो महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हो गई थी और लाल किले पर धार्मिक झंडा भी लगा दिया गया था

राजस्थान में लाखों रूपये की रिश्वतखोरी में गिरफ्तार पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल को अदालत ने दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा attacknews.in

जयपुर, तीन फरवरी । जयपुर की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किये गये भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मनीष अग्रवाल को बुधवार को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अग्रवाल को मंगलवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया था। दलाल पर आरोप है कि उन्होंने दौसा के जिला पुलिस अधीक्षक पद पर रहते हुए दलाल के जरिये एक कंपनी के मालिक से 38 लाख रूपये की कथित रिश्वत मांगी थी।

ब्यूरो के महानिदेशक बी एल सोनी ने बताया कि अग्रवाल की घर की तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज बरामद किये गये जिनकी जांच की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि ब्यूरो ने 13 जनवरी को एसीबी की जयपुर देहात इकाई ने दौसा के एसडीएम पुष्कर मित्‍तल को परिवादी से पांच लाख रूपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। बांदीकुई की एसडीएम पिंकी मीणाको 10 लाख रूपये रिश्वत मांगते हुए गिरफ्तार किया गया। इसी तरह एक दलाल नीरज मीणा को दौसा के पुलिस अधीक्षक के नाम से 38 लाख रूपये रिश्वत राशि की मांगने पर गिरफ्तार किया गया है।

सोनी ने बताया कि उन्हें दौसा जिले में हाईवे निर्माण करने वाली कम्पनी के मालिक ने शिकायत की थी कि भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा देकर जमीन सड़क निर्माण के लिए सुपुर्द करने की एवज में तथा निर्माण कार्य में रुकावट नहीं डालने के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है। रिश्वत नहीं देने पर परेशान किया जा रहा है।

सोनी ने बताया कि दलाल मीणा ने दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के नाम पर चार लाख रूपये मासिक बंधी एवं प्रति एफआईआर में मामला रफा-दफा करने की एवज में 10 लाख रूपये की मांग की थी। दलाल कुल मिलाकर 38 लाख रुपए बतौर रिश्‍वत मांग रहा था जिस पर उसे गिरफ्तार किया गया। इस मामले में आईपीएस अधिकारी अग्रवाल की संलिप्तता की जांच के बाद ब्यूरो ने मंगलवार को उसे गिरफ्तार किया।

आईपीएस अग्रवाल छह जुलाई 2020 से छह जनवरी 2021 तक दौसा के पुलिस अधीक्षक रहे।

कर्नाटक में IAS अधिकारियों के पास मिली करोड़ों की सम्पत्तियां:एसीबी ने 7 कार्यालयों के 7 अधिकारियों के 30 ठिकानों में ताबड़तोड़ छापे मारे attacknews.in

बेंगलुरु, 02 फरवरी । कर्नाटक में मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने राज्य के सात सरकारी अधिकारियों से संबंधित उनके 30 ठिकानों पर छापे मारे।

सूत्रों के अनुसार आय के ज्ञात स्रोतों में आय से अधिक धन की शिकायत मिलने पर बेंगलुरु, कोलार, धारवाड़ बेल्लारी, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग और कलाबुर्गी के ठिकानों में एक साथ छापे मारे गये।

कर्नाटक में आय से अधिक संपत्ति के मामले में कई अधिकारियों के यहां एसीबी के छापे

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने आय से अधिक संपत्ति होने के आरोप में मंगलवार को राज्य के सात अधिकारियों के बेंगलुरु, कोलार, धारवाड़ बेल्लारी, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग और कलाबुर्गी में लगभग 30 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।

मंगलवार को जिन अधिकारियों के यहां छापे पड़े हैं, उनमें डब्ल्यूआईएमएस के पूर्व निदेशक और कोप्पल जिला अस्पताल के प्रमुख श्रीनिवास के बेल्लारी और कोप्पल स्थित कार्यालय और आवास, बेंगलुरु में सहकारी समितियों के संयुक्त निदेशक डी पांडुरंगा के विजयनगर निवास के अलावा जयनगर, मल्लेश्वरम कार्यालय और चित्रदुर्ग और लघु सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता देवराज शिवांगी के कोटिलिंगेश्वर और बालाजी नगर स्थित उनके एक रिश्तेदार के आवास शामिल हैं।

इसके अलावा एसीबी के अधिकारियों ने चित्रदुर्ग में धारवाड़ वन अधिकारी श्रीनिवास, बीबीएपी अभियंता अंजेनाप्पा, मंगलूरु निगम के एक अधिकारी और कोलार डीएचओ विजयकुमार के ठिकानों पर भी छापे मारे हैं।

सूत्रों से जानकारी मिली है कि इन छापों में अधिकारियों के यहां से आभूषण और संपत्ति के दस्तावेजों के अलावा नकदी भी जब्त की गई है।

राजस्थान में 68 लाख रुपये की जबरन वसूली करने में दौसा के पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल गिरफ्तार: राजमार्ग बनाने वाली कंपनी से जबरदस्ती वसूली की थी और हरेक माह की वसूली तय कर दी थी attacknews.in

जयपुर, दो फरवरी । भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मंगलवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी मनीष अग्रवाल को रिश्वत के मामले में आज गिरफ्तार कर लिया।

ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि हाईवे निर्माण कम्पनी के मालिक से तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के नाम से दलाल नीरज मीणा ने चार लाख रुपये मासिक और प्रति प्राथमिकी रफा दफा करने की एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। साथ ही चार लाख रुपये प्रति महीने के हिसाब से सात महीने के 28 लाख रुपये एवं एफआईआर रफा दफा करने की एवज में 38 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।

महानिदेशक सोनी ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी मनीष अग्रवाल को भ्रष्टाचार के एक मामले में अनुसंधान अधिकारी ने भ्रष्टचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।

ब्यूरो ने पिछले माह दौसा में एक पेट्रोल पंप मालिक नीरज मीणा को गिरफ्तार किया था जिसने दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के नाम से राजमार्ग बनाने वाली निर्माण कंपनी से कथित रूप से जबरदस्ती वसूली की थी।

ब्यूरो ने मीणा के साथ साथ दो आरएएस (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) के अधिकारियो को उसी कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में 13 जनवरी को गिरफ्तार किया था।

आईपीएस अधिकारी की संलिप्तता की जांच के बाद ब्यूरो ने मंगलवार को अधिकारी को गिरफ्तार किया है। 2010 के आईपीएस अधिकारी वर्तमान में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल में कंमाडेंट के रूप में जयपुर में तैनात हैं।

सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर पुलिस के साथ ‘दुर्व्यवहार’ करने के आरोप में पत्रकार गिरफ्तार attacknews.in

नयी दिल्ली, 31 जनवरी । सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के आरोप में रविवार को एक स्वतंत्र पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पत्रकार को एक दिन पहले हिरासत में लिया गया था।

इससे पहले पुलिस ने कहा था कि उसने शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद सीमा पर अवरोधक लगाए थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई उसे पार न कर पाए।

पुलिस ने आरोप लगाया था कि पत्रकार समेत कुछ लोगों ने अवरोधक हटाने की कोशिश की तथा पत्रकार ने वहां पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया।

सिंघू बॉर्डर पर शुक्रवार को किसानों और स्थानीय निवासी होने का दावा करने वाले लोगों के बीच झड़प हो गई थी। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव किया था। सिंघू बॉर्डर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का प्रमुख स्थल है।

हिंसा में दिल्ली पुलिस के एसएचओ (अलीपुर) घायल हो गए थे।

घटना के संबंध में एसएचओ पर हमला करने वाले व्यक्ति समेत कम से कम 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला एवं मनी लान्ड्रिंग मामले में इंडिया गेट बासमती चावल के मालिक और kRBP लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनूप कुमार गुप्ता गिरफ्तार attacknews.in

नयी दिल्ली 30 जनवरी । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3,600 करोड़ रुपये से अधिक के वीवीआईपी हेलीकाप्टर खरीद घोटाला एवं धन शोधन मामले में इंडिया गेट बासमती चावल के उत्पादनकर्ता केआरबीपी लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक अनूप कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया है।

ईडी ने शनिवार को इस आशय की जानकारी दी।
श्री गुप्ता को अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद मामले में धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। उनपर घोटाले की जारी जांच में सहयोग नहीं करने का भी आरोप है।

विशेष अदालत ने उन्हें पांच दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया है।

ईडी ने इटली स्थित फिनमेकेनिका की ब्रिटिश सहायक अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए रद्द किए गए सौदे में अनियमितताओं के आरोपों के बाद इस मामले में धन शोधन के तहत जांच शुरू की। वर्ष 2014 में भारत सरकार ने इस सौदे को रद्द कर दिया था।

पाकिस्तान में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल का सिर कलम करने वाले अल-कायदा आतंकवादी हत्यारों की  रिहाई पर संयुक्त राष्ट्र नाराज,अमेरिका ने कार्रवाई करने की हिदायत दी  attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 30 जनवरी । संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में की गई नृशंस हत्या में शामिल लोगों को बरी किए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधों की जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है।

कराची में 2002 में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी।

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने ब्रिटेन में जन्मे अलकायदा के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में बरी किये जाने के खिलाफ दाखिल अपीलों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस सनसनीखेज मामले में शेख को रिहा करने का आदेश भी दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को भी रिहा करने का आदेश दिया।

शेख को बरी किए जाने संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा, ‘‘इस प्रकार के अपराधों के लिए जवाबदेही तय किया जाना महत्वपूर्ण है।’’

अमेरिकी पत्रकार के परिवार ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि न्याय का पूरी तरह से मजाक बना दिया गया है।

अमेरिका ने भी इस फैसले की आलोचना की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने पर्ल के परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने की नए बाइडन प्रशासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बातचीत की और अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों की जवाबदेही तय किए जाने पर चर्चा की। ब्लिंकन ने पाकिस्तान से अपील की कि वह पर्ल के हत्यारों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करे।

अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल मोंटी विल्किंसन ने उमर शेख को बरी किए जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की रिहाई डेनियल पर्ल के परिवार, दुनियाभर में आतंकवाद के अन्य पीड़ितों और न्याय का अपमान है।’’

वर्ष 2002 में कराची में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने शुक्रवार को बताया कि ब्लिंकन ने पर्ल के हत्यारों को बरी करने के पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर अमेरिका की चिंता दोहराई।

प्राइस ने टेलीफोन पर हुई इस बातचीत की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ब्लिंकन और कुरैशी ने इस बात पर चर्चा की कि अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और अन्य लोगों की जवाबदेही कैसे तय की जा सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा दोनों मंत्रियों ने अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सहयोग कायम रखने एवं क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सहयोग की महत्ता तथा हमारे व्यापारिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को विस्तार देने की क्षमता पर चर्चा की।’’

इस बीच, पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने ‘‘डैनियल पर्ल मामले संबंधी हालिया घटनाक्रम’’ पर चर्चा की और कुरैशी ने ‘‘रेखांकित किया कि यह महत्वपूर्ण और आपसी हित में होगा कि कानूनी माध्यमों से न्याय सुनिश्चित किया जाए।’’

बयान में बताया गया कि कुरैशी ने ब्लिकंन को अमेरिकी विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने की बधाई दी और विभिन्न मामलों में आपसी हितों पर आधारित अमेरिका के साथ समग्र साझेदारी को लेकर पाकिस्तान की प्रतिबद्धता रेखांकित की।

बयान के अनुसार, कुरैशी ने ब्लिंकन से कहा कि राजनीतिक समाधान के जरिए अफगानिस्तान में शांति स्थापना दोनों देशों के हितों के अनुकूल है।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा में कमी, संघर्ष विराम और एक समावेशी राजनीतिक समाधान के लिए काम करना आवश्यक है।

बयान के अनुसार, कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और वह शांति स्थापना के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

इसमें बताया गया कि कुरैशी और ब्लिंकन ने दोनों देशों के द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाने तथा क्षेत्र में एवं उससे परे भी आपसी हितों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करते रहने पर सहमति जताई।

इससे एक दिन पहले, ब्लिंकन ने पर्ल के अपहरण एवं उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को बरी किए जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा था कि यह फैसला आतंकवाद के पीड़ितों का अपमान है।

उन्होंने पाकिस्तान से अपील की थी कि वह पर्ल के हत्यारों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करे।

पाकिस्तानी अदालत ने पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में शेख को बरी किये जाने के खिलाफ दाखिल अपीलों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस सनसनीखेज मामले में शेख को रिहा करने का आदेश भी दिया।

पाकिस्तानी अदालत ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को भी रिहा करने का आदेश दिया।

दिल्ली पुलिस की पूछताछ में नहीं आए बुलाये गये नौ किसान नेता,हिंसा की साज़िश को लेकर UAPA के तहत दर्ज हुआ केस,पता लगाया जाएगा कि हिंसा के पीछे मास्टरमाइंड कौन attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जनवरी । दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राकेश टिकैत समेत नौ किसान नेताओं को पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया लेकिन कोई भी जांच में शामिल नहीं हुआ है।

पुलिस के एक अधिकरी ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी के अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा के मामले की जांच में पूछताछ में शामिल होने के लिए राकेश टिकैत, पवन कुमार, राज किशोर सिंह, तजेंद्र सिंह विर्क, जितेंद्र सिंह जीतू, त्रिलोचन सिंह, गुरमुख सिंह, हरप्रीत सिंह और जगतार सिंह बाजवा को बुलाया गया लेकिन कोई भी जांच में शामिल नहीं हुआ है।

दिल्ली पुलिस ने हिंसा की घटनाओं का वीडियो देने की लोगों से की अपील

दिल्ली पुलिस ने कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की तरफ से निकाले गए ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा मामले में मीडियाकर्मी सहित आम लोगों से इसकी वीडियो, फोटो और बयान दिल्ली पुलिस को देने की अपील की है।

दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी अपील में कहा गया,“26 जनवरी, 2021 को प्रदर्शनकारी किसानों ने एक ट्रैक्टर रैली निकाली थी और दिल्ली में हिंसा भड़काई थी। मीडियाकर्मी सहित जनता के सभी सदस्य जो घटनाओं के गवाह हैं या जिनके पास घटना के बारे में कोई जानकारी है या उन्होंने अपने मोबाइल फोन या कैमरे पर कोई गितिविधि रिकॉर्ड की है, उनसे अनुरोध है कि वे आगे आएं और अपने बयान/फुटेज/तस्वीर/ हमें किसी भी कार्य दिवस पर आकर दे दें।”

लाल किला की घटना की जांच करेगी स्पेशल सेल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले की घटना के पीछे साजिश की जांच के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है।

दिल्ली पुलिस की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान में बताया गया कि 26 जनवरी की हिंसा की साज़िश को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है। स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस की एन्टी टेरर इकाई है। लाल किले में हिंसा और पूरी दिल्ली में हुई हिंसा की साज़िश की जांच होगी और यह पता लगाया जाएगा कि हिंसा के पीछे मास्टरमाइंड कौन है।

उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच समझौता हुआ था उसे तोड़ने के लिए सुनियोजित योजना बनाई गई जिसके कारण राजधानी के कई जगहों पर हिंसा हुई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार की छवि खराब करने के लिए ऐतिहासिक स्थल को निशाना बनाया गया।

उन्होंने कहा कि इस हिंसा में करोड़ों की सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इस हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

गौरतलब है कि ट्रैक्टर रैली के दौरान सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी किसान लाल किले में घुस गए तथा किसानों के और धार्मिक झंडे फहरा दिए।

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को हिंसा के लिए मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल, राकेश टिकैत, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, जोगिन्द्र सिंह उग्राहा, अवीक साहा सहित 37 किसान नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148 (दंगा भड़काने से संबंधित), 120बी (आपराधिक साजिश), और 307 (हत्या के प्रयास) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। इनके पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे ताकि देश से बाहर नहीं जा सके।

पुलिस आयुक्त ने पत्र लिखकर की पुलिसकर्मियों की सराहना

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने पुलिसकर्मियों को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि आपके संयमपूर्ण परिचय की वजह से दिल्ली पुलिस चुनौतीपूर्ण आंदोलन से निपट पाई है।

पुलिस आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा, 26 जनवरी को किसान आंदोलन के उग्र और हिंसक हो जाने पर भी आपने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया है। हालांकि हमारे पास बल प्रयोग का विकल्प मौजूद था लेकिन हमने सूझबूझ दिखाया। आपके इस आचरण से दिल्ली पुलिस चुनौतीपूर्ण आंदोलन से निपट सकी है।

उन्होंने लिखा,“हम सब इस प्रकार की चुनौतियों का सामना करते आए हैं। आपकी मेहनत और कार्य कुशलता से ही किसान आंदोलन की चुनौती का हम डटकर सामना कर सके हैं। किसान आंदोलन में हुई हिंसा में हमारे 394 साथी घायल हुए हैं। कुछ का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है।”

पुलिस आयुक्त ने आगे लिखा,“मैं आपको बतलाना चाहता हूं कि आगे आने वाले कुछ दिन बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। हमें सचेत रहने की आवश्यकता है। हम सबको अपना धैर्य और अनुशासन बनाए रखना है। मैं आपके संयम और धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं।”

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दिन पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में किसानों पर विश्वासघात का आरोप लगाया और कहा कि किसान नेता आंदोलनकारी किसानों को उकसा रहे थे। उन्होने कहा कि हिंसा में कोई भी किसान नेता दोषी पाया जाता है तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा।

दिल्ली के लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने के आरोपी दीप सिद्धू ने कहा:सच्चाई सामने लाने के लिए जांच एजेंसियों और पुलिस विभाग के सामने वह दो दिन में पेश होंगे attacknews.in

चंडीगढ़, 29 जनवरी । दिल्ली के लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने के मामले में आरोपी दीप सिद्धू ने कहा है कि उन्हें सच्चाई सामने लाने के लिए कुछ वक्त चाहिए और उसके बाद वह जांच में शामिल होंगे।

धार्मिक झंडा लगाने के आरोप में सिद्धू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उसने फेसबुक में एक वीडियो पोस्ट कर कहा,‘‘ मेरे खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है और लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है। पहले तो मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि मैं जांच में शामिल होउंगा।’’

सिद्धू ने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए उन्हें कुछ वक्त चाहिए।

सिद्धू ने कहा,‘‘ क्योंकि गलत सूचना फैलाई गई है और वह जनता को गुमराह कर रही है। इसलिए मुझे सच्चाई सामने लाने के लिए कुछ वक्त चाहिए और उसके बाद मैं जांच में शामिल होउंगा।’’

वीडियो में कहा गया, ‘‘ जांच एजेंसियों से मेरा अनुरोध है…. जब मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है,तो मैं क्यों भागूंगा और क्यों डरूंगा। मुझे भय नहीं है। मैंने कुछ गलत नहीं किया है और यह सामने आ जाएगा।’’

सिद्धू ने जांच एजेंसियों और पुलिस विभाग से कहा है कि वह दो दिन में उनके सामने पेश होंगे।

उन्होंने कहा,‘‘ जिस प्रकार की अफवाहें फैलाई जा रही हैं वह तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। मुझे तथ्यों पर आधारित सच्चाई सामने लाने के लिए दो दिन चाहिए और मैं सारे साक्ष्य और सबूत इकट्ठा करूंगा।’’

गौरतलब है कि जिस समय लाल किले पर धार्मिक और किसान झंडे लगाए गए तब सिद्धू वहीं पर मौजूद था। इस घटना के बाद जबदस्त आक्रोश फैल गया था।

भाजपा ने दिल्ली में “किसान ट्रैक्टर हिंसा ” के लिए कांग्रेस को हिंसा के लिए उकसाने का जिम्मेदार ठहराया;जवाब में कांग्रेस पार्टी ने अमित शाह को दोषी बता दिया attacknews.in

नयी दिल्ली 27 जनवरी । भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) ने आरोप लगाया है कि 26 जनवरी को किसान क़ानूनों को वापस लेने की माँग को लेकर हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान कांग्रेस ने किसानों को हिंसा के लिए उकसाया था ।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बुधवार को यहाँ संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि ट्रैक्‍टर परेड की आड़ में जो हिंसा हुई उसके पीछे कांग्रेस जैसी सियासी ताकतें थीं। उन्होंने कहा कि कल के यूथ कांग्रेस और कांग्रेस से संबंधित संस्थाओं के ट्वीट इसके प्रमाण हैं।

श्री जावडेकर ने कहा,“जिन्होंने भी 26 जनवरी को किसानों को उकसाया उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा,“कांग्रेस हताश और निराश है, चुनाव में हार रहे हैं, वामपंथियों की भी वही हालत है। इसलिए पश्चिम बंगाल में नई दोस्ती का रिश्ता ढूंढ रहे हैं। कांग्रेस किसी भी तरह से देश में अशांति फैलाना चाहती है। श्री राहुल गांधी किसानों का समर्थन नहीं कर रहे थे वे बल्कि उन्हें उकसा रहे थे।”

भाजपा नेता ने कहा,“पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। पंजाब सरकार ने पंजाब से निकलने वाले ट्रैक्टर पर पाबंदी नहीं लगाई। कांग्रेस की रैली हुई, सड़क पर आने की बात हुई और दूसरे दिन लोग सड़क पर आ गए। कांग्रेस ट्रैक्टर मार्च के समर्थन में खड़ी थी। कांग्रेस के एक ट्वीट ने तो एक्सीडेंट में मरे किसान को पुलिस बर्बरता के चलते बता दिया। जब पूरे देश से सवाल उठे तब राहुल जी का बयान आया हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस चाहती है कि पुलिस सख़्ती करे और जान माल की हानि हो।

श्री जावडेकर ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे बंद होने की बात कभी नहीं कही है।

गौरतलब है कि किसानों की मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ओर से निकाली गयी ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के कारण अराजक माहौल पैदा हो गए थे। बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था।

गणतंत्र दिवस पर हिंसा के लिए अमित शाह जिम्मेदार, हों बर्खास्त: कांग्रेस

इधर कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को खुफिया तंत्र की विफलता बताते हुए कहा है कि गृहमंत्री अमित शाह इसके लिए जिम्मेदार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कानून व्यवस्था और खुफिया तंत्र की नाकामी के लिए श्री शाह जिम्मेदार हैं। किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में जो सुनियोजित हिंसा तथा अराजकता हुई है उससे जुड़ी सारी खुफिया जानकारी श्री शाह के पास थी और उसके बावजूद हिंसा का तांडव रोकने में वह नाकाम रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जब सारी जानकारी गृहमंत्री को थी तो समय पर हिंसा रोकने के लिए कदम नहीं क्यों नही उठाए गये।

उन्होंने इसे गृहमंत्री की विफलता बताया और कहा कि इस नाकामी को देखते हुए श्री शाह को एक पल भी पद पर बने रहने का हक नहीं है।

उनका कहना था कि एक साल के भीतर दिल्ली में दूसरी बार हिंसा हुई है जिससे साबित होता है कि श्री शाह इस पद के लिए काबिल नहीं हैं इसलिए उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि सरकार उपद्रिवयों के साथ मिली है और सोची समझी साजिश के तहत दोनों की मिलीभगत से दिल्ली में हिंसा को अंजाम दिया गया है। सरकार आंदोलनकारी किसानों की समस्या का समाधान करने की बजाए उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रही है। इसी का परिणाम है कि सरकार उपद्रवियों तथा अवांछित तत्वों पर कार्रवाई करने की बजाए किसान मोर्चा के नेताओं पर मुकदमे दर्ज कर रही है।

दिल्ली पुलिस का अल्टीमेटम:किसान ट्रैक्टर रैली में हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा,करीब 400 पुलिस कर्मी घायल,25 से अधिक FIR दर्ज attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 जनवरी । दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकलने को लेकर किसानों संगठनों ने नियम शर्तों का उल्लंघन किया जिसके कारण हिंसा हुई इसलिए इस हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

पुलिस आयुक्त ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंगलवार को राजधानी के विभिन्न इलाकों में किसानों के द्वारा की गई हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से कुछ का अस्पताल में इलाज चल रहा है और कुछ पुलिसकर्मी आईसीयू में भी भर्ती हैं। पुलिस ने अब तक 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।

उन्होंने कहा किसान संगठनों को गणतंत्र दिवस के दिन रैली को टालने के लिए निरंतर समझाया गया और इसके लिए उनके साथ पांच दौर की बातचीत भी की गई। रैली के लिए कुछ नियम और शर्तों पर सहमति और लिखित आश्वासन देने बाद अनुमति दी गई लेकिन किसान संगठनों ने अपने वायदे को पूरा नहीं किया। यहां तक की कुछ किसान नेताओं शांति बनाकर रैली निकलने की बजाय भड़काऊ भाषण दिये और हिंसा के लिए उकसाया।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि किसानों की आक्रमता के बावजूद पुलिस ने अधिकतम संयम का परिचय दिया और जिम्मेदारी के साथ काम किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

उन्होंने कहा कि लाल किला पर किसान संगठनों ने जिस प्रकार किसानों और धार्मिक झंडे लगाए उसे गंभीरता से लिया जा रहा है। इस प्रकार के कृत्य करने वालों की पहचान की जा रही है और इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। राष्ट्र के सम्मान में पुलिस किसान संगठनों से पूछताछ करेगी और जो इसमें शामिल होगा सभी को गिरफ्तार किया जाएगा।

उन्होंने कहा की हिंसा के दौरान किसानों ने 428 बैरिकेट, 30 पुलिस वाहन, छह कंटेनर, चार एक्सरे मशीन, आठ तार पिलर समेत अन्य संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया है।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसान संगठनों ने तय समय से पहले बैरिकेट तोड़कर अपना आंदोलन शुरू कर दिया। इस दौरान किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू ने मुकरबा चौक पर भड़काऊ भाषण दिया और बैरिकेट तोड़ने के लिए लोगों को उकसाया। इसी प्रकार गाजीपुर के किसान भी राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों अक्षरधाम के पास बैरिकेट तोड़कर आगे बढ़े और लालकिला तक पहुंचे। इसी प्रकार की घटना टीकरी बॉर्डर के किसानों ने की है

मेधा पटकर, योगेंद्र यादव समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज

किसान ट्रैक्टर रैली को शांतिपूर्ण तरीके से कराने की जिम्मेदारी लेने वाले 37 किसान नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में मामले दर्ज किए हैं जिनमें आपराधिक षड्यंत्र, डकैती, डकैती के दौरान घातक हथियार का प्रयोग और हत्या का प्रयास जैसी गंभीर धाराओं समेत कुल 13 धाराएं लगाई गई हैं।

गणतंत्र दिवस के दिन किसान संगठनों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में जिन 37 नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं उनमें डॉक्टर दर्शन पाल (बीकेयू क्रांतिकारी दर्शनपाल ग्रुप), कुलवंत सिंह संधू (जम्हूरी किसान सभा पंजाब), बूटा सिंह बुर्जगिल (भारतीय किसान सभा, धकोंडा), निर्भय सिंह धुड़ीके (कीर्ति किसान यूनियन, धुड़ीके ग्रुप), रुल्दू सिंह (पंजाब किसान यनियन, रुल्दू ग्रुप), इंदरजीत सिंह, किसान संघर्ष कमेटी (कोट बुद्धा ग्रुप), हरजिंदर सिंह टांडा (आजाद किसान संघर्ष कमेटी), गुरबख्श सिंह (जय किसान आंदोलन), सतनाम सिंह पन्नू, किसान मजदूर संघर्ष समिति,(पिड्डी ग्रुप)’ कंवलप्रीत सिंह पन्नू (किसान संघर्ष कमेटी पंजाब), जोगिंदर सिंह उग्राहा (भारतीय किसान यूनियन उग्राहां), सुरजीत सिंह फूल (भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी), जगजीत सिंह डालेवाल( भारतीय किसान यूनियन, सिद्धूपुर), हरमीत सिंह कड़ियां (बीकेयू, कड़ियां), बलबीर सिंह राजेवाल (भारतीय किसान यूनियन राजेवाल), सतनाम सिंह साहनी( भारतीय किसान यूनियन, दोआबा), बोघ सिंह मानसा (भारतीय किसान यूनियन, मानसा), बलविंदर सिंह औलख (माझा किसान कमेटी), सतनाम सिंह बेहरू( इंडियन फार्मर एसोसिएशन), बूटा सिंह शादीपुर (भारतीय किसान मंच), बलदेव सिंह सिरसा (लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी),जगबीर सिंह जाड़ा (दोआबा किसान समिति), मुकेश चंद्रा (दोआबा किसान संघर्ष कमेटी), सुखपाल सिंह डफ्फर (गन्ना संघर्ष कमेटी), हरपाल सिंह सांघा( आजाद किसान कमेटी दोआब), कृपाल सिंह नाथूवाला( किसान बचाओ मोर्चा), हरिंदर सिंह लाखोवाल (भारतीय किसान यूनियन लाखोवाल), प्रेम सिंह भंगू( कुलहिंद किसन फेडरेशन), गुरनाम सिंह चडूनी (भारतीय किसान यूनियन चडूनी), राकेश टिकैत (भारतीय किसान यूनियन), कविता कुमगुटी (महिला किसान अधिकार मंच), रिषिपाल अंबावाटा (भारतीय किसान यूनियन अंबावाटा), वीएम सिंह (ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी), मेधा पाटेकर ( नर्मदा बचाओ), योगेंद्र यादव( स्वराज इंडिया), अवीक साहा (जन किसान आंदोलनस्वराज इंडिया) तथा प्रेम सिंह गहलोत( ऑल इंडिया किसान सभा) शामिल हैं।

पुलिस का कहना है कि किसान संगठनों ने शांति बनाकर रैली आयोजित करने की जिम्मेदारी ली थी लेकिन किसान नेताओं ने नियम शर्तों को नहीं माना जिसके कारण राजधानी में कई जगह हिंसा की घटनाएं हुई। पुलिस ने अधिकतम संयम का परिचय देकर जिम्मेदार पुलिस की भूमिका को निभाया।