नयी दिल्ली, 25 फरवरी । उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ फैली हिंसा में आज सुबह भी जिले के कई इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आयी है जिससे हालात तनावपूर्ण है। इसमें मरने वालों की संख्या सात हो गयी है। हिंसा में अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस के कई कर्मियों समेत पचास से अधिक लोग घायल हो गये हैं।
पुलिस ने हालात पर नियंत्रण करने के लिए पूरे उत्तर पूर्वी जिले में निषेधाज्ञा लगा दी है।
पुलिस की ओर से जारी निषेधाज्ञा में लिखा है, ‘हथियार या किसी भी आग लगाने वाली सामग्री को ले जाना निषिद्ध है। सोशल मीडिया पर भी सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील, उत्तेजक सामग्री लिखे जाने का प्रचार- प्रसार निषिद्ध है। अगर कोई भी व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस के एक अधिकारी ने आज कहा कि सोमवार को मौजपुर, गोकलपुरी और जाफराबाद समेत अन्य इलाकों में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या सात हो गई है। मरने वालों में एक हेड कांस्टेबल भी शामिल है।
गौरतलब है कि रविवार को मामूली पथराव के बाद सोमवार को दिनभर पूरे जिले में हिंसक घटनाएं होती रही। एक उपद्रवी युवक खुलेआम सड़क पर गोलियां चलाता रहा। दुकानों में आग लगा दी गयी। एक पेट्रोल पंप को भी आग के हवाले कर दिया गया। गोकुलपुरी में रात में टायर मार्केट में आग लगा दी गयी जिसे बुझाने में दमकलकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पूरे इलाके में शाम तक अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया लेकिन रातभर अलग अलग इलाकों और गलियों में पत्थरबाजी की घटनाएं हुई। देर रात उपद्रवियों ने कुछ दुकानों में लूटपाट की है।
जाफराबाद के हिंसाग्रस्त इलाके में तीन पत्रकार फंस गये थे जिसे बारह बजे रात के बाद पुलिस ने सुरक्षित निकाला।
राजधानी में दो दिन से जारी हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने मंगलवार को उच्च स्तरीय आपात बैठक बुलायी और स्थिति की गहन समीक्षा की तथा शांति बहाल करने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक बुलायी थी जिसमें दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हुए।
श्री केजरीवाल ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में इस बैठक को अच्छा कदम बताते हुए कहा कि हर कोई चाहता है कि राजधानी में हिंसा रुके।
बैठक में यह फैसला किया गया कि सभी राजनीतिक दल दिल्ली में शांति व्यवस्था बहाल करने में सहयोग करें।
इससे पहले श्री केजरीवाल ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली और अन्य प्रभावित क्षेत्रों के विधायकों के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद उन्होंने पुलिस बल पर्याप्त संख्या में नहीं होने और हिंसा फैलाने के लिए सीमावर्ती राज्यों से उपद्रवियों के आने की बात कही थी।
पूरे जिले में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए है। इस बीच पिंजड़ा तोड़ आंदोलन ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थन में वहां पर महिलाओं की मानव श्रंखला बनाने का आह्वान किया है। इसमें सभी धर्मों समुदायों से जुड़ी महिलाओं को इस मानव श्रंखला में शामिल होने की अपील की गयी है। उल्लेखनीय है कि इस पिंजड़ा तोड़ आंदोलन में राजधानी के विभिन्न कालेजों की छात्राएं शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली की स्थिति पर मुख्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की:
केंद्रीय गृह मंत्री ने आज दिल्ली की स्थिति पर मुख्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में दिल्ली के राज्यपाल श्री अनिल बैजल और मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल उपस्थित रहे। श्री शाह ने दिल्ली में हो रही हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए सभी राजनीतिक नेताओं से सैयम बरतने की अपील की।
गृह मंत्री ने कहा कि इस स्थिति से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर ही निपटा जा सकता है। ज़मीन पर पुलिस की कमी को गलत बताते हुए उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पेशेवर मूल्यांकन के आधार पर पर्याप्त दल और बल प्रभावित इलाकों में तैनात किए हैं एवं अधिकतम संयम बरतते हुए स्थिति पर नियंत्रण प्राप्त किया है। भविष्य में आवश्यकता अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त पुलिस बल दिए जा सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की उत्तर प्रदेश और हरियाणा सीमाओं पर विशेष निगरानी बरती जा रही है और दिल्ली पुलिस सतर्क है कि कोई भी असामाजिक तत्व दिल्ली में प्रवेश ना पा सके, खासकर उच्चतम न्यायालय में लंबित नागरिकता कानून के मुद्दे पर सुनवाई के मद्दे नज़र।
गृह मंत्री ने सभी पार्टियों से अपील की कि उच्चतम न्यायालय में इस मामले की सुनवाई को ध्यान में रखते हुए भड़काऊ वक्तव्य देने से बचें।
गृह मंत्री ने सभी पार्टियों से अपील की कि अपने सांसद, विधायक, काउंसलर एवं पार्टी कैडरों को जनता के बीच भेजें और प्रभावित इलाकों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर आम जनता के बीच भय और अफवाहों के माहौल को दूर करें।
श्री शाह ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए कि स्थानीय शांति समितियों के साथ मिलकर जनता से एक संवाद प्रक्रिया शुरू करें और उन में विश्वास का माहौल कायम करें।
पुलिस हेड कांस्टेबल रतनलाल की मृत्यु पर शोक जताते हुए श्री शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस एक पेशेवर पुलिस बल है और समाज में सुरक्षा और शांति का माहौल बनाये रखने में सदैव ततपर है। उन्होंने अपील की कि पुलिस का मनोबल बनाए रखने के लिए यह ज़रूरी है कि ऐसी स्थिति में पुलिस का सहयोग करें और हिंसा की कोई भी घटना होने से रोके।।