पटना 06 मार्च । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी से राज्य की स्थिति और बेहतर होने का दावा किया और कहा कि वह सबसे आग्रह करेंगे कि शराबबंदी को लेकर गंभीर रहें, इसमें उनका कुछ भी व्यक्तिगत लाभ नहीं है।
श्री कुमार ने शनिवार को यहां टीपीएस कॉलेज में स्व. ठाकुर प्रसाद सिंह की प्रतिमा का अनावरण और महाविद्यालय के कई भवनों का उद्घाटन करने के बाद गोपालगंज जहरीली शराब कांड में न्यायालय द्वारा फांसी की सजा दिये जाने से संबंधित पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि वर्ष 2016 में जब शराबबंदी लागू की गई थी, उसी वर्ष गोपालगंज जिले में यह घटना हुई थी। जहरीली शराब पीने के कारण कई लोगों की मृत्यु हो गयी थी। उस समय भी उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा था कि यदि लोग जहरीली शराब पीएंगे तो मृत्यु का शिकार हो जाएंगे इसलिए कभी किसी की गलत बातों पर भरोसा न करें।
उन्होंने कहा, “हम सबसे आग्रह करेंगे कि शराबबंदी को लेकर गंभीर रहें, इसमें मेरा कुछ भी व्यक्तिगत लाभ नहीं है। बापू भी शराबबंदी के पक्ष में थे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोपालगंज घटना की पूरी तरह से जांच की गई, जिसके आधार पर न्यायालय ने दोषियों को सजा दी है, यह बड़ी बात है। यह समझना चाहिए कि शराबबंदी लोगों के हित में है। बिहार की महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू की गई। युवक-युवतियों की भी यही इच्छा थी। जिस घर में लोग शराब पीते थे, उस घर में काफी परेशानी थी। इन सबको ध्यान में रखते हुए बिहार में शराबबंदी लागू हुई। शराबबंदी से समाज में स्थिति बेहतर हुई है। जब शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया जा रहा था तब एक महिला ने कहा था कि उनके पति जब शराब पीते थे, शाम में घर आकर झगड़ा करते थे और देखने में क्रूर लगते थे लेकिन जब से शराबबंदी लागू हुई है, अब शाम को घर आते हैं तो बाजार से सब्जी खरीदकर लाते हैं, मुस्कुराते हैं और अब दिखने में भी अच्छे लगते हैं।