मुंबई 26 दिसंबर । बॉलीवुड में साल 2018 ऐसे तो कई मायनों में कई उपलब्धियों भरा वर्ष साबित हुआ लेकिन श्रीदेवी, कल्पना लाजमी, मोहम्मद अजीज, नरेन्द्र झा, कृष्णा राज कपूर समेत कई अजीम शख्सियतों के चले जाने से एक ऐसा स्थान रिक्त हो गया जिसे शायद ही कभी भरा हो सके।
अपनी दिलकश अदाओं और दमदार अभिनय की बदौलत दर्शकों के दिलों में राज करने वाली बॉलीवुड अदाकारा श्रीदेवी का 24 फरवरी को निधन हो गया। श्रीदेवी ‘मूल नाम’ श्रीयम्मा यंगर का जन्म 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव मीनमपटी में हुआ था। उन्होंने अपने सिने करियर की शुरूआत महज चार वर्ष की उम्र में एक तमिल फिल्म से की थी। वर्ष 1976 तक उन्होंने कई दक्षिण भारतीय फिल्मों में बतौर बाल कलाकार काम किया।
बतौर अभिनेत्री उन्होंने अपने करियर की शुरूआत तमिल फिल्म ..मुंदरू मुदिची.. से की। वर्ष 1977 में प्रदर्शित तमिल फिल्म ..16 भयानिथनिले ..की व्यावसायिक सफलता के बाद श्रीदेवी स्टार अभिनेत्री बन गयी। हिंदी फिल्मों में बतौर अभिनेत्री श्रीदेवी ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1979 में प्रदर्शित फिल्म ..सोलहवां सावन ..से की लेकिन फिल्म असफल होने के बाद वह हिंदी फिल्म उद्योग छोड़ दक्षिण भारतीय फिल्मों की ओर लौट गयी ।
वर्ष 1983 में श्रीदेवी ने एक बार फिर फिल्म..हिम्मतवाला..के जरिये हिंदी फिल्मों की ओर अपना रुख किया। फिल्म की सफलता के बाद बतौर अभिनेत्री वह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयीं। वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म ..नगीना ..उनके सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म में श्रीदवी ने इच्छाधारी नागिन का किरदार निभाया। इस फिल्म में उन पर फिल्माया गीत ..मै तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा ..में उन्होंने जबरदस्त नृत्य शैली का परिचय दिया। वर्ष 1987 में प्रदर्शित फिल्म .मिस्टर इंडिया. उनकी सबसे कामयाब फिल्म साबित हुई।
श्रीदेवी ने अपने तीन दशक लंबे सिने करियर में लगभग 200 फिल्मों में काम किया। उन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा तेलगु. तमिल और मलयालम फिल्मों में भी काम किया है। श्रीदेवी ने वर्ष 2012 में प्रदर्शित फिल्म इंग्लिश विंग्लिश से कमबैक किया। फिल्म में श्रीदेवी ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध्ध कर दिया। वर्ष 2013 में वह पद्मश्री से नवाजी गयी। वर्ष 2017 में श्रीदेवी ने फिल्म मॉम से एक बार फिर कमबैक किया जिसमें उन्होंने एक बार फिर से अपने लाजवाब अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया।
बॉलीवुड की प्रख्यात फिल्मकार कल्पना लाजमी का 23 सिंतबर को निधन हो गया। वह फिल्मकार होने के साथ हीं निर्देशक एवं स्क्रीनराइटर भी थीं। कल्पना ने समाज से जुड़े वास्तविक मुद्दों पर फिल्में बनायी थी।
कल्पना की बनायी फिल्में महिला प्रधान हुआ करती थी। उन्होंने अपने सिने करियर के दौरान ‘रुदाली’, ‘दमन’ और ‘दरमियां’ और चिंगारी जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था।
कल्पना लाजमी ने अपने सिने करियर की शुरूआत श्याम बेनेगल के साथ सहायक निर्देशक के रूप में की थी। बतौर निर्देशक कल्पना ने अपनी शुरूआत वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म ‘एक पल’ से की थी। इस फिल्म में शबाना आज़मी और नसीरुद्दीन शाह की मुख्य भूमिका थी। कल्पना ने इस फिल्म का स्क्रीनप्ले गुलज़ार के साथ मिलकर लिखा था।
वर्ष 2006 में प्रदर्शित फिल्म चिंगारी बतौर निर्देशक कल्पना लाजमी के करियर की अंतिम फिल्म थी। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती और सुष्मिता सेन ने मुख्य भूमिका निभायी थी। यह फिल्म भूपेन हजारिका के उपन्यास ‘द प्रॉस्टीट्यूट एंड द पोस्टमैन’ पर आधारित थी। कल्पना लाजमी ने टीवी सीरियल ‘लोहित किनारे’ का भी निर्देशन किया था।
बॉलीवुड अभिनेता नरेन्द्र झा का 14 मार्च को निधन हो गया। बिहार के मधुबनी जिला निवासी नरेंद्र झा ने अपनी पढ़ाई पटना से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से अभिनय की बारिकियों का प्रशिक्षण लिया। उन्हें जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था लेकिन बाद में दिल्ली छोड़कर मुंबई आ गए और यहां उन्हें मॉडलिंग के जबरदस्त ऑफर मिलने लगे। मॉडलिंग के साथ उन्होंने टीवी पर कई शो किए और वह लगभग 20 टीवी शो में भी नजर आये। वह श्याम बेनेगल की फिल्म नेताजी सुभाष चंद्र बोस में भी अहम किरदार में नजर आये थे।
नरेंद्र झा ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2002 में दूरदर्शन के शो आम्रपाली से की। उसके बाद उन्होंने छोटे पर्दे के कई बेहतरीन सीरियल्स और शो में काम किया, जिनमे छूना है आसमान, चेहरा, एक घर बनाऊंगा, कैप्टन
हाउस, जय हनुमान प्रमुख है। नरेंद्र झा छोटे पर्दे पर शो हवन के हरी ओम बापजी के नाम से पहचाने जाते हैं। नरेंद्र झा ने टेलीविजन पर आए पौराणिक सीरियल ‘रावण’ में भी लीड किरदार निभाया थी, और उनके रोल को खूब पसंद भी किया गया था। नरेंद्र झा ने अपने करियर के दौरान हैदर ,रईस, काबिल ,घायल वंस रिर्टन्स, हमारी अधूरी कहानी, मोहनजोदाड़ो, शोरगुल और फोर्स-2 जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया। उन्होंने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु आदि भाषाओं में भी फ़िल्में की हैं।
बॉलीवुड के जाने माने पार्श्वगायक मोहम्मद अजीज का 27 नवंबर को निधन हो गया। उनका जन्म 02 जुलाई 1954 में पश्चिम बंगाल के अशोकनगर में हुआ था। बचपन से ही उनका रुझान पार्श्वगायन की ओर था। आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी से प्रभावित रहने के कारण मोहम्मद अजीज उन्हीं की तरह पार्श्वगायक के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहते थे। उन्होंने बतौर गायक अपने करियर की शुरुआत कोलकाता स्थित ‘गालिब’ रेस्तरां से की। फिल्मों में मोहम्मद अजीज ने बतौर पार्श्वगायक अपने करियर की शुरूआत बंगला फिल्म ‘ज्योति’ से की।
वर्ष 1984 में मोहम्मद अजीज मुंबई आ गये जहां उन्होंने हिंदी फिल्म अंबर में पार्श्वगायन किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात संगीतकार अनु मलिक से हुई जिन्होंने उन्हें फिल्म मर्द में गाने का अवसर दिया। फिल्म मर्द में
मोहम्मद अजीज का गाया और अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गाना ‘मर्द तांगे वाला’ सुपरहिट साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने कई हिट गाये गाये जिसमें गोविंदा पर फिल्माया गया उनका गाना ‘मय से, मीना से न साकी से’ काफी मशहूर हुआ।
मोहम्मद अजीज ने अपने सिने करियर के दौरान हिंदी के अलावा बंगाली, उड़िया और अन्य क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में पार्श्वगायन किया। उन्होंने अलग-अलग भाषाओं में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, राहुल देव बर्मन, बप्पी लाहिड़ी, राजेश रोशन, राम लक्ष्मण, आनंद मिलिंद, जतिन ललित जैसे संगीतकारों के निर्देशन में 20 हजार से अधिक गीतों को अपनी आवाज दी है। मोहम्मद अजीज के गाये सैकड़ों गाने लोकप्रिय हुए जिनमें ‘लाल दुपट्टा मलमल का’, ‘माई नेम इज लखन’, तू कल चला जाएगा और ‘दिल ले गई तेरी बिदिंया’ आज भी अक्सर गुनगुनाये जाते हैं।
टीवी जगत के मशहूर शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में अपने कमाल के किरदार डॉ हाथी का किरदार निभा रहे अभिनेता कवि कुमार आज़ाद ने भी इसी साल अपने फैन्स को अलविदा कहा। नौ जुलाई 2018 को हृदयाघात के कारण उनकी अचानक मौत हो गई। शो में डॉ हाथी का किरदार बहुत फेमस था, फैन्स के साथ-साथ शो के सदस्यों को भी उनकी मौत का शॉक लगा। तारक मेहता का उल्टा चश्मा के साथ ही डॉ हाथी ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया था।
अभिनेत्री सुजाता कुमार ने भी इसी साल दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ में श्रीदेवी की बहन का किरदार निभाया था। सुजाता के दमदार अभिनय का हर कोई दीवाना था। सुजाता ने ‘रांझणा’, ‘गोरी तेरे प्यार में’ जैसी फिल्मों के साथ ही कई टीवी शोज में भी काम किया था जिनमें ‘होटल किंग्स्टन’, ‘बॉम्बे टॉकिंग’ और ’24’ शामिल हैं। वह 19 अगस्त को कैंसर से जंग हार गयीं। सुजाता मेटास्टेटिक कैंसर से जूझ रही थीं। वह डायरेक्टर शेखर कपूर की एक्स वाइफ एवं एक्ट्रेस सुचित्रा कृष्णमूर्ति की बहन थीं।
बॉलीवुड से लेकर टीवी तक में अपनी एक्टिंग और मां के रोल से खास पहचान बनाने वाली बेहतरीन अदाकाराओं में से एक बॉलीवुड अभिनेत्री रीता भादुड़ी भी इसी साल इस दुनिया से रुखसत हो गयीं। उनका निधन 17 जुलाई 2018 को हुआ। रीता भादुड़ी ने बॉलीवुड में कम ही फिल्में की हैं लेकिन उन्होंने अपने अभिनय से लोगों के दिलों में अलग जगह बनायी।
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता एवं निर्देशक राज कपूर की पत्नी कृष्णा कपूर इस दुनिया में नहीं रहीं। 87 साल की उम्र में एक अक्टूबर को मुंबई में उनका निधन हो गया। कृष्णा काफी समय से बीमार थीं और अस्पताल में भर्ती थीं। राज कपूर और कृष्णा की शादी 1946 में हुई थी।
हिंदी सिनेमा में रामसे ब्रदर्स के नाम से मशहूर फ़िल्ममेकर्स में से एक तुलसी रामसे ने 14 दिसंबर की सुबह अंतिम सांसे ली। बॉलीवुड में 80 के दशक में बनीं अक्सर सभी हॉरर फ़िल्मों के निर्माता रामसे ब्रदर्स ही होते थे।
तुलसी रामसे ने 80 और 90 के दशक में ‘होटल’, ‘पुराना मंदिर’, ‘तहखाना’, ‘वीराना’, ‘बंद दरवाज़ा’ जैसी कई कल्ट फ़िल्में बनाई हालाँकि, उनके निधन की असली वजह अब तक सामने नहीं आई है। तुलसी रामसे 75 साल के थे और साल 2006 में उन्होंने फ़िल्म ‘आत्मा’ को प्रोड्यूस किया था, इसके बाद उनकी कोई फ़िल्म या शो सामने नहीं आया। 1993 में उन्होंने मशहूर हॉरर टीवी शो ‘ज़ी हॉरर शो’ को भी निर्देशित किया था।
बॉलीवुड की वेटरन एक्ट्रेस नर्गिस रबादी ने 06 मार्च 2018 को अंतिम साँसे लीं। बाॅलीवुड में इन्हें शम्मी आंटी के नाम से जाना जाता था। नवासी वर्षीय शम्मी आंटी ने तकरीबन 200 फिल्मों में काम किया है। जिसमें ‘कुली नंबर1′, हम’, ‘गोपी किशन’, ‘हम साथ साथ है’ भी शामिल हैं।
विनोद खन्ना की पहली पत्नी गीतांजलि ने भी 15 दिसंबर को इस दुनिया को अलविदा कहा। गीतांजलि और विनोद खन्ना की शादी 1971 में हुई थी और 1985 में दोनों का तलाक़ हो गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, गीतांजलि मांडवा में बेटे अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना के साथ रह रही थीं, जहां उनका फार्म हाउस है। रात को गीतांजलि बेचैनी महसूस कर रही थीं तो अक्षय और राहुल उन्हें अलीबाग सिविल हॉस्पिटल लेकर गये जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
फिल्म देवदास में शाहरुख खान की दादी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री अवा मुखर्जी ने 88 साल की उम्र में इस साल 15 जनवरी को अंतिम साँसे ली। अवा हिंदी टेलीविज़न एड्स का भी पॉपुलर चेहरा थीं। आमिर ख़ान की फ़िल्म ‘लगान’ में ईश्वर काका के किरदार में नज़र आये वल्लभ व्यास का इस साल 07 जनवरी को 60 साल की उम्र में देहांत हुआ। वह कई महीनों से लम्बी बीमारी से जूझ रहे थे।
नब्बे के दशक के पॉपुलर सिंगर नितिन बाली के ट्रैजिक डेथ ने भी सभी को शॉक कर दिया था। नौ अक्टूबर 2018 को वह अपनी पत्नी रमा बाली और बेटे जोशुआ के साथ भयंकर रोड एक्सीडेंट का शिकार हुए और अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम साँसे ली। नितिन के गाने, नीले नीले अम्बर पर, छूकर मेरे दिल को, एक अजनबी हसीना से मुलाकात को लोग आज भी सुनते हैं और बहुत पसंद करते हैं।
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