वाराणसी, 22 नवम्बर । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) प्रशासन के आश्वासन के बाद यहां के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में जारी छात्रों का धरना 15 वें दिन शुक्रवार को समाप्त हो गया, लेकिन आंदोलनकारियों ने परीक्षा एवं कक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा के साथ मांगें नहीं मानने पर जोरदार आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे शोध छात्र चक्रपाणि ओझा ने संवाददाताओं से कहा कि मांगों का एक ज्ञापन विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया गया है और जवाब 10 दिनों के भीतर देने का लिखित आश्वासन छात्रों को दिया गया है। इस आधार पर यह धरना स्थगित किया गया लेकिन प्रो0 खान को वर्तमान स्थान से हटाने की मांग माने जाने तक विरोध जारी रहेगा। संकाय के विद्यार्थी अपनी कक्षाओं और परीक्षाओं का वहिष्कार कर रोष प्रकट करते रहेंगे।
ओझा ने चेतावनी देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्धारित 10 दिनों में छात्रों के मांगों लिखित जवाब नहीं दिया तो वे बड़ा पैमाने पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
उन्होंने विश्वविद्यालय के विभिन्न अधिकारियों से कई दौर की वार्ता के बाद धरना समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा, “आज संघर्ष को विराम दे रहे हैं लेकिन हमारी ये लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब मांगें मानी नहीं जाती।”
इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने संकाय को फिर खोलने की घोषणा की है। ऐसे में माना जा रहा है कि खान की नियुक्ति को लेकर जारी गतिरोध खत्म हो गया है।
इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि वह छात्रों के विरोध से सहमत नहीं है।
एक बयान में आरएसएस नेता जय प्रकाश लाल ने कहा कि संगठन के नेताओं के साथ वाराणसी में एक बैठक हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि बीएचयू छात्रों के एक हिस्से का विरोध गलत है।
बीएचयू ने गुरुवार को ट्वीट किया, “काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय को फिर खोल दिया गया है।”
विरोध करने वाले छात्रों ने 15 वें दिन अपना धरना खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि धर्म विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष द्वारा जांच का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने धरना खत्म किया है।
विरोध करने वालों में ज्यादातर आरएसएस से जुड़े एबीवीपी से संबंधित हैं। उनका कहना था कि धर्म विज्ञान संकाय में सिर्फ एक हिंदू ही पढ़ा सकता है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के विरोध में धरने पर बैठे छात्रों से कुलपति, संकाय प्रमुख एवं विभागाध्यक्ष समेत वरिष्ठ शिक्षक और अन्य अधिकारियों ने कल वार्ता की थी, जिसके बाद विभाग का ताला खोल दिया गया।
बीएचयू के छात्र और एबीवीपी नेता चक्रपाणि ओझा ने कहा कि धर्म विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष ने शुक्रवार को छात्रों से भेंट की और जांच का भरोसा दिया।
उन्होंने कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वह लोग अपना प्रदर्शन फिर शुरू कर देंगे।