पटना 25 मई। बिहार की राजधानी पटना स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में हुये सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में आज हैदर अली समेत पांच लोगों को दोषी करार दिया।
पटना और बोधगया ब्लास्ट के संदिग्ध मो. हैदर को रांची मॉड्यूल का इंचार्ज बनाया जाना था। उसे जवाबदेही दी गयी थी कि वह पढ़े-लिखे 50 युवकों को जोड़े। वह इस दिशा में काम कर रहा था। उसपर कुछ महिलाओं को भी जोड़ने की जवाबदेही थी। हैदर इस सिलसिले में तेजी से काम कर रहा था।
इसी क्रम में जब रांची के एक डॉक्टर से उसकी मुलाकात हुई थी तो उसने उस डॉक्टर को अपनी पूरी बात बतायी।
कंप्यूटर के जानकार और इंजीनियरों को भी संगठन से जोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया था।
रिमांड पर लिए गए हैदर और मजबुल्ला से जब पूछताछ की गयी तो इन सबों ने बड़े खुलासे किए। इसके बाद ही एनआइए की टीम दोनों को लेकर रांची पहुंची। उसी की निशानदेही पर जहां बम बरामद हुए, वहीं कर्बला इलाके में पड़े छापा में एक व्यक्ति के यहां से सर्किट मिला है। उससे भी पूछताछ जारी है। 24 मई को हैदर, मजबुल्ला रांची से और नुमान और तौकिर पलामू से पकड़े गए थे।
इन सबों को 25 मई 2014 को दिल्ली जाना था। 26 मई 2014 को संगठन से जुड़े कई लोग जमा होते। उसी दिन नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह था। अगर ये अंदर नहीं जाते तो अगले दिन सबों को पंजाब चला जाना था। पूछताछ के क्रम में उसने यह भी स्वीकारा है कि रांची के चारों तरफ के ग्रामीण इलाकों के कई युवक इस संगठन से जुड़े हैं। अब एनआइए उन सबों की तलाश में है।
सीठियो था मेन अड्डा :
धुर्वा थाना क्षेत्र के सीठियो गांव संगठन का मेन अड्डा था। यहां न केवल बाहर से आकर संगठन से जुड़े लोग शरण लेते थे, बल्कि उस इलाके में प्रशिक्षण शिविर चलता था। इसकी शुरुआत जनवरी 2013 से ही कर दी गयी थी। बोधगया ब्लास्ट और पटना ब्लास्ट की पूरी रूपरेखा वहीं तय हुई थी।
पटना में मौके से मो इम्तियाज पकड़ा गया था। इसके बाद ही एक-एक कर कई खुलासे होते चले गए और सारे तार रांची से जुड़े मिले।
कई धमाकों की थी तैयारी :
हैदर के कंप्यूटर और उससे पूछताछ में एनआइए को यह भी जानकारी मिली है कि कई धमाकों की तैयारी की गयी थी। अगर दरभंगा मॉड्यूल को पकड़ा नहीं जाता तो देश में कई धार्मिक स्थलों पर संगठन की ओर से सीरियल बम ब्लास्ट किए जाते। इसमें बनारस और हरिद्वार सहित दिल्ले जैसे शहरों के भी नाम थे।
इरम लॉज था अड्डा :
हैदर ने स्वीकार किया था कि सीठियो के बाद हिंदपीढ़ी का इरम लॉज बड़ा अड्डा था। यहां भी संगठन से जुड़े कई बड़े लोग रुकते थे। इसी में ओरमांझी का मुजबुल्ला भी रहा करता था। डोरंडा के एक इलाके का नाम भी शरणस्थली के रूप में हैदर ने कबूला है।attacknews.in