इंदौर में कमलनाथ बाल-बाल बचे:स्थानीय कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल का हालचाल जानने डीएनएस अस्पताल पहुँचने पर लिफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने पर गंभीर हादसा होने से टला attacknews.in

शिवराज ने फोन पर कमलनाथ की कुशलता जानी

भोपाल, 21 फरवरी । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के एक निजी अस्पताल में लिफ्ट में सवार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके साथियों के कथित तौर पर गिरने की घटना के पश्चात फोन पर पूर्व मुख्यमंत्री की कुशलता के बारे जानकारी ली।

श्री चौहान ने शाम की घटना के बाद ट्वीट में लिखा है ‘इंदौर के निजी अस्पताल में लिफ्ट में सवार पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी और अन्य साथियों के गिरने की जानकारी मिली। फोन पर उनका कुशलक्षेम पूछा। ईश्वर की कृपा से सभी सकुशल हैं। इंदौर कलेक्टर को इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं।’

इंदौर की घटना अनुसार वहां के एक निजी अस्पताल की लिफ्ट उस वक्त दुर्घटनाग्रस्त होकर रुक गई, जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और अन्य कांग्रेस नेता उसके अंदर मौजूद थे। गनीमत रही कि इस घटना में किसी को चोट भी नहीं आई।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि हादसा आज शाम को उस वक्त हुआ श्री कमलनाथ, स्थानीय कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल का हालचाल जानने डीएनएस अस्पताल पहुँचे। यहां पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, इंदौर शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल समेत आधा दर्जन से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ तीसरे माले पर चढ़ते समय लिफ्ट किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से बन्द हो गयी। इसी वक्त इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण बंद होने की संभावित वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

घटना के बाद लिफ्ट में सवार श्री कमलनाथ और अन्य सभी लोगों को बाहर निकाला गया। लिफ्ट में सवार सभी लोग स्वस्थ हैं।

उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि हादसा कमलनाथ की सुरक्षा में चूक है। उन्होंने घटना को साजिश बताते हुए कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिये। घटना की जानकारी लगते ही मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे।

अधिकारियों का प्रथम दृष्टया मानना है कि घटना का कारण लिफ्ट में अतिरक्त भार होना रहा। जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

यमुनापार बसवार गांव में टूटी नावें देखने पैदल जा रही प्रियंका गांधी वाड्रा के काफिले में घुसा भेड़ों का झुंड ,चरवाहा गेंदा लाल पाल ने घटना से परेशान होकर कहा: “हमें तो बस इस बात का डर था कि इस भीड़ में कहीं हमारी भेड़ खो ना जाए” attacknews.in

प्रयागराज, 21 फरवरी । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के यमुनापार बसवार गांव में रविवार को उस समय अफरा तफरी मच गई जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के काफिले में भेड़ों का झुंड घुस गया। प्रियंका यमुना किनारे कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के साथ टूटी हुई नावें देखने पैदल जा रही थीं।

प्रियंका के काफिले में भेड़ों का झुंड घुसने पर भी काफिले की गति बनी रही और प्रियंका अपने कार्यकर्ताओं और लोगों के साथ घटनास्थल की ओर बढ़ती रहीं। हालांकि इस बीच चरवाहा गेंदा लाल पाल इस घटना से परेशान हो उठे और वह डंडे से भेड़ों को हांक कर बाहर निकालने में लगे रहे।

कांग्रेस नेता के मौके से रवाना होने के बाद बाद गेंदा लाल पाल ने बताया कि उन्हें कुछ देर पहले ही पता चला कि (दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी की पोती, प्रियंका गांधी यहां आई हैं।

काफिले में भेड़ों के झुंड के घुसने के बारे में गेंदा लाल ने कहा, “हमें तो बस इस बात का डर था कि इस भीड़ में कहीं हमारी भेड़ खो ना जाए। लेकिन भगवान की कृपा से हमारी सभी 100 भेड़ें मिल गईं।”

उल्लेखनीय है कि चार फरवरी, 2021 को जिला प्रशासन और पुलिस ने बालू के कथित अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निषाद समाज के लोगों को कथित तौर पर पीटा था और उनकी नावें तोड़ दी थीं। कांग्रेस महासचिव पीड़ितों से आज मिलने यहां आयी थी।

सीधी मे बस दुर्घटना में नहर में काल कवलित हो गए मृतकों की संख्या बढ़कर 54 हुयी attacknews.in

सीधी, 20 फरवरी । मध्यप्रदेश के सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र के सरदा में हुयी बस दुर्घटना के पांचवे दिन आज एक और व्यक्ति का शव मिलने से मृतकों की संख्या बढ़कर 54 हो गयी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार बाणसागर नहर में आज पांचवे दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी रहा। इस दौरान दुर्घटना के शिकार एक और व्यक्ति का शव रीवा जिले की सीमा से बरामद किया गया, जिसके बाद अब मृतकों की संख्या बढ़कर 54 हो गयी है।

जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में बाणसागर बांध परियोजना से जुड़ी एक नहर में 16 फरवरी की सुबह एक बस अनियंत्रिति होकर गिर गयी थी। हादसे में अब तक 54 यात्रियों के शव बरामद हो चुके हैं।

बाणसागर नहर में सर्च ऑपरेशन जारी

कल भी सीधी जिले के रामपुर नैकिन के सरदा गांव में हुए बस हादसे के चौथे दिन तीन और यात्रियों के शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 53 हो गयी।

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिले के सरदा गांव में हुए बस हादसे के चौथे दिन भी बाणसागर नहर में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के दल एवं पुलिस होमगार्ड के जवानों का सर्च ऑपरेशन लगातार जारी ।

कल सुबह रीवा जिले की सीमा में दुर्घटना के शिकार एक अन्य व्यक्ति का शव प्राप्त हुआ। इसके बाद शाम को एक अन्य शव बरामद किया गया, जिसके बाद दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 53 हो गयी है।

सीधी जिले के रामपुर नैकिन के सरदा गांव में हुए बस हादसे के चौथे दिन एक और यात्री का शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है।

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिले के सरदा गांव में हुए बस हादसे के चौथे दिन भी बाणसागर नहर में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के दल एवं पुलिस होमगार्ड के जवानों का सर्च ऑपरेशन लगातार जारी रहा।

बस हादसे के लापता तीन यात्रियों की सर्चिंग के लिए आयेगी सेना की टुकड़ी

सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र के सरदा गांव में बस हादसे में अभी भी तीन लोगों के लापता होने की आशंका की जिनकी सर्चिंग के लिए सेना को बुलाया गया ।

पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत बताया था कि तीन यात्री जो अभी तक लापता है। उनकी विशेष तरह से सर्चिंग करने के लिये बनारस से सेना के तीन लोगों की टीम जायजा लेने आई , जिनका हेड क्वाटर जबलपुर है।

सीधी बस हादसा : अब तक नहीं मिले तीन लापता लोग

तीन दिन पहले हुए बस हादसे के बाद से लापता तीन लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं इसकी राज्य इकाई गुरूवार को भी नहर के भीतर नहीं ढूंढ पाई थी । इस बस हादसे में 51 लोगों की मौत हो गई थी।

सीधी के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने बताया कि जबलपुर से सेना का एक दल इस बस हादसे में लापता तीन लोगों को खोजने के लिए मौके पर पहुंचा ।

उन्होंने कहा कि इन तीन लापता लोगों को ढूंढने का अभियान सूर्यास्त के बाद बंद कर दिया गया।

कुमावत ने बताया कि एनडीआरएफ एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) इन तीन लापता लोगों को ढूंढने के लिए इस नहर के भीतर कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन आज इनमें से एक भी नहीं मिला।

वहीं, सीधी के कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, ‘‘इस नहर में तीन किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग भी है। वहां पर बहुत ही कम ऑक्सीजन रहती है। इस बात की आशंका है कि लापता व्यक्ति इसमें हो सकते हैं। इसलिए इस सुरंग में भी इन तीन लापता लोगों की खोज की जा रही है।’’

उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त इस बस में चालक समेत कुल 61 लोग इसमें सवार थे। उन्होंने कहा कि इनमें से 51 लोगों की डूबने से मौत हो गई जबकि छह को बचा लिया गया और तीन अन्य लोग अभी भी लापता हैं।

अधिकारी ने बताया कि इनके अलावा अलावा, बस चालक भी था, जिसे बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया है।

चौधरी ने बताया कि यह 32 सीट क्षमता वाली बस थी लेकिन इसमें 61 लोग सवार थे।

उन्होंने कहा कि बस में सवार 40 से अधिक लोग एएनएम (महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता) की भर्ती परीक्षा एवं अन्य परीक्षा देने सतना जा रहे थे, इसलिए बस खचाखच भरी हुई थी।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के सीधी जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर पटना गांव के पास मंगलवार सुबह हुए इस बस हादसे में 51 लोगों की मौत हो गई थी।

सीधी बस हादसे मामले में चार वरिष्ठ अधिकारी निलंबित

इस दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात के बाद चार वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

श्री चौहान ने सीधी जिले के 10 गांवों का देर रात तक भ्रमण कर हादसे में मृत यात्रियों के परिजनों को सांत्वना दी। इसके बाद रात में ही यहां मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में राहत तथा बचाव कार्य की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सड़क रखरखाव कार्य से जुड़े तीन वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा सीधी जिले के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) को निलंबित कर दिया।

बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिन्हें हमने खोया खो दिया, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता है, पर पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता दी जाएगी। ऐसे परिवारों को सात सात लाख रुपये की तत्कालीन सहायता दी गई है। दुर्घटना में मृतक व्यक्तियों के परिजनों को उनकी स्थिति के अनुसार सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्घटना के सही कारण तो जांच के बाद पता चलेंगे, पर आम जनता से जो फीडबैक मिला है, उसके आधार पर छुहिया घाटी की रोड खराब होना तथा बार-बार जाम लगने के कारण बस का मार्ग बदलना रहा है। इसलिए मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के महाप्रबंधक, सहायक महाप्रबंधक और प्रबंधक को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। क्षमता से अधिक सवारी होने तथा बस में निर्धारित मार्ग से दूसरे मार्ग में जाने के मामले में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए जिला परिवहन अधिकारी सीधी को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमपीआरडीसी के बड़े अधिकारी शीघ्र ही यहां आएंगे और छुहिया घाटी की तत्कालीन व्यवस्था के लिए 15 दिन में आवश्यक सुधार कार्य कराया जाएगा। इस रोड पर खतरनाक मोड़ को समाप्त करने के लिए दीर्घकालीन कार्य योजना बनेगी। इस रोड पर ट्रैफिक का दबाव घटाने के लिए रीवा गड्डी रामपुरनैकिन रोड तथा जिगना भरतपुर रोड का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने राहत तथा बचाव कार्य में तत्परता के लिए राजस्व प्रशासन पुलिस प्रशासन एनडीआरएफ एसडीआरएफ की तारीफ की। उन्होंने बचाव कार्य मे उत्कृष्ट कार्य करने पर शिवरानी लोनिया, लवकुश लोनिया तथा सतेन्द्र शर्मा को 5-5 लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा भी की।

मंगलवार को रामपुरनैकिन थाना क्षेत्र में सीधी से सतना रवाना हुयी बस बाणसागर परियोजना से जुड़ी नहर में गिर गयी थी। इस वजह से 51 यात्रियों की मृत्यु हुयी है। बस में सवार अधिकांश यात्री रेलवे और नर्सिंग संबंधी परीक्षा देने के लिए सतना जा रहे थे। नहर में कम से कम 20 फीट पानी भरा हुआ था। हादसे के बाद लगभग सात लोगों को बचा लिया गया था। शेष यात्री खुशकिस्मत नहीं रहे।

दुर्घटना पीड़ितों की हर संभव सहायता दी जाएगी- शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि दुर्घटना पीड़ितों की हर संभव सहायता की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गुरुवार को भी यहाँ पहुंचकर 10 गांवों का भ्रमण किया और बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने इसके बाद मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में राहत तथा बचाव कार्य की सभी समीक्षा करते हुए दुर्घटना के बाद से शेष लोगों की खोज के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।

सीधी हादसे के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी – शिवराज

भोपाल, से खबर है कि,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी दौरे के बाद गुरुवार को कहा कि सीधी बस हादसे के दोषियों को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा।

श्री चौहान ने यहां अपने निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि पूरे प्रदेश में एेसी सड़कों का सर्वेक्षण किया जाए, जहां दुर्घटनाएं होती हैं। उनके कारणों का पता लगाकर उन्हें दूर किया जाए। सड़कों की मरम्मत और क्रेन की व्यवस्थाएं भी पर्याप्त मात्राओं में की जाएं। वैकल्पिक मार्ग विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनायी जाए। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएं।

श्री चौहान ने कहा कि पूरे राज्य में बसों की फिटनेस और आेवरलोडिंग के संबंध में अभियान प्रारंभ कर दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए। ओवरलोडिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी और जल संसाधन तथा परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

छुहिया घाटी में सड़क सुधार का कार्य शीघ्र होगा शुरू: शुक्ला

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर प्रदेश सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक श्रीमन शुक्ला ने आज यहां पहुंच कर तकनीकी अधिकारियों के साथ छुहिया घाटी का निरीक्षण किया और जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और अन्य अधिकारियों के साथ सड़क सुधार के संबंध में चर्चा की।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री शुक्ला ने कहा कि छुहिया घाटी में सड़क सुधार का कार्य दो-तीन दिनों में शुरू कर दिया जायेगा। इसके कठिन मोड़ों को सुधारने के लिये सर्वेक्षण करके तकनीकी अधिकारी पूरी कार्य-योजना तैयार करेंगे। घाटी में भारी वाहनों के आवागमन दबाव को कम करने के लिये वैकल्पिक सड़कों को उन्नत करने की भी कार्यवाही की जायेगी। छुहिया घाटी में वाहनों का जाम न लगे, इसके लिये भी प्रबंध किये जायेंगे। बैठक में कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी द्वारा छुहिया घाटी में आवागमन के संबंध में सुझाव भी दिये ।

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सीधी, 17 फरवरी । मध्यप्रदेश के सीधी जिले की रामपुर नैकिन थाना पुलिस ने नहर में बस गिरने के कारण हुए वीभत्स हादसे के मामले में आज बस चालक बालेंद्र विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार बस चालक रीवा जिले के हरदी सेमरिया गांव का निवासी है और कल सुबह हादसे के बाद वह घटनास्थल से भागने में सफल रहा था। पुलिस ने उसे उसके घर से गिरफ्तार किया है।

चार और शव मिले, मृतकों की संख्या बढ़कर 51 हुयी:

मध्यप्रदेश के सीधी जिले के रामपुरनैकिन थाना क्षेत्र में 50 से अधिक यात्रियों से भरी बस के एक नहर में गिरने के कारण हुए हादसे के 24 घंटे बाद आज चार और लोगों के शव मिलने से मृतकों की संख्या 47 से बढ़कर 51 हो गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कल देर शाम तक चले राहत एवं बचाव कार्य के बाद आज सुबह फिर से यात्रियों की तलाशी का कार्य प्रारंभ हुआ। इस दौरान चार और शव घटनास्थल से कुछ दूर नहर में मिले, जो बह गए थे। कल शाम तक 47 यात्रियों के शव मिले थे, जिनमें 24 पुरुष और 21 महिलाएं तथा दो बच्चे शामिल थे। अधिकांश मृतक सीधी और सिंगरौली जिले के निवासी हैं।

आज सुबह स्वाति (22), दीपू (20), खुशबू (23) और पांच माह की शुभि के शव मिले हैं। दो तीन लोगों के और लापता होने की आशंका है।

कल सुबह सीधी से सतना के लिए रवाना हुयी बस सरदा गांव के पास नहर में गिर गयी थी। नहर में 20 फीट से अधिक ऊंचाई तक पानी था। बस नहर के समानांतर मार्ग पर चल रही थी और तेज गति होने के कारण चालक वाहन पर नियंत्रण खो बैठा और बस नहर में समा गयी। कल लगभग तीन घंटे बाद बस को क्रेन की मदद से पानी से निकाला गया था और दिन भर चले राहत कार्य के दौरान 47 लोगों के शव निकाले गए थे। लगभग सात लोग किसी तरह ग्रामीणों की मदद से अपनी जान बचाने में कामयाब रहे।

अाज सुबह फिर से नहर में कई किलोमीटर क्षेत्र में यात्रियों की तलाश की गयी है। बत्तीस सीटर बस में लगभग 60 यात्रियों के सवार होने की सूचनाएं हैं। बस सवार अधिकांश युवक और युवतियां थे, जो रेलवे और नर्सिंग की परीक्षा देने सीधी से सतना के लिए रवाना हुए थे।

शिवराज ने बस दुर्घटना में मृत व्यक्तियों के परिवार से की मुलाकात

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी जिले में बस दुर्घटना प्रभावितों मृत व्यक्तियों के परिजनों से आज मुलाकात की और दुर्घटना में मृत व्यक्तियों के प्रति अपनी शोक संवेदना व्यक्त की।

श्री चौहान दोपहर जिले के रामपुर नैकिन और चुरहट के रामनगर में बस दुर्घटना के प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और अपनी संवेदना प्रकट करते हुए पीडित परिवार को ढांढस बंधाया।

उन्होंने कहा कि सीधी बस दुर्घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और भयावह थी। इस दुर्घटना में अपनों को खोने वाले परिवारों से आज वह मिले हैं। उन्होंने इस हादसे में अपनी पत्नी और बेटी को खोने वाले अनिल गुप्ता के रामपुर नैकिन स्थित घर पहुंचकर संवेदना प्रकट की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असमय काल कवलित होने वालों को हम लौटा नहीं सकते हैं, परंतु दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़े हैं।

उन्होंने बस दुर्घटना में असमय काल कवलित होने वाले चुरहट के स्वर्गीय शिवभान पाल के परिजनों से भेंटकर संवेदना प्रकट की और सहायता राशि का चेक सौंपा। उन्होंने ईश्वर से इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति परिजनों को देने प्रार्थना की और कहा कि प्रभावितों की हरसंभव सहायता करेंगे।

इसके अलावा श्री चौहान इस दुर्घटना में हताहत रामनगर-चुरहट के स्व. श्यामलाल साकेत के निवास पर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी और सहायता राशि का चेक सौंपा। उन्होंने कहा कि आवास योजना के तहत परिवार को मकान दिये जायेंगे। दु:ख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि बस दुर्घटना में लोगों की जान बचाने वाली बहादुर बेटी शिवरानी समाज, प्रदेश और देश का गौरव है। उन्होंने कहा कि दूसरों के जीवन की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाली बेटी की पढ़ाई की व्यवस्था सरकार करेगी। उन्होंने उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

Update सीधी में बस ने छीनी जिंदगियां:60 यात्रियों से भरी बस के नहर में गिरने से अब तक 47 यात्रियों की मौत, सात को सुरक्षित निकाला गया,बाकी लापता की तलाश बुधवार को होगी attacknews.in

सीधी, 16 फरवरी । मध्यप्रदेश के सीधी जिले के रामपुरनैकिन थाना क्षेत्र में आज सुबह बाणसागर बांध परियोजना से जुड़ी नहर में बस के गिरने के कारण 47 यात्रियों की मौत हो गयी और चालक और क्लीनर सहित सात लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। राहत एवं बचाव कार्य देर शाम तक जारी रहा,बुधवार को फिर किया जाएगा शुरू।

मृतकाें में 24 पुरुष और 21 महिलाएं तथा दो बच्चे शामिल हैं। इनमें अधिकांश मृतक सीधी और सिंगरौली जिले के हैं और कुछ सतना जिले के निवासी बताए गए हैं। चालक बालेंदु विश्वकर्मा और क्लीनर दिग्विजय सहित सात लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। राहत एवं बचाव कार्य देर शाम तक जारी रहा। कुछ और लोगों के लापता होने की आशंका हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। घटना की दंडाधिकारीय (मजिस्ट्रियल) जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

बस में क्षमता से अधिक व्यक्ति सवार थे। बस की क्षमता 32 यात्रियों की थी और इसमें लगभग 60 यात्री सवार थे।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दुर्घटना स्थल सीधी जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलाेमीटर दूर सरदा गांव में है। यहां से सतना जिला मुख्यालय लगभग एक सौ किलोमीटर दूर है। बस सुबह लगभग छह बजे सीधी से सतना के लिए रवाना हुयी थी और निर्धारित मार्ग के छुहिया घाटी में जाम के कारण बसचालक ने मार्ग बदल लिया और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित नहर के समानांतर चल रही सड़क पर आने के बाद यह हादसा हो गया और लगभग साढ़े सात बजे बस नहर में समा गयी।

सूत्रों ने बताया कि बाणसागर बांध जलाशय से जुड़ी इस नहर में 20 फीट से अधिक पानी भरा था। हादसे की सूचना के बाद सबसे पहले लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित बांध जलाशय से पानी छोड़ने का कार्य बंद कराया गया। इस वजह से नहर का जलस्तर कम हुआ और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लायी जा सकी। हादसे की सूचना मिलते ही रीवा संभाग आयुक्त राजेश जैन और कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी भी दलबल के साथ मौके पर पहुंच गए।

सूत्रों ने कहा कि बस में मुख्य रूप से सीधी और सिंगरौली जिलों के यात्री सवार थे। यात्रियों में शामिल अनेक युवक युवती अपने अभिभावकों के साथ सतना जिले में आयोजित रेलवे और नर्सिंग की परीक्षा में शामिल होने जा रहे थे।

सूत्रों के अनुसार यह बस सतना जिला निवासी एक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत है और जबलानाथ परिहार ट्रेवल्स के नाम से संचालित थी। बस की क्षमता 32 यात्रियों की थी, लेकिन इसमें लगभग 60 लोगों के सवार होने की जानकारी सामने आयी है।

इस बीच प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी बताया है कि सीधी से सतना का मुख्य मार्ग छुहिया घाटी से हाेते हुए जाता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से छुहिया घाटी में वाहनों के अक्सर खराब हो जाने के कारण जाम की स्थिति बन रही है। इसलिए क्षेत्रीय वाहन चालक इस मुख्य मार्ग की बजाए छुहिया घाटी के पहले बगवार गांव से होते हुए नहर के समानांतर जाने वाले मार्ग से होकर सतना जाते हैं। आज भी बसचालक ने इसी मार्ग का चयन किया और तेज गति से जाते समय ब्रेकर पर बस अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी।

रात होने से रोका बचाव कार्य:

जिला कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि देर शाम सात बजे तक चले राहत एवं बचाव कार्य में 47 यात्रियों के शव निकाले गए हैं। इनमें 24 पुरुष और 21 महिलाएं तथा दो बच्चे शामिल हैं। इनमें अधिकांश मृतक सीधी और सिंगरौली जिले के हैं और कुछ सतना जिले के निवासी बताए गए हैं। वहीं, सात यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बस का चालक लापता है।

उन्होंने बताया के अंधेरा होने की वजह से राहत एवं बचाव कार्य रोक दिया गया है। अभी कुछ और यात्रियों के लापता होने की आशंका हैं, जिनकी तलाश कल सुबह की जाएगी।

उधर, घटना की दंडाधिकारीय (मजिस्ट्रियल) जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बस में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। बस की क्षमता 32 यात्रियों की थी और इसमें लगभग 60 यात्री सवार थे।

हादसे की यह थी प्रमुख वजह:

इस बीच सीधी से संवाददाता से प्राप्त समाचार के अनुसार बस सुबह सीधी जिला मुख्यालय से लगभग छह बजे रवाना हुयी थी और उसमें सीधी तथा सिंगरौली जिले के युवक युवती और उनके अभिभावक भी सवार थे, जो सतना जिला मुख्यालय पर आज आयोजित होने वाली रेलवे और नर्सिंग से संबंधित परीक्षा में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में एक घाटी पर जाम की स्थिति के कारण बस निर्धारित रुट की बजाए नहर के किनारे वाले मार्ग से ले जायी जा रही थी, तभी संभवत: किसी वाहन को आेवरटेक करने के दौरान वह अनियंत्रित होकर नहर में लगभग साढ़े सात से आठ बजे के बीच समा गयी।

कम से कम 30 फीट चौड़ी नहर में दुर्घटना के वक्त कम से कम 20 फीट ऊंचाई तक पानी भरा हुआ था। राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ कराने के लिए तत्काल प्रशासन सक्रिय हुआ और क्रेन इत्यादि भी बुलाने के साथ ही बाणसागर बांध जलाशय से पानी की निकासी बंद करायी गयी। बांध और हादसास्थल के बीच की दूरी लगभग 40 किलोमीटर बतायी गयी है। पानी की निकासी बंद होने के कुछ समय बाद नहर में जलस्तर घटा और तब बस निकालने के साथ ही मृतकों के शव निकाले गए।

सतना पुलिस ने बताया:

इस बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि बाणसागर बांध जलाशय से जुड़ी इस नहर में 20 फीट से अधिक पानी भरा था। हादसे की सूचना के बाद सबसे पहले लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित बांध जलाशय से पानी छोड़ने का कार्य बंद कराया गया। इस वजह से नहर का जलस्तर कम हुआ और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लायी जा सकी। हादसे की सूचना मिलते ही कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी भी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे।

सूत्रों ने कहा कि बस सुबह सीधी से सतना के लिए रवाना हुयी थी। सुबह लगभग आठ बजे छुहिया घाटी में जाम लगा होने के कारण बस अपने निर्धारित मार्ग के स्थान पर पास ही स्थित दूसरे मार्ग से सतना की ओर रवाना हुयी और बाणसागर बांध परियोजना की नहर में जा गिरी। यह मार्ग नहर से सटा हुआ था और बस असंतुलित होकर नहर में समा गयी। बस में सीधी और आसपास के जिलों के यात्री सवार होने की सूचना है। मृतकों की पहचान की जा रही है।

इसलिए बदला था रास्ता:

बाणसागर बांध जलाशय से जुड़ी इस नहर में 20 फीट से अधिक पानी भरा था। जलाशय से पानी छोड़ने का कार्य बंद कराने के बाद नहर का जलस्तर कम हुआ और राहत एवं बचाव और तेजी से प्रारंभ किए गए। हादसे की सूचना मिलते ही कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे।

सूत्रों ने कहा कि हादसा जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर हुआ है और बस सुबह सीधी से रवाना हुयी थी और यह सतना जा रही थी। सुबह लगभग आठ बजे छुहिया घाटी में जाम लगा होने के कारण बस पास ही स्थित दूसरे मार्ग से सतना की ओर रवाना हुयी और बाणसागर बांध परियोजना की नहर में जा गिरी।

रीवा संभागायुक्त ने बताया:

रीवा संभाग आयुक्त राजेश जैन ने बताया कि नहर में घटनास्थल से बस को भी निकाल लिया गया है। कुल 37 लोगों की मृत्यु हुयी है, जिनमें से 16 महिलाएं, 20 पुरुष और एक बच्चा शामिल है। सात व्यक्ति शुरूआत में ही किसी तरह नहर से तैरकर निकल आए थे। उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य लगभग पूरा हो गया है। हालाकि इस आशंका के चलते कि, कहीं कुछ यात्री नहर में पानी के बहाव में बह तो नहीं गए, आसपास के संभावित क्षेत्रों में भी तलाशी की जा रही है।

श्री जैन ने कहा कि सीधी जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलाेमीटर दूर हादसे की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन का अमला पहुंच गया था। वे स्वयं सुबह नौ बजे घटनास्थल पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य की गति और बढ़वायी।

मध्यप्रदेश में मौतों का कहर: सीधी से सतना जा रही 54 यात्रियों से भरी बस पुल से नहर में गिरकर जलमग्न हुई,42 शव बरामद,7 यात्रियों ने तैर कर जान बचाई attacknews.in

भोपाल/सीधी (मप्र), 16 फरवरी । मध्यप्रदेश के सीधी जिले में रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में यात्रियों से भरी एक बस मंगलवार सुबह पुल से नहर में गिर गई, जिससे 42 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, हादसे के बाद सात लोग तैरकर नदी से बाहर आ गए।

सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने ‘ बताया, ‘‘अब तक बाणसागर नहर से 37 शवों को बाहर निकाला गया है।’’

उन्होंने कहा कि बस को भी नहर से बाहर निकाल लिया गया है और इसमें अब एक भी शव नहीं है।

कितने यात्री अब भी लापता हैं, इस बारे में पूछे जाने पर कुमावत ने कहा, ‘‘इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है।’’

उन्होंने बताया कि हादसे के बाद सात लोग तैरकर सुरक्षित नदी से बाहर आ गये हैं। हादसा सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुआ।

कुमावत ने बताया कि बचाव अभियान जारी है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सीधी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर मैं लगातार प्रशासन से और राहत कार्य में जुटे लोगों के संपर्क में हूं। मन बहुत व्यथित है।’’

उन्होंने कहा कि बचाव कार्य लगातार जारी है। जिलाधिकारी, आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है।

चौहान ने कहा कि राज्य के मंत्री तुलसीराम सिलावट और रामखेलावन पटेल तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हो गये हैं। उन्होंने कहा कि हादसे के वक्त यह बस सीधी से सतना जा रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस दुर्घटना में हमारे जो भाई-बहन नहीं रहे, उनके परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि तत्काल दी जाएगी। मेरी अपील है कि सभी धैर्य रखें।’’

चौहान ने कहा, ‘‘नहर के जलस्तर को कम करने के लिए बाणसागर की ओर से आने वाले पानी को भी रोक दिया गया है।’’

इससे पहले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘‘प्रदेश में सीधी से सतना जा रही बस के नहर में गिर जाने की दुखद ख़बर सामने आयी है। कई यात्रियों के हताहत होने की जानकारी सामने आयी है। मैं सरकर से मांग करता हूं कि तत्काल राहत कार्य प्रारंभ कर बस में फंसे यात्रियों को बचाने के लिये प्रयास हो। पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाए।’’

वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब यह हादसा हुआ तो इस बस में करीब 50 यात्री सवार थे। यह बस नहर में पूरी तरह से पानी में डूब गई थी और दिखाई भी नहीं दे रही थी।

महाराष्ट्र के जलगांव में ट्रक के पलट कर सड़क किनारे गड्ढे में गिरने से 15 मजदूरों की मौत, पांच घायल attacknews.in

जलगांव (महाराष्ट्र), 15 फरवरी । महाराष्ट्र के जलगांव जिले में एक ट्रक के पलट कर सड़क किनारे गड्ढे में गिरने से 15 मजदूरों की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए।

यावल पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना किंगांव गांव में देर रात एक बजे के करीब एक मंदिर के पास हुई, जब पपीते से लदा एक ट्रक जलगांव के धुले से यावल तहसील जा रहा था।

उन्होंने बताया कि मृतकों में तीन और पांच वर्ष के दो बच्चे और 15 वर्षीय एक किशोरी भी शामिल हैं।

अधिकारी ने बताया कि मृतक जिले के अभोदा, विवरा, केर्हाला गांव और रावेर तहसील के निवासी थे।

उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी मशीन की मदद से ट्रक को गड्ढे से बाहर निकाला गया।

अधिकारी ने बताया कि हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई और ट्रक चालक सहित पांच अन्य लोग घायल हुए हैं।

उन्होंने बताया कि घायलों को जलगांव के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में दो की हालत गंभीर है।

जलगांव के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत गवली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वाहन में शायद कोई तकनीकी खराबी होने के कारण हादसा हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। भादंवि की धारा 304-(दो) के तहत ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।’’

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान, हुसैन मुस्लिम मनियार (30), सरफराज ताडवी (32), दिगंबर सपकले (55), नरेन्द्र वाघ (25), दिलदार ताडवी (20), अशोक वाघ (40), दुर्गाबाई अदकमोल (20), गणेश मोरे (5), सागर वाघ (3), शारदा रमेश मोरे (15), संगीता अशोक वाघ (35), यमुनाबाई इंगल (45), कमलाबाई मोरे (45), सबनूर ताडवी (53) और संदीप भालेराव (25) के तौर पर हुई है।

तमिलनाडु की पटाखा फैक्ट्री और मध्यप्रदेश की स्टील फैक्ट्री में भीषण विस्फोटों में 12 की मौत,42 से अधिक घायल attacknews.in

विरुधुनगर(तमिलनाडु)/जबलपुर(मध्यप्रदेश) 12 फरवरी । तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के अचनकुलम गांव में स्थित पटाखे के एक निजी कारखाने में शुक्रवार को हुए दर्दनाक विस्फोट हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हुई है तथा आग में 30 अन्य झुलस गए हैं जिनमें से अधिकतर की हालत गंभीर बनी हुई है।

पुलिस ने बताया कि श्री मरियम्मल पटाखा फैक्ट्री में आज दोपहर के बाद अचानक आग लग गयी जिसके बाद कई विस्फोट हुए। उस समय मजदूर पटाखे की फैंसी वेरायटी बनाने में लगे हुए थे। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रसायनों को रखने के दौरान घर्षण आग त्रासदी का कारण बना।

उन्होंने बताया कि आग और विस्फोटों ने दस गोदामों को तबाह कर दिया, जहां तैयार पटाखे और अत्यधिक ज्वलनशील रसायनों का विशाल भंडार जमा किया गया था। शवों के बुरी तरह जल जाने के कारण मृतकों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है।

विरुधुनगर के जिला अग्निशमन अधिकारी के गलसन ने कहा कि सत्तूर, विरुधुनगर और शिवकाशी से दमकल घटनास्थल पर पहुंचे और एक दो घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पा काबू पा लिया गया। सभी घायलों काे सत्तूर और शिवकाशी सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जिसमे से कुछ घायलों की हालत बेहद गंभीर है जिसके कारण मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका भी जतायी जा रही है।

जिलाधिकारी आर कन्नन ने संवाददाताओं से कहा कि आग लगने की घटना के संबंध में विस्तृत जांच करायी जाएगी। वही मदुरई रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक एस राजेंद्रन ने संवाददाताओं को बताया कि पटाखा कारखाने के मालिक को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की पांच विशेष टीमों का गठन किया गया है।

मध्यप्रदेश में स्टील फैक्ट्री में ब्लॉस्ट, 1 की मौत, आधा दर्जन लोग घायल

इधर मध्यप्रदेश के मंडला जिले की औद्योगिक नगरी मनेरी में स्थित एक स्टील फैक्ट्री में ब्लॉस्ट होने से एक श्रमिक की मृत्यु हो गई, वहीं आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये।

पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने आज बताया कि मनेरी भूमिजा स्टील फैक्ट्री में बीती रात अचानक ब्लॉस्ट होने से इस घटना में श्रमिक अवधेश पटेल की मौत हो गई। इस हादसे में गंभीर रुप से घायल सात श्रमिकों को बेहतर उपचार के लिए जबलपुर रैफर किया गया है। घायलों में दो लोगों की स्थिति नाजूक बतायी जा रही है।

उतराखण्ड हिमखंड हादसा आंकड़ो के मकड़जाल में लापता और बरामद शवों की संख्या का गणित;की जा रही है ड्रोन और हेलीकॉप्टर से अत्याधुनिक ब्लॉक टनल की जियोग्राफिकल स्कैनिंग attacknews.in

चमोली/ देहरादून, 10 फरवरी ।उत्तराखंड के चमोली जनपद में बीते रविवार ग्लेशियर टूटने से हुई त्रासदी में गुमशुदा व्यक्तियों और अभी तक मिले शवों की संख्या में अंतर सामने आया है।

पुलिस मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम द्वारा बुधवार शाम जारी आंकड़े के अनुसार, प्राकृतिक आपदा में अभी तक 197 लोग लापता हैं। लापता लोगों में से 33 लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये जा चुके हैं। जिनमें से 10 लोगों की शिनाख्त हो गई है और 23 लोगों की शिनाख्त नहीं हो पायी है।

इसके विपरीत, आपदा नियंत्रण केन्द्र द्वारा इसी समय दी गई जानकारी के अनुसार, 34 शव बरामद हुये हैं, जिनमें 09 की शिनाख्त हुई है, जबकि 170 लापता व्यक्तियों की तलाश की जा रही है।

उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन तंत्र को दुरुस्त किया गया

उत्तराखंड के केदारघाटी के प्रलयकारी हादसे से सबक लेते हुए बीते आठ वर्षों में राज्य के आपदा प्रबंधन तंत्र को काफी हद तक दुरुस्त कर लिया गया है। राहत और बचाव के लिए रिस्पॉस टाइम में सुधार किया गया। सिस्टम में संवेदनशीलता भी बढ़ी है।

हाल ही में हिमस्खलन से नंदादेवी बायोस्फियर क्षेत्र में आई आपदा में इसकी बानगी देखने को मिली है।

ग्लेशियर टूटना : ड्रोन और हेलीकॉप्टर से अत्याधुनिक ब्लॉक टनल जियोग्राफिकल स्कैनिंग

उत्तराखंड के चमोली जनपद में रविवार को ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही में लापता व्यक्तियों की खोज के लिये राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) सहित देश की विभिन्न एजेंसियां ड्रोन और हेलीकाप्टरों द्वारा अत्याधुनिक तकनीक ब्लॉक टनल जियोग्राफिकल स्कैनिंग की जा रही है।

एसडीआरएफ की डीआईजी रिद्विम अग्रवाल ने बताया कि इस तकनीक में ड्रोन और हॉलिकॉप्टर के जरिए ब्लॉक टनल का जियो सर्जिकल स्कैनिंग कराई जा रही है। जिसमें रिमोट सेंसिंग के जरिए टनल की ज्योग्राफिकल मैपिंग कर, टनल के अंदर मलवे की स्थिति के अलावा और भी कई तरह की जानकारियां स्पष्ट हो पाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा थर्मल स्कैनिंग या फिर लेजर स्कैनिंग के जरिए तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर फंसे कर्मचारियों के होने की कुछ जानकारियां भी एसडीआरएफ को मिल पाएगी।

बृहन्मुंबई नगर निगम के संयुक्त आयुक्त रमेश पवार ने नगर निकाय का शिक्षा बजट पेश करते समय पी लिया सैनिटाइजर attacknews.in

मुंबई, 03 फरवरी । बृहन्मुंबई नगर निगम के संयुक्त आयुक्त रमेश पवार ने गलती से पानी की जगह सेनिटाइजर मुंह में भर लिया हालांकि इससे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा।

सूत्रों के अनुसार जब उन्होंने पानी की जगह सेनिटाइजर मुंह में भरा तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने सेनिटाइजर थूक दिया।

बृहन्मुंबई नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार दोपहर को नगर निकाय का शिक्षा बजट पेश करते समय पानी के बजाय गलती से सैनिटाइजर पी लिया।

उन्होंने कहा कि हालांकि, उन्हें तुरंत अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने सैनिटाइजर बाहर उगल दिया।

यह घटना महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के एक गांव में पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान 12 बच्चों द्वारा सैनिटाइजर पीने की घटना के तीन दिन बाद हुई।

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के सहायक नगर आयुक्त रमेश पवार ने शिक्षा के लिए ई-बजट पेश करने के लिए अन्य अधिकारियों के साथ मंच पर बैठने के बाद सभागार में अपनी मेज पर रखी बोतल से सैनिटाइजर पी लिया।

इस घटना का एक वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ जिसमें अधिकारी सफेद टोपी के साथ बोतल खोलते और सैनिटाइजर पीते नजर आए।

बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक, पवार को तुरंत अहसास हुआ कि वह पानी की जगह सैनिटाइजर पी गए हैं और वहां मौजूद कुछ कर्मचारियों ने भी उन्हें सचेत किया।

इजरायली दूतावास विस्फोट मामले में पुलिस के हाथ लगे महत्वपूर्ण सुराग;दिल्ली पुलिस की जांच टीम ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से ईरानी नागरिकों के बारे में मांगी जानकारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 जनवरी । राजधानी के पॉश इलाके में स्थित इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके के मामले में पुलिस को अहम सुराग के तौर पर एक पत्र और सीसीटीवी फुटेज में दो संदिग्धों के बारे में पता चला है। पत्र में विस्फोट को ट्रेलर बताया गया है।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) के दल ने शनिवार सुबह इजराइली दूतावास के निकट उस स्थल का दौरा किया, जहां आईईडी विस्फोट हुआ था।

अधिकारियों ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ का दल विस्फोट की जांच कर रहा है और इस संबंधी सबूत एकत्र कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस की जांच टीम स्पेशल सेल को घटनास्थल पर एक पत्र मिला है जो इजरायली राजदूत को संबोधित किया गया और इसमें विस्फोट को ट्रेलर बताया गया है। इस चिट्ठी में ईरानी सेना के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी और ईरान के परमाणु वैज्ञानिक डॉ मोहसीन फ़ख़रीजदा का नाम लिखा है।

पिछले साल अमेरिका ने एक ड्रोन हमले में जनरल कासिम सुलेमानी को बगदाद में मार दिया था। पिछले साल नवंबर में फ़ख़रीजदा की भी हत्या कर दी गई थी।

पत्र के अलावा घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज और दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि विस्फोट से पहले दो संदिग्ध घटनास्थल पर आए थे। दिल्ली पुलिस ने कैब की पहचान कर ली है और चालक से पूछताछ कर दोनों संदिग्धों के बारे में जानकारी हासिल कर ली है।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस की जांच टीम ने यहां विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) से ईरानी नागरिकों के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। पिछले एक महीने में जो भी ईरानी भारत आये हैं, उन सब की जानकारी मांगी गई है।

राजधानी में इजरायली दूतावास के निकट शुक्रवार की शाम विस्फोट की घटना के बाद भारत ने इजरायल सरकार को आश्वासन दिया कि उनके दूतावास एवं उसके राजनयिकों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी तथा दोषियों को पकड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल के विदेश मंत्री गैबी अश्केनाज़ी से बात की और उन्हें यह आश्वासन दिया। डॉ. जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है। बाद में विदेश सचिव हर्ष वर्द्धन श्रृंगला ने इजरायल के विदेश सचिव एलन उश्पित्ज़ से तथा विदेश मंत्रालय में सचिव संजय भट्टाचार्य ने भारत में इजरायल के राजदूत रॉन मल्का से बात की।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के लुटियंस इलाके में औरंगजेब रोड पर स्थित इजराइली दूतावास के निकट शुक्रवार शाम मामूली आईईडी विस्फोट हुआ था।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि आईईडी में शाम पांच बजकर पांच मिनट पर विस्फोट हुआ और इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ एवं जान-माल का किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ।

सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि विस्फोट स्थल पर जांचकर्ताओं को इजराइली दूतावास का पता लिखा एक लिफाफा मिला है। हालांकि, उन्होंने लिफाफे में मिली टिप्पणी और इससे संबंधित कोई भी जानकारी साझा नहीं की।

धमाका उस समय समय हुआ, जब वहां से कुछ किलोमीटर दूर गणतंत्र दिवस समारोहों के समापन के तौर पर होने वाला ‘बीटिंग रीट्रिट’ कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वैकेंया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घटना को लेकर इजराइल के विदेश मंत्री गाबी अश्केनाज से फोन पर बात कर उन्हें इजराइल के राजयनिकों और उसके मिशनों की पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निवास के नजदीक इजरायली दूतावास के पास अत्याधुनिक उपकरण के जरिए हुआ विस्फोट, सरकारी तंत्र अलर्ट attacknews.in

नयी दिल्ली 29 जनवरी । दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास अब्दुल कलाम मार्ग पर जिंदल हाउस के निकट एक कोठी में शुक्रवार की शाम विस्फोट हुआ। इसबीच विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने इजरायल के विदेश मंत्री गाबी अशकेनाजी को दूतावास और राजनयिकों के पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया है।

पुलिस के मुताबिक विस्फोट की घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। घटनास्थल के पास पार्क किये गये तीन-चार वाहनों की खिड़की के शीशे टूटने के अलावा संपत्ति का भी कोई खास नुकसान नहीं हुआ।

पुलिस के मुताबिक पांच एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग पर जिंदल हाउस के निकट शाम पांच बजकर पांच मिनट पर धमाका हुआ। यह विस्फोट अत्याधुनिक उपकरण के जरिए किया गया बहुत कम तीव्रता का धमाका था। प्रारंभिक जांच में यह से ऐसा लगता है कि यह विस्फोट सनसनी पैदा करने का शरारती प्रयास था।
दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ और बम निरोधक दस्ता भी घटनास्थल पर पहुंच गया है। घटना की गहन जांच की जा रही है।

घटनास्थल विजय चौक से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां बीटिंग रिट्रीट समारोह का आयोजन चल रहा था। वारदात स्थल हाई सिक्योरिटी वाले इलाके में आता है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी निवास 7 कल्याण मार्ग से बहुत अधिक दूर नहीं है।

इसबीच डा. एस जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अपने इजरायली समकक्ष से बात की है और दूतावास के कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
डा.जयशंकर ने ट्वीट कर कहा,“इजरायल दूतावास के बाहर विस्फोट के बारे में अभी इजरायल के विदेश मंत्री गबी एश्केनजी से बात हुयी। हमने इसे बहुत गंभीरता से लिया हैं। उन्हें इजरायली दूतावास और राजनयिकों के लिए पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया। मामले की जांच की जा रही है। अपराधियों को खोजने के लिए कोई प्रयास नहीं छोड़ा जाएगा।”

इजरायल के विदेश मंत्री ने एक बयान में कहा कि नयी दिल्ली में सभी राजनयिक और अन्य कर्मचारी सुरक्षित हैं और भारतीय अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं।

गौरतलब है कि फरवरी 2012 में भी, उसी इलाके में एक विस्फोट हुआ था जिसमें इज़राइल दूतावास की एक महिला अधिकारी घायल हो गई थी। दो मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने एक वाहन के पीछे स्टिकर बम का इस्तेमाल कर उस विस्फोट को अंजाम दिया था।

राजस्थान में मध्यप्रदेश के सोनी परिवार के सभी सदस्यों की दुर्घटना में दर्दनाक मौत:ट्रेलर की टक्कर से जीप में सवार आठ लोगों की मौत,5 घायल attacknews.in

टोंक/भोपाल , 27 जनवरी । राजस्थान में टोंक जिले सदर थाना क्षेत्र में कल रात ट्रेलर की टक्कर से बड़ी जीप में सवार एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गयी जबकि अन्य पांच घायल हो गये। मृतकों में दो महिलायें और दो बच्चे हैं।

पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ से सोनी परिवार के लोग बड़ी जीप (तूफान) से सीकर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटुश्याम जी के दर्शन के लिये थे। ये लोग रात करीब 9.30 बजे वापस मध्यप्रदेश के लिये खाटूश्यामजी से रवाना हुये। रात करीब ढाई बजे जयपुर – कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-12 पर टोंक जिला मुख्यालय से करीब एक किलोमीटर दूर टोंक के पास एक पुलिया पर उनकी जीप को पीछे से आ रहे ट्रेलर ने टक्कर मार दी। इससे जीप पुलिया की दीवार और ट्रेलर के बीच में फंस गई।

पुलिस ने बताया कि इससे आठ लोगों की मौत हो गयी। मृतकों में चार पुरुष, दो महिलायें और दो बच्चे शामिल हैं। घायलों को टोंक के सआदत अस्पताल के बाद जयपुर रेफर किया गया है। हादसे के शिकार लोग मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के जीरापुर गांव निवासी थे। हादसे की सूचना पर पूरा पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और राहत कार्य शुरू करवाया।

पुलिस ने बताया कि कार सवार एक सोनी परिवार है जो कि खाटू श्याम जी के मंदिर में दर्शन कर मंगलवार मध्य रात वापस मध्यप्रदेश लौट रहा था।

पुलिस ने बताया कि हादसे में तीन वर्ष की एक बच्ची के किसी तरह की चोट नहीं आई है। हादसे के बाद ट्रेलर का चालक और परिचालक मौके से फरार हो गये। जीप का चालक बच गया, लेकिन वह भी फरार बताया जा रहा है।पुलिस आगे कार्रवाई कर रही है।

शिवराज ने सड़क हादसे पर दुख व्यक्त किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजस्थान में सड़क हादसे में राजगढ़ (मध्यप्रदेश) जिले के एक ही परिवार के लगभग आठ लोगों की मृत्यु की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है।

श्री चौहान ने ट्वीट में कहा है ‘राजस्थान में हुयी सड़क दुर्घटना में हमारे राजगढ़ के एक ही परिवार के कई भाई बहनों के असामयिक निधन के समाचार से अत्यधिक दुख पहुंचा है। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने ट्वीट में कहा कि राजस्थान के टोंक में सड़क हादसे में राजगढ़ जिले के जीरापुर के आठ लोगों की मृत्यु की दुखद खबर मिली है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोक संतप्त परिजनों को इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति दे। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट में कहा कि राजगढ़ जिले के परिवार के आठ सदस्यों की राजस्थान में खाटु श्याम मंदिर से दर्शन कर लौटते समय एक भीषण दुर्घटना में मृत्यु की खबर बेहद दुखद है। परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। सरकार भी पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद करे।

ट्रैक्टर रैली में किसानों के भेष में गुण्डों की हिंसक घटनाओं का गवाह बना दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह, किसानों ने लाल किले पर राष्ट्रपति द्वारा फहराया तिरंगा झंडा उखाड़ फेंककर अपना झंडा लहराया,83 पुलिस कर्मी घायल  attacknews.in

किसानों के अवरोधक लांघने के बाद अराजकता की स्थिति, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

किसानों की ट्रैक्टर परेड हिंसक होने के बाद बंद किया गया कनाट प्लेस

किसान रैली: मुकरबा चौक पर टकराव, पुलिस ने आंसू गैस छोड़े और लाठियां चलायी

ट्रैक्टर रैली: किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त टकराव

नयी दिल्ली 26 जनवरी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह मंगलवार को हिंसक घटनाओं का गवाह बना जब सीमावर्ती क्षेत्रों में कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर ट्रैक्टर रैली के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की और ऐतिहासिक राजपथ की ओर बढ़ने के विफल प्रयास के दौरान पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प हो गयी।

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान ट्रैक्टर रैली के साथ जबरन आईटीओ के पास पहुँच गए जहां पर उनका पुलिस के साथ जबरदस्त टकराव हुआ जिसके कारण जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस दौरान ट्रैक्टर से गिरकर एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि कई अन्य लोग घायल हो गये।

पुलिस के मुताबिक झड़प के दौरान 83 पुलिसकर्मी घायल हो गये।

इससे पहले किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसे। इस दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, नोएडा मोड़ , अक्षरधाम पर उनका पुलिस के साथ टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां चलाई लेकिन किसान टकराव के साथ आगे बढ़ते गए। आईटीओ के पास बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर के साथ जमा होकर इंडिया गेट की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।

दिल्ली के अलग अलग इलाकों से मध्य दिल्ली की तरफ किसान लगातार ट्रैक्टर के साथ बढ़ रहे थे ।

सिंघु बॉर्डर से निकले किसानों के जत्थे और पुलिस के बीच मुकरबा चौक पर भिड़ंत हुई । किसानों का ट्रैक्टर मार्च मुकरबा चौक से कंझावला जाने वाला था, लेकिन ऐन वक्त पर किसानों ने अपना रूट बदल दिया। वह आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ गए। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए है। नोएडा मोड़ पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ । अक्षरधाम में किसान बैरिकेड तोड़कर सराय काले खां की ओर बढ़ गए।

इसबीच किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, आईटीओ और अक्षरधाम समेत अन्य स्थानों पर हुए टकराव के बीच किसानों का एक जत्था लाल किला परिसर में पहुंचकर किसानों का झंडा लहरा दिया । आईटीओ पर टकराव के दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने लाल किला परिसर में घुसकर अपना झंडा लहराया दिया। पंद्रह अगस्त को जिस स्थान पर झंडा फहराया जाता है उसके पास ही किसानों ने अपना झंडा लगा दिया।

राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़पों को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने अपने अनेक स्टेशनों पर यात्रियों के प्रवेश और निकासी गेटों को बंद कर दिया था।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम(डीएमआरसी) ने अपने ट्वीटर पर जानकारी दी कि ग्रे लाइन के सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी गेटों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोड, जहांगीर पुरी, आदर्श नगर, आजादपुर , माडल टाउन, जीटीबीनगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा , सिविल लाइंस और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने और निकासी की अनुमति नहीं है।

इसबीच दिल्ली पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों से हिंसा का रास्ता छोड़ शान्ति बनाए रखने और और तय हुए रास्ते से वापिस लौट जाने की अपील की है। दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि आज की ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ तय हुई शर्तों के अनुसार काम किया और आवश्यक बंदोबस्त किया। दिल्ली पुलिस ने अंत तक काफी संयम का परिचय दिया, परन्तु किसान आंदोलनकारियों ने तय शर्तों की अवहेलना की और तय समय से पहले ही अपना मार्च शुरू कर दिया और आंदोलनकारियों ने हिंसा व तोड़ फोड़ का मार्ग चुना।

उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों की तोड़फोड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम के साथ ज़रूरी कदम उठाए। इस आंदोलन से जन संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है और कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। आंदोलनकारियों से अपील है कि हिंसा का रास्ता छोड़ शान्ति बनाएं रखे और तय हुए रास्ते से वापिस लौट जाएं।

दूसरी ओर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और राजधानी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया।

गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार श्री शाह ने गृह सचिव, दिल्ली पुलिस के आयुक्त, गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने गृह मंत्री को राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया और स्थिति से निपटने की लिए उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी।

बैठक में राजधानी में अर्द्धसैनिक सैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती का निर्णय लिया गया। कुछ प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है जबकि कुछ और जगहों पर तैनात किया जा रहा है।

इसबीच आंदोलनकारी किसानों के ट्रैक्टरों पर सवार होकर राजधानी में अंदर तक आ जाने और पुलिस के साथ उनकी झड़प के बाद सरकार ने सिंघु, गाजीपुर , टिकरी आदि बार्डरों तथा उनके आस पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा आज अस्थायी रूप से बंद कर दी।

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम 1885 के तहत प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए सिंघु, गाजीपुर, टिकरी, नांगलोई और मुकरबा चौक तथा इनसे लगते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आस पास के क्षेत्रों में दिन में बारह बजे से रात 11 बजकर 59 मिनट तक इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर बंद करने का निर्णय लिया । मंत्रालय ने कहा है कि यह निर्णय सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने और किसी भी तरह की आपात स्थिति को टालने के लिए लिया गया है।

किसानों ने लाल किला पर अपना झंडा लहराया, किसानों के अवरोधक लांघने के बाद अराजकता की स्थिति

किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, आईटीओ और अक्षरधाम समेत अन्य स्थानों पर हुए टकराव के बीच किसानों का एक जत्था लाल किला परिसर में पहुंचकर किसानों का झंडा लहरा दिया है।

आईटीओ पर टकराव के दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने लाल किला परिसर में घुसकर अपना झंडा लहराया दिया। पंद्रह अगस्त को जिस स्थान पर झंडा फहराया जाता है उसके पास ही किसानों ने अपना झंडा लगा दिया।

सिंघु बॉर्डर से बैरिकेट तोड़कर आगे बढ़े किसानों का ट्रांसपोर्ट नगर और मुकरबा चौक पर टकराव के बाद आईटीओ पर जबरदस्त टकराव हुआ।

पुलिस ने किसानों की भीड़ को इंडिया गेट की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। आईटीओ पर भीषण टकराव में कई किसानों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। फिलहाल आईटीओ पर हालात नियंत्रण में हैं।

किसान प्रदर्शन को देखते हुए कई समयपुर बादली, हैदरपुर बादली, जहांगीरपुरी, आदर्शनगर, आज़ादपुर, जीटीबी स्टेशन, माडल टाउन, विश्वविद्यालय, विधानसभा, आइटीओ समेत कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है।

प्रदर्शनकारी किसान लालकिले में घुसे, एतिहासिक इमारत के कुछ गुंबदों पर झंडे लगाए

ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित मार्ग से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह मंगलवार को लालकिले में घुस गया और राष्ट्रीय राजधानी स्थित इस ऐतिहासिक स्मारक के कुछ गुंबदों पर झंडे लगा दिए।

पुलिस द्वारा आईटीओ से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह अपने ट्रैक्टर लेकर लालकिला परिसर पहुंच गया। ये प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए और उस ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगाते दिखे जहां से प्रधानमंत्री 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।

उन्होंने लालकिले के कुछ गुंबदों पर भी अपने झंडे लगा दिए।

इससे पहले प्रदर्शनकारी किसान आईटीओ पहुंच गए और लुटियंस इलाके की तरफ बढ़ने की कोशिश की। इसपर पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर परेड के निर्धारित समय से काफी पहले ही दिल्ली के विभिन्न सीमा बिन्दुओं से दिल्ली के भीतर बढ़ना शुरू कर दिया और अनुमति न मिलने के बावजूद वे मध्य दिल्ली स्थित आईटीओ पहुंच गए।

दिल्ली पुलिस ने किसानों को इस शर्त के साथ ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी थी कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के समाप्त होने के बाद तय किए गए मार्गों पर ही अपनी परेड करेंगे।

हालांकि, आज किसान मध्य दिल्ली की ओर बढ़ने पर अड़ गए जिससे अफरातफरी मच गई।

किसान रैली: मुकरबा चौक पर टकराव, पुलिस ने आंसू गैस छोड़े और लाठियां चलायी

कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों की मुकरबा चौक पर पुलिस के साथ झड़प हुई और हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। इसके साथ अक्षरधाम के पास भी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस की गोले छोड़े।

किसानों ने सिंघु बॉर्डर में पास पुलिस द्वारा तय समय से पहले जबरन बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने मुकरबा चौक पर भारी बंदोबस्त किया था ताकि किसानों को दूसरे रास्ते पर मोड़ा जा सके।

मुकरबा चौक पर बैरीकेडिंग तोड़कर कुछ किसान आउटर रिंग रोड की तरफ कूच कर गए । इससे पहले संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी। पुलिस ने किसानों को आउटर रिंग रोड की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां चलाई लेकिन किसान पुलिस बंदोबस्त को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी और कुछ किसान घायल हुए हैं।

गौरतलब है कि पुलिस अधिकारियों और किसानों के बीच कई चक्र की बातचीत के बाद ट्रैक्टर रैली को अनुमति दी गई थी। इसके लिए समय और मार्ग भी तय किया गया था लेकिन किसान दोनों का उल्लंघन करते हुए आगे बढ़े जिसके कारण कुछ जगहों पर टकराव हुआ।

किसानों की ट्रैक्टर परेड हिंसक होने के बाद बंद किया गया कनाट प्लेस

इधर  किसानों की ट्रैक्टर परेड के कुछ जगहों पर हिंसक होने के कारण नयी दिल्ली टेडर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कनाट प्लेस को बंद रखने की घोषणा की।

नयी दिल्ली टेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने कनाट प्लेस बंद रखने का परामर्श दिया है।

उन्होंने बताया, ‘‘ट्रैक्टर परेड में अराजकता फैल गई । किसान आईटीओ पहुंच गए । मैंने पुलिस आयुक्त से बात की और परामर्श मिला कि बाजारों को बंद रखा जाए। हमने उन दुकानों को भी बंद करने के लिए कहा है, जो सामान्य दिन में इस वक्त तक खुल गई होतीं।’’

हर साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर आयोजित होने वाली परेड के कारण कनाट प्लेस दोपहर एक बजे के बाद खुलता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज व्यापारियों के लिए अच्छे कारोबार का दिन है, लेकिन सबकी सुरक्षा ज्यादा जरूरी है और आज दुकानें बंद रखना ही उचित है।’’

राष्ट्रीय राजधानी में कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई और वे लाल किला और आईटीओ पहुंच गए। कई जगहों पर वे ट्रैक्टर परेड के लिए तय रास्तों को छोड़कर अन्य रास्तों से जाने लगे और उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी दागे गए।

किसानों के अवरोधक लांघने के बाद अराजकता की स्थिति, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

इससे पहले दिल्ली के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के ट्रैक्टर के जरिए अवरोधक हटाने और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड निकालने के लिए निर्धारित मार्ग का अनुसरण ना करने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।

दिल्ली पुलिस राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही किसानों को निश्चित मार्गों पर ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी। किसानों के मध्य दिल्ली की ओर जाने के हठ के बाद अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई।

पुलिस ने शाहदरा में चिंतामणि चौक पर किसानों पर उस समय लाठीचार्ज किया, जब उन्होंने अवरोधक लांघने और गाड़ी के शीशे तोड़ने शुरू कर दिए।

पारम्परिक सिख यौद्धा ‘निहंग’ की भी अक्षरधाम मंदिर के पास सुरक्षा कर्मियों से झड़प हो गई।

पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई चौक और मुकरबा चौक पर किसानों ने सीमेंट की बाड़ तोड़ दिए और उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। दिल्ली में संसद से कुछ किलोमीटर दूर आईटीओ इलाके में भी प्रदर्शन कर रहे किसान पहुंच गए।

अधिकारी ने बताया कि सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित किए गए समय से पहले अवरोधकों को तोड़कर आउटर रिंग रोड की ओर जाने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।

इस बीच, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान निर्धारित मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चो का कोई भी सदस्य आउटर रिंग रोड नहीं गया।

राजेवाल ने  कहा, ‘‘ हम किसानों के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा करते हैं और सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।’’

राष्ट्रीय राजधानी से लगी सीमा बिंदुओं पर मंगलवार को टैक्टरों का जमावड़ा दिखाई दिया, जिन पर झंडे लगे हुए थे और इनमें सवार पुरुष व महिलाएं ढोल की थाप पर नाच रहे थे। सड़क के दोनों ओर खड़े स्थानीय लोग फूलों की बारिश भी कर रहे थे।

वहीं, सुरक्षा कर्मी किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद तय समय पर परेड निकालें।

ट्रैक्टर रैली: आईटीओ पर जबरदस्त टकराव

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान ट्रैक्टर रैली के साथ जबरन आईटीओ के पास पहुँच गए जहां पर उनका पुलिस के साथ जबरदस्त टकराव चला जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा  और आंसू गैस के गोले दागने पड़े ।

इससे पहले किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसे। इस दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, नोएडा मोड़ , अक्षरधाम पर उनका पुलिस के साथ टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां चलाई लेकिन किसान टकराव के साथ आगे बढ़ते गए।

आईटीओ के पास बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर के साथ जमा होकर इंडिया गेट की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।

दिल्ली के अलग अलग इलाकों से मध्य दिल्ली की तरफ किसान लगातार ट्रैक्टर के साथ बढ़ रहे थे ।
सिंघु बॉर्डर से निकले किसानों के जत्थे और पुलिस के बीच मुकरबा चौक पर भिड़ंत हुई है। किसानों का ट्रैक्टर मार्च मुकरबा चौक से कंझावला जाने वाला था, लेकिन ऐन वक्त पर किसानों ने अपना रूट बदल दिया। वह आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ गए। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए है। नोएडा मोड़ पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ है। अक्षरधाम में किसान बैरिकेड तोड़कर सराय काले खां की ओर बढ़ गए ।

ट्रैक्टर परेड के बाद किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर अपने प्रदर्शन शिविरों में लौटने का फरमान जारी किया किसान नेताओं ने :

राष्ट्रीय राजधानी में कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर परेड के दौरान घंटों फैली अराजकता के बाद हजारों किसानों ने मंगलवार शाम सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर स्थित अपने-अपने प्रदर्शन शिविरों की ओर लौटना शुरू कर दिया। लालकिले और मुकरबा चौक पर डटे किसान भी अपने शिविरों की ओर लौट गए।

इससे पहले, हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ विभिन्न हिस्सों से शहर में घुसे और उनमें से अनेक लालकिला परिसर पहुंच गए। लालकिले में स्थित ध्वज-स्तंभ पर भी कुछ किसान चढ़ गए और वहां अपना झंडा लगा दिया।

पुलिस ने अनियंत्रित प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए कई जगह लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।

पुलिस ने बताया कि किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान आईटीओ पर ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई। किसानों ने उसके शव को तिरंगे में लपेट दिया और उसे आईटीओ क्रॉसिंग पर रखा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भी नहीं ले जाने दिया।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अब आईटीओ क्रॉसिंग पर कोई प्रदर्शनकारी किसान नहीं है और स्थिति नियंत्रण में है।

शहर में आज कई जगह अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों से अवरोधकों को तोड़ दिया और उन्हें रोकने के लिए खड़ी की गईं बसों को ट्रैक्टरों से टक्कर मारी।

संयुक्त किसान मोर्चे ने ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा की निंदा की और बाद में परेड को रद्द कर दिया।

मोर्चे ने किसानों से अपील की कि वे तत्काल दिल्ली से अपने प्रदर्शन शिविरों में लौट आएं।

इसने एक बयान में कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा और आगे के कदमों पर जल्द निर्णय किया जाएगा

मध्यप्रदेश के आगर-मालवा और शहडोल में डूबने से 8 की मौत;नाव पलटने से पूरा परिवार डूबा, खेलते- खेलते लड़कियां डूबी attacknews.in

आगरमालवा/शहडोल , 02 दिसंबर। मध्यप्रदेश के आगरमालवा जिले के कानड थाना क्षेत्र स्थित पचेरी डैम में आज दोपहर नाव पलटने की घटना में पांच लोग डूब गए, जिनमें दो के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि तीन की तलाश जारी है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार लाखाखेड़ी गांव निवासी सभी पांचों लोग पचेरी माता मंदिर जाने के लिए नाव से बांध पार कर रहे थे, तभी अचानक नाव पलटने से पांचों लोग डूब गए। इनमें रामकन्या (35) और उसकी बेटी जया (13) का शव बरामद कर लिया गया, जबकि सुनीता (40), उसकी पुत्री अलका (13) और पुत्र अभिषेक (10) लापता है, जिनकी तलाश के लिए राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है।

तालाब में डूबने से तीन लड़कियों की मौत

इधर मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में सोहागपुर थाना क्षेत्र में एक तालाब में डूबने से तीन लड़कियों की मौत हो गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी।

सोहागपुर पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक सुदीप सोनी ने बताया कि यह हादसा बुधवार दोपहर को हुआ। उन्होंने बताया कि श्यामदीह तालाब के पास चार बालिकाएं खेल रही थीं और खेलते-खेलते पानी में पहुंच गयीं और इस दौरान डूबने से तीन लड़कियों की मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि अपनी तीन सहेलियों को डूबता देख चौथी लड़की आवाज लगाते हुए पानी से बाहर आ गयी। इस बीच वहां ग्रामीण एकत्र हो गये और पुलिस को सूचना दी।

उन्होंने बताया कि लड़कियों की पहचान संध्या सिंह (9), नेहा सिंह (5), और बेदी सिंह (6) के तौर पर हुई है।

सोनी ने बताया कि बालिकाओं के परिजन उन्हें तालाब के समीप छोड़कर खेत में धान काट रहे थे। पुलिस ने तीनों बच्चियों के शव तालाब से बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम के लिये भेजे।

आगर- मालवा की घटना

आगर मालवा- टिलर डेम के लखाखेड़ी क्षेत्र में बड़ा हादसा घटित हो गया ।यहां नाव पलटने से एक ही परिवार के 5 सदस्यों की मौत हो गई । मृतको में 2 महिला 3 बच्चें ( 2 लड़की, एक लड़का शामिल ) हैं ।शुरुआत में ग्रामीणों की मदद से 2 शव पानी से निकाले गए ।

एसडीआरएफ टीम और पुलिस व प्रशासनिक अमले ने घटना स्थल पहुँचकर शवों की खोजबीन शुरू की ।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राम कन्या पति जगदीश, सुनीता बाई पति राम प्रसाद के शव मिले हैं ।