शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि,मध्यप्रदेश में 101 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित होंगे,प्रदेश को ऑक्सीजन उत्पादन में पूर्णत: आत्म-निर्भर बनाना है attacknews.in

भोपाल, 07 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश को ऑक्सीजन उत्पादन में पूर्णत: आत्म-निर्भर बनाना है। प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने के साथ सभी संभागीय मुख्यालयों में पर्याप्त भंडारण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे किसी भी आपात स्थिति का सामना प्रभावी तरीके से किया जा सके।

श्री चौहान ने कहा कि वे प्रति सप्ताह इस दिशा में हो रही प्रगति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित होने वाले सभी 101 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स में समय-सीमा में उत्पादन आरंभ किया जाए। प्रयास यह हो कि अधिकतम इकाइयाँ 30 अगस्त तक क्रियान्वित हो जाएँ। प्रदेश में 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भण्डारण की क्षमता विकसित की जाना है।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को ऑक्सीजन में आत्म-निर्भर बनाने के लिए शासकीय और निजी औद्योगिक इकाइयों के साथ सीएसआर तथा निजी दानदाताओं द्वारा भी पहल की जा रही है। अतः प्रदेश का समग्रता में प्लान बनाकर औद्योगिक इकाइयों तथा भंडारण व्यवस्था की स्थापना की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्थान नहीं छूटे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्यमियों को भी प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए उन्हें आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए।

उन्होंने बीना रिफायनरी और बावई में स्थापित हो रहे ऑक्सीजन प्लांट्स की प्रगति की जानकारी भी ली। पीएसए प्लांट्स की प्रगति की बिन्दुवार समीक्षा की गई।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 120 मीट्रिक टन क्षमता की एयर सेपरेशन यूनिट पूर्व से ही कार्य कर रही हैं। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में बड़े अस्पतालों से 50 मीट्रिक टन से अधिक की क्षमता विकसित करने की जानकारी मिली है। नई निजी इकाइयों में 60 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन उत्पादन की इकाइयाँ विकसित करने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
30 सितम्बर तक स्थापित होंगे 101 प्लांट्स
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 101 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 18 प्लांट्स की डिलेवरी हो चुकी है। सभी स्थानों पर 30 सितम्बर तक प्लांट्स स्थापित कर दिए जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों में आठ, जिला अस्पतालों में 60, सिविल अस्पतालों में 12 और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 19 प्लांट्स लगाए जाएंगे। वारासिवनी, सैंधवा, काटजू अस्पताल, पांढुरना, कुक्षी, इटारसी, सारंगपुर, ब्यावरा, नसरुल्लागंज, लहार, मैहर और जावरा के सिविल अस्पताल लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही बुधनी, रहटी, घोड़ाडोंगरी, सुवासरा, सीतामऊ, शामगढ़, नारायणगढ़, गरोठ, अम्बाह, चाचौड़ा, गोहद, हस्तिनापुर, करैरा, मोहाना, पोहरी, सेंवडा, कोलारस और चंदेरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए जाएंगे। जबलपुर और इन्दौर के एक-एक अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित किए जाएगा।

समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन तथा चिकित्सा शिक्षा संजय शुक्ला, स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी उपस्थित थे।

कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से बनती है ज्यादा एंटीबॉडी :दोनों टीकों की खुराकें ले चुके स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आयी attacknews.in

नयी दिल्ली, सात जून । कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से ज्यादा एंटीबॉडी बनती है, हालांकि दोनों टीके प्रतिरक्षा को मजबूत करने में बेहतर हैं। एहतियात के तौर पर दोनों टीकों की खुराकें ले चुके स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आयी है।

यह अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और इसे ‘मेडआरएक्सिव’ पर छपने से पहले पोस्ट किया गया है। इस अध्ययन में 13 राज्यों के 22 शहरों के 515 स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया। इनमें से 305 पुरुष और 210 महिलाएं थीं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके का निर्माण कर रही है। वहीं हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ तालमेल से कोवैक्सीन का निर्माण कर रही है। अध्ययन में शामिल होने वालों के खून के नमूनों में एंटीबॉडी और इसके स्तर की जांच की गयी।

अध्ययन के अग्रणी लेखक और जीडी हॉस्पिटल एंड डायबिटिक इंस्टीट्यूट, कोलकाता में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट (मधुमेह रोग विशेषज्ञ) अवधेश कुमार सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘दोनों खुराक लिए जाने के बाद दोनों टीकों ने प्रतिरक्षा को मजबूत करने का काम किया। हालांकि, कोवैक्सीन की तुलना में सीरो पॉजिटिविटी दर और एंटीबॉडी स्तर कोविशील्ड में ज्यादा रहा।’’ कोवैक्सीन की खुराकें लेने वालों की तुलना में कोविशील्ड लेने वाले ज्यादातर लोगों में सीरो पॉजिटिविटी दर अधिक थी।

अध्ययन के लेखक ने कहा, ‘‘515 स्वास्थ्यकर्मियों में दोनों टीकों की दोनों खुराकें लेने के बाद 95 प्रतिशत में सीरो पॉजिटिविटी दिखी। इनमें से 425 लोगों ने कोविशील्ड और 90 लोगों ने कोवैक्सीन की खुराकें ली थी और सीरो पॉजिटिविटी दर क्रमश: 98.1 प्रतिशत और 80 प्रतिशत रही।’’

सीरो पॉजिटिविटी का संदर्भ किसी व्यक्ति के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी से है।

अहमदाबाद के विजयरत्न डायबिटिक सेंटर, कोलकाता के जी डी हॉस्पिटल एंड डायबिटिक इंस्टीट्यूट, धनबाद के डायबिटिक एंड हार्ट रिसर्च सेंटर और जयपुर में राजस्थान हॉस्पिटल और महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया। अध्ययनकर्ताओं ने कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके और जो लोग संक्रमित नहीं भी हुए उनमें दोनों खुराकें लेने के बाद के नतीजे की तुलना की। ऐसा पाया गया कि जो प्रतिभागी दोनों टीकों की पहली खुराक के कम से कम छह सप्ताह पहले कोविड-19 से उबर गए थे और बाद में दोनों खुराकें ले ली थी, उनमें सीरो पॉजिटिविटी दर 100 प्रतिशत रही और दूसरों की तुलना में उनमें एंटीबॉडी का ज्यादा स्तर था।

नरेन्द्र मोदी की घोषणा:18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को मुफ्त टीका और राज्यों को टीका खरीदने की जिम्मेदारी से मुक्त किया;गरीबों को दीपावली तक मिलेगा मुफ्त अनाज attacknews.in

नयी दिल्ली 07 जून । कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश भर में चलाये जा रहे टीकारण अभियान को लेकर उठ रहे सवालों के बीच केन्द्र सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को मुफ्त टीका लगाने का ऐलान किया और राज्यों को टीका खरीदने की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया।

इसके अलावा केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर के बाद घोषित की गयी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का फायदा दूसरी लहर के बाद भी लोगों को देने के लिए इसकी अवधि दीपावली तब बढाने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में ये घोषणा की।

उन्होंने कहा, “ आज ये निर्णय़ लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था आने वाले 2 सप्ताह में लागू की जाएगी। इन दो सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइंस के अनुसार आवश्यक तैयारी कर लेंगी। आगामी 21 जून सोमवार से देश के हर राज्य में, 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए, भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी।”

श्री मोदी ने कहा , “ वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी । देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा।अब तक देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिली है। अब 18 वर्ष की आयु के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे। सभी देशवासियों के लिए भारत सरकार ही मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी। देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत, प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी।”

उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे। इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा।

गरीबों को दीपावली तक मिलेगा मुफ्त अनाज:मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक जारी रखने की घोषणा की।

श्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि अब इस योजना से 80 करोड़ देशवासियों को नवंबर तक निःशुल्क राशन मिलेगा। महामारी के इस दौर में सरकार गरीबों के हित के लिये उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

उन्होंने कहा कि सरकार की इस व्यवस्था से गरीबों को भूखा नहीं सोना पड़ेगा। सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इस योजना को मई और जून माह के लिए मंजूरी दी थी। पिछले साल भी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस योजना के तहत गरीबों को आठ माह तक मुफ्त अनाज दिया गया था ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के इस समय में, सरकार गरीब की हर जरूरत के साथ, साथी बनकर खड़ी है। नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा ।

इस बीच, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक विस्तार देने के लिए श्री मोदी का बहुत धन्यवाद और आभार व्यक्त किया है ।

मध्यप्रदेश में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल समाप्त, काम पर लौटे;जूडा के पदाधिकारियों ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात के बाद आंदोलन समाप्ति की घोषणा की attacknews.in

भोपाल, 07 जून ।स्टायपेंड समेत विभिन्न मांगों को लेकर मध्यप्रदेश में पिछले लगभग एक सप्ताह से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) से संबंधित जूनियर डॉक्टर आज आंदोलन समाप्ति की घोषणा कर काम पर लौट आए।

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और अन्य सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों (मेडिकल कॉलेज) के लगभग तीन हजार जूनियर डॉक्टर्स पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर थे।

जूडा के पदाधिकारियों ने यहां चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात के बाद आंदोलन समाप्ति की घोषणा की।

श्री सारंग ने ट्वीट कर जानकारी दी और लिखा है ”सभी जूनियर डॉक्टर्स काम पर वापस आ गए हैं, बधाई।

” आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि जूडा की जायज मांगों पर विचार किया जाएगा।

जूनियर डॉक्टरों से कहा गया था कि उन्हें अभूतपूर्व कोरोना संकट के बीच पहले काम पर लौटना चाहिए।

इस संबंध में राज्य उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला भी दिया गया था।

जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांग स्टायपेंड में वृद्धि की है, जो पहले से ही 50 हजार रुपए प्रतिमाह से अधिक है।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में बताया: हड़ताल समाप्त, काम पर लौटे जूडा

जबलपुर, से खबर है कि, मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय के आदेश का परिपालन करते हुए जूनियर डॉक्टर हड़ताल समाप्त कर काम पर लौट आये है।

मुख्य न्यायाधीश मोह. रफीक व न्यायाधीश सुजय पॉल की युगलपीठ के समक्ष यह जानकारी आज पेश की गई। सुनवाई के दौरान जूडॉ की ओर से कहा गया कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा कुछ जूनियर डॉक्टरों को राशि जमा करने का नोटिस दिया गया है। इस मामले में महाधिवक्ता ने युगलपीठ को जारी नोटिस को वापस लेने का आश्वासन दिया।

मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के बीच बस सेवाएं स्थगित रहने की अवधि बढ़ाकर 15 जून की गई attacknews.in

भोपाल, 07 जून । कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के बीच बस सेवाएं स्थगित रहने की अवधि बढ़ाकर 15 जून कर दी गयी है।

राज्य के अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) एवं राज्य परिवहन प्राधिकार के सचिव अरविंद सक्सेना ने इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिए।

अभी तक यह अवधि 07 जून थी, जिसे बढ़ाकर 15 जून किया गया है।

निर्धारित अवधि में इन राज्यों से मध्यप्रदेश में बस सेवाओं के संचालन पर पहले की तरह पूरी तरह रोक रहेगी।

मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल और मई माह में काफी नुकसान किया है।

हालाकि अब हालात काफी हद तक नियंत्रण में आ गए हैं।

लेकिन आवश्यक ऐहतियाती कदम अब भी जारी हैं।

बस सेवा अप्रैल माह में स्थगित की गई थी, इसके बाद से इसे क्रमिक रूप से बढ़ाया जा रहा है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा:प्रदेश का एक भी जिला अब रेड जोन में नहीं है,सभी की पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम है;बाजार खोलने की प्रक्रिया को कोविड की स्थिति को देखते हुए ही आरंभ किया जाए attacknews.in

भोपाल, 07 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 15 जून तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा।

श्री चौहान आज मंत्रालय में कोरोना की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है, परंतु पूरी सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता है।

उन्होंने जिलों के प्रभारी मंत्री और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों से संवाद में रहें और समितियाँ अपनी सक्रियता लगातार बनाकर रखें। कोविड की पहली लहर आने, उसके समाप्त होने और पुनः दूसरी लहर आने की परिस्थितियों और कारणों का अध्ययन करें। इस अध्ययन से सीखने की आवश्यकता है। हमें यह देखना होगा कि किस वजह से दूसरी लहर आयी, इसके आधार पर ही हम तीसरी लहर को रोक सकते हैं। इसके लिए कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना आवश्यक है।

बैठक में कोरोना कोर ग्रुप के प्रभारी मंत्री, जिलों के प्रभारी अधिकारी वर्चुअली सम्मिलित हुए। मंत्रालय से मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान बैठक में शामिल हुए।

श्री चौहान ने कहा कि बाजार खोलने की प्रक्रिया को कोविड की स्थिति को देखते हुए ही आरंभ किया जाए। जो पंचायतें ग्रीन जोन में हैं और जहाँ एक भी कोरोना का प्रकरण नहीं है, वहाँ हाट बाजार खोलने के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ स्थानीय परिस्थितियों के मूल्यांकन के बाद ही बाजार खोलने की प्रक्रिया को धीरे-धीरे आरंभ करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना गरीब, निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए वरदान सिद्ध हुई है। इसे और अधिक सरल एवं उपयोगी बनाने की आवश्यकता है।

उन्होंने पोस्ट कोविड देखभाल को जारी रखने के निर्देश दिए। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री के सतत प्रयासों, आत्म-विश्वास और सही समय पर निर्णय लेने और उसके क्रियान्वयन के लिए उन्हें बधाई दी।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि एक्टिव केसेस की संख्या के आधार पर प्रदेश देश में 19वें नंबर पर आ गया है। नये पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना में अधिक व्यक्ति स्वस्थ हो रहे हैं। 6 जून को 735 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आए, जबकि 1934 व्यक्ति रिकवर हुए।

स्थिति में सुधार के परिणामस्वरूप हॉस्पिटलाइजेशन में कमी आयी है। कुल एक्टिव प्रकरणों में से 43 प्रतिशत व्यक्ति ही हॉस्पिटलाइज हो रहे हैं। कुल 8860 एक्टिव केस में से 5059 व्यक्ति होम आयसोलेशन में हैं। जबकि 837 व्यक्ति सामान्य बेड, 1421 व्यक्ति ऑक्सीजन बेड पर और 1543 मरीज आई.सी.यू./एच.डी.यू बेड पर हैं। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी कमी आ रही है।

म्यूकारमाइकोसिस की स्थिति पर जानकारी दी गई कि अब तक कुल 1004 एक्टिव केसेस में से 643 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं। आज 47 नए केस आए और 36 व्यक्ति डिस्चार्ज हुए।

प्रदेश का एक भी जिला अब रेड जोन में नहीं है। सभी जिलों की पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम है। भोपाल, इंदौर, रतलाम, बैतूल, जबलपुर और अनूपपुर जिलों की पॉजिटिविटी दर एक से 5 प्रतिशत के बीच है। नए पॉजिटिव केसेस की संख्या इंदौर में 202, भोपाल में 131, जबलपुर में 54, रतलाम में 15, बैतूल में 12 और अनूपपुर में 7 है। शेष 46 जिलों की पॉजिटिविटी अब एक प्रतिशत से कम है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि टेस्टिंग और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया निरंतर जारी रहे।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने जानकारी दी कि भोपाल में टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापारी संघों के साथ मिलकर ‘टीका लगवाओ-बाजार खुलवाओ’ अभियान आरंभ किया जा रहा है। इसके अंतर्गत व्यापारियों तथा दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों के टीकाकरण को प्रोत्साहित किया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि खरगोन में ऑड-ईवन के आधार पर दुकानें खोलने का निर्णय लिया गया है। उज्जैन में शाम 7 बजे तक बाजार खुलेगा। शिवपुरी में एक दिन सड़क के बायीं ओर अगले दिन दायीं ओर की दुकानें खोलने की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश में रविवार को कोरोना के 735 नए मरीज आए सामने, 42 की मृत्यु;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,85,196 और मृतकों की संख्या 8337 हुई attacknews.in

भोपाल, 06 जून । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के 735 नए मामले सामने आने के साथ ही 42 संक्रमितों की मृत्यु दर्ज की गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन के अनुसार आज 81,636 सैंपल की जांच में 735 पॉजीटिव और 80901 निगेटिव निकले।

हालाकि 185 सैंपल को रिजेक्टर कर दिया गया और संक्रमण दर 0़ 9 प्रतिशत रही।

इस तरह राज्य में अब तक 7,85,196 व्यक्ति संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 7,66,756 व्यक्ति संक्रमण से उबरने में सफल रहे।

बुलेटिन के अनुसार वर्तमान में एक्टिव केस (उपचाररत मरीज) की संख्या 10103 है।

आज 42 लोगों की मृत्यु दर्ज किए जाने के साथ ही अब तक 8337 संक्रमितों की मौत हुयी है।

वहीं स्वस्थ होने वालों का आज का आकड़ा 1934 रहा।

सबसे अधिक 1355 मौत इंदौर में दर्ज हुयी हैं।

इसके बाद भोपाल में 952, ग्वालियर में 600 और जबलपुर में 626 मौत दर्ज की गयी हैं।

सबसे अधिक सक्रिय मामले भोपाल जिले में 2225 हैं जबकि इंदौर में यह संख्या 1509 है।

आज राज्य में सबसे अधिक मामले फिर से इंदौर में 298 दर्ज किए गए।

इसके बाद भोपाल में 137, जबलपुर में 56, ग्वालियर में 14, उज्जैन में 13, रतलाम में 16, सागर में 7, रीवा में 8, खरगोन में 12, बैतूल में 10 और धार में 8 मामले दर्ज किए गए।

राज्य में कोरोना की दूसरी लहर अब उतार पर है और इसने अप्रैल और मई माह में सबसे अधिक तबाही मचायी।

दूसरी ओर सरकार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर उससे निपटने के लिए अभी से तैयारी में जुटी है।

राज्य में अब तक कुल 1,03,67,744 सैंपल की जांच की गयी है।

विपक्ष शासित राज्यों महाराष्ट्र, केरल , राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब एवं झारखंड में कोविड की 33 लाख से अधिक वैक्सीन हुई बरबाद attacknews.in

नयी दिल्ली, 06 जून । कोरोना के टीकाकरण को लेकर सत्ता पक्ष – विपक्ष की बहस के बीच सरकारी आंकड़ों में बताया गया कि विपक्ष शासित नौ राज्यों में कोविड के 33.23 लाख टीके बरबाद हो गये हैं जबकि इन राज्यों में टीकाकरण की गति बहुत धीमी है। महाराष्ट्र एवं केरल में महामारी की दूसरी लहर जल्द आने के बावजूद राज्य सरकारों ने टीकाकरण को लेकर उदासीनता ही दिखायी।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 11.65 लाख, केरल में 6.33 लाख, राजस्थान में 4.76 लाख, आंध्र प्रदेश में 2.89 लाख, तेलंगाना में 2.25 लाख, दिल्ली में 1.82 लाख, छत्तीसगढ़ में 1.55 लाख, पंजाब में 1.43 लाख एवं झारखंड में 55 हजार टीके बरबाद हुए हैं।

दस्तावेजों में 45 वर्ष से अधिक आयु केे लोगों के टीकाकरण के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में मात्र 23 प्रतिशत, पंजाब में 32 प्रतिशत, तेलंगाना में 39 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र में 40-40 प्रतिशत, केरल में 49 प्रतिशत, दिल्ली में 50 प्रतिशत, राजस्थान में 64 प्रतिशत तथा छत्तीसगढ़ में 65 प्रतिशत आबादी को पहला टीका लगाया गया है। स्वास्थ्य कर्मियों तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के मामले में भी ये राज्य अन्य राज्यों से पीछे हैं।

उधर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए सवाल किया कि मोदी सरकार ने सितंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच देश में ऑक्सीजन बेड की संख्या 36 प्रतिशत, सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) की संख्या 46 प्रतिशत तथा वेंटीलेटर बेड 28 प्रतिशत कम क्यों किये थे।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य पर संसदीय समिति, सीरो सर्वेक्षण एवं विशेषज्ञों की चेतावनी के बावजूद सरकार क्यों आंखें मूंदे रही।

इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि श्रीमती वाड्रा को ये सवाल अपनी राज्य सरकारों से पूछने चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है, केन्द्र सरकार का नहीं।

श्री ठाकुर ने कहा कि यह देश के लिए बहुत दुखद अनुभव रहा कि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी नेताओं ने केवल एक व्यक्ति को घेरने के लिए दुनिया में देश को बदनाम करने का प्रयास किया तथा कोविड के टीके को लेकर अपने बयानों से भ्रम फैलाकर देशवासियों को मौत के मुंह में धकेलने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष ने थोड़ी सी भी जिम्मेदारी दिखायी होती तो कोरोना की इस दूसरी लहर में बड़ी संख्या में जानें बचायीं जा सकतीं थीं।

श्री ठाकुर ने कहा कि कोविड एक वैश्विक महामारी है और पूरी दुनिया में इससे मुकाबले के लिए प्रयास चल रहे हैं। इजरायल जैसे देश में विपक्षी नेता अपने तीखे विरोधों को ताक पर रख कर इस आपदा से मुकाबला कर रहे हैं लेकिन यहां विपक्षी नेताओं ने निहायत गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया।

उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने देश की क्षमता पर प्रश्नचिह्न लगाया और विदेशी वायरस को भारत का वायरस बताया। अफवाह फैला कर लोगों को खासकर आदिवासी एवं दलित ग्रामीणों को वैक्सीन से दूर रहने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश, शशि थरूर, आनंद शर्मा और स्वयं श्री राहुल गांधी ने अपने बयानों में ‘यू-टर्न’ लिये। एक अन्य पार्टी के नेता ने कोविड के वैक्सीन को भाजपा का टीका कह कर अपने समर्थकों को टीका नहीं लगवाने के लिए प्रेरित किया और बाद में खुद जाकर टीका लगवा आये।

श्री थरूर ने एक बार टीके को खतरनाक बताया और बाद में उसे मुफ्त लगाने की मांग की। श्री रमेश ने कोवैक्सीन के लिए मानकों काे बदले जाने का आरोप लगाया और फिर वैक्सीन की खरीद में मदद की गुहार भी लगायी। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री टी एस सिंहदेव ने 30 अप्रैल को ऐलान किया कि उनका राज्य कोवैक्सीन को समर्थन नहीं देता है और 15 दिन के भीतर वे डेढ़ करोड़ कोवैक्सीन की खरीद का ऑर्डर भी दे देते हैं।

कांग्रेस शासित राजस्थान में वैक्सीन के कूड़ेदान में फेंके जाने तथा पंजाब में चार गुना दाम में बेच कर मुनाफाखोरी करने के उदाहरण भी भाजपा की ओर से दिये जा रहे हैं।

सरकार का कहना है कि भारत में वैक्सीन का उत्पादन क्षमता बढ़ाई गयी है और वर्ष के अंत तक कुल 216 करोड़ टीके उपलब्ध होंगे जिससे देश की आबादी के अधिकांश हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा। दस्तावेजों के अनुसार देश ने कोविड की महामारी के बीच मेडिकल ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, रेमडेसिविर, वैक्सीन आदि के उत्पादन की क्षमता में चंद हफ्तों में ही कई गुना वृद्धि करने में सफलता पायी। विपक्ष को इसे देखना चाहिए।

मध्यप्रदेश में शनिवार को कोरोना के 718 नये मरीज आये सामने, 38 की मृत्यु,अबतक संक्रमितों की संख्या 7,84,461 और मृतकों की संख्या 8295 हुई attacknews.in

भोपाल, 05 जून । मध्यप्रदेश में आज सात सौ अठारह लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये।
इस महामारी ने 38 लोगों की जान ले ली।

वहीं प्रदेश में सक्रिय मामले घटकर 11,344 पहुंच गयी है।

इस महामारी की चपेट में आये 2225 लोग आज स्वस्थ होकर घर चले गये।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से शाम को जारी बुलेटिन के अनुसार 81,812 सैंपल की जांच में 718 लोग कोरोना पॉजिटित मिले हैं।

वहीं 81,094 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाये गये तथा 204 सैंपल रिजेक्ट हुए और आज संक्रमण दर घटकर 0़ 8 प्रतिशत पहुंच गयी।

राज्य में आज पाये गये 718 नए मामले को मिलाकर कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,84,461 हाे गयी।

राहत की खबर है कि इनमें से 7,64,822 लोग कोरोना संक्रमण को परास्त कर चुके हैं।

इस संक्रमित महामारी ने राज्य में अब तक 8295 लोगों की जान ले ली है।

वर्तमान में सक्रिय मामले अब 11,344 हो गए हैं।

प्रदेश के इंदौर में 223 प्रकरण, भोपाल में 171, जबलपुर में 61 तथा सागर में 11 नए प्रकरण आए हैं।

राज्य के शेष जिलों में अशोकनगर, अलीराजपुर, आगरमालवा, भिंड और बुरहानपुर को छोड़कर 1 से 15 के बीच नये प्रकरण मिले है।

मध्यप्रदेश में कोरोना कर्फ्यू 15 जून तक जारी रहेगा: शिवराज सिंह चौहान ने कहा-प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है attacknews.in

भोपाल, 05 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। प्रदेश में कल 81 हजार टेस्ट हुए थे, जिनमें केवल 718 पॉजीटिव प्रकरण आए हैं। पॉजिटिविटी रेट अब घटकर 0.8 प्रतिशत हो गया है।

श्री चौहान स्मार्ट सिटी पार्क में वृक्षारोपण के उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पाँच जिले ऐसे हैं, जिनमें कल कोरोना का एक भी प्रकरण नहीं आया। हमें आशा है कि प्रदेश के कई जिले अगले कुछ दिनों में पूरी तरह कोरोना मुक्त हो जायेंगे।

उन्होंने कहा कि अभी इंदौर, भोपाल और जबलपुर में कोरोना के प्रकरणों की कुछसंख्या हैं, अभी लगातार सावधानी रखी जा रही है। अगर पाँच प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी दर होती है तो कोरोना संक्रमण नियंत्रण में माना जाता है। हम 0.8 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट पर पहुँच चुके हैं।

भारत के कोरोना संक्रमण के हाॅट स्पाॅट राज्य महाराष्ट्र में अनलॉक प्रक्रिया सात जून से; ‘ब्रेक द चैन’ के तहत प्रतिबंधों में 5 चरण में ढील दी जायेगी attacknews.in

मुंबई 05 जून ।कोरोना महामारी पर नियंत्रण के परिप्रेक्ष्य में महाराष्ट्र में ‘ब्रेक द चैन’ के तहत लागू प्रतिबंधों में सात जून से ढील दी जायेगी।

महाराष्ट्र राज्य आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास के प्रमुख सचिव असीम गुप्ता ने शुक्रवार की देर रात इस आशय की अधिसूचना जारी की।

अधिसूचना के मुताबिक राज्य के जिलों को कोविड संक्रमण दर के मानदंड और ऑक्सीजन बेड के उपयोग के आधार पर पांच चरणों में बांटा गया है।

पहले चरण में पांच प्रतिशत से कम संक्रमण दर और 25 प्रतिशत से कम ऑक्सीजन एम्बुलेंस का उपयोग करने वाले जिले आएंगे। ऐसे जिलों में सभी गतिविधियां सुचारू रूप से जारी रहेगी।

दूसरे चरण में पांच प्रतिशत की संक्रमण दर और 25 से 40 प्रतिशत के बीच ऑक्सीजन बेड उपयोग वाले इन जिलों में निर्माण, कृषि सेवाओं सहित सभी गतिविधियां शुरू की जा सकेंगी। रेस्टोरेंट, मॉल, सिनेमाघर, जिम, सैलून और स्पा अपनी 50 फीसदी क्षमता से शुरू होंगे।

तीसरे चरण में पांच से 10 फीसदी संक्रमण दर और 40 फीसदी से ज्यादा ऑक्सीजन बेड के इस्तेमाल वाले जिलों में आवश्यक सेवाओं के साथ अन्य दुकानें शाम चार बजे तक खुली रहेंगी। शनिवार और रविवार को केवल आवश्यक सेवाएं ही जारी रहेंगी।

चौथे चरण में 10 से 20 प्रतिशत की संक्रमण दर और 60 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन बेड के उपयोग वाले जिले आएंगे। इन जिलों में आकस्मिक सेवाएं शाम चार बजे तक जारी रहेंगी, बाकी सभी गतिबंधियां प्रतिबंधित रहेंगी। सामाजिक आयोजनों पर प्रतिबंध यथावत रहेगा।

इसी प्रकार पांचवे चरण में 20 प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर और 75 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन बेड वाले जिलों में सोमवार से शुक्रवार शाम चार बजे तक आवश्यक दुकानें खुली रहेंगी। शनिवार और रविवार को चिकित्सा सेवाओं को छोड़कर सभी गतिविधियां बंद रहेंगी।

अधिसूचना के मुताबिक मराठवाड़ा क्षेत्र में हिंगोली, जालना, नांदेड़ और लातूर जिले पहले और औरंगाबाद जिला दूसरे तथा बीड, उस्मानाबाद और परभणी जिले तीसरे चरण में शामिल रहेंगे।

महाराष्ट्र में कोरोना 13 हजार नए मामले, 300 की मौत

कोरोना से पूरे देश में सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान 13 हजार 659 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 58,19,214 हो गई है।

राज्य सरकार द्वारा शनिवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार इस अवधि में 300 में मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 99,512 पहुंच गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया विश्वभर में वितरित किए गए कोविड-19 रोधी दो अरब टीकों में से 60 प्रतिशत टीके तीन देशों चीन, अमेरिका और भारत को मिले हैं attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, पांच जून । विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि अब तक विश्व भर में वितरित किए गए कोविड-19 रोधी दो अरब टीकों में से करीब 60 प्रतिशत टीके महज तीन देशों चीन, अमेरिका और भारत को मिले हैं।

डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस के वरिष्ठ सलाहकार ब्रुस एलीवर्ड ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस हफ्ते हमें दो अरब से अधिक टीके मिलेंगे…हम टीकों की संख्या और नए कोविड-19 रोधी टीकों के लिहाज से उल्लेखनीय दो अरब टीकों का आंकड़ा पार कर लेंगे। इन्हें 212 से अधिक देशों में वितरित किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम दो अरब टीकों की तरफ देखें तो 75 प्रतिशत से अधिक खुराक महज 10 देशों को मिली है। यहां तक कि 60 फीसदी टीके तीन देशों चीन, अमेरिका तथा भारत को मिले हैं।’’

एलीवर्ड ने कहा कि कोवैक्स ने कोविड-19 रोधी टीके 127 देशों में वितरित करने और कई देशों में टीकाकरण अभियान शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने बताया कि दो अरब टीकों में से चीन, भारत और अमेरिका को मिली 60 प्रतिशत खुराकों को ‘‘घरेलू रूप से खरीदा और इस्तेमाल किया गया।’’

एलीवर्ड ने कहा कि केवल 0.5 प्रतिशत टीके कम आय वाले देशों को गए जो दुनिया की आबादी का 10 प्रतिशत हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अब दिक्कत यह है कि टीकों की आपूर्ति बाधित हो रही हैं। भारत तथा अन्य देशों में दिक्कतों के कारण बाधाएं हो रही है तथा इस खाई को भरने में मुश्किल हो रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कम से कम चौथी तिमाही में फिर से टीकों की आपूर्ति शुरू करें।’’

दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता एसआईआई कोवैक्स को एस्ट्राजेनेका टीकों की आपूर्ति करने वाला अहम संस्थान है। भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण कोवैक्स को टीकों की आपूर्ति बाधित हो गयी है।

संरा शांतिरक्षकों के लिए दिए गए 200,000 टीके इस्तेमाल हो रहे हैं: संरा प्रवक्ता

इधर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए 2,00,000 टीके दिए थे और ‘‘उन्हें इस्तेमाल किया जा रहा है’’, साथ ही बड़ी संख्या में शांतिरक्षकों का टीकाकरण हो चुका है।

दुजारिक ने शुक्रवार को यह बात कही।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों के टीकाकरण के संबंध में पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर में कहा, ‘‘भारत सरकार ने हमें 200,000 खुराकें दी थीं….और जहां तक मुझे ज्ञात है बड़ी संख्या में शांतिरक्षकों का टीकाकरण चल रहा है।’’

उन्होंने कहा,‘‘ भारतीय टीकों की संख्या 200,000 थी, ये एस्ट्राजेनेका के टीके थे और इनका इस्तेमाल चल रहा है।’’

भारत शांतिरक्षा अभियानों में योगदान देने वाले बड़े देशों में से एक है और उसने संयुक्त राष्ट्र के सभी मिशनों में काम कर रहे शांतिरक्षकों के टीकाकरण के लिए टीकों की 2,00,000 खुराकें दी हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फरवरी में घोषणा की थी कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के लिए टीके देगा।

संयुक्त राष्ट्र को चीन की ओर से टीके की पेशकश के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ‘‘हम रूस के अधिकारियों की ही भांति चीन के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।

मध्यप्रदेश में शुक्रवार को कोरोना के 798 नये मरीज आये सामने, 50 की मृत्यु; अबतक संक्रमितों की संख्या 7,83,743 और मृतकों की संख्या 8257 हुई attacknews.in

भोपाल, 04 जून । मध्यप्रदेश में घटते कोरोना संक्रमण के बीच आज 798 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये।आज भी इस महामारी ने 50 लोगों की जान ले ली।

अब प्रदेश में सक्रिय मामले घटकर 12,889 पहुंच गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से शाम को जारी बुलेटिन के अनुसार 79,917 सैंपल की जांच में 798 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

जांच रिपोर्ट में 79,119 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव रहे।

जबकि 137 सैंपल रिजेक्ट हुए और आज संक्रमण दर घटकर 0़ 9 प्रतिशत पहुंच गयी।

प्रदेश भर में आज 798 नए मामले आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,83,743 हाे गयी।

राहत की खबर है कि इनमें से 7,62,597 लोग कोरोना संक्रमण को परास्त कर चुके हैं।

इस संक्रमित महामारी ने राज्य में अब तक 8257 लोगों की जान ले ली है।

वर्तमान में सक्रिय मामले अब 12,889 हो गए हैं।

मध्यप्रदेश की साप्ताहिक पॉजिटिविटी 1. 5 प्रतिशत तथा आज की पॉजिटिविटी 1.0 प्रतिशत है।

अब प्रदेश के 32 जिले ग्रीन जोन में हैं, जहां 01 फीसदी से कम साप्ताहिक पॉजिटिविटी है।

प्रदेश के शेष जिले ऑरेंज जोन में हैं जहां 1 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक साप्ताहिक पॉजिटिविटी है।

तीन जिलों अलीराजपुर, छतरपुर तथा झाबुआ में नए प्रकरण 0 हैं तथा तीन जिलों बुरहानपुर, कटनी तथा मंडला में 1-1 नए प्रकरण आए हैं।

अलीराजपुर जिले में केवल 02 एक्टिव प्रकरण हैं।

मध्यप्रदेश के 04 जिलों में ही 15 से अधिक नए प्रकरण आए हैं।

इंदौर में 246, प्रकरण, भोपाल में 176, जबलपुर में 64 तथा सागर में 18 नए प्रकरण आए हैं।

इंदौर की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 4.4 फीसदी, भोपाल की 3.4 प्रतिशत, जबलपुर की 1.6 प्रतिशत तथा सागर की 1.1 प्रतिशत है।

अब कोरोना के 5006 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, 7883 मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

अस्पतलों में भर्ती मरीजों में 1834 मरीज आई.सी.यू. में, 2011 मरीज ऑक्सीलन बैड्स पर तथा 1161 मरीज सामान्य बैड्स पर हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया: मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के इंजैक्शन ‘एम्फोटैरिसन बी’ की पर्याप्त उपलब्धता हो गई है, जिन्हें शासकीय एवं निजी दोनों अस्पतालों को दिया जा रहा है attacknews.in

भोपाल, 04 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ब्लैक फंगस रोग के इंजैक्शन ‘एम्फोटैरिसन बी’ की पर्याप्त उपलब्धता हो गई है, जिन्हें शासकीय एवं निजी दोनों अस्पतालों को दिया जा रहा है।

श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पोस्ट कोविड मरीजों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इन मरीजों से नियमित रूप से चिकित्सक बातचीत कर इन्हें आवश्यक परामर्श दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के अधिक से अधिक टैस्ट कराकर एक- एक मरीज को ढूंढ़कर उनका इलाज किया जा रहा है। प्रतिदिन टैस्ट की संख्या लगभग 80 हजार पहुंच गई है।

प्रदेश में ब्लैक फंगस के इंजैक्शन ‘एम्फोटेरिसन बी’ आज 12600 प्राप्त हुए हैं, जिन्हें हवाई मार्ग से बुलवाया गया है। दो दिन बाद 17 हजार इंजैक्शन और मिल जाएंगे। प्रदेश में वर्तमान में ब्लैक फंगस बीमारी के 1005 सक्रिय मरीज हैं। भोपाल में 235, इंदौर में 428, जबलपुर में 116, सागर में 40, उज्जैन में 85, ग्वालियर में 52, रीवा में 31, देवास में 15, रतलाम में 02 तथा बुरहानपुर में 01 ब्लैक फंगस के मरीज हैं।

प्रदेश में डिस्टिक्ट कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर्स के माध्यम से 72 प्रतिशत पोस्ट कोविड मरीजों से सम्पर्क किया गया तथा उन्हें चिकित्सकीय परामर्श दिया गया। स्वस्थ हुए कुल पोस्ट कोविड मरीजों में से 0.7 फीसदी मरीजों में पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन पाए गए।

प्रदेश में कोरोना के 798 नए प्रकरण आए हैं, 2045 मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव प्रकरण 12889 रह गए हैं। प्रदेश की साप्ताहिक पॉजिटिविटी 1.5 प्रतिशत तथा आज की पॉजिटिविटी 1.0 प्रतिशत है।
अब प्रदेश के 32 जिले ग्रीन जोन में हैं, जहां 01 फीसदी से कम साप्ताहिक पॉजिटिविटी है। प्रदेश के शेष जिले ऑरेंज जोन में हैं जहां 1 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक साप्ताहिक पॉजिटिविटी है। तीन जिलों अलीराजपुर, छतरपुर तथा झाबुआ में नए प्रकरण 0 हैं तथा तीन जिलों बुरहानपुर, कटनी तथा मंडला में 1-1 नए प्रकरण आए हैं। अलीराजपुर जिले में केवल 02 एक्टिव प्रकरण हैं।

प्रदेश के 04 जिलों में ही 15 से अधिक नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 246, प्रकरण, भोपाल में 176, जबलपुर में 64 तथा सागर में 18 नए प्रकरण आए हैं। इंदौर की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 4.4 फीसदी, भोपाल की 3.4 प्रतिशत, जबलपुर की 1.6 प्रतिशत तथा सागर की 1.1 प्रतिशत है।
अब कोरोना के 5006 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, 7883 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। अस्पतलों में भर्ती मरीजों में 1834 मरीज आई.सी.यू. में, 2011 मरीज ऑक्सीलन बैड्स पर तथा 1161 मरीज सामान्य बैड्स पर हैं।

जबलपुर जिले की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक व्यक्तियों के टैस्ट कराए जाएं तथा पॉजिटिव पाए गए हर व्यक्ति की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करें। जबलपुर में कोरोना के 64 नए प्रकरण आए हैं, साप्ताहिक पॉजिटिविटी 1.5 प्रतिशत है तथा आज की पॉजिटिविटी 1.1 प्रतिशत है। अस्पतालों में आई.सी.यू. में 370 कोरोना के मरीज भर्ती हैं, इन्हें अच्छे से अच्छा इलाज दिए जाने के निर्देश दिए गए।

श्री चौहान ने निर्देश दिये कि सभी प्रभारी मंत्री, कोविड के प्रभारी अधिकारी, क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों के सदस्य तथा संबंधित सभी अपने -अपने जिलों में वैक्सीनेशन अभियान को तेज किया।जायें ।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स को बेचने लगे थे वितरक ऊंची कीमत के स्तर पर,मार्जिन 198 प्रतिशत तक चला गया था,सरकार ने लगाई लगाम और 70 प्रतिशत की अधिकतम सीमा निर्धारित की attacknews.in

एनपीपीए एक सप्ताह के भीतर संशोधित एमआरपी सूचित करेगा

नईदिल्ली 4 जून ।कोविड महामारी के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों, जिसके परिणामस्वरूप् ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की अधिकतम खुदरा कीमतों (एमआरपी) में हाल में अस्थिरता आई है, को देखते हुए सरकार ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की कीमत को विनियमित करने के लिए कदम उठाने का फैसला किया है।

सरकार द्वारा संग्रहित सूचना के अनुसार, वर्तमान में वितरक के स्तर पर मार्जिन 198 प्रतिशत तक चला गया है।

व्यापक सार्वजनिक हित में डीपीसीओ, 2013 के पैरा 19 के तहत असाधारण शक्तियों को लागू करते हुए एनपीपीए ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर वितरक के लिए मूल्य (पीटीडी) स्तर पर व्यापार मार्जिन पर 70 प्रतिशत की अधिकतम सीमा निर्धारित की है।

इससे पहले, फरवरी 2019 में एनपीपीए ने सफलतापूर्वक कैंसर-रोधी दवाओं पर व्यापार मार्जिन पर अधिकतम सीमा निर्धारित की थी।

अधिसूचित व्यापार मार्जिन के आधार पर, एनपीपीए ने विनिर्माताओं/आयातकों को तीन दिनों के भीतर संशोधित एमआरपी रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। एनपीपीए द्वारा एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक रूप से संशोधित एमआरपी की सूचना दे दी जाएगी।

प्रत्येक रिटेलर, डीलर, अस्पताल और संस्थान विनिर्माता द्वारा प्रस्तुत मूल्य सूची को व्यवसाय परिसर के एक विशेष हिस्से में इस प्रकार से प्रदर्शित करेगा कि इसके लिए संपर्क करने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए इसकी पहुंच सुगम हो।

व्यापार मार्जिन पर अधिकतम सीमा निर्धारित करने के बाद इसका अनुपालन नहीं करने वाले विनिर्माता/आयातक अनिवार्य वस्तु अधिनियम, 1955 के साथ पठित औषधि आदेश (मूल्य नियंत्रण), 2013 के प्रावधानों के तहत 15 प्रतिशत ब्याज दर तथा 100 प्रतिशत तक आर्थिक दंड के साथ अधिक वसूली गई राशि जमा करने के उत्तरदायी होंगे।

राज्य औषधि नियंत्रक (एसडीसी) यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई विनिर्माता, वितरक, रिटेलर किसी ग्राहक को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की बिक्री संशोधित एमआरपी से अधिक मूल्य पर न करे तथा कालाबाजारी की घटनाओं को रोकने के लिए आदेश के अनुपालन की निगरानी करेंगे।

यह आदेश 30 नवंबर तक लागू रहेगा, फिर से इसकी समीक्षा की जाएगी।

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बीमारी के मामलों में आई तेजी के साथ, मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में भारी बढोतरी हो गई है।

सरकार महामारी के दौरान देश में समुचित मात्रा में ऑक्सीजन तथा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की निर्बाधित आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक गैर-अधिसूचित औषधि है तथा वर्तमान में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की स्वैच्छिक लाइसेंसिंग ढांचे के तहत है। इसकी कीमत की निगरानी डीपीसीओ 2013 के प्रावधानों के तहत की जा रही है।