ढाका, 21 फरवरी । बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक पुराने इलाके में रासायनिक गोदामों के रूप में इस्तेमाल होने वाली अनेक इमारतों में बुधवार रात को भयानक आग लगने से कम से कम 85 लोग मारे गए तथा कई घायल हो गए।
तेजी से फैलती आग ने आसपास की इमारतों को भी चपेट में ले लिया।
दमकल अधिकारियों ने बताया कि ढाका के पुराने इलाके चौकबाजार में एक मस्जिद के पीछे हाजी वाहिद मैंशन नाम की चार मंजिला इमारत के भूतल पर रासायनिक गोदाम में आग लगी और तेजी से एक सामुदायिक केंद्र समेत आसपास की चार अन्य इमारतों में फैल गई।
ढाका साउथ के मेयर सईद खोकोन ने बताया ‘‘आग बुझाने का काम समाप्त हो रहा है।’’
दमकल अधिकारियों ने बताया कि आग से अब तक 85 लोगों की मौत हो चुकी है।
ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस (डीएमपी) के अधिकारियों ने कहा कि इलाके में रसायनों के कई गोदाम होने से आग तेजी से फैली।
दमकल सेवा नियंत्रण कक्ष के प्रवक्ता कमरूल अहसन ने 81 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की।
सरकारी ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल एकेएम नसीरूद्दीन ने बताया कि 78 शव अस्पताल में रखे गए हैं।
उन्होंने आशंका जताई कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर है जिनका बर्न यूनिट में इलाज चल रहा है।
खोकोन ने करीब 14 घंटे की कोशिश के बाद दोपहर 12 बज कर दस मिनट पर बचाव अभियान बंद कर दिया।
37 दमकल वाहनों और 200 दमकल कर्मियों की मदद से आग बुझाई गई। संकरी गलियां होने की वजह से दमकल वाहनों को मौके तक पहुंचने में दिक्कत हुई।
बांग्लादेश दमकल सेवा के प्रमुख अली अहमद ने बताया कि ढाका के पुराने इलाके चौकबाजार में आग गैस सिलेंडर से लगी होगी जिसके बाद वह तेजी से पूरी इमारत में फैल गई जहां ज्वलनशील पदार्थों का भंडार था।
उन्होंने कहा, ‘‘आग की लपटें उससे जुड़ी चार इमारतों तक भी फैल गई। इनका रासायनिक गोदामों के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। जब आग लगी तब ट्रैफिक जाम लगा हुआ था इसलिए लोग भाग नहीं पाए।’’
टीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि एक इमारत का मुख्य द्वार बंद है जिससे लोग अंदर ही फंसे रह गए और भाग नहीं पाए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पीड़ितों में इमारत के पास से गुजर रहे लोग, नजदीक के ही रेस्त्रां में खाना खा रहे लोग और एक शादी समारोह के कुछ सदस्य शामिल हैं।
ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बर्न यूनिट और सर सलीमुल्ला मेडिकल कॉलेज में 50 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है।
इमारत से कूदने के कारण कई लोग घायल हो गए।
इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि दमकल की 37 गाड़ियां घटनास्थल रवाना हुई लेकिन संकरी गलियां होने के कारण उन्हें वहां तक पहुंचने में दिक्कत हुई। उन्हें आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टरों और लंबे पाइपों का इस्तेमाल करना पड़ा।
अतिरिक्त उपायुक्त शफीकुल ने बताया कि जिला प्रशासन पीड़ित परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए 20,000 टका (238 अमेरिकी डॉलर) की राशि मुहैया कराएगा।
राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लोगों की मौत पर शोक जताया और घायलों के बेहतरीन इलाज के आदेश दिए हैं। सरकारी अस्पतालों को घायलों का मुफ्त इलाज करने के लिए कहा गया है।
मीडिया की खबरों के अनुसार, जिस इमारत में आग लगी, अब नुकसान की वजह से उसके ढहने का खतरा है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, इमारत की पहली मंजिल का इस्तेमाल प्लास्टिक के सामान, कॉस्मेटिक्स और परफ्यूम के गोदाम के रूप में किया जाता था। कुछ परिवार ऊपरी मंजिलों पर रहते थे।
जिस भूतल से आग लगी वहां पर कई दुकानें थी।
इमारत में आग लगने के तुरंत बाद एक बिजली का ट्रांसफॉर्मर फट गया जिससे वहां गली में खड़ी कई कारों में आग लग गई। नजदीक के सामुदायिक केंद्र में शादी समारोह के कारण गली में लोग भरे हुए थे।
आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच समिति गठित कर दी गई है।
गौरतलब है कि ढाका की एक पुरानी इमारत में 2010 में आग की ऐसी ही घटना में 120 से अधिक लोग मारे गए थे। इसे बांग्लादेश में आग लगने की सबसे खतरनाक घटना बताया जाता है।
इससे जन आक्रोश पैदा हुआ था और लोगों ने रासायनिक गोदामों और भंडारों को इलाके से स्थानांतरित करने की मांग की थी लेकिन पिछले नौ वर्षों में इस दिशा में कुछ खास नहीं हुआ।
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