सहारनपुर, 25 अक्टूबर । भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर ने बीती रात देबवंद दारूल उलूम क्षेत्र पहुंचकर जमीयत उलमाएं हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारूल उलूम के नव नियुक्त सदर मुदर्रिश मौलाना अरशद मदनी से उनके आवास पर पहुंचकर गोपनीय मुलाकात की।
मुलाकात के बाद न तो चंद्रशेखर ने और न ही अरशद मदनी ने दोनो के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा मीडिया को दिया।
मदनी ने कहा कि वह कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं है। चंद्रशेखर उनसे मिलने आए थे। यह मुलाकात महज औपचारिक थी और उसमें राजनीतिक मुद्दो ंपर कोई चर्चा नहीं हुई।
शुक्रवार देर शाम हाईवे स्थित क्षेत्र के गांव मेघराजपुर में पार्टी के कार्यालय का उद्धघाटन करने आए आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद देर रात मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे।
15 मिनट तक बंद कमरे में हुई बातचीत को क्षेत्र में आगमन पर शिष्टाचार की मुलाकात बताया गया।
शनिवार को मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मैं कोई सियासी आदमी नहीं हूं। आजाद मिलने आए थे और मुलाकात कर लौट गए। जबकि चंद्रशेखर के साथ मौलान अरशद के घर पहुंचे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बताया कि चंद्रशेखर आजााद मौलाना मदनी से आर्शीवाद लेने पहुंचे थे। बंद कमरे में क्या बात हुई होगी उन्हें मालुम नहीं है। वर्ष 2018 में भी चंद्रशेखर मौलाना अरशद मदनी से देवबंद आगमन पर मुलाकात कर चुके हैं।
कल पहुंचने पर मौलाना अरशद मदनी ने चंद्रशेखर का खुले दिल से स्वागत करते हुए उनके सिर पर हाथ रखकर अपना आर्शीवाद दिया। इसके उपरांत करीब आधे घंटे तक मौलाना मदनी व चंद्रशेखर के बीच बंद कमरे में वार्ता हुई। जिसके बाद चंद्रशेखर मीडिया से बचते हुए अपनी गाड़ी की ओर रवाना हो गए।
हालांकि इस दौरान एक सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने इतना जरूर कहा कि शोषित, वंचित व पिछड़े समाज को एकजुट करना उनका लक्ष्य है। इनके हक की लड़ाई वह हमेशा लड़ते रहेंगे।
इस दौरान पूर्व मंत्री दददू प्रसाद, भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन, मंजीत नोटियाल, सुशील जायसवाल, अहमद गोड आदि मौजूद रहे।
उधर, मौलाना अरशद मदनी ने भी चंद्रशेखर से हुई मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताते हुए कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। जबकि जमीयत अध्यक्ष व भीम आर्मी संस्थापक की इस गर्मजोश मुलाकात ने चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया है। बहुत से लोग लोग इस मुलाकात को लोकसभा चुनाव से भी जोड़ कर देख रहे हैं।
हालांकि सूत्रों की माने तो भीम आर्मी के बैनर तले दिल्ली में होने वाले किसी बड़े कार्यक्रम की जानकारी व न्यौता देने के लिए चंद्रशेखर मौलाना अरशद मदनी के पास आए थे।
मुस्लिमों और दलितों को एक मंच पर आने की वकालत करने वाले जमीयत अध्यक्ष मौलाना मदनी का भीम आर्मी से पुराना लगाव है।
पूर्व में भीम आर्मी द्वारा दिल्ली में किये गए दो कार्यक्रमों में भी शिरकत के लिए भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वयं देवबंद पहुंच मौलाना को न्यौता दिया था। हालांकि मौलाना मसरूफियत की वजह से उक्त कार्यक्रमों में शिरकत नहीं कर पाए थे लेकिन उन्होंने अपने दूत व पत्र भेजकर भीम आर्मी को अपना समर्थन दिया था।