महाभारत का प्रसंग याद दिलाते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगायी रोक, सरकार को सीधा प्रसारण के दिये निर्देश;सरकार यात्रा को दे चुकी थी मंजूरी attacknews.in

नैनीताल, 28 जून । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओें को ध्यान में रखते हुए चारधाम यात्रा के सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) के निर्देश दिये हैं। उच्च न्यायालय के आदेश से सरकार को बड़ा झटका लगा है।

मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने सचिदानंद डबराल, अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली एवं अनु पंत समेत छह से अधिक जनहित याचिकाओं की सुनवाई के बाद ये निर्देश जारी किये हैं। अदालत में मुख्य सचिव ओमप्रकाश व संयुक्त सचिव पर्यटन डाॅ. आशीष चौहान वर्चुअल पेश हुए।

संयुक्त सचिव पर्यटन की ओर से शपथ पत्र पेश कर अदालत के समक्ष चारधाम यात्रा की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। शपथपत्र में कहा गया कि विगत 25 जून को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चारधाम यात्रा को मंजूरी दे दी गयी है। प्रथम चरण में प्रदेश के तीन जिलों उत्तरकाशी, चमोली एवं रूद्रप्रयाग की जनता को चारधाम यात्रा की अनुमति दी गयी है। निर्धारित यात्रा के दौरान बदरीनाथ में एक दिन में अधिकतम 600, केदारनाथ में 400, गंगोत्री में 300 एवं यमुनोत्री में 200 तीर्थयात्री दर्शन के लिये जा सकेंगे।

शपथपत्र में यह भी कहा गया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से पालन कराया जायेगा लेकिन अदालत ने शपथपत्र को सिरे से खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि शपथपत्र में जो जानकारी दी गयी हैं वह अपूर्ण एवं गलत हैं।

अदालत ने कोरोना की तीसरी लहर खासकर डेल्टा प्लस वेरिएंट का हवाला देते हुए कहा कि चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सुविधाओं का नितांत अभाव है।

अदालत ने कहा कि चारधाम यात्रा कोे लेकर अस्पताल, एम्बुलेंस, वेटिंलेटर, आक्सीजन कंसेट्रेटर, आइसोलेशन वार्ड समेत अन्य चीजें पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं।

अदालत ने यह भी कहा कि एशिया, यूरोप एवं अमेरिका महाद्वीप कोरोना की तीसरी लहर डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर चितिंत है। आस्ट्रेलिया एवं बंगलादेश लाकडाउन घोषित कर चुके हैं। भारत में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं केरल तीन राज्यों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले सामने आये हैं।

अदालत ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के चलते ही इस वर्ष की महत्वपूर्ण कावंड यात्रा पर रोक लगा चुकी है। उच्चतम न्यायालय की ओर से भी लोगों की सुरक्षा की खातिर ओडिशा की प्रसिद्ध जगन्नाथ (पुरी) यात्रा को लेकर कई तरह के सख्त निर्देश जारी किये गये।

अदालत ने सरकार की सलाह देते हुए कहा कि महाभारत में कहा गया है कि देश को बचाने के लिये राज्य, राज्य को बचाने के लिये जिला व जिला को बचाने के लिये गांव को कुर्बान करना पड़े तो जनहित में उचित है।

महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने अदालत को बताया कि चारधाम यात्रा का सजीव प्रसारण शास्त्रानुकूल नहीं है। इस पर अदालत ने कहा कि जब शास्त्रों की रचना की गयी थी तो तब प्रोद्योगिकी एवं तकनीक का ईजाद नहीं हुआ था। इसलिये यह तर्क स्वीकार योग्य नहीं है। यही नहीं अदालत ने तीन जिलों के टीकाकरण पर भी सवाल उठाये और सुरक्षा के लिहाज से अपर्याप्त बताया।

अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली एवं अभिजय नेगी ने बताया कि सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने चारधाम यात्रा को लेकर विगत 25 जून को मंत्रिमंडल में लिये गये निर्णय पर रोक लगा दी है और सरकार को कहा कि सरकार चारधाम यात्रा के लिये लोगों को अनुमति न दे। साथ ही तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए सरकार को कहा कि देश के अन्य पवित्र धामों की तरह से चारधाम का भी सजीव प्रसारण की व्यवस्था सुनिश्चित करे।

अदालत ने मुख्य सचिव को भी निर्देश दिये कि वह सीधा प्रसारण को लेकर सरकार के निर्णय की जानकारी सात जुलाई को अदालत के समक्ष पेश करे। इस मामले में अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी।

परमाणु क्षमता से लैस अग्नि मिसाइल का सफल परीक्षण,रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का अगली पीढ़ी की मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण था attacknews.in

बालासोर, 28 जून । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने परमाणु क्षमता से लैस अगली पीढ़ी की मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया है।

ओडिशा के बालासोर में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप में सोमवार को सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर यह परीक्षण किया गया।

मिसाइल के दागे जाने के बाद इस पर विभिन्न स्टेशनों और रडार से नजर रखी गई। मिसाइल ने परीक्षण के दौरान अपने सभी कार्य पूरे किए और इसका निशाना सटीक रहा। अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि श्रेणी की अगली पीढ़ी की उन्नत मिसाइल है जो 1000 से 2000 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल में 1000 किलोग्राम भार के परमाणु बम ले जाने की क्षमता है।

दो चरणों वाली और ठोस ईंधन वाली मिसाइल को उन्नत रिंग-लेजर गायरोस्कोप पर आधारित नेविगेशन सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाएगा। दोनों चरणों में समग्र रॉकेट मोटर्स हैं और वे मार्गदर्शन प्रणाली से लैस हैं। इस मिसाइल का प्रक्षेपण सड़क और रेल मोबाइल लांचर्स के जरिये किया जा सकेगा। नई तकनीकों के एकीकरण के कारण इसका वजन पिछले संस्करण की तुलना में कम है।

भारत पिछले तीन दशकों के दौरान अग्नि रेंज की पांच मिसाइलें विकसित कर चुका है। अग्नि प्राइम इसी अग्नि रेंज की नई और आधुनिक मिसाइल है। डीआरडीओ के अधिकारियों के मुताबिक पूर्वी तट पर पोजिशन्ड विभिन्न राडार और टेलिमेट्री स्टेशनों से मिसाइल को मॉनिटर किया गया। इसके प्रक्षेपण पर नजर रखी गई और इसने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया।

रतलाम में केरल से आया बुढ़ऊ आयुर्वेदिक वैद्य अब्दुल गरक्कल ने डेढ़ साल से नाबालिग का मिर्गी का इलाज करते हुए कर दिया बलात्कार,पुलिस ने किया गिरफ्तार attacknews.in

रतलाम, 28 जून । मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में एक नाबालिग का आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज करने के नाम पर उसके साथ दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी वैद्य के विरुद्ध दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार केरल निवासी वैद्य अब्दुल गुरक्कल पिछले कुछ वर्षों से जवाहर नगर में धन्वन्तरि क्लीनिक नाम से आयुर्वेदिक अस्पताल चलाता है।

एक सौलह वर्षीय लड़की पिछले करीब एक डेढ साल से उससे इलाज करवा रही थी। कल लड़की ने औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने पर पहुंच कर बताया कि शनिवार को जब वह वैद्य अब्दुल के पास इलाज कराने गई थी तो अब्दुल ने उसके साथ अश्लील हरकतें करते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया।

पुलिस ने आरोपी वैद्य के विरुद्ध दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार केरल निवासी वैद्य अब्दुल गुरक्कल पिछले कुछ वर्षों से जवाहर नगर में धन्वन्तरि क्लीनिक नाम से आयुर्वेदिक अस्पताल चलाता है। एक 16 वर्षीय लड़की पिछले करीब एक डेढ साल से उससे इलाज करवा रही थी।

औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने लड़की की शिकायत पर वैद्य अब्दुल के खिलाफ दुष्कर्म के साथ पाक्सो एक्ट की धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।

बाताया जाता है कि वैद्य अब्दुल मूल रुप से केरल का निवासी है और चार पांच वर्षों से रतलाम में रह कर आयुर्वेदिक चिकित्सालय चला रहा है।

इस मामले में टीआईआईए ओपी सिंह का कहना है कि आरोपी केरल के कालीकट का रहने वाला है. नाबालिग 16 साल की लड़की को मिर्गी की बीमारी थी. जिसका वो इलाज कर रहा था. लड़की ने शिकायत दर्ज कराई है कि इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसके साथ दुष्कर्म किया. पुलिस ने मामला दर्ज आरोपी को गिरप्तार कर लिया और मामले की जांच जारी है।

बरेली में पंचायत का पैसला ,अभी गर्भपात करा दो , दोनों के बालिग होने पर करा देंगे शादी;15 साल की किशोरी से उसका हम उम्र पड़ोसी शादी का झांसा देकर एक साल तक करता रहा दुष्कर्म attacknews.in

बरेली में पंचायत का पैसला ,अभी गर्भपात करा दो , दोनों के बालिग होने पर करा देंगे शादी;15 साल की किशोरी से उसका हम उम्र पड़ोसी शादी का झांसा देकर एक साल तक करता रहा दुष्कर्म

Barely panchayat decision rape case mature after marriage against police case registered

बरेली 28 जून । उत्तर प्रदेश के बरेली में एक किशोरी से उसका हम उम्र पड़ोसी शादी का झांसा देकर एक साल तक दुष्कर्म करता रहा। किशोरी के तीन महीने की गर्भवती होने पर मामला खुला तो बेटी के पिता ने आरोपी समेत नौ लोगों के खिलाफ फरीदपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी ।

रविवार को इस मामले को लेकर गांव में पंचायत बैठी। इसमें किशोरी के परिजन को उसका गर्भपात कराने फरमान सुनाया गया, और कहा गया कि अगर वे गर्भपात करा देंगे तो बालिग होने पर दोनों की शादी करा दी जाएगी।

फरीदपुर के क्षेत्राधिकारी राजकुमार – मिश्र ने बताया कि गांव की पंचायत गैर क़ानूनी है। इस मामले में किसी कीमत पर समझौता नहीं हो सकता है। आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। अगर कोई पंचायत पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाएगा तो उस पर भी कार्रवाई होगी।

फरीदपुर क्षेत्र के एक  गांव की 15 वर्षीय  किशोरी को पड़ोसी युवक 16 ने शादी का झांसा देकर अपने जाल  में फंसा लिया और एक साल तक दुष्कर्म करता रहा।

परिजनों को किशोरी के तीन  माह  के  गर्भ की जानकारी हुयी , तो किशोरी के परिजनों ने  युवक  के परिजनों से शिकायत की। युवक  के परिजनों ने किशोरी के पिता को बहुत अपमानित किया , किशोरी पर अभद्र आरोप लगाए।  

दुखी होकर किशोरी के परिजन   किशोरी को लेकर फरीदपुर  थाने पहुंचे ,तो वहां एक दरोगा ने उनसे अभद्रता  की।

मामला  क्षेत्राधिकारि  राजकुमार मिश्र के संज्ञान में आया तो शनिवार  देर रात उन्होंने आरोपी समेत नौ लोगों के खिलाफ फरीदपुर  थाने  रिपोर्ट  दर्ज करा दी।

रविवार को आरोपियों ने गांव में पंचायत बुला ली, इसमें  पीड़ति किशोरी के परिजन को भी बुलाया गया। पंचायत ने किशोरी के परिवार पर  दबाव बनाते हुए कहा कि दोनों एक ही बिरादरी के हैं लेकिन नाबालिग होने के कारण  उनकी शादी नहीं कराई जा सकती है। लिहाजा अभी किशोरी का गर्भपात करा दो। जब  दोनों बालिग हो जाएंगे तो उनकी शादी करा दी जाएगी।

बताया जाता है कि  किशोरी के परिजन इस बात पर सहमत भी हैं लेकिन उनके मन में संशय है कि अगर  बाद में शादी नहीं कराई तब क्या होगा।

लव-जेहाद:बाराबंकी में धर्म छुपा मुस्लिम युवक अब्दुल वहाब ने देशराज बनकर हिन्दू लड़की को भगाया और कराया धर्मांतरण attacknews.in

बाराबंकी 28 जून । उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में लव जिहाद का मामला सामने आया है जहां मुस्लिम युवक द्वारा अपना धर्म छिपाकर लड़की को भगा ले जाने का आरोप लगाते हुये परिवार ने पुलिस को तहरीर दी है।

परिवार की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने लड़की का मेडिकल कराया है।

राजधानी लखनऊ से सटे जिले बाराबंकी में लव जिहाद का मामला सामने आया है।जहां एक मुस्लिम युवक पर अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर हिंदू लड़की को भगा ले जाने का आरोप लगा है।

दरअसल पूरा मामला बाराबंकी जनपद में कुर्सी थाना क्षेत्र के अमरसंडा गांव का है।यहां के निवासी एक परिवार ने एक युवक पर अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर उनकी लड़की को भगा ले जाने का आरोप लगाया है।

लड़की के परिजनों का आरोप है कि युवक ने खुद का नाम देशराज बताया और वह उनके घर पर खेती-बाड़ी देखने का काम करने लगा. फिर अचानक एक दिन उसने काम छोड़ने की बात की और मौका देखकर उनकी लड़की को भगा ले गया।

लड़की के परिजनों ने बताया कि युवक का असली नाम अब्दुल वहाब है।परिजनों का आरोप है कि युवक दबाव बनाकर लड़की के धर्मांतरण का भी आरोप लगाया है।उनका कहना है कि अब लड़का और उसके परिवार वाले उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

लड़की के परिजनों का आरोप है कि युवक पहले से ही शादीशुदा है. उसका एक पांच साल का लड़का भी है. साथ ही युवक पहले भी तीन लड़कियों के साथ ऐसा कर चुका है. वहीं इस बीच शादी का एक सर्टिफिकेट भी सामने आया है. जिसमें युवक का नाम तो अब्दुल वहाब लिखा है, लेकिन लड़की का नाम सिमरन दर्ज है. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या पहले लड़की का नाम बदलवाया गया और फिर उससे शादी की गई. क्योंकि परिजनों ने लड़की का पहले का नाम कुछ और बताया है।

वहीं, इस मामले में बाराबंकी के एएसपी डॉ अवधेश सिंह ने बताया कि कुर्सी थाना क्षेत्र के अमरसंडा गांव के निवासी शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी 22 वर्षीय लड़की के एक लड़के के साथ चले जाने और शादी कर लेने का मामला सामने आया है ।मामले में लड़की का मेडिकल कराया जा रहा है।बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

केंद्र सरकार ने अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल का कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 जून ।केंद्र सरकार ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल का कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया है। सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में बताया।

अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल आम तौर पर तीन साल का होता है। अटॉर्नी जनरल के रूप में वेणुगोपाल का पहला कार्यकाल पिछले साल समाप्त होना था, तब उन्होंने सरकार से अनुरोध किया था कि उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक साल का कार्यकाल दिया जाए। उनकी उम्र 90 साल है।

सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय में कई महत्वपूर्ण मामलों में चल रही सुनवाई और बार में वेणुगोपाल के अनुभवों पर विचार करते हुए सरकार ने उनका कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया है। वेणुगोपाल का मौजूदा कार्यकाल अगले कुछ दिनों में खत्म हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि वेणुगोपाल के नए कार्यकाल के विस्तार के संबंध में औपचारिक आदेश जल्द ही जारी किए जाएंगे।

वेणुगोपाल ने एक जुलाई, 2017 को अटॉर्नी जनरल के रूप में पदभार संभाला। केंद्र सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप उन्होंने मुकुल रोहतगी की जगह ली थी।

हांगकांग के एप्पल डेली अखबार के संपादकीय लेखक फंग वाई कोंग को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी साठगांठ करने के संदेह पर किया गया गिरफ्तार attacknews.in

हांगकांग, 28 जून (एपी) हांगकांग के अब बंद हो चुके लोकतंत्र समर्थक समाचार-पत्र ‘एप्पल डेली’ के एक संपादकीय लेखक को रविवार की रात हवाईअड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया जब वह शहर से जाने का प्रयास कर रहे थे। स्थानीय मीडिया ने यह खबर दी।

स्थानीय समाचार-पत्र ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ और ऑनलाइन समाचार संगठन ‘सिटिजन न्यूज’ ने अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि संपादकीय लेखक फंग वाई कोंग को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी साठगांठ करने के संदेह पर गिरफ्तार किया गया।

स्थानीय मीडिया में आई खबरों के अनुसार फंग को जब गिरफ्तार किया गया उस वक्त वह संभवत: ब्रिटेन के लिए रवाना हो रहे थे।

पुलिस ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रविवार रात हवाईअड्डे पर 57 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था लेकिन उसकी पहचान नहीं बताई।

फंग दो हफ्तों के भीतर गिरफ्तार किए गए एप्पल डेली के सातवें कार्यकारी है ।

हांगकांग के अधिकारी अर्ध स्वायत्त शहर में असहमति की आवाजों को दबा रहे हैं, शहर की अधिकतर प्रख्यात लोकतंत्र समर्थक हस्तियों को गिरफ्तार कर रहे हैं और विधायिका से विपक्षी आवाजों को बाहर रखने के लिए हांगकांग के चुनाव कानूनों में सुधार कर रहे हैं।

उनकी गिरफ्तारी ऐसे वक्त में हुई है जब लोकतंत्र समर्थक ऑनलाइन समाचार संगठन ‘स्टैंड न्यूज’ ने एक बयान में कहा कि वह जून से पहले अपनी साइट पर प्रकाशित टिप्पणियों को हटा लेगा और सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर चिंताओं के चलते चंदा जुटाने के अपने प्रयासों को रोक देगा।

स्टैंड न्यूज ने एक बयान में कहा कि ये कदम समाचार संगठन के समर्थकों, लेखकों को और हांगकांग की “साहित्यिक न्यायिक जांच’’ में संपादकीय कर्मियों को सुरक्षित रखने के लिए उठाए गए हैं।

एहतियाती कदम उठाने के बावजूद स्टैंड न्यूज ने समाचार देने की प्रतिबद्धता जताई।

पिछले हफ्ते, एप्पल डेली ने अपना अंतिम संस्करण प्रकाशित किया था और कर्मचारियों की सुरक्षा एवं भुगतान कर पाने में असमर्थता जताते हुए अखबार का प्रकाशन-संचालन बंद कर दिया था।

सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों की खुलकर आलोचना करने वाली महिला अधिकार कार्यकर्ताओं समर बदावी और नसीमा अल-सदा – को जेल से रिहा किया,सुनाई गई थी 5 साल के कारावास की सजा attacknews.in

दुबई (संयुक्त अरब अमीरात), 28 जून (एपी) सऊदी अरब की दो महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा कर दिया गया है।

इससे करीब तीन साल पहले युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान ने अधिक स्वतंत्रता दिए जाने की शांतिपूर्ण रूप से वकालत करने वाली महिला कार्यकर्ताओं के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की थी।

मानवाधिकार समूहों ने दो महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को रिहा किए जाने की रविवार को जानकारी दी।

ऐसा प्रतीत होता है कि 2018 की कार्रवाई में हिरासत में ली गईं सभी कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा कर दिया गया है, लेकिन एक महिला कार्यकर्ता माया अल जहरानी की रिहाई के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं है।

मुख्य रूप से सऊदी अरब पर ध्यान केंद्रित करने वाले लंदन स्थित ‘एएलक्यूएसटी’ अधिकार समूह ने बताया कि दो महिलाओं – समर बदावी और नसीमा अल-सदा – को शनिवार देर रात या रविवार तड़के रिहा कर दिया गया। ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने भी उनकी रिहाई की पुष्टि की। महिलाओं को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिनमें से दो साल की सजा निलंबित कर दी गई है।

इन महिलाओं ने सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों की खुलकर आलोचना की थी। इन कानूनों ने महिलाओं के पतियों, पिताओं और कुछ मामलों में उनके बेटों को अधिकार दिया था कि वे महिलाओं को पासपोर्ट हासिल करने और यात्रा करने के संबंध में नियंत्रित कर सकते थे। उन्होंने महिलाओं को गाड़ी चलाने का अधिकार दिए जाने की भी वकालत की थी। ये दोनों प्रतिबंध हटा दिए गए हैं।

मानवाधिकार समूहों ने ‘एसोसिएडेट प्रेस’ को बताया कि दोनों महिलाओं को सशर्त रिहा किया गया है और वे पांच साल तक विदेश यात्रा नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि जेल से रिहा की गई अन्य सऊदी महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की तरह इन दोनों महिलाओं को भी मीडिया से बात करने और अपने मामले को लेकर कुछ भी ऑनलाइन पोस्ट करने पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।

इससे पहले, लगभग एक दर्जन महिलाओं ने सऊदी न्यायाधीशों को बताया था कि पूछताछ के दौरान नकाबपोश पुरुषों ने उन्हें उनकी पीठ एवं जांघों पर बेंत से मारा था और उन्हें पानी के भीतर ले जाकर यातनाएं दी थीं। कुछ महिलाओं का आरोप है कि उन्हें जबरन छुआ गया और उन्हें बलात्कार एवं जान से मारने की धमकी दी गई। एक महिला ने जेल में आत्महत्या का प्रयास किया था।

भारत ने कोविड-19 टीकाकरण में एक और मील का पत्‍थर हासिल किया; कोविड वैक्सीन लगाने की संख्या में अमेरिका को पीछे छोड़ा,32.36 करोड़ खुराकें लगाई गईं attacknews.in

नईदिल्ली 28 जून । कोविड-19 टीकाकरण अभियान में भारत ने एक और मील का पत्थर पूरा कर लिया। इस सिलसिले में भारत ने ज्यादा से ज्यादा टीके लगाने में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है।

भारत का कोविड टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ था, जबकि अमेरिका ने अपने यहां यह अभियान 14 दिसंबर, 2020 को ही शुरू कर दिया था।

भारत में आमूल टीकाकरण दायरा कल 32.36 करोड़ के पार हो गया। आज सुबह सात बजे तक मिली अस्‍थाई रिपोर्ट के अनुसार43,21,898 सत्रों के जरिये टीके की कुल 32,36,63,297 खुराकें लगाई गईं। पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 17,21,268 खुराकें दी गईं।

विवरण इस प्रकार हैः

स्वास्थ्य कर्मी 1st खुराक 1,01,98,257

2nd खुराक 72,07,617

अग्रिम पंक्ति के कर्मी 1st खुराक 1,74,42,767

2nd खुराक 93,99,319

18-44 वर्ष आयु वर्ग 1st खुराक 8,46,51,696

2nd खुराक 19,01,190

45-59 वर्ष आयु वर्ग 1st खुराक 8,71,11,445

2nd खुराक 1,48,12,349

60 वर्ष से अधिक 1st खुराक 6,75,29,713

2nd खुराक 2,34,08,944

योग 32,36,63,297

कोविड-19 टीकाकरण की सर्व-सुलभता का नया अध्याय 21 जून, 2021 को शुरू हुआ था। केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये कटिबद्ध है।

पिछले 24 घंटों के दौरान भारत में 46,148 नये मामले दर्ज किये गये:

इक्कीसवें दिन लगातार रोजाना के हिसाब से एक लाख से कम मामले आ रहे हैं। यह केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की मिली-जुली कोशिशों का नतीजा है।

भारत में सक्रिय मामलों में लगातार गिरवाट भी देखी जा रही है। आज देश में सक्रिय मामलों की तादाद 5,72,994 रही।

पिछले 24 घंटों के दौरान 13,409 की कुल गिरावट देखी गई और देश के कुल पॉजिटिव मामलों में सक्रिय मामले केवल 1.89 प्रतिशत रह गये हैं।

भारत में ज्यादा से ज्यादा लोग कोविड-19 से उबर रहे हैं, जिसे मद्देनजर रखते हुए अब 46वें दिन लगातार नये मामलों की तुलना में रोजाना स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक बनी हुई है।

रोजाना आने वाले नये मामलों की तुलना में पिछले 24 घंटों के दौरान लगभग बारह हजार (12,430) लोग स्वस्थ हुये हैं।

महामारी की शुरुआत से जितने लोग संक्रमित हुये हैं, उनमें से2,94,09,607 लोग कोविड-19 से पहले ही उबर चुके हैं, और पिछले 24 घंटों में 58,578 मरीज स्वस्थ हुये हैं। इस हवाले से रिकवरी दर 96.80 प्रतिशत है, जिसमें लगातार बढ़ने का रुझान कायम है।

देश में जांच क्षमता को लगातार बढ़ाया जा रहा है, जिसके सिलसिले में देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 15,70,515 जांचें की गईं। आमूल रूप से भारत ने अब तक 40.63करोड़ से अधिक (40,63,71,279) जांचें की गईं हैं।

एक तरफ देशभर में जांच क्षमता बढ़ाई गई, तो दूसरी तरफ साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर में भी लगातार गिरवाट दर्ज की गई। इस समय साप्ताहिक पॉजिटिविटीदर 2.81 प्रतिशत है, जबकिआज दैनिक पॉजिटिविटीदर 2.94 प्रतिशत रही। यह पिछले 21 दिन से लगातार पांच प्रतिशत से कम पर कायम है।


कोविड-19 टीकाकरण की ताज़ा जानकारी

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की 31.69 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईं:

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास अब भी टीके की 1.15 करोड़ से अधिक खुराकें मौजूद, जिन्हें लगाया जाना है:

केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और टीके लगाने की गति को तेज करने के लिये प्रतिबद्ध है। कोविड-19 के टीकों की सर्व-उपलब्धता का नया चरण 21 जून, 2021 से शुरू किया गया है। टीकाकरण अभियान को अधिक से अधिक वैक्सीन की उपलब्धता के जरिये बढ़ाया गया। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की गई, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त किया जा सके।

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड वैक्सीन प्रदान करके उन्हें समर्थन दे रही है। टीकों की सर्व-उपलब्धता के नये चरण में, केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं से 75 प्रतिशत टीके खरीदकर उन्हें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क प्रदान करेगी।

केंद्र सरकार द्वारा नि:शुल्क और राज्यों द्वारा सीधी खरीद व्यवस्था के तहत अब तक वैक्सीन की 31.69 करोड़ से अधिक (31,69,40,160) खुराकें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की गई हैं।

आज आठ बजे सुबह तक उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से उपरोक्त खुराकों में से बेकार हो जाने वाली खुराकों को मिलाकर कुल 30,54,17,617 खुराकों की खपत हो चुकी है।

अभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीके की 1.15 करोड़ से अधिक (1,15,22,543) खुराकें बची है और इस्तेमाल नहीं हुई हैं, जिन्हें लगाया जाना है।


सारांश:

कोविड टीकाकरण में भारत ने एक और मील का पत्थर पूरा कर लिया। उसने कोविड वैक्सीन की खुराक लगाने की तादाद में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है।

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 32.36 करोड़ डोज लगाई गई हैं।

पिछले 24 घंटों में भारत में 46,148 नये मामले दर्ज हुये।

भारत में सक्रिय मामले कम होकर 5,72,994 तक पहुंचे।

कुल मामलों में सक्रिय मामले 1.89 प्रतिशत रहे।

देश भर में अब तक 2,93,09,607 मरीज ठीक हुए

पिछले 24 घंटों के दौरान 58,578 मरीज स्वस्थ हुये।

पिछले लगातार 46वें दिन दैनिक नये मामलों की तुलना में दैनिक रिकवरी अधिक रही।

रिकवरी दर में इजाफा, वह 96.80 प्रतिशत पहुंची।

साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर पांच प्रतिशत से नीचे कायम। वर्तमान में यह 2.81 प्रतिशत है।

दैनिक पॉजिटिविटी दर 2.94 प्रतिशत है, जो लगातार 21वें दिन पांच प्रतिशत से कम पर कायम है।

जांच क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ, अभी तक कुल 40.63 करोड़ से अधिक जांचें की जा चुकी हैं।

आज भी मनुष्य की औसत आयु 150 बरस जीवन की है;सबसे पुराना और अभी भी सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका”गोम्पर्ट्ज़ समीकरण” से जीवन प्रत्याशा और जीवनकाल की गणना की गयी attacknews.in

ब्राइटन (ब्रिटेन), 28 जून (द कन्वरसेशन) हम में से ज्यादातर लोग 80 वर्ष के आसपास जीने की उम्मीद कर सकते हैं, लेकिन कुछ लोग उम्मीद से आगे जाकर सौ बरस से अधिक भी जीते है। ओकिनावा, जापान और सार्डिनिया, इटली जैसे स्थानों में, ऐसे कई लोग हैं जो अपनी उम्र का सैकड़ा पार कर चुके हैं।

इतिहास के सबसे उम्रदराज व्यक्ति के तौर पर फ्रांस की महिला जीन कैलमेंट का नाम लिया जाता है, जो 122 वर्ष की थी। वह 1875 में पैदा हुई थीं और उस समय औसत जीवन प्रत्याशा लगभग 43 वर्ष थी।

ऐसे में एक सवाल जो लोग सदियों से पूछते आ रहे हैं कि दरअसल मनुष्य कितने समय तक जीवित रह सकता है? एक ओर जहां औसत जीवन प्रत्याशा (एक व्यक्ति के कितने वर्ष तक जीवित रहने की उम्मीद है) की गणना करना अपेक्षाकृत आसान है, वहीं अधिकतम जीवनकाल (एक मानव संभवतः कितनी लंबी उम्र तक जी सकता है) का अनुमान लगाना बहुत कठिन है।

पिछले अध्ययनों ने इस सीमा को 140 वर्ष की आयु के करीब रखा है। लेकिन हाल ही के एक अध्ययन में कहा गया है कि मानव जीवन काल की सीमा 150 वर्ष के करीब है।

जीवनकाल की गणना

जीवन प्रत्याशा और जीवनकाल की गणना के लिए सबसे पुराना और अभी भी सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका गोम्पर्ट्ज़ समीकरण है। इस संबंध में पहला आकलन 19वीं शताब्दी में किया गया था कि बीमारी से मानव मृत्यु दर समय के साथ तेजी से बढ़ती है। निश्चित रूप से, इसका मतलब है कि कैंसर, हृदय रोग और अन्य संक्रमणों से आपकी मृत्यु की संभावना हर आठ से नौ साल में लगभग दोगुनी हो जाती है।

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे सूत्र में बदलाव किया जा सकता है कि कैसे विभिन्न कारक किसी आबादी के जीवन काल को प्रभावित करते हैं। गोम्पर्ट्ज़ गणना का उपयोग स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की गणना के लिए भी किया जाता है – यही कारण है कि ये कंपनियां यह जानने की इच्छुक रहती हैं कि क्या आप धूम्रपान करते हैं, क्या आप विवाहित हैं, या ऐसा ही कुछ और, जिससे वह यह अनुमान लगा सकें कि आप कितने दिन और जीएंगे।

हम कितने समय तक जीवित रहेंगे, यह पता लगाने का एक तरीका यह है कि उम्र के साथ हमारे अंगों की कार्यक्षमता कैसे और कितनी घटती है। अंगों की घटती कार्यक्षमता का मिलान हम अपनी उम्र से करते हैं। उदाहरण के लिए, आंख का कार्य और व्यायाम करते समय हम कितनी ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, उम्र बढ़ने के साथ गिरावट का एक सामान्य रूख दिखाते हैं, अधिकांश गणनाओं से संकेत मिलता है कि औसत व्यक्ति के अंग लगभग 120 वर्ष का होने तक काम करेंगे।

लेकिन ये अध्ययन लोगों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनमें बढ़ती भिन्नता को भी उजागर करते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लोगों की किडनी की कार्यक्षमता उम्र के साथ तेजी से कम होती जाती है जबकि अन्य में ऐसा नहीं होता।

अब सिंगापुर, रूस और अमेरिका के शोधकर्ताओं ने अधिकतम मानव जीवन काल का अनुमान लगाने के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपनाया है। एक कंप्यूटर मॉडल का उपयोग करते हुए, वे अनुमान लगाते हैं कि मानव जीवन की सीमा लगभग 150 वर्ष है।

150 वर्ष तक जीना

स्वाभाविक रूप से, आपकी मृत्यु की संभावना और बीमारी से आप कितनी तेजी से और पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, के बीच एक संबंध होना चाहिए। यह आपका सामान्य शारीरिक संतुलन बनाए रखने का एक मापदंड है। दरअसल उम्र बढ़ने के साथ इस संतुलन को बनाए रखने की क्षमता कम होती जाती है। आमतौर पर, व्यक्ति जितना कम उम्र होता है, बीमारी से उतनी ही तेजी से ठीक होता है।

लेकिन इस प्रकार के अनुमान यह मानते हैं कि मौजूदा बड़ी उम्र की आबादी को नये प्रयोगों का कोई फायदा नहीं मिल पाएगा। जैसे कि सामान्य बीमारियों के लिए उन्हें कोई नया चिकित्सा उपचार नहीं मिलेगा। हालांकि इस दिशा में प्रगति तो होती है, लेकिन उसका लाभ कुछ लोगों को मिल पाता है, दूसरों को नहीं।

उदाहरण के लिए, आज जन्म लेने वाला बच्चा अपनी जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने के लिए लगभग 85 वर्षों की चिकित्सा प्रगति पर भरोसा कर सकता है, जबकि आज जो व्यक्ति 85 वर्ष का है उसे अपनी जीवन प्रत्याशा के लिए वर्तमान चिकित्सा तकनीकों तक ही सीमित रहना होगा।

अध्ययन के अनुसार अधिकतम जीवनकाल के लिए आपको तीन महत्वपूर्ण चीजों की आवश्यकता है। पहला है अच्छा जीन, जो सौ वर्ष से अधिक जीने की अच्छी उम्मीद जगाता है। दूसरा, एक उत्कृष्ट आहार और व्यायाम योजना, जो जीवन प्रत्याशा में 15 साल तक जोड़ सकती है। और अंत में, तीसरा है समय के साथ उपचार और दवाओं के ज्ञान में उत्तरोत्तर वृद्धि जो स्वस्थ जीवन काल को बढ़ा सकती है।

वर्तमान में, सामान्य स्तनधारियों के स्वस्थ जीवन काल को 15-20% तक बढ़ाना अत्यंत कठिन है, क्योंकि उम्र बढ़ने के जीव विज्ञान के बारे में हमारी समझ अधूरी है। लेकिन प्रगति की वर्तमान गति को देखते हुए, हम विश्वासपूर्वक जीवन प्रत्याशा में वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट की अवकाश पीठ ने डिजिटल मीडिया के लिए तय किये गए नए आईटी नियमों पर रोक लगाने से किया इनकार,7 जुलाई को सुनवाई attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 जून । दिल्ली उच्च न्यायालय ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि वह इस समय ऐसा आदेश पारित करने के लिए याचिकाकर्ताओं से सहमत नहीं है। ‘फॉउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म’, ‘द वायर’, क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड और ‘ऑल्ट न्यूज’ चलाने वाली कंपनी प्रावदा मीडिया फॉउंडेशन ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली, 2021 पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

इन कंपनियों का कहना था कि उन्हें एक ताजा नोटिस जारी किया गया है जिसके तहत उन्हें नियमों का पालन करना होगा अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

न्यायमूर्ति सी हरि शंकर और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की अवकाश पीठ ने कहा कि उक्त कंपनियों को केवल अधिसूचना का पालन करने के लिए नोटिस जारी किया गया था जिस पर कोई रोक नहीं है।

पीठ ने कहा, “हम आपसे सहमत नहीं हैं। आप चाहते हैं तो हम एक विस्तृत आदेश जारी कर देंगे या यदि आप चाहते हैं तो हम इसे रोस्टर पीठ के सामने दोबारा अधिसूचित कर देंगे। अनुदेश लेने के बाद आप हमें बता दीजिये।”

उक्त कंपनियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन ने अदालत से अनुरोध किया कि अवकाश के बाद अदालत खुलने पर मामले को सूचीबद्ध किया जाए।

अदालत ने रोक लगाने के आवेदनों को रोस्टर पीठ के समक्ष सात जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।

इस बीच आईटी नियमों की वैधता को लेकर प्रावदा मीडिया फॉउंडेशन की ओर से दायर नई याचिका पर अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला को कोविशील्ड का टीका लगवाने वालों के यूरोपीय संघ की यात्रा पर रोक की समस्या हल होने की उम्मीद attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 जून । सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने सोमवार को कहा कि उन्होंने कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले भारतीयों को यूरोपीय संघ की यात्रा के दौरान आ रही समस्या का मसला यूरोपीय संघ के उच्चतम स्तर पर उठाया है और इसके जल्द ही समाधान की उम्मीद है।

कोविशील्ड वैक्सीन का विकास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका ने किया है और इसे पुणे स्थित वैक्सीन विनिर्माता द्वारा भारत में बनाया जा रहा है।

पूनावाला ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे पता चला कि कोविशील्ड लेने वाले बहुत से भारतीयों को यूरोपीय संघ की यात्रा को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि मैंने इसे उच्चतम स्तर पर उठाया है और उम्मीद है कि इस मामले को जल्द ही नियामकों और राजनयिक स्तर पर हल कर लिया जाएगा।’’

यूरोपीय संघ (ईयू) ने अब तक एस्ट्राजेनेका, ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सजेवरिया को ही मान्यता दी है।

यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी द्वारा अनुमोदित अन्य टीके बायोएनटेक-फाइजर, मॉडर्ना और जेनसेन (जॉनसन एंड जॉनसन) हैं।

उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट वितरण में एके शर्मा की होगी महत्वपूर्ण भूमिका, शेष बचे कुछ ही महीने को देखते हुए शुरू हुई प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया attacknews.in

मऊ 28 जून । भारतीय प्रशासनिक सेवा :आईएएस: जैसे प्रमुख पद के माध्यम से सेवा करते हुए नरेंद्र मोदी के खास चहेते बने एके शर्मा जहां पहले गुजरात प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय से संबद्ध रहे। वही नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रधानमंत्री कार्यालय में भी अहम जिम्मेदारियां निभाते रहे हैं ।

पिछले जनवरी में नौकरी से स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति के मैदान में उतरे एके शर्मा को भाजपा ने सीधे विधान परिषद सदस्य बनाया। जो अब प्रदेश उपाध्यक्ष के जिम्मेदारी से भाजपा का संगठनात्मक व्यवस्था दुरुस्त करेंगे।

मऊ जनपद निवासी व प्रधानमंत्री के अति निकटस्थ माने जाने वाले पूर्व नौकरशाह पीएमओ के पूर्व सचिव ए के शर्मा जब स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा के सदस्य बने उस वक्त से ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलने का अंदाजा लगाया जाने लगा था ।

कुछ खास उत्साहित समर्थकों द्वारा तो सोशल मीडिया पर पद की चर्चा करते हुए बधाई तक दी जाने लगी थी। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाये जाने के साथ ही महत्वपूर्ण गृह विभाग की जिम्मेदारी दिए जाने की अटकलें लगाई जाने लगी थो। लगभग 6 माह अटकलों को विराम देते हुए भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में उन्हें उपाध्यक्ष बनाकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।

एके शर्मा अब संगठन के कील काटे दुरुस्त करेंगे। जिससे कुछ महीनों बाद ही संपन्न होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में पार्टी की पुनः सरकार बनाई जा सके।

ए के शर्मा द्वारा स्वेच्छिक सेवानिवृत्त होकर सदस्यता ग्रहण करते ही एके शर्मा विधान परिषद सदस्य बने। कुछ ही दिन बाद मार्च माह में वैश्विक महामारी कोविड कोरोना कि दूसरी लहर में समूचा प्रदेश चपेट में आ गया। ऐसे में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और प्रशासनिक कार्यों का बड़ा अनुभव रखने वाले ए के शर्मा को कोविड से लड़ने की बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई। इसमें कहीं ना कहीं वो खरे उतरते भी नजर आए। उनके द्वारा लगातार अथक परिश्रम करते हुए वाराणसी को केंद्र बनाया गया। जहां से समूचे पूर्वांचल सहित पश्चिम तक के जनपदों में कोविड से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कदमताल करते नजर आए।

अब उन्हें भाजपा प्रदेश संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से ए के शर्मा की निकटता के बाद उन्हें संगठन में मिली इस बड़ी जिम्मेदारी में भी पार्टी कार्यकर्ताओं को बड़े निहितार्थ नजर आने लगे हैं।

गौरतलब हो कि कुछ ही दिनों बाद देश के लिए प्रधानमंत्री का मार्ग प्रशस्त करने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। जो आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।

संगठन के नियमों के अनुसार विधानसभा चुनाव टिकट वितरण में प्रदेश उपाध्यक्ष एके शर्मा की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ऐसे में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। सम्भव है कि प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया अब शुरू भी हो चुकी हो। ऐसे में ऐन मौके पर शर्मा का संगठन में प्रवेश टिकट वितरण कार्यक्रम में बड़ी भूमिका साबित होगी।

लिहाजा अब यह तो स्पष्ट हो गया है कि एके शर्मा द्वारा अपने पूर्व के अनुभवों के आधार पर संगठनात्मक ढांचा का कील कांटे दुरुस्त किए जाएंगे। इसके साथ ही भाजपा को 2022 चुनाव में पुनः सफलता दिलाना बड़ा लक्ष्य बनेगा।

चीन की टेस्ला कंपनी ने बना दी दुर्घटना करने वाली कार;क्रूज कंट्रोल को ठीक करने को चीन में 2,85,000 वाहन वापस मंगाएगी टेस्ला attacknews.in

बीजिंग, 27 जून (एपी) टेस्ला चीन में 2,85,000 इलेक्ट्रिक वाहनों को क्रूज कंट्रोल को ठीक करने के लिए बाजार से वापस मंगा रही है। कंपनी ने कहा है कि इन वाहनों का क्रूज कंट्रोल अचानक एक्टिवेट हो सकता है, जिससे वाहन रफ्तार पकड़ सकता है।

टेस्ला ने चीन के सोशल मीडिया मंच वीबो पर शनिवार को उपभोक्ताओं को भेजे संदेश में कहा कि कुछ मामलों में इस वजह से सुरक्षा का जोखिम पैदा हो सकता है।

चीन के बाजार नियामक ने कहा कि इन वाहनों में 2,11,256 मॉडल 3 सेडान, 38,599 मॉडल वाई क्रॉसओवर यूटिलिटी वाहन शामिल हैं जिनका उत्पादन चीन में हुआ है। वहीं इनमें 35,665 मॉडल 3 वाहन भी शामिल हैं जिनका आयात किया गया है।

दुनिया का नंबर वन आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद बताते समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की जुबान फिसल गई थी attacknews.in

इस्लामाबाद, 27 जून । पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने जबान फिसलने के कारण अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को ‘शहीद’ कह दिया था।

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने जून 2020 में संसद में एक भाषण के दौरान कहा था, “अमेरिकी एबटाबाद आए और ओसामा बिन लादेन को शहीद कर दिया। उसके बाद क्या हुआ? पूरी दुनिया ने हमें शाप दिया और हमारे बारे में बुरा बोला।”

दुनिया के नंबर एक आतंकी ओसामा बिन लादेन के खात्मे को 10 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन उसका भूत आज भी पाकिस्तान का पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है. पाकिस्तान आज भी यह तय नहीं कर पा रहा है कि ओसामा बिन लादेन आतंकी था या शहीद।

इमरान खान ने ओसामा को बताया था शहीद

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ अरसा पहले संसद में खड़े होकर अलकायदा के आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद बता दिया था।इसके साथ ही खुद को आतंक पीड़ित बताने का ढोंग करने वाला पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो गया था।

इमरान के कबूलनामे के बाद FATF ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसते हुए उस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लागू कर दिए. जिनसे बाहर निकलने के लिए वह आज भी छटपटा रहा है।

पीएम इमरान की जुबान फिसल गई थी’

अब FATF के फंदे से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान ने एक बार फिर नई चाल चली है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि पीएम इमरान खान की संसद में जबान फिसल गई थी और उनका देश ओसामा बिन लादेन को अलकायदा का आतंकी मानता है।

‘Geo TV’ को दिए इंटरव्यू में फवाद चौधरी ने कहा, ‘पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ जंग के समर्थन में मतदान किया था।हम यूएन के उस लिस्ट के वोटर हैं, जिसने ओसामा को आतंकवादी घोषित किया था.’ फवाद चौधरी ने ओसामा बिन लादने पर इमरान के बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पीएम की जुबान फिसल गई थी।

कुरैशी ने लादेन पर साध ली थी चुप्पी

ओसामा बिन लादेन को लेकर पाकिस्तान की उलझन हाल ही में तब सामने आई थी,जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान के टोलो न्यूज को इंटरव्यू दिया था।तब रिपोर्टर ने इमरान के बयान का हवाला देते हुए उनसे पूछा था कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन को आतंक मानता है या शहीद. उस समय कुरैशी ने सवाल पर चुप्पी साध ली थी और कहा था कि वे इस सवाल पर बात नहीं करना चाहते।