बड़वानी 28 नवंबर । मध्यप्रदेश की बड़वानी थाना पुलिस ने भूमि का गलत नामांतरण, बंटवारा और डायवर्शन कर शासन के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में बड़वानी के डिप्टी कलेक्टर व पूर्व तहसीलदार समेत आज पांच लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
बड़वानी कोतवाली के नगर निरीक्षक राजेश यादव ने बताया कि एनवीडीए के भू अर्जन अधिकारी शिवप्रसाद मंडराह के जांच प्रतिवेदन के आधार पर बड़वानी के डिप्टी कलेक्टर तथा तत्कालीन एसडीएम महेश कुमार बड़ोले, तत्कालीन तहसीलदार बड़वानी आदर्श शर्मा, तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल, तत्कालीन रीडर टू एसडीएम बाबूलाल मालवीय तथा उसकी बहन कला बाई के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
जांच रिपोर्ट: बड़वानी में भू-अर्जन के बड़े धोखाधड़ी के मामले में पटवारी निलंबित और एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा
इससे पहले 17 अक्टूबर को बड़वानी के जिला कलेक्टर ने भू-अर्जन के प्रकरणों में आवेदकों से मिलीभगत कर ढाई करोड रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाने के मामले में एक पटवारी को निलंबित कर दिया था ।
जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बताया था कि बड़वानी तहसील के हल्का नंबर 4 के तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल को निलंबित कर दिया गया है, जबकि मामले में संलिप्तता पाए जाने के चलते एसडीएम महेश बडोले तथा तत्कालीन तहसीलदार आदर्श शर्मा के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए शासन को अनुशंसा की है।
उन्होंने कहा था कि साथ ही दोषियों पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है।
यह हैं मामला:
बड़वानी कलेक्टर ने सुनियोजित रूप से षड्यंत्र कर भू अर्जन प्रकरणों में शासन के साथ धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए हड़पने वाले गिरोह को पकड़ा था:
आवेदकों से मिलीभगत कर शासन को लगभग ढाई करोड़ रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाने का प्रयास करने वाले तत्कालीन एसडीएम महेश बडोले , तहसीलदार आदर्श शर्मा व पटवारी के आवेदक से मिलकर अमानत में खयानत का दूसरा प्रकरण कलेक्टर बड़वानी ने पकड़ा:
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पटवारी को किया था निलंबित, दोषियों पर कराई जाएगी एफआईआर , संलिप्त अधिकारीयों के विरुद्ध होगी विभागीय कार्यवाही भी:
कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बड़वानी तहसील के हल्का नंबर 4 के तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल को भू अभिलेख रिकॉर्ड अद्यतन नहीं करने, विधि विरुद्ध बटांकन प्रस्तावित कर नामांतरण / बंटवारा कराने में गंभीर अनियमितता एवं पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने, आवेदकों से मिलीभगत कर सुनियोजित षड्यंत्र पूर्वक शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने ( अवार्ड की राशि 143 9593 रुपए से बढ़कर, 2534 0394 रुपए हो जाने से शासन को 23900801 रुपए की क्षति होने से ) का भरसक प्रयास करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार आवेदिका श्रीमती मीना पति श्री रमेशचंद्र ओचानी निवासी राजघाट रोड बड़वानी के मालिकी एवं आधिपत्य की सेगांव में स्थित 1 एकड़ भूमि सर्वे नंबर 61/ 8 जो व्यवसायिक प्रयोजन हेतु अनुभाग अधिकारी राजस्व बड़वानी द्वारा सन 2005 -06 में पारित आदेश द्वारा व्यपवर्तित थी।
श्रीमती मीना ओचानी ने सन 2011-12 में इस व्यवसायिक व्यपवर्तित भूमि को पुनः अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी के द्वारा कृषि प्रयोजन में व्यपवर्तित कराई, और इस 1 एकड़ भूमि को 31 मार्च 2012 को तीन लोगों क्रमशः श्रीमती कमला बाई पति गजानंद कलाल निवासी बड़दा, राजेश पिता हीरालाल पाटीदार तथा लक्ष्मीनारायण पिता शंकरलाल गुप्ता निवासी लोहारी को 0.135 हेक्टर भूमि विक्रय की गई । इस विक्रत भूमि का नामांतरण 25 जनवरी 2014 को तत्कालीन तहसीलदार बड़वानी श्री महेश बडोले द्वारा स्वीकृत किया गया था।
किंतु पटवारी गंगाराम द्वारा इस आदेश पर अमल नहीं करते हुए उक्त भूमि को मूल खातेदार के नाम ही दर्ज रखी गई व स्वीकृत बटांकन अनुसार खसरे में त्रुटिपूर्ण बटेनंबर दर्ज किए गए । तथा सन् 2013 से 2017 तक रिकॉर्ड अद्यतन नहीं किया गया।
जिससे 21 अगस्त 2018 को सर्वे नंबर 81/ 11 रकबा 0.138 हेक्टेयर को पारिवारिक आपसी नामांतरण, बंटवारा हेतु श्रीमती कमला बाई, पारूवाई, कलाबाई द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया। जबकि इस भूमि पर कलाबाई का कोई स्वत्व ही नहीं था। तत्कालीन तहसीलदार श्री आदर्श शर्मा द्वारा 22 अगस्त 2016 को उक्त भूमि पर कमलाबाई, पारूबाई का नाम कम कर अवैधानिक रूप से कला बाई का नाम दर्ज किया गया।
इसी भूमि का विधि विरुद्ध डायवर्सन प्रवाचक बाबूलाल मालवीय द्वारा तत्कालीन SDM महेश बडोले से मिलकर अपनी सगी बहन कलाबाई के नाम से कराया गया।
जिसके कारण प्रश्नाधीन भूमि के अर्जन में कलाबाई के नाम से रेफरेंस प्रकरण में अवार्ड राशि 1439593 रुपए के स्थान पर 25340394 रुपए का मुआवजा अधिनिर्णय पारित हुआ।
जिसके कारण कलेक्टर ने प्रश्नाधीन भूमि के डायवर्जन, नामांतरण, बंटवारा एवं भू अभिलेख रिकॉर्ड अपडेशन, खसरों को अद्यतन नहीं करने तथा विधि विरुद्ध कार्य कर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने के कारण पटवारी रेवाराम गंगवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। संलिप्त सभी अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी प्रस्तावित की गई । दोषियों पर FIR भी कराई जा रही है । कलेक्टर ने कुछ और प्रकरण भी पकड़े हैं। अनेक अन्य प्रकरण भी सामने आने की सम्भावना है।