उज्जैन 22 नवम्बर। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को अपनी फसल का पूरा लाभ नहीं पाने का एक प्रमुख कारण है, बिचौलिये, जो लाभ का अधिक हिस्सा प्राप्त कर लेते हैं। इसके लिये प्रदेश में अभिनव प्रयास किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक नगरीय निकाय में एक किसान बाजार बनाया जायेगा, जहां किसान सीधे उपभोक्ताओं को अपनी फसल बेच सकेंगे। प्रदेश में कुल 378 किसान बाजार बनाये जायेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि किसान के हर संकट में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मेरा कर्तव्य है कि किसानों पर कभी भी मुसीबत नहीं आने दूं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या कोई सोच सकता था कि सरकार प्याज खरीदेगी, किसानों के हित में हमने 8.5 मैट्रिक टन प्याज खरीदकर 650 करोड़ रूपये किसानों के खाते में डाले। सरकार निरन्तर प्रयासरत है कि खेती को लाभ का धंधा कैसे बनाया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “मैंने हल चलाया है और बैल भी चराए हैं, इसलिये मैं किसानों के दर्द को अच्छी तरह समझता हूं।” भावान्तर भुगतान योजना आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी। इस योजना को अन्य राज्य भी अपनायेंगे। भावान्तर भुगतान योजना के तहत 19 लाख किसानों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराये हैं और 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच जिन एक लाख 35 हजार किसानों ने अपनी खरीफ की फसल भावान्तर योजना के तहत बेची है, उनके खाते में 135 करोड़ रूपये की राशि सीधे भेजी जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात बुधवार को मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के तहत किसानों को मॉडल बाजार मूल्य एवं समर्थन मूल्य के अन्तर की राशि अन्तरित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि भावान्तर योजना के तहत सोयाबीन में 470 रूपये प्रति क्विंटल, उड़द में 2400 रूपये प्रति क्विंटल, मूंग में 1455 रूपये प्रति क्विंटल, मूंगफली में 720 रूपये प्रति क्विंटल तथा मक्का में 235 रूपये प्रति क्विंटल का भाव अन्तर किसानों के खातों में अन्तरित की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विशाल किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि नवम्बर माह में उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में 12 वर्ष पूर्ण किये हैं। मुख्यमंत्री बोले कि इस अवधि में उनकी प्रत्येक सांस किसानों के लिये चली है।
पुराने समय की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि पहले बिजली प्रदेश में कभी-कभार आती थी, सिंचाई की व्यवस्था बेकार थी, विगत सालों में किसानों का उत्पादन बढ़ा है और सिंचाई के रकबे में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा का पानी शिप्रा में लाने का कार्य पूर्ण हो गया है, अब नर्मदा को गंभीर से जोड़ने का काम चल रहा है। किसानों को पहले 18 प्रतिशत की दर से कृषि ऋण पर ब्याज देना पड़ता था, जिसे शून्य प्रतिशत कर दिया गया है। यही नहीं खाद-बीज के लिये किसान एक लाख रूपये सरकार से ले जायेगा और 90 हजार वापस करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भावान्तर योजना में जो किसान रजिस्ट्रेशन से वंचित रह गये थे, उनके लिये भी रजिस्ट्रेशन का कार्य 25 नवम्बर तक खुला हुआ है। कृषि कार्य करते हुए यदि किसान की मृत्यु होती है तो उनके परिजनों को चार लाख रूपये की सहायता राशि दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती पर जनसंख्या का बोझ बढ़ रहा है, इसको कम करने के लिये सरकार ने कृषक उद्यमी योजना तैयार की है। जो किसान पुत्र छोटा उद्योग लगाना चाहते हैं, कृषि उपकरण बनाना चाहते हैं, उनको 10 लाख रूपये से लेकर दो करोड़ रूपये तक की राशि दी जायेगी। इस योजना के तहत ऋण की गारंटी मध्य प्रदेश सरकार देगी। एक करोड़ के लोन पर 15 लाख रूपये तथा दो करोड़ के ऋण पर 30 लाख रूपये का अनुदान दिया जायेगा और पांच वर्ष तक पांच प्रतिशत ब्याज दर लगेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश की धरती पर लघु एवं कुटीर उद्योगों का जाल बिछाया जायेगा। मधुमक्खी पालन, पशुपालन को बढ़ावा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि रेत की ठेकेदारों को नीलामी बन्द कर दी गई है। अब पंचायतों को रेत का जिम्मा सौंप दिया गया है। रायल्टी भी एक हजार रूपये के स्थान पर 125 रूपये कर दी गई है। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के लिये पोषण आहार बनाने का कार्य भी स्व-सहायता समूह को सौंप दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अनाज भण्डारण करने पर भण्डार गृह के किराये के एवज में किसान को प्रत्येक क्विंटल 9.90 रूपये सरकार की ओर से सहायता दी जायेगी। समूह में 10 से 20 किसानों को अपनी कम उपज को मंडी तक लाने के लिये किराया भी सरकार ने देने का निर्णय लिया है। किसानों की विद्युत की समस्या को दूर करते हुए 1400 रूपये में स्थाई कनेक्शन प्रदाय किया जायेगा और सोलर पम्प के लिये 80 प्रतिशत राशि सरकार देगी, 20 प्रतिशत किसान को लगाना होगा।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दीप प्रज्वलन कर किसान सम्मेलन का शुभारम्भ किया।
भावान्तर राशि के प्रमाण-पत्र भेंट किये
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन जिले के पांच किसानों को भावान्तर भुगतान राशि के प्रमाण-पत्र एवं कृषक सहकारी ऋण मित्र सम्मान प्रशस्ति-पत्र भेंट किये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्राम टुकराल तहसील तराना के श्री कमलसिंह को भावान्तर भुगतान राशि के तहत 67 हजार 853 रूपये, ग्राम शंकरपुरा घट्टिया के श्री सीताराम को एक लाख 25 हजार रूपये का प्रमाण-पत्र भेंट किया। इसी तरह नान्देड़ तराना के श्री राधेश्याम को कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत ट्रेक्टर हेतु एक लाख रूपये, राघौपिपल्या के श्री चन्द्रप्रकाश को कृषक सहकारी ऋण मित्र सम्मान, करोहन के श्री भंवरसिंह को कृषक सहकारी ऋण मित्र सम्मान प्रशस्ति-पत्र भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन श्री शैलेन्द्र व्यास ‘स्वामी मुस्कुराके’ ने किया। किसान सम्मेलन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रतिभा कला संस्थान की बालिकाओं द्वारा की गई तथा मध्य प्रदेश गान कला पथक दल द्वारा प्रस्तुत किया गया।
432 करोड़ रूपये के कार्यों का शिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन में आयोजित मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के कार्यक्रम में 432 करोड़ रूपये के दो कार्यों का शिलान्यास किया। इसमें रेल्वे समपार क्र. 23 (मोहनपुरा) पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण (लम्बाई 718 मीटर, लागत 30 करोड़ 21 लाख रु.) एवं अमृत मिशन अंतर्गत नगर निगम उज्जैन क्षेत्र में सीवरेज परियोजना प्रथम चरण (लागत 402.1 करोड़) शामिल हैं। attacknews