मध्यप्रदेश में।शुक्रवार को मिले 4 हजार से अधिक कोरोना मरीज, 79 की मौत;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,57,119 और मृतकों की संख्या 7394 हुई attacknews.in

भोपाल, 21 मई । मध्यप्रदेश में प्रत्येक दिन घटते कोरोना संक्रमण के बीच आज भी चार हजार से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।आज इस महामारी से 79 लोगों की मौत हो गयी।

मध्यप्रदेश के लिए राहत की खबर है कि कोरोना संक्रमण दर 20 प्रतिशत से घटकर अब 5़ 6 पर पहुंच गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले में 78,268 लोगों की जांच की गई।

इस जांच सैंपल रिपोर्ट में 4,384 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।

जबकि 73,884 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाये गये और 152 कोरोना टेस्ट रिजेक्ट हुए है।

आज पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 5़ 6 प्रतिशत दर्ज की गयी।

कोरोना संक्रमण की चपेट में आये 9,405 लोग संक्रमण से मुक्त होकर घर रवाना हुए है।

अब राज्य भर में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 67,625 पहुंच गयी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने अब तक 7,57,119 लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।

राहत की खबर है कि इनमें से अब तक 6,82100 ठीक होकर घर पहुंच गये है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 7394 लोगों की जान ले चुका है।

आज 79 लोगों मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।

राज्य 52 जिलों में आज भी सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज इंदौर जिले में मिले हैं।

इंदौर जिले में आज 937 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं दूसरे स्थान पर भोपाल जिले में 607 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 105, जबलपुर में 279, उज्जैन में 127, रतलाम में 146, रीवा में 148, सागर जिले में 114 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 4 से लेकर 79 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

भारत सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी के उपचार की दवा एम्फोटेरिसिन-बी की उपलब्धता बढ़ाने मौजूदा 5 कंपनियों के अलावा 5 मई दवा कंपनियों को उत्पादन लाइसेंस जारी किए attacknews.in

नईदिल्ली 21 मई ।भारत सरकार “संपूर्ण सरकार” दृष्टिकोण के माध्यम से कोविड-19 प्रबंधन के लिए दवाओं और निदानिकी की खरीद में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता कर रही है।

अप्रैल, 2020 से विभिन्न दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, पीपीई किट और मास्क आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का सक्रिय रूप मदद कर रही है।

हालिया दिनों में कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने म्यूकोर्मिकोसिस के रूप में कोविड जटिलताओं से पीड़ित मरीजों की बढ़ती संख्या के बारे में बताया है। म्यूकोर्मिकोसिस को ब्लैक फंगस के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली फंगल-रोधी दवा एम्फोटेरिसिन-बी की भी कमी बताई गई है।

औषध विभाग और विदेश मंत्रालय के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एम्फोटेरिसिन-बी दवा के घरेलू उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने वैश्विक उत्पादकों से आपूर्ति हासिल करके घरेलू उपलब्धता को पूरा करने के लिए प्रभावी प्रयास किए हैं।

देश में एम्फोटेरिसिन-बी के मौजूदा पांच उत्पादक और एक आयातक हैं :

भारत सीरम और वैक्सीन लिमिटेड

बीडीआर फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड

सन फार्मा लिमिटेड

सिपला लिमिटेड

लाइफ केयर इनोवेशन

माईलैन लैब्स (आयातक)

अप्रैल, 2021 में इन कंपनियों की उत्पादन क्षमता काफी सीमित थी। भारत सरकार के जिम्मेदारी संभालने के परिणामस्वरूप ये घरेलू उत्पादक मई 2021 में कुल मिलाकर 1,63,752 शीशियों का उत्पादन करेंगे। इसके उत्पादन को जून 2021 के महीने में 2,55,114 शीशियों तक बढ़ाया जाएगा।

इसके अलावा फंगल-रोधी दवा की घरेलू उपलब्धता को आयात के जरिए पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। मई, 2021 में एम्फोटेरिसिन-बी की 3,63,000 शीशियों का आयात किया जाएगा, जिससे देश में इसकी कुल उपलब्धता 5,26,752 शीशियों (घरेलू उत्पादन सहित) की होगी।

जून, 2021 में 3,15,000 शीशियों का आयात किया जाएगा। इससे जून, 2021 में घरेलू आपूर्ति के साथ एम्फोटेरिसिन-बी की देशव्यापी उपलब्धता को बढ़ाकर 5,70,114 शीशियों तक किया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सक्रिय प्रयासों के परिणामस्वरूप देश के भीतर पांच अतिरिक्त उत्पादकों को फंगल-रोधी दवा के उत्पादन के लिए लाइसेंस दिया गया है। ये हैं :

नैटको फार्मास्यूटिकल्स, हैदराबाद

एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स, वडोदरा

गफिक बायोसाइन्स लिमिटेड, गुजरात

एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स, पुणे

लाइका, गुजरात

कुल मिलाकर ये कंपनियां जुलाई 2021 से प्रत्येक महीने एम्फोटेरिसिन-बी की 1,11,000 शीशियों का उत्पादन करेंगी। इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और औषध विभाग इन पांच उत्पादकों को सक्रिय रूप से सुविधा प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि ये अतिरिक्त आपूर्ति जून, 2021 में शुरू हो सके।

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय विदेश मंत्रालय के साथ सहभागिता में अन्य वैश्विक स्रोतों की भी सक्रिय रूप से खोज कर रहा है, जहां से एम्फोटेरिसिन-बी दवा का आयात किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली अन्य फंगल-रोधी दवाओं की भी खरीदने की कोशिश कर रहा है।

भारतीय रेलवे ने 208 ऑक्सीजन एक्सप्रेस से विभिन्न राज्यों को 814 टैंकरों में लगभग 13319 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोग हेतु तरल ऑक्सीजन भेजी attacknews.in

नईदिल्ली 21 मई । भारतीय रेलवे मौजूदा चुनौतियों का सामना और नए उपायों की तलाश के साथ देश के विभिन्न राज्यों की मांग पर तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान पर निरंतर काम कर रही है। भारतीय रेलवे अब तक देश के विभिन्न राज्यों को 814 टैंकरों में लगभग 13319 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोग हेतु तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर चुका है।

इस अभियान के अंतर्गत अब तक 208 ऑक्सीजन एक्सप्रेस की यात्रा पूरी हो चुकी है और विभिन्न राज्यों को राहत पहुंचाई गई है।

इस विज्ञप्ति के जारी होने के समय तक 13 ऑक्सीज़न एक्सप्रेस 1018 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) लेकर निर्धारित राज्यों में पहुँचने के लिए अपने मार्ग पर चल रही हैं।

पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में दैनिक आधार पर 800 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीज़न पहुंचाई जा रही है।

भारतीय रेलवे, राज्यों की मांग पर यथासंभव मात्रा और कम से कम समय में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार काम कर रहा है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा जिन 13 राज्यों में ऑक्सीज़न की आपूर्ति अब तक की गई हैं उनके नाम हैं: उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश।

अब तक महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3338 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 521 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4110 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1619 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 714 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 649 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 292 मीट्रिक टन, पंजाब में 153 मीट्रिक टन, केरल में 118 मीट्रिक टन और तेलंगाना में 772 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई

रेलवे ने ऑक्सीज़न की आपूर्ति के लिए नए मार्गों को भी चिन्हित किया है और राज्यों की तरफ से आने वाली आपात स्थिति में किसी भी तरह की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। तरल चिकित्सा ऑक्सीज़न के लिए भारतीय रेलवे को टैंकर राज्य की तरफ से उपलब्ध कराये जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि ऑक्सीज़न एक्सप्रेस की शुरुआत 27 दिन पहले 24 अप्रैल को हुई और पहली ऑक्सीज़न एक्सप्रेस 126 मीट्रिक टन ऑक्सीज़न के साथ महाराष्ट्र पहुंची थी।

भारतीय रेलवे की यह ऑक्सीज़न एक्सप्रेस ऑक्सीज़न की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इधर से उधर दौड़ रही हैं। पश्चिम में हापा, बड़ौदा और मुंद्रा से तो पूरब में राऊरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर और अंगुल से ऑक्सीज़न लेकर उसकी आपूर्ति उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सुव्यवस्थित योजनबद्ध ढंग से कर रही हैं।

ऑक्सीजन के रूप में सहायता की आपूर्ति यथासंभव शीघ्र करने के लिए भारतीय रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। चालक दल बदलने जैसी तकनीकी आवश्यकताओं के लिए गाड़ी के ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

मार्गों को लगातार खुला रखा जा रहा है और ऑक्सीज़न एक्सप्रेस के सुचारु परिचालन के लिए उच्च स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है।

यह भी महत्वपूर्ण है कि ऑक्सीज़न एक्सप्रेस के लिए किए गए इन प्रबंधों के साथ यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि अन्य मालगाड़ियों के परिचालन में किसी तरह का व्यवधान ना आए।

ऑक्सीज़न की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है और ढुलाई से जुड़े आंकड़े लगातार अपडेट किए जा रहे हैं। कुछ और ऑक्सीजन एक्सप्रेस देर रात अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगी।

देशव्यापी “आयुष कोविड-19 काउंसलिंग हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 14443 ” हुआ शुरू,सप्ताह के सातों दिन सुबह 6 बजे से आधी रात 12 बजे तक खुली रहेगी attacknews.in

नईदिल्ली 21 मई आयुष मंत्रालय ने एक समर्पित सामुदायिक सहायता हेल्पलाइन शुरू की है। इसके जरिये कोविड-19 की चुनौतियों के समाधान के लिये आयुष आधारित उपाय बताये जायेंगे।

इसका टोल-फ्री नंबर 14443 है। यह हेल्पलाइन पूरे देश में शुरू हो गई है और सप्ताह के सातों दिन सुबह छह बजे से आधी रात बारह बजे तक खुली रहेगी।

हेल्पलाइन 14443 के जरिये आयुष की विभिन्न विधाओं, जैसे आयुर्वेद, होमियोपैथी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और सिद्ध के विशेषज्ञ, लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिये उपलब्ध रहेंगे। ये विशेषज्ञ सिर्फ रोगी की काउंसलिंग और उपयोगी उपचार ही नहीं बतायेंगे, बल्कि वे नजदीकी आयुष केंद्रों की जानकारी भी देंगे।

विशेषज्ञ कोविड-19 से उबरने वाले रोगियों को दोबारा रोजमर्रा के काम शुरू करने और अपनी देखभाल के बारे में सलाह देंगे। यह हेल्पलाइन इंटरऐक्टिव वॉइस रेस्पांस (आईवीआर) आधारित है और हिन्दी तथा अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। जल्द ही अन्य भाषायें भी इसमें जोड़ दी जायेंगी।

हेल्पलाइन एक बार में 100 कॉल्स ले सकती है। जरूरत को देखते हुये इसकी क्षमता बढ़ा दी जायेगी। हेल्पलाइन के जरिये आयुष मंत्रालय का प्रयास है कि देशभर में कोविड-19 के फैलाव को सीमित किया जाये। उसके इस प्रयास को गैर-सरकारी संस्था प्रोजेक्ट स्टेप-वन सहयोग कर रही है।

उल्लेखनीय है कि आयुष प्रणाली प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है और आज भी लोग इसका उपयोग करते हैं। इसे स्वास्थ्य और आरोग्य के लिये इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे अब देश में औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान कर दी गई है।

मौजूदा महामारी के दौरान इन प्रणालियों का उपयोग बढ़ गया है, क्योंकि इनसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। आयुष प्रणालीअसरदार, सुरक्षित, आसानी से उपलब्ध और सस्ती है। इसे कोविड-19 का इलाज करने में कारगर पाया गया है। इसके अतिरिक्त, इसकी चिकित्सकीय क्षमता की भी पड़ताल की गई, जिसके आधार पर कई जड़ी-बूटियों से बने दो असरदार नुस्खे सामने आये।

पहला नुस्खा आयुष-64 को केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद ने और दूसरा.सिद्ध प्रणाली वाला कबसुर कुडीनीर नुस्खा विकसित किया गया।

इन दोनों नुस्खों को कोविड-19 के हल्के और कम गंभीर मामलों में कारगर पाया गया है। आयुष मंत्रालय इन दवाओं को प्रोत्साहन दे रहा है, ताकि आम लोगों को इसका फायदा मिल सके।

उज्जैन में कोरोना से मृत शवों का निःशुल्क दाह संस्कार श्री चक्रतीर्थ न्यास द्वारा करवाया जाएगा attacknews.in

उज्जैन 21 मई । कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए उज्जैन के प्राचीन शवदाह स्थल श्री चक्रतीर्थ घाट पर कोरोना से मृत व्यक्तियों के दाह संस्कार हेतु लकडी एवं कंडे निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय श्री चक्रतीर्थ न्यास, उज्जैन द्वारा लिया गया है।

जानकारी देते हुए चक्रतीर्थ न्यास के अध्यक्ष एवं।मध्यप्रदेश माटी कला बोर्ड के पूर्वअध्यक्षअशोक प्रजापत ने बताया कि इस संवेदनशील विषय पर न्यास द्वारा बैठक आयोजित कर सर्वानुमति से कोरोना महामारी से मृत व्यक्तियों के दाह संस्कार हेतु लकडी एवं कंडे निःशुल्क उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव पास किया हैं।

इसके लिए कोरोना से मृत व्यक्ति के परिवार जनों को प्रशासन/अस्पताल से जारी मूल प्रमाण पत्र एवं उसकी फोटो काॅपी जिसमें कोरोना से मृत्यु होना उल्लेखित हो शवदाह के समय अपने साथ लाना अनिवार्य होगा।

प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर न्यास द्वारा आवश्यक लकडी एवं कंडे दाह संस्कार हेतु निःशुल्क उपलब्ध करवा दिए जावेगे।

न्यास की बैठक में उपस्थित जनों में सर्व श्री कार्यकारी न्यासी श्री सुरेन्द्र अरोरा, सचिव श्री प्रहलाद यादव, उपाध्यक्ष श्री हरिसिह यादव आदि गणमान्यजन उपस्थित थे। यह जानकारी न्यास के सचिव श्री प्रहलाद यादव ने दी।

नरेंद्र मोदी ने ‘‘ब्लैक फंगस’’ को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नयी चुनौती करार देते हुए कहा कि इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी attacknews.in

वाराणसी, 21 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘ब्लैक फंगस’’ को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नयी चुनौती करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य कर्मियों से संवाद करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सामूहिक प्रयासों से स्थिति को संभालने में काफी हद तक मदद मिली है लेकिन यह संतोष का समय नहीं है और एक लंबी लड़ाई लड़नी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने ‘‘जहां बीमार, वहीं उपचार’’ का नारा दिया और छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाकर काम करने पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने महामारी के कारण असमय अपनी जान गंवाने वाले काशी क्षेत्र के लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वह थोड़ी देर के लिए भावुक भी हो गए।

कोरोना की दूसरी लहर में टीकाकरण से हो रहे फायदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘टीके की सुरक्षा के चलते काफी हद तक हमारे अग्रिम मोर्चा पर तैनात कर्मी सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं। यही सुरक्षा कवच आने वाले समय में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा। हमें अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवानी है।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में अभी इन दिनों ब्लैक फंगस की एक और नई चुनौती भी सामने आई है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी बरतनी है और व्यवस्था पर भी ध्यान देना जरूरी है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को काफी हद तक संभालने में मदद मिली है लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है। अभी हमें ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है। कोविड के खिलाफ गांवों में चल रही लड़ाई में आशा और एएनएम बहनों की भी भूमिका बहुत अहम है। मैं चाहूंगा कि इनकी क्षमता और अनुभव का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जाए।’’

‘‘जहां बीमार वहीं उपचार’’ के सिद्धांत पर काम करने की आवश्यकता जताते हुए मोदी ने छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाने पर बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘घर-घर दवाइयां बांटने के अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।’’

इससे पहले प्रधानमंत्री ने पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल सहित वाराणसी के विभिन्न कोविड अस्पतालों के कार्यों की समीक्षा की । साथ ही उन्होंने जिले के अन्य गैर-कोविड अस्पतालों के कार्यों की भी समीक्षा की।

पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल का निर्माण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और सेना के संयुक्त प्रयासों से आरंभ किया गया है।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 के 7735 नये मामले सामने आए हैं।

कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों को अब 3 महीने के बाद लगेगा टीका साथ ही पहला डोज लेने के बाद हुए संक्रमितों को भी 3 महीने के बाद दूसरा डोज लगेगा attacknews.in

झांसी/औरैया 20 मई । कोरोना की दूसरी लहर से मचे कोहराम के बीच वैक्सीनेशन की दर में भी काफी बढ़ोतरी हुई है इस बीच कोविड टीकाकरण कार्यों और वैक्सीन के प्रभावों की निगरानी कर रहे नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 की सलाह पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने वैक्सीनेशन के संबंध में नयी सलाह जारी की गयी है।

जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरूवार को दी गयी जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश कुमार ने इस संबंध में जारी पत्र के अनुसार कोविड संक्रमण से ठीक हुए लोगों को अब 3 महीने के बाद टीका दिया जाएगा। वहीं, ऐसे लोग जो टीके का पहला डोज लेने के बाद संक्रमित हुए हैं, उन्हें भी 3 महीने के बाद ही दूसरा डोज लेने की सलाह दी गयी है। साथ ही टीकाकरण के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकते हैं।

मध्यप्रदेश में गुरुवार को मिले 4,952 कोरोना संक्रमित, 88 की मौत;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,52,735 और मृतकों की संख्या 7315 हुई attacknews.in

भोपाल, 20 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के घटते मामले के बीच आज चार हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।इस महामारी से आज 88 लोगों की मौत हो गयी।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के नये मामले में हर दिन गिरावट आ रही है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले में 77,493 लोगों की जांच की गई।

जांच सैंपल रिपोर्ट में 4,952 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) 6़ 3 प्रतिशत दर्ज की गयी।

इस महामारी से 9,746 लोग मुक्त होकर घर रवाना हुए है।

वहीं प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 72,725 है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने अब तक 7,52,735 लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।

हालांकि इनमें से अब तक 6,72695 लोगों ने संक्रमण को मात देकर घर पहुंच गये है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश में 7315 लोगों की जान ले चुका है।

आज 88 लोगों की मौत हुई है।

राज्य के इंदौर जिले में आज भी दूसरे जिलों की तुलना सबसे अधिक संक्रमित मिले हैं।

इंदौर जिले में आज 1072 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं दूसरे स्थान पर भोपाल जिले में 693 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 135, जबलपुर में 336, उज्जैन में 197, रतलाम में 162, रीवा में 158, सागर जिले में 187 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 4 से लेकर 102 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

शिवराज सिंह चौहान बोले:कोरोना संक्रमण की रफ्तार जन-सहयोग से थम रही है;इंदौर संभाग को नियंत्रण की दिशा में आदर्श बताया, यहां स्थिति तेजी से नियंत्रित हो रही है attacknews.in

भोपाल/इंदौर , 20 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में नागरिकों से मिले सहयोग से कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम कर उसे समाप्त करने की दिशा में तेजी बढ़ा जा सका है।

श्री चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव में जन-भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित की गयी है। इसी का परिणाम है कि जन-जागरूकता बढ़ी है। लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिये प्रेरित हुए हैं। लोगों ने न केवल कोरोना से बचाव के उपाय स्वयं अपनाये, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरित किया। सामाजिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों, जन-प्रतिनिधियों, समाज सेवियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ और समुदाय के विभिन्न क्षेत्रों के नागरिकों से मिले सहयोग से कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम कर उसे समाप्त करने की दिशा में तेजी बढ़ा जा सका है। जन-सहभागिता से कोरोना संक्रमण पीड़ितों के समुचित इलाज की व्यवस्था में भी सहयोग प्राप्त हुआ है।

राज्य सरकार, जन-सहयोग से कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस को पूरी तरह समाप्त करने के लगातार प्रयास कर रही है। किल-कोरोना अभियान में सामाजिक संगठनों के सहयोग से प्रारंभिक स्तर पर कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों की पहचान के लिये जागरूकता लायी गयी तथा सक्रिय चिन्हांकन किया गया। प्रदेश में टेस्टिंग कैपेसिटी को बढ़ाया गया। साथ ही टेस्टिंग के परिणाम आने में लगने वाले समय को घटाया गया।

श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम और बचाव में कोरोना-वॉलेंटियर्स का योगदान सराहनीय रहा है। बताया गया कि प्रदेश भर में कोरोना वॉलेंटियर्स की संख्या अब एक लाख 16 हजार 98 से भी अधिक हो गयी है, जिसमें से 50 हजार से अधिक वॉलेंटियर्स अधिक सक्रिय रहे हैं। करीब 7899 वॉलेंटियर्स द्वारा वैक्सीनेशन सेंटर पर सहयोग किया जा रहा है।

योग से निरोग कार्यक्रम में अब तक 93 हजार 779 होम आइसोलेटेड कोविड मरीजों को लाभान्वित किया गया।।

इंदौर संभाग में स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है-शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग को कोरोना संक्रमण के नियंत्रण की दिशा में आदर्श बताते हुए कहा कि यहां स्थिति तेजी से नियंत्रित एवं सामान्य हो रही है।

श्री चौहान आज इंदौर में संभाग स्तरीय कोविड नियंत्रण की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा अगले दस दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। इन दस दिनों में उन्होंने विशेष सावधानी एवं सतर्कता रखते हुए जनता कर्फ्यू का कड़ाई से पालन करने का आग्रह आमजन से किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं। दवाईयों/इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये भी लगातार प्रयास हो रहे हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री श्री मोदी से भी चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस तथा अन्य बीमारियों के इलाज के लिये हर जिले में पोस्ट कोविड सेंटर की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में पात्र परिवारों के मरीजों को ब्लैक फंगस का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कोरोना से निपटने के लिये क्षेत्रवार रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने इंदौर संभाग विशेषकर इंदौर जिले में कोरोना से निपटने के लिये हो रहे प्रयासों, प्रबंधन तथा नवाचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इंदौर संभाग तथा इंदौर जिला कोरोना मुक्ति के लिये प्रदेश में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में श्री चौहान ने कोरोना पॉजिटिव पेशेंन्ट्स/पॉजिटिविटी रेट/मृत्यु दर, कंटेनमेंट एरिया, कोविड सैंपल कलेक्शन एवं टेस्टिंग, आयुष्मान योजना की प्रगति, इस योजना में लाभान्वित कोविड पेशेंट्स, अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटर में बेड प्रबंधन, ऑक्सीजन की उपलब्धता, ब्लैक फंगस के उपचार तथा पोस्ट कोविड ओपीडी संचालन की स्थिति, कोविड टीकाकरण अभियान आदि की जिलेवार समीक्षा की।

जींद में अचानक ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट में तकनीकी खराबी से बंद हुई सांसें , तीन कोरोना मरीजों की मौत attacknews.in

जींद, 20 मई । हरियाणा के जींद जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग की ऑक्सीजन सप्लाई में कल तकनीकी खराबी आ जाने के कारण ऑक्सीजन का फ्लो कम होने से उपचाराधीन तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई।

अस्पताल के सूत्रों के अनुासर नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग में टैंक के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है और कल रात अचानक प्लांट में तकनीकी खराबी आने से ऑक्सीजन का फ्लो कुछ समय के लिए बंद हो गया। प्लांट में मौजूद कर्मियों ने सिलेंडरों के माध्यम से जैसे-तैसे ऑक्सीजन की सप्लाई को शुरू किया लेकिन इसमें 15 से 20 मिनट का समय लग गया और इस दौरान वेंटिलेटर को ऑक्सीजन का पर्याप्त प्रेशर नहीं मिल पाया। इससे वेंटिलेटर पर तीन मरीजों की हालत बिगड़ने लगी। स्वास्थ्य कर्मियों ने तीनों मरीजों को वेंटिलेटर से हटा कर ऑक्सीजन स्पॉट पर ले जाया गयालेकिन उनकी गंभीर हालात होने के चलते उनकी जान को बचाया नहीं जा सका।

कोरोना मिशन मोड में 200 से अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों द्वारा देश के 13 में 775 से अधिक टैंकरों से 12,630 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई गई attacknews.in

45 टैंकरों में 784 एमटी एलएमओ से भरी हुई 10 ऑक्सीजन एक्सप्रेस चल रही हैं

ऑक्सीजन एक्सप्रेस अब रोजाना 800 एमटी से अधिक एलएमओ देश में पहुंचा रही हैं

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 13 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश- को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई

अब तक महाराष्ट्र में 521 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3189 एमटी, मध्य प्रदेश में 521 एमटी, हरियाणा में 1549 एमटी, तेलंगाना में 772 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 641 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 584 एमटी, आंध्र प्रदेश में 292 एमटी, पंजाब में 111 एमटी, केरल में 118 एमटी तथा दिल्ली में 3915 एमटी से अधिक ऑक्सीजन पहुंचाई गई

नईदिल्ली 20 मई ।भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है। भारतीय रेल द्वारा अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 775 से अधिक टैंकरों में 12630 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।

ज्ञात हो कि लगभग 200 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अब तक अपनी यात्राएं पूरी कर ली हैं और विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।

इस विज्ञप्ति के जारी होने के समय तक 45 टैंकरों में 784 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) से भरी 10 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां चल रही हैं।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा अब रोजाना 800 एमटी से अधिक एलएमओ देश में पहुंचाई जा रही है।

भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 13 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।

अब तक महाराष्ट्र में 521 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3189, मध्य प्रदेश में 521 एमटी, हरियाणा में 1549 एमटी, तेलंगाना में 772 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 641 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 584 एमटी, आंध्र प्रदेश में 292 एमटी, पंजाब में 111 एमटी, केरल में 118 एमटी तथा दिल्ली में 3915 एमटी से अधिक ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।

पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा तथा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।

ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।

यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए।

नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी।

रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार ऱखा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।

केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकारों द्वारा कोरोना के फैलाव को रोकने के सरल दिशा-निर्देश जारी,वारयस हवा के जरिये फैलता है- दो मास्क पहनें, सामाजिक दूरी, स्वच्छता का पालन और घरों को हवादार रखे attacknews.in

नईदिल्ली 20 मई । केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के महकमे ने सरल दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिनका पालन आसानी से किया जा सकता है।

इसके तहत कहा गया है कि कोविड-19 के फैलाव की रोकथाम के लिये संक्रमण को रोका जाये, महामारी का मुकाबला किया जाये, मास्क, सामाजिक दूरी, स्वच्छता का पालन किया जाये और घरों में हवा के आने-जाने की व्यवस्था हो।

भारत में महामारी की भीषणता को देखते हुये हमें यह याद रखना चाहिये कि साधारण उपायों और व्यवहार से हम कोविड-19 के फैलाव को रोक सकते हैं।

परामर्श में हवादार स्थानों के महत्त्व को रेखांकित किया गया है। घरों में हवा आने-जाने की समुचित व्यवस्था होने से वायरल लोड कम होता है, जबकि जिन घरों, कार्यालयों में हवा के आने-जाने का उचित प्रबंध नहीं होता, वहां वायरल लोड ज्यादा होता है। हवादार स्थान होने के कारण संक्रमण एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने का जोखिम कम हो जाता है।

जिस तरह खिड़की-दरवाजे खोलने से हवा के जरिये महक हल्की हो जाती है, उसी तरह एक्जॉस्ट प्रणाली, खुले स्थान और हवा के आने-जाने की व्यवस्था से हवा में व्याप्त वायरल लोड कम हो जाता है और संक्रमण का जोखिम घट जाता है।

हवा के आने-जाने की व्यवस्था एक बेहतरीन सुरक्षा है, जिसके कारण घरों और दफ्तरों में हमें सुरक्षा मिलती है। कार्यालयों, घरों और बड़े सार्वजनिक स्थानों को हवादार बनाने से बाहर की हवा मिलती है।

इसलिये ऐसा करने की सलाह दी जाती है। शहरों और गांवों, दोनों जगह ऐसे स्थानों को हवादार बनाने के उपाय तुरंत किये जाने चाहिये। इसी तरह घरों, कार्यालयों, कच्चे घरों और विशाल इमारतों को भी हवादार बनाने पर जोर दिया जाना चाहिये। पंखों को सही जगह लगाना, खिड़की-दरवाजे खोलकर रखना बहुत सरल उपाय हैं। अगर थोड़ी सी भी खिड़की खोलकर रखी जाये, तो उतने भर से ही बाहर की हवा मिलेगी और भीतर की हवा की गुणवत्ता बदल जायेगी। क्रॉस-वेंटीलेशन और एक्जॉस्ट फैन से भी रोग के फैलाव को रोका जा सकता है।

जिन बड़ी इमारतों में हवा के लिये कोई प्रणाली लगी हो, वहां हवा को साफ रखने और हवा के बहाव को बढ़ाने के लिये फिल्टर लगाये जाने चाहिये। इससे बाहर से सीमित मात्रा में आने वाली हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। दफ्तरों, प्रेक्षाग्रहों, शॉपिंग मॉल आदि में गेबल-फैन प्रणाली और रौशनदानों की सिफारिश की जाती है। फिल्टरों को लगातार साफ करना चाहिये और जरूरत हो, तो उन्हें बदल देना चाहिये। यह बहुत जरूरी है।

कोविड वारयस हवा के जरिये फैलता है। जब कोई संक्रमित बोलता, गाता, हंसता, खांसता या छींकता है, तो वायरस थूक या नाक के जरिये हवा में तैरते हुये स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंच जाते हैं। संक्रमण के फैलने का यह पहला जरिया है। जिन व्यक्तियों में रोग के कोई भी लक्षण न हों, उनसे भी इसी तरह संक्रमण फैलता है। ये लोग वायरस फैलाते हैं। इसलिये लोगों को दो मास्क या एन 95 मार्का मास्क पहनना चाहिये।

कोविड-19 का वायरस मानव शरीर में घुसकर अपनी तादाद बढ़ाता जाता है। अगर उसे मानव शरीर न मिले, तो वह जीवित नहीं रह सकता। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संक्रमण को रोकने से विषाणु मर जाता है। यह काम व्यक्तियों, समुदायों, स्थानीय निकायों और अधिकारियों के सहयोग और समर्थन से संभव हो पायेगा। मास्क, हवादार स्थान, सामाजिक दूरी और स्वच्छता ऐसे हथियार हैं, जिनसे हम वायरस के खिलाफ जंग जीत सकते हैं।

सिप्ला ने यूबायो बायोटेक के साथ भारत में कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण किट ” वीराजेन “पेश की attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई। दवा कंपनी सिप्ला ने गुरुवार को यूबायो बायोटेक्नोलॉजी सिस्टम्स के साथ मिलकर भारत में कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण किट ‘वीराजेन’ की पेशकश की।

कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि इस पेशकश से मौजूदा परीक्षण क्षमताओं में इजाफा होगा और कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।

सिप्ला ने बताया कि इस परीक्षण किट की आपूर्ति 25 मई 2021 से शुरू होगी।

सिप्ला के एमडी और ग्लोबल सीईओ उमंग वोहरा ने कहा, ‘‘सिप्ला कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में उपचार की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। यह साझेदारी हमें मौजूदा समय में देश भर में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने में सक्षम बनाएगी।

मध्यप्रदेश में बुधवार को कोरोना से 88 की मौत, 5 हजार से अधिक मरीज मिले;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,47,783 और मृतकों की संख्या 7227 हुई attacknews.in

भोपाल, 19 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के दिनों दिन घटते मामले के बीच आज भी राज्य भर में पांच हजार से अधिक कोरोना के नये मरीज मिले है।
इस महामारी ने आज 88 लोगों की जान ले ली।

मध्यप्रदेश की कोरोना पॉजिटिविटी दर जो 1 मई को 20.3 प्रतिशत थी, आज 19 मई को घटकर 6.96 प्रतिशत हो गई है।

एक्टिव केसेस की संख्या के हिसाब से मध्यप्रदेश 21 अप्रैल को देश में 7वें नंबर पर था।

आज की स्थिति में बेहतर सुधार के साथ प्रदेश 15 वें नंबर पर आ गया है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर 72,756 लोगों की जांच की गई।

जांच सैंपल रिपोर्ट में 5,065 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।

वहीं 67691 की जांच सैंपल रिपोर्ट नेगेटिव रहे और बाकी रिजेक्ट किये गये।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) 6़9 प्रतिशत दर्ज की गयी।

इस महामारी से मुक्त होकर आज राज्य में 10,337 लोग घर रवाना हुए है।

वहीं प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 77,607 पहुंच गयी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने अब तक 7,47,783 लोगों अपनी गिरफ्त में लिया है।

हालांकि इनमें से 6,6949 लोगों ने संक्रमण को मात देकर घर पहुंच गये है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश में 7227 लोगों की जान ले चुका है।

आज 88 लोगों की मौत हुई है।

राज्य के इंदौर जिले में आज भी दूसरे जिलों की तुलना सबसे अधिक संक्रमित मिले हैं।

इंदौर जिले में आज 1153 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं दूसरे स्थान पर भोपाल जिले में 653 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 105, जबलपुर में 324, उज्जैन में 151, रतलाम में 160, रीवा में 175, सागर जिले में 198 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 7 से लेकर 100 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

छत्तीसगढ़ के 88 गांव में अब तक नहीं पहुंचा कोरोना का संक्रमण attacknews.in

धमतरी 19 मई । एक ओर जहां देश समेत पूरी दुनिया कोविड-19 के संक्रमण से जूझ रही है, वहीं छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में इसे लेकर राहत भरी खबर यह है कि अब तक जिले के 88 गांव में कोरोना का संक्रमण पहुंच नहीं पाया है।

स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक जिले के सभी चार विकासखंडों में से सिर्फ कुरुद ब्लाक इससे बच नहीं पाया। तीन विकासखंड धमतरी, मगरलोड एवं नगरी क्षेत्र के 88 गांव में कोरोना का संक्रमण नहीं पहुंचा है जबकि कुरूद विकासखंड के 135 गांव इससे अछूता नहीं रहे।

धमतरी ब्लॉक के 148 गांव में से फिलहाल 21 गांव कोरोना से पूरी तरह मुक्त है। मगरलोड ब्लाक के 166 गांव में से 11 गांव में कोरोना नहीं पहुंच सका। इसी तरह नगरी ब्लॉक के 224 गांव में से सर्वाधिक 56 गांव में कोरोना वायरस काफी दूर है।