भोपाल 10 मई । कांग्रेस ने भोपाल से जिन दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है वह दिल्ली के बाटला हाऊस मुठभेड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा के घर उनके परिजनों को सांत्वना देने तो नहीं पहुंचे, लेकिन इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के घर आजमगढ़ में आंसू बहाने जरूर पहुंच गए। यह दिग्विजय सिंह का चरित्र है। वहीं सोनिया गांधी ने इस मुठभेड़ में आतंकियों की मौत पर कहा था कि मुझे पूरी रात नींद नहीं आई। यह कांग्रेस का पाप है। दूसरे मजहब के आतंक से तुलना कर हिन्दू समाज को आतंकवादी बताने और भगवा आतंकवाद शब्द गढऩे की कोशिश की गई। भाजपा आतंकवाद को मजहब के आधार पर नहीं देखती, हम आतंकवाद को आतंकवाद के नजरिए से देखते हैं। मजहब का रंग देने का पाप कांग्रेस और दिग्विजय सिंह ने किया है। इसका हिसाब भोपाल के चुनाव में होगा। मजहबी आतंक के समर्थकों को देश और भोपाल की जनता माफ नहीं करेगी।
यह बात केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि हिन्दू आतंकवाद या भगवा आतंकवाद की कल्पना कांग्रेस और दिग्विजय सिंह का पाप है। इस पास से उन्हें मुक्ति नहीं मिलेगी। जब वह हारेंगे तब एक सबक उन्हें मिलेगा।
श्री जावड़ेकर ने बताया कि एक किताब के विमोचन में दिग्विजय सिंह गए थे, इस पुस्तक का टाईटल था ’26/11 आरएसएस की साजिश। मुंबई पर कसाब और उसके साथी आतंकियों द्वारा किए गए हमले को संघ की साजिश इस पुस्तक में बताया गया। हिन्दू की तुलना सिमी जैसे आतंकी संगठन से की गई। हिन्दू आतंकवाद शब्द गढऩे वाले ऐसे दिग्विजय सिंह को क्या भोपाल की जनता माफ कर पाएगी।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी जिसमें हजारों नागरिक मरे, उस गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी एंडरसन जो उस समय भोपाल में था, उसे सरकारी विमान से देश के बाहर पहुंचाने का काम कांग्रेसी नेताओं ने किया। कांग्रेस के इस चरित्र को भोपाल की जनता याद रखेगी।
1984 में हुए सिख विरोधी दंगों पर सेम पित्रोदा द्वारा दी गई प्रतिक्रिया, ’1984 का दंगा हुआ तो क्या हुआ, हुआ तो हुआ , पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि तीन हजार सिखों के नरसंहार पर कांग्रेस के नेता और राहुल के गुरू, राजीव के सहयोगी सेम पित्रोदा की इस तरह का बयान बहुत ही शर्मनाक है। उन्होंने मांग की कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पित्रोदा के इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी बताएं कि 1984 का सिख नरसंहार, देश का विभाजन, लाखों की संख्या में कश्मीर से विस्थापित कश्मीरी पंडित उनके लिए प्रासंगिक हैं या नहीं। शाहवानों के मामले में जिस तरह से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को पटलाया गया। इस तरह की सांप्रदायिक राजनीति किया जाना प्रासंगिक है कि नहीं।
कांग्रेस मतलब झूठ-कांग्रेस मतलब लूट
श्री जावड़ेकर ने कहा कि मप्र में कांग्रेस की एक्सीडेंटल सरकार है। क्योंकि सरकार बनाने को लेकर केवल तीन सीट का अंतर है। प्रदेश में वोट हमें उनसे ज्यादा मिले हैं जबकि सीटें उन्हें मिलीं।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि इस सरकार की दो माह तक तो एक्सीडेंटल सरकार के रूप में पहचान थी। लेकिन अब इसकी पहचान वादा खिलाफी की सरकार हो गई है। वादा खिलाफी में कर्ज माफी की इतनी चर्चा हुई मप्र में। राहुल गांधी ने एक कागज दिखाकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के भाई का कर्ज माफ होने की बात कही, लेकिन स्वयं कर्जधारक ने आकर स्पष्ट किया है कि वह आयकर दाता हैं तो कर्ज माफ होने का सवाल ही नहीं। इस तरह से ’कांग्रेस मतलब झूंठ-कांग्रेस मतलब लूट्य कांग्रेस की विशेषताएं हैं। बेरोजगारों से बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा भी पूरा नहीं किया। मप्र में पिछली बार भाजपा ने 27 सीट जीती थीं, इस बार हम सभी 29 सीट जीत रहे हैं।
इस बार चुनाव में तीन मुद्दे
श्री जावड़ेकर ने कहा कि इस बार जनता तीन मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री के दावेदारों में नरेन्द्र मोदी, राहुल गांधी के अलावा और भी कई दावेदार हैं। स्वाभाविक रूप से देशवासी मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। इस चुनाव का दूसरा प्रश्न है कि देश को कौन सुरक्षित रखेगा। इसका उत्तर भी साफ है। लोगों को एहसास और विश्वास है कि देश मोदी जी के हाथों में सुरक्षित है। तीसरा प्रश्न कि देश को तरक्की कौन देगा। भारत 2014 में विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था थी, अब 6वीं अर्थ व्यवस्था हैं और चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। इसलिए सुरक्षा, तरक्की और नेतृत्व तीनों का प्रतीक मोदी जी बन गए, इसलिए विरोधी मोदी के पीछे पड़ गए हैं। इसलिए देश में मोदी की जबरदस्त लहर है। भाजपा इस बार अपने बलबूते पर 300 सीट जीतेंगे। जबकि राजग 350 सीटें जीतेगी। हम पूर्ण बहुमत से सरकार में वापसी करेंगे।
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