नयी दिल्ली 29 दिसम्बर । बंगलादेश बार्डर गार्ड (बीजीबी) ने कहा है कि वह किसी भी संगठन को अपनी जमीन से भारत विरोधी गतिविधि नहीं चलाने देगा और इनमें लिप्त पाये जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) और (बी.जी.बी.) के बीच आज यहां संपन्न हुए 49 वें महानिदेशक स्तरीय सीमा समन्वय सम्मेलन में इस बात पर सहमति बनी। सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व बी.एस.एफ के महानिदेशक विवेक जौहरी तथा बी.जी.बी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मेजर जनरल मोहम्मद शफीनुल इस्लाम ने किया।
सम्मेलन में दोनों पक्षों ने अवैध रूप से घुसपैठ करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की और घुसपैठ की संभावना वाले क्षेत्रों में गश्त तेज करने पर भी वे एकमत थे।
सीमा पर बंगलादेशी नागरिकों की मौत की घटनाओं के बारे में यह सहमति बनी कि बीएसएफ के जवान जानलेवा हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने की नीति का सख्ती से पालन करेंगे। यह भी कहा गया कि फायरिंग का विकल्प आत्मरक्षा के लिए ही किया जायेगा। भारत की ओर से स्पष्ट किया गया कि बीएसएफ नागरिकता के आधार पर अपराधियों के साथ भेदभाव नहीं करती।
दोनों देशों के बीच इस तरह के सम्मेलन का आयोजन बीते कई दशकों से लगातार किया जा रहा है। वर्ष में दो बार होने वाले इस सम्मेलन का आयोजन बारी बारी किया जाता है पिछला सम्मेलन ढाका में हुआ था। दोनों देशों के सीमा रक्षक बलों द्वारा सीमा पर एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली की स्थापना की गई है जिसके माध्यम से सीमा रक्षा तथा सीमा प्रबंधन से जुड़े मुद्दों का उचित निदान आपसी सहयोग और समन्वय स्थापित कर सुनिश्चित किया जा रहा है।
सम्मेलन में दोनों पक्षों के बीच बातचीत मादक पदार्थों, सोना, नकली मुद्रा तथा मवेशियों की तस्करी तक ही सीमित नहीं रही, सीमा सुरक्षा बल द्वारा भारत विरोधी समूहों के खिलाफ कार्रवाई, अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 150 गज के भीतर बाड़ का निर्माण, नागरिकों का अवैध आव्रजन, सीमा सुरक्षा बल कार्मिकों पर हमले तथा उनकी हत्याओं जैसे गंभीर विषयों पर विस्तारपूर्वक विचार विमर्श किया गया। वहीं भौगोलिक परिस्थितियों तथा प्राकृतिक कठिनाईयों के चलते उत्पन्न समस्याओं पर भी गहन अध्ययन किया गया।
नागरिकता रजिस्टर भारत का आंतिरक मामला : बंगलादेश बार्डर गार्ड
बंगलादेश बार्डर गार्ड (बीजीबी) के महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद शफीनुल इस्लाम ने आज कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है।
सीमा सुरक्षा बल और बीजीबी के बीच यहां महानिदेशक स्तर के सम्मेलन के बाद संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में मेजर जनरल इस्लाम ने एनआरसी के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ और बीजीबी के बीच अच्छा सहयोग है तथा उनका बल सीमा पार से घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए हर संभव कदम उठाता रहेगा।
पश्चिम बंगाल से लगती सीमा की ओर से अवैध बंगलादेशियों की संख्या हाल ही में अचानक बढने के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजीबी को इस तरह की जानकारी नहीं है।
हालाकि उन्होंने कहा कि बंगलादेश के करीब 300 नागरिक इस वर्ष कई बार भारत के सीमावर्ती गांवों में अपने परिचितों से मिलने गये लेकिन वे वापस लौट आते हैं।
बीएसएफ के महानिदेशक विवेक जोहरी ने कहा कि सीमा पर कई गांव बसे हुए हैं और इनमें से कुछ दोनों देशों में बंटे हुए है। इनके आवागमन को नियंत्रण में रखना और इनकी गतिविधियों पर निगरानी रखना दोनों बलों के लिए चुनौती है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में एक सीमावर्ती गांव में एक व्यक्ति की मौत के बाद भारत की ओर से 100 से भी अधिक लोग वहां जाना चाहते थे। विवाह और अन्य समारोह में भी लोगों को आवागमन होता है इस तरह की स्थिति में हम बीजीपी की सहमति से इन लोगों को वहां जाने देते हैं।
गत वर्ष अक्टूबर में बीएसएफ के एक जवान की बीजीबी की ओर से फायरिंग में मौत से संबंधित सवाल पर मेजर जनरल इस्लाम ने कहा कि इसकी जांच चल रही है। इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने पर इस मामले में उचित कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिस भारतीय मछुआरे ने समुद्री सीमा का उल्लंघन किया था उसे गिरफ्तार किया गया था और स्थानीय पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
श्री जोहरी और बीजीबी महानिदेशक दोनों ने कहा कि ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग इस मामले में स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है और उम्मीद है कि वह मछुआरा जल्द ही रिहा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। इस बारे में मानक प्रक्रिया की समीक्षा की गयी है और जिन बातों पर सहमति बनी है उन्हें नयी मानक प्रक्रिया में जोड़ा जायेगा।
मेजर जनरल इस्लाम के नेतृत्व में बीजीबी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 49 वें महानिदेशक स्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए यहां आया हुआ है।