पटना 8 अगस्त। मुजफ्फरपुर रेप केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और समाज कल्याण मंत्री के पति चंदेश्वर वर्मा के बीच दोस्ती थी।यह खुलासा सीबीआई ने किया है कि ब्रजेश और चंदेश्वर ने जनवरी से मई के बीच 17 बार बात की थी।
मुजफ्फरपुर के सेवा संकल्प एवं विकास समिति में 34 बच्चियों से रेप का खुलासा होने के बाद जांच सीबीआई कर रही है।जांच आगे बढ़ती जा रही है और रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस बालिका गृह में 34 बच्चियों के रेप की बात सामने आने पर इतना तो साफ हो गया था कि बिना रसूख के बालिका गृह चलाने वाला ब्रजेश ठाकुर इतने बड़े कांड को अंजाम दे सकता है. लेकिन अब सीबीआई जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि ब्रजेश ठाकुर का संबंध बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा से था।
सीबीआई ने जांच के दौरान ब्रजेश ठाकुर के मोबाइल भी खंगाले थे। ब्रजेश के पास तीन मोबाइल नंबर थे, जिनकी कॉल डिटेल सीबीआई के हाथ लगी है. इस कॉल डिटेल के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर ने जनवरी 2018 से मई 2018 के बीच चंदेश्वर वर्मा से कुल 17 बार बात की ।
सीबीआई को इस बात की भी जानकारी मिली है कि ब्रजेश ठाकुर और चंदेश्वर वर्मा कई बार एक साथ दिल्ली गए थे. वो दिल्ली जाते थे तो एक ही साथ रहते भी थे। सीबीआई अब उस ट्रैवल एजेंट की भी तलाश कर रही है, जो ब्रजेश और चंदेश्वर के फ्लाइट के टिकट बुक करवाया करता था।
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा का नाम इस मामले में गिरफ्तार आरोपी रवि रोशन की पत्नी शिबा ने भी लिया था।बाल कल्याण विभाग के अधिकारी रहे रवि रोशन की पत्नी ने कहा था कि चंदेश्वर वर्मा अक्सर उस बाल गृह में जाया करते थे. जब वो बालिका गृह में जाते थे, तो अधिकारियों को नीचे ही रहने के लिए कहा जाता था और वो अकेले ही ऊपर जाते थे।
वहीं समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने सफाई देते हुए कहा था कि उनके पति चंदेश्वर सिर्फ एक बार उस बालिका गृह में गए थे और वो भी उनके साथ गए थे. हालांकि जब से मंजू वर्मा का नाम इस मामले में सामने आया है, पूरा विपक्ष एकजुट होकर मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रहा है. वहीं खुद नीतीश कुमार ने मंजू वर्मा का बचाव किया है और कहा है कि जब तक आरोप साबित नहीं होते, मंजू वर्मा इस्तीफा नहीं देंगी.
ब्रजेश ठाकुर गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में रहा
गिरफ्तार होने के बाद से ब्रजेश सिर्फ 6 दिन ही जेल में रहा है. बाकि के दिन उसने अस्पताल में बिताए हैं. वो अब भी अस्पताल में ही है।
ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ 31 मई 2018 को केस दर्ज किया गया था. 2 जून 2018 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अगले दिन यानी 3 जून को जेल भेज दिया था. इसके बाद वो छह दिनों तक तो जेल की बैरक में रहा, लेकिन उसके बाद वो बीमार हो गया. 9 जून को ब्रजेश ने सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे इलाज के लिए मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के कैदी वार्ड में भर्ती करवा दिया गया।
एसकेएमसीएच के मेडिकल सुपरिटेंडेंट सुनील कुमार शाही के मुताबिक ब्रजेश सिंह की मेडिकल जांच के लिए कोर्ट के आदेश पर एक मेडिकल बोर्ड बना था।
मेडिकल बोर्ड ने बताया था कि ब्रजेश ठाकुर को ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ है. इसके अलावा उसे कमर में दर्द है और दिल की भी बीमारी है. ऐसे में उसे हॉर्ट अटैक का खतरा है. मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद उस वक्त के जेल सुपरिटेंडेंट सत्येंद्र कुमार ने ब्रजेश ठाकुर को श्री कृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के कैदी वार्ड में भर्ती करवा दिया गया।
श्री कृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में तीन हफ्ते तक भर्ती रहा था ब्रजेश ठाकुर.
इसी बीच शासन की ओर से जेल सुपरिटेंडेंट सत्येंद्र कुमार का तबादला हो गया और 25 जून को जेल के नए सुपरिटेंडेंट बने राजीव कुमार झा. राजीव कुमार झा ने श्री कृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से ब्रजेश ठाकुर को जेल में शिफ्ट करने की बाबत रिपोर्ट मांगी।अस्पताल की ओर से ब्रजेश ठाकुर की बीमारी का हवाला दिया गया, जिसके बाद 27 जून को ब्रजेश को श्री कृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से निकालकर जेल के अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया. अब ब्रजेश जेल के अस्पताल के वार्ड नंबर 8 में भर्ती है।
जेल सुपरिंटेंडेंट राजीव कुमार झा ने इकनॉमिक टाइम्स अखबार से बात करते हुए कहा था कि ब्रजेश को स्लिप डिस्क है. वह डायबीटीक है. ब्लड प्रेशर भी घटता-बढ़ता रहता है, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है. ऐसे में उसे हर वक्त डॉक्टरों की देखरेख में रखने की ज़रूरत है. इसलिए ब्रजेश को जेल के अस्पताल में ही रखा गया है. कुल मिलाकर गिरफ्तारी के 68 दिनों में से सिर्फ छह दिन ही ब्रजेश जेल में रहा है. बाकि के दिन उसने अस्पताल में ही बिताए हैं।attacknews.in