खंडवा में जनसम्पर्क अधिकारी के तबादले का मामला गर्माया,कलेक्टर ने अधिकार के बाहर जाकर निकाला आदेश, प्रदेश के जनसंपर्क अधिकारी एकजुट हुए कलेक्टर के खिलाफ attacknews.in

भोपाल, 23 मई । मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में पदस्थ जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) बृजेंद्र शर्मा का वहां के जिला प्रशासन द्वारा तबादला और इसकी प्रक्रिया का मामला गर्मा गया है। राज्य के जनसंपर्क अधिकारी इस मामले में कलेक्टर के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।

खंडवा जिले के अपर कलेक्टर के दस्तखत से शनिवार को जारी किए गए आदेश में श्री शर्मा को तत्काल भारमुक्त करते हुए आयुक्त, जनसंपर्क संचालनालय के कार्यालय में उपस्थिति देने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसी आदेश में श्री शर्मा का प्रभार खंडवा के संयुक्त कलेक्टर प्रमोद कुमार पांडेय को सौंपने के लिए कहा गया है। रोचक बात यह है कि इस आदेश की प्रतिलिपि 43 अधिकारियों को भेजी गयी है, जिसमें थाना प्रभारी और पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।

खंडवा में पत्रकारों को धमकाने वाले कलेक्टर अनय द्विवेदी ने अब जनसंपर्क अधिकारी का ट्रांसफर कर उन्हें रिलीव कर दिया। कलेक्टर की तानाशाही का यह मामला खंडवा से निकलकर भोपाल के प्रशासनिक गलियारों में भी गर्मा गया है।

जनसंपर्क आयुक्त का कहना है कि कलेक्टर को यह अधिकार ही नहीं है।

गौरतलब है जनसंपर्क मंत्रालय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के पास है। संगठनों का कहना है यह तो सीएम के अधिकारों पर अतिक्रमण है।

सूत्रों के अनुसार मीडिया में लगातार लापरवाही उजागर होने से प्रशासन नाखुश है और वह खबरों को दबाने की कोशिश में लगा था। यह जिम्मा जनसंपर्क के स्टाफ को दिया था।

कोरोना काल में खंडवा कलेक्टर का सबसे पहला गुस्सा मीडियाकर्मियों पर निकला। दो पत्रकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। जवाब नहीं देने की स्थिति में कार्रवाई के लिए धमकाया गया। इसके अलावा कुछ पत्रकारों को अपने कक्ष में बुलाकर मकान तोड़ने तक की धमकी दी गई। मामला यही नहीं थमा एक पत्रकार को तो वाटसएप कॉलिंग कर अभद्रता की गई।

पुलिस थानों को भी भेजी सूचना

जनसंपर्क अधिकारी ब्रजेंद्र शर्मा को शनिवार को रिलीव कर दिया गया। अपर कलेक्टर शंकरलाल सिंघाड़े के हस्ताक्षर से निकले इस आदेश में प्रशासकीय आधार पर कार्यमुक्त करते हुए आयुक्त जनसंपर्क भोपाल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कहा गया है। इस आदेश की प्रतिलिपि 43 विभागीय प्रमुखों को भेजी गई। हास्यास्पद यह है कि इस आदेश की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक के साथ ही थाना प्रभारियों को भी भेजी गई है।

कार्यमुक्त कर तत्काल बुलवा लिया वाहन

बताया जाता है कि PRO को कार्यमुक्त करने के साथ ही उनकी गाड़ी भी तत्काल बुलवा ली गई। इस पूरे घटनाक्रम से जनसम्पर्क अधिकारी घबरा गए । उन्होंने कुछ भी टीका-टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एक चर्चा यह भी है कि वह इस वजह से घबरा गए है कि कही कलेक्टर उल्टी सीधी जांच में उन्हें फंसवा न दें।

इस घटनाक्रम में एक तथ्य यह भी सामने आया कि कलेक्टर के सामने सरकार हाशिए पर आ गई है। खंडवा की हरसूद विधानसभा से विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय शाह है। वे पल-पल की खबर रखते है। ऐसे में भला एक जिम्मेदार अधिकारी को इस तरह कलेक्टर ने कैसे कार्यमुक्त कर दिया। जनसंपर्क विभाग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पास है। ऐसे में यह सवाल भी उठा खड़ा हुआ है कि क्या कलेक्टर ने मंत्री और मुख्यमंत्री की सहमति से यह कदम उठाया है या फिर खुद ही सुपरमैन बन गए।

कलेक्टर के निलंबन की मांग करेंगे

इस मामले में जनसंपर्क अधिकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार राठौर ने कहा कि इस तरह का आदेश पूरी तरह असंवैधानिक है। हम इसका विरोध करते है। जल्द ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर कलेक्टर के निलंबन की मांग करेंगे।

कलेक्टर को ट्रांसफर का अधिकार नहीं

ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ शासन को है। कलेक्टर को अधिकार नहीं हैं। मैं अभी ऑर्डर देखूंगा। उन्होंने किस आधार पर ट्रांसफर किया है।

  • सुदामा खांडे, आयुक्त जनसंपर्क विभाग

मध्यप्रदेश के 2 कलेक्टर और अपर प्रबंध संचालक मप्र पर्यटन विकास बोर्ड को बदला गया attacknews.in

भोपाल, 20 मई । मध्यप्रदेश शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों की नवीन पद-स्थापना की है।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में अजय गुप्ता कलेक्टर सीहोर को उप सचिव मध्यप्रदेश शासन, चन्द्र मोहन ठाकुर कलेक्टर अनूपपुर को कलेक्टर सीहोर और सुश्री सोनिया मीना अपर प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड तथा उपायुक्त पर्यटन (अतिरिक्त प्रभार) को कलेक्टर अनूपपुर पदस्थ किया है।

भारतीय रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पहुंचायी 4200 टन ऑक्सीजन attacknews.in

नयी दिल्ली 09 मई । भारतीय रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा अब तक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लगभग 4200 टन ऑक्सीज़न की आपूर्ति की जा चुकी है।

भारतीय रेलवे ने यह आपूर्ति 268 से अधिक टैंकरों में की गई। अब तक 68 ऑक्सीज़न एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी की। इनके माध्यम से अब तक महाराष्ट्र को 293 टन, उत्तर प्रदेश को 1230 टन, मध्य प्रदेश को 271 टन, हरियाणा को 555 टन, तेलंगाना को 123 टन, राजस्थान को 40 टन और दिल्ली को 1679 टन ऑक्सीज़न की आपूर्ति की गई है।

रेल मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय रेल वर्तमान समय में मौजूद चुनौतियों का सामना करते हुए और नए उपायों की तलाश के साथ देश के विभिन्न राज्यों की मांग पर तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान को निरंतर जारी रख लोगों को राहत पहुंचा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय रेल, राज्यों की मांग पर यथासंभव मात्रा और कम से कम समय में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि रेलवे ने अब और अधिक शहरों में भी ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी है और इस क्रम में आज कानपुर में पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 80 टन ऑक्सीजन पहुंची।

प्रवक्ता के अनुसार कुछ और ऑक्सीजन एक्सप्रेस के देर रात अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होने की संभावना है।

वाहन मालिक द्वारा नामित को वाहन हस्तांतरण में हुआ बदलाव:परिवहन मंत्रालय ने मोटर वाहन नियमावली में बदलाव अधिसूचित किए attacknews.in

नयी दिल्ली, दो मई । सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने किसी वाहन के मालिक के पंजीकरण प्रमाणपत्र में किसी व्यक्ति को नामित करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में कुछ बदलाव अधिसूचित किए हैं। इस तरह के बदलाव से मोटर वाहन वाहन मालिक के मृत्यु की स्थिति में नामित व्यक्ति के नाम से मोटर वाहन पंजीकृत करने या हस्तांतरित करने में आसानी होगी।

वाहन मालिक अब वाहन के पंजीकरण के समय नामित व्यक्ति का नाम डाल सकते हैं या बाद में ऑनलाइन आवेदन के जरिए भी ऐसा कर सकते हैं। पुरानी प्रक्रिया जटिल है और पूरे देश में अलग-अलग तरह की है।

अधिसूचित नियमों के तहत नामित व्यक्ति का उल्लेख किए जाने की स्थिति में वाहन मालिक को उस व्यक्ति की पहचान का प्रमाण जमा करना होगा।

अधिसूचना में कहा गया, ‘वाहन मालिक की मौत की स्थिति में, वाहन मालिक ने पंजीकरण के समय जिस व्यक्ति को नामित किया है या फिर जो वाहन का उत्तराधिकारी बनता हो, जो भी स्थिति हो, वाहन मालिक की मृत्यु से तीन महीने की अविधि के लिए वाहन का इस तरह से इस्तेमाल कर सकता है जैसे कि वह वाहन उसे हस्तांतरित किया गया हो। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नामित व्यक्ति ने वाहन मालिक की मृत्यु के 30 दिन के भीतर पंजीकरण प्राधिकरण को उसकी मृत्यु की जानकारी दे दी हो और बता दिया हो कि वाहन का वह अब खुद इस्तेमाल करेगा।’

इसमें यह भी कहा गया है कि नामित व्यक्ति या वाहन का मालिकाना हक हासिल करने वाला व्यक्ति वाहन मालिक की मृत्यु के तीन महीने के भीतर वाहन के मालिकाना हक के हस्तांतरण के लिए पंजीकरण प्राधिकरण के पास फॉर्म 31 में आवेदन देगा।

साथ ही तलाक या संपत्ति के बंटवारे जैसी स्थितियों में वाहन मालिक नामित व्यक्ति से जुड़ा बदलाव करने के लिए एक सहमत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ नामांकन में बदलाव कर सकता है।

तमिलनाडु में द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम अध्यक्ष एम. के. स्टालिन की पुत्री सेंथामरै नीलांगरा;दामाद सबरीसन के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापामारी attacknews.in

चेन्नई, 02 अप्रैल ।आयकर अधिकारियों ने शुक्रवार को द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एम. के. स्टालिन की पुत्री और दामाद के आवास पर छापे मारे।

आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि 25 से अधिक अधिकारी तमिलनाडु में श्रीमती सेंथामरै नीलांगराई आवास पर, कार्यालय तथा रियल स्टेट फर्म पर छापे मार रहे हैं।

छापे के दौरान केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवान भी तैनात किये गये हैं। आयकर अधिकारियों ने श्री स्टालिन के दामाद श्री सबरीसन से संबंधित लोगों को ठिकानों, द्रमुक की आई टी इकाई के सदस्य कार्तिक मोहन और जी-स्कवेयर बाला के ठिकानों पर भी छापे गये।
साथ ही आयकर विभाग ने अन्नानगर से द्रमुक के विधायक एम. के. मोहन के आवास पर भी छापे मारे।

द्रमुक ने श्रीमती सेंथामरै के आवास पर छापे मारे जाने की कड़ी निंदा की है। द्रमुक ने कहा है कि यह छापे केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की ओर राजनीति से प्रेरित होेकर मारे जा रहे हैं।

श्री स्टालिन ने इन छापों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा,“ मुझे चेन्नई स्थित मेरी पुत्री के घर पर छापे मारे जाने की खबर मिली है।”

अरियावलूर क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे श्री स्टालिन ने कहा कि वह इन छापों से घबराने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा,“मोदी सरकार अन्नाद्रमुक सरकार को बचा रही हैं। मैं श्री मोदी से कहना चाहता हूं कि यह द्रमुक है, यह मत भूलिये मैं कलैगनार का पुत्र हूँ।”

उन्होंने कहा, “ मैं इससे डरने वाला नहीं हूँ। इस स्टालिन ने आपातकाल के दौरान मीसा को देखा है। वे सोचते हैं कि वे मुझे छापों से डरा सकते हैं, यह अन्नाद्रमुक के साथ हो सकता है लेकिन यह द्रमुक के साथ नहीं हो सकता।”

द्रमुक महासचिव दुरईमुरुगन ने कहा कि जब राजनीतिक दल अपना चुनाव अभियान पूरा करने वाली हैं और मतदान के दिन की तैयारियाें में जुटी हैं तब आयकर विभाग श्रीमती सेंथामरै के आवास पर राजनीतिक बदले की भावना से छापे मारी करवा रही है। द्रमुक इन छापे से भयभीत नहीं होगी।

इससे पहले द्रमुक विधायक ई. वी. वेलू के तिरुवन्नामलाई के ठिकानों पर छह अप्रैल को छापे मारे गये थे। साथ ही उनके कॉलेज परिसर में छापे डाले गये थे। इन छापों के दौरान 3.5 करोड़ रुपये जब्त किये गये थे।

मध्य प्रदेश के चार शहरों छिंदवाड़ा,रतलाम,बैतूल और खरगोन में लॉकडाउन लागू,वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भी भेपाल से भेजा गया attacknews.in

भोपाल, दो अप्रैल । कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के चार शहरों में लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है और यहां वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भी भेपाल से भेजा गया है।

आधिकारिक तौर पर शुक्रवार को यहां बताया गया है कि छिंदवाड़ा और रतलाम में लॉकडाउन एक अप्रैल को रात दस बजे से पांच अप्रैल की सुबह छह बजे तक तथा बैतूल में दो अप्रैल की रात दस बजे से पांच अप्रैल की सुबह छह बजे तक तथा खरगोन में दो अप्रैल की रात आठ बजे से पांच अप्रैल की सुबह छह बजे तक लॉकडाउन रहेगा।

इस बीच, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को यहां बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भोपाल से उन चार शहरों में भेजा गया है जहां कोरोना वायरस का संक्रमण अधिक फैल रहा है।

चौहान ने कहा कि महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले छिंदवाड़ा में मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुए संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए तीन दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। इसके अलावा प्रदेश में रविवार का लॉकडाउन जिन शहरों में पूर्व में रहा है वहां यथावत रहेगा।

छिंदवाड़ा जिलाधीश सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि छिंदवाड़ा में एक अप्रैल रात दस बजे से पांच अप्रैल सुबह छह बजे तक लॉकडाउन रहेगा।

मुख्यमंत्री ने भोपाल में पौधारोपण के बाद संवाददाताओं से कहा कि खरगोन, बैतूल और रतलाम में अधिकारियों के एक-एक दल को भेजा गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने लोगों से त्यौहार अपने घर पर ही रहकर मनाने तथा सभी पात्र लोगों को टीका लगावाने की भी अपील की।

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को छिंदवाड़ा में संक्रमण के 40, खरगोन में 77, रतलाम में 84 और बैतूल में 67 मामले सामने आए।

प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश में बृहस्पतिवार को कोरोना के 2,546 नये मामले सामने आये तथा पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 12 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही प्रदेश में इससे मरने वालो की संख्या बढ़कर 3,998 हो गई है।

केंद्र सरकार से हो गई बड़ी गलती;मानते हुए पीपीएफ तथा एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं में की गई ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत की बड़ी कटौती को निरस्त किया, पुरानी दरें बहाल attacknews.in

नयी दिल्ली, एक अप्रैल । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार पीपीएफ तथा एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं में की गई बड़ी कटौती वापस लेगी और कहा कि ऐसा गलती से हो गया था।

हालांकि, माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल, असम और तीन अन्य राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में भाजपा को किसी नुकसान से बचाने के लिए ब्याज दरों में कटौती का निर्णय वापस लिया गया।

छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी।

इसके एक दिन बाद गुरुवार को यह फैसला उस समय वापस लेने का ऐलान किया गया, जब पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के मतदान हो रहे हैं। आज ही नंदीग्राम सीट पर भी मतदान है, जहां से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं।

सीतारमण ने बृहस्पतिवार सुबह ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं। पहले दिया गया आदेश वापस लिया जाएगा।’’

वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गयी थी। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती है।

ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गयी थी। इस पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से कम करके 4.4 प्रतिशत करने का फैसला किया गया था।

छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है।

पुरानी दरें बहाल होने के बाद पीपीएफ और एनएससी पर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा।

इस तरह सुकन्या समृद्धि योजना के लिए 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा, जबकि पहले इसे घटाकर 6.9 प्रतिशत करने की बात कही गई थी।

पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखी जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों की योजना पर ब्याज का भुगतान त्रैमासिक आधार पर किया जाता है।

बचत जमा पर ब्याज दर चार प्रतिशत होगी, जबकि इसे घटाकर 3.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था।

बड़वानी एक भूमि का दोबारा भू अर्जन कर करीब एक करोड़ आठ लाख रूपए मुआवजा बांटने के मामले में पटवारी निलंबित attacknews.in

बड़वानी, 31 मार्च । मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के कलेक्टर ने ठीकरी अंजड़ मार्ग पर एक भूमि का दोबारा भू अर्जन कर करीब एक करोड़ आठ लाख रूपए मुआवजा प्राप्त करने के प्रयास का मामला सामने आने पर पटवारी को निलंबित कर दिया है।

जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बताया कि अंजड़ ठीकरी मार्ग पर ग्राम पिपरी में स्थित रहुफ खान की भूमि का 30 सितंबर 2008 को अधिग्रहण कर 5,09,300 रु मुआवजा दे दिया गया था।

वर्तमान में ठीकरी अंजड़ मार्ग में सब वे निर्माण के लिए इसी भूमि के अधिग्रहण करने का प्रस्ताव तत्कालीन पटवारी पिपरी महेंद्र गुप्ता द्वारा बनाकर प्रस्तुत किया गया।

इसका मुआवजा नवीन गाइडलाइन के मुताबिक एक करोड़ आठ लाख रुपए बनता है।

इस पर जिला कलेक्टर ने एसडीएम से जांच करा कर पटवारी महेंद्र गुप्ता को तत्काल भाव से निलंबित किया।

प्रकरण में अप्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध जांच भी स्थापित की गयी है।

जिला कलेक्टर ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन ठीकरी तहसीलदार (वर्तमान में अंजड़ तहसीलदार) भागीरथ बाखला तथा राजस्व निरीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

माफिया डान मुख्तार अंसारी के आगे सरेंडर समाजवादी पार्टी के कारण नौकरी छोड़ने वाले मुख्तार पर पोटा लगाने वाले पूर्व डिप्टी SP पर दर्ज मुकदमा वापस attacknews.in

 

लखनऊ 31 मार्च । योगी सरकार ने पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस ले लिए । वाराणसी के सीजेएम कोर्ट ने योगी सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी। पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को धन्यवाद कहा ।

केस वापस होने के बाद शैलेंद्र सिंह ने अपनी बात बयां की है। उन्होंने तत्कालीन सपा सरकार पर उनपर केस लादने और दबाव बनाने के आरोप लगाए । शैलेंद्र सिंह ने सोशल मीडि‍या के जरिए अपनी बात रखी । उन्होंने एक पोस्ट डालकर और कोर्ट के आदेश की कॉपी शेयर करते हुए बताया क‍ि उनके खिलाफ सभी मुकदमे वापस ले लिए गए हैं।

शैलेंद्र सिंह ने फेसबुक पोस्‍ट में ल‍िखा, ‘2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर LMG केस में POTA लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया। जिसे न मानने के कारण मुझे डिप्टी एसपी पद से त्यागपत्र देना पड़ा । इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया।’

शैलेंद्र सिंह ने आगे ल‍िखा, ‘जब माननीय योगी जी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे माननीय सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई। मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा। संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।’

बता दें, साल 2004 में शैलेंद्र सिंह एसटीएफ के डिप्टी एसपी हुआ करते थे और वाराणसी के एसटीएफ यूनिट के प्रमुख थे। इसी दौरान कृष्णानंद राय हत्याकांड के पहले सेना के एक भगोड़े से मुख्तार अंसारी ने LMG यानि लाइट मशीन गन खरीदी थी, जिसे शैलेंद्र सिंह ने न सिर्फ बरामद किया था बल्कि सरकार को वह रिपोर्ट भेजी थी जिसमें मुख्तार के देशद्रोही कारनामों का कच्चा चिट्ठा था। कहा जाता है तब शैलेंद्र सिंह पर ये केस हटाने का दबाव था, लेकिन जब वो नहीं माने तो शैलेंद्र पर ही केस दर्ज कराया गया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस की नौकरी ही छोड़ दी थी।

संस्थाओं के पंजीयन के लिए 1 अप्रैल से आवेदन ई-साइन से प्रस्तुत करना होंगे,फर्म्स एवं संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन प्रस्ताव ई-साइन से ऑनलाइन लागू,पंजीयक आलोक नागर ने इससे पहले समस्त पंजीकृत सोसायटियों और फर्मों का जनभागीदारी से करवाया था  कम्प्यूटराइजेशन attacknews.in

 

भोपाल 31 मार्च ।रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएँ के अन्तर्गत फर्म एवं संस्थाओं के प्रस्ताव पर अब ऑनलाइन ई-साइन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। यह प्रक्रिया एक अप्रैल 2021 से लागू होगी।

रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएँ श्री आलोक नागर ने बताया कि एक अप्रैल 2021 से उक्त ऑनलाइन आवेदनों की प्रक्रिया में आंशिक रूप से संशोधन किया जाकर हार्ड कॉपी पर हस्ताक्षर करने के स्थान पर ऑनलाइन ई-साइन कर प्रस्तुत करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी। ई-साइन से प्राप्त आवेदनों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्रमाण- पत्र ऑनलाइन जारी किया जायेगा। इस व्यवस्था से आवेदक रजिस्ट्रेशन प्रस्ताव अनुमोदन होने के पश्चात ई-साइन करके ऑनलाइन ही संबंधित क्षेत्र के अधिकारी को प्रस्तुत कर सकेंगे और कार्यालय में हस्ताक्षरित हार्ड कॉपी प्रस्तुत करने की अनिवार्यता समाप्त हो जायेगी।

श्री नागर ने बताया कि रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएँ के अन्तर्गत वर्तमान में फर्म्स एवं संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन के प्रस्ताव आवेदकों के द्वारा एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से प्रस्तुत किये जाते हैं। संबंधित क्षेत्र के अधिकारी द्वारा इन आवेदनों का अनुमोदन ऑनलाइन किया जाता है। इसके बाद अनुमोदित प्रतियों पर आवेदक द्वारा यथास्थान मूल हस्ताक्षरों सहित हार्ड कॉपी संबंधित कार्यालयों में प्रस्तुत करने पर संबंधित अधिकारी द्वारा ऑनलाइन प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है।

भारत में पहला राज्य बना था मध्यप्रदेश जहाँ समस्त पंजीकृत सोसायटियों और फर्मों का जनभागीदारी से किया गया था कम्प्यूटराइजेशन

सम्पूर्ण भारत में मध्य प्रदेश ऐसा राज्य बना था,जहाँ राज्य की समस्त संस्थाएं और व्यापारिक फर्म्स डिजिटल हो जायेगी अर्थात प्रदेश की करीब 1.5 लाख संस्थाओं के मूल रिकॉर्ड का कम्प्यूटराइजेशन फर्म्स एण्ड सोसायटी मध्य प्रदेश के रजिस्ट्रार आलोक नागर द्वारा करवाया गया ।

इस कार्य में महत्वपूर्ण बात यह रही कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क़ी डिजिटल इंडिया बनाने की संकल्पना को पूरा करने में प्रतिबद्ध मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के संकल्प और मार्गदर्शन में जनभागीदारी के द्वारा इस कार्य को पूरा करवाया गया । इस कार्य में जहाँ लाखों रुपयों का खर्चा होना अनुमानित था, वह कार्य जनसहयोग से ही पूरा हो गया । यह अपने आप में सम्पूर्ण भारत के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।

डिजिटल इंडिया भारत सरकार की एक पहल है जिसके तहत सरकारी विभागों को देश की जनता से जोड़ना है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना कागज के इस्तेमाल के सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुंच सकें। इस योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है। डिजिटल इंडिया के तीन कोर घटक हैं-
1- डिजिटल आधारभूत ढाँचे का निर्माण करना,
2- इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेवाओं को जनता तक पहुंचाना,
3- डिजिटल साक्षरता।

मध्यप्रदेश में जन साधारण के कार्यो को सुलभ बनाने के लिए ई-गवर्नेंस, डिजिटल इंडिया, इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस और नवाचार जैसे कार्यो को किया जा रहा है। उसके अंतर्गत ही मध्यप्रदेश का फर्म्स एण्ड सोसाइटी कार्यालय अग्रणी होने की दिशा में अग्रसर हो गया ।

विभाग द्वारा तत्कालीन उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान के प्रोत्साहन से भोपाल में इस कार्य की शुरुआत की थी । जहाँ अधिकारी और कर्मचारियों ने पूरे समर्पण से प्रतिदिन इस कार्य को पूर्ण किया । जिसके अंतर्गत पूरे प्रदेश की संस्थाओं के मूल रिकॉर्ड जिसमे प्रमाण पत्र, ज्ञापन पत्र, नियमावली और अन्य दस्तावेज शामिल है को स्कैन करके उनके डेटा एंट्री किये गये । इस समस्त कार्य की देखरेख का जिम्मा रजिस्ट्रार आलोक नागर ने लिया था । इनके द्वारा सर्वप्रथम भोपाल संभाग के लिए इस कार्य की शुरुआत की थी । इस हेतु प्रत्येक संभाग से दो-दो कर्मचारियों को बुलवाकर कार्य करवाया गया । वही जन भागीदारी से इस कार्य के लिए तकनीकी व्यक्ति भी बुलाएं गये थे ।

भोपाल संभाग के बाद विभाग द्वारा प्रदेश के प्रत्येक संभागीय कार्यालयों में इस कार्य को जनभागीदारी के द्वरा ही पूर्ण करवाया गया । इस कार्य के लिए विभाग द्वारा कर्मचारियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया और वर्षो पुराने रिकॉर्ड की धूल और नमी से बचने के लिये मास्क, हैण्ड सेनेटाईज़र की व्यवस्था की गई । साथ ही कार्यस्थल पर ही इन्हें लंच और स्वल्पाहर की व्यवस्था की गई ।

फर्म्स एण्ड सोसायटी कार्यालय द्वारा वर्तमान में संस्थाओ के पंजीयन का ऑनलाइन अनुमोदन किया जाकर अनुमोदित हार्ड कॉपी मूल हस्ताक्षरो के साथ कार्यलय द्वारा प्राप्त की जाती है और उसके बाद ऑनलाइन प्रमाण पत्र भेजा जाता है, अब इस व्यवस्था को भी पूर्णतः ऑनलाइन करने के उद्देश्य से हार्ड कॉपी की व्यवस्था समाप्त कर पंजीयन प्रस्ताव आवेदको की ई-साइन से प्राप्त कर ऑनलाइन प्रमाण पत्र भेजने की योजना पर भी तेजी से कार्य शुरू किया था जो अब पूर्ण हुआ ।

संस्थाओं के पंजीयन के लिए 1 अप्रैल से आवेदन ई-साइन से प्रस्तुत करना होंगे,फर्म्स एवं संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन प्रस्ताव ई-साइन से ऑनलाइन लागू,पंजीयक आलोक नागर ने इससे पहले समस्त पंजीकृत सोसायटियों और फर्मों का जनभागीदारी से करवाया था  कम्प्यूटराइजेशन attacknews.in

भोपाल 31 मार्च ।रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएँ के अन्तर्गत फर्म एवं संस्थाओं के प्रस्ताव पर अब ऑनलाइन ई-साइन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। यह प्रक्रिया एक अप्रैल 2021 से लागू होगी।

रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएँ श्री आलोक नागर ने बताया कि एक अप्रैल 2021 से उक्त ऑनलाइन आवेदनों की प्रक्रिया में आंशिक रूप से संशोधन किया जाकर हार्ड कॉपी पर हस्ताक्षर करने के स्थान पर ऑनलाइन ई-साइन कर प्रस्तुत करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी। ई-साइन से प्राप्त आवेदनों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्रमाण- पत्र ऑनलाइन जारी किया जायेगा। इस व्यवस्था से आवेदक रजिस्ट्रेशन प्रस्ताव अनुमोदन होने के पश्चात ई-साइन करके ऑनलाइन ही संबंधित क्षेत्र के अधिकारी को प्रस्तुत कर सकेंगे और कार्यालय में हस्ताक्षरित हार्ड कॉपी प्रस्तुत करने की अनिवार्यता समाप्त हो जायेगी।

श्री नागर ने बताया कि रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएँ के अन्तर्गत वर्तमान में फर्म्स एवं संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन के प्रस्ताव आवेदकों के द्वारा एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से प्रस्तुत किये जाते हैं। संबंधित क्षेत्र के अधिकारी द्वारा इन आवेदनों का अनुमोदन ऑनलाइन किया जाता है। इसके बाद अनुमोदित प्रतियों पर आवेदक द्वारा यथास्थान मूल हस्ताक्षरों सहित हार्ड कॉपी संबंधित कार्यालयों में प्रस्तुत करने पर संबंधित अधिकारी द्वारा ऑनलाइन प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है।

भारत में पहला राज्य बना था मध्यप्रदेश जहाँ समस्त पंजीकृत सोसायटियों और फर्मों का जनभागीदारी से किया गया था कम्प्यूटराइजेशन

सम्पूर्ण भारत में मध्य प्रदेश ऐसा राज्य बना था,जहाँ राज्य की समस्त संस्थाएं और व्यापारिक फर्म्स डिजिटल हो जायेगी अर्थात प्रदेश की करीब 1.5 लाख संस्थाओं के मूल रिकॉर्ड का कम्प्यूटराइजेशन फर्म्स एण्ड सोसायटी मध्य प्रदेश के रजिस्ट्रार आलोक नागर द्वारा करवाया गया ।

इस कार्य में महत्वपूर्ण बात यह रही कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क़ी डिजिटल इंडिया बनाने की संकल्पना को पूरा करने में प्रतिबद्ध मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के संकल्प और मार्गदर्शन में जनभागीदारी के द्वारा इस कार्य को पूरा करवाया गया । इस कार्य में जहाँ लाखों रुपयों का खर्चा होना अनुमानित था, वह कार्य जनसहयोग से ही पूरा हो गया । यह अपने आप में सम्पूर्ण भारत के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।

डिजिटल इंडिया भारत सरकार की एक पहल है जिसके तहत सरकारी विभागों को देश की जनता से जोड़ना है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना कागज के इस्तेमाल के सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुंच सकें। इस योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है। डिजिटल इंडिया के तीन कोर घटक हैं-
1- डिजिटल आधारभूत ढाँचे का निर्माण करना,
2- इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेवाओं को जनता तक पहुंचाना,
3- डिजिटल साक्षरता।

मध्यप्रदेश में जन साधारण के कार्यो को सुलभ बनाने के लिए ई-गवर्नेंस, डिजिटल इंडिया, इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस और नवाचार जैसे कार्यो को किया जा रहा है। उसके अंतर्गत ही मध्यप्रदेश का फर्म्स एण्ड सोसाइटी कार्यालय अग्रणी होने की दिशा में अग्रसर हो गया ।

विभाग द्वारा तत्कालीन उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान के प्रोत्साहन से भोपाल में इस कार्य की शुरुआत की थी । जहाँ अधिकारी और कर्मचारियों ने पूरे समर्पण से प्रतिदिन इस कार्य को पूर्ण किया । जिसके अंतर्गत पूरे प्रदेश की संस्थाओं के मूल रिकॉर्ड जिसमे प्रमाण पत्र, ज्ञापन पत्र, नियमावली और अन्य दस्तावेज शामिल है को स्कैन करके उनके डेटा एंट्री किये गये । इस समस्त कार्य की देखरेख का जिम्मा रजिस्ट्रार आलोक नागर ने लिया था । इनके द्वारा सर्वप्रथम भोपाल संभाग के लिए इस कार्य की शुरुआत की थी । इस हेतु प्रत्येक संभाग से दो-दो कर्मचारियों को बुलवाकर कार्य करवाया गया । वही जन भागीदारी से इस कार्य के लिए तकनीकी व्यक्ति भी बुलाएं गये थे ।

भोपाल संभाग के बाद विभाग द्वारा प्रदेश के प्रत्येक संभागीय कार्यालयों में इस कार्य को जनभागीदारी के द्वरा ही पूर्ण करवाया गया । इस कार्य के लिए विभाग द्वारा कर्मचारियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया और वर्षो पुराने रिकॉर्ड की धूल और नमी से बचने के लिये मास्क, हैण्ड सेनेटाईज़र की व्यवस्था की गई । साथ ही कार्यस्थल पर ही इन्हें लंच और स्वल्पाहर की व्यवस्था की गई ।

फर्म्स एण्ड सोसायटी कार्यालय द्वारा वर्तमान में संस्थाओ के पंजीयन का ऑनलाइन अनुमोदन किया जाकर अनुमोदित हार्ड कॉपी मूल हस्ताक्षरो के साथ कार्यलय द्वारा प्राप्त की जाती है और उसके बाद ऑनलाइन प्रमाण पत्र भेजा जाता है, अब इस व्यवस्था को भी पूर्णतः ऑनलाइन करने के उद्देश्य से हार्ड कॉपी की व्यवस्था समाप्त कर पंजीयन प्रस्ताव आवेदको की ई-साइन से प्राप्त कर ऑनलाइन प्रमाण पत्र भेजने की योजना पर भी तेजी से कार्य शुरू किया था जो अब पूर्ण हुआ ।

पंजाब सरकार ने पंजाब अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (PSSSB) के जरिये शुरू की रिक्त 2280 पदों को भरने की प्रक्रिया attacknews.in

चंडीगढ़, 30 मार्च । पंजाब सरकार ने पंजाब अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (पी.एस.एस.एस.बी. PSSSB) के जरिये विभिन्न विभागों में खाली 2,280 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

यह जानकारी आज यहां मुख्य सचिव विनी महाजन ने दी।

उन्होंने बताया कि बोर्ड ने भर्ती मुहिम को सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है और इस सम्बन्धी विज्ञापन जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे।

पी.एस.एस.एस.बी.(PSSSB) निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती मुहिम को सुनिश्चित बनाएगा और बोर्ड द्वारा वीडियोग्राफी, जैमर और बायोमैट्रिक तकनीक का प्रबंध किया जाएगा, जिससे मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार मैरिट-आधारित चयन को यकीनी बनाते हुए समूची भर्ती प्रक्रिया को सुचारू ढंग से पूरा किया जा सके।

बोर्ड के चेयरमैन रमन बहल ने बताया कि जेल विभाग में वॉर्डन और मैट्रन के 847 पद, लोगों के लिए तेज़ी से इंसाफ़ यकीनी बनाने के लिए अलग-अलग विभागों में लीगल क्लर्क के 199 पद, शिक्षा विभाग में 807 लाइब्रेरियन, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में 56 वरिष्ठ औद्योगिक विकास अधिकारी, 61 ब्लॉक लेवल एक्स्टेंशन अफ़सर, 51 आबकारी और कर निरीक्षक, पंजाब वेयरहाऊसिंग कोर्पोरेशन में 120 तकनीकी सहायक, सामाजिक सुरक्षा विभाग में 112 सुपरवाइजऱ और 27 मछली पालन अधिकारियों के पद भरने के लिए भर्ती मुहिम चलाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि योग्य उम्मीदवारों से आवेदन माँगने के लिए बोर्ड द्वारा जल्द ही विज्ञापन जारी किए जाएंगे।

नगरपालिका निगम उज्जैन ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण हेतु नवीन यूजर चार्ज निर्धारित करके 1 अप्रैल से लागू किया attacknews.in

उज्जैन 30 मार्च ।डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु नवीन यूजर चार्जेस का निर्धारण मा. प्रशासक महोदय द्वारा किया गया है, नवीन दरें दिनांक 01.04.2021 से वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए लागू होगी जो निम्नानुसार है –

क्र. संस्थाान श्रेणी वर्ष 2021-22 में नवीन दरे रूं. (प्रतिमाह)

  1. होटल/धर्मशाला 01 से 10 रूम तक 500
    10 से 15 रूम तक 600
    01 से 25 रूम तक 1200
    25 से 50 रूम तक 2400
    50 रूम से अधिक होने पर 5000

  2. समाजों की धर्मशाला – 100

  3. हाॅस्पीटल/नर्सिंगहोम 25 बेड से अधिक 2000
    25 बेड से कम 1000

  4. रेस्टोरेंट/शाॅपिंगमाॅल 20 टेबल से अधिक 2000
    20 टेबल से कम 1000

  5. मेरिज गार्डन 10,000 स्के. फीट तक 1600
    10,000 स्के.फीट से अधिक 2600

  6. औद्योगिक फेक्ट्रिया प्रतिदिन 20 किलो से कम सुखा/गीला कचरा उत्पादन 600
    प्रतिदिन 50 किलो से कम सुखा/गीला कचरा उत्पादन 1000
    प्रतिदिन 50 किलो से अधिक सुखा/गीला कचरा उत्पादन 1500
    प्रतिदिन 100 किलो से अधिक सुखा/गीला कचरा उत्पादन 2000

  7. व्यावसायिक भवन 0 से 100 वर्गफीट की दुकान 60
    100 से 300 वर्गफीट की दुकान 120
    300 से 1000 वर्गफीट की दुकान 240
    1000 वर्गफीट से अधिक दुकान 600

  8. आवासीय परिसर/शासकीय आवास गृह सम्पत्तिकर जमा होने वाले 90

  9. आवासीय भवन सम्पत्तिकर जमा नही होने वाले 60

  10. शैक्षणिक संस्थान जहाॅ बच्चे की संख्या 200 तक 200
    जहाॅ बच्चे की संख्या 200 से अधिक 500

  11. शासकीय राज्य/ केन्द्र कार्यालय शासकीय/अर्द्ध शासकीय कार्यालय/ संस्थान 240

लॉकडाउन छोड़कर अन्य सभी उपाय करें: शिवराज सिंह चौहान ने कहा:प्रदेशवासियों को हर स्थिति में फिर से फैल रहे कोरोना संक्रमण से बचाना है,इसके लिए जन-जागरूकता अभियान जरूरी attacknews.in

भोपाल, 22 मार्च । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित न हों तथा जनता को परेशानी न हो, इसके मद्देनजर हमें कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन छोड़कर अन्य सभी उपाय करने होंगे।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान कल रात अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी उपस्थित थे।

कोरोना से बचने जागरुकता अभियान जरुरी-शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेशवासियों को हर स्थिति में फिर से फैल रहे कोरोना संक्रमण से बचाना है। इसके लिए जन-जागरूकता अभियान जरूरी है।

श्री चौहान आज मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि ‘मेरी सुरक्षा-मेरा मास्क’ पर पालन करते हुए हर व्यक्ति को अपनी सुरक्षा के लिए मास्क का उपयोग करना है। प्रदेश में जागरूकता अभियान शुरु किया जा रहा है। अधिकारी हों या जन-प्रतिनिधि या फिर आम नागरिक, सभी मिलकर इस अभियान को सफल बनाएँ। कोरोना का कहर गहरा हो इसके पहले हमें अपने सुरक्षात्मक प्रयास तेज करने होंगे।

श्री चौहान ने कहा कि महाराष्ट्र से लगे हुए जिलों में सावधानी बढ़ानी होगी। रविवार को कुछ नगरों में लाक डाउन और कुछ जिलों में रात्रि 10 बजे बाजार बंद करने के निर्णय के बाद अब जागरूकता अभियान तेज करने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत प्रदेश में मंगलवार 23 मार्च को पूर्वान्ह 11 बजे और शाम 7 बजे सायरन बजने पर सभी लोग दो मिनिट कार्य रोक कर मास्क पहनें, अन्य लोगों को भी मास्क के उपयोग के लिए प्रेरित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए मास्क ही सबसे महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। बीस व्यक्तियों से अधिक की भागीदारी होने पर उस कार्यक्रम या बैठक की अनुमति जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप द्वारा प्रदान करने का निर्णय लिया जाए। इसके साथ ही मेलों और अन्य उत्सवों के संबंध में भी जिले के परिस्थिति अनुसार स्थानीय स्तर पर आवश्यक निर्णय लिया जाए।

श्री चौहान ने कहा कि जिलों में फेस मास्क की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। जहाँ जरूरी हो पर्याप्त संख्या में मास्क आपूर्ति के लिए जिला स्तर पर स्व-सहायता समूहों से मास्क बनवाएँ और उनका उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से सुझाव भी प्राप्त किए।

वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें लगभग आधे प्रकरण दो बड़े नगरों इंदौर और भोपाल के हैं। इंदौर और भोपाल नगरों का प्रतिशत प्रदेश के कुल प्रकरणों का क्रमशः 27 और 25 है।

इस अवसर पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस भी उपस्थित थे।

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में वैक्सीनेशन का कार्य प्रगति पर है। तीन माह में टारगेट ग्रुप का वैक्सीनेशन पूरा हो जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि जन-प्रतिनिधि और अधिकारी स्वयं मास्क लगाएँ और इसका फोटो ‘मेरा मास्क-मेरी सुरक्षा’ स्लोगन के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट भी करें। इस प्रचार अभियान का सकारात्मक परिणाम मिलेगा। हमें मध्यप्रदेश को लाक डाउन की ओर नहीं ले जाना है। प्रदेश में बहुत मुश्किल से अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर लाने का कार्य हुआ है। छोटे कारोबारियों और रोज कमाने-खाने वालों को बढ़ते कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक हानि होती है। प्रदेश की जनता के हित में हम सभी को फेस मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करना है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा लोगों को सुबह 11 बजे और शाम 7 बजे मास्क लगाकर, मास्क लगाने की समझाइश दें। उन लोगों को रोकें-टोकें जिन्होंने मास्क नहीं लगाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-कल्याण के इस कार्य में सभी धर्मगुरु भी सहयोग करें और लोगों को मास्क लगाने की अपील करें। इसके अलावा सभी जन-प्रतिनिधि जैसे सांसद, विधायक अनिवार्य रूप से नागरिकों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें। इस कार्य में सामाजिक संगठन भी सक्रिय हों। एन.एस.एस और एन.सी.सी. जैसे संगठनों के कार्यकर्ता भी जुटें। सभी मिलकर कोरोना से बचाव के अभियान को सफल बनाएँ। दुकानों के बाहर सर्किल बनाए जाएँ ताकि लोग परस्पर दूरी के साथ खड़े हों और दुकानदार से सामान खरीदते समय संक्रमण को टाला जा सके।

श्री चौहान ने कहा कि कुछ सप्ताह यह अभियान निरंतर चले। हम सभी सतर्क रहें। मेले भी न लगाएँ। बीस से अधिक संख्या के आयोजन न हों। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ये व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि कोरोना की रफ्तार थम जाए, इसके लिए सभी को जुटना होगा, तभी हम मध्यप्रदेश को सुरक्षित रखने में कामयाब होंगे। ‘मेरी होली-मेरे घर’ के नारे को लागू करें। अन्य त्यौहार भी परिवार के स्तर पर ही मनाए जाएँ। सोशल डिस्टेंसिंग के पालन में लापरवाही नहीं होना चाहिए।

वीडियो काँन्फ्रेंस में रतलाम से क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप द्वारा बताया गया कि राजस्थान और गुजरात सीमाओं के कारण सतर्कता बरती जा रही। अशोक नगर जिले के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप द्वारा सुझाव दिया गया कि होली के अवसर पर होने वाला करीला मेला संक्रमण से बचाव की दृष्टि से स्थगित करना उचित रहेगा।

निवाड़ी से बताया गया कि नजदीक ही उत्तरप्रदेश के नगर झाँसी में काफी संख्या संक्रमित लोग हैं, इसलिए सावधानी बरती जा रही है। वीडियो काँन्फ्रेंस में श्योपुर, विदिशा से भी भागीदारी हुई। इस अवसर पर अनेक जिलों से मुख्यमंत्री श्री चौहान को सरकार कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर बधाई भी दी गई।

राजस्थान में रिश्वत के बदले लगातार बलात्कार करने वाले बलात्कारी पुलिस अधिकारी कैलाश बोहरा को बर्खास्त करने की तैयारी attacknews.in

जयपुर, 21 मार्च । राजस्थान में गृह विभाग ने आज निलंबित आरपीएस कैलाशचंद बोहरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राजस्थान पेंशन नियम 1996 के नियम 53(1) अन्तर्गत 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अथवा 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके राजकीय कार्मिक को उसकी अक्षमता के आधार पर लोकहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने का प्रावधान के तहत श्री बोहरा को तत्काल अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।

उल्लेखनीय है कि नियम के अनुसार राजकीय कर्मचारी को सेवा से पृथक करने से पूर्व सुनवाई का अवसर दिया जाना आवश्यक है।

श्री बोहरा के इस प्रकरण को समग्र रूप से देखते हुए सीसीए नियम 19 की कार्यवाही विचाराधीन रखते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।

अनिवार्य सेवानिवृत्ति के पश्चात सीसीए नियमों में कार्यवाही जारी कर नियमों के तहत बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाएगी।

चूंकि श्री बोहरा ने 24 वर्ष 7 माह की सेवा पूर्ण की है एवं 52 वर्ष की आयु भी पूरी कर चुके हैं।

अतः ऎसी परिस्थिति में अनिवार्य सेवानिवृत्ति होने के बाद बर्खास्तगी की कार्यवाही शुरू होगी।

श्री बोहरा को पिछले दिनों अपने कार्यालय में महिला से रिश्वत के रूप में अस्मत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किये गये।

इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था और उन्हें बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।

जयपुर में कैलाश बोहरा को रिश्वत में युवती से अस्मत मांगने के मामले में एसीबी ने गिरफ्तार किया था। रविवार को आरपीएस अफसर कैलाश बोहरा को ऑफिस में आपत्तिजनक हालत में एसीबी ने पकड़ लिया। दुष्कर्म केस की जांच के बहाने आरोपी अफसर 30 साल की पीड़िता को बार-बार ऑफिस बुलाता था। पहले उसने जांच के लिए रिश्वत मांगी, आरोप है कि बाद में उसने पीड़िता से अस्मत मांग कर उसे परेशान करना शुरू कर दिया।परेशान होकर पीड़िता ने एसीबी से पूरे मामले की शिकायत की।

कैलाश बोहरा जयपुर शहर (पूर्व) जिले की महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में बतौर प्रभारी सहायक पुलिस आयुक्त तैनात है।

6 मार्च को युवती ने कैलाश बोहरा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।इसमें बताया था कि उसने जवाहर सर्किल थाने में एक युवक व अन्य लोगों के खिलाफ बलात्कार, धोखाधड़ी सहित 3 मुकदमे दर्ज करवाए थे। इन मुकदमों की जांच महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में एसीपी कैलाश बोहरा कर रहे हैं।

पीड़ित युवती का आरोप है कि तीनों मुकदमों में कार्रवाई की एवज में जांच अधिकारी कैलाश बोहरा ने पहले उससे रिश्वत मांगी।जब उसने रुपये नहीं दिए तो जांच के नाम पर ऑफिस बुलाने लगा।आखिर में रिश्वत के रूप में इस अधिकारी ने युवती के साथ नाजायज हरकतें करनी चाही।युवती ने यह भी आरोप लगाया कि ACP कैलाश बोहरा उसे ऑफिस टाइम के बाद भी मिलने के लिए दबाव डालता था।

एसीबी की जयपुर देहात इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरोत्तम लाल वर्मा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया।गत रविवार को कैलाश बोहरा ने युवती को डीसीपी कार्यालय स्थित अपने सरकारी ऑफिस में बुलाया. कैलाश बोहरा जानता था कि छुट्‌टी का दिन होने की वजह से आज यहां स्टॉफ मौजूद नहीं होंगे।

युवती के डीसीपी कार्यालय पहुंचने पर कैलाश ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया. जिसके बाद एसीबी की टीम वहां पहुंच गई और कैलाश बोहरा को महिला के साथ गिरफ्तार कर लिया।एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में आरोपी कैलाश बोहरा के निवास एवं अन्य ठिकानों की तलाशी की गई ।

अब जयपुर में रिश्वत के बदले रेप पीड़िता से उसकी अस्मत मांगने वाले ACP कैलाश बोहरा अब एसीबी की गिरफ्त में है।

कौन है कैलाश बोहरा?

आरोपी कैलाश बोहरा साल 1996 में बतौर सबइंस्पेक्टर राजस्थान पुलिस में भर्ती हुए थे।वे जयपुर के बजाज नगर, सदर, शिवदासपुरा सहित कई अन्य थानों में इंस्पेक्टर रहे हैं।करीब दो साल पहले ही कैलाश बोहरा पुलिस इंस्पेक्टर से पदोन्नत होकर RPS अधिकारी बने।उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज था और सीबीआई जांच चल रही थी. ऐसे में अपने प्रमोशन के लिए वह कोर्ट भी गए थे।

RPS में प्रमोशन के बाद बोहरा की पहली पोस्टिंग पुलिस मुख्यालय की सिविल राइट्स ब्रांच में हुई. कुछ महीने पहले ही उसकी जयपुर कमिश्नरेट के पूर्व जिले में महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) के तौर पर नियुक्ति हुई।

क्या है मामला?

दुष्कर्म केस की जांच के बहाने आरोपी अफसर 30 साल की पीड़िता को बार-बार ऑफिस बुलाता था. पहले उसने जांच के लिए रिश्वत मांगी, बाद में पीड़िता के साथ गलत हरकत करने की कोशिश शुरू कर दी।

दरअसल, पीड़िता ने एक युवक व अन्य के खिलाफ जयपुर में शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने, धोखे से गर्भपात कराने का केस दर्ज कराया था. इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की एवज में एसीपी उसकी अस्मत मांग रहा था. परेशान होकर पीड़िता ने एसीबी से पूरे मामले की शिकायत की।

ACP बोहरा ने मुकदमा दर्ज करवाने वाली 30 वर्षीय युवती को रविवार के दिन बुलाया. कैलाश बोहरा ने अपनी नीच सोच को अंजाम देने के लिए सुरक्षित जगह जयपुर कमिश्नरेट के डीसीपी पूर्वी का सरकारी दफ्तर चुना. इसी भवन में ग्राउंड फ्लोर पर महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट का ऑफिस है. इसमें सहायक पुलिस आयुक्त कैलाश बोहरा खुद बैठता है. रविवार को छुट्‌टी का दिन था. एसीपी को पता था कि आज ऑफिस बंद होने से स्टॉफ नहीं आता।

ऐसे में वह निजी कार लेकर सिविल ड्रेस में ऑफिस पहुंचा।खुद ही ऑफिस का लॉक खोला. इसके बाद पीड़िता के ऑफिस पहुंचने पर उसे अपने कमरे में ले गए. जहां युवती को अंदर बुलाकर दरवाजा बंद कर लिया. तबतक पहले से ही तैयार एसीबी ने अफसर को रंगे हाथों दबोच लिया।