अपनी गायकी से दिलों को जीतने वाले सुरों के जादूगर
16 भारतीय भाषाओं में 40 हजार से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए हैं, इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक आफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया
एक दिन में सबसे ज्यादा 21 गाने रिकॉर्ड करने का रिकॉर्ड भी उन्होंने उसी दौर में बनाया
खनकती एवं सुरीली आवाज से गायकी की दुनिया में अलग पहचान बनाने वाले लोकप्रिय पार्श्वगायक एस पी बालासुब्रमण्यम का शुक्रवार 25 सितम्बर 2020 को कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद श्री बालासुब्रमण्यम को पांच अगस्त को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गाया था।
संगीत की दुनिया के बेताज बादशाह श्री बालासुब्रमण्यम की लाजवाब एवं सुरीली आवाज ने विश्वभर के संगीत प्रेमियों को उनका दीवाना बना दिया था। पांच दशक तक उन्होंने अपनी आवाज का जादू बिखेरा।
अपनी आवाज के जादू से करीब पांच दशक तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने वाले एसपी बालासुब्रमण्यम इंजीनियर बनना चाहते थे।
पार्श्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम ने अपनी सुरीली आवाज से कई पीढ़ियों के दिलों पर राज किया। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगू समेत विभिन्न भाषाओं में गाने गाए और कई पुरस्कार भी जीते ।उन्होंने तमिल और अपनी मातृभाषा तेलुगू, हिंदी समेत 16 भाषाओं में गाने गए ।उन्होंने अपने करियर में कई पीढ़ी के संगीतकारों के साथ काम किया और 40,000 से ज्यादा गाने गाए । बाद के दिनों में वह कई रियल्टी शो से भी जुड़े।
04 जून 1946 को तमिलनाडु के तिरिवल्लुवर जिले में जन्में श्रीपति पांडीतराधुल्या बाला सुब्रमणयम (एसपी बालासुब्रमण्यम) के पिता नाटकों में काम किया करते थे। एसपी बालासुब्रमण्यम इंजीनियर बनना चाहते थे और इसके साथ ही उनका रूझान संगीत की ओर भी था। उन्होंने आंध्रप्रदेश में अनंतपुर की जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला भी ले लिया लेकिन उनकी तबीतय अधिक खराब हो गयी और उन्हें इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़नी पड़ी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ने के बाद एसपी बालसुब्रमण्यम संगीत की शिक्षा लेते रहे।
वर्ष 1964 में एसपी बालासुब्रमण्यम को ‘एम्चयोर’ गायक के तौर पर एक ‘कॉम्पटीशन’ में पहला इनाम मिला। बतौर पार्श्वगायक उन्होंने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1966 में प्रदर्शित तेलुगु फ़िल्म श्री श्री मर्यादा रामान्ना से शुरू की। इसके बाद उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्मों के लिये कई गीत गाये।
वर्ष 1981 में प्रदर्शित ‘एक दूजे के लिए’ से उन्होंने हिंदी फिल्म में भी आगाज कर दिया। दिलचस्प बात है कि इसी फिल्म से कमल हसन और रति अग्निहोत्री ने भी हिंदी में अपने सिने करियर की शुरूआत की थी। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हिट साबित हुयी। फिल्म के गीत तेरे मेरे बीच में, हम बने तुम बने आज भी सुपरहिट हैं। इस फिल्म के लिये वह सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये।
एसपी बालसुब्रमण्यम ने आठ फरवरी 1981 को एक अद्भुत काम किया। उन्होंने सुबह नौ बजे से रात नौ बजे के बीच कन्नड़ में 21 गाने रिकॉर्ड किए। तमिल में वो एक दिन में 19 और हिंदी में 16 गाने रिकॉर्ड कर चुके हैं। एक समय वो इस कदर व्यस्त थे कि 15-16 गाने प्रति दिन रिकॉर्ड करना रूटीन की तरह हो गया था।
उन्होंने कमल हासन जैसे मशहूर कलाकार के लिए डबिंग भी की। एक दिन में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने का रिकॉर्ड भी उन्होंने उसी दौर में बनाया।
एसपी बालसुब्रमण्यम को कमल हसन के अलावा सलमान खान की आवाज भी कहा जाता है। सलमान खान के करियर की शुरुआती फिल्म मैंने प्यार किया के सारे गाने एसपी बालसुब्रमण्यम ने ही गाये थे। फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ के बाद एसपी बालसुब्रमण्यम ने सलमान खान की कई फिल्मों के लिये पार्श्वगायन किया।
कई राष्ट्रीय और राज्यों के पुरस्कार के साथ ही पद्म श्री और पद्म भूषण से भी उन्हें नवाजा गया। उन्होंने पांच दशक के अपने करियर में कई पीढ़ी के संगीतकारों के साथ काम किया और 40,000 से ज्यादा गाने गाए । बाद के दिनों में वह कई रियल्टी शो से भी जुड़े।
एस पी बालासुब्रमण्यम का पूरा नाम श्रीपति पंडिताराध्याउला बालासुब्रमण्यम था।
मोहम्मद रफी के गानों से प्रभावित बालासुब्रमण्यम ने हजारों सदाबहार गाने गाए । सभी तरह के गानों को उन्होंने अपनी आवाज दी, चाहे खुशी के नगमें हो या दर्द भरे गीत। उन्होंने 1966 में पहला गीत गाया था।
वर्ष 1969 में एमजीआर अभिनीत ‘अदिमाईपेन’ में उनका गाया ‘अयराम निलावे वा’ बहुत लोकप्रिय रहा और उसके बाद वह बुलंदियों को छूते गए ।
शास्त्रीय गायन में औपचारिक प्रशिक्षण नहीं होने के बावजूद उन्होंने जिन ऊंचाइयों को छुआ , वहां तक कई प्रशिक्षित गायक भी नहीं पहुंच पाते हैं ।
उनका जन्म आंध्रप्रदेश के नेल्लौर में चार जून 1946 को हुआ था। प्रख्यात संगीतकार इलैयाराजा समेत उनके कई दोस्त उन्हें प्यार से ‘बालू’ कहकर बुलाते थे।
पिछले वर्षों में बालासुब्रमण्यम ने कहा था, ‘‘मैं सिनेमा जगत में नहीं आना चाहता था। साठ के दशक में मैं एक इंजीनियर बनना चाहता था। चाहता था कि 250 रुपये वेतन मिले और मेरे पास एक जीप हो । ’’
उन्होंने एम एस विश्वनाथन, इलैया राजा, ए आर रहमान समेत कई संगीतकारों के साथ काम किया और पी सुशीला, एस जानकी, वाणी जयराम और चित्रा समेत अन्य गायिकाओं के साथ युगल गाने भी गाए ।
बालासुब्रमण्यम को गानों के लिए छह राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाए जिनके श्रोता आज भी कायल हैं । इसके अलावा उन्होंने भक्ति गाने भी गए ।
संगीतकार इलैयाराजा के साथ उनकी बहुत प्रगाढ दोस्ती थी।
गायक के जे येसुदास के प्रति भी वह बहुत स्नेह रखते थे और उन्हें ‘गुरु’ कहकर पुकारते थे ।
बालासुब्रमण्यम की बहन एस पी शैलजा भी गायिका हैं । बालासुब्रमण्यम के पुत्र चरण भी सिनेमा-संगीत क्षेत्र में सक्रिय हैं ।
एसपी बालासुब्रमण्यम ने 16 भारतीय भाषाओं में 40 हजार से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए हैं। इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक आफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया। सिंगिंग के लिए साउथ सिनेमा और बॉलीवुड के लगभग सभी अवॉर्ड उन्हें हासिल हो चुके हैं। बालासुब्रमण्यम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से 2001 में पद्मश्री और 2011 में पद्म भूषण से नवाजा गया।एसपी बालासुब्रमण्यम ने सिंगर के अलावा एक्टर, म्यूजिक डायरेक्टर, डबिंग आर्टिस्ट और फिल्म प्रोड्यूसर के रूप में भी काम किया है।