नई दिल्ली/मुंबई 7 जुलाई ।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि सरकार जल्द ही अनलॉक चरण में फिल्म निर्माण को फिर से शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेगी। “फिल्म निर्माण, जिसमें कोविड-19 के परिणामस्वरूप ठहराव आ गया था, की फिर से शुरुआत करने में तेजी लाने के लिए हम सभी क्षेत्रों में निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए आ रहे हैं, जिसमें टीवी धारावाहिक, फिल्म निर्माण, सह-उत्पादन, एनीमेशन, गेमिंग शामिल हैं। हम जल्द ही इन उपायों की घोषणा करेंगे”, श्री जावडेकर ने फिक्की फ्रेम्स के 21 वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर, मीडिया और मनोरंजन उद्योग की वार्षिक सभा का 2020 संस्करण मुंबई में पवई झील स्थित अपने सामान्य स्थान की बजाय, एक वर्चुअल मोड में आयोजित किया जा रहा है।
मंत्री ने यह भी कहा कि कोविड महामारी ने लोगों को संवाद करने के नए तरीकों के बारे में सोचने के लिए मजबूर किया है। “नई वर्चुअल सभाएं सामान्य हो गई हैं, लेकिन वहां बनी हुई भागीदारी वास्तविक हैं”। उन्होंने कहा कि भारत को सामग्री निर्माण में लागत का भारी लाभ मिलता है और भारतीय सामग्री दुनिया भर में 150 से अधिक देशों में देखी जा रही है। मंत्री महोदय ने सभी हितधारकों से मिलकर काम करने का आह्वान किया और कहा कि वे आगे बढ़ें व भारत की सॉफ्ट पावर- मीडिया और मनोरंजन – से लाभ उठायें ।
की-नोट अड्रेस में वित्त राज्य मंत्री, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने में रचनात्मक उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि “परिमाण से हमें अपना ध्यान मूल्य सृजन पर करना चाहिए”।
तकनीकी सत्र में भाग लेते हुए सूचना और प्रसारण सचिव, श्री अमित खरे ने कहा कि फिल्मों में सरकार की भूमिका एक सुविधादाता की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि “विभिन्न नियामक ढांचों के बीच सामंजस्य बिठाया जाना चाहिए ताकि कम से कम नियंत्रण सुनिश्चित हो सके। श्री खरे ने यह भी कहा कि सरकार मीडिया और मनोरंजन उद्योग को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने के समर्थन में है और बताया कि कुछ परिभाषाओं को ठीक करने की जरूरत है।
नीति अयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने अपने संबोधन में कहा कि हर संकट को एक अवसर में बदला जा सकता है और भारत को 12-13 ऐसे नए क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए जिनमें सतत उच्च विकास दर हासिल करने और नौकरियां पैदा करने के लिए वैश्विक चैंपियन बनने के लिए छलांग लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग को इनमें शामिल किया जा सकता है ।
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए स्टार और डिज़नी इंडिया के अध्यक्ष और उद्योग की अग्रणी आवाज़ उदय शंकर ने कहा “मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र रचनात्मक अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है”। यह रोजगार और व्यवसाय का सृजन कर सकता है और भारत को विश्व स्तर पर चमका सकता है। मगर उन्होंने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि भारतीय मीडिया उद्योग, विशेष रूप से प्रिंट, टीवी और डिजिटल क्षेत्र विज्ञापन के राजस्व पर निर्भर हैं और कोविड ने इसको जबर्दस्त धक्का पहुंचया है। उन्होंने कहा “यदि इस उद्योग को विकसित करना है, तो उसे विज्ञापन पर अपनी निर्भरता को कम करना होगा।”
गूगल के संजय गुप्ता ने देश में मीडिया और मनोरंजन उद्योग में कोविड महामारी से आये व्यवधान पर जोर देते हुए कहा कि यह क्षेत्र 2020-21 में 20 बिलियन डॉलर से घट कर 15 बिलियन डॉलर तक सिकुड़ सकता है लेकिन वह एक रचनात्मक पॉवर हाउस के रूप में वापस उछलने की क्षमता भी रखता है। उन्होंने कराधान ढांचे के सरलीकरण और उद्योग के लिए एक हल्के स्पर्श वाले नियामक दृष्टिकोण को अपनाने की सलाह दी ताकि यह उद्योग अपनी पूरी क्षमता से बढ़ सके।
फिक्की फ्रेम्स वर्चुअल समिट, जो 11 जुलाई तक चलेगा, में मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर उद्योग के विचारों और पहलुओं पर के प्रमुख विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। फिक्की-फ्रेम्स 2020 इटली पर केन्द्रित है।