भोपाल 10 नवम्बर । राजधानी में हुए छात्रा से गैंगरेप की मेडिकल रिपोर्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि गंभीर मामलों में अब एक्सपर्ट के पैनल से एमएलसी कराने पर विचार किया जा रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि इस तरह के मामलों में एक्सपर्ट पैनल से ही मेडिकल कराया जाए। उन्होंने कहा कि इसपर अभी विचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से चर्चा करके ये फैसला ले लिया जाएगा। गैंगरेप पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में सहमति से सहवास लिखने के मामले में सरकार की किरकिरी हुई थी। जिसके बाद दोबारा मेडिकल कराया गया था।
मीडिया से बात करते हुए भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि ‘भगवान न करे कि कभी कोई इस तरह की घटना प्रदेश में हो, परंतु आगे हम इस बात पर विचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से बात करके जल्द फैसला लेने वाले हैं कि भविष्य में ऐसी कोई दुखद घटना होती है और गैंगरेप जैसे मामले आते हैं, तो हम लोग उसमें पैनल से ही एमएलसी कराएंगे। इस पर विचार कर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
भोपाल गैंगरेप पीड़िता का मेडिकल करने वाली लेडी डॉक्टर ने पीड़िता की रिपोर्ट में ‘सहमति से सहवास’ लिखा और जब मामले ने तूल पकड़ा, तो दोबारा जांच हुई। बाद में जांच रिपोर्ट में 4 लोगों द्वारा 6 बार रेप करने की मेडिकल रिपोर्ट तैयार हुई है।attacknews
पीड़िता की दोबारा मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद भोपाल संभाग के कमिश्नर अजातशत्रु श्रीवास्तव ने तीन डॉक्टर को नोटिस जारी किया है। पहली बार मेडिकल करने वाली डॉक्टर से पूछा गया है कि इस मामले में इतनी गंभीर लापरवाही क्यों की गयी। वहीं सुल्तानिया अस्पताल के दो अन्य डॉक्टर को इसी मामले में नोटिस जारी किया गया है।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. करन पीपरे का कहना है कि ‘जिस बात को लेकर मेडिकल रिपोर्ट पर विवाद खड़ा हुआ है, उस तरह के सवाल पीड़िता से करना पुलिस या कानून का काम है। अस्पताल प्रबंधन स्वीकार कर रहा है।’
डॉक्टर पीपरे ने कहा कि इस मामले में एक्सपर्ट डॉक्टर या फिर पैनल से मेडिकल कराया जाना था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने एक ऐसी जूनियर डॉक्टर से मेडिकल कराया, जिसने अभी तक सिर्फ चार एमएलसी की है। डॉक्टर ने अपनी गलती मानते हुए अस्पताल प्रबंधन से कहा है कि ज्यादा काम की वजह से गलती हो गयी।