हरिद्वार 04 फरवरी । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन गुरुवार को कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को इंतजार रहता है कि देश में किसी की मौत हो और वह उस पर राजनीति करें।
श्री हुसैन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस पार्टी वह पार्टी है जिसकी 1998 में मध्यप्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार ने 28 किसानों को गोली मार दी थी, तब कोई भी कांग्रेसी वहां पर नहीं गया था।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस में कई किसानों के बेटे हैं जो 26 जनवरी की हिंसा में घायल हुए हैं, कई की रीड की हड्डी तक टूट गई है और वह पुलिसकर्मी जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी उन्हें पूछने तक नहीं जा रही है, केवल पब्लिसिटी के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी एक जगह गयी हैं।
हरिद्वार में आयोजित होने जा रहे कुंभ मेले में बजट के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुंभ के लिए खजाना खुला हुआ है। इस बार हरिद्वार में भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन किया जाएगा और सभी कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। कुंभ मेले के आयोजन में किसी भी तरह की धन की कमी नहीं होने दी जाएगी
किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत संग कांग्रेसियो के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा मिली दिल्ली की ट्रैक्टर परेड हिंसा में मृतक किसान नवरीत सिंह के परिजनों से
इधर रामपुर ( उत्तरप्रदेश) में दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जान गंवाने वाले किसान नवरीत सिंह के शांति पाठ में भाग लेने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गुरूवार को रामपुर में बिलासपुर क्षेत्र के डिबडिबा गांव पहुंची।
श्रीमती वाड्रा के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। कांग्रेसी नेता ने नवरीत सिंह के परिजनों से मुलाकात की और उन्हे ढाढस बंधाया। इस मौके पर पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे।
कृषि कानून की वापसी तक किसान आंदोलन को समर्थन: प्रियंका
दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जान गंवाने वाले किसान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में शिरकत करने पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कृषि कानून वापस नहीं लेना और किसानो को आतंकवादी कहना केन्द्र सरकार के जुल्म की पराकाष्ठा है और उनकी पार्टी काले कानून की वापसी तक किसानो के आंदोलन का साथ देगी।
श्रीमती वाड्रा गुरूवार को रामपुर में बिलासपुर क्षेत्र के डिबडिबा गांव पहुंची और मृतक किसान की संगत कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वह नवरीत की मां और अन्य परिजनो से मिली और उन्हे ढाढस बंधाया।
मंच से श्रद्धालुओं और परिजनों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा “ 25 साल का नवरीत सिंह किसी राजनीतिक साजिश के तहत नहीं बल्कि किसानों के दुख दर्द के कारण दिल्ली ट्रैक्टर रैली में गया था। गुरु गोविंद सिंह जी का कहना है कि जुल्म करना पाप है तो जुल्म को सहना उससे बड़ा पाप है। सरकार द्वारा कृषि कानून वापस नहीं लेना बहुत बड़ा जुल्म है,इससे भी बड़ा जुल्म वह है जो किसानों, शहीदों को यह आतंकवादी कहते हैं। अगर किसानों, देशवासियों की परेशानियों को नेता नहीं समझ सकते तो वह नेता किसी काम के नहीं हैं। ”
उन्होने कहा “ मृतक के परिवार साथ पूरा देश खड़ा है। आप अकेले नहीं हैं यह हमारी लड़ाई है। नवरीत की शहादत को व्यर्थ नहीं होने देंगे। इस आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे जब तक तीनों काले कानून वापिस नहीं हो जाते।”
श्रीमती वाड्रा के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। कांग्रेसी नेता ने नवरीत सिंह के परिजनों से मुलाकात की और उन्हे ढाढस बंधाया।
इस मौके पर पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे।
कांग्रेस महासचिव के औचक दौरे की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और खुफिया विभाग चौकन्ना हो गया था। श्रीमती वाड्रा के काफिले को निर्विघ्न कार्यक्रम स्थल तक जाने दिया गया। हालांकि इस दौरान मुरादाबाद से रामपुर तक पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानो ने कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान हुयी भगदड़ और हिंसा में नवरीत सिंह की मृत्यु हो गयी थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा था कि किसान की मौत चोट लगने की वजह से हुयी है।