अयोध्या 03 अगस्त ।अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन पांच अगस्त को होगा लेकिन पूजा का कार्यक्रम आज से ही शुरू हो गया जो 5 अगस्त तक चलेगा ।
समूची अयोध्या रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के उल्लास में डूबी नजर आ रही है। घर-घर में तैयारी और उल्लास का माहौल है। भूमिपूजन शुरू हो चुका है। सड़कों-गलियों से लेकर छतों पर केसरिया पताके लहरा रही हैं। दीवारों पर रामायणकालीन नयनाभिराम दृष्य रामनगरी की अलौकिकता बयां कर रहे हैं। पूरे अयोध्या को पीले रंग में रंग दिया गया है ।
साकेत कॉलेज से भूमि पूलन स्थल तक हर घर ओर दुकानों का रंग पीला किया गया हे । यहां तक कि बिजली के पोल भी पीले नजर आ रहे हैं ।
योगी ने की मोदी के अयोध्या दौरे के तैयारियों की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अयोध्या में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की।
श्री योगी ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान पूर्ण रूप से कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पालन किया जाये तथा सोशल डिस्टेंसिग पर विशेष बल दिया जाये। मुख्य स्थलों जैसे-हेलीपैड, हनुमानगढ़ी, श्रीराम जन्मभूमि परिसर आदि सहित अलग-अलग स्थानों पर वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया जाये। जहां जिसकी तैनाती हो वे वहां पर एलर्ट रहें। मैन पावर की आवश्यकता हो तो शासन के विशेष स्तर के अधिकारियाें, अन्य समकक्ष या पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियाें की ड्यूटी लगाई जाए।
राम मंदिर का भूमि पूजन ‘ऐतिहासिक और भावनात्मक’ आयोजन :योगी आदित्यनाथ
अयोध्या में भूमि पूजन को ‘ऐतिहासिक और भावनात्मक’ आयोजन बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा और अनुरोध किया कि जो लोग आमंत्रित हैं, वही अयोध्या आएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को अयोध्या के दौरे पर रहे । वह पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वहां मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के मद्देनजर तैयारियों का जायजा लेने रामलला की नगरी पहुंचे।
योगी ने कहा, ‘यह आयोजन न केवल ऐतिहासिक है बल्कि एक भावनात्मक क्षण है क्योंकि पांच सौ साल बाद राम मंदिर का काम आरंभ होने जा रहा है। यह नवभारत का निर्माण होगा। इस आयोजन के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन किया जाएगा। मैं अपील करता हूं केवल जो लोग आमंत्रित हैं वह ही अयोध्या आएं, बाकी लोग अपने-अपने स्थानों पर रहें।’ उन्होंने कहा, ‘चार और पांच अगस्त को हम लोग दीये जलायें, मंदिरों को सजायें, दीपोत्सव मनायें और रामायण का पाठ करते हुये उन लोगों को याद करें जिन्होंने मंदिर के लिये अपने प्राणों की आहुति दी ।’ उन्होंने कहा कि तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी और ”मैं तैयारियों की समीक्षा करने ही आज यहां आया हूं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के 135 करोड़ लोगों का नेतृत्व कर रहे है, इसलिये हर एक को अपने घर और आश्रम में रहना चाहिए ताकि कार्यक्रम का सफल आयोजन हो सके ।
अयोध्या आने के इच्छुक भक्तों को आश्वस्त करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘कोरोना महामारी खत्म होने के बाद एक ऐसा कार्यक्रम बनाया जाएगा जिससे हर जिले के लोग यहां आ सकें ।’ कांग्रेस का नाम लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग ‘नकारात्मक टिप्पणियां’ कर रहे हैं, वह केवल मंदिर निर्माण के कार्य में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री दोपहर बाद अयोध्या पहुंचे और उन्होंने भूमि पूजन स्थल का निरीक्षण कया। वह हनुमानगढ़ी भी गये वहां उन्होंने पूजा अर्चना की और तैयारियों के बाबत अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये ।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से आयोजन स्थल पर तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली ।
मुख्यमंत्री को रविवार को अयोध्या जाना था लेकिन उप्र की कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरूण के निधन के कारण उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था।
पांच अगस्त को अभेद्य दुर्ग में तब्दील होगी राजा राम की अयोध्या
उत्तर प्रदेश में भगवान राम की नगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच अगस्त को भूमि पूजन के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है।
अधिकृत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पांच अगस्त को नरेन्द्र मोदी के अयोध्या आगमन और राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम को देखते हुए पूरे जिले को अभेद किले में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है। इतना ही नहीं भूमि पूजन वाले दिन एक साथ पांच लोग इकट्ठा नहीं होंगे और एक दिन पहले ही अयोध्या की सीमायें सील कर दी जायेंगी। यानी जितने भी आमंत्रित मेहमान होंगे वह चार अगस्त अयोध्या पहुंच जायेंगे।
भूमिपूजन के कार्यक्रम में सीमित संख्या में किये गये है आमंत्रित: डॉ0 शर्मा
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा है कि कोविड-19 के मद्देनजर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के भूमिपूजन कार्यक्रम में सीमित संख्या में लोगों को आमंत्रित किया गया है।
डॉ0 शर्मा ने सोमवार को यहां लोकभवन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भव्य और दिव्य श्रीराम मन्दिर की आधारशिला पांच अगस्त को अयोध्या धाम में रखी जाएगी। कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा भूमिपूजन/शिलान्यास के कार्यक्रम के लिए सीमित संख्या में महानुभाव आमंत्रित किये गये हैं।
बाबरी के पक्षकार को भी भूमि पूजन का आमंत्रण
राम जन्मभूमि की जमीन के मालिकाना हक के मुकदमें में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी राममंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन में शामिल होने का आमंत्रण मिला है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाले ऐतिहासिक भूमि पूजन को लेकर अयोध्या उत्सव में लीन है। आयोजन को लेकर हर धर्म के लोगों में खुशी का माहौल है। आमंत्रण मिलने के बाद इकबाल अंसारी ने कहा कि यह प्रभू राम की इच्छा थी कि मुझे भी बुलाया गया ।
अयोध्या में श्री राम मंदिर भूमि पूजन में बस्ती की पवित्र माटी और जल भी
उत्तर प्रदेश के बस्ती मंडल के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों से मिट्टी और जल अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर भूमि पूजन शिलान्यास में शामिल करने के लिए भेजा गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे भारतीय जनता पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र नाथ तिवारी ने आज यहां कहा कि बस्ती मंडल के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों से मिट्टी और जल एकत्र कर अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर भूमि पूजन में भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि बस्ती जिले के ऐतिहासिक मखौड़ा धाम से मिट्टी और मनोरमा नदी का पवित्र जल,श्रृंगी नारी धाम से शांता देवी मंदिर की मिट्टी, रामरेखा नदी का पवित्र जल तथा लालगंज क्षेत्र में स्थित उदालक मुनि की तपोस्थली शेर संगम का पवित्र जल और बाबा मुक्तेश्वर नाथ शिव मंदिर से पवित्र मिट्टी , सिद्धार्थनगर जिले के श्री राम के भाई भरत की तपोस्थली भारत भारी से पवित्र मिट्टी और जल कलश गौतम बुद्ध की जन्मस्थली कपिलवस्तु से मिट्टी और जल ,संत कबीर नगर जिले के सूफी संत कबीर दास की तपोस्थली मगहर की मिट्टी और आमी नदी का पवित्र जल अयोध्या भेज कर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के पदाधिकारियों को सौंपा गया है।
नरेन्द्र गिरि को श्रीराम मंदिर भूमि पूजन का न्योता
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
महंत गिरि ने रविवार को बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए उन्हें निमंत्रण पत्र भेजा है। वह और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी चार अगस्त को अयोध्या में संपन्न होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए प्रस्थान करेंगे।
शिवराज का अनुरोध, चार अगस्त की रात में दीपमालाएं जलाएं
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ होने पर पूरे देशवासी प्रसन्न हैं। उन्होंने सभी से चार अगस्त की रात्रि में अपने अपने घर पर दीपमालाएं अौर विद्युत बल्व की लड़ियां लगाने का अनुरोध किया है।
श्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है ‘हम पर प्रभु श्रीराम की असीम कृपा है। राम हमारे अस्तित्व हैं, राम हमारे आराध्य हैं, राम हमारे भगवान हैं और राम भारत की पहचान हैं। मैं और देश-प्रदेश की जनता पाँच अगस्त की उस शुभ घड़ी का इंतज़ार कर रहे हैं जिसके लिए असंख्य लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया।
राम मंदिर निर्माण के लिये मुसलमानो ने भी उठाई थी आवाज़
उत्तर प्रदेश में राम की नगरी अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के साथ सदियों पुराना सपना पूरा हो जायेगा लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि रामपुर के मुसलमानो ने मंदिर निर्माण के समर्थन में दिल्ली के जंतर मंतर में आवाज उठायी थी।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले रामपुर के मुसलमान श्रीमान मंदिर निर्माण के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने में शामिल हुए थे। भव्य राम मंदिर की मांग की मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के तत्कालीन ज़िला संयोजक फैसल मुमताज़ के नेतृत्व में दर्जनों मुसलमानों ने कार्यक्रम में शिरकत की थी। देश में पहली बार ऐसा हुआ था की देश के मुसलमान पहली बार किसी इतनी जटिल समस्या के समाधान की लीड कर रहे थे। इनका नारा था “मुसलमानों ने ठाना है झगड़े को हमेशा के लिए मिटाना है।”
रामचन्द्र परमहंस दास द्वारा दान की गयी शिला से हो भूमि पूजन : सुरेश दास
दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन में मंदिर आंदोलन के प्रणेता स्वामी रामचन्द्र परमहंस दास द्वारा वर्ष 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गयी शिला का उपयोग किया जाये।
महंत सुरेश दास ने श्री मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि मंदिर आंदोलन के जनक साकेतवासी स्वामी रामचन्द्र परमहंस दास ने वर्ष 1949 में विवादित स्थल पर मूर्ति रखी, 1989 में शिलान्यास करने और 2002 में शिलादान कर मंदिर आंदोलन को आगे बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। कानूनी अड़चन की वजह से शिला को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दूत शत्रुधन सिंह ने स्वीकार किया था।
जौनपुर : दस हजार दीपों से जगमग होगा सीता का प्रिय नगर शाहगंज
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के लिए भूमि पूजन के अवसर पर माता सीता को प्रिय शाहगंज नगर दस हजार से अधिक दीपों से जगमग होगा। हर तरफ भव्य सजावट की जाएगी। सभी प्रमुख मंदिरों को सजाया जाएगा। इसकी तैयार जोरों पर चल रही है।
शाहगंज नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश जायसवाल के साथ ही नगर के अन्य लोगों व नगरपालिका अध्यक्ष गीता जायसवाल व उनके पति प्रदीप जायसवाल द्वारा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए पूर्व अध्यक्ष ने दस हजार मिट्टी के दीये मंगवाएं हैं। जिसका वितरण रविवार से नगर क्षेत्र में घर-घर कराया जा रहा है। सोमवार को स्वयं नगरपालिका अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष के द्वारा नगर में वितरण किया जा रहा है।
शिलान्यास के समय सरयू के किनारे पर रहेंगी उमा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने आज कहा कि जबसे उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं के कोरोना पॉजीटिव होने के बारे में सुना है, तबसे वे अयोध्या में मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के लिए चिंतित हैं। वे शिलान्यास कार्यक्रम के मुहूर्त पर अयोध्या में सरयू नदी के किनारे पर रहेंगी।
सुश्री भारती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा है ”कल जबसे मैंने श्री अमित शाह जी तथा भाजपा उप्र के नेताओं के बारे में कोरोना पोज़िटिव होने का सुना, तभी से मैं अयोध्या में मंदिर के शिलान्यास में उपस्थित लोगों के लिये ख़ासकर श्री नरेंद्र मोदी जी के लिए चिंतित हूं। मैं भोपाल से आज रवाना होऊंगी।
कल शाम अयोध्या पहुँचने तक मेरी किसी संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती हैं, ऐसी स्थिति में जहाँ नरेंद्र मोदी और सैकड़ों लोग उपस्थित हों, मैं उस स्थान से दूरी रखूँगी तथा नरेंद्र मोदी और सभी समूह के चले जाने के बाद ही मैं रामलला के दर्शन करने पहुँचूँगी। इसलिए मैंने रामजन्मभूमि न्यास के अधिकारियों को सूचना दी है कि शिलान्यास के कार्यक्रम के मुहूर्त पर मैं अयोध्या में सरयू के किनारे पर रहूंगी।”
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती को मंदिर के भूमि पूजन पर मिला आमंत्रण
उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के विशिष्ट अतिथियों में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती को भगवान श्री राम के मंदिर के भूमि पूजन के अवसर पर भी आमंत्रण मिला है।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती को भगवान श्री राम के मंदिर के भूमि पूजन के अवसर पर भी आमंत्रण मिला है। मूल रूप से खड्डा क्षेत्र के रामपुर गोनहा में जन्मे स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती को मिले इस आमंत्रण से क्षेत्र के लोग आह्लादित हैं। इससे पहले कुशीनगर के प्रोफेसर विनय पांडेय को भी भूमि पूजन के लिए आमंत्रण मिल चुका है।
कुशीनगर: होटल पथिक निवास से कुक,और वेटर को बुलाया गया अयोध्या
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के कुशीनगर स्थित होटल पथिक निवास से कुक संजीव बंदोपाध्याय और वेटर तोप बहादुर थापा को अयोध्या बुलाया गया है। रामजन्म भूमि शिलान्यास को लेकर आयोजित कार्यक्रम को लेकर पर्यटन निदेशालय ने अयोध्या स्थित पर्यटन विभाग होटल राही यात्री निवास में इनकी ड्यूटी लगाई है।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि कुक संजीव बंदोपाध्याय योध्या के लिए रवाना हो गए हैं, जबकि वेटर तोप बहादुर थापा आज जाएंगे। वहां छह अगस्त तक ड्यूटी करने के बाद इनकी वापसी होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी पांच अगस्त को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास करेंगे। अयोध्या में पर्यटन निगम के होटल यात्री निवास में भी इससे संबंधित तैयारियां चल रही हैं।