मुंबई, 27 नवंबर । बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले को तोड़ने के बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और आर आई चागला की पीठ ने आज अपने आदेश में कहा कि बीएमसी का यह कदम प्रतिक्रियात्मक था।
कंगना के कार्यालय तोड़फोड़ पर बीएमसी को फटकार
मुंबई 27 नवंबर (वार्ता) फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय में तोड़फोड़ के मामले में शुक्रवार को बम्बई उच्च न्यायालय ने ब़हन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को कड़ी फटकार लगाते हुए बीएमसी की नोटिस को रद्द कर दिया और मुआवजा देने का आदेश दिया।
खंडपीठ के न्यायाधीश एस जे काथावाला और न्यायमूर्ति आर आई छागला ने कहा कि सुश्री रानौत अपनी संपत्ति को नियमित करने के लिए कदम उठा सकती है। साथ ही क्षतिपूर्ति के लिए के लिए एक आंकलनकर्ता को नियुक्त कर सकती हैं।
न्यायाधीशों ने कहा कि बीएमसी इस मामले में गलत इरादे से आगे बढ़ी और नागरिकों के अधिकारों के खिलाफ जा कर तोड़फोड़ की।
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बंगले को तोड़ने के बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आदेश को रद्द कर दिया।
पीठ ने आज अपने आदेश में कहा कि बीएमसी का यह कदम प्रतिक्रियात्मक था।
गौरतलब है कि बीएमसी ने नौ सितंबर को कंगना के कार्यालय के कुछ हिस्से को अवैध बताते हुए तोड़फोड़ की थी। हालांकि बाद में अदालत ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
सुश्री कंगना ने इस कार्रवाई को गैरकानूनी बताते हुए बम्बई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने साथ ही तोड़फोड़ के नुकसान की क्षतिपूर्ति की मांग की थी।