चीन स्थित ‘वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ में काम करने वाले वैज्ञानिक एंड्रयू हफ का दावा: कोविड-19 एक मानव निर्मित वायरस है, जो WIV से लीक हो गया था attacknews.in

अमेरिका का पैसा और सिक्योरिटी, चीन का लैब… ऐसे लीक हुआ कोरोना: वैज्ञानिक का खुलासा


बीजिंग 5 दिसम्बर । कोरोना की उत्पत्ति को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते रहे हैं। कई इसे जीव-जनित बताते हैं तो कई लोगों का मानना है कि यह चीन स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हुआ था। अब इस दावे को और बल मिल रहा है। यहाँ काम कर चुके एक वैज्ञानिक ने इस संबंध में एक अहम खुलासा किया है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन स्थित ‘वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ में काम करने वाले वैज्ञानिक एंड्रयू हफ का दावा है कि कोविड-19 एक मानव निर्मित वायरस है, जो WIV से लीक हो गया था।

एंड्रयू हफ ने वायरस का अध्ययन करने वाले न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था के लिए भी काम किया है।

उन्होंने कहा कि कोविड को ढाई साल से पहले चीन में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक किया गया। हफ ने इसे 9/11 के बाद की सबसे बड़ी अमेरिकी खुफिया विफलता बताया और इसके लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया। यह प्रयोगशाला कोविड की उत्पत्ति के बारे में बहस के केंद्र रहा है।

हालाँकि, चीन के सरकारी अधिकारियों और प्रयोगशाला कर्मियों ने हमेशा इससे इनकार किया है कि वायरस लैब से लीक हुआ था।

महामारी वैज्ञानिक हफ ने अपनी नई पुस्तक ‘द ट्रूथ अबाउट वुहान’ में कहा कि चीन में कोरोना वायरस अमेरिकी सरकार के वित्त पोषण का परिणाम था।

उन्होंने कहा कि चीन में एक्सपेरिमेंट को LAX सुरक्षा के साथ किया गया, जिसके कारण वुहान लैब में लीक हुआ। ‘लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट सिक्योरिटी (LAX सुरक्षा)’ लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट पुलिस का एक प्रभाग है।

उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, “विदेशी प्रयोगशालाओं में बायो-सेफ्टी (खतरनाक रोगाणुओं से निपटने के उपाय), बायो-सिक्योरिटी (वायरस के प्रसार को रोकना) और को सुनिश्चित करने और जोखिम प्रबंधन के लिए जरूरी तैयारियाँ नहीं की गई थीं। अंततः यही चीजें WIV से वायरस लीक होने का कारण बनीं।

पिछले दो वर्षों में लगातार ऐसे सबूत सामने आए हैं जिससे पता चलता है कि वायरस लैब से लीक हो गया था।

हफ ‘इकोहेल्थ एलायंस’ के एक पूर्व उपाध्यक्ष हैं, जो न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी समूह है। ये अमेरिका के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH)’ के साथ एक दशक से अधिक समय से चमगादड़ों में अलग-अलग कोरोना वायरस का अध्ययन कर रहा है और इस संस्था ने वुहान लैब से भी घनिष्ठ संबंध बनाए थे।

वैज्ञानिक हफ ने लिखा, “चीन पहले दिन से यह जानता था कि कोरोना वायरस को जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से बनाया गया था। इसका जिम्मेदार अमेरिका को ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि बायोटेक्नोलॉजी की ये तकनीक उसी ने चीन को दी थी।”

बता दें कि ‘जेनेटिक इंजिनयरिंग’ के माध्यम से किसी जीव के जीन्स में छेड़छाड़ कर के उसके स्वभाव को बदला जा सकता है।

विश्व में कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या पहुंची 58.62 लाख के पार,भारत में ही 4 लाख 28 हजार के करीब हुई मौतें attacknews.in

वाशिंगटन, 18 फरवरी । कोरोना वायरस महामारी की रफ्तार भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में भले ही धीमी पड़ती नजर आ रही है, लेकिन नये मामले और इससे होने वाली मौतों का क्रम अब भी बना हुआ है, जो चिंता का विषय है।


दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 58,62,560 हो गयी है तथा संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41,96,83,838 हो गयी है।

अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, अब तक विश्व भर में कोराेना वैक्सीन की कुल 10,30,46,87,211 डोज दी जा चुकी है।

दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के शीर्ष दस देशों में अमेरिका पहले स्थान पर है, जहां इस महामारी के कुल मामलों की संख्या 7,82,69,443 और अब तक कुल 9,31,741 लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरे स्थान पर भारत है, जहां कोविड संक्रमितों की कुल संख्या 4,27,80,235 हो गई है जबकि कोविड-19 के कारण अब तक जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़कर 5,10,905 हो गया है।

इसके बाद इटली तीसरे स्थान पर है, जहां संक्रमितों की कुल संख्या 1,23,23,398 है, जबकि देश में मृतकों का आंकड़ा 1,52,282 हो गया है।

ब्राजील में कोरोना से अब तक 2,79,40,119 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 6,42,156 लोगों की मौत हो चुकी है।

फ्रांस में कोविड-19 से 2,22,23,882 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 1,37,143 लोगों की मौत हुई है।

जर्मनी में वैश्विक महामारी से अभी तक 1,33,09,040 लोग प्रभावित हुए हैं। देश में मृतकों का आंकड़ा 1,20,997 तक पहुंच गया है।

वहीं, ब्रिटेन में अभी तक करीब 1,86,28,702 लोग इस महामारी से प्रभावित हो चुके हैं, जबकि 1,60,785 लोगों की इस जानलेवा वायरस से मौत हो चुकी है।

स्पेन में कोरोना से अब तक 1,07,78,607 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 97,710 लोगों की मौत हो चुकी है।

रूस में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 1,46,24,423 हो गई है और इस महामारी से अब तक 3,36,299 लोगों की मौत हो गयी है।

तुर्की में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1,32,66,265 हो गई है। देश में कोरोना संक्रमण से अब तक 91,646 लोग जान गंवा चुके हैं।

भारत ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करते हुए, एक दिन में कोवोवैक्स, कोर्बेवैक्स टीके और दवा ‘मोलनुपिराविर’ को आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दी attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर । प्रमुख वैक्सीन कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 के टीके ‘कोवोवैक्स’ को मंजूरी मिलने से पूरे भारत के साथ ही टीकाकरण की रफ्तार तेज होगी।

एसआईआई के सीईओ अदर पूनावाला ने एक बयान में कहा, ‘‘डीसीजीआई द्वारा कोवोवैक्स को मिली मंजूरी से भारत और निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के देशों में टीकाकरण के हमारे प्रयासों में मजबूती आएगी। हमें गर्व है कि 90 प्रतिशत असर के साथ हम अत्यधिक प्रभावी प्रोटीन आधारित कोविड-19 वैक्सीन मुहैया करा रहे हैं।’’

भारत की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को व्यापक करते हुए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एसआईआई के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवोवैक्स’ और बायोलॉजिकल ई कम्पनी के टीके ‘कोर्बेवैक्स’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) द्वारा ‘कोवोवैक्स’ और ‘कोर्बेवैक्स’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति देने की सिफारिश किए जाने के एक दिन बाद यह घोषणा की।

मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘मुबारक हो भारत। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करते हुए, केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एक दिन में तीन स्वीकृति दी हैं… कोवोवैक्स, कोर्बेवैक्स टीके और दवा ‘मोलनुपिराविर’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।’’

इस मंजूरी के साथ, देश में आपात स्थिति में उपयोग होने वाले कोविड-19 रोधी टीकों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।

उन्होंने कहा कि कोवोवैक्स का निर्माण पुणे के ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ में ही किया जाएगा।

नव वर्ष से पहले ‘ओमीक्रोन’ के कारण कुछ देशों ने लगाए प्रतिबंध;ऑस्ट्रेलिया के दो राज्यों में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड नए मामले attacknews.in

ब्रसेल्स/सिडनी , 28 दिसंबर (एपी) नव वर्ष से पहले कोरोना वायरस का नया स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ लोगों को हतोत्साहित कर रहा है और इससे निपटने के लिए देश अलग-अलग कदम उठा रहे हैं। कुछ देशों ने पाबंदियों को तुरंत फिर से लागू कर दिया है और कुछ देश लोगों के जश्न का मजा किरकिरा करने से हिचकिचा रहे हैं।

ब्रिटेन में ‘ओमीक्रोन’ के कारण संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और उनके स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद ने सोमवार को कहा कि इंग्लैंड में नव वर्ष से पहले कोई अन्य पाबंदियां लागू नहीं की जाएंगी। हालांकि, इंग्लैंड में रोजाना करीब 1,00,000 मामले सामने आ रहे हैं और अस्पताल लगभग 70 प्रतिशत से अधिक भरे हैं।

जावेद ने कहा, ‘‘ नव वर्ष के बाद हम देखेंगे कि अन्य नियम लागू करने की जरूरत है या नहीं, लेकिन तब तक कम से कम अन्य पाबंदियां नहीं लगाई जाएंगी।’’

वहीं, ब्रिटेन में अन्य जगहों स्कॉटलैंड, नदर्न आयरलैंड और वेल्स में नाइट क्लब को बंद करने का आदेश दिया गया और अन्य समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे देश में संकट से निपटने की अलग-अलग रणनीतियां नजर आ रही है।

इस बीच, नीदरलैंड ने पहले ही सभी गैर-आवश्यक दुकानों, रेस्तरां और बार को बंद कर दिया है और स्कूल की छुट्टियां बढ़ा दी हैं। सोमवार से जारी किए गए नए नियमों के अनुसार, बड़े समूहों के साथ खरीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया गया, सिनेमाघरों को बंद करने का आदेश दिया गया और संगीत समारोहों पर भी प्रतिबंध है।

वहीं, फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स ने बताया कि अगले सप्ताह से बंद केन्द्रों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में दो हजार और खुले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में पांच हजार लोग ही शामिल हो पाएंगे। संगीत समारोहों के दौरान लोगों से अपनी जगह पर बैठे रहने की अपील की गई है। बार में लोगों के खड़े होने की भी अनुमति नहीं होगी। सिनेमाघरों, खेल केन्द्रों और सार्वजनिक परिवहनों में खाने और पीने की सुविधाओं पर प्रतिबंध होगा। अगर संभव हो तो सप्ताह में तीन दिन घर से कार्य करने की सलाह दी गई है। ये नए नियम कम से कम तीन सप्ताह तक लागू रहेंगे। फ्रांस में एक दिन में सर्वाधिक 1,00,000 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन टीकाकरण, ‘बूस्टर’ खुराक और त्वरित जांच पर जोर दे रहा है। वहीं, न्यूयॉर्क शहर में लगभग सभी व्यवसायों (बड़े तथा छोटे) को कार्यस्थल पर उन कर्मचारियों को प्रतिबंधित करने को कहा है, जिन्होंने टीके नहीं लगवाए हैं। यह नियम सोमवार से लागू हुआ।

अमेरिका में संक्रामक रोग के शीर्ष विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची का कहना है कि ‘‘स्थिति बेहतर होने से पहले बदतर होगी’’ और अमेरिका को घरेलू उड़ानों के यात्रियों के लिए भी टीकाकरण अनिवार्य करने पर विचार करना चाहिए।

फाउची ने ‘एमएसएनबीसी’ से कहा, ‘‘जब आप टीकाकरण को अनिवार्य बनाते हैं, तो इससे अधिक लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।’’

यूनान में, अधिकारियों ने अतिरिक्त प्रतिबंधों की घोषणा की है। स्वास्थ्य मंत्री थानोस प्लेवरिस ने कहा कि तीन जनवरी से सुपरमार्केट और सार्वजनिक परिवहन पर ‘हाई-प्रोटेक्शन’ या ‘डबल मास्क’ लगाना अनिवार्य होगा। मनोरंजन स्थल आधी रात को बंद हो जाएंगे और फुटबॉल स्टेडियम में दर्शकों की क्षमता को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया जाएगा।

यूरोप के अन्य हिस्सों में हालांकि कड़े प्रतिबंध लगाने को लेकर हिचक दिखी। पोलैंड में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर नाइट क्लब खुले रहेंगे।

वहीं, रूस में भी मामूली प्रतिबंध ही लगाए गए है। हालांकि, नए साल की पूर्व संध्या से शुरू होने वाले 10 दिनों के अवकाश की अवधि के दौरान कई सावधानियां बरती जाएंगी। रूस भी कोई अतिरिक्त यात्रा प्रतिबंध नहीं लगाएगा। बेल्जियम में, सिनेमाघर और कला केन्द्रों को बंद किया गया है।

ऑस्ट्रेलिया के दो राज्यों में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड नए मामले

ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया और क्वींसलैंड राज्यों में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड नए मामले सामने आए। संक्रमण के मामलों में वृद्धि के चलते जांच केंद्रों पर दबाव के कारण रैपिड एंटीजन जांच का व्यापक इस्तेमाल करने की अपील की गयी है।

क्वींसलैंड राज्य में 1,158 मामले सामने आए जो राज्य में पहली बार एक दिन में 1,000 से अधिक मामले हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या अब भी कम है। राज्य में कोविड-19 के 4,000 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं जिनमें से 257 मामले ओमीक्रोन स्वरूप के हैं।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री येत्ते दाथ ने मंगलवार को कहा कि राज्य के बाहर के यात्रियों को क्वींसलैंड में पहुंचने के पांच दिन बाद पीसीआर जांच कराने की आवश्यकता नहीं होगी। हाल में राज्य में हजारों लोगों में से केवल 0.6 प्रतिशत ही पांचवें दिन संक्रमित पाए गए हैं।

विक्टोरिया राज्य में मंगलवार को संक्रमण के 2,738 नए मामले आए जो अक्टूबर मध्य में आए 2,297 मामलों से अधिक हैं।

ऑस्ट्रेलिया के सबसे घनी आबादी वाले राज्य न्यू साउथ वेल्स में संक्रमण के मामलों में थोड़ी कमी देखी गयी है लेकिन यह क्रिसमस के आसपास जांच कम होने के कारण हो सकता है। राज्य में मंगलवार को संक्रमण के 6,062 नए मामले आए।

दुनियाभर में दहशत:कोविड-19 के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ के डर से सभी देशों ने लगायी यात्रा पाबंदियां;जो लोग पहले संक्रमित होकर उबर गए हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं attacknews.in

ब्रसेल्स/ जिनेवा , 27 नवंबर (एपी) कोविड-19 महामारी फैलने के तकरीबन दो साल बाद दुनिया बीते दिनों सामने आए वायरस के नए स्वरूपों से संभवत: अधिक खतरनाक एक और नये स्वरूप से जूझती नजर आ रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है। इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप था जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने नए स्वरूप के बारे में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि यह तेजी से फैलता है।’’ नयी यात्रा पाबंदियों की घोषणा करते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने फैसला किया है कि हम सतर्कता बरतेंगे।’’

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रॉन के वास्तविक खतरों को अभी समझा नहीं गया है लेकिन शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि अन्य अत्यधिक संक्रामक स्वरूपों के मुकाबले इससे फिर से संक्रमित होने का जोखिम अधिक है। इसका मतलब है कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और उससे उबर गए हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, यह जानने में हफ्तों का वक्त लगेगा कि क्या मौजूदा टीके इसके खिलाफ कम प्रभावी हैं।

दक्षिणी अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया स्वरूप सामने आने के बाद अमेरिका, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने उस क्षेत्र से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका सोमवार से दक्षिण अफ्रीका और क्षेत्र में सात अन्य देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। बाइडन ने कहा कि इसका मतलब है कि देश लौट रहे अमेरिकी नागरिकों और स्थायी निवासियों के अलावा इन देशों से न कोई आएगा और न ही कोई वहां जाएगा।

डब्ल्यूएचओ समेत चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस स्वरूप के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किए जाने से पहले जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने के खिलाफ आगाह किया है। लेकिन इस वायरस से दुनियाभर में 50 लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद लोग डरे हुए हैं।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने सांसदों से कहा, ‘‘हमें जल्द से जल्द हर संभव कदम उठाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।’’ दक्षिणी अफ्रीका के साथ ही बेल्जियम, हांगकांग और इजराइल आने वाले यात्रियों में भी ओमीक्रॉन स्वरूप के मामले देखे गए हैं।

दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने कहा कि अभी ऐसे कोई संकेत नहीं है कि क्या इस स्वरूप से अधिक गंभीर रूप से बीमार पड़़ सकते हैं। अन्य स्वरूपों की तरह कुछ संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं। हालांकि, कुछ आनुवंशिक बदलाव चिंताजनक लगते हैं लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे जन स्वास्थ्य को कितना खतरा है। पहले कुछ स्वरूपों जैसे कि बीटा स्वरूप ने शुरुआत में वैज्ञानिकों को चिंता में डाला था लेकिन यह इतना ज्यादा नहीं फैला था।

नए स्वरूप ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को तुरंत प्रभावित किया। एशिया, यूरोप और अमेरिका में प्रमुख सूचकांक गिर गये। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन ने कहा, ‘‘यह नया स्वरूप कई समस्याएं पैदा करेगा।’’ 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के सदस्य हाल में संक्रमण के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहे हैं।

ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के देशों और कुछ अन्य देशों ने शुक्रवार को नयी यात्रा पाबंदियां लगायी और इनमें से कुछ देशों ने नए स्वरूप का पता चलने के कुछ घंटों के भीतर पाबंदियां लगा दी। यह पूछे जाने पर कि अमेरिका ने सोमवार तक का इंतजार क्यों किया, इस पर बाइडन ने कहा, ‘‘केवल इसलिए कि मेरे चिकित्सा दल ने यही सिफारिश की है।’’

यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘‘उड़ानों को तब तक स्थगित किया जाना चाहिए जब तक कि हमें इस नए स्वरूप से उत्पन्न खतरे के बारे में स्पष्ट समझ न हो और इस क्षेत्र से लौटने वाले यात्रियों को सख्त पृथक-वास नियमों का पालन करना चाहिए।’’ उन्होंने आगाह किया कि ‘‘उत्परिवर्तन से संक्रमण कुछ ही महीनों में दुनियाभर में फैल सकता है।’’

बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वैंडेनब्रुक ने कहा, ‘‘यह एक संदिग्ध स्वरूप है। हम नहीं जानते कि क्या यह बहुत खतरनाक स्वरूप है।’’

अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि ओमीक्रॉन का अभी अमेरिका में कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने कहा, हालांकि हो सकता है कि यह अन्य स्वरूप के मुकाबले अधिक संक्रामक हो और इस पर टीके का उतना असर न हो लेकिन ‘‘हमें अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं पता है।’’

बाइडन ने कहा कि नया स्वरूप ‘‘गंभीर चिंता’’ का विषय है और यह स्पष्ट होना चाहिए कि जब तक दुनियाभर में टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक महामारी खत्म नहीं होगी।

दुनिया के सबसे अधिक टीकाकरण करने वाले देशों में से एक इजराइल ने शुक्रवार को एलान किया कि उसके यहां मलावी से लौटे एक यात्री में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पहला मामला आया है। यात्री और दो अन्य संदिग्ध लोगों को पृथक-वास में रखा गया है। इजराइल ने बताया कि तीनों ने टीके की खुराक ले रखी है लेकिन अधिकारी उनके टीकाकरण की वास्तविक स्थिति का पता लगा रहे हैं।

रात भर 10 घंटे की उड़ान के बाद दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से एम्सटर्डम की केएलएम फ्लाइट 598 में सवार यात्रियों को शुक्रवार सुबह विशेष जांच के लिए चार घंटों तक शिफॉल हवाई अड्डे के रनवे पर रोक कर रखा गया।

ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका और पांच अन्य दक्षिणी अफ्रीकी देशों से शुक्रवार दोपहर उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया और घोषणा की कि जो कोई भी हाल में उन देशों से आया था, उसे कोरोना वायरस जांच कराने के लिए कहा जाएगा।

ब्रिटेन ने शुक्रवार से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लागू कर दिया है। हालांकि, सरकार ने दोहराया कि देश में अब तक वायरस के नए स्वरूप के किसी भी मामले का पता नहीं चला है।

जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, माल्टा और चेक गणराज्य, यूरोप के उन देशों में शामिल है जिन्होंने यात्रा पर कड़े प्रतिबंध लगाये हैं और पहले से ही कोविड-19 मामलों के चिंताजनक वृद्धि के बीच लॉकडाउन लगाया है।

कोरोना वायरस का नया चिंताजनक स्वरूप सामने आने के बीच डब्ल्यूटीओ ने प्रमुख बैठक टाली

इधर जिनेवा, से खबर है कि, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मंगलवार को होने वाले सरकारी मंत्रियों के अपने सम्मेलन को टाल दिया है। कोरोना वायरस के नये चिंताजनक स्वरूप के सामने आने के बाद स्विट्जरलैंड द्वारा नये यात्रा प्रतिबंध लागू किए जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। जिनेवा में संगठन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जिनेवा स्थित डब्ल्यूटीओ मुख्यालय में होने वाले एमसी12 सम्मेलन में मत्स्य पालन के लिए सब्सिडी पर एक लंबे समय से प्रतीक्षित समझौता और कोविड-19 टीकों से जुड़े पेटेंट और अन्य बौद्धिक संपदा संरक्षण नियमों में छूट देने के प्रयास जैसे प्रमुख मुद्दों पर बातचीत होनी थी। मत्स्य पालन के लिए सब्सिडी संबंधी समझौते को दुनिया भर के समुद्रों में ज्यादा मछलियां पकड़ने से रोकने के एक प्रमुख तरीके के रूप में देखा जा रहा है,

अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर शुक्रवार को बताया कि डब्ल्यूटीओ के 164 सदस्य राष्ट्रों के राजदूत नये स्विस यात्रा प्रतिबंधों के बाद चार दिवसीय सम्मेलन को टालने पर सहमत हो गए हैं क्योंकि इन प्रतिबंधों के कारण सभी प्रतिभागी भौतिक रूप से सम्मेलन में शामिल नहीं हो पाते और ऑनलाइन बैठक को अच्छा विकल्प नहीं माना जा रहा है।

स्विस स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दक्षिणी अफ्रीका से सभी सीधी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और बेल्जियम, हांगकांग और इजराइल जैसे अन्य स्थानों से आने वाले सभी लोगों को आगमन पर कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और 10 दिन के लिए पृथक-वास में रहना होगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाए गए चिंताजनक नए स्वरूप को अत्यधिक संक्रामक स्वरूप के तौर पर वर्गीकृत किया है और इसे ओमिक्रोन स्वरूप नाम दिया है।

कोरोना के नए स्वरूप पर नरेन्द्र मोदी ने भारत में सतर्कता के साथ ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता के साथ निगरानी के दिए दिशा निर्देश attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 नवंबर । दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नये स्वरूप का पता चलने और इसे लेकर दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके मद्देनजर ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि लोगों को अधिक सतर्क रहने तथा मास्क पहनने व उचित दूरी सहित बचाव के सभी अन्य उपायों का पालन करने की जरूरत है।

देश में कोविड-19 की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। लगभग दो घंटे चली इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोराना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के पाए जाने से पैदा हुई चिंताओं और विभिन्न देशों में इसके प्रभावों से अवगत कराया।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने प्रोएक्टिव रहने व बचाव के उपायों का पालन करने के साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी करने की भी आवश्यकता जताई।

पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों की निगरानी करने के साथ ही ‘जोखिम’ वाले देशों से आने वाले लोगों की, दिश-निर्देशों के अनुरूप जांच की जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कोरोना के नए स्वरूप के खतरों के मद्देनजर अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध हटाने की योजना की समीक्षा करने को भी कहा।

डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गाउबा, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल, नीति आयोग के ही ए के भल्ला, और भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन सहित कुछ अन्य अधिकारी मौजूद थे।

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 8,318 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,45,63,749 हो गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम हो कर 1,07,019 हो गयी, जो 541 दिनों में सबसे कम है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 465 मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़ कर 4,67,933 हो गयी है। कोरोना वायरस के रोज आने वाले मामले लगातार 50 दिनों से 20,000 से कम और लगातार 153वें दिन 50,000 से कम है।

देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की कुल 120.96 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।

इन सबके बीच, दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 के एक नये स्वरूप के आने से कई देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं और उन्होंने बचाव के उपाय करने आरंभ कर दिए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोना वायरस के इस नये स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है।

कोरोना वायरस के इस नये स्वरूप के सामने आने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने अफ्रीकी देशों से लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है।

कोविड के नये स्वरूप के खतरे को देखते हुए सरकार टीकाकरण के प्रति गंभीर हो जाए: राहुल

इधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना के नये स्वरूप को गंभीर खतरा करार देते हुए शनिवार को कहा कि अब केंद्र सरकार को सभी देशवासियों का टीकाकरण करने के प्रति गंभीर हो जाना चाहिए।

उन्होंने ट्विटर पर एक चार्ट भी साझा किया और कहा कि अब तक देश में सिर्फ 31.19 प्रतिशत आबादी को ही टीके की दोनों खुराक दी गई है।

राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कोविड का नया स्वरूप गंभीर खतरा है। इस समय यह बहुत जरूरी है कि भारत सरकार हमारे देशवासियों को टीके की सुरक्षा प्रदान करने के लिए गंभीर हो जाए। टीकाकरण के खराब आंकड़ों को एक व्यक्ति की तस्वीर के पीछे लंबे समय तक नहीं छिपाया जा सकता। ’

कोरोना ने बदला अपना रूप,दक्षिण अफ्रीका में सामने आया कोविड का नया स्टेन: ब्रिटेन ने छह अफ्रीकी देशों की उड़ान पर लगाया प्रतिबंध attacknews.in

लंदन, 26 नवंबर (स्पूतनिक) ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीकी देशों में कोरोना वायरस (कोविड-19) के नये स्ट्रेन के प्रसार को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया के लिए 28 नवंबर तक उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सरकार ने यहां जारी एक बयान में कहा, “ अपराह्न शुक्रवार 26 नवंबर से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया को ब्रिटेन की यात्रा लाल सूची में शामिल किया जाएगा। इन छह देशों से सीधी उड़ानें शुक्रवार दोपहर से 28 नवंबर तब तक प्रतिबंधित रहेंगी।

बयान के अनुसार शुक्रवार से गैर ब्रिटेन और आयरिश नागरिक जिन्होंने पिछले 10 दिनों में इन छह अफ्रीकी देशों की यात्रा की है के ब्रिटेन में प्रवेश की मनाही होगी। जबकि ब्रिटेन और आयरिश नागरिकों को 10 दिनों के लिए क्वारंटीन में रहना होगा।

उल्लेखनीय है कि इस सप्ताह की शुरुआत में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बोत्सवाना में कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन पाये जाने को लेकर चेतावनी जारी की थी। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय संक्रामक रोग संस्थान ने बाद में 22 मामलों की पुष्टि भी की थी।

केरल में जानलेवा बना कोरोना;24 घंटे में 384 मरीजों ने दम तोड़ा,देशभर में कोरोना संक्रमण से करीब 500 मरीजों की मौत attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 नवंबर । देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की अपेक्षा नए मामलों में वृद्धि से सक्रिय मामलों में बढ़ातरी हुई है, जबकि इस दौरान इस महामारी से करीब 500 और लोगों ने दम तोड़ा दिया।

देश में गुरुवार देर रात तक कोरोना संक्रमण के 10549 नए मामले दर्ज करने के साथ संक्रमिताें की कुल संख्या बढ़कर तीन करोड़ 45 लाख 55 हजार 431 हो गई है। इस दौरान 83 लाख 88 हजार 824 लोगों को कोरोना के टीके लगाये गये और अब तक एक अरब 20 करोड़ 27 लाख तीन हजार 659 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटों में 9868 मरीजों के स्वस्थ होने के साथ ही महामारी को मात देने वालों की संख्या बढ़कर तीन करोड़ 39 लाख 77 हजार 830 हो गयी है।

इस अवधि में सक्रिय मामलों में 193 की वृद्धि देखी गई है, जिसके साथ ही अब कुल सक्रिय मामलों की संख्या 110133 हो गई है। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान इस जानलेवा वायरस के संक्रमण से 488 और मरीजों की मौत हो गयी। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर चार लाख 67 हजार 468 हो गया है।
देश में सक्रिय मामलों की दर 0.32 फीसदी, रिकवरी दर 98.33 फीसदी और मृत्यु दर 1.35 फीसदी है।

देश में केरल में सक्रिय मामले अभी भी सर्वाधिक हैं। यहां सक्रिय मामलों की संख्या 509 के साथ बढ़कर 52452 तक पहुंच गयी है। राज्य में 5094 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त होने वालों की तादाद बढ़कर 5028752 हो गयी है। इसी अवधि में 384 मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 38737 हो गयी है। केरल में पिछले 24 घंटे में देश में इस जानलेवा वायरस से मरने वालों की संख्या सबसे ऊपर है।

महाराष्ट्र में सक्रिय मामले 176 घटने से इनकी कुल संख्या घटकर 12852 रह गयी है जबकि 50 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 140857 हो गयी है। वहीं कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या 974 घटकर 6479396 रह गयी है।

राष्ट्र के नाम संबोधन में नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 रोधी 1अरब टीकाकरण उपलब्धि पर कहा:भारत का टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान- जनित,विज्ञान-संचालित और विज्ञान -आधारित’’ attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या 100 करोड़ के पार पहुंचने की उपलब्धि की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’’ है, साथ ही इसमें कोई ‘‘वीआईपी-संस्कृति’’ भी नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए लोगों से आगामी त्यौहारों के दौरान भी कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने और किसी तरह की लापरवाही न करने की अपील की।

मोदी ने कहा, ‘‘ यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारा टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’’ है ।’’

उन्होंने कहा कि भारत का पूरा टीकाकरण कार्यक्रम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि सभी को साथ लेकर, देश ने ‘‘सबको टीका, मुफ्त टीका’’ अभियान की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का केवल एक मंत्र है, कि अगर बीमारी कोई भेदभाव नहीं करती, तो टीकाकरण में भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा , ‘‘ इसलिए यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी प्रकार की वीआईपी संस्कृति को अनुमति ना दी जाए।’’

गौरतलब है कि देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या बृहस्पतिवार को 100 करोड़ के पार पहुंच गई थी।

मध्यप्रदेश में रविवार को सामने आए कोरोन के 12 नए मामले;अबतक संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 7,91,750 और मृतकों की संख्या 10,512 हुई attacknews.in

भोपाल, 25 जुलाई । मध्यप्रदेश में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 12 नए मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 7,91,750 हो गयी है ।स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में किसी भी व्यक्ति की संक्रमण से मौत नहीं हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 10,512 है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 148 संक्रमित उपचाराधीन हैं ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 7,91,750 संक्रमितों में से अब तक 7,81,090 मरीज स्वस्थ हो गये हैं।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में रविवार को 4,624 लोगों को कोरोना रोधी टीके लगाए गये और इसी के साथ प्रदेश में अब तक कोरोना रोधी टीकों की 2,78,67,459 खुराक दी जा चुकी है।

भारत में ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, बीपी मॉनिटर, नेबुलाइजर,डिजिटल थर्मामीटर सहित जरूरी चिकित्सा उपकरणों पर व्यापार मार्जिन सीमित किए जाने के बाद करीब 620 उत्पादों के दाम घटे attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 जुलाई । सरकार द्वारा कोविड-19 के इलाज एवं रोकथाम में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले पल्स ऑक्सीमीटर और डिजिटल थर्मामीटर जैसे पांच जरूरी चिकित्सा उपकरणों पर व्यापार लाभ या मार्जिन को 70 प्रतिशत पर सीमित करने के साथ अब तक करीब 620 ब्रांडों की कीमतों में कमी आयी है।

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि यह सीमा 20 जुलाई से लगायी गयी है।

गत 13 जुलाई को राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ), 2013 के पैरा 19 के तहत मिले असाधारण अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए पांच चिकित्सा उपकरणों – ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, बीपी मॉनिटर, नेबुलाइजर और डिजिटल थर्मामीटर के व्यापार मार्जिन पर सीमा लगा दी थी।

प्राइस टू डिस्ट्रिब्यूटर (पीटीडी) या वितरक को मिलने वाली कीमत के स्तर पर लाभ को 70 प्रतिशत तक सीमित किया गया था।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इसके अनुसार, 23 जुलाई, 2021 तक इन चिकित्सा उपकरणों के कुल 684 उत्पादों/ब्रांडों की रिपोर्ट की गई है और 620 उत्पादों/ब्रांडों (91 प्रतिशत) ने अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कमी की जानकारी दी है।”

पल्स ऑक्सीमीटर के एक आयातित ब्रांड द्वारा अधिकतम कमी की जानकारी दी गयी है। इसमें प्रति इकाई 2,95,375 रुपये की कमी देखी गई है।

मंत्रालय ने कहा कि सभी श्रेणियों में आयातित और घरेलू ब्रांडों ने एमआरपी कम करने की जानकारी दी है।

आयातकों ने कीमतों में सबसे ज्यादा कमी पल्स ऑक्सीमीटर, ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग मशीन और नेबुलाइजर पर की है।

रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने ट्विटर पर लिखा, “व्यापक जनहित में, सरकार ने 20 जुलाई से प्रभावी, पांच चिकित्सा उपकरणों के लिए व्यापार लाभ को सीमित कर दिया है। इससे चिकित्सा उपकरणों की कीमतों में भारी कमी आएगी।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगामी हफ्तों में दुनिया को कोरोना के डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के लिए सतर्क किया;आने वाले महीनों में यह बेहद संक्रामक स्वरूप सबसे हावी स्वरूप बन जाएगा attacknews.in

डेल्टा स्वरूप बहुत खतरनाक है और लगातार बदल रहा है : डब्ल्यूएचओ प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा, तीन जुलाई । विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने आगाह किया कि दुनिया कोविड-19 महामारी के बेहद ‘‘खतरनाक दौर’’ में है जिसके डेल्टा जैसे स्वरूप अधिक संक्रामक हैं और वक्त के साथ लगातार बदल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिन देशों की कम आबादी को टीके लगे हैं वहां अस्पतालों में फिर से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। उन्होंने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘डेल्टा जैसे स्वरूप अधिक संक्रामक है और कई देशों में यह फैल रहा है। इसी के साथ ही हम इस महामारी के बहुत खतरनाक दौर में हैं।’’

गेब्रेयसस ने कहा, ‘‘कोई भी देश अभी तक खतरे से बाहर नहीं है। डेल्टा स्वरूप खतरनाक है और यह वक्त के साथ और बदल रहा है जिस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि डेल्टा स्वरूप कम से कम 98 देशों में पाया गया है और उन देशों में तेजी से फैल रहा है जहां कम और ज्यादा टीकाकरण हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘जन स्वास्थ्य और सामाजिक उपाय जैसे कि कड़ी निगरानी, जांच, शुरुआती स्तर पर बीमारी का पता लगाना, पृथक वास और चिकित्सीय देखभाल अब भी महत्वपूर्ण हैं।’’

डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने कहा कि मास्क लगाना, सामाजिक दूरी, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना और घरों को हवादार रखने की की पर्याप्त व्यवस्था अहम है। उन्होंने दुनियाभर के नेताओं से अनुरोध किया कि वे एक साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें कि अगले साल तक हर देश की 70 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 रोधी टीका लग जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी को खत्म करने, लोगों की जान बचाने, वैश्विक आर्थिक बहाली तथा खतरनाक स्वरूपों को पैदा होने से रोकने का यह सबसे अच्छा तरीका है। इस सितंबर के अंत तक हम नेताओं से सभी देशों के कम से कम 10 प्रतिशत लोगों को टीका लगाने का अनुरोध कर रहे हैं।’’

डब्ल्यूएचओ ने इस हफ्ते कहा था कि सबसे पहले भारत में पहली बार पाया गया डेल्टा स्वरूप अब करीब 100 देशों में पाया जा रहा।

इससे पहले एक जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि एक अनुमान के मुताबिक कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के मामले अब करीब 100 देशों में सामने आ चुके हैं, इसके साथ ही उसने आगाह किया कि आने वाले महीनों में यह बेहद संक्रामक स्वरूप पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का सबसे हावी स्वरूप बन जाएगा।

डब्ल्यूएचओ ने ‘‘कोविड-19 वीकली एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट’’ में अद्यतन आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 29 जून 2021 तक ‘‘96 देशों में डेल्टा स्वरूप के मामले सामने आए और संभव है कि वास्तविक आंकड़ें अधिक हों क्योंकि वायरस के स्वरूप पता लगाने के लिए जिनोम श्रंखला क्षमताएं भी सीमित हैं। इनमें से अनेक देशों ने कहा है कि डेल्टा स्वरूप के कारण उनके यहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है।’’

डेल्टा स्वरूप के अत्यधिक संक्रामक होने के मद्देनजर डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया है कि इस स्वरूप के अन्य स्वरूपों के मुकाबले अधिक हावी होने और आगामी महीनों में सबसे अधिक प्रभावशाली स्वरूप बन जाने का अंदेशा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए आज के समय में जो कदम उठाए जाते हैं वे डेल्टा समेत वायरस के अन्य चिंताजनक स्वरूपों के खिलाफ भी प्रभावी हैं।

पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस अधानोम ग्रब्रेयेसस ने कहा था कि कोरोना वायरस के अब तक जितने भी स्वरूप की पहचान हुई है उनमें डेल्टा ‘‘सबसे अधिक संक्रामक’’ है और यह उन लोगों में तेजी से फैल रहा है जिन्हें कोविड रोधी टीका नहीं लगा है। उन्होंने कहा था कि कुछ देशों ने जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक पाबंदियों में ढील दी है ऐसे में विश्व में संक्रमण के मामलों में बढोतरी देखने को मिली है।

हाल के आंकड़ों के मुताबिक अल्फा स्वरूप के मामले 172 देशों, क्षेत्रों में सामने आए हैं, बीटा स्वरूप के मामले 120 देशों में, गामा स्वरूप के मामले 72 देशों में और डेल्टा स्वरूप के मामले 96 देशों (जिनमें से 11 नए देश हैं) में सामने आए हैं।

बीते कई हफ्तों में यह पहली बार है जब कोविड के सर्वाधिक नए मामले भारत से सामने नहीं आए हैं। अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक 21-27 जून के हफ्ते में संक्रमण के सर्वाधिक 5,21,298 नए मामले ब्राजील से सामने आए, इसके बाद 3,51,218 मामले भारत से सामने आए (जो पिछले हफ्ते से 12 फीसदी अधिक है), कोलंबिया में पांच फीसदी वृद्धि के साथ 2,04,132 नए मामले, रूस में 24 फीसदी वृद्धि के साथ 1,034,465 नए मामले तथा अर्जेंटीना में 11 फीसदी वृद्धि के साथ 1,31,824 नए मामले सामने आए हैं।

दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र में 5,73,000 से अधिक नए मामले सामने आए तथा 13,000 संक्रमितों की मौत हुई, इनमें पिछले हफ्ते के मुकाबले क्रमश: पांच फीसदी और 33 फीसदी की कमी आई है।

अपडेट में बताया गया, ‘‘इस हफ्ते नए मामलों में कुछ कमी आई है जिसकी वजह है कि भारत में संक्रमण के नए मामले कम हुए हैं।’’

क्षेत्र में सबसे अधिक 9038 लोगों की मौत भारत में हुई है जो पिछले हफ्ते के मुकाबले 45 फीसदी कम है।

इसमें कहा गया कि डब्ल्यूएचओ के सभी क्षेत्रों में ऐसे देश हैं जहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की क्षमता का अंतिम परीक्षण पूरा हुआ, कोविड-19 के लक्षण वाले मामलों के खिलाफ 77.8%,नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2% प्रभावी attacknews.in

हैदराबाद, तीन जुलाई । भारत बायोटेक की कोवैक्सीन कोविड-19 के लक्षण वाले मामलों के खिलाफ 77.8 प्रतिशत और नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी है।

कंपनी ने शनिवार को बताया कि उसने तीसरे चरण के परीक्षणों में कोवैक्सीन की क्षमता का अंतिम आकलन पूरा कर लिया है।

प्रभावकारिता का आकलन दर्शाता है कि कोवैक्सीन गंभीर लक्षण संबंधी कोविड-19 मामलों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी है जबकि सुरक्षा विश्लेषण दिखाते हैं कि सामने आईं प्रतिकूल घटनाएं बिलकुल वैसी ही थीं जैसी प्रयोगों में दी जाने वाली अहानिकारक दवाओं (प्लेसीबो) को देने पर देखने को मिलती हैं जहां 12 प्रतिशत प्रतिभागियों में आम दुष्प्रभाव देखने को मिले और 0.5 प्रतिशत से भी कम लोगों में गंभीर दुष्प्रभाव दिखे।

शहर स्थित टीका निर्माता की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रभाव संबंधी आंकड़ों में सामने आया कि बिना लक्षण वाले कोविड-19 के खिलाफ यह 63.6 प्रतिशत सुरक्षा देता है।

टीके के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण भारत के 25 स्थानों पर किए गए जिनमें दूसरी खुराक लेने के कम से कम दो सप्ताह बाद सामने आए 130 लाक्षणिक कोविड-19 मामलों का स्थिति आधारित विश्लेषण किया गया।

यह टीका भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पुणे की राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है।

भारत बायोटेक के प्रमुख एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने कहा, “ भारत में अब तक के सबसे बड़े कोविड टीकों के परीक्षण के परिणामस्वरूप कोवैक्सीन की सफल सुरक्षा और प्रभावोत्पादकता संबंधी सूचनाएं भारत एवं विकासशील देशों की नवोन्मेष और नये उत्पाद विकास के प्रति ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को स्थापित करती हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘ हमें यह कहते हुए गर्व है कि भारत का नवोन्मेष अब वैश्विक आबादी को सुरक्षित करने के लिए उपलब्ध होगा।’’

आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रभावी सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत आईसीएमआर और बीबीआईएल द्वारा विकसित कोवैक्सीन ने भारत के अब तक के सबसे बड़े तीसरे चरण के कोविड क्लिनिकल परीक्षणों में 77.8 प्रतिशत कुल प्रभावित दर्शाई है।”

उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन न सिर्फ भारतीय नागरिकों को लाभ देगी बल्कि घातक सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ वैश्विक समुदाय को भी सुरक्षित करेगी।

भार्गव ने कहा, “मुझे यह देखकर भी प्रसन्नता है कि कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के सभी स्वरूपों के खिलाफ अच्छे से काम करता है।”

मॉडर्ना के कोविड टीके को भारत में जल्द मिल सकती है नियामक मंजूरी;दवा कंपनी सिपला ने अमेरिकी फार्मा कंपनी की ओर से आयात और विपणन की अनुमति मांगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जून । भारत का औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) मॉडर्ना के कोविड-19 रोधी टीके के आपात उपयोग को जल्द ही मंजूरी दे सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

मॉडर्ना ने एक अलग पत्र में सूचना दी है कि अमेरिका ने यहां उपयोग के लिए कोविड-19 के अपने टीके की एक विशेष संख्या में खुराक ‘कोवैक्स’ के जरिए भारत सरकार को दान में देने की सहमति दी है। साथ ही, उसने इसके लिए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मांगी है। वहीं, भारतीय बहुराष्ट्रीय औषधि कंपनी सिपला ने अमेरिकी फार्मा कंपनी की ओर से इन टीकों के आयात और विपणन की अनुमति मांगी है।

उल्लेखनीय है कि कोवैक्स कोविड-19 के टीके के न्यायसंगत वितरण के लिए एक वैश्विक पहल है।

सूत्रों के मुताबिक किसी भी वक्त यह मंजूरी मिलने की संभावना है क्योंकि सीडीएससीओ भारत में महामारी की स्थिति को देखते हुए जनहित में इस देश में आपात उपयोग के लिए सिपला को कोविड-19 के मॉडर्ना के टीके के आयात की अनुमति देने के पक्ष में है।

सिपला ने सोमवार को एक आवेदन देकर इस टीके के आयात की अनुमति मांगी है। उसने 15 अप्रैल और एक जून के डीसीजीआई नोटिस का हवाला दिया है।

नोटिस में कहा गया था कि यदि टीके को आपात उपयोग अधिकार (ईयूए) के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) द्वारा अनुमति दी जाती है, तो टीके को बिना ‘ब्रिजिंग ट्रायल’ के विपणन का अधिकार दिया जा सकता है।

इसके अलावा, हर खेप को केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल), कसैली से जांच कराने की जरूरत की छूट मिल सकती है।

भारत में स्पुतनिक वी वैक्सीन पेश करने को बी मेडिकल सिस्टम्स का डॉ. रेड्डीज से करार,देशभर में कई सौ वैक्सीन फ्रीजर लगाए जाएंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जून । लक्जमबर्ग की मेडिकल रेफ्रिजरेशन उपकरण कंपनी बी मेडिकल सिस्टम्स ने अखिल भारतीय स्तर पर स्पुतनिक वी वैक्सीन पेश करने के लिए एक विश्वसनीय शीत भंडारण समाधान उपलब्ध कराने को डॉ रेड्डीज लैब से हाथ मिलाया है।

इस गठजोड़ के तहत कंपनी राष्ट्रीय स्तर पर स्पुतनिक वी वैक्सीन को पेश करने के लिए देशभर में कई सौ वैक्सीन फ्रीजर लगाएगी।

बयान में कहा गया है कि स्पुतनिक वी एक एडेनोवायरस वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसे शून्य से 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान में रखने की जरूरत होती है। ऐसे में इस टीके के लिए शीत भंडारण श्रृंखला काफी मजबूत होनी चाहिए।

बी मेडिकल सिस्टम्स ने कहा, ‘‘इस गठजोड़ के तहत वह अपने वैक्सीन फ्रीजर उपलब्ध कराएगी। इनमें वैक्सीन को -25 डिग्री सेल्सियस जैसे निचले तापमान पर स्टोर किया जा सकेगा। तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लक्जमबर्ग से इन इकाइयों को एयर कार्गो के जरिये भेजा जाएगां

करार के तहत बी मेडिकल सिस्टम्स के फ्रीजर इस सप्ताह देश के सभी प्रमुख अस्पताल श्रृंखलाओं में रखे जाएंगे।

बी मेडिकल सिस्टम्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जेसल दोषी ने कहा कि स्पुतनिक वी वैक्सीन को पेश करेने में डॉ रेड्डीज के साथ भागीदारी करने को लेकर हम काफी गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। हमने इसके लिए बेहद विश्वसनीय शीत भंडारण ढांचा लगाने के लिए हम डॉ. रेड्डीज के साथ काम कर रहे हैं।