भोपाल 5 नवम्बर। भोपाल शहर को एक छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना ने हिला कर रख दिया है। इस मामले में वहां की पुलिस कटघरे में हैं लेकिन वहां की महिला एसपी के रवैये ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं,वह आज भी घटना को सामान्य बताकर ठहाका लगाती रही।
इस बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं कि कोई लेडी पुलिस अफसर गैंगरेप की शिकार लड़की की रिपोर्ट दर्ज करने से ही इंकार कर दे? परन्तु भोपाल में ऐसा हुआ है.
भोपाल सुरक्षित शहर माना जाता रहा है. एक छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना और उस पर पुलिसिया रवैये ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. गैंगरेप से पीड़ित छात्रा को भोपाल पुलिस के अफसरों ने थाने-दर थाने चक्कर कटवाए. पीड़ित छात्रा की लेडी आईपीएस अफसर ने भी मदद नहीं की.
गैंगरेप की घटना की रिपोर्ट न लिखने पर जब मीडिया ने इस लेडी अफसर से सवाल किए तो उन्होंने ठहाका लगाते हुए कहा कि इस बारे में पूछे गए सवालों से मेरा सिरदर्द करने लगा है.
इस लेडी अफसर का नाम अनिता मालवीय है. वे 2009 बैच की आईपीएस अफसर हैं.
भोपाल की निर्भया से गैंगरेप रेल की पटरियों के पास नाले में हुआ था. रेलवे पुलिस ने रिपोर्ट न लिखने के पीछे जो कारण बताया वह हैरान करने वाला है.
रेलवे पुलिस का तर्क था कि नाला हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं. हमारी सीमा रेलवे ट्रैक है. माता-पिता दोनों ही पुलिस में होने के बाद भी निर्भया को अपने साथ हुई घटना की एफआईआर कराने में 24 घंटे से भी ज्यादा का समय लगा.
निर्भया के साथ चार आदतन अपराधियों ने गैंगरेप किया. एक अपराधी को पीड़िता के परिजन खुद पकड़कर थाने ले गए. दो आरोपियों को उसकी सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया. चौथा अपराधी रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर है.attacknews
भोपाल की निर्भया से हुई ज्यादती का मामला तूल पकड़ा तो एसपी अनिता मालवीय एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ कर ले आई जो घटना स्थल से दो सौ किलोमीटर दूर इंदौर में थे.
राजेश नामक इस युवक की पत्नी ने जब थाने में हंगामा मचाया तो पुलिस को अपनी गलती मानना पड़ी. आईजी रेल डीपी गुप्ता ने इस गलती पर कहा कि एसपी रेल अनिता मालवीय से इस बारे में पूछा जाएगा.
निर्भया से गैंगरेप रेलवे ट्रेक पर बने नाले के अंदर किया गया.निर्भया 12वीं पास है. उसकी इच्छा प्रशासनिक अधिकारी बनने की है. यूपीएससी की परीक्षा की वह कोचिंग कर रही है. कोचिंग से लौटते वक्त ही उसके साथ यह घटना हुई.
निर्भया की मां की पोस्टिंग भोपाल से लगभग 50 किलोमीटर दूर है. निर्भया भोपाल और विदिशा के बीच अप-डाउन करती है. उसे जीटी एक्सप्रेस से विदिशा जाना था. ट्रेन का समय हो चुका था, इस कारण उसने शॉर्टकट का उपयोग किया.attacknews
रेल की पटरियों के किनारे-किनारे हबीबगंज स्टेशन की ओर चलने लगी. घटना जिस स्थान पर हुई, वहां से आरपीएफ थाना मात्र सौ मीटर की दूरी पर है. घटना 31 अक्टूबर की शाम को हुई.
दरिंदों ने निर्भया को पूरी तरह निर्वस्त्र कर दिया था. तीन घंटे तक उसके साथ ज्यादती की गई. रेलवे ट्रैक पर पड़े पत्थर उठाकर निर्भया ने आरोपी को मारकर अपने बचाव का प्रयास भी किया.
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी गोलू बिहारी ने अपने दोस्त अमर उर्फ गुल्टू को आवाज लगाई. बिहारी और गुल्टू निर्भया को खींचकर नाले में ले गया. बाद में दो और लोगों को बुला लिया. चारों आरोपी उसे मरा समझकर भाग गए. निर्भया किसी तरह आरपीएफ थाने पहुंची. पिता को फोन किया.
बदहवास पिता रिपोर्ट कराने थाने पहुंचे तो जीआरपी थाने ने रिपोर्ट लिखने से इनकार कर दिया. पीड़िता और उसके परिवार को एमपी नगर थाने जाने के लिए कहा गया. एमपी नगर थाने से हबीबगंज थाने जाने की सलाह दी गई. हबीबगंज थाने ने भी यह कहकर रिपोर्ट लिखने से इंकार कर दिया कि घटना स्थल जीआरपी थाना क्षेत्र में आता है. बात बड़े अधिकरियों के कानों तक पहुंची तब जाकर जीआरपी थाने में मामला दर्ज किया गया.
घटना पर पुलिस के असंवेदनशील रवैये की चारों तरफ आलोचना हो रही है. विपक्षी दल लगातार प्रदर्शन कर आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामला जल्द से जल्द फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में सबसे बड़ी चूक थाने में तैनात अमले से हुई है.
टीआई और उससे ऊपर के अधिकारियों को घटना की खबर मीडिया के जरिए लगी. महिलाओं पर होने वाले अपराधों को मामले में सरकार ने पुलिस को सख्त हिदायत दी हुई है कि इस तरह के मामलों में सीमा विवाद में न पड़ा जाए.
सरकार ने निर्भया पेट्रोलिंग की योजना भी चलाई हुई है. 1090 नबंर का कॉल सेंटर भी है. निर्भया पेट्रोलिंग का काम सिर्फ पार्कों में बैठे प्रेमी जोड़ों को खदेड़ने भर का है. गंभीर घटनाओं को रोकने अथवा सुनसान इलाकों में पेट्रोलिंग नहीं की जाती है. घटना से नाराज मुख्यमंत्री ने तीन थाना प्रभारियों को निलंबित कर दिया है.
एमपी नगर के सिटी एसपी का तबादला कर दिया गया है. जीआरपी की एसपी मालवीय पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है. भोपाल की इस सनसनीखेज घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा पर सबसे ज्यादा सवाल खड़े हो रहे हैं.