बुलंदशहर 04 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश में बुलदंशहर के स्याना क्षेत्र में सोमवार को गोकशी के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित गौरक्षकों की भीड़ और पुलिस के बीच हुयी झड़प में कोतवाली निरीक्षक समेत दो लोगों की मृत्यु के मामले में पुलिस ने 26 नामजद तथा करीब 70 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस नेे इस मामले में चार आरोपियोें को गिरफ्तार किया है।
मुख्यमंत्री योेगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर घटना की जांच दो दिन में पूरी कराकर आख्या रिपोर्ट शासन को सौंपने के निर्देश दिये हैं। अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) एस बी सिरोडकर के नेतृत्व में एसआईटी की टीम ने बुलंदशहर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
स्याना थाना क्षेत्र केे चिंगरावटी चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने हिंसा, बलवा, फायरिंग तथा आगजनी के मामले में 26 नामजद और 70 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस ने इस मामले में अब चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के बी सिंह ने मंगलवार को यहां बताया कि पुलिस ने इस मामले के दो आरोपियों चमन और देवेन्द्र को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच शुरू हो गयी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये पुलिस दबिश शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों की धरपकड़ के लिए छह टीमों ने करीब 25 स्थानों पर दबिश दी है। आरोपियोें की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
इस घटना के बाद चिंगरावटी गांव में संनाटा पसरा है। गांव में महिलायें, बच्चे तथा बूढे लोंगो के अलावा सभी लोग पलायन कर गये हैं। गांव में केवल बूटों की आवाज सुनायी पड़ रही है।
यह था घटनाक्रम:
इस मामले में बुलंदशहर की स्याना कोतवाली में उपनिरीक्षक सुभाष सिंह ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज, भाजपा युवा स्याना के नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल, विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी किया नामजद। वहीं इस मामले में बुलंदशहर के एसएसपी का कहना है कि हम मामले की जांच कर रहे हैं , जो लोग भी हैं उनको बख्शा नही जाएंगा, कौन किस संगठन से हैं अभी इसकी जांच होगी,अभी बहुत कुछ अभी सामने आना बाकी है।
बुलंदशहर घटना में प्रशासन जिम्मेदार है, ये बयान बातचीत में बुलंदशहर के विधायक ने दिया है। उन्होंने कहा है कि घटना के लिए पुलिस जिम्मेदार है। पहले पुलिस की तरफ से फायरिंग की गई, उसके बाद वहां पर भीड़ उग्र हुई।
बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस ने अबतक 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 4 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं 28 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि सोमवार को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी को आधार बनाकर की गई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या कर दी गई। उत्तेजित हथियारबंद भीड़ ने न सिर्फ पुलिस चौकी में तांडव मचाते हुए वाहनों को आग के हवाले किया, बल्कि घायल हुए इंस्पेक्टर को जान बचाने का कोई मौका तक नहीं दिया। यहां तक कि जब सुबोध कुमार के ड्राइवर ने उन्हें पुलिस वैन से अस्पताल ले जाने का प्रयास किया तो वैन को ही तहस नहस कर दिया गया।
पुलिस के मुताबिक, इस दौरान लोग शांत हो गए और थाने में एफआईआर लिखने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार और बुलंदशहर के जिलाधिकारी ने बताया कि इसके थोड़ी देर बाद आसपास के तीन गांव से करीब 400 की संख्या में लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में अवशेष भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के बाहर पहुंच गए। पुलिस चौकी के बाहर जब भीड़ ने स्याना रोड जाम कर दिया तो इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के नेतृत्व में उग्र लोगों को समझाने की कोशिश की गई। लेकिन जल्द ही हालात बेकाबू हो गए और पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया. भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाया, जमकर पत्थरबाजी की गई। हमले में घायल एक पुलिसकर्मी ने आजतक को बताया कि भीड़ ने चारों तरफ से पुलिस पर हमला कर सबको तितर-बितर कर दिया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को गोली लग गई।
बुलंदशहर के जिलाधिकारी अनुज झा का कहना है कि, ‘भीड़ हथियार के साथ चौकी के बाहर पहुंची थी। उनके पास धारदार हथियार और लाठी-डंडे भी थे।’ जाम खुलवाने को लेकर संघर्ष हो गया और पत्थरबाजी व आगजनी के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार भी घायल हो गए। बुलंदशहर के जिलाधिकारी के मुताबिक, ‘यहां घायल होने के बाद वह नजदीकी खेत में ऊंचे मेढ़ के पीछे चले गए। जब सुबोध के ड्राइवर ने उन्हें इस हालत में देखा तो वह गाड़ी लेकर पहुंचे और सुबोध कुमार को उठाकर गाड़ी में बैठाया।’ जब गाड़ी में सुबोध कुमार को ले जाया गया, तो ग्रामीण वहां भी आ गए और पथराव कर दिया। जब गाड़ी को निशाना बनाया गया तो बाद में कुछ और पुलिसबल वहां पहुंचा और सुबोध कुमार को दूसरी गाड़ी में लेकर अस्पताल ले जाया गया। जब सुबोध कुमार को पुलिस अस्पताल ले गई तो बाद में वहां मौजूद भीड़ ने पुलिस वैन में भी आग लगा दी। बहरहाल, घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। साथ ही न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। ऐसे में अब जांच रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पाएगा कि क्या किसी साजिश के तहत इस घटना को हिंसक रूप दिया गया और पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या की गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा सच आया सामने:
सुबोध कुमार के पोस्टमॉर्टम से उनकी मौत का राज खुल गया है। डीएम अनुज कुमार झा ने ये सच बताया है। उन्होंने बताया है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गोली आया है। जी हां उनके बांयी आंख में गोली मारी गई जो सिर से आरपार हो गई। इसी वजह से उनकी मौत हो गई।
इंस्पेक्टर के बेटे ने कहा-मेरे पिता शहीद हुए हैं; बहन ने लगाया साजिश का आरोप;
बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर भीड़ हिंसा में मारे गये पुलिस इंस्पेक्टर के बेटे ने कहा है कि उनके पिता चाहते थे कि वह एक अच्छा नागरिक बने जो धर्म के नाम पर हिंसा नहीं भड़काये।
अभिषेक सिंह ने कहा, ‘‘मेरे पिता ने इस हिन्दू-मुस्लिम विवाद में अपना जीवन गंवा दिया। अगली बारी किसके पिता की होगी?’’
पुलिस पर हमले के दौरान सोमवार को इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और एक 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी। सुबोध सिंह ने 2015 में गोमांस खाने को लेकर फैली अफवाह के बाद दादरी निवासी मोहम्मद अखलाक की पीट-पीट कर हत्या मामले की शुरूआती जांच की थी।
इंस्पेक्टर की बहन ने आरोप लगाया कि हत्या पुलिस की एक ‘साजिश’ है।
सुनीता सिंह ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुलिस ने एक साजिश में मेरे भाई की हत्या की क्योंकि उसने एक गोहत्या मामले (अखलाक की पीट-पीट कर हत्या मामले) की जांच की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए और हमारे पैतृक स्थान पर उनका एक स्मारक बनाया जाना चाहिए।’’
आवेशित सुनीता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बरसते हुए कहा , ‘‘गाय हमारी माता है। मैं उसे स्वीकार करती हूं। मेरे भाई ने अपना जीवन उनके लिए दिया। मुख्यमंत्री गाय, गाय, गाय करते रहते हैं। वह गौ रक्षा के लिए कदम क्यों नहीं उठाते?’
बुलंदशहर में भीड़ द्वारा की गई हिंसा में एक पुलिस अधिकारी और एक युवक की मौत को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार, डीजीपी को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा नोटिस जारी किया गया है ।
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