18 से 44 आयु के कोविड-19 टीकाकरण के लिए नवीन निर्देश जारी,100 % ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन पर किये जायेंगे,शेष वैक्सीन का उपयोग शाम 4 बजे बाद ऑनसाईट बुकिंग के आधार पर किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 27 मई । मध्यप्रदेश में शासकीय संस्थाओं में संचालित किये जा रहे 18 से 44 आयु संवर्ग के कोविड-19 टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक श्रीमती छवि भारद्वाज ने समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला टीकाकरण अधिकारी को नवीन दिशा निर्देश जारी किये हैं।

मिशन संचालक श्रीमती भारद्वाज द्वारा जारी परिपत्र में 18 से 44 आयु संवर्ग के कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्रदेश के 4 महानगरों में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और 12 नगर निगम क्षेत्रों बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सतना, रीवा, देवास, कटनी, खण्डवा, मुरैना, रतलाम, सागर, सिंगरौली एवं उज्जैन में 100 प्रतिशत टीकाकरण ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन के आधार पर किये जायेंगे। स्लॉट बुकिंग के बाद भी लाभार्थी टीका लगाने उपस्थित नहीं होते हैं ऐसी स्थिति में टीकाकरण केन्द्रों पर शेष वैक्सीन का उपयोग शाम 4 बजे के उपरांत ऑनसाईट बुकिंग के आधार पर किया जाए। इसकी संख्या 20 प्रतिशत से अधिक न हो।

मध्यप्रदेश में बुधवार को कोरोना के 2182 नए मरीज आए सामने, 72 की मृत्यु,अबतक संक्रमितों की संख्या 7,71,878 और मृतकों की संख्या 7758 हुई attacknews.in

भोपाल, 26 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले भले ही कम हो रहे हैं, लेकिन संक्रमण के कारण मृत्यु के मामलों में अपेक्षित गिरावट नहीं आ पा रही है।आज भी 72 लोगों की मृत्यु दर्ज की गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 70195 मामलों की जांच में 2182 मामले पॉजीटिव, 68,013 निगेटिव रहे और 198 सैंपल रिजेक्ट किए गए।

इस तरह संक्रमण दर 3़ 1 प्रतिशत रही।

वहीं 7479 संक्रमितों के स्वस्थ होने पर एक्टिव केस की संख्या घटकर 43265 पर आ गयी है।

प्रदेश में 72 संक्रमितों की मृत्यु दर्ज की गयी है, जिसमें पांच पांच मामले भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और सागर जिले में दर्ज किए गए।

इसके अलावा सात लोगों की मृत्यु जबलपुर जिले में हुयी।

राज्य में अब तक कोरोना के कारण 7758 लोगों की मृत्यु दर्ज की गयी।

बुलेटिन के अनुसार सबसे अधिक प्रकरण 623 इंदौर में, 433 भोपाल में, ग्वालियर में 88, जबलपुर में 82, सागर में 108, रतलाम में 52, उज्जैन में 45, दमोह में 38 और बैतूल में 39 मामले दर्ज किए गए।

राज्य में अब तक 7,71,878 व्यक्ति संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 72,0855 कोरोना को मात देने में सफल रहे।

सबसे अधिक सक्रिय मामले इंदौर में 8488, भोपाल में 8244 और ग्वालियर में 2043 हैं।

शेष 49 जिलों में एक्टिव मामले दो हजार से कम ही हैं।

सबसे कम एक्टिव केस 46 अलिराजपुर जिले में हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने संबोधन में कहा: 1 जून से आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी, लेकिन तीसरी लहर भी रोकना जरुरी,सरकार कोविड केयर सेंटर बंद नहीं करेगी attacknews.in

भोपाल, 26 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर काफी हद तक नियंत्रण में आने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि एक जून से आर्थिक गतिविधियां भी धीरे धीरे प्रारंभ की जाएंगी, लेकिन निकट भविष्य में कोरोना की तीसरी लहर रोकना भी जरुरी है।

श्री चौहान ने शाम को प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने बार बार जोर देकर कहा कि सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए रोड मैप बनाया है, लेकिन प्रत्येक नागरिक, धर्म गुरुओं और स्वैच्छिक संगठनों को भी कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की अपनी जिम्मेदारी निभाना है।

तीसरी लहर नहीं रोक पाए, तो फिर भयानक स्थिति बन जाएगी।

साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन कोरोना रोकने संबंधी अनुशासन का पालन करके हम इसे रोक सकते हैं।

श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं और सरकार अनुशासन तथा कोरोना संबंधी नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए कोरोना संक्रमण काबू रखने का क्रम रोकेगी नहीं।

लेकिन शादी विवाह, सार्वजनिक, धार्मिक और भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर अंकुश बेहद जरुरी हैं।

इस कार्य में धर्म गुरु और प्रभावी व्यक्ति अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।

सरकार कोविड केयर सेंटर बंद नहीं करेगी।

स्वास्थ्य संबंधी अन्य सुविधाएं भी और बढ़ाने का प्रयास रहेगा।

प्रतिदिन 70 हजार से अधिक टेस्टिंग जारी रखने का प्रयास भी होगा।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि आगामी कुछ समय तक काेरोना वायरस रहेगा ही और हमें उसके साथ रहकर अनुशासन के साथ जीने की आदत बनाना होगी।

अन्यथा इसकी कीमत चुकाना होगी।

मध्यप्रदेश पिछले एक वर्ष से अधिक समय से कोरोना के प्रकोप को झेल रहा है, लेकिन मार्च के बाद अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर ने सभी 52 जिलों में जबर्दस्त तबाही मचायी और लोगों के बीच हाहाकार मच गया था।

मई माह के तीसरे सप्ताह से स्थितियां नियंत्रित होना प्रारंभ हुयी और अब औसत संक्रमण दर पांच प्रतिशत के अंदर आ गयी है।

यह दर 25 प्रतिशत को भी पार कर गयी थी।

कुछ जिलों में संक्रमण दर 50 प्रतिशत से भी अधिक थी।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश उस स्थिति से भी गुजरा है, जब अस्पतालों के सभी बिस्तर भरे थे।ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए दिन-रात एक करने पड़ रहे थे। कितने ही लोगों को ऑक्सीजन लगी, कुछ लोग वेन्टीलेटर पर चले गए और कुछ लोग तो इस दुनिया से ही चले गए। क्या हम इस कष्ट को फिर से देखना चाहते हैं। इसीलिए सावधानी की रखने की

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू धीरे-धीरे खोला जाएगा। कौनसी गतिविधि कब आरंभ होगी। यह ग्राम, वार्ड, ब्लाक, नगर और जिला स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ तय करेगी। अलग-अलग जिलों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग व्यवस्थाएँ होंगी। यह भी स्थानीय स्तर पर ही तय होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में संक्रमण नियंत्रण के लिए जन-समुदाय के सहयोग का मॉडल प्रभावी रहा है। आज बुद्ध पूर्णिमा है। प्रदेश को कोरोना मुक्त करने का संकल्प प्रदेशवासी लें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों के नाम जारी संदेश में कहा कि कहा है कि आज बुद्ध पूर्णिमा है। आज ही के दिन बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। भगवान बुद्ध ने कहा था- सर्वं दु:खं, दु:ख समुदय, दु:ख निरोध और दु:ख निरोध गामिनी प्रति पथ अर्थात दु:ख है़, दु:ख का कारण है और कारण का निवारण भी किया जा सकता है। हमें बुद्ध के बताए मध्यम मार्ग पर चलते हुए अनुशासित जीवन जीना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज कोरोना संकट ने मानवता को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है। कोरोना वायरस के फैलने के कारण का निवारण किया जा सकता है। प्रदेश में सरकार के प्रयास और सभी के सहयोग से कोरोना संक्रमण अब नियंत्रण की स्थिति में है। रिकवरी रेट 93.39 प्रतिशत है, लेकिन सावधानी रखना बहुत जरूरी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रकरणों संक्रमण में तेजी से गिरावट- शिवराज

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के प्रकरणों में तेजी से गिरावट आ रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि अब प्रदेश के 45 जिलों में कोरोना संक्रमण पॉंच प्रतिशत से कम है। संक्रमण की दृष्टि से प्रदेश का देश में 19 वाँ स्थान है। आगामी 31 मई तक प्रदेश में कोरोना संक्रमण शून्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

कोरोना अनलॉक के लिए मंत्री समूह की बैठक 27 मई को

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में कोरोना कर्फ्यू को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए विचार-विमर्श हेतु मंत्री समूह की बैठक 27 मई को सुबह 11:30 बजे मंत्रालय में आहूत की गई है।

अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (गृह) अशोक अवस्थी ने बताया है कि बैठक के सम्बंध में मंत्री समूह के सभी मंत्रियों को आवश्यक सूचना भेज दी गई है।

डॉ. राजौरा ने बताया है कि बैठक में जून माह से कोरोना कर्फ्यू को सुनियोजित रूप से चरणबद्ध प्रक्रिया के अनुरूप समाप्त किए जाने पर चर्चा होगी।

उन्होंने बताया कि अनलॉक के साथ सामान्य जनजीवन बहाल किए जाने के लिए प्रस्तावित रणनीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मंत्री समूह द्वारा आवश्यक विचार विमर्श किया जाएगा ।

कोरोना संक्रमण की चपेट में आजम खान की हालत फिर बिगड़ी, आईसीयू में शिफ्ट attacknews.in

लखनऊ 26 मई । समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद मोहम्मद आजम खां की तबीयत बिगड़ने से उन्हे आईसीयू में एक बार फिर शिफ्ट कर दिया गया है।
सपा के 72 वर्षीय बुजुर्ग नेता और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को कोरोना संक्रमण के कारण पिछली नौ मई को लखनऊ के मेंदाता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल द्वारा बुधवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में बताया गया कि श्री खां के फेफड़ों में पोस्ट कोविड फाइब्रोसिस, कैविटी और चेस्ट इन्फेक्शन पाया गया जिसके बाद उन्हे दोबारा आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।

उनको 3-4 लीटर ऑक्सीजन रिक्वायरमेंट के साथ डाक्टरों की गहन निगरानी में रखा गया है।

चिकित्सकों के अनुसार श्री खां की तबीयत क्रिटिकल लेकिन नियंत्रण में है।

हालांकि उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम की स्थिति संतोषजनक है।

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने मार्च और अप्रैल के महीनों में कोरोना से हजारों मौतों के आंकड़े छुपाने से इंकार करके कहा कि;कोरोना से 5 हजार के पार मौतें हुई बाकी अन्य कारणों से मरे attacknews.in

जयपुर, 26 मई । राजस्थान में वैश्विक महामारी कोरोना से पिछले दो महीनों में ही पांच हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि इससे पहले तेरह महीनों में लगभग तीन हजार मरीजों की मृत्यु हुई।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के अनुसार गत वर्ष मार्च से लेकर अब तक प्रदेश में कोरोना से 7911 मौतें हुई हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया कि कोविड-19 से अप्रैल और मई में अब तक सर्वाधिक 5093 मौतें हुई हैं। इससे पूर्व के पिछले वर्ष मार्च से गत मार्च तक तेरह महीनों में 2818 मौतें हुईं। इनमें गत वर्ष अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर एवं नवम्बर के चार माह में 1632 मौतें हुई और शेष नौ महीनों केवल 1186 कोरोना मरीजों की जान गई।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों में कोविड से होने वाली हर एक मौत का रिकॉर्ड रखा जाना सुनिश्चित कर रही है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ की कोई संभावना नहीं है। हमारा कोविड की पहली लहर के समय से ही प्रयास रहा है कि पॉजिटिव मामले से लेकर मृत्यु तक आंकड़ों में स्पष्टता रहे। किसी स्तर पर कोई हेर-फेर नहीं हो, इस संबंध में निचले स्तर तक सख्त निर्देश दिए गए हैं। हमें आंकड़ों की नहीं प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि राजस्थान एक बड़ा प्रदेश है, जिसकी जनसंख्या करीब आठ करोड़ है। ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों में कोविड के अतिरिक्त अन्य बीमारियों, दुर्घटनाओं, आयु एवं अन्य कारणों से मौतें होना स्वाभाविक है। ऐसी मौतों को कोविड से जोड़ना उचित नहीं है।

उन्होंने बताया कि प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयासों के कारण प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले मृत्यु दर कम रही है और गत वर्ष मार्च से लेकर अब तक प्रदेश में कोरोना से 7911 मौतें हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार को प्रदेश में लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में विफल बताते हुए कोरोना संक्रमित मौतों के वास्तविक आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया था।

राजस्थान में मौतों के आंकड़े छुपाने की परंपरा नहीं-गहलोत

इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट किया है कि राज्य में मौतों की संख्या छिपाने की परम्परा नहीं है। हमें आंकड़ों की नहीं, प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है। हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ समाज के सभी वर्गों के सहयोग से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है।

श्री गहलोत ने प्रदेश भाजपा के कोरोना के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाने के बाद यह बात कही।

उन्होंने निर्देश दिए है कि प्रदेश में कोरोना से मृत्यु के मामलों की ऑडिट कराएं, ताकि कोविड और नॉन कोविड मौतों की वास्तविकता का पता चले और कोविड पीड़ित परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के संबंध में निर्णय लिया जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की युवा आबादी के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार के साथ समन्वय सहित सभी स्तर पर प्रयास करें, ताकि वैक्सीनेशन का काम तेजी से आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण टीकाकरण संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव में मदद करेगा।

मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट 93़ 3 प्रतिशत हुआ; शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि;आगामी 1 जून से कोरोना कर्फ्यू में क्रमिक रियायतें देकर अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 26 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थितियां निरंतर नियंत्रण की ओर बढ़ने के बीच आगामी एक जून से कोरोना कर्फ्यू में क्रमिक रियायतें देकर अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ट्वीट के जरिए लिखा है ‘मेरे प्रिय भाइयों बहनों, भांजे भांजियों, कोविड के विरुद्ध मध्यप्रदेश जीत की ओर तेजी से अग्रसर है। जीवन को पटरी पर लाने के लिए 01 जून से अनलॉक की प्रक्रिया के लिए आपके सुझाव आमंत्रित हैं। आप 31 मई तक मप्र सरकार के पोर्टल, व्हाट्एप या ईमेल के माध्यम से भी अपने अमूल्य विचार हमसे साझा कर सकते हैं।’

इस बीच सोमवार से कम संक्रमण वाले झाबुआ, अलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड जिलों में कोरोना कर्फ्यू में रियायत देने का कार्य प्रारंभ हुआ है। इनके अनुभव के आधार पर भी अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य में सभी 52 जिलों में पिछले माह से कोरोना कर्फ्यू लागू हैं और उक्त पांच जिलों के अलावा शेष सभी में 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा।

वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यहां मीडिया से कहा कि राज्य में आज कोरोना संक्रमण के 2189 नए मामले आए और 7486 व्यक्ति स्वस्थ हुए। स्वस्थ होने वालों की दर (रिकवरी रेट) बढ़कर 93़ 3 प्रतिशत हो गयी है और संक्रमण दर 3़ 11 प्रतिशत है। मात्र तीन जिले भोपाल, इंदौर और सागर ऐसे हैं, जहां पर संक्रमण दर 05 प्रतिशत से ऊपर है। शेष जिलों में संक्रमण दर 5 प्रतिशत से कम है।

श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में कोरोना के इलाज संबंधी पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। अब हम सभी धीरे धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहे हैं। हम लोगों को भी कोरोना के साथ रहने की आदत डालना चाहिए। इसके अलावा सभी लोग कोरोना का टीका भी लगवाएं।

उन्होंने देश में कोरोना वैक्सीन जल्दी विकसित होने की बात करते हुए कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं, जिनके मजबूत इरादों के कारण यह संभव हो सका।

पीएम केयर और सार्वजनिक उपक्रम कोष से देशभर में 1500 ऑक्सीजन संयंत्र किए जा रहे हैं स्थापित: संयंत्र के नज़दीक ही कोविड सेंटर भी तैयार किए जाएँगे attacknews.in

शिमला, 26 मई ।केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कोरोना आपदा की दूसरी लहर को देखते हुये प्रधानमंत्री केयर और सार्वजनिक उपक्रम कोष देशभर में 1500 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किये जाएंगे।

श्री ठाकुर ने आज यहां एक वक्तव्य में कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर देशभर में मरीजों को ऑक्सीज़न की जरूरत बढ़ी है तथा केंद्र सरकार युद्धस्तर पर इसे उपलब्ध करा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री केयर और सार्वजनिक उपक्रम कोष से देशभर में 1500 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं।ऑक्सीजन संयंत्र के नज़दीक ही कोविड सेंटर भी तैयार किए जाएँगे।

मरीजों को जल्द ऑक्सीज़न मुहैया कराने के लिये सरकार वायुसेना और ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेल का सहारा ले रही है।गत दो सप्ताह से राज्यों को मांग के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में युद्धस्तर पर काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा “केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने एक सुगम और व्यवस्थित तंत्र के जरिए विश्व समुदाय की ओर से आने वाली सहायता को राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में तेजी से वितरित करने के लिए निर्बाध रूप से सहयोग किया है।

27 अप्रैल से लेकर अब तक कुल मिलाकर 17,755 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, 16031 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 13,449 वेंटिलेटर, 6.9 लाख रेमडिसिविर के टीके सड़क और हवाई मार्ग के जरिए भेजे जा चुके हैं।

मध्यप्रदेश में मंगलवार को मिले चौबीस सौ से अधिक कोरोना मरीज, 68 की मौत;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,69,696 और मृतकों की संख्या 7686 हुई attacknews.in

भोपाल, 25 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में प्रतिदिन सुधार आ रहा है।राज्य की पॉजिटिविटी दर घटकर 3.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

मध्यप्रदेश के लिए राहत की खबर है कि कोरोना संक्रमण दर 20 प्रतिशत से घटकर अब 3़ 3 पर पहुंच गयी है।

साप्ताहिक प्रकरणों की संख्या घटकर 26978 हो गई है।

प्रदेश के सभी 52 जिलों में संक्रमण अब 10 फीसदी नीचे आ गया है तथा 07 जिलों इंदौर,भोपाल, सागर, रतलाम, रीवा, अनूपपुर तथा सीधी में ही साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 5 फीस से अधिक है।

प्रदेश के 45 जिलों में संक्रमण 5 फीसदी व कम है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले में 71,416 लोगों की जांच की गई।

इस जांच सैंपल रिपोर्ट में 2,422 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।

जबकि 68,994 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाये गये और 138 कोरोना टेस्ट रिजेक्ट हुए है।

आज पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 3़ 3 प्रतिशत दर्ज की गयी।

कोरोना संक्रमण की चपेट में आये 7,373 लोग आज संक्रमण से मुक्त होकर घर रवाना हुए है।

अब राज्य भर में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 48,634 पहुंच गयी है।

प्रदेश में अब तक 7,69,696 लोग संक्रमित हो चुके है।

राहत की खबर है कि इनमें से अब तक 7,3376 लोग ठीक होकर घर पहुंच गये है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 7686 लोगों की जान ले चुका है।

आज 68 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।

राज्य 52 जिलों में आज भी सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज इंदौर जिले में मिले हैं।

इंदौर जिले में आज 648 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं दूसरे स्थान पर भोपाल जिले में 529 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 90, जबलपुर में 115, सागर में 78 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 4 से लेकर 90 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

कोविड के लिए उपयुक्त व्यवहार का पालन करने से अहमदनगर जिले का एक और गांव कोविड मुक्त हो गया;ग्रामीणों के व्यवहार में परिर्वतन लाने में ग्राम पंचायत की अहम भूमिका रही attacknews.in

अहमदनगर 25 मई ।जब पूरा देश कोविड-9 की दूसरी लहर से जूझ रहा है, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक छोटे से गांव-भोयारे खुर्द के लोगों ने कोरोना के खिलाफ व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाकर जिसमें कोविड संक्रमण को रोकने के लिए उपयुक्त व्यवहार को अपनाकर, नियमित स्वास्थ्य जांच कर और संक्रमित लोगों को क्वारंटाइन (अलग) कर न सिर्फ कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में सफल हुए हैं बल्कि पूरे गांव को कोविड से मुक्त भी करने में सफल हुए हैं।

हिवारे बाजार के नक्शेकदम पर चलते हुए, जिसकी सफलता की कहानी पहले से ही लिखित है, 1,500 लोगों की आबादी वाले इस छोटे से गांव ने दिखाया है कि लोगों के सामूहिक प्रयासों में कोविड-19 संक्रमण को बिल्कुल खत्म किया जा सकता है और पूरे गांव को कोरोना से मुक्त बनाया जा सकता है।

अहमदनगर शहर से लगभग 20 किमी की दूरी पर, भोयारे खुर्द एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित गांव है। सूखाग्रस्त क्षेत्र होने के कारण बहुत सारे ग्रामीण रोजगार की तलाश में मुंबई और अन्य बड़े शहरों में पलायन कर गए हैं। हालांकि, राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद अधिकांश श्रमिक अपने पैतृक गांव वापस आ गए हैं।

शुरुआती चरण में जब गांव में 3 से 4 कोविड-19 मामलों का पता चला तो ग्राम पंचायत और स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित रोगियों वाले परिवारों के लिए एंटीजन किट से परीक्षण करना शुरू कर दिया। संदिग्धों और कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों को तुरंत क्वारंटाइन (अलग) कर दिया गया।

इसके बाद ग्रामीणों ने अपने गांव को कोरोना मुक्त रखने के लिए कुछ पहल की शुरुआत की जिसके तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार आशा एवं आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के सहयोग से गांव के सभी परिवारों की समय-समय पर जांच की गयी।

गांव के इलाज में शामिल डॉ. सविता कुटे ने बताया कि अगर बुखार, खांसी या थकान जैसे लक्षण देखे गए, तो ऐसे लोगों को तुरंत एंटीजन परीक्षण किया गया और उन्हें आइसोलेशन में रखा गया। इसके साथ ही गांव के मंदिरों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया जहां हर सुबह और शाम को कोविड के उचित व्यवहार के बारे में संदेश देने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता था। ग्रामीणों को इस बीमारी के बारे में बताया गया और मौजूदा महामारी की स्थिति में अपना और अपने परिवार की देखभाल कैसे की जाए, इसके बारे में जानकारी दी गई।

केंद्र और राज्य सकरार की ओर से कोरोना के प्रसार राकने के लिए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना, बार-बार हाथ धोना, नियमित स्वास्थ्य जांच और लोगों को क्वारंटीन जैसे कोविड उपयुक्त व्यवहार संदेशों को बार-बार दोहराया गया।

राज्यव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद, भोयरे खुर्द ग्राम पंचायत ने कोविड के प्रसार की जांच के लिए “गांव बंद” पहल को लागू किया।

सरपंच राजेंद्र आंबेकर ने कहा, संदिग्ध व्यक्तियों को गांव में स्थापित एक आइसोलेशन सेंटर में रहने के लिए राजी किया गया, जिससे चेन तोड़ने में मदद मिली और इससे मई महीने तक गांव कोरोना मुक्त हो गया। आंबेकर ने कहा, “अगर दूसरे गांव हमारे गांव के उदाहरण का अनुसरण करते हैं, तो उन्हें कोविड-19 से मुक्त होने में देर नहीं लगेगी।”

ग्राम सेवक नंद किशोर देवकर ने शुरुआती दौर में सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताते हुए, कहा, “शुरुआत में गांव के लोगों को अपने परिवारों से दूर रहने के लिए राजी करना बहुत मुश्किल था। लेकिन धीरे-धीरे उन्हें खतरा समझ में आ गया और हमारे लिए संक्रमित लोगों को क्वारंटाइन करना आसान हो गया।

मध्यप्रदेश में कोरोना नियंत्रण रणनीति निर्धारण के लिये पाँच मंत्री-समूह गठित:जिला,विकासखंड और ग्राम तथा नगर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों से सलाह-मश्विरा कर अनुशंसाएँ सरकार को प्रस्तुत करेंगी attacknews.in

भोपाल 24 मई ।राज्य शासन द्वारा कोविड संक्रमण के नियंत्रण के लिये आगामी रणनीति निर्धारित करने मंत्रि-परिषद सदस्यों के पाँच मंत्री-समूहों का गठन किया गया है। यह समितियाँ आवश्यकतानुसार जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी, विकासखंड क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी और ग्राम तथा नगर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी से सलाह-मश्वरा कर अपनी अनुशंसाएँ सरकार को प्रस्तुत करेंगी।

मेडिकल ऑक्सीजन

प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भविष्य की रणनीति निर्धारण के लिये आवश्यक सुझाव देने मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, राजस्व, परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा, सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद भदौरिया, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव और औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव हैं।

टीकाकरण कार्य

प्रदेश में कोविड संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिये प्रदेश में शत-प्रतिशत टीकाकरण को संपादित कराने के उद्देश्य से सुझाव प्रस्तुत करने के लिये मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पशुपालन एवं डेयरी, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त कल्याण मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल, पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल हैं।

कोरोना कर्फ्यू

प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू को चरणबद्ध प्रक्रिया से समाप्त करने और सामान्य जन-जीवन बहाली के संबंध प्रस्तावित रणनीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिये सुझाव प्रस्तुत करने के लिये मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह मांडवे, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह सिसोदिया, सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद भदौरिया, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग, लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री सुरेश धाकड़ हैं।

कोविड अनुकूल व्यवहार

प्रदेश में आम नागरिकों में कोविड अनुकूल व्यवहार के सुनिश्चयन के लिये प्रचार-प्रसार, पर्यवेक्षण एवं जागरूकता के लिये आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करने के लिये मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें जल संसाधन, मुछआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, वन मंत्री श्री विजय शाह, वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, पर्यटन, संस्कृति, अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर और सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया हैं।

जन-जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार

प्रदेश में कोविड संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जन-जागरूकता एवं आवश्यक प्रचार-प्रसार के सुनिश्चयन के उद्देश्य से भविष्य की रणनीति के लिये आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करने के लिये मंत्री-समूह का गठन किया गया है। इसमें गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मंत्री चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पर्यटन, संस्कृति, अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), सामान्य प्रशासन मंत्री श्री इंदर सिंह परमार है।

मध्यप्रदेश में कोविड के विरूद्ध लड़ाई जारी रहेगी पर दूसरी गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करना है;कोरोना नियंत्रण के बाद शिवराज सिंह चौहान का और अधिक सतर्कता बरतने का अनुरोध attacknews.in

भोपाल, 25 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर काफी हद तक काबू पा लेने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार सभी नागरिकों और संबंधितों से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए और अधिक सतर्क रहने का अनुरोध कर रहे हैं, ताकि तीसरी लहर के प्रकोप को राेका जा सके।

श्री चौहान ने आज यहां मंत्रिपरिषद की बैठक के पहले मंत्रियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जनता, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के सहयोग और कड़ी मेहनत से दूसरी लहर पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। अब हम धीरे धीरे ‘अनलॉक’ की ओर बढ़ेंगे। लेकिन अभी भी लगातार सतर्क रहना है, क्योंकि कोरोना गया नहीं है। यदि हमने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया, मॉस्क का उपयोग नहीं किया, वैक्सीन नहीं लगवाया और ‘कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर’ का पालन नहीं किया तो हम तीसरी लहर रोकने में सफल नहीं हो पाएंगे।

कोरोना नियंत्रण में है:शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड के विरूद्ध युद्ध के साथ-साथ आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से काम करना होगा।

श्री चौहान आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के मुख्य बिन्दुओं पर संबंधित अधिकारियों को मंत्रालय से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड के विरूद्ध लड़ाई जारी रहेगी पर दूसरी गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करना है। कोरोना संक्रमण के कारण राजस्व और विकास के कार्य प्रभावित हुए हैं, परंतु उपार्जन, मनरेगा और तेंदूपत्ता तुड़ाई का काम निर्बाध रूप से जारी रहा। अगस्त 2020 में हमने व्यापक विचार-विमर्श कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप बनाकर सभी क्षेत्रों में लक्ष्य निर्धारित किये थे। इस दिशा में हम तेजी से कार्य कर रहे थे। परंतु कोरोना की आपदा के कारण इनमें से कई कार्य धीमे पड़े या रूक गये। प्रदेश में अब कोरोना नियंत्रण में है, अत: हमें एक बार फिर तेजी से इस दिशा में कार्य आरंभ करना है।

श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत के रोडमैप के चार मुख्य आधार स्तम्भ क्रमश: भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, शिक्षा और स्वास्थ्य तथा अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार हैं। स्वास्थ्य के अंतर्गत कोरोना की तीसरी संभावित लहर का सामना करने के उद्देश्य से डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती, ऑक्सीजन में आत्म-निर्भरता, आवश्यक अधोसंरचना विकास और उपकरणों की आपूर्ति जैसे कार्य करना है। इसके साथ ही अर्थ-व्यवस्था और रोजगार के क्षेत्र में भी तेजी से गतिविधियाँ बढ़ानी हैं। जब कोरोना का प्रकोप अधिक नहीं था उन दिनों लगभग 1900 एमएसएमई ईकाइयों का लोकार्पण किया गया था। रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए इस प्रकार की गतिविधियाँ जारी रहेंगी।

श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के अंतर्गत निर्धारित अधिकांश गतिविधियों की समय सीमा वर्ष 2023 है। कोरोना के कारण गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं। आत्म-निर्भर भारत के अंतर्गत आठ मिशन क्रमश: मिशन अर्थ, मिशन दक्ष, मिशन जनगण, मिशन निरामय, मिशन बौधि, मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय के अंतर्गत गतिविधियाँ संचालित की जाना हैं। सभी मिशनों के अंतर्गत कार्यों को गति देते हुए इनकी मानिटरिंग आत्म-निर्भर पोर्टल के माध्यम से करना तत्काल आरंभ किया जाए।

श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में 906 गतिविधियाँ और 3 हजार 25 उप गतिविधियाँ आरंभ की गई थीं। यह प्रसन्नता का विषय है कि 796 गतिविधियाँ अब तक पूर्ण भी हो चुकी हैं। इस दिशा में हमें पुन: उत्साह से लगातर कार्य करना है।

उन्होंने कहा है कि सम-सामयिक कार्यों जैसे वर्षा काल की तैयारी,सड़कों का रख-रखाव, विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, उपार्जन, बोवनी की तैयारियों की निरंतर समीक्षा भी आवश्यक है।

देश भर में ब्लैक फंगस के 8,000 से अधिक मामले: दूषित अस्पताल की व्यवस्था भी इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड कोरोना रोगियों में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक attacknews.in

पुणे 24 मई । भारत में अब तक ब्लैक फंगस के 8,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और देश में इस बीमारी का अनुमानित प्रसार वैश्विक औसत की तुलना में लगभग 70 गुना अधिक है, जबकि म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) से जुड़ी मृत्यु दर भी 50 प्रतिशत तक है।

फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के कार्यकारी सदस्य डॉ नरेश पुरोहित ने ‘कोरोना की ओर से उत्पन्न खतरों के बीच ब्लैक फंगस’ पर एक वेबिनार को संबोधित करने के बाद यहां बताया कि दूषित अस्पताल की व्यवस्था भी इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड कोरोना रोगियों और देश में संक्रमण से उबरने वालों के बीच ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक हो सकती है।

वेबिनार महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नासिक द्वारा सोमवार को आयोजित किया गया।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा:हमें कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाते हुए इसके साथ ही ज़िंदगी शुरू करना है,जन सहयोग से कोरोना संक्रमण कुछ हद तक नियंत्रण में attacknews.in

सागर, 24 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सभी के सहयोग और परिश्रम से कोरोना संक्रमण अब काफ़ी हद तक नियंत्रण में आ रहा है। इस नियंत्रण को क़ायम रखने के लिए हमें प्रयासरत रहना होगा।

श्री चौहान ने आज यह बात संभागीय मुख्यालय सागर में समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना के रहते हुए ही ज़िंदगी शुरू करना है। इस पर सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी कार्य करें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण शीघ्र समाप्त होने वाला नहीं है। संक्रमण की दर लगातार कम हो रही है परंतु हमें कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाते हुए इसके साथ ही ज़िंदगी शुरू करना है। इस पर रणनीति की बनाते हुए लगातार कार्य करें।

उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण सागर ज़िले की एक विस्तृत कार्ययोजना बनाएँ, जिस पर कार्य करते हुए 31 मई तक कोरोना संक्रमण पर क़ाबू पाएँ और 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू की जाए। सागर की 312 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त हैं और यहाँ 15 दिवस से भी अधिक से कोरोना का एक भी पॉज़िटिव प्रकरण सामने नहीं आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सागर संभाग सहित प्रदेश के सभी संभागों में 1 जून से वैक्सीनेशन का वृहद अभियान चलाया जाए जिसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि संक्रमण के नियंत्रण में वैक्सीनेशन की प्रभावी भूमिका है। उन्होंने कहा कि सागर मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएँ और सुदृढ़ की जाएँ।

बुंदेलखंड में जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने की दृष्टि से बीएमसी के लिए रणनीति तैयार की जाए। कोविड-19 को समाप्त करने के लिए एक सप्ताह तक कोरोना कर्फ्यू में सख्ती बरती जाए। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को अन्य बेहतरीन अस्पतालों की तर्ज़ पर अपडेट किया जाए। यहाँ 50 बैड की क्षमता वाला अलग से वार्ड तैयार किये जाने के निर्देश दिये।

श्री चौहान ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार रहते हुए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल तथा बीना के अस्थाई अस्पताल में पहले से समस्त प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि, सागर संभाग के पन्ना ज़िले में अच्छा काम किया जा रहा है। यह सभी की सजगता से ही संभव हो पाया। परंतु, अभी और सख़्ती की ज़रूरत है जिससे किसी भी परिस्थिति में अब संक्रमण और न फैले। छतरपुर ज़िले की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि, यहाँ वैक्सीनेशन तथा टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार निवाड़ी में संक्रमण रोकने के लिए अच्छा कार्य किया गया है, उन्होंने कहा कि, यहाँ ग्रामीण इलाकों में नियंत्रण बेहतर है, इसे शहरी क्षेत्रों में भी अपनाएँ।

श्री चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार के 12 हजार टैबलेट आ रहीं हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए राज्य शासन हर स्तर पर प्रयास कर रही है। किसी भी मरीज़ को कोई दिक़्क़त नहीं आयेगी।

केंद्र सरकार ने राज्यों को 21.80 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की खुराक दी;1.80 करोड़ से ज्यादा अभी भी उपलब्ध;18-44 साल को एक करोड़ टीके लगाकर ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की attacknews.in

नईदिल्ली 24 मई । देश भर में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार सभी राज्यों और केंद्र-शासित राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन मुहैया करवा रही है। इसके अलावा भारत सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सीधे तौर पर वैक्सीन खरीदने में भी मदद कर रही है।

‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ की रणनीति और उचित कोविड व्यवहार के साथ-साथ टीकाकरण भी भारत सरकार की कोविड महामारी के नियंत्रण और प्रबंधन की रणनीति का अहम हिस्सा है।

कोविड-19 टीकाकरण की रणनीति ‘उदारीकृत और त्वरित चरण-3’ का कार्यान्वयन 1 मई 2021 से शुरू हो गया है।

इस रणनीति के तहत, हर महीने किसी भी निर्माता की कुल सेंट्रल ड्रग्स लैबरेट्री (सीडीएल) द्वारा स्वीकृत वैक्सीन खुराक का 50 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। सरकार इन खुराकों को राज्य सरकारों को पूरी तरह से मुफ्त में उपलब्ध कराना जारी रखेगी जैसा कि पहले किया जा रहा था।

भारत सरकार ने अब तक राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को 21.80 करोड़ से अधिक टीके की खुराक (21,80,51,890) नि:शुल्क श्रेणी और राज्य द्वारा सीधी खरीद श्रेणी के माध्यम से प्रदान की है।

23 मई 2021 तक 20,00,08,875 खुराक की कुल खपत हुई है जिसे इस दिन तक औसत के आधार पर निकाला गया है और इसमें अपव्यय हुईं खुराक भी शामिल हैं। यह आंकड़ा 24 मई की सुबह 8 बजे तक का है।

1.80 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन खुराक (1,80,43,015) अभी भी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं जिन्हें अभी लगाया जाना बाकी है।

इसके अलावा, 48 लाख (48,00,650) से अधिक वैक्सीन खुराक पाइपलाइन में हैं और अगले 3 दिनों के भीतर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्राप्त होंगी।


भारत ने टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत 18-44 साल के आयु वर्ग समूह को एक करोड़ टीके देने के साथ एक बड़ा ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया

लगातार 11वें दिन कोविड-19 से दैनिक स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या संक्रमण के दैनिक नये मामलों से ज्यादा

लगातार आठवें दिन कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या तीन लाख से कम

साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट गिरकर 12.66 प्रतिशत हुआ

भारत ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में आज एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। देश में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत 18-44 वर्ष आयु समूह के लोगों को एक करोड़ से ज्यादा (1,06,21,235) खुराक दे दी गयीं।

जांच, बीमारी का पता लगाने, उपचार और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए टीकाकरण भारत सरकार की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न स्तंभ है।

कोविड-19 टीकाकरण की तीसरे चरण की उदारीकृत और त्वरित रणनीति का कार्यान्वयन 1 मई 2021 से शुरू हो गया है।

भारत में देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण का विस्तार होने के साथ अब तक दिए गए कोविड-19 टीके की कुल खुराक की संख्या आज 19.60 करोड़ से ज्यादा हो गयी।

अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह सात बजे तक 28,16,725 सत्रों में कोविड-19 के टीके की कुल 19,60,51,962 खुराक दी जा चुकी हैं। इनमें वे 97,60,444 स्वास्थ्य सेवा कर्मी (एचसीडब्ल्यू) शामिल हैं, जिन्होंने वैक्सीन की पहली खुराक ली है और 67,06,890 ऐसे एचसीडब्ल्यू भी शामिल हैं, जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी खुराक ले ली है। इसके अलावा पहली खुराक लेने वाले 1,49,91,357 अग्रिम पंक्ति के कर्मी (एफएलडब्ल्यू), दूसरी खुराक लेने 83,33,774 एफएलडब्ल्यू, और 18 से 44 साल के आयु समूह में पहली खुराक लेने वाले 1,06,21,235 लोग शामिल हैं।

इसके साथ-साथ 45 से 60 वर्ष की आयु के पहली खुराक लेने वाले और दूसरी 6,09,11,756 खुराक लेने वाले 98,18,384 लाभार्थियों के साथ-साथ 5,66,45,457 पहली खुराक लेने वाले और 1,82,62,665 दूसरी खुराक लेने वाले 60 वर्ष की आयु से ज्यादा के लाभार्थी भी शामिल हैं।

भारत में लगातार 11वें दिन कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या संक्रमण के नये मामलों से ज्यादा थी। पिछले 24 घंटे में बीमारी से 3,02,544 लोग स्वस्थ हुए।

बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की कुल संख्या आज 2,37,28,011 हो गयी। बीमारी से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 88.69 प्रतिशत हो गयी।

स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या में 10 राज्यों की 72.23 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

एक और सकारात्मक घटनाक्रम के तहत भारत में दर्ज किए जा रहे कोविड-19 के दैनिक नए मामले लगातार आठवें दिन तीन लाख से कम हैं। कोविड-19 संक्रमण के दैनिक नये मामलों और बीमारी से स्वस्थ होने के दैनिक मामलों के बीच का अंतर आज कम होकर 80,229 हो गया।

पिछले 24 घंटे में 2,22,315 नए मामले दर्ज किए गए।

पिछले 24 घंटे में सामने आए नए मामलों में 10 राज्यों की 81.08 प्रतिशत हिस्सेदारी है। तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 35,483 और उसके बाद महाराष्ट्र में 26,672 नए मामले दर्ज किए गए।

10 मई 2021 को अपने आखिरी चरम पर पहुंचने के बाद से सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आयी है।

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या गिरकर आज 27,20,716 हो गयी। यह देश के कुल कोविडपॉजिटिव मामलों का 10.17 प्रतिशत है।

पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों की संख्या में कुल 84,683 की कमी आयी है।देश के कुल सक्रिय मामलों में आठ राज्यों की हिस्सेदारी 71.62 प्रतिशत है।

भारत में पिछले 24 घंटे में कुल 19,28,127 जांच हुई जिसके साथ अब तक हुए जांच की कुल संख्या 33,05,36,064 है। आज पॉजिटिविटी रेट 8.09 प्रतिशत है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट भी गिरकर 12.66 प्रतिशत हो गया।

राष्ट्रीय मृत्यु दर इस समय 1.14 प्रतिशत है।पिछले 24 घंटों में 4,454 मौतें हुई हैं।

नई मौतों में दस राज्यों की हिस्सेदारी 79.52 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 1,320 लोगों की मृत्यु हुई। इसके बाद कर्नाटक में 624 मौतें हुईं।

18 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत (1.14 प्रतिशत) से कम है।18 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।

समस्त COVID19 सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म से स्थल पर ही पंजीकरण की सुविधा प्रदान करने का निर्णय attacknews.in

नईदिल्ली 24 मई । टीकाकारण देश जनसंख्या के सबसे संवेदनशील जनसंख्या समूहों को कोविड-19 संक्रमण से बचाने की ऐसी प्रक्रिया है और इसकी सर्वोच्च स्तर पर लगातार समीक्षा और निगरानी की जाती हैI सभी हितधारकों के साथ व्यापक विमर्श के बाद वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप इस प्रक्रिया में संशोधन करने के लिए एक वर्गीकृत, समय-पूर्व एवं पहले से ही तैयारी के साथ कार्यवाही की अनुमति दी गई है।

01 मार्च 2021 को राष्ट्रीय टीकाकारण अभियान के द्वितीय चरण की शुरुआत के साथ ही कोविन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर केवल 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों के ऑनलाइन पंजीकरण एवं टीकाकरण की तिथि और समय के निर्धारण की सुविधा दी गई थीI

बाद में इन प्राथमिकता समूहों के लिए टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण और समय निर्धारण समूह पंजीकरण सुविधा को भी जोड़ा गया थाI

इसके बाद 01 मई 2021 से उदारीकृत मूल्य निर्धारण एवं त्वरित राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति के क्रियान्वयन के साथ ही 18-44 आयु वर्ग की जनसंख्या के लिए भी टीकाकरण के कार्य क्षेत्र का विस्तार किया गया हैI

18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए शुरू में केवल ऑनलाइन समय निर्धारण से टीकाकरण केन्द्रों में अधिक भीड़ एकत्र होने से बचना सम्भव हो पायाI

इस सम्बन्ध में राज्यों द्वारा किए गए विभिन्न अनुरोधों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 18-44 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए प्राप्त जानकारियों के आधार पर, केंद्र सरकार ने अब निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करते हुए 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण/सहायक समूह पंजीकरण की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है:

(i) ऑनलाइन स्लॉट के साथ विशेष रूप से आयोजित टीकाकरण सत्रों के दौरान उस दिन समय की समाप्ति के समय तक यदि कुछ ऑनलाइन समय पाए हुए लाभार्थी किसी कारण से टीकाकरण के दिन नहीं आ पाते हैं। तब ऐसी स्थिति में टीकों की बर्बादी को कम से कम करने के लिए कुछ लाभार्थियों का टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण आवश्यक हो सकता है।

(ii) भले ही कोविन इस समय एक मोबाइल नंबर पर आरोग्य सेतु और उमंग जैसे ऐप्स और सामान्य सेवा केन्द्रों आदि के माध्यम से 4 लाभार्थियों के पंजीकरण और समय दिए जाने की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन समूह में सुविधा की आवश्यकता वाले लोगों या जिन लोगों की पहुँच अभी भी इंटरनेट या स्मार्ट फोन या मोबाइल फोन तक नहीं है, के लिए अभी भी टीकाकरण के विकल्प बहुत सीमित हैं।

  इसलिए अब 18-44 आयुवर्ग के लिए कोविन प्लेटफ़ॉर्म पर टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण एवं समय निर्धारण की सुविधा दी जा रही है।

  हालाँकि, यह सुविधा वर्तमान समय में केवल सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) के लिए ही सक्षम की जा रही है।

  वर्तमान में यह सुविधा निजी क्षेत्र के टीकाकरण केन्द्रों (सीवीसी) के लिए उपलब्ध नहीं होगी और निजी क्षेत्र के टीकाकरण केन्द्रों को अपने टीकाकरण कार्यक्रम को विशेष रूप से ऑनलाइन समय निर्धारण के लिए स्लॉट के साथ प्रकाशित करना होगा।

  संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के बाद ही इस सुविधा का उपयोग किया जा सकेग। ऐसा करने के लिए राज्य सरकार /केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को 18-44 आयु वर्ग के पात्र लाभार्थियों के सामूहिक पंजीकरण और समय निर्धारण में स्थानीय सन्दर्भ के आधार पर एक अतिरिक्त उपाय टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण/समूह में पंजीकरण की सुविधा शुरू करने  का निर्णय करना होगा ताकि टीकों की बर्बादी कम से कम हो सकेI

  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 18 से 44 वर्ष की आयु समूह के लिए ऑन-साइट पंजीकरण और नियुक्ति सुविधा का उपयोग करने की सीमा और तरीके के संबंध में संबंधित राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकार के निर्णय का सख्ती से पालन करने के लिए सभी जिला टीकाकरण अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी करने की सलाह दी है।

  सुविधा समूहों से संबंधित लाभार्थियों को टीकाकरण सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से आरक्षित सत्र भी आयोजित किए जा सकते हैं। जहां कहीं भी इस तरह के पूर्ण आरक्षित सत्र आयोजित किए जाते हैं, ऐसे लाभार्थियों को पर्याप्त संख्या में बुलवाने  के लिए भी सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी है कि टीकाकरण केंद्रों पर भीड़भाड़ से बचने के लिए 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए साइट पर पंजीकरण और टीकाकरण के लिए समय निर्धारित किए जाते समय अत्यधिक अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए।