कर्नाटक में कांग्रेस के सांसद, विधायक टीके खरीदने के लिए स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से 100 करोड़ रुपये देंगे;राज्य कांग्रेस ईकाई की घोषणा attacknews.in

बेंगलुरु, 14 मई । कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसके सांसद, विधायक और पार्षद कोविड-19 रोधी टीके खरीदने के लिए अपने ‘स्थानीय क्षेत्र विकास निधि’ से 100 करोड़ रुपये देंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ सरकार लोगों की रक्षा करने और उन्हें टीके लगवाने में बुरी तरह असफल रही है। इसलिए, राज्य के कांग्रेस के सांसद, विधायक और पार्षद, जो कुल 95 हैं, उन्होंने टीके खरीदने के लिए एक-एक करोड़ रुपये दान देने का फैसला किया है।’’

कांग्रेस विधायक दल के नेता के अनुसार, कर्नाटक में कांग्रेस के नेता इसके लिए कुल 100 करोड़ रुपये देंगे।

कर्नाटक में प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय में उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ कर्नाटक के इतिहास में यह एक अभूतपूर्व निर्णय है।’’

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने।पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की “तृणमूल कांग्रेस के गुंडों” की हिंसा से प्रभावित लोगों को आश्रय दे रहे असम के शिविर का दौरा किया attacknews.in

धुबरी (असम), 14 मई । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने असम के रनपगली में एक शिविर का शुक्रवार को दौरा किया जहां खुद को भाजपा समर्थक बता रहे कई परिवारों ने शरण ली हुई है। इन परिवारों का आरोप है कि विधानसभा चुनावों के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उनपर अत्याचार कर रहे थे।

उत्तर बंगाल में कूच बिहार से भाजपा सांसद नीतीश प्रमाणिक के साथ धनखड़ ने असम के धुबरी जिले में शिविर का दौरा किया और लोगों से बात की । महिलाएं एवं बच्चों ने यहां शरण ली हुई है।

शिविर में रहे लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने दो मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से बंगाल में अपने घर छोड़ दिए हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “तृणमूल कांग्रेस के गुंडों” ने उनके घरों में तोड़-फोड़ की।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने सड़क मार्ग से कूच बिहार से रनपगली में शिविर तक की यात्रा की और चुनाव बाद की हिंसा से कथित तौर पर प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्हें सीतलकूची में काले झंडे दिखाए गए जहां चार ग्रामीण चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की गोलीबारी में मारे गए थे जबकि जिले के दिनहाटा में उनके दौरे के वक्त “वापस जाओ” के नारे लगाए गए।

उनका दौरा होने तक राज्यपाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग होती रही।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को उन्हें पत्र लिखकर दावा किया कि चुनाव बाद की हिंसा से प्रभावित कूच बिहार जिले का उनका दौरा नियमों का उल्लंघन करता है जबकि धनखड़ ने यह कहते हुए पलटवार किया कि वह संविधान के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।

नरेन्द्र मोदी ने पीएम-किसान योजना के तहत वित्तीय लाभ की 8वीं किस्त जारी की:एक बटन दबाकर 9.5 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हस्तांतरित attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना (पीएम-किसान) के तहत वित्‍तीय लाभ की आठवीं किस्‍त जारी की। उन्होंने एक बटन दबाकर 9.5 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हस्तांतरित की।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री और कई सांसद भी उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान लाभार्थियों से बातचीत भी की।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6000 रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है, जो चार-चार महीने की अवधि में 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में दिया जाता है।

यह रकम सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डाली जाती है। आज से पहले, इस योजना के तहत अब तक किसान परिवारों को 1.15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की सम्मान राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।

नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी को एक अदृश्य दुश्मन करार देते हुए कहा,सरकार दूसरी लहर से मुकाबले के लिए युद्धस्तर पर कार्यरत है और देश विजय हासिल करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई । कोविड-19 महामारी को एक अदृश्य दुश्मन करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार इस महामारी की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए युद्धस्तर पर कार्यरत है। उन्होंने भरोसा जताया कि देश इस लड़ाई में विजय हासिल करेगा।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के तहत आर्थिक लाभ की आठवीं किस्त जारी करने के बाद वीडियो कांफ्रेंस से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे मोदी ने टीके को कोरोना से बचाव का बहुत बड़ा माध्यम बताते हुए कहा कि देश भर में टीकों की 18 करोड़ से अधिक खुराक लोगों को दी जा चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘100 साल बाद आई इतनी भीषण महामारी कदम-कदम पर दुनिया की परीक्षा ले रही है। हमारे सामने एक बहुत अदृश्य दुश्मन है और यह दुश्मन बहुरूपिया भी है। इसके कारण हम अपने बहुत से करीबियों को खो चुके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बीते कुछ समय से जो कष्ट देशवासियों ने सहा है और जिस दर्द से वह गुजरे हैं, वह मैं भी उतना ही महसूस कर रहा हूं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबले में संसाधनों से जुड़े जो भी गतिरोध थे उन्हें तेजी से दूर किया जा रहा है और युद्धस्तर पर काम करने का प्रयास हो रहा है।’’

अपनी बारी आने पर टीकाकरण कराने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि टीका बचाव का एक बहुत बड़ा माध्यम है।

मोदी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार और सारी राज्य सरकारें मिल कर यह निरंतर प्रयास कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशवासियों को तेजी से टीका लग पाए। देश भर में अभी तक टीके की करीब 18 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।’’

उन्होंने कहा कि देश के चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, लैब कर्मचारी, सभी एक-एक जीवन को बचाने के लिए चौबीसों घंटे जुटे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज देश में जरूरी दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में तेजी से ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं और तीनों सेनाएं भी कोविड के खिलाफ जंग में लगातार सक्रियता से अपनी भूमिका निभा रहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ऑक्सीजन रेल ने कोरोना के खिलाफ बहुत बड़ी ताकत दी है। देश के दूरदराज के हिस्सों में यह विशेष ट्रेनें ऑक्सीजन पहुंचाने में जुटी हैं। ऑक्सीजन टैंकर ले जाने वाले ड्राइवर बिना रुके काम कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट के समय दवाइयां और जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी में भी कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ के कारण लगे हुए हैं।

इसे मानवता के खिलाफ बताते हुए उन्होंने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हिम्मत हारने वाला देश नहीं है। ना भारत हिम्मत हारेगा, ना कोई भारतवासी हिम्मत हारेंगे। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।’’

नेपाल का संकट नहीं सुलझा:ओली फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त: सरकार गठन की समयसीमा खत्म होने के बाद भी, अगर-मगर में उलझे राजनीतिक दल attacknews.in

काठमांडू 13 मई । नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, जो 10 मई को संसद में पेश विश्वास मत हार चुके थे, को फिर से देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है क्योंकि विपक्षी पार्टियां सरकार के गठन के लिए आवश्यक बहुमत वोट जुटाने में विफल रहीं।

श्री ओली को गुरुवार को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया गया क्योंकि वह सदन में सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने बहुमत की सरकार के गठन के लिए संसदीय पार्टियों को तीन दिनों का समय दिया था। सुश्री भंडारी ने एक बयान में कहा कि सरकार के गठन के लिए अभीतक कोई भी पार्टी या गठबंधन आगे नहीं आया है।

अब श्री ओली को 30 दिनों के भीतर फिर से संसद में विश्वास मत हासिल करना होगा।

इससे पहले श्री ओली सोमवार को संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में पेश विश्वास प्रस्ताव हार गये। संसद में बहुमत परीक्षण के दौरान श्री ओली के पक्ष में सिर्फ 93 वोट पड़े। वहीं 124 सदस्यों ने उनके विरोध में मत किया। श्री ओली को विश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए 136 मत चाहिए थे।

नेपाल में 271 सदस्यीय संसद में 232 सदस्य हैं। जो लोग मतदान नहीं कर सके या उपस्थित नहीं थे, उनमें कम्युनिस्ट पार्टी के 28 बागी सदस्य भी शामिल हैं। नेपाल में 2015 में संवैधानिक तरीके से चुनी गई पहली सरकार का यह पहला विश्वास प्रस्ताव था। इसमें ओली असफल रहे।

श्री ओली की पार्टी के माधव नेपाल-झाला नाथ खनाल गुट के सांसद को सीपीएन-यूएम ने रोक दिया।

नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी केंद्र) के क्रमशः 61 और 49 वोट हैं। दोनों ने विश्वास प्रस्ताव के दौरान श्री ओली के खिलाफ मतदान किया।

नेपाल में सरकार गठन की समयसीमा खत्म होने के बाद भी अगर-मगर में उलझे राजनीतिक दल

नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के सोमवार को विश्वास मत खोने के बाद राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार रात तक सरकार गठन की समयसीमा तय की थी, लेकिन नेपाल के राजनीतिक दल अपने धड़ों के बीच गुटबाजी के चलते अभी तक इस मामले पर कोई सहमति कायम नहीं कर पाए ।

शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री पद के लिये दावा पेश करने का निर्णय लिया था, लेकिन गठबंधन सरकार बनाने की उसकी कोशिशों को तब झटका लगा जब महंत ठाकुर की अगुवाई वाली जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) के एक वर्ग ने साफ कर दिया कि वह सरकार गठन की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगा।

ठाकुर के नेतृत्व वाले धड़े के प्रतिनिधि सभा में करीब 16 मत हैं।

नेपाली कांग्रेस के पास 61 मत हैं। उसे नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी मध्य) का समर्थन हासिल है, जिसके पास 49 मत हैं।

कांग्रेस-माओवादी मध्य के गठबंधन को उपेन्द्र यादव नीत जनता समाजवादी पार्टी के करीब 15 सांसदों का भी समर्थन हासिल है। लेकिन इन तीनों दलों के पास कुल 125 मत हैं जो 271 सदस्यीय सदन में बहुमत के आंकड़े 136 से 11 मत कम हैं।

सरकार गठन के लिये दी गई समयसीमा बृहस्पितवार रात को खत्म हो गई, ऐसे में राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने विपक्षी दलों से बहुमत की ओर बढ़ रहे गठबंधन का समर्थन करने की अपील की ।

सीपीएन-यूएमएल के माधव कुमार नेपाल-झालानाथ खनल धड़े से संबंध रखने वाले सांसद भीम बहादुर रावल ने गतिरोध खत्म करने के लिये मंगलवार को दोनों नेताओं के करीबी सांसदों से नयी सरकार का गठन करने के लिये संसद सदस्यता से इस्तीफा देने का आग्रह किया।

रावल ने बुधवार को ट्वीट किया कि ओली नीत सरकार को गिराने के लिये उन्हें संसद सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिये।

उन्होंने लिखा, ‘असाधारण समस्याओं के समाधान के लिये असाधारण कदम उठाए जाने की जरूरत होती है। प्रधानमंत्री ओली को राष्ट्रीय हितों के खिलाफ अतिरिक्त कदम उठाने से रोकने के लिये उनकी सरकार गिराना जरूरी है। इसके लिये हमें संसद की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिये। राजनीतिक नैतिकता और कानूनी सिद्धांतों के लिहाज से ऐसा करना उचित है। ‘

यदि नेपाल-खनल धड़े के यूएमएल के 28 सांसद एक साथ संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे देते हैं तो नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवाद मध्य के लिये जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) के एक धड़े के सांसदों का समर्थन लिये बिना भी नयी सरकार के गठन की राह आसान हो जाएगी।

यदि यूएमएल के 28 सांसद सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देते हैं तो 271 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा में सांसदों की संख्या घटकर 243 रह जाएगी, जिसके बाद बहुमत का आंकड़ा भी कम हो जाएगा और नेपाली कांग्रेस तथा सीपीएन-माओवाद मध्य गठबंधन आसानी से सरकार गठन कर सकता है।

मध्यप्रदेश में धीमी पड़ी कोरोना की लहर: गुरुवार को 8 हजार से अधिक नये मरीज मिले, 74 की मौत; अबतक 7,08621 संक्रमित और 6753 की मौत attacknews.in

भोपाल, 13 मई । मध्यप्रदेश में आज कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच आठ हजार से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित मिले है।इस महामारी ने आज 74 लोगों की जान ले ली।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार दिनों दिन कम हो रहा है।

आज कोरोना संक्रमण की दर घटकर 12़ 7 पहुंच गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में 66,206 लोगों की जांच सैंपल रिपोर्ट में 8,419 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं।

जबकि इन जांच सैंपल रिपोर्ट में से 57,787 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाये गये तथा 285 सैंपल रिजेक्ट हुए है।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) 13़ 8 प्रतिशत से घटकर 12़ 7 प्रतिशत दर्ज की गयी।

इस महामारी को आज राज्य भर में 10,157 लोगों ने परास्त कर घर रवाना हो गये।

वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 1,08116 है।

प्रदेश भर में अब तक 7,08621 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके है।

इनमें से अब तब 5,93752 लोग ठीक हो चुके है।

इस वैश्विक महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 6753 लोगों की जान ले चुका है।

राज्य के इंदौर में जिले में आज 1577 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं राजधानी भोपाल जिले में 1196 लोग पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 548, जबलपुर में 470, उज्जैन में 276, रतलाम में 305, रीवा में 232, शिवपुरी जिले में 225 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 8 से लेकर 150 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

मध्यप्रदेश में वकीलों के उपचार के लिये 5 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत :गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, संक्रमण दर 5% से कम होने पर ही कोरोना कफर्यू में राहत दी जाएगी attacknews.in

भोपाल, 13 मई । मध्यप्रदेश के गृह एवं विधि-विधायी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि अधिवक्ताओं के उपचार के लिए 5 करोड़ रूपये तक की चिकित्सा सहायता राशि स्वीकृत की गई है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिवक्ता कल्याण-निधि न्यास समिति की हाल ही में संपन्न बैठक में इसके साथ ही अधिवक्ताओं के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्यवाही होगी, विधायक पर प्रकरण दर्ज – नरोत्तम

नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि वैश्विक आपदा के समय लोगों को भ्रमित करने और अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में अफवाह फैलाने वाले वीडियो को जारी करने के प्रकरण में विदिशा विधायक शशांक भार्गव के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

श्री मिश्रा ने यहां मीडिया से कहा कि भ्रम और अफवाह फैलाने वाला व्यक्ति कितना भी रसूखदार क्यों न हो, किसी प्रकार की रियायत नहीं बरती जाएगी। उन्होंने बताया कि विदिशा विधायक शशांक भार्गव द्वारा एक वाट्सएप समूह में वीडियो जारी कर कहा गया था कि यह विदिशा मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं के संबंध में है। जाँच-पड़ताल में पाया गया कि वह तस्वीर मेडिकल कॉलेज विदिशा की नहीं थी।

संक्रमण दर 5 प्रतिशत से कम होने पर ही कोरोना कफर्यू में राहत दी जाएगी

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 5 प्रतिशत से कम होने पर ही संबंधित जिलों या स्थानों पर कोरोना कफर्यू में आंशिक ढील दी जाएगी।

श्री मिश्रा ने यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि इसके साथ ही संपूर्ण स्थिति की समीक्षा संबंधित जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी करेगी और इसके बाद आगे का निर्णय लेगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्री मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 8,411 नए मामले सामने आए, जबकि 9,484 मरीज स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से घर भेजे गए।

उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना संक्रमण के मामले में मध्यप्रदेश अब देश में 16 नंबर पर आ गया है। कुछ समय पहले मध्यप्रदेश का स्थान देश में सातवें स्थान पर था।

राज्य में पिछले माह कोरोना संक्रमण दर (पॉजीटिविटी रेट) 25 प्रतिशत से अधिक हो गयी थी, जो अब घटकर 15 प्रतिशत से नीचे आ गयी है। हालाकि यह भी चिंताजनक स्तर है।

मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में लगभग 80 आरोपी गिरफ्तार;सबसे ज्यादा 30 आरोपी इंदौर और 08 भोपाल से गिरफ्तार attacknews.in

भोपाल, 13 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की खबरों के बीच इनकी कालाबाजारी के मामले में लगभग 80 आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। इन आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) और चाेरबाजारी निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।

राज्य के गृह विभाग की ओर से आज बताया गया कि इंजेक्शन की कालाबाजारी के संबंध में इंदौर जिले के 09, उज्जैन के 09, ग्वालियर के 04, जबलपुर के 04, शहडोल के 04, भोपाल के 02, धार के 02 और मंदसौर, छिंदवाड़ा तथा रतलाम के 01-01, इस तरह कुल 37 आरोपियों के खिलाफ गृह विभाग ने रासुका की कार्रवाई को अनुमोदित कर दिया है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में रासुका में इंदौर जिले में 30 और भोपाल जिले में 08 आदेश संबंधित कलेक्टरों ने जारी किए हैं। इस तरह ये 38 आरोपी भी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं।

शहडोल में चार आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई

शहडोल जिला प्रशासन ने रेमडेसिविर इंजेक्शन अवैध तरीके से मनमाने दामों पर बेचने के चार आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कलेक्टर सतेंद्र सिंह ने कल देर शाम इस संबंध में आदेश जारी किया। इसके अनुसार यहां के मेडिकल कालेज की लेब में कार्य करने वाले कर्मचारी दीपक गुप्ता और उज्जवल द्धिवेदी के अलावा नर्स सुषमा साहू और एक मेडिकल स्टोर संचालक अमित मिश्रा के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गयी है।

दमोह उपचुनाव में शिक्षक सहित 39 कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत की रिपोर्ट संयुक्त संचालक शिक्षा ने देकर स्पष्ट नहीं किया कि, इनकी उपचुनाव में ड्यूटी थी अथवा नहीं attacknews.in

दमोह, 13 मई । मध्यप्रदेश में हाल ही में विधानसभा उपचुनाव देखने वाले दमोह जिले में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान शिक्षकों समेत कुल 55 कर्मचारियों की मृत्यु हुयी है, जिनमें से 39 की मौत का कारण कोरोना संक्रमण रहा।

इस संबंध में जिला शिक्षा विभाग की ओर से आज तैयार की गयी सूची लोक शिक्षण सागर संभाग के संयुक्त संचालक को भेजी गयी है। इसमें 55 लोकसेवकों की मृत्यु के कारण भी लिखे हुए हैं। इनमें से 39 की मृत्यु की वजह कोरोना संक्रमण बताया गया है।

दमोह में अप्रैल माह के दौरान उपचुनाव हुआ था और इस दौरान शिक्षकों समेत सैकड़ों कर्मचारियों की उपचुनाव में ड्यूटी लगी थी। हालाकि इन 39 शिक्षकों के बारे में आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं हो पाया कि इनकी उपचुनाव में ड्यूटी थी अथवा नहीं। शेष कर्मचारियों की मृत्यु का कारण अन्य बीमारी अथवा दुर्घटना रहा।

मध्यप्रदेश में कोविड पीड़ित महिला के साथ अस्पताल में कर्मचारी द्वारा बलात्कार के बाद पीड़िता की मौत attacknews.in

भोपाल, 13 मई । मध्यप्रदेश में लगभग सवा माह पहले कोरोना संक्रमण की शिकार एक महिला के साथ अस्पताल में दुष्कर्म की घटना के खुलासे के बाद अब सरकार भी सक्रिय नजर आ रही है। वहीं भोपाल पुलिस प्रशासन का कहना है कि पुलिस ने इस मामले को छिपाने या दबाने का कोई प्रयास नहीं किया।

घटना के संबंध में आयी जानकारी के अनुसार यहां भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) के कोविड वार्ड में अप्रैल माह में एक महिला को कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उसके साथ पांच और छह अप्रैल की दरम्यानी रात्रि में एक कर्मचारी संतोष ने दुष्कर्म किया। अगले दिन महिला की हालत और बिगड़ने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा गया, जहां उसी दिन उसकी मृत्यु हो गयी।

आरोपी ने घटना के बाद अस्पताल की एक कोरोना संक्रमित कर्मचारी युवती के साथ भी छेड़छाड़ की। युवती ने साहस दिखाते हुए अपने परिचितों को सूचना दी और इसके बाद अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची।

मुख्तार अंसारी को मिली कोरोना से मुक्ति attacknews.in

बांदा 13 मई । उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक मुख्तार अंसारी को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल गयी है।

अंसारी की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जेल प्रशासन को राहत मिली है। पिछले दिनो बाहुबली विधायक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुयी थी। मुख्तार को पिछली आठ अप्रैल को पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा लाया गया था जिसके कुछ दिन बाद उनको कोरोना हो गया था।

दिल्ली में ऑक्सीजन सांद्रकों की कालाबाजारी के मामले में नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज;कोर्ट ने कहा कि-पूरी साजिश को बेनकाब करने के लिए हिरासत में लेकर उससे पूछताछ किया जाना जरूरी attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 मई । दिल्ली की एक अदालत ने ऑक्सीजन सांद्रकों की जब्ती के मामले में कारोबारी नवनीत कालरा को अग्रिम जमानत देने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि कालरा के खिलाफ गंभीर किस्म के आरोप हैं और पूरी साजिश को बेनकाब करने के लिए हिरासत में लेकर उससे पूछताछ किया जाना जरूरी है।

गिरफ्तारी की आशंका के चलते कालरा ने इस हफ्ते की शुरुआत में मामले में जमानत का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया था। कालरा ने दावा किया कि उसके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और वह जांच से जुड़ना चाहता है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप गर्ग ने कालरा की याचिका खारिज कर दी और कहा, ‘‘आरोपी और कई सारे सह-आरोपियों के बीच रची गयी पूरी साजिश को बेनकाब करने के लिए हिरासत में लेकर उससे पूछताछ किया जाना जरूरी है।’’

हाल में की गयी छापेमारी के दौरान कालरा के तीन रेस्त्रां ‘खान चाचा’, ‘नेगा जू’ और ‘टाउन हॉल’ से 524 ऑक्सीजन सांद्रक बरामद किए गए थे और ऐसा संदेह है कि वह अपने परिवार के साथ दिल्ली छोड़कर चला गया है।

ऑक्सीजन सांद्रक कोविड-19 के इलाज में महत्वपूर्ण चिकित्सकीय उपकरण हैं।

अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी अब तक जांच से नहीं जुड़ा है। आरोपी के मोबाइल फोन में ग्राहकों के साथ व्हाट्सएप चैट, सह-आरोपियों के साथ बातचीत के कॉल के विवरण होंगे और उसके अकाउंट पर रोक लगाने की जरूरत है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ किए जाने और अभियोजन के गवाहों को भी डराने-धमकाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए उसकी अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करने का सवाल ही नहीं उठता।’’

लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने बुधवार को अदालत को प्रयोगशाला की एक रिपोर्ट के बारे में बताया जिसमें दिखाया गया कि जब्त किए गए ऑक्सीजन सांद्रक काम नहीं कर रहे, वे खराब गुणवत्ता के हैं और उनकी काम करने की क्षमता केवल 20.8 प्रतिशत है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर किस्म के हैं…प्रथम दृष्टया उसके खिलाफ कई सबूत मिले हैं जैसे कि सांद्रक का निर्माण जर्मनी के तालमेल से नहीं हुआ था और चीन में इसका निर्माण हुआ। एक व्यक्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए भी उसके पास समुचित सामग्री नहीं थी।’’

अदालत ने कहा कि कालरा ने सांद्रकों की आपूर्ति के लिए कई जरूरतमंद लोगों से अग्रिम रकम ली थी और वह आपूर्ति में भी देरी कर रहा था। उसने कीमत में बढ़ोतरी की और ना तो ग्राहकों के पैसे लौटाए ना ही उत्पाद की आपूर्ति की।

भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (जालसाजी), 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 34 (समान इरादे से काम करना) के तहत कालरा के खिलाफ पांच मई को एक मामला दर्ज किया गया था।

ऑक्सीजन सांद्रकों की कालाबाजारी के लिए आवश्यक वस्तु कानून और महामारी कानून के तहत भी प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों के अधिकारी ने बताया,अमेरिका मानवाधिकार के मुद्दों पर भारतीय अधिकारियों से नियमित वार्ता करता है और मानवाधिकार दायित्वों एवं प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखने के लिए प्रोत्साहित करता है attacknews.in

वाशिंगटन, 13 मई । अमेरिका भारत को लोकतांत्रिक मूल्यों की भारत की पुरानी परंपरा एवं सहिष्णुता के इतिहास को ध्यान में रखते हुए भारतीय अधिकारियों से हर स्तर पर नियमित रूप से वार्ता करता है और उन्हें अल्पसंख्यकों के संरक्षण समेत मानवाधिकार दायित्वों एवं प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों के प्रभारी वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन द्वारा 2020 अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को बुधवार को प्रस्तुत किए जाने के दौरान, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी डैन नाडेल ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी नागरिक संगठनों, स्थानीय धार्मिक समुदायों के साथ भी लगातार बैठक करते हैं ताकि उनके विचार एवं चुनौतियों और अवसरों को समझ सके।

रिपोर्ट में देश में कोविड-19 की पहली लहर के मद्देनजर पिछले साल तबलीगी जमात के सदस्यों को निशाना बनाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए “एकता एवं भाईचारे” के संदेश पर भी गौर किया गया।

विदेश मंत्रालय ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने 19 अप्रैल को ट्वीट किया था, ‘कोविड-19 वार करने से पहले धर्म, नस्ल, रंग, जाति, समुदाय, भाषा या सीमाएं नहीं देखता है। हमारा व्यवहार एवं प्रतिक्रिया में एकता एवं भाईचारे को अहमियत दी जानी चाहिए।”

वार्षिक रिपोर्ट के भारतीय खंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के 26 अप्रैल के राष्ट्र के नाम ऑनलाइन संबोधन का भी उल्लेख है जिसमें उन्होंने लोगों से कोविड-19 के खिलाफ जंग में किसी से भेदभाव नहीं करने की अपील की थी।

नाडेल ने कहा कि भारत सरकार को अमेरिका के कुल प्रोत्साहन की बात करें तो वह इन समुदायों को, इन बाहरी तत्वों को प्रत्यक्ष संवाद में शामिल करता है।

उन्होंने कहा, “क्योंकि जब कानून पारित किए जाते हैं, जब पहल की जाती हैं और इन समुदायों के साथ प्रभावी राय-विचार के साथ नहीं किया जाता, यह नि:सशक्तीकरण का भाव पैदा करता है कई बार विरक्ति का। और इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका है सरकारी एवं नागरिक संस्थाओं के बीच सीधा संवाद स्थापित करना।”

नाडेल ने कहा, “इसलिए भारत के संबंध में, मेरे विचार में सरकार के लिए भारतीय नागरिक संस्थाओं की कुछ चिंताओं से निपटने का सही में मौका है जो अधिक संवाद एवं अधिक वार्ता से संभव है।”

भारत इससे पहले यह कहकर अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्टों को खारिज करता रहा है कि वह विदेशी सरकार का उसके नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर फैसला सुनाने का कोई अधिकार नहीं समझता है।

इससे पहले रिपोर्ट जारी करते हुए ब्लिंकेन ने कहा था कि पूरी दुनिया में यहूदियों के खिलाफ और कुछ हिस्सों में मुस्लिमों के खिलाफ भी नफरत बढ़ी है जो अमेरिका के साथ ही यूरोप के लिए गंभीर समस्या है।

उन्होंने कहा कि जहां भी यह हो रहा हो इसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी धर्म एवं पृष्ठभूमि के लोगों को बराबर सम्मान एवं गरिमा मिले।

रिपोर्ट का स्वागत करते हुए ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गेनाइजेशन’ के अध्यक्ष कोशी जॉर्ज ने कहा कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भी इसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन जारी है।

उन्होंने कहा, “इन अहम मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी निराश करने वाली है।”

अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के दमन के लिए चीन और अन्य देशों पर निशाना साधा;बाइडन प्रशासन ने अमेरिकी विदेश नीति में प्राथमिक ध्यान मानवाधिकारों की बहाली पर देने का रखा attacknews.in

वाशिंगटन, 13 मई (एपी) बाइडन प्रशासन ने अमेरिकी विदेश नीति में प्राथमिक ध्यान मानवाधिकारों की बहाली पर देने के लक्ष्य पर आगे बढ़ने के क्रम में धार्मिक स्वतंत्रता के दमन के लिए चीन और कई अन्य देशों पर बुधवार को निशाना साधा।

यह निंदा उसी तरह की है जो ट्रंप प्रशासन ने भी की थी जिसकी आलोचना अन्य अधिकारों से ज्यादा तवज्जो धार्मिक स्वतंत्रता को देने के लिए की जाती थी। यह कदम अमेरिकी स्थिति की फिर से पुष्टि करता है कि मुस्लिमों पर और पश्चिमी शिनजियांग में अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर चीन की कार्रवाई “नरसंहार’’ के दायरे में आती है।

हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता, प्रशासन के व्यापक मानवाधिकार रणनीति का महज एक तत्व है।

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने मंत्रालय की वार्षिक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट का हवाला देकर चीन की अपने नागरिकों को स्वतंत्र रूप से उपासना करने की अनुमति न देने के लिए निंदा की। इसके अलावा उन्होंने पूर्व वरिष्ठ चीनी अधिकारी पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है जिन पर अमेरिका ने फालुन गोंग धार्मिक पंथ के सदस्यों का दमन करने का आरोप लगाया है।

गाजा से इजरायल में दागे गए 1500 रॉकेट’;जवाब में इजरायली हवाई हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या 67 हुई attacknews.in

यरुशलम 13 मई । इजरायल ने कहा है कि तनाव बढ़ने के बाद से गाजा पट्टी की ओर से इजरायल में लगभग 1500 रॉकेट दागे गए हैं।

इजरायली सेना ने बुधवार को देर रात बयान जारी कर यह जानकारी दी। इजरायली सेना ने बताया कि गाजा पट्टी की ओर से इजरायल में लगभग 1500 रॉकेट दागे गए हैं। इन रॉकेटों में से सैकड़ों को इजरायली वायु रक्षा प्रणालियों ने हवा में ही नष्ट कर दिया।

इजरायली सेना ने कहा, ” गाजा पट्टी की ओर से इजरायली सीमा में अब तक लगभग 1500 रॉकेट दागे गए हैं, जिनमें से लगभग 300 असफल रहे तथा गाजा पट्टी में ही गिर गए। आयरन डोम सिस्टम ने सैकड़ों रॉकेटों को नष्ट कर दिया है।”

इजरायली हवाई हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या 67 हुई

गाजा, से खबर है कि, गाजा पट्टी पर इजरायल के हवाई हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने दावा किया कि मृतकों में 17 बच्चे शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक इजरायली हवाई हमले में 388 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 115 बच्चे तथा 50 महिलाएं शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि इजरायल तथा हमास ने सोमवार रात से एक-दूसरे पर सैकड़ों रॉकेट दागे हैं।

गाज़ा के स्थानीय लोगों का सवाल, ‘हम कहां जाएं?’

गाज़ा सिटी में 50 वर्षीय उम्म माजिद अल रईस को अपनी और अपने चार बच्चों की इज़राइल के हवाई हमले से जान बचाने के लिए पड़ोस के घर में शरण लेनी पड़ी, क्योंकि इज़राइल के जंगी जहाजों ने उनकी रिहायशी इमारत को निशाना बनाया है।

इज़राइल और गाज़ा पट्टी के बीच 2014 की जंग के बाद से सबसे भीषण हिंसा में इस हफ्ते हताहतों की संख्या बढ़ गई है जबकि अल रईस और अन्य फलस्तीनियों का सवाल है, “ हम कहां जाएं?”

अल रईस ने पड़ोस के घर से फोन पर बताया, “ पूरा क्षेत्र एक छोटा सा हिस्सा है। यह एक जेल है। आप कहीं भी जाएं, आप निशाने पर हैं।”

उन्होंने पड़ोस के घर में अपने किशोर बेटे- बेटियों के साथ शरण ली है। उन्होंने कहा कि बिना चेतावनी के इज़राइल ने हवाई हमले किए।

गाज़ा में 20 लाख लोग रहते हैं और यहां पर हवाई हमलों को लेकर सायरन या सुरक्षित घर नहीं हैं। बीते सालों में हुए टकरावों में संयुक्त राष्ट्र के अस्थायी आश्रय स्थलों तक पर हमला हुआ है। पिछले दो सालों में, इज़राइल ने हवाई हमलों के जरिए तीन बड़ी इमारतों को ध्वस्त किया है जिनमें हमास के अहम दफ्तर थे। इज़राइल ने पहले चेतावनी के लिए गोलियां चलाईं ताकि इमारत में रहने वाले लोग भाग सकें।

लड़ाकू विमानों ने बिना चेतावनी के कई रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया है। इज़राइल का आरोप है कि इन इमारतों में चरमपंथी रहते हैं। कुल मिलाकर सोमवार से गाज़ा में 16 बच्चों समेत 65 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में चरमपंथी और आम नागरिक भी शामिल हैं। इनमें दो महिलाएं और बच्चे हैं जो इमारत पर हमले के दौरान मारे गए हैं।

एक महिला ने बताया कि इज़राइल के विमान ने बुधवार को एक दो मंजिला इमारत को निशाना बनाया जिसमें उनका चार वर्षीय पोता और गर्भवती बहू की मौत हो गई।

उम्म मोहम्मद अल तलबानी ने अस्पताल में बताया, “ उन्होंने बिना चेतावनी के बम दाग दिए। घर में बच्चों के अलावा कोई न था।”

इज़राइल की सरकार लंबे अरसे से आरोप लगाती रही है कि जवाबी हमलों के दौरान हमास आम नागरिकों को मानव कवच की तरह इस्तेमाल करता है और चरमपंथी अक्सर असैन्य इलाकों से रॉकेट दागते हैं और रिहायशी इमारतों में कमान केंद्र स्थापित करते हैं। फिर भी इज़राइल की हमास के साथ 2014 युद्ध में इमारतों को निशाना बनाने के लिए काफी आलोचना की गई थी।

गाज़ा के निवासियों ने पहले की जंगों को याद करते हुए कहा कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। वे इस संकरी क्षेत्र को नहीं छोड़ सकते हैं जो दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में से एक है।

वर्ष 2007 में गाज़ा पर हमास के नियंत्रण के बाद से वह इज़राइल और मिस्र की नाकेबंदी का सामना कर रहा है।

हमास और अन्य चरमपंथी संगठनों ने तेल अवीव समेत इज़राइल के कई शहरों पर सैकड़ों रॉकेट दागे हैं जिनमें कम से कम सात लोगों की मौत हुई है।