दमोह में कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया की हत्या मामले में बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 6 टीमें गठित;चुनावी रंजिश में हत्या से गर्माया था मध्यप्रदेश का राजनीतिक माहौल attacknews.in

विधायक राम बाई के पति की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित

दमोह 16 मार्च । मध्यप्रदेश के दमोह जिले में देवेंद्र चौरिसया हत्याकांड के मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की विधायक श्रीमती राम बाई की पति गोविंद सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की गतिविधियां तेज हो गई है।

राज्य शासन द्वारा एसटीएफ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मामले में एसटीएफ के एडीजी विपिन माहेश्वरी कल दमोह पहुंच गये है।

पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान द्वारा गोविंद सिंह की गिरफ्तारी के लिए नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के नेतृत्व में 5 टीमों का गठन किया है।

यह टीमें प्रतिदिन की गतिविधि की जानकारी पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत करेंगे।

इस टीम में पथरिया, हटा, कोतवाली, मगरोन और दमोह देहात थाना प्रभारी को शामिल किया गया है।

इस मामले में एसटीएफ के एडीजी समूचे प्रकरण पर निगरानी रखकर कार्यवाही कर रहे हैं।

कांग्रेस के दिग्गज नेता की हत्या का पूरा मामला:

घटनाक्रम 16 Mar 2019 का हैं जब कांग्रेस के दिग्गज नेता देवेंद्र चौरिसया की हत्या उनके ही हटा स्थित कार्यालय के पास हमलावरों ने कर दी गग। इस वारदात में चौरसिया के पुत्र को भी गंभीर चोटें आई थी। इस वारदात को अंजाम देने में बसपा की पथरिया विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह, देवर कौशलेंद्र सिंह चंदू और उनके भतीजे गोलू सिंह, भाई लोकेश सिंह सहित २० से २५ लोग शामिल थे जिनमें से प्राथमिक आधार पर ७ पर नामजद अपराध दर्ज कर लिया गया था ।

इस सनसनीखेज वारदात के सामने आने के बाद पूरे प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मच गया था ।

यह है पूरा मामला

शुक्रवार की सुबह कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया अपने पुत्र सोवेश चौरसिया के साथ हटा-बोरी रोड स्थित कार्यालय जा रहे थे। इसी दौरान करीब 4 वाहनों से आए 20 से 30 हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया। हमला में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया मौके पर ही अचेत हो जाते है। जबकि सोवेश को गंभीर चोटे आती है। बाद में दोनों को दमोह से जबलपुर की निजी अस्पताल रेफर किया जाता है। जहां उपचार के दौरान देवेंद्र चौरसिया की मौत हो जाती है। जबकि सोवेश की हालत अब भी गंभीर बनी हुई थी ।

हमलावरों में पथरिया विधायक का परिवार

मामले में देवेंद्र के भाई अशोक चौरसिया ने हटा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह, देवर कौशलेंद्र सिंह उर्फ चंदू, भतीजे गोलू सिंह, भाई लोकेश सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल के पुत्र सरपंच इंद्रपाल पटैल, ठेकेदार श्रीराम राम और अमजद पठान सहित अन्य के विरुद्ध मामला दर्जं कर आरोपियों की तलाश शुरू कर की।

मौके पर जो हुआ:

देवेंद्र चौरसिया के भाई व उनका पुत्र पहले से कार्यालय में मौजूद था। जिन्होंने देखा के बसपा विधायक के परिजन, जिपं अध्यक्ष के पुत्र सहित २० से ३० लोग ४ गाडिय़ों से आते है। जिनमें से गोविंद सिंह ने हाथ में रॉड लिए होते है और यह कहते हुए कि तूने पार्टी क्यों बदली… हमला कर दिया। इसके बाद अन्य ने भी हमला कर दिया। कुछ देर में ही देवेंद्र व सोवेश मौके पर गिर जाते है और आरोपी मौके से ४ से ५ लाख रुपए लेकर भाग जाते है। इस तरह की रिपोर्ट हटा थाने में दर्ज कराई ।

यह मानी जा रही है वजह

हाल ही में दमोह में जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल के विरुद्ध जिपं सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। जिसमें जिपं सदस्य राघवेंद्र सिंह ऋषि के अलावा देवेंद्र चौरसिया मुख्य भूमिका में माने जा रहे थे।

इस अविश्वास प्रस्ताव के पटैल की कुर्सी डगमगा गई थी। भाजपा संगठन ने भी उनका साथ नहीं दिया था। इसके बाद शिवचरण पटैल ने विधायक रामबाई का साथ लेकर अपने खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल कर ली थी। इस दौरान रामबाई पर जिपं सदस्यों ने गंभीर आरोप तक लगाए थे। जिसकी उनकी छबि खराब हुई थी। इसके पूर्व जिपं अध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान भी देवेंद्र चौरसिया की भाभी व अन्य ने रामबाई का साथ नहीं दिया था। जिससे वह अध्यक्ष नहीं बन सकी थी। तब से भी रंजिश होना बताया जा रहा है।

इधर कुछ दिनों पहले ही देवेंद्र चौरसिया ने बसपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली, जिसे लेकर भी विवाद और धमकियों की बात सामने आई थी। इन सभी कारणों को इस वारदात की वजह माना जा रहा है। हालांकि, अब तक मुख्य वजह पुलिस द्वारा सामने नहीं लाई गई है।

वारदात के बाद मचा हड़कंप

इन सनसनी खेज वारदात के बाद राजनीति में हड़कंप मच गया था। दमोह से लेकर प्रदेश तक में मामला गूंजने लगा । कांग्रेस नेता की हत्या के बाद कांग्रेसियों में भी आक्रोश था। हटा थाने में इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया गया था ।

मध्यप्रदेश की सीहोर कोतवाली के TI शिशिरदास गिरफ्तार;लगातार महिला नायब तहसीलदार को परेशान करने की हरकतों के कारण हुए दूसरों बार गिरफ्तार attacknews.in

सीहोर, 15 मार्च । मध्यप्रदेश के सीहोर कोतवाली पुलिस ने आज दतिया जिले के निलंबित टीआई शिशिरदास के खिलाफ अपराध दर्ज करके उसे इटारसी से गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से उसे 50 हजार की जमानत पर छोड़े जाने के आदेश हुए हैं।

पुलिस के अनुसार सीहोर की एक महिला नायब तहसीलदार को कथित तौर पर परेशान करने वाले दतिया जिले में पदस्थ टीआई शिशर दास के विरुद्ध कोतवाली पुलिस ने आज प्राथमिकी दर्ज कर उसे होशंगाबाद जिले के इटारसी से गिरफ्तार कर लिया। उसे शाम को सीहोर न्यायालय में पेश किया गया, जहां उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई और 50 हजार की जमानत पर छोड़े जाने के आदेश दे दिए गए।

शिशिरदास के खिलाफ पहले भी एक अपराध कोतवाली सीहोर में दर्ज हुआ था, जिसके आधार पर उन्हें निलंबित भी किया गया था और बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त कर ली थी।

कल फिर उस महिला नायब तहसीलदार परेशान करने वाला एक वीडियाे वायरल हुआ, जिस पर आज फिर एक मामला कायम किया गया।

इसी मामले निलंबित टीआई की गिरफ्तारी हुई है।

जबलपुर में अपनी बहन से दोस्ती की बात को राज रखने के एवज में रुपये ऐंठने से तंग आकर 15 वर्षीय नाबालिग ने कर दी 10 साल के बालक की हत्या,पुलिस ने किया गिरफ्तार attacknews.in

जबलपुर, 15 मार्च ।मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के बेलखेड़ा थाना क्षेत्र के दस वर्षीय एक बालक की हत्या के मामले का पुलिस ने आज खुलासा करते हुए आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया।अपनी बहन से आरोपी किशोर की दोस्ती की बात को राज रखने के एवज में बालक अक्सर उससे रुपये ऐंठता रहता था

बेलखेड़ा थाना प्रभारी सुजीत श्रीवास्तव ने बताया कि ग्राम जुगपुरा में रहने वाले राजा मल्लाह (10) अपने चार भाई बहनों में तीसरे नम्बर का था, जो तीसरी कक्षा में अध्ययनरत रहा।

राजा की बहन से पड़ोस में रहने वाले 15 वर्षीय नाबालिग से बातचीत होती रही। दोनों की दोस्ती की बात परिजनों से छुपाने के एवज में बालक द्वारा किशोर से रूपये मांगता था।

रूपये नहीं देने पर दोनो की दोस्ती के संबंध में परिजनों को बता देने की धमकी देता था। बालक द्वारा रूपये की मांग से परेशान होकर नाबालिग पांच मार्च को उसे घुमाने के बहाने जुगपुरा घाट ले गया। नाबालिग ने बालक के सिर पर लाठी से हमला कर उसे वेहोश कर दिया। इसके बाद छोटी नाव में बिठाकर उसे नर्मदा नदी के बीच में ले गया और पानी में फेंककर घर वापस लौट आया।

अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) एस एस बघेल ने सोमवार को बताया, ‘‘बेलखेड़ा गांव में 15 वर्षीय किशोर ने पांच मार्च को 10 वर्षीय लड़के की लाठी मार कर हत्या कर दी और फिर शव को नर्मदा नदी में फेंक दिया। लड़के का शव रविवार को नरसिंहपुर जिले में मुराचघाट में मिला।’’

अधिकारी ने आरोपी से पूछताछ के हवाले से बताया कि बच्चे ने 28 फरवरी को किशोर को अपनी बहन से बात करते देख लिया था। उस वक्त किशोर ने यह बात किसी को नहीं बताने के एवज में 100 रुपये बालक को दिये थे। लेकिन इस के बाद बालक अक्सर किशोर से रुपयों की मांग करने लगा और उसे धमकाने लगा तो उसने तंग आकर बालक की हत्या कर दी।

एएसपी ने बताया कि किशोर के लापता होने की शिकायत दर्ज होने के बाद उसका पता लगाया गया और संदेह के आधार पर उससे पूछताछ की गई जिस पर उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।

उत्तरप्रदेश से भाजपा सांसद कोशल किशोर की गृहकलह घर के बाहर आई: बहू अंकिता ने काटी हाथ की नस;पति आयुष किशोर और सास-ससुर पर लगाये गंभीर आरोप attacknews.in

लखनऊ,15 मार्च । उत्तर प्रदेश में लखनऊ के मोहनलालगंज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कोशल किशोर के घर का कलह कम होने का नाम नहीं ले रहा है और अब उनकी बहू अंकिता ने अपने हाथ की नस काटकर आत्महत्या का प्रयास किया।

पुलिस सूत्रों ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंकिता ने कल रात अपने हाथ की नस काट ली और उसके पहले एक वीडियो जारी किया था ,जिसमें उसने अपने पति आयुष किशोर और उसके माता-पिता पर गंभीर आरोप लगाये थे।

उन्होंने बताया कि अंकिता स्कूटी से श्री किशोर के दुबग्गा स्थित घर पहुंची और हाथ की नस काट ली। नस काटने से पहले वायरल वीडियो के बाद काकोरी पुलिस अंकिता की तलाश कर रही थी। हाथ की नस काटने के बाद पुलिस ने अंकिता को सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया है।उसकी हालत खतरे से बाहर है।

इस बीच भाजपा सांसद श्री किशोर ने सोमवार को इस मामले पर सफाई देते हुए यहां कहा कि अंकिता मेरी और विधायक पत्नी की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि बेटे आयुष को उन्होंने पहले ही बेदखल कर दिया था और अब बेदखली के कानून के हिसाब से कार्यवाही हो रही है।

उन्होंने कहा कि अंकिता आत्महत्या की धमकी पहले ही दे चुकी थी और आत्महत्या करना भी कानूनी अपराध है।उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने अंकिता पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे कुछ लोग उकसा रहे हैं।इसकी भी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आयुष किशोर के साले ने ही उसे गोली मारी है और आयुष ने थाने जाकर कल बयान दर्ज कराया था और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

उन्होंने कहा कि दो लड़के उसके साथ आये थे वो कौन थे जो आयुष के बारे में पूछ रहे थे कि आयुष कौन है।आयुष पर अंकिता ने नशा आदि करने के आरोप लगाये है।

उन्होंने कहा कि आयुष पहले तो ऐसा नहीं करता था वो उसके साथ जाकर रहा है तभी नशा करना उसने शुरू किया है।

भाजपा सांसद ने कहा कि अंकिता एक तरफ कह रही है कि हम मर जायेगें और दूसरी तरफ कह रही है कि हम साथ रहना चाहते हैं तो वो केवल हमारी छवि धूमिल करना चाहती है।उसे कानून पर भरोसा नहीं है।उसने जानबूझ कर ये सब किया है।उन्होंने कहा कि कानून पर मुझे भरोसा है और कानून अपना काम कर रहा है।

पहले सांसद के फरार बेटे आयुष ने वीडियो वायरल कर अपनी पत्नी अंकिता पर गंभीर आरोप लगाए। इसके दौरान एक शख्स चंदन गुप्ता का वीडियो सामने आया, जिसने आयुष पर आरोप लगाए।

उधर आयुष के वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस टीम अंकिता के घर पहुंच गई। मडियांव थाने में सांसद की बहू ने अपने पति और ससुर सांसद कौशल किशोर के खिलाफ ही तहरीर दे दी है।

अंकिता ने आयुष और कौशल किशोर से जान का खतरा बताया है, साथ ही आरोप लगाया है कि सांसद उसे फर्जी मामले में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। तहरीर में अंकिता ने पति आयुष और सांसद कौशल किशोर से अपनी जान को खतरा बताया है। पुलिस ने तहरीर लेकर जांच का हवाला दिया है।

अंकिता ने इसके बाद बीजेपी सांसद कौशल किशोर के दबाव में पुलिस पर मुकदमा न दर्ज करने का आरोप लगाया है। उधर मड़ियांव पुलिस ने अंकिता को सुरक्षा दी है। उसकी सुरक्षा में 4 महिला पुलिसकर्मी तैनात की गई हैं।

बता दें इससे पहले फरार आयुष ने वीडियो वायरल कर बताया कि उसने खुद पर गोली नहीं चलवाई थी। आयुष ने कहा कि खुद पर गोली चलवाने का रिस्क नहीं ले सकता था, क्योंकि थोड़ा सा‍ भी इधर-उधर हो जाता तो जान भी जा सकती थी।

आयुष ने कहा कि पत्नी अंकिता ने हनीट्रैप के जरिए फंसाया। ऐसा वह कई अन्य लोगों के साथ भी कर चुकी है। आयुष ने वीडियो में कहा कि वह लखनऊ आ रहा है और सरेंडर भी करेगा।

आयुष की मांग है कि पुलिस पत्नी अंकिता से भी पूछताछ करे। वह सारे सवालों के जवाब देने को तैयार है। पुलिस हम दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करे। आयुष ने अंकिता और उसके परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि 7 महीने पहले मेरी अंकिता से मुलाकात हुई थी। फिर दूसरे दिन वह मुझसे फिजिकल हो गई और शादी का दबाव बनाने लगी। मैं उसके प्यार में पागल था, इसलिए घरवालों के खिलाफ जाकर शादी कर लिया।

वहीं इस वीडियो वायरल होने के बाद चंदन गुप्ता नामक युवक का वीडियो वायरल हुआ।चंदन का दावा है कि उसे फंसाने के लिए आयुष ने ख़ुद पर गोली चलवाई थी।

बता दें आयुष के साले आदर्श ने अपने बयान में चंदन का नाम लिया था। चंदन का कहना है कि सांसद बेटे का रौब दिखा आयुष ने उससे पैसे लिए। उसने गाड़ी लेने के लिए 4.70 लाख और 53 हजार आई फोन के लिए वसूले। बाद में गाड़ी अपने नाम करा ली।

चंदन के अनुसार उसने जब पैसे वापस मांगे तो फंसाने की धमकी आयुष ने दी। वह आयुष की वजह से परेशान है। आयुष ने उससे 7 से 8 लाख रुपए लिए। पैसा वापस मांगने पर मुझे फंसाने की कोशिश की गई। चंदन ने कहा कि पुलिस और मीडिया का धन्यवाद। लेकिन आयुष के साथी मुझे अभी भी धमका रहे हैं। वहीं आयुष की मां विधायक जयदेवी ने कहा कि आयुष को फंसाया गया है. आयुष 19 साल का है और वह लड़की लगभग 25 साल की है। वह औरत बहुत तेज तर्रार है। उसने यह देखा कि बाप सांसद और मां विधायक है इसलिए उसने इतनी बड़ी साजिश रची। पूरे मामले की जांच चल रही है। अब देखना यह है कि इस पूरे मामले पर क्या कार्रवाई होती है? वो पहले से शादीशुदा है, उसका बच्चा भी है। उसने पूरे मामले पर सबको फंसाया है।

मुंबई पुलिस के ASI संजय वाजे निलंबित: NIA ने मुकेश अंबानी के निवास के नजदीक जिलेटिन लदी कार मामले में अपराधी बनाया;‘मुठभेड़’ में 63 कथित अपराधियों को मार गिराने वाला अधिकारी कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या में उलझा attacknews.in

मुंबई, 15 मार्च । मुंबई पुलिस ने सोमवार को सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को निलंबित कर दिया।

यह कदम दक्षिण मंबई स्थित उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से लदी कार मिलने की जांच कर रही एनआईए द्वारा वाजे को गिरफ्तार किए जाने के बाद उठाया गया।

पुलिस उपायुक्त एस चैतन्य ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘पुलिस विशेष शाखा के अतरिक्त आयुक्त के आदेश पर सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को निलंबित किया गया है।’’

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास 20 जिलेटिन छड़ों के साथ मिली स्कॉर्पियों कार के मामले की जांच कर रही है और इसी सिलसिले में शनिवार रात को वाजे की गिरफ्तारी की थी।

वाजे (49) को ‘मुठभेड़’ में 63 कथित अपराधियों को मार गिराने का श्रेय दिया जाता है। उनपर ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन की कथित हत्या को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। अंबानी के घर के पास मिली स्कॉर्पियों एसयूवी कार हिरन की ही थी और पांच मार्च को ठाणे जिले के क्रीक में वह मृत मिले थे।

मुंबई की अदालत ने रविवार को वाजे को 25 मार्च तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।

पुलिस ने इससे पहले बताया कि वाजे को भारतीय दंड संहिता की धारा-286 (विस्फोटक सामग्री के संबंध में लापरवाही), धारा-465 (फर्जीवाड़ा), धारा-473 (फर्जीवाड़ा करने के इरादे से जाली मुहर रखना या बनाना), धारा- 506(2)आपराधिक उद्देश्य, धारा-120बी (आपराधिक साजिश) और विस्फोटक अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।

हिरासत में लेने के लिए एनआईए की ओर दिए गए आवेदन में कहा गया कि चश्मदीदों के बयान से वाजे की मामले में संलिप्तता प्रतीत होती है।

वाजे 1990 के राज्य काडर के अधिकारी हैं। उन्हें वर्ष 2004 में घाटकोपर धमाके के संदिग्ध ख्वाजा यूनिस की हिरासत में हुई मौत मामले में भी निलंबित किया गया था लेकिन पिछले साल उन्हें बहाल कर दिया गया।

जयपुर में पुलिस कमिश्नर कैलाश बोहरा शिकायत करवाने आई महिला रिश्वत नहीं दे पाई तो उसके सुंदर शरीर की मांग करके,करता रहा बलात्कार attacknews.in

जयपुर 14 मार्च । राजस्थान की राजधानी जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा एक पुलिस अधिकारी को एक मामले में महिला से अस्मत मांगने पर गिरफ्तार करने का मामला सामने आया है।

ब्यूरो के महानिदेशक बी एल सोनी के अनुसार इस मामले में जयपुर शहर (पूर्व) जिले की महिला अत्याचार अनुसंधान शाखा के प्रभारी सहायक पुलिस आयुक्त कैलाश बोहरा को आज गिरफ्तार किया गया।

आरोपी ने दुष्कर्म के मामले की जांच के लिए पीड़िता से पहले रिश्वत मांगी, रिश्वत नहीं मिलने पर पीड़िता को बार बार जांच के नाम पर कार्यालय बुलाकर अस्मत मांगना शुरु कर दिया और परेशान करने लगा। इससे परेशान होकर पीड़िता ने ब्यूरो में इसकी गत छह मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी।

इस पर ब्यूरो ने सत्यापन कराकर रविवार को जब आरोपी ने पीड़िता को छुट्टी के दिन कार्यालय बुलाया और अंदर से कमरा बंद कर लेने के बाद इशारा मिलने पर मौके पर पहुंच कर बोहरा को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया।

उल्लेखनीय है कि महिला ने जवाहर सर्किल थाने में एक युवक तथा अन्य लोगों के खिलाफ दुष्कर्म, धोखाधड़ी सहित तीन मुकदमे दर्ज कराए थे, इनकी जांच बोहरा कर रहे थे। ब्यूरो टीम आरोपी के निवास एवं अन्य ठिकानों की भी तलाशी ले रही है।

सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद NIA ने मुकेश अंबानी के निवास के नजदीक जिलेटिन लदी कार मिलने के पहले इसके पीछे चल रही “पुलिस”लिखा हुआ “इनोवा” कार जब्त की attacknews.in

मुंबई, 14 मार्च । उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी कार मिलने के मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय अभिकरण एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को एक सफेद इनोवा कार जब्त की।

पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह वही इनोवा कार है जो विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो एसयूवी का पीछा कर रही थी। विस्फोटक से भरी वह स्कॉर्पियों एसयूवी 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई स्थित मुकेश अंबानी के घर के नजदीक खड़ी की गई थी।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इनोवा पर ताड़देव आरटीओ का पंजीकरण नंबर ‘एमएच 01 जेड ए 403’ है और गाड़ी के पिछली विंडशील्ड पर ‘पुलिस’ लिखा है। इसे एक वैन की मदद से पेडर रोड स्थित एनआईए के दफ्तर लाया गया है। इससे कुछ घंटों पहले ही मामले में केंद्रीय एजेंसी ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया है।

एनआईए ने मुकेश अंबानी के घर के पास से विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो मिलने के मामले में 12 घंटे की पूछताछ के बाद शनिवार देर रात वाजे को गिरफ्तार किया।

स्कॉर्पियो अंबानी के घर के पास कारमाइकल रोड पर 25 फरवरी को खड़ी मिली थी। इस वाहन में जिलेटिन की कुछ छड़ें और एक धमकी भरा पत्र मिला था।

वाजे ‘मुठभेड़ विशेषज्ञ’ हैं। वह ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं। उक्त स्कॉर्पियो हिरन के पास थी। हिरन पांच मार्च को ठाणे जिले में मृत पाए गए थे।

महाराष्ट्र आतंकवाद-निरोधक दस्ता (एटीएस) हिरन हत्या मामले की जांच कर रहा है। हिरन का शव मिलने के कुछ दिन बाद एटीएस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

हिरन की पत्नी ने पति की रहस्मय परिस्थितियों में मौत के मामले में वाजे के शामिल होने का आरोप लगाया है।

मध्यप्रदेश की कैबिनेट मंत्री मीना सिंह के भाई रज्जन ने “गर्ल्स होस्टल” में घुसकर अधीक्षका को पकड़कर छेड़छाड़ कर बीच सडक पर कपड़े उतारने की धमकी दी,पुलिस ने किया गिरफ्तार attacknews.in

उमरिया/भोपाल 14 मार्च । उमरिया जिले के नौरोजाबाद पुलिस थाना के बेलसरा गांव के कन्या छात्रावास की अधीक्षिका ने मंत्री के भाई पर छेड़खानी का आरोप लगाया है, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

मध्यप्रदेश की आदिम जाति कल्याण व जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री मीना सिंह के भाई राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जन सिंह पर महिला से छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया है।

उमरिया जिले के नौरोजाबाद पुलिस थाना के बेलसरा गांव के कन्या छात्रावास की अधीक्षिका ने मंत्री के भाई पर छेड़खानी का आरोप लगाया है, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

बताया जा रहा है कि आरोपी राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जन ने छात्रावास का गेट खोलकर जबरन अंदर घुसकर फरियादी छात्रावास अधीक्षक के साथ अभद्रता करते हुए धमकी दी। बुरी नीयत से हाथ पकड़कर चौराहे पर निर्वस्त्र करने की धमकी भी दी थी।

उमरिया एसपी द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम गठित की गई, जिसके बाद आरोपी रज्जन सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

इसके साथ ही जिले में राजनीति भी शुरू हो गई है। युवा कांग्रेस ने इस मामले को लेकर शनिवार को धरना-प्रदर्शन किया और ज्ञापन भी सौंपा।

जिले के बेलसरा छात्रावास में महिला अधिकारियों के साथ की गई छेड़खानी, अभद्रता और मारपीट के विरोध में युवा कांग्रेस ने गांधी चौक में धरना-प्रदर्शन कर महामहिम राज्य के नाम का ज्ञापन थाना प्रभारी राकेश उईके को सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया है कि इस मामले को दबाने का प्रयास किया गया।

महिला मंत्री के भाई द्वारा अधीक्षिका के उत्पीड़न का मामला गर्माया, मंत्री से मांगा त्यागपत्र:

इधर मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में राज्य की आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह के भाई द्वारा एक छात्रावास अधीक्षिका के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न की घटना की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने निंदा करते हुए आज कहा कि आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने यहां जारी एक बयान में कहा कि यह घटना साबित करती है कि राज्य में व्याभिचारियों ने सिर उठाना प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्री मीना सिंह के भाई ने महिला अधीक्षक को उत्पीड़ित किया और सड़क पर निर्वस्त्र करने की धमकी तक दे डाली। यह घटना राज्य में ‘कुरुराज’ का स्मरण कराती है।

उत्तरप्रदेश STF ने पापुलर फ्रंट आफ इंडिया का “उस्ताद” शार्प शूटर ट्रेनिंग कमांडर मोहम्मद राशिद को बस्ती से किया गिरफ्तार;मौजूदा हर हथियार चलाने का मास्टरमाइंड और हथियारों की अत्याधुनिक तकनीक का विशेषज्ञ भी attacknews.in

लखनऊ,14 मार्च । उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ट्रेनिंग कमाण्डर मोहम्मद राशिद को बस्ती से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि पीएफआई के कुछ सदस्य आपराधिक षड़यन्त्र के तहत एक आंतकवादी गिरोह बनाकर निकट भविष्य में देश की एकता एवं अखण्डता को चुनौती देने एवं देष की सरकार के विरूद्ध युद्ध छेड़ने तथा समाजिक विद्वेष फैलाने के उद्देश्य से घातक हथियारों एवं शरीरिक प्रशिक्षण दिलाकर उत्तर प्रदेश के कई महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील स्थानों तथा प्रमुख हिन्दु संगठनों के बड़े पदाधिकारियों पर हमला करने की योजना बना रहे है तथा इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भारत के विभिन्न राज्यों में अपने सदस्य बनाकर उन्हें प्रशिक्षित कर रहे है।

उन्होंने बताया कि इस सूचना को विकसित करने के लिये एसटीएफ की तकनिकी विषेशताओं के साथ-साथ संदिग्ध जिलो में मुखबिर सक्रिय किये गये।

मुखबिर से 11 मार्च को सूचना प्राप्त हुई कि ट्रेन द्वारा पीएफआई का ट्रेनिंग कमाण्डर सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ इलाके के अतरी निवासी मोहम्मद राशिद बस्ती से मुम्बई जाने वाला है ।

लेकिन काफी प्रयास के बाद भी उसे लोकेट नहीं किया जा सका।

आज फिर सूचना प्राप्त हुई कि पीएफआई का ट्रेनिंग कमाण्डर मोहम्मद राशिद बस्ती में मौजूद है तथा देर रात लखनऊ के रास्ते मुम्बई भागने वाला है।वह आगामी मिटिंग/ट्रेनिंग सेश्न में भाग लेने वाला है।

इस सूचना पर गोरखपुर एसटीएफ की फील्ड इकाई और मुख्यालय लखनऊ की संयुक्त टीम ने ट्रेनिंग कमाण्डर मोहम्मद राशिद को बस्ती कोतवाली मुडघाट चौराहा के पास आज से गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके कब्जे से फर्जी रुप से बनाया गया आधार कार्ड,एक मूल आधार कार्ड, बस प्रवास कार्ड (मुम्बई) रेलवे स्मार्ट कार्ड , आईसीआईसीआई बैक का डेबिट कार्ड, दो बण्डल देश विरोधी गतिविधियों से सम्बंधित अभिलेख और एक बण्डल ग्रेडिंग रिजल्ट प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवको का बरामद किया गया।

इसके अलावा ऊर्दू/हिन्दी में लिखे विभिन्न अभिलेख बरामद किए।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार पीएफआई के ट्रेनिंग कमाण्डर मोहम्मद राशिद ने पूछताछ पर बताया कि अपनी विचारधारा को फैलाने के लिये वर्ग विशेष के नवयुवको को जो शारीरिक रूप से मजबूत हो, का ब्रेन वास कर उनको विभिन्न हथियारों का प्रशिक्षण देकर देश के किसी कोने में घटना विशेष को अन्जाम देने के लिये तैयार करना इनका मुख्य उद्देश्य था।

गिरफ्तार मोहम्मद राशिद के विरूद्ध कोतवाली बस्ती में धारा 121ए ,420,467,468,471, 120बी भादवि के तहत मामला दर्ज कराया है।

अग्रिम विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

गौरतलब है कि इसके पहले एसटीएफ ने लखनऊ से भी पीएफआई के दो सदस्याें को गिरफ्तार कर बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया था।

यूपी एसटीएफ आईजी अमिताभ यश मानते हैं कि राशिद को घेरने के लिए अगर एसटीएफ टीमें बेहद चौकन्नी नहीं होतीं तो वो अब भी साफ बच निकलता. गिरफ्तारी के बाद उसने माना कि वो यूपी से भागकर मुंबई जाना चाहता था।

राशिद अतरी, थाना शोहरतगढ़, जिला सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी है।यूपी एसटीएफ राशिद की गिरफ्तारी को जहां देशहित में खुद की बड़ी कामयाबी मान रही है,वहीं दूसरी ओर हिंदुस्तान विरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई के आका मोहम्मद राशिद की गिरफ्तारी को अपना बड़ा नुकसान मान रही है।

एसटीएफ के मुताबिक राशिद हाल-फिलहाल मौजूद हर हथियार चलाने का मास्टरमाइंड है. वो हथियारों की अत्याधुनिक तकनीक से भी बहुत अच्छी तरह से वाकिफ है।राशिद ने छोटी उम्र से ही हथियारों को चलाने, बनाने और निशानेबाजी में महारत हासिल कर ली थी।बाद में जब उसे लगा कि अब उसकी हथियारों के मामले में मास्टरी हो गई है तो वो नाम-काम-दाम कमाने के लिए देश-दुनिया में बदनाम पीएफआई से जुड़ गया।

बीते दिनों एसटीएफ ने दिल्ली स्थित पीएफआई के मुख्यालय पर भी छापेमारी की थी. हालांकि उस वक्त पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण हाथ नहीं लगा था।

चाहता था पुलिस गोली चलाए

यूपी एसटीएफ के मुताबिक मोहम्मद राशिद की गिरफ्तारी के वक्त उसके कब्जे से कई सनसनीखेज दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं. आरोपी को रविवार दोपहर बाद करीब दो बजे बस्ती जिले के कोतवाली थाना इलाके के मुडघाट चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया।हालांकि एसटीएफ की पांच टीमें कई महीने से मोहम्मद राशिद का पीछा कर रही थीं. हर बार वो बच निकल जा रहा था।

एसटीएफ राशिद को बिना गोलीबारी के पकड़ना चाहती थी, जबकि राशिद जब-जब एसटीएफ की हद में आता वो पुलिस की तरफ से फायरिंग कर दिए जाने के हालात पैदा कर रहा था।यही वजह थी कि एसटीएफ को एक मोहम्मद राशिद को दबोचने के लिए महीनों का समय लग गया,आखिरकार वो जिंदा ही पकड़ा गया।

पुलिसिया शूटरों को मात देने में माहिर:

मोहम्मद राशिद को बिना किसी खून खराबे के ही जिंदा दबोचने वाली एसटीएफ टीम के एक शूटर के अनुसार, राशिद को इसमें भी महारथ हासिल है कि उसके सामने खड़े इंसान के हाथ में मौजूद हथियार की गोली, उसके बदन में पहुंच कर किस हद तक का असर कर सकती है।राशिद जानता है कि किस एंगल से चली गोली दुश्मन या खुद उसके बदन में कहां जाकर बैठेगी।राशिद हथियारों की जानकारी किस हद तक रखता है, इसका अंदाजा उसके हाथों में हथियार पकड़ने के स्टाइल से ही लग जाता है।

अपराधियों या फिर पुलिस के पास मौजूद शायद ही कोई हथियार होगा, जो राशिद को चलाना ना आता हो। राशिद भले ही उच्च शिक्षित ना हो, मगर वो जानता है कि किस कोण से चलाई गई गोली कहां जाकर फिट बैठेगी।हथियारों की इतनी गहरी जानकारी तो सरकारी शूटरों (पुलिस वालों) को भी शायद ही होती होगी। मोहम्मद राशिद की गिरफ्तारी में पुलिस एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ और गोरखपुर जिला एसटीएफ टीम की हाथ प्रमुख बताया जाता है।

इसलिए सब कहते हैं ‘उस्ताद जी’

कहने को पीएफआई में कारिंदों की कमी नहीं है. मगर मोहम्मद राशिद हथियारों में महारथ हासिल होने के चलते इस तमाम भीड़ से अलग अहमियत रखता है. मोहम्मद राशिद के इसी हुनर के चलते पीएफआई के गुटों में उसे ‘उस्ताद’ के नाम से सब जानते हैं. गैंग में उसके असली नाम से कम ही लोग परिचित हैं. अमूमन पीएफआई के गुर्गों को निशानेबाजी और हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के दौरान खुद की असली पहचान खोलना भी नहीं चाहता।

ऐसा वो खुद की सुरक्षा के लिए करता था, जिससे ऐसा ना हो कि कहीं कोई नया ट्रेनी शूटर उसके असली नाम पते के बारे में जाकर पुलिस को मुखबिरी कर दे. लिहाजा ऐसे में देश भर के पीएफआई के नौसिखिये शूटरों में मोहम्मद राशिद उस्ताद जी के नाम से ही चर्चित है।

एसटीएफ के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि शातिर दिमाग शार्प शूटर मोहम्मद राशिद को हमारी टीमें 11 मार्च 2021 को ही दबोच लेतीं, लेकिन किसी तरह से भनक लग गई और वो साफ बच निकला।

एसटीएफ आईजी अमिताभ यश मानते हैं कि राशिद को घेरने के लिए अगर एसटीएफ टीमें बेहद चौकन्नी नहीं होतीं तो वो अब भी साफ बच निकलता. गिरफ्तारी के बाद उसने माना कि वो यूपी से भागकर मुंबई जाना चाहता था. इसके लिए उसने वाया लखनऊ जाने के रास्ते भी निर्धारण कर लिया था. मुंबई में वो इस बदनाम संगठन के एक विशेष हथियार ट्रेनिंग सेशन (सत्र) में हिस्सा लेने जाना चाहता था।

एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार राशिद युवाओं को बहलाने फुसलाने में भी माहिर है. एक बार कोई युवा उसके पास पहुंच जाए तो वो उसको अचूक निशानेबाज बनाए बिना नहीं छोड़ता है. वो भारत के खिलाफ वर्ग विशेष के युवाओं के दिमाग में जहर घोलने में भी माहिर है. उसके बात करने की शैली इतनी ज्यादा प्रभावशाली है कि जिसके चंगुल में कोई भी तुरंत फंस कर रह जाए.

आरोपी के कब्जे से नकली और असली आधार कार्ड, सीडी, पैन कार्ड, मुंबई का बस-पास, रेलवे का स्मार्ट कार्ड, बैंक डेबिट कार्ड, दो बंडल आपत्तिजनक दस्तावेज, एक बंडल ग्रेडिंग रिजल्ट, जिसमें मोहम्मद राशिद द्वारा प्रशिक्षत गैंग के नये शार्प शूटरों की काबिलियत दर्ज है, उर्दू-हिंदी में लिखे अन्य कई दस्तावेज भी मिले हैं।

सहारनपुर में ATS के हत्थे चढ़े बांग्लादेशी पिता पुत्र को पासपोर्ट अधिनियम उल्लंघन,धोखाधड़ी और जालसाजी आदि धाराओं के साथ लखनऊ की अदालत से भेजा जेल attacknews.in

सहारनपुर 13 मार्च । उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) के हत्थे चढ़े बांग्लादेशी पिता पुत्र को शनिवार को पासपोर्ट अधिनियम उल्लंघन,धोखाधड़ी और जालसाजी आदि धाराओं के साथ लखनऊ की अदालत में पेश किया गया ।

एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक डा वीके गोस्वामी ने बताया कि शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिक पिता-पुत्र से बांग्लादेशी सिम आदि भी बरामद हुए हैं। पिता-पुत्र को लेकर एटीएस आज लखनऊ पहुंची जहां एटीएस थाने में उनके खिलाफ में मुकदमा दर्ज कराकर कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया ।

उन्होने बताया कि करीब 28 वर्ष पूर्व उमर मोहम्मद उस्मान अवैध तरीके से पश्चिमी बंगाल में घुसा और वहां उसने अपने पहचान पत्र,वोटर कार्ड एवं अन्य जरूरी कागजात बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक घोषित करने का काम किया।

वहां से वह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ आ गया जहां उसने पेन कार्ड, आधार कार्ड आदि तैयार करवा लिए और वह भारतीय नागरिक बन गया।उसका लड़का तनवीर 20-22 वर्ष का है।उसका जन्म भारत में ही हुआ।

खुफिया सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद एटीएस की टीम ने सहारनपुर नगर के थाना मंडी के तहत नदीम कालोनी में मुजफ्फर मस्जिद के पास से उन्हें गिरफ्तार किया।

डा. गोस्वामी ने बताया कि गिरफ्तार पिता-पुत्र बांग्लादेश भागने की फिराक में थे हालांकि उस्मान की पत्नी पहले ही बांग्लादेश जा चुकी है।

दोनों बांग्लादेश के ईस्ट ओमानखिल थाना रामू जिला कोकस बाजार के मूल निवासी हैं।

आईजी ने बताया कि एटीएस अफसरों द्वारा शुरूआती पूछताछ में उमर मोहम्मद उस्मान ने बताया कि वे लोग बांग्लादेश के लोगों को भारत में बुलाते थे और फिर उनके अवैध सरकारी कागजात बनवाकर उनको शरण दिलाने का काम करते थे और मोटी रकम लेकर रोजगार मुहैया कराने का भी काम करते थे।

एटीएस इस बात की जानकारी करने का प्रयास कर रही है कि इन लोगों का संपर्क किसी आतंकवादी संगठन से है या नहीं।

सहारनपुर के एसएसपी डा. एस चनप्पा ने कहा कि एटीएस द्वारा अर्जित की गई इस महत्वपूर्ण सफलता के बाद सहारनपुर पुलिस इस तरह के देश विरोधी तत्वों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने का काम करेगी।

सहारनपुर 40 फीसदी मुस्लिम आबादी वाला जिला है।यहां दुनियाभर के इस्लामिक शिक्षा के मदरसे हैं।वुड कार्विंग का बड़ा व्यवसाय है और कई पशुवध शालाएं हैं जहां ये लोग अपनी पहचान छिपाकर नौकरी प्राप्त कर लेते हैं और अपना धंधा और देशविरोधी गतिविधियों का संचालन बखूबी करते रहते हैं।

डेढ़ साल पहले बांग्लादेशी नागरिकों रफीकुल इस्लाम, मोहम्मद अहमद, मोहम्मद मिनहाज, मनीर उद्मान, मोहम्मद इस्माइल को देवबंद से गिरफ्तार किया गया था।

वर्ष 2018 में भी उत्तर प्रदेश एटीएस ने विदेशी नागरिक युसूफ समेत तीन बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की थी।नवंबर-2020 में एटीएस ने इसी मंडी कोतवाली क्षेत्र की कमेला कालोनी से दो बंग्लादेशी इकबाल और फारूक को गिरफ्तार किया था।

जाहिर है सहारनपुर जिला अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों का सुरक्षित शरण स्थली बना हुआ है।

ममता बनर्जी का एक और रिश्तेदार फंसा अवैध कोयला खनन मामले में: सीबीआई ने तृणमूल के सांसद अभिषेक बनर्जी के संबंधी को समन भेजा attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 मार्च । सीबीआई ने अवैध कोयला खनन मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के रिश्तेदार को समन भेजा है।

बनर्जी की पत्नी की बहन मेनका गंभीर के पति अंकुश अरोड़ा और अंकुश के पिता पवन अरोड़ा को पूछताछ के लिए 15 मार्च को जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा गया है।

केन्द्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में बनर्जी की पत्नी रुजिरा और पत्नी की बहन मेनका गंभीर से ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से अवैध कोयला खनन और कोयला चोरी के मामले में पूछताछ की थी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एंव तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी पार्टी के अहम नेता हैं और राज्य में 27 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए जमकर प्रचार भी कर रहे हैं।

बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस 2011 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सत्ता में आई थी और 2016 में भी उसने जीत का सिलसिला जारी रखा था।

हनी ट्रैप गिरोह की तीन महिलाओं सहित चार गिरफ्तार; कोटक महिंद्रा में रिलेशनशिप मैनेजर को नौकरी पर लगाने के लिए सिमरन ने कपडे उतार कर लगा दिया था बलात्कार का आरोप attacknews.in

श्रीगंगानगर,12 मार्च । राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के रावतसर पुलिस ने एक युवक को झांसे में लेकर पांच लाख रूपए का चेक लेने के आराेप में हनीट्रैप गिरोह की तीन महिलाओं सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है।

पुलिस के अनुसार परिवादी लालगढ़ जाटान थाना क्षेत्र के गांव गणेशगढ़ निवासी रिलेशनशिप मैनेजर जमील खां (38) द्वारा कल रात को दी गई रिपोर्ट के आधार पर बंधक बनाकर मारपीट करने और दुष्कर्म के मुकदमे में फंसा देने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान वार्ड नंबर 18 निवासी सुरेश(35), उसकी पत्नी राजबाला(30), बड़ी बहन कमलेश(35) और मूल रूप से पंजाब की निवासी सिमरन सोनी उर्फ मंजू लुहार(30) के रूप में की गई है।

जमील खां ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया है कि वह कोटक महिंद्रा में रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर कार्यरत है।

वह बैंक से गाड़ियां फाइनेंस करवाने का काम करता है।

सिमरन ने कहा कि वह बैंक में नौकरी करना चाहती है।

वापस श्रीगंगानगर जाते उसके घर आकर रिज्यूम ले जाए।

सिमरन सोनी ने वीडियो कॉल पर एक अन्य युवती राजबाला से भी बात करवाई।

राजबाला ने भी रावतसर में चाय पी कर जाने की बात कही।

जमील दोपहर रावतसर में इनके घर पहुंचा।

घर के एक कमरे में सिमरन उसके साथ चिपक कर बैठ गई और कहने लगी कि वह उसे बैंक में नौकरी लगवा दे।

बदले में वह उसकी हर जरूरत पूरी कर दिया करेगी।

यह कहते हुए सिमरन ने कपड़े उतार दिए और नग्न अवस्था में उसके पैरों के पास बैठ गई।

तभी कमरे में राजबाला आ गई।

उसके पीछे एक मोटी सी महिला और एक दुबला पतला व्यक्ति भी आ गया।

सभी धमकाने लगे कि सिमरन से दुष्कर्म किया है।

उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे।

सूत्रों ने बताया कि जमील खां को बंधक बनाकर और दुष्कर्म के मुकदमे में फंसा देने की धमकी देकर उससे लिया गया ब्लैंक चैक, छीनी गई दो हजार की राशि, हाथघड़ी, आधार कार्ड और एटीएम कार्ड आदि बरामद कर लिए गए हैं।

ऑनलाइन करोड़ों की धोखाधड़ी का खुलासा, दो बिहारी ठगोरे गिरफ्तार;देश की नामी कंपनी IFFCO की फ्रेंचाइजी दिलवाने के नाम कर रहे थे ठगी attacknews.in

श्रीगंगानगर,12 मार्च । राजस्थान के चुरू जिले में पुलिस ने ऑनलाइन करोड़ों की धोखाधड़ी किए जाने का खुलासा करते हुए बिहार के दो युवकों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने बताया कि सरदारशहर में एक खाद बीज विक्रेता कपिल कस्वां से ठगी के मामले की तफ्तीश करते हुए पुलिस दल ने बिहार में छापेमारी कर सुशील (27) निवासी सिपाह थाना दीपनगर जिला नालंदा और रमेश कुशवाहा (22) निवासी मदारी थाना शेखपुरा जिला शेखपुरा बिहार को गिरफ्तार किया है।

चुरू जिले में राजगढ़ थाना क्षेत्र के गांव राघाबडी निवासी कपिल जाट ने विगत 27 फरवरी को सरदारशहर थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया कि उसने इफ्फको बाजार डॉट इन पर फ्रेंचाइजी लेने के लिए अप्लाई किया था।

इसके बाद अतुल और आदित्य नामक व्यक्तियों के लगातार फोन आने लगे।

उन्होंने खुद को कंपनी का अधिकारी बताया।

फ्रेंचाइजी लेने की प्रक्रिया बताते रकम बैंक खाते में जमा करवाने के लिए कहा।

अतुल-आदित्य के कहने पर 17 फरवरी को उसने बैंक ऑफ बड़ौदा की साकेत नई दिल्ली शाखा के एक अकाउंट में एक लाख रुपए जमा करवा दिए।

इसके बाद यूको बैंक की शाखा के बताए अकाउंट नंबरों में 10 और 15 लाख रुपए रुपए जमा कराए।

तत्पश्चात 25 फरवरी को उसे और रुपए जमा करवाने के लिए कहा गया।

इस बार फैडरल बैंक का अकाउंट नंबर दिया गया।

इसमें भी पांच लाख रुपए जमा करवा दिए।

कपिल के मुताबिक शुरू में एक लाख जमा करवाने पर उसे डिस्ट्रिक्ट डिस्ट्रीब्यूटरशिप का एक अप्रूवल लेटर जारी किया गया।

इसी के आधार पर उक्त दोनों व्यक्ति उससे लगातार बैंक खातों में राशि जमा करवाते रहे।

बाद में उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है।

पुलिस अधीक्षक के अनुसार इसी बीच इंडियन ओवरसीज बैंक के मैनेजर ने पुलिस को सूचना दी कि जो खाता फ्रिज करवाया गया है,उसमें से रुपए निकलवाने के लिए सुशील नामक युवक बैंक में आया है।

पुलिस टीम ने तुरंत बैंक पहुंचकर सुशील को काबू कर लिया।

उसने विभिन्न एटीएम मशीनों से लाखों रुपए निकालने की बात कबूल की।

सुशील से पूछताछ के बाद रमेश को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

पटना की एक अदालत से 2 दिन का ट्रांजिट रिमांड लेकर पुलिस दल इन दोनों युवकों के साथ आज सरदारशहर पहुंचा।

जबलपुर में मानव तस्कर गिरोह के दो महिला सहित तीन सदस्य गिरफ्तार:आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिला और युवती को नौकरी का झांसा देकर उन्हें राजस्थान में बेच दिया attacknews.in

जबलपुर, 12 मार्च । मध्यप्रदेश के जबलपुर की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिला और युवती को नौकरी का झांसा देकर उन्हें राजस्थान में बेचने वाले एक गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के अनुसार शहर के ग्वारीघाट थानान्तर्गत निवासी 23 वर्षीय युवती 28 जनवरी को घर से लापता हो गयी थी। पति के शराब पीने की लत के कारण वह अपनी दादी के घर आकर रहने लगी थी। महिला के लापता होने की रिपोर्ट उसकी दादी ने अगले दिन थाने में दर्ज करवाई थी। पुलिस ने गुमशुदगी के तहत मामला दर्ज कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया था।

महिला तीन दिन पहले वापस लौटी तो उसने पुलिस को बताया कि 22 फरवरी को भूकंप कालोनी की रहने वाली संतोषी बैरागी (मराठी ) पैसों का लालच देकर मजदूरी के बहाने से राजस्थान कोटा के पास बूंदी ले गयी।

जहां पर जबलपुर निवासी अनिल कुमार बर्मन तथा उसकी पत्नी ज्योति बर्मन उन्हें मिले।

उनके साथ शहर के गढा क्षेत्र में रहने वाली एक महिला थी, जिसके बाद तीनों हम दोनों को बूदी में एक दादा जिसका नाम सुरेश सिह ठाकुर के पास ले गये, जो औरतों को बिकवाने का काम करता था।

मेरे साथ वाली महिला को उन्होने किसी को बेच दिया।

रंग सांवला होने के कारण मेरा सौदा नहीं हुआ, तो संतोषी के साथ उसे वापस जबलपुर भेज दिया।

शहर के मदन महन थाने में 11 मार्च को गढा निवासी 31 वर्षिय महिला ने खुद को बेचे जाने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करवाई।

उसने बताया कि उसका विवाह 15 वर्ष पूर्व हुआ था और 3 वर्ष बाद ही पति से आपसी वाद विवाद कारण अगल रहती है।

वह घरों एवं होटलों मे काम कर जीवन यापन करते करती थी।

नवम्बर 2020 से छोटी लाइन स्थित एक भोजनालय में 200 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से रोटी बनाने का काम करने लगी थी।

होटल में काम करने वाले अनिल बर्मन ने उसे अपनी पत्नी ज्योति बर्मन उनके उसका परिचय संतोषी बैरागी से करवाया था।

तीनों ने उसे विश्वास मे लेकर अच्छी तनख्वाह राजस्थान में नौकरी दिलवाने का आश्वासन दिया था।

नौकरी के लिए राजस्थान जाने से पहले वह अपने 12 साल के बेटो को रीवा स्थित नानी के घर छोड आई थी।

ज्योति बर्मन उसके 26 जनवरी को अपने साथ कोटा लेकर गयी थी।

जहां अनिल बर्मन, संतोषी बैरागी एवं ग्वारीघाट निवासी एक अन्य महिला मिली।

कोटा से दोनों को बूंदी राजस्थान मे किसी सुरेश सिंह के घर ले गये।

सभी ने मिलकर उसका सौदा राजस्थान निवासी जमना शंकर से 2 लाख 80 हजार में कर दिया।

सुरेश सिंह ठाकुर ने अपना कमीशन काट कर बाकी पैसा, अनिल बर्मन, ज्योति बर्मन तथा संतोषी बैरागी दिये।

विरोध करने पर उन्होने धमकाया कि तुम्हारी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है।

जेैसा बोला करो, नहीं तो मारकर फेंक देंगे और तुम्हारे बेटे की भी हत्या करवा देंगे।

वह डर के कारण जमना शंकर के घर बलशाखा राजस्थान चली गयी थी।

जहाॅ दिन भर उससे नौकरों की तरह काम लिया जाता और रात्रि में जमना शंकर के द्वारा दुराचार किया जाता।

एक माह तक उसके साथ जमना शंकर ने दुराचार किया।

उसने बेटे को लाने की बात कहते हुए जमना शंकर को विश्वास में लिया।

जिसके बाद जमुना शंकर ने ट्रेन की टिकट करवा थी और कुछ पैसे देकर जबलपुर भेज दिया।

पुलिस ने ग्वारीघाट तथा मदन महन थाने में अगल-अलग प्रकरण दर्ज कर मानव तस्करी के कारोबार में शामिल बर्मन दम्पति सहित संतोषी को गिरफतार कर लिया है।

राजस्थान निवासी दोनों आरोपियों के गिरफ्तारी के लिए टीम को रवाना किया जा रहा है।

ग्वारीघाट थाना प्रभारी विजय परस्ते ने बताया की पूछताछ के लिए तीनों आरोपियों को रिमांड में लिया जा रहा है।

प्रारंभिक पूछताछ में अनिल वर्मन ने बताया कि पिछले साल राजस्थान धूमने के लिए राजस्थान गया था।

जहां उसकी मुलाकात सुरेश सिंह से हुई थी।

सुरेश ने उसे महिला व युवती की खरीद-फरोख्त के संबंध में जानकारी दी थी, जिसके बाद उससे जुड गया था।

महिला और युवती की खरीद-फरोख्त में सुरेश की भूमिका अहम है।

कानपुर किशोरी गैंग रेप मामले में तीसरा आरोपी भी गिरफ्तार:पीड़ित बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे पिता को पुलिस ने साथ ले जाकर तेज वाहन के सामने धक्का देकर मार डाला और दे दिया घटना का नाम”सड़क हादसा attacknews.in

कानपुर,12 मार्च । उत्तर प्रदेश में कानपुर के सजेती क्षेत्र में नौ मार्च को दर्ज किए गये किशोरी गैंगरेप मामले में पुलिस ने दरोगा के बड़े बेटे आरोपी सौरव यादव को शुक्रवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया ।

पुलिस प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले बृहस्पतिवार को दरोगा के छोटे बेटे दीपू यादव व उसके साथी गोलू को भी पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। गैंगरेप के मामले में तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब जल्द से जल्द अदालत में चार्जशीट दाखिल कर आरोपियों पर कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की तैयारी कर रही है।

कानपुर सामूहिक बलात्कार के बाद पिता की हत्या मामले में 2 पुलिस SI समेत 3 निलंबित:

11 मार्च को इस घटनाक्रम मामले में दो उपनिरीक्षकों समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया ।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं उप महानिरीक्षक डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले सजेती इलाके में किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना पहुई थी, जिसमें गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। इस मामले में पुलिस दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि एक की तलाश जारी है।, जिले जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

किशोरी बलात्कार मामले में दरोगा का छोटा पुत्र गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के कानपुर में सजेती क्षेत्र में किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में दरोगा के छाेटे पुत्र को पुलिस ने गुरूवार को गिरफ्तार कर लिया था ।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि गैंगरेप मामले में पुलिस ने दरोगा के बेटे दीपू यादव को गिरफ्तार कर लिया जबकि उसके साथी गोली यादव को बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस को अब दरोगा के बड़े बेटे सौरव यादव व अन्य आरोपियों की तलाश थी जिसके लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी।

कानपुर में गैंगरेप पीड़ित बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे पिता को पुलिस ने साथ ले जाकर तेज वाहन के सामने धक्का देकर मार डाला था और दे दिया घटना का नाम”सड़क हादसा”,बलात्कारी दरोगा के बेटे को पुलिस नहीं कर सकी थी गिरफ्तारी:

उत्तर प्रदेश में कानपुर के सजेती इलाके में सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे पिता की कल यहां सड़क हादसे में मृत्यु हो गई।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मंगलवार रात एक व्यक्ति ने सजेती थाने में नाबालिग बेटी के साथ बांदा में तैनात एक दरोगा के बेटे और उसके दोस्त पर गैंगरेप का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। पिता का आरोप था कि दरोगा के बड़े बेटे पर मुकदमा दर्ज न कराने का दबाव बनाते हुए थानेदार ने उसके साथ गाली गलौज व जान से मारने की धमकी दी।

उन्होंने बताया कि गैंगरेप की जानकारी होते ही मौके पर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ब्रजेश श्रीवास्तव के साथ सीओ गिरीश कुमार भी थाने पहुंच गए और उन्होंने पीड़िता किशोरी के पिता से बातचीत करते हुए आरोपी दीपू और उसके साथी गोलू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के पांच टीमों का गठन करते हुए जल्द से जल्द गिरफ्तारी के आदेश दिए । पुलिस ने कल सुबह एक आरोपी गोलू यादव को गिरफ्तार भी कर लिया । वही दरोगा का बेटा दीप अभी भी पकड़ में नहीं आया है।

पुलिस के अनुसार गैंगरेप पीड़ित बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे पिता की बुधवार सजेती के अनूपूर चौराहे पर तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से मौके पर ही मृत्यु हो गई। हादसे की जानकारी गांव पहुंचते बड़ी संख्या में गुस्साए ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और कानपुर-सागर राजमार्ग जाम कर हंगामा शुरू कर दिया और पीड़ित के परिवार वालों ने आरोपितों व पुलिस की मिलीभगत से किशोरी के पिता की हत्या का आरोप लगाया है।

सूचना पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन भीड़ ने एक नहीं सुनी। पुलिस के आला अफसर भी घटनास्थल पर पहुंच गए और बेटे की मौत की खबर मिलते ही उसके वृद्ध पिता भी मौके पर पहुंच गया और कहा कि मेरा बेटा और गैंगरेप पीड़ित किशोरी का पिता मंगलवार रात पुलिस के साथ था। कानपुर में मेडिकल परीक्षण के बाद किशोरी और उसके माता-पिता को पुलिस सजेती थाने ले गई थी। रात को किशोरी को घाटमपुर के सरकारी अस्पताल में लाया गया,जिस समय घटना हुई पुलिस साथ में थी। पुलिस ने दारोगा के दबाव में आकर पीड़िता के पिता को बीच सड़क पर धक्का दे दिया,जिससे ट्रक की चपेट में आने से उसी मौत हो गई। वृद्ध पिता का आरोप है कि उसके बेटे की हत्या की गई है और हादसे का रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।

इस बीच पुलिस उपमहानिरीक्षक डा0 प्रीतिंदर सिंह डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने आज बताया कि पंजीकृत अभियोग धारा.376डी (ए), 504, 506 आईपीसी व 5 जी/6पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी गोलू यादव को गिरफ्तार कर लिया जबकि शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गयी है। उन्होंने बताया कि जिस ट्रक की चपेट में आने से पीड़िता के पिता की मृत्यु हुई,उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया है।

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के साथ घटना की जांच के लिए प्रशासनिक कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में अपर पुलिस अधीक्षक के अधीन टीमें गठित कर तथ्यो के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

गौरतलब है कि कानपुर के थाना सजेती के तहत गैंगरेप का एक मामला मंगलवार को थाने पहुंचा था जिसमें गैंगरेप की पीड़िता किशोरी के पिता ने बांदा में तैनात एक दरोगा के बेटे व उसके दोस्त के ऊपर बेटी के गैंगरेप का आरोप लगाया था और वही दरोगा के बड़े बेटे पर मुकदमा दर्ज न कराने का दबाव बनाते हुए गाली गलौज व जान से मारने की धमकी का आरोप भी लगाया था वही गैंगरेप की जानकारी होते ही मौके पर एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव के साथ सीओ गिरीश कुमार भी थाने पहुंच गए थे।

सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस के हाथ एक आरोपी गोलू यादव लग गया लेकिन दरोगा का बेटा दीप पुलिस की पकड़ से भी बाहर है ।

हादसे की जानकारी पर गुस्साए ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और कानपुर-सागर राजमार्ग जाम कर हंगामा शुरू कर दिया और पीड़ित के परिवार वालों ने आरोपितों व पुलिस की मिलीभगत से किशोरी के पिता की हत्या का आरोप लगाया है।

परिजनों का कहना है कि पीड़ित पिता पुलिस के साथ था और सुबह भी दबिश के लिए पुलिस उन्हें साथ लेकर गई थी। ऐसे में ट्रक से कुचलकर उनकी मौत होने से संदेह बना है। परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपियों से मिल रही धमकी के तहत ही पीड़िता के पिता की हत्या की गई है।

परिजनों का कहना है कि पीड़ित पिता पुलिस के साथ था और सुबह भी दबिश के लिए पुलिस उन्हें साथ लेकर गई थी। ऐसे में ट्रक से कुचलकर उनकी मौत होने से संदेह बना है।परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपितों से मिल रही धमकी के तहत ही पीड़िता के पिता की हत्या की गई है।

क्या बोले डीआईजी –

घटना को लेकर डीआईजी कानपुर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि पंजीकृत अभियोग धारा.376डी (ए), 504, 506 IPCव 5G/6पॉक्सो अधि0 में मुख्य अभि.गोलू यादव को गिरफ्तार किया गया व शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु टीमें गठित की गयी है। एवं ट्रक से हुई दुखद: दुर्घटना में अपर पुलिस अधीक्षक के अधीन टीमें गठित कर तथ्यो के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

क्या है मामला –

उत्तर प्रदेश के कानपुर में थाना सजेती के अंतर्गत गैंगरेप का एक मामला देर रात थाने पहुंचा है जिसमें गैंगरेप की पीड़िता के पिता ने बांदा में तैनात एक दरोगा के बेटे व उसके दोस्त के ऊपर बेटी के गैंगरेप का आरोप लगाया है और वही दरोगा के बड़े बेटे पर मुकदमा दर्ज न कराने का दबाव बनाते हुए गाली गलौज व जान से मारने की धमकी का आरोप भी लगाया है।

वही गैंगरेप की जानकारी होते ही मौके पर एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव के साथ सीओ गिरीश कुमार भी थाने पहुंच गए और उन्होंने गैंगरेप पीड़िता किशोरी के पिता से बातचीत करते हुए आरोपी दीपू और उसके साथी गोलू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के पांच टीमों का गठन करते हुए जल्द से जल्द गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं।जिसके बाद आज सुबह गोलू यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।