नयी दिल्ली, 08 मार्च । दिल्ली की एक अदालत ने 2008 बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में अभियुक्त आरिज खान को पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की हत्या के मामले में दोषी करार दिया है।
अदालत ने सोमवार को अपने फैसले में आरिज खान को दिल्ली पुलिस निरीक्षक की हत्या करने तथा अन्य मामलों में दोषी करार दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा,“ यह प्रमाणित हो चुका है कि आरिज खान ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पुलिस अधिकारी मोहन चंद शर्मा की हत्या की है। ”
पैंतीस वर्षीय आरिज खान कथित रूप से इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा हुआ है। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 10 वर्षों से फरार चल रहे आरिज खान को फरवरी 2018 में गिरफ्तार कर लिया था।
आरिज खान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 333 और 353 के विभिन्न मामले दर्ज किए गए हैं।
गौरतलब है कि 19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा और इंडियन मुजाहिद्दीन के कथित आतंकवादियों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी जिसमें दो आतंकवादी मारे गए थे। इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादी राजधानी दिल्ली में सिलसिलेवार बम धमाके के आरोपी हैं।
बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के आरिज खान को दोषी करार दिया है। अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 186, 353, 333, 302, 207, 174A और 34 के तहत दोषी पाया है। सजा का ऐलान 15 मार्च को किया जाएगा। एनकाउंटर के वक्त आरिज भागने में कामयाब रहा था। 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के बाद से ही आरिज फरार था और 2018 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया।
आतंकी आरिज खान को बाटला हाउस एनकाउंटर में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर मोहन शर्मा की हत्या के लिए दोषी बनाया गया है। वहीं पुलिसकर्मी बलवंत सिंह-राजवीर को जान से मारने की कोशिश भी आरिज ने की थी। अदालन आरिज को दोषी करार देते हुए जांच अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो आरिज के परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी लेकर अदालत को बताएं। इसी के बाद कोर्ट यह तय करेगी कि उसके परिवार से कितनी राशि वसूल की जा सकती है।
बता दें कि 13 सिंतबर साल 2008 में दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में बम धमाके हुए थे, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 133 गंभीर रुप से घायल भी हुए थे। दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों ने जांच में पाया था कि इस बम ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया। आरिज ने साथी साजिद के साथ दिल्ली की लाजपत राय मार्केट से अलार्म घड़ी, सर्किट वायर, प्रेशर कुकर और दूसरे सामान लाया। जिसके बाद उसने आतिफ आमीन के साथ जीके एम ब्लॉक मार्केट में बम रखा।
बटला हाउस एनकाउंटर जिसे आधिकारिक तौर पर ऑपरेशन बाटला हाउस के रूप में जाना जाता है। सितंबर 19, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ की गयी मुठभेड़ थी, जिसमें दो संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए, दो अन्य संदिग्ध सैफ मोहम्मद और आरिज़ खान भागने में कामयाब हो गए, जबकि एक और आरोपी ज़ीशान को गिरफ्तार कर लिया गया।
इस मुठभेड़ का नेतृत्व कर रहे एनकाउंटर विशेषज्ञ और दिल्ली पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा इस घटना में शहीद हो गए।
मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों की गिरफ्तारी हुई, जिसके खिलाफ अनेक राजनीतिक दलों(राजनीति करने के मकसद से), कार्यकर्ताओं और विशेष रूप से जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने व्यापक रूप से विरोध प्रदर्शन किया। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसे कई राजनीतिक संगठनों ने संसद में मुठभेड़ की न्यायिक जांच करने की मांग उठाई, और बाद में जैसे-जैसे समाचार पत्रों में मुठभेड़ के “नए संस्करण” प्रदर्शित होने लगे।