मध्यप्रदेश में कोविशिल्ड वैकसीन का दूसरा डोज 12 से 16 सप्ताह के अंतराल में लगेगा और कोवैक्सीन की अवधि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है attacknews.in

भोपाल, 14 मई । केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविशिल्ड वैक्सीन की दोनों खुराकों के बीच के अंतराल की अवधि 6 से 8 सप्ताह को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने की स्वीकृति प्रदान की है।

कोविशील्ड वैक्सीन के दोनों डोज के बीच के अंतर की अवधि बढ़ाने की सिफारिश नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप द्वारा दी गई। कोवैक्सीन टीके के दोनों खुराकों के बीच का अंतराल पूर्वानुसार 28 से 42 दिन ही रहेगा। कोवैक्सीन की अवधि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। यह जानकरी संचालक, एन.एच.एम. टीकाकरण, श्री संतोष शुक्ला द्वारा दी गई है।

कोविशिल्ड वैक्सीन के लिए अब ऑनलाइन या ऑन-साईट अपॉइंटमेंट्स पहली वैक्सीन लगने की तारीख से न्यूनतम 84 दिन की अवधि के बाद ही स्वीकार किये जायेंगे। आज दिनांक तक जिन लाभार्थियों द्वारा पहले से रजिस्ट्रेशन किया गया है, उनके रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं किये जायेंगे। आईईसी के माध्यम से उनको सलाह दी जा सकती है कि वे अपने रजिस्ट्रेशन को पुन: निर्धारित करें। यदि वे अपनी स्वेच्‍छा से वैक्सीन की दूसरी खुराक लेना चाहतें हैं, तो ऐसे लाभार्थी कोविशिल्ड वैक्सीन का दूसरा डोज लगवा सकते हैं।

ऐसे लाभार्थी, जो 18 से 44 वर्ष आयु वाले है, उनका रजिस्ट्रेशन cowin.gov.in पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। जिनका रजिस्ट्रेशन कन्फर्म होगा, उन्हें एस.एम.एस द्वारा सूचना प्राप्त होगी। बगैर रजिस्ट्रेशन के ऑन-स्पॉट टीकाकरण नहीं किया जायेगा।

मध्यप्रदेश में शुक्रवार को कोरोना के 8087 नए मामले आये सामने, 88 की मृत्यु:अबतक संक्रमितों की संख्या हुई 7,16,708 और 6841 मरीजों की मौत attacknews.in

भोपाल, 14 मई । मध्यप्रदेश में आज कोरोना संक्रमण के 8087 नए मामले सामने आने के साथ 88 संक्रमितों की मृत्यु हो गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार 68,351 सैंपल की जांच में 8087 सैंपल पॉजीटिव और 60,264 नेगेटिव रहे।

1366 सैंपल रिजेक्ट हुए और पॉजीटिविटी रेट (संक्रमण दर) 11़ 8 प्रतिशत रही।

कुल संक्रमितों में से सबसे अधिक नौ की मृत्यु इंदौर में और सात सात की मृत्यु भोपाल तथा ग्वालियर में हुयी।

जबलपुर में छह कोरोना संक्रमितों को बचाया नहीं जा सका।

राज्य में एक वर्ष से अधिक के कोरोना संकटकाल के दौरान अब तक कुल 6841 लोगों की जान जा चुकी है।

हालाकि राहत की बात है कि आज कुल 11671 व्यक्ति स्वस्थ घोषित किए गए और अब तक कुल 6,05,423 व्यक्ति कोरोना संक्रमण को मात दे चुके हैं।

वहीं कुल 7,16,708 व्यक्ति अब तक संक्रमित हुए हैं।

वर्तमान में सक्रिय मामले घटकर 1,04,444 पर आ गए हैं।

सबसे अधिक सक्रिय मामले इंदाैर जिले में 17,105 और भोपाल जिले में 14,962 हैं।

आज इंदौर में 1559, भोपाल में 1243, ग्वालियर में 597, जबलपुर में 565, उज्जैन में 270, रतलाम में 298, रीवा में 226, सागर में 220, खरगोन में 108, बैतूल में 136, धार में 112 और शिवपुरी में 107 नए प्रकरण दर्ज किए गए।

सबसे कम नए मामले आठ अलिराजपुर जिले में दर्ज हुए हैं।

इस जिले में वर्तमान में सक्रिय मामले 206 हैं।

चित्रकूट जेल में गैंगवार,मजदूर से कुख्यात अपराधी बना मुकीम काला और मेराजुद्दीन को अपराधी अंशुल दीक्षित ने ढेर कर दिया,बाद में अंशुल को पुलिस ने मार गिराया attacknews.in

चित्रकूट 14 मई । उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जेल में शुक्रवार को हुयी गैंगवार में कुख्यात अपराधी मुकीम काला समेत तीन दुर्दांत मारे गये।मुकीम काला करीब 15 साल की उम्र में चिनाई मिस्त्रियों के साथ मजदूरी करता था. मुकीम ने 50 करोड़ से ज्यादा की लूटपाट की थी.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बन चुका मुकीम काला चित्रकूट जेल में बंद था जिसका जेल में अंदर एक अन्य अपराधी अंशु दीक्षित से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था।

इस बीच अंशु ने मुकीम काला और उसके साथी मेराजुद्दीन की हत्या कर दी। जेल में हुयी इस दुस्साहसिक घटना के बाद पुलिस ने अंशु को आत्मसमर्पण करने को कहा मगर उसके पुलिस पर गोली चलानी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह भी पुलिस की गोली से मारा गया।

चित्रकूट जेल में हुई गैंगवार में पश्चिम यूपी का कुख्यात बदमाश मुकीम काला ढेर, कभी करता था मजदूरी

कुख्यात बदमाश मुकीम काला गैंग के कारण साल 2013 में रंगदारी, डकैती और व्यापारियों की दिनदहाड़े हत्या से पश्चिम यूपी का कैराना देशभर में बदनाम हो गया था, मुकीम काला के नाम से व्यापारियों सहित आमजन थर्रा जाते थे. गैंग के लीडर के इशारे पर गैंग के बदमाश दिनदहाड़े व्यापारियों से रंगदारी मांगते थे और रंगदारी ना देने पर व्यापारियों की हत्या कर दी जाती थी।

2015 में कुख्यात बदमाश मुकीम काला और उसके साथी साबिर जंधेडी को नोएडा और मेरठ की स्पेशल टास्क फोर्स ने नोएडा गेट के पास से गिरफ्तार कर लिया था।उस दौरान दोनों बदमाशों से एक एके 47 रायफल, एक पिस्टल, एक रिवॉल्वर और भारी मात्रा में कारतूस भी बरामद किए थे. दोनों बदमाशों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया था।करीब 3 साल पहले कुख्यात बदमाश मुकीम काला गैंग का शार्प शूटर साबिर को उसके गांव जंधेडी में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था जिसके बाद मुकीम काला का गैंग बुरी तरह बिखर गया।

मुठभेड़ में साबिर के ढेर होने के बाद मुकीम काला को हरियाणा सहित अन्य राज्यों की जेलों में शिफ्ट किया जाता रहा. हाल के दिनों में कुख्यात बदमाश चित्रकूट की जेल में बंद था।ईद के दिन दोपहर के समय जेल के अंदर बदमाशों के बीच गैंगवार हुई, जिसमें मुकीम काला को मार दिया गया. मुकीम काला को मारने वाले बदमाश अंशुल दीक्षित को भी पुलिस ने मार गिराया है।

कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव जहानपुरा में मुकीम काला का मकान खंडहर बना हुआ है. जैसे ही मुकीम काला की चित्रकूट जेल के अंदर मौत की सूचना गांव पहुंची तो गांव में पूरी तरह सन्नाटा छा गया। कुछ ही ग्रामीण मुकीम के घर के आसपास एक दूसरे से जानकारी लेते नजर आए. गांव के रहने वाले महताब और इकराम ने बताया कि मुकीम काला करीब 15 साल की उम्र में चिनाई मिस्त्रियों के साथ मजदूरी करता था।

कुछ समय बाद मुकीम काला सहारनपुर क्षेत्र के कुख्यात बदमाश रहे मुस्तफा उर्फ कग्गा के संपर्क में आया. तभी से मुकीम काला जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया. जिस पर हरियाणा, उत्तराखंड सहित उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और शामली व कैराना थानों में करीब 61 मुकदमे दर्ज हैं।

गांव वालों का कहना है कि उसका परिवार कई साल से गांव में नहीं रहता, जबकि उसके बराबर में मौजूद उसके दो चाचा के मकान भी बंद पड़े हुए हैं. वहीं, कुख्यात बदमाश मुकीम काला की मौत के बाद व्यापारियों सहित आमजन ने भी राहत की सांस ली है।

मुकिम की गिरफ्तारी के दौरान इसकी निशानदेही पर कैराना से एके 47, 30 बोर पिस्टल मय दो मैगजीन तथा 65 कारतूस, रिवॉल्वर 38 बोर मय 34 कारतूस, 15 कारतूस 9 एमएम, एक मोबाइल फोन बरामद हुए थे. मुकीम पर हत्या के 16, लूट के 22 मामलों समेत कुल 61 दर्ज मामले संज्ञान में आए हैं।

शामली के जहानपुरा में रहने वाले मुस्तकीम का बेटा मुकीम बहुत जल्द जरायम की दुनिया का बादशाह बन गया था. मामूली वारदातों से अपराध की दुनिया में कदम रखा फिर पैसे की चाह में राहजनी की राह पर चल पड़ा. कुछ समय बाद कई साथियों के साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंक बरपाने वाले कग्गा गिरोह में शामिल हो गया. शातिर कग्गा गिरोह में रहकर उसने कई जघन्य वारदातों को अंजाम दिया. कग्गा के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसने खुद का गिरोह बना लिया और अपने क्षेत्र के साथियों की मदद से हरियाणा, पश्चिम उत्तर, दिल्ली और उत्तराखंड में अपराध को अंजाम दिया.

सिपाही राहुल ढाका की हत्या

मुकीम पर 50 करोड़ से ज्यादा की लूटपाट और अनगिनत हत्याओं का आरोप था. सात साल पहले पांच जून को हरियाणा में दो पेट्रोल पंपों से डकैती करके भागते हुए मुकीम काला ने दिनदहाड़े सहानपुर में हसनपुर रजवाहे पर सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर उसकी कारबाइन लूट ली थी. तनिष्क ज्वेलरी शॉप में करोड़ों की डकैती डालने के बाद सहारनपुर पुलिस ने गैंग के सभी शार्प शूटरों और उसकी पत्नी को जेल भेजा था।

सहारनपुर किए गए अपराध

सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर कारबाइन लूटी, देवबंद में सर्राफा कारोबारी की हत्या कर लाखों की लूट. देवबंद में गोल्ड सप्लायर से एक करोड़ का सोना लूटा. तनिष्क ज्वेलरी शॉप में करोड़ों की डकैती. बेहट में एक दर्जन से ज्यादा बार रायल्टी चेक पोस्ट पर लूट. गंगोह में मीट सप्लायर से 25 लाख की लूट. गंगोह में सर्राफा कारोबारी के यहां 80 लाख का डाका. एक दर्जन से ज्यादा व्यापारियों से रंगदारी वसूली।

मुकीम के गैंग में थे 16 शूटर

मुकीम काला के गिरोह में शामली, कैराना, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर के युवक शामिल थे. मुकीम ने अपने गैंग के साथ हरियाणा, पश्चिम उत्तर, दिल्ली और उत्तराखंड में अपराधों को इस कदर अंजाम दिया कि उत्तर प्रदेश में डेढ़ लाख और पड़ोसी राज्य ने पचास हजार का इनाम घोषित कर दिया।

मां यमुनोत्री धाम के कपाट ग्रीष्मकालीन दर्शनों के लिये खुले,बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम को रवाना attacknews.in

यमुनोत्री धाम/उखीमठ/रुद्रप्रयाग, 14 मई । उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध मां यमुनोत्री धाम के कपाट शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर अपराह्न 12:15 बजे अभिजीत मुहूर्त में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।

कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत, राज्य सरकार द्वारा चारधाम यात्रा प्रतिबंधित किये के कारण बिना श्रद्धालुओं के धाम के कपाट खोले गए। कोविड मानकों का पालन करते हुए सीमित संख्या में उपस्थित मन्दिर प्रशासन और पुरोहितों की उपस्थिति में शीतकालीन निवास स्थल खुशीमठ (खरसाली) में मां यमुना की विदाई हुई, जो 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची।

बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम को रवाना

उखीमठ/रुद्रप्रयाग, से खबर है कि देवभूमि उत्तराखंड स्थित ग्याहरवें ज्योतिर्लिंग भगवान बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली शुक्रवार अक्षय तृतीया के पवित्र नक्षत्र में श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से सादगीपूर्वक केदारनाथ धाम को प्रस्थान हो गई। डोली शनिवार को केदारनाथ पहुंचेगी।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि 17 मई को प्रात: पांच बजे श्रीकेदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा स्थगित है, इसलिए मंदिरों के मात्र कपाट खुल रहे है।

उन्होंने बताया कि पूजापाठ से जुड़े कुछ ही लोगों को धामों में जाने की अनुमति दी गयी है। आज दिन में 12.15 बजे श्री यमुनोत्री धाम के कपाट खुलें। जबकि शनिवार 15 मई को गंगोत्री धाम एवं 18 मई प्रात: को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुल रहे है।

आज डोली प्रस्थान के अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, डोली प्रभारी यदुवीर पुष्पवान सहित प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

मध्यप्रदेश में पत्रकारों और उनके परिजनों का काेरोना संबंधी निशुल्क इलाज सरकार कराएगी attacknews.in

भोपाल, 14 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना से पीड़ित पत्रकारों और उनके परिजनों के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने यहां एक संदेश के जरिए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया से जुड़े सभी अधिमान्य और गैर अधिमान्य साथियों और उनके परिजनों का कोरोना संबंधी इलाज राज्य सरकार कराएगी। इससे संबंधित योजना में प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल के संपादकीय विभाग में कार्य कर रहे सभी पत्रकार, डेस्क पर कार्यरत सभी साथी, कैमरामेन और फोटोग्राफर को शामिल किया गया है।

श्री चौहान ने कहा कि मीडिया के साथी कोरोना काल में जनजागृति का धर्म निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अधिमान्य और गैरअधिमान्य पत्रकार साथियों को पहले से ही पत्रकार बीमा योजना के तहत उपचार की व्यवस्था की गयी है। अब कोरोना के इलाज की व्यवस्था सरकारी अस्पताल और अनुबंधित निजी अस्पताल में भी रहेगी।

भुवनेश्वर हवाई अडडे ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहायता के लिए मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओं में 156ऑक्सीजन के खाली टैंकरों, 526ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा 140ऑक्सीजन सिलेंडरों की ढुलाई की गई attacknews.in

नईदिल्ली 14 मई । कोविड 19 के खिलाफ राष्ट्र की लड़ाई को सुदृढ़ बनाने के लिए देश भर के हवाई अड्डे प्रति दिन मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओं तथा उपकरणों की ढुलाई कर रहे हैं। एएआई का भुवनेश्वर हवाई अडडा और इसके हितधारक 24 घंटे मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओं तथा उपकरणों की निर्बाधित ढुलाई को सुगम बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

भुवनेश्वर हवाई अड्डे के जरिये 09 मई 2021 तक विभिन्न एयरलाइंस के माध्यम से कोविड टीकों के कुल 669 बक्सों (20.53 एमटी) की ढुलाई की गई है।

देश में ऑक्सीजन संकट से उबरने के लिए 23 अप्रैल 2021 से 11 मई 2021 तक सी17, सी130जे, एएन32 जैसे भारतीय वायु सेना के 75 विमानों द्वारा कुल 156 खाली ऑक्सीजन टैंकर, 526ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा 140ऑक्सीजन सिलेंडरों की ढुलाई की गई।

विभिन्न एयरलाइंनों के जरिये भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के 41 भागों की ढुलाई की गई। 10 लीटर के सीमलेस सिलेंडरों के 3500 भागों और 46.7 एल सीमलेस सिलेंडरों के 1520 भागों की ढुलाई की योजना है और इस खेप के दुनिया के अन्य देशों से एक सप्ताह के भीतर पहुंच जाने की उम्मीद है।

इसके अतिरिक्त, भुवनेश्वर हवाई अड्डा यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों के निर्देशों के अनुरुप कोविड-19 संबंधित सभी दिशानिर्देशों और प्रोटोकॉल का भी पालन कर रहा है। हवाई अड्डे के कर्मचारी लगातार सभी यात्रियों, हितधारकों, आगंतुकों, कर्मचारियों आदि से कोविड उपयुक्त बर्ताव का हमेशा पालन करने और कम से कम भीड़भाड़ होने से बचाने के लिए अलग अलग टाइमिंग बनाये रखने का आग्रह कर रहे हैं।

कोविड उपयुक्त बर्ताव से संबंधित जागरुकता फैलाने, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हवाई अड्डा टर्मिनल पर लगे विभिन्न इलेक्ट्रानिक तथा स्थायी डिस्प्ले के माध्यम से निर्देशों को भी प्रदर्शित कर रहा है।

सभी हवाई अड्डे, जितना वे कर सकते हैं, हर प्रकार की लड़ाई में शामिल हो रहे हैं और इसका प्रयास कर रहे हैं। भुवनेश्वर हवाई अडडा ने सभी सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए, ओडिशा सरकार के समर्थन एवं सहायता से एएआई के कर्मचारियों तथा अन्य हितधारकों के लिए कोविड टीकाकरण शिविर आयोजित किया गया है।

कोविड-19 महामारी के दौरान राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा (ई-संजीवनी) के जरिए 50 लाख से ज्यादा मरीजों की सेवा की गयी;हर दिन 1,500 से अधिक डॉक्टर देते हैं  सेवाएँ attacknews.in

ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म के माध्यम से दूरस्थ सेवा देते हैं

कुछ राज्य विशेष होम आइसोलेशन ओपीडी लाने की दिशा में काम कर रहे हैं जहां एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र दूरस्थ रूप से कोविड-19 के लिए मरीजों की जांच कर सकते हैं

नईदिल्ली 14 मई । लगभग एक वर्ष में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की प्रमुख राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी के जरिए 50 लाख (आधे करोड़ से अधिक) मरीजों की सेवा की गयी है।

मंत्रालय ने अप्रैल 2020 में मरीजों के लिए डॉक्टरों की दूरस्थ परामर्श सेवाएं शुरू की थीं, जबकि देश में पहले लॉकडाउन के दौरान ओपीडी बंद थे।

देश के 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में ई-संजीवनी पहल चालू है और देश भर में हरदिन लगभग 40,000 मरीज स्वास्थ्य सेवा वितरण के इस संपर्क रहित और जोखिम रहित तौर-तरीके का उपयोग कर रहे हैं।

ई-संजीवनी के दो मॉड्यूल हैं:

ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी- डॉक्टर टू डॉक्टर टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म- को भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत हब और स्पोक मॉडल में देश के सभी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर लागू किया जा रहा है। अब तक ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी को 18,000 से ज्यादा स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों और 1,500 से ज्यादा हब में लागू किया गया है और दिसंबर 2022 तक टेलीमेडिसिन 1,55,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में चालू हो जाएगा। नवंबर 2019 में ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी को शुरू कर दिया गया था और 22 राज्यों ने इस डिजिटल मोडेलिटी का उपयोग करना शुरू कर दिया है, जहां 20 लाख के करीब मरीजों को डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं दी गई हैं। विशेषज्ञों, डॉक्टरों और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों सहित कुल मिलाकर सभी 21,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है और ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी से जोड़ा गया है।

राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा का दूसरा मॉड्यूल ई-संजीवनीओपीडी है। इसे 28 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू किया गया है। ई-एसंजीनीओपीडी पर 350 से अधिक ओपीडी स्थापित किए गए हैं, इनमें से 300 से अधिक विशिष्ट ओपीडी हैं। 30,00,000 से अधिक मरीजों को ई-संजीवनीओपीडी के माध्यम से सेवा दी गई है, जो निशुल्क सेवा है। डिजिटल स्वास्थ्य का यह मॉड्यूल नागरिकों को उनके घर की चारदीवारी में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने को सक्षम बनाता है।

महामारी शुरू होने के बाद से, मरीजों और डॉक्टरों के बीच स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा को तेजी से और व्यापक रूप से अपनाया गया है। ई-संजीवनी पहले से ही जरूरत से ज्यादा भार उठा रही देश की स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली की एक समानांतर धारा के रूप में प्रदर्शन कर रही है। पिछले साल अप्रैल में शुरू किए जाने के समय, ई-संजीवनी की गैर-कोविड संबंधित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के मॉड्यूल के रूप में परिकल्पना की गयी थी, लेकिन ई-स्वास्थ्य के मॉड्यूल के संभावित लाभों को ध्यान में रखते हुए राज्यों ने कोविड-19 से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की खातिर ई-संजीवनी के इस्तेमाल के लिए तेजी सेप्रक्रियाएं और कार्य प्रगति तैयार की।राज्यों ने घरों में अलग-थलग रह रहे कोविड-19 के मरीजों की निगरानी और प्रबंधन के लिए ओपीडी स्थापित किए हैं।

कुछ राज्य विशेष होम आइसोलेशनओपीडी को चालू करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसमें मरीजों की कोविड-19 के लिए जांच की जाएगी। ये राज्य दूरस्थ रूप से कोविड-19 की जांच संबंधी उद्देश्यों के लिए एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों को शामिल करने की योजना बना रहे हैं। कोविड मामलों के बढ़ते भार के कारण, कुछ राज्यों में ई-संजीवनीका चौबीसों घंटे इस्तेमाल किया जा रहा है। तमिलनाडु ई-संजीवनी पर 10 लाख से अधिक परामर्श दर्ज करने वाला पहला राज्य है। रक्षा मंत्रालय ने भी कुछ राज्यों में जनता को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं के वरिष्ठ डॉक्टरों को शामिल किया है।

मोहाली में सी-डैक के केंद्र में, ई-संजीवनीके निर्माता ई-संजीवनीओपीडी में एक और नवीनसुविधा जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो ई-संजीवनीओपीडीपर नेशनलओपीडी शुरू करने में सक्षम करेगा। ये नेशनलओपीडी डॉक्टरों को देश के किसी भी हिस्से में मरीजों को दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएंगे। यह कुछ हद तक देश के विभिन्न क्षेत्रों में डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमी और असमान वितरण जैसी चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा।

ई-संजीवनी अपनाने वाले शीर्ष 10 राज्यों में तमिलनाडु (1044446), कर्नाटक (936658), उत्तर प्रदेश (842643), आंध्र प्रदेश (835432), मध्य प्रदेश (250135), गुजरात (240422), बिहार (153957), केरल (127562), महाराष्ट्र (127550) और उत्तराखंड (103126) शामिल हैं।

भारत में पीएम केयर्स के अंतर्गत पिछले साल आपूर्ति किए गए वेंटिलेटर्स में से कुछ राज्यों ने वेंटिलेटर प्राप्त होने के बाद भी अभी तक इन्हें अस्पतालों में नहीं लगाया attacknews.in

प्रभावी कोविड प्रबंधन के लिए अस्पतालों के बुनियादी ढांचे को ‘मेड इन इंडिया’ वेंटिलेटर्स ने मज़बूत किया

दोष-रहित संचालन के लिए निर्माताओं द्वारा सभी प्रकार की तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है

नईदिल्ली 14 मई ।भारत सरकार पिछले वर्ष से, संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण के साथ अस्पतालों में कोविड रोगियों की देखभाल के प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का पूरी तरह से समर्थन कर रही है। मौजूदा अस्पतालों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए, केंद्र सरकार अप्रैल 2020 से वेंटिलेटर्स सहित आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की खरीद कर रही है और इन्हें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/केंद्रीय अस्पतालों/ संस्थानों को प्रदान कर रही है।

कुछ मीडिया खबरों में कहा गया है कि पंजाब के फरीदकोट में जीजीएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को जिन वेंटिलेटर्स की आपूर्ति (पीएम केयर्स द्वारा समर्थित) की गई है, वे तकनीकी खराबी के कारण अप्रयुक्त पड़े हुए हैं और बिक्री के बाद खराब होने पर निर्माताओं ने इनसे संबंधित समस्या का समाधान नहीं किया है। इस मामले पर पूरी जानकारी नहीं होने से ये खबरें निराधार लग रही हैं।

पिछले वर्ष महामारी की शुरुआत में देश भर के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर बहुत सीमित संख्या में उपलब्ध थे। इसके अलावा, देश में वेंटिलेटर का बहुत सीमित विनिर्माण हो रहा था जबकि विदेशों के अधिकांश आपूर्तिकर्ता भारत में बड़ी मात्रा में वेंटिलेटरों की आपूर्ति करने की स्थिति में नहीं थे। इसके पश्चात, देश की व्यापक अनुमानित मांग और इनके लिए मिलने वाले आर्डर को पूरा करने की स्थिति को देखते हुए स्थानीय निर्माताओं को “मेक इन इंडिया” वेंटिलेटर का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। इनमें से कई निर्माता वेंटिलेटर निर्माण के क्षेत्र में पहली बार उतरे थे। वेंटिलेटर मॉडलों का निर्माण बेहद कठिन स्क्रीनिंग, तकनीकी प्रदर्शन और नैदानिक सत्यापन प्रक्रिया के साथ बहुत ही सीमित समय में किया गया और इनकी आपूर्ति इस क्षेत्र के प्रबुद्ध विशेषज्ञों के माध्यम और उनकी मंजूरी के बाद ही की गई थी।

कुछ राज्य ऐसे हैं जिन्हें वेंटिलेटर प्राप्त हुए हैं लेकिन अभी तक उन्होंने इन्हें अस्पतालों में नहीं लगाया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 11 अप्रैल 2021 को ऐसे सात राज्यों को पत्र लिखा है, जहाँ अभी भी 50 से अधिक वेंटिलेटर पिछले 4-5 महीनों से अस्पतालों में लगाए नहीं गए हैं। इन राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे इन्हें शीघ्रता से अस्पतालों में लगाऐं ताकि वेंटिलेटरों को इष्टतम उपयोग में लाया जा सके।

पंजाब के फरीदकोट के जीजीएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एजीवीए के 80 में से 71 वेंटिलेटर्स के संचालन में न होने या दोषपूर्ण होने की हाल ही की मीडिया रिपोर्ट के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि 88 वेंटीलेटर्स की आपूर्ति भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और पांच की एजीवीए के द्वारा की गई हैं। इन वेंटिलेटर्स की सफलतापूर्वक स्थापना और इनके संचालित होने के बाद ही, अस्पताल के अधिकारियों द्वारा इनके लिए फाइनल स्वीकृति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया था।

बीईएल ने बताया है कि जीजीएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीजीएसएमएमसीएच), फरीदकोट के अधिकांश वेंटिलेटर दोषपूर्ण नहीं हैं, जैसा कि मीडिया की कुछ खबरों में बताया जा रहा है। उनके इंजीनियरों ने पूर्व में प्राप्त शिकायतों को दूर करने के लिए विभिन्न मौकों पर उक्त मेडिकल कॉलेज का दौरा किया है और इनकी तत्काल आवश्यक मामूली मरम्मत भी की है। उन्होंने वहां के कर्मचारियों के सामने वेंटिलेटर के सही रूप से कार्य करने का स्थिति को बार-बार दिखाया भी हैं।

यह देखा गया कि केंद्रीय ऑक्सीजन गैस पाइपलाइनों में आवश्यक दबाव की अनुपलब्धता सहित जीजीएसएमसीएच में बुनियादी ढांचे के साथ कई अन्य समस्याएं हैं। इसके अलावा, अस्पताल के अधिकारियों द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार फ्लो सेंसर, बैक्टीरिया फिल्टर और एचएमई फिल्टर जैसे उपयोग किए जाने वाले उपकरणों को बदला नहीं जा रहा है या इन महत्वपूर्ण रूप से उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के बिना ही वेंटिलेटर्स का उपयोग किया जा रहा है। सही गैस दबावों का रखरखाव (वायु दबाव और ऑक्सीजन दबाव के बीच अंतर 10 पीएसआई से अधिक नहीं हो सकता है) और इनके लिए उचित रूप से उपयोग किए जाने वाले उपकरणों का प्रयोग इनके सही रूप से संचालन के लिए आवश्यक है, इनके सही उपयोग के बिना सीवी 200 वेंटिलेटर की पूर्ण क्षमता की गारंटी नहीं है।

इसके अलावा, बीईएल इंजीनियरों ने गत12 मई, 2021 को फिर से जीजीएसएमसीएच का दौरा किया और केवल कुछ जरूरी उपयोग किए जाने वाले उपकरणों को बदलकर पांच वेंटिलेटर्स को फिर से संचालित कर दिया। जीजीएसएमसीएच के अधिकारियों के सामने इनके अधिकतम उपयोग के लिए इसका प्रदर्शन भी किया गया, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि अगर वेंटिलेटर्स को ठीक से संचालित किया जाता है तो इनसे विश्वसनीय सेवाऐं प्राप्त करते हुए इनका अधिकतम उपयोग किया जा सकता है।

उपयोगकर्ता नियमावली में दिए गए निर्देशों के अलावा, बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकताओं, उचित उपयोग और सीवी 200 वेंटिलेटर के रखरखाव के बारे में सभी वेंटिलेटर उपयोगकर्ताओं को विस्तृत निर्देश और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

इस मामले में, पंजाब के कई अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों द्वारा इनका पालन नहीं किया जा रहा है। इसकी बजाय, वे बिना किसी आधार के वेंटिलेटर्स के काम न करने को एक अनावश्यक मुद्दा बना रहे हैं।

यह स्पष्ट किया जाता है कि बीईएल इस महामारी की स्थिति में वेंटिलेटर के संबंध में हर आवश्यकता को पूरा करने के लिए राज्य द्वारा आवश्यक सभी तकनीकी सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।

इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 9 मई 2021 को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखते हुए उन्हें एक बार फिर से वेंटिलेटर विनिर्माणकर्ताओं के हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी है, जो स्टिकर के रूप में वेंटिलेटर पर भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, वास्तविक समय में किसी भी तकनीकी मुद्दे के समाधान के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के संबंधित नोडल अधिकारियों, उपयोगकर्ता अस्पतालों के प्रतिनिधियों और निर्माताओं की तकनीकी टीमों के साथ बनाए गए राज्यवार व्हाट्सएप समूहों पर भी इसकी जानकारी फिर से प्रदान की गई है। इन विनिर्माताओं की समर्पित ई-मेल आईडी भी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ साझा की गई हैं।

कोरोना वायरस रोधी टीका बनाने वाली देश की कंपनी भारत बायोटेक ने गुजरात, असम, तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा सहित अन्य राज्यों को ‘कोवैक्सीन’ की आपूर्ति की attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई ।कोरोना वायरस रोधी टीका बनाने वाली देश की कंपनी भारत बायोटेक ने शुक्रवार को कहा कि उसने गुजरात, असम, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा सहित विभिन्न राज्यों को ‘कोवैक्सीन’ की आपूर्ति की है।

हैदराबाद स्थित इस कंपनी को टीके की आपूर्ति से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना भी सहनी पड़ी है। कंपनी ने कहा कि उसने केरल और उत्तराखंड को भी कोवैक्सीन की खेप भेजी है।

भारत बायोटेक की सह- संस्थापक और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा ईला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कोवैक्सीन को गांधीनगर, गुवाहटी, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलूरू और भुवनेश्वर भेजा गया। इसके लिये हमारे उन सभी कर्मचारियों को धन्यवाद जिन्होंने रमजान के पवित्र महीने के दौरान लगातार काम किया।’’

इससे पहले बृहस्पतिवार को देर रात किये गये ट्वीट में उन्होंने जानकारी दी कि केरल और उत्तराखंड को टीके की आपूर्ति कर दी गई है। हालांकि, उन्होंने टीके की मात्रा के बारे में नहीं बताया।

दिल्ली के उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 12 मई को कहा कि भारत बायोटेक ने सूचित किया है कि वह राज्य सरकार को कोवैक्सीन की अतिरिक्त खेप उपलब्ध नहीं करा सकता है।

इस पर इला ने ट्वीट कर कहा कि यह दुखद है कि कुछ राज्य टीके की आपूर्ति के मामले में कंपनी की मंशा को लेकर शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी इससे पहले 10 मई को 18 राज्यों को कोवैक्सीन की आपूर्ति कर चुकी है।

रूसी कोविड- 19 का टीका स्पुतनिक-वी का पहला टीका हैदराबाद में लगाया गया,दवा कंपनी डा रेड्डीज ने पहला टीका इस्तेमाल में लाया,अधिकतम कीमत ₹ 948 रहेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई । दवा कंपनी डा. रेड्डीज लैब ने शुक्रवार को कहा की सीमित शुरुआत के तौर पर कोविड- 19 का टीका स्पुतनिक-वी का पहला टीका हैदराबाद में लगाया गया।

कंपनी ने कहा कि रूस के टीके स्पुतनिक-वी की पहली खेप एक मई को भारत पहुंची। इस टीके को केन्द्रीय दवा प्रयोगशाला, कसौली से 13 मई 2021 को मंजूरी मिली। इस दवा की और खेप आने वाले महीनों में भारत पहुंचने वाली है। उसके बाद भारतीय विनिर्माता भागीदारों से भी इसकी आपूर्ति शुरू हो जायेगी।

आयातित स्पुतनिक-वी टीके की वर्तमान में कीमत इस पर पांच प्रतिशत जीएसटी सहित अधिकतम 948 रुपये प्रति टीका है। स्थानीय विनिर्माताओं से इसकी आपूर्ति शुरू होने पर इसका दाम कम होने की संभावना है।

पेट्रोल, डीजल के दाम फिर बढ़े,29 और 34 पैसे की बढोतरी के साथ रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचे: सप्ताह के दौरान चौथी बार इन ईंधनों के दाम बढ़ाये गये attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई । पेट्रोल और डीजल के दाम शुक्रवार को देशभर में नई ऊंचाईयों पर पहुंच गये। सप्ताह के दौरान चौथी बार इन ईंधनों के दाम बढ़ाये गये हैं।

तेल कंपनियों की नई अधिसूचना के मुताबिक शुक्रवार को पेट्रोल का दाम 29 पैसे प्रति लीटर और डीजल का दाम 34 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया

इस वृद्धि के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल का दाम 92.34 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 82.95 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया।

देश के कुछ राज्यों के शहरों में पहले ही पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुके हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर पहुंच चुके हैं। वहीं मुंबई में भी पेट्रोल के दाम इस स्तर के करीब पहुंच चुके हैं।

मुंबई में एक लीटर पेट्रोल का दाम 98.65 रुपये और डीजल का दाम 90.11 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है। देश के विभिन्न शहरों में ईंधन के दाम में वहां वैट की दर अलग होने और माल पहुंचने का भाड़ा के मुताबिक पेट्रोल, डीजल के दाम अलग अलग होते हैं।

राजस्थान में पेट्रोल, डीजल पर सबसे ऊंची दर से मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाया जाता है, उसके बाद मध्य प्रदेश में यह सबसे ज्यादा है। राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में पेट्रोल का दाम सबसे ज्यादा 103.27 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 95.70 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच चुका है।

पेट्रोल, डीजल के दाम में ताजा वृद्धि इस सप्ताह में चौथी है जबकि चार मई के बाद से आठवीं बार इनके दाम बढ़ाये गये हैं। हालांकि, पिछले महीने पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान दाम स्थिर रहे। आठ बार की वृद्धि में पेट्रोल का दाम 1.95 रुपये और डीजल का दाम 2.22 रुपये लीटर बढ़ चुका है।

पिछले साल मार्च में जब सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर तक बढ़ा दिया था उसके बाद से लेकर अब तक पेट्रोल का दाम 22.75 रुपये और डीजल का दाम 20.66 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुका है। इसमें बीच में आई गिरावट को भी गणना में शामिल किया गया है।

केन्द्र और राज्य सरकारें दोनों कुल मिलाकर पेट्रोल के खुदरा दाम में 60 प्रतिशत और डीजल के दाम में 54 प्रतिशत तक कर के रूप में प्राप्त करती हैं। इसमें से पेट्रोल पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क के रूप में केन्द्र द्वारा लगाया जाता है।

नेपाल में कोविड-19 से बढ़ती मौतों के कारण शवदाहगृह भरे,काठमांडू में ही 1 दिन में 100 शवों का किया गया अंतिम संस्कार attacknews.in

काठमांडू, 14 मई । नेपाल में प्रख्यात पशुपतिनाथ मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट समेत अन्य शवदाहगृहों में, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव बड़ी संख्या में आ रहे हैं। मीडिया में आयी एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोविड-19 से 214 और लोगों ने जान गंवा दी। देश में इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या अब 4,466 हो गई है। देश में कोरोना वायरस के मामले 431,191 हो गए हैं।

नेपाल सेना के सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में अकेले काठमांडू घाटी में एक दिन में 100 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है।

काठमांडू पोस्ट ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में संक्रमण के मामले ज्यादा न बढ़ने के बावजूद मृतकों की संख्या बढ़ रही है।

पशुपति शवदाहगृह में कभी इतने शव नहीं देखे गए। मुख्य संयोजक ने बताया कि कर्मचारी दिन और रात कोविड-19 से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

पशुपति क्षेत्र विकास न्यास द्वारा बिजली से संचालित शवदाहगृह के मुख्य संयोजक सुभाष कार्की ने कहा, ‘‘हमने रातभर 110 शवों को जलाया।’’

पिछले दो हफ्तों से कार्की निर्धारित समय से अधिक काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले हमें अधिकतम 80 शव मिलते थे और मंगलवार को 110 शव मिले। हमारे पास केवल 35 कर्मी हैं। हमें नेपाल सेना की भी मदद मिल रही है। अगर शवों की संख्या बढ़ती है तो उन्हें जलाने के लिए लकड़ियों की कमी हो सकती है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक शव को मुखाग्नि देने के लिए करीब 300 किलोग्राम लकड़ियों की आवश्यकता होती है जिसकी कीमत करीब 10,000 रुपये आती है। बिजली से संचालित शवदाहगृह में हर दिन औसतन 18 शव जलाए जाते हैं।

कार्की ने कहा, ‘‘नेपाल सेना शवों को लाकर उन्हें सौंपती लेकिन उन्हें मुखाग्नि हमारे कर्मियों को ही देनी पड़ती है।’’

नेपाल में अभी एक दिन में कोविड-19 के 9,000 से अधिक मामले आ रहे हैं जिससे देश में स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है।

नेपाल के 40 से अधिक जिलों में पिछले दो हफ्तों से निषेधाज्ञा लागू हैं। इनमें काठमांडू घाटी के तीन जिले शामिल हैं।

वाशिंगटन में पूरी तरह खुलेंगे स्कूल, छात्रों और कर्मचारियों को पहनना होगा मास्क attacknews.in

ओलंपिया, 14 मई (एपी) अमेरिका में वाशिंगटन के प्राधिकारियों ने कहा है कि राज्य में सभी स्कूल वर्ष 2021-22 में छात्रों के लिए पूरी तरह खुलेंगे तथा छात्र और कर्मचारियों को मास्क पहनना होगा।

वाशिंगटन राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि इन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तैयार किया गया है।

मास्क लगाने का निर्देश विवादों में घिर सकता है क्योंकि रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को बाहर जाने पर या अंदर रहने पर मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है। अभी वाशिंगटन राज्य में 12 साल से अधिक आयु के लोग ही कोविड-19 रोधी टीका लगवा सकते हैं।

वाशिंगटन में करीब 11 लाख छात्र स्कूलों में पढ़ते हैं। स्कूलों ने अपने दिशा निर्देशों में कहा है कि अगर छह फुट की दूरी का पालन नहीं किया जा सकता तो सभी लोगों को बाहर के साथ ही घर के अंदर भी मास्क पहनना होगा।

इजरायल और फिलिस्तीन”शत्रु युद्ध” की ओर बढ़े, संघर्ष विराम प्रयासों के बावजूद आक्रमण की धमकी, भयावह हमलों से कई किलोमीटर दूर शहर में लोगों की चीखें सुनी गई;लड़ाई से इजराइल में दशकों बाद भयावह यहूदी-अरब हिंसा का जन्म attacknews.in

यरुशलम, 14 मई (एपी) इजराइल ने कहा कि वह गाजा सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को भेज रहा है और उसने हमास शासित क्षेत्र में संभावित जमीनी आक्रमण के लिए 9,000 सैनिकों को तैयार रहने को कहा है।

यह दिखाता है कि दोनों शत्रु युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं।

मिस्र के मध्यस्थ संघर्ष विराम प्रयासों के लिए इजराइल पहुंचे लेकिन इसमें प्रगति के कोई संकेत नहीं दिखे हैं।

इजराइल में चौथी रात भी साम्प्रदायिक हिंसा होने के बाद लड़ाई और तेज हो गई। यहूदी और अरब समूहों में लॉड शहर में झड़पें हुई। पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने के आदेश देने के बावजूद झड़पें हुईं।

इस लड़ाई ने इजराइल में दशकों बाद भयावह यहूदी-अरब हिंसा को जन्म दिया है। लेबनान से देर रात रॉकेट दागे गए जिससे इजराइल की उत्तरी सीमा पर एक तीसरे पक्ष के शामिल होने का खतरा पैदा हो गया है।

हमास के एक वरिष्ठ निर्वासित नेता सालेह अरुरी ने लंदन स्थित एक चैनल को शुक्रवार को बताया कि उनके समूह ने पूर्ण संघर्ष विराम के लिए और बातचीत करने देने के लिए तीन घंटे के विराम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र संघर्ष विराम प्रयासों की अगुवाई कर रहे हैं।

इजराइली सेना ने शुक्रवार को कहा कि गाजा में हवाई और जमीनी हमले हो रहे हैं। गाजा सिटी के बाहरी इलाकों में विस्फोटों से आसमान में धुएं का गुबार बन गया। हमले इतने भयावह थे कि कई किलोमीटर दूर शहर में लोगों की चीखें सुनी गई।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, ‘‘मैंने कहा था कि हमास से बहुत भारी कीमत वसूल करेंगे। हम यही कर रहे हैं और भारी बल के साथ यही करते रहेंगे।’’

यह लड़ाई सोमवार को शुरू हुई जब यरुशलम को बचाने का दावा करने वाले हमास ने लंबी दूरी के रॉकेट दागने शुरू किए। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई हवाई हमले किए।

तब से इजराइल ने गाजा में सैकड़ों ठिकानों को निशाना बनाया है। गाजा उग्रवादियों ने इजराइल में करीब 2,000 रॉकेट दागे जिससे देश के दक्षिण क्षेत्र में जनजीवन ठप हो गया। तेल अवीव शहर को निशाना बनाते हुए भी कई रॉकेट दागे गए।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमलों में करीब 100 फलस्तीनी मारे गए जिनमें 28 बच्चे और 15 महिलाएं शामिल हैं जबकि 621 लोग घायल हो गए। हमास और इस्लामिक जिहाद उग्रवादी समूह ने 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। हालांकि इजराइल ने कहा कि संख्या इससे कहीं अधिक है। इजराइल में सात लोगों की मौत हो गई जिनमें छह साल का लड़का शामिल है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने लड़ाई खत्म करने को लेकर नेतन्याहू से बात की है लेकिन साथ ही इजराइली नेता का समर्थन भी किया।

वहीं, बृहस्पतिवार को मिस्र के अधिकारी संघर्ष विराम के लिए पहुंचे। मिस्र अकसर इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थ का काम करता है और पिछली कई लड़ाइयों को खत्म करने में उसकी अहम भूमिका रही है। अधिकारियों ने सबसे पहले गाजा में हमास के नेताओं से बात की और उसके बाद तेल अवीव में इजराइली नेताओं से बातचीत की।

मिस्र के दो खुफिया अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

हमास के निर्वासित नेता इस्माइल हानियेह ने कहा कि वह मिस्र के अधिकारियों के संपर्क में हैं।

संघर्ष विराम के प्रयासों के बावजूद इजराइल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने बृहस्पतिवार देर रात अतिरिक्त 9,000 सैनिकों को गाजा सीमा पर भेजने का आदेश दिया।

सेना के मुख्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल हिदाई जिल्बरमैन ने कहा कि संभावित जमीनी आक्रमण के लिए गाजा सीमा पर सैनिक एकत्रित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि टैंक, बख्तरबंद वाहनों और तोपों को तैयार किया जा रहा है।

हमास ने भी पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है। उसने दिन भर कई रॉकेट दागे। हमास ने कहा कि उसने गाजा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट अयाश दागे। उसने एक ड्रोन भी छोड़ा जिसे इजराइल ने फौरन मार गिराया।

हमास के सैन्य प्रवक्ता अबू उबेदा ने कहा कि उनका समूह जमीनी आक्रमण से डरा नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी आक्रमण से सैनिकों को मारने या बंधक बनाने की आशंका बढ़ेगी।

यह संघर्ष ऐसे वक्त चल रहा है जब मुस्लिमों के लिए रमजान का पवित्र महीना खत्म होने के बाद ईद मनायी जा रही है।

हिंसा का यह दौर एक महीने पहले यरुशलम में शुरू हुआ जहां रमजान के पवित्र महीने के दौरान हथियारों से लैस इजराइली पुलिस तैनात रही और यहूदी शरणार्थियों द्वारा दर्जनों फलस्तीनी परिवारों को निर्वासित करने के खतरे ने प्रदर्शनों को हवा दी और पुलिस के साथ झड़पें हुई। अल अक्सा मस्जिद में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों पर ग्रेनेड फेंके।

गुजरात में 45 साल से अधिक उम्र वालों के लिए टीकाकरण तीन दिन रोका गया:कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने के केंद्र के फैसले के बाद यह कदम उठाया attacknews.in

अहमदाबाद, 14 मई । कोविड-19 टीकाकारण कार्यक्रम में बदलाव के बाद गुजरात में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुक्रवार से तीन दिन के लिए रोक दिया गया है। राज्य सरकार ने बताया कि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने के केंद्र के फैसले के बाद यह कदम उठाया गया है।

हालांकि, राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन तीन दिनों के दौरान, 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण जारी रहेगा जिन्होंने खुद को पंजीकृत करा लिया है और जिन्हें एसएमएस प्राप्त हो गए हैं।

केंद्र ने सरकारी समिति की अनुशंसा के बाद बृहस्पतिवार को कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल को छह से आठ हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते तक बढ़ाने की मंजूरी दी।

विज्ञप्ति में कहा गया कि केंद्र के फैसले के बाद टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा के बाद, 45 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों को शुक्रवार, शनिवार और रविवार को टीका नहीं लगाया जाएगा।

इसमें कहा गया कि समूह के लिए टीकाकरण 17 मई से शुरू होगा।

ताजा आंकड़ों के अनुसार, करीब 1.47 करोड़ लोगों को राज्य में अब तक टीका लगाया जा चुका है।

इनमें से 1.09 करोड़ लोगों को टीके की पहली खुराक और 37.89 लाख लोगों को टीके की दूसरी खुराक दी जा चुकी है।