भोपाल, 04 मई । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य की लगभग चार माह पुरानी कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि इसने किसानों समेत सभी वर्गों के प्रति वादाखिलाफी का कार्य किया। इधर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से आज जारी आरोपपत्र को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि जो लोग राज्य की पंद्रह साल और केंद्र की पांच साल का हिसाब नहीं दे रहे हैं, वे कांग्रेस की लगभग चार माह पुरानी सरकार पर असत्य आरोप लगा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, वरिष्ठ नेता प्रभात झा और प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत की मौजूदगी में पत्रकार वार्ता में आरोपपत्र जारी किया। इसमें आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ ही प्रत्येक वर्ग के साथ पौने चार माह में वादाखिलाफी की। मौजूदा सरकार के रूप में ‘बंटाढार का नया अवतार’ सामने आया है।
श्री चौहान ने कहा कि यह राज्य का दुर्भाग्य ही है कि चार माह के अंदर ही राज्य सरकार के खिलाफ आरोपपत्र जारी करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान कई लुभावने वादे कर सत्ता हासिल कर ली। लेकिन यह अल्पमत की सरकार है और अपने वादे पूरे नहीं कर पा रही है। श्री चौहान ने कहा कि हमने सोचा था कि कांग्रेस को 15 वर्षों बाद मौका मिला है और यह राज्य के विकास कार्यों को निरंतर रखेगी, लेकिन एेसा नहीं हुआ और राज्य की जनता में निराशा और हताशा घर कर रही है।
श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर में चुनाव के पहले घोषणा की थी कि किसानों का दो लाख रूपए तक का कर्ज दस दिन में माफ नहीं हुआ, तो ग्यारहवें दिन मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा। लेकिन एक सौ दिन से अधिक होने के बावजूद किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। इस आधार पर तो अभी तक राज्य में दस मुख्यमंत्री बदल जाना चाहिए थे।
श्री चौहान ने किसानों की कर्जमाफी के नाम पर श्री गांधी और मुख्यमंत्री कमलनाथ पर असत्य बयानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों के बयानों में विराेधाभास भी झलकता है। श्री गांधी कहते हैं कि राज्य में दो घंटे में ही किसानों के कर्ज माफ कर दिए गए। वहीं श्री कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लगने के कुछ घंटे पहले ही किसानों के कर्ज माफी के संबंध में हजारों किसानों को मोबाइल फोन पर संदेश भेजे कि लोकसभा चुनाव के बाद कर्ज माफ किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों का कर्ज माफ करने के लिए 48 हजार करोड़ रूपयों की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने बजट में सिर्फ पांच हजार करोड़ रूपयों का प्रावधान किया और बैंकों को 1300 करोड़ रूपयों का भुगतान किया। इस तरह किसानों के कर्ज कैसे माफ हो सकते हैं। उनका दावा है कि वे जहां भी सभा लेने जाते हैं, हजारों किसान हाथ उठाकर कहते हैं कि उनका कर्ज माफ नहीं हुआ है। इसी तरह कर्ज माफ नहीं होने के कारण खरगोन जिले के एक किसान ने आत्महत्या कर ली है।
लगभग सोलह पेज के आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि नौजवान और श्रमिक भी इस सरकार की नीति से परेशान है। बिजली की समस्या भी शुरू हो गयी है। राज्य सरकार ‘तबादला उद्योग’ में व्यस्त है। सरकार लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे पा रही है। कानून व्यवस्था की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है। सतना जिले में दो मासूम भाइयों की फिरौती के लिए अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी। भोपाल में भी गंभीर अपराध हुए हैं। आरोपत्र में अन्य विभागों को लेकर भी आरोप लगाए गए हैं।
राज्य में लोकसभा की कुल 29 सीट हैं। छह सीटों के लिए 29 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हो चुका है। अब सात सीटों के लिए मतदान 6 मई को होगा। शेष सीटों के लिए मतदान क्रमश: 12 और 19 मई को होगा।
मुख्यमंत्री कमलनाध ने आरोपपत्र को झूठ का पुलिंदा बताया:
इधर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से आज जारी आरोपपत्र को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि जो लोग राज्य की पंद्रह साल और केंद्र की पांच साल का हिसाब नहीं दे रहे हैं, वे कांग्रेस की लगभग चार माह पुरानी सरकार पर असत्य आरोप लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि आरोपपत्र में एक भी आरोप सच नहीं हैं। आरोपपत्र में जो भी बातें कही गयी हैं, वे असत्य हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अारोपपत्र के जरिए सच्चायी सामने लाती तो बेहतर होता। सरकार की नाकामयाबी बताती, तो उसे सुधारने का प्रयास किया जाता।
मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा के माध्यम से जारी प्रतिक्रिया में कहा है कि भाजपा इस आरोपपत्र में कह रही है कि अभी तक एक भी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ। किसी को भी कर्ज माफी के प्रमाणपत्र नहीं मिले। श्री कमलनाथ के अनुसार यह असत्य है। लगभग 21 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। उनके खाते में कर्ज माफी की राशि पहुंच चुकी है और उन्हें क़र्ज़माफ़ी के प्रमाणपत्र भी जारी हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य सरकार के एक और निर्णय 2 लाख तक के कृषि उपकरणों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी के निर्णय पर भी सवाल उठाकर झूठ परोस रही है। बिजली को लेकर भी आरोपपत्र में झूठे आरोप लगाए गए हैं। बिजली संकट की बात की गयी है। जबकि प्रदेश में बिजली सरप्लस उपलब्ध है। प्रदेश में बिजली का कोई संकट नहीं है। हम डिमांड की शत-प्रतिशत पूर्ति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम युवा स्वाभिमान योजना के तहत शहरी युवाओं को 100 दिन के रोजगार देने का काम कर रहे हैं। हमने अपनी उद्योग नीति में परिवर्तन कर 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की शर्त रखी है। उसको लेकर भी इस आरोप पत्र में झूठ परोसा गया है। हमनें पिछड़े वर्ग के आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया है। उसको लेकर हम दृढ़ संकल्पित है। उसको लेकर भी आरोपपत्र में झूठ परोसा गया है।
मुख्यमंत्री ने आरोपपत्र के अन्य आरोपों का भी सिलसिलेवार जवाब देते हुए दोहराया है कि इस तरह से भाजपा का आज जारी आरोपपत्र झूठ का पुलिंदा है। सच्चाई से परे है। यह जनता को भ्रमित और गुमराह करने वाला है। जनता स्वयं इसका जवाब चुनाव में देगी।
attacknews.in