लंदन 10 अप्रैल। रिश्ते-नातोँ की कड़ियां कब, कहां, कैसे और किससे जुड़ जाएं कोई नहीं कह सकता. मोरक्को के एक अखबार का दावा है कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद की वंशज हैं.
मोरक्को के अखबार ने अपनी रिपोर्ट में इतिहासकारों का हवाले देते हुए लिखा है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, पैगंबर मोहम्मद की 43वीं वंशज हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि शाही परिवार की 43 पीढ़ियों के अध्ययन के बाद यह पता चलता है कि महारानी, पैगंबर मोहम्मद की दूर की रिश्तेदार हैं. इस खबर को ब्रिटेन के अखबारों में भी काफी जगह मिली है.
डेली मेल के मुताबिक, इस तरह के दावे सबसे पहले शाही परिवार का अध्ययन करने वाली संस्था ‘बर्क्स पीरेज’ ने साल 1986 में किए थे. इस संस्था ने भी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को पैगंबर मोहम्मद का वंशज बताया था.
स्टडी में कहा गया है कि एलिजाबेथ की ब्लडलाइन 14वीं सदी के अर्ल ऑफ कैंब्रिज से है और यह मध्यकालीन मुस्लिम स्पेन से लेकर पैगंबर की बेटी फातिमा तक जाती है. फातिमा, मोहम्मद की बेटी थीं और उनके वंशज स्पेन के राजा थे जो महारानी के संबंधी थे.
इसी के चलते महारानी को पैगंबर मोहम्मद का वंशज बताया जा रहा है. हालांकि इतिहासकारों के बीच इन दावों को लेकर मतभेद भी हैं. लेकिन स्पेन की मध्ययुगीन वंशावली इसका समर्थन करती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, साल 1986 में बर्क्स पीरेज ने ब्रिटने की प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर को लिखे पत्र में कहा था कि ब्रिटेन के लोग यह नहीं जानते कि महारानी की रगों में पैगंबर मोहम्मद का खून दौड़ता है.
संस्था ने कहा था कि सभी मुस्लिम नेता इस पर गर्व करते हैं.
इस स्टडी में कहा गया था कि महारानी, मुस्लिम राजकुमारी जैदा की वंशज हैं, जो 11वीं शताब्दी में इसाई धर्म अपनाने से पहले सेवैया चली गई थीं.
सेवैया आज स्पेन का एक शहर है. माना जाता है कि जैदा, सेवैया के राजा अल-मुतामिद इब्न अब्बाद की चौथी पत्नी थीं. इनका सैंशो नाम का एक बेटा भी था, जिसकी शादी 11वीं शताब्दी में अर्ल ऑफ कैम्ब्रिज से हुई थी.
हालांकि इतिहासकार जैदा के जन्म पर भी मतभेद रखते हैं. कुछ मानते हैं कि जैदा वाइन पीने वाले खलीफा परिवार की बेटी थी, तो वहीं कुछ इतिहासकार कहते हैं कि जैदा की उस परिवार में शादी हुई थी.attacknews.in