मध्यप्रदेश में शनिवार को सात हजार से अधिक कोरोना मरीज मिले, 72 की मौत;अब तक संक्रमितों की संख्या हुई 7,24279 और मौत का आंकड़ा हुआ 6913 attacknews.in

भोपाल, 15 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की लहर के बीच सात हजार से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित मिले है।इस महामारी ने आज 72 लोगों की जान चली गई।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार दिनों दिन घट रही है।

आज कोरोना संक्रमण की दर घटकर 11़ 0 पहुंच गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में 68,504 लोगों की कोरोना जांच सैंपल रिपोर्ट में 7,571 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

जबकि इन जांच सैंपल रिपोर्ट में 60,933 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव रहे तथा 152 सैंपल रिजेक्ट हुए है।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 11़ 0 प्रतिशत दर्ज की गयी।

इस महामारी को आज मात देकर राज्य भर में 11,973 लोग घर रवाना हुए है।

वर्तमान में अवस्था में सक्रिय मरीजों की संख्या 99,970 है।

प्रदेश भर में अब तक 7,24279 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।

इनमें से 617396 लोग ठीक हो चुके है।

इस वैश्विक महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 6913 लोगों की जान ले चुका है।

राज्य के इंदौर में जिले में आज 1548 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं राजधानी भोपाल जिले में 1241 लोग पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 376, जबलपुर में 301, उज्जैन में 269, रतलाम में 270, रीवा और सागर जिले में 225 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 3 से लेकर 157 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

कोरोना संकटकाल में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार की पहल की बॉम्बे हाईकोर्ट ने की सराहना;WHO और नीति आयोग कोविड प्रबंधन के लिए ‘यूपी मॉडल’ की तारीफ कर चुका है attacknews.in

लखनऊ, 15 मई ।कोरोना संकटकाल में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार की पहल की बॉम्बे हाईकोर्ट ने सराहना की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और देश का नीति आयोग कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के ‘यूपी मॉडल’ की तारीफ कर चुका है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यूपी मॉडल के तहत बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए किए गए प्रबंधों का जिक्र करते हुए वहां की सरकार से यह पूछा है कि महाराष्ट्र सरकार यहां ऐसा करने पर विचार क्यों नहीं करती।

यूपी सरकार ने कोरोना संक्रमण से बच्चों का बचाव करने के लिये सूबे के हर बड़े शहर में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाने का फैसला किया है। यूपी सरकार के इस फैसले को डॉक्टर बच्चों के लिये वरदान बता रहे हैं।

अभी तक ऐसे चल रहे हैं भारत में अस्पताल: बदायूं मेडिकल कालेज में 103 वेंटिलेटर तो हैं लेकिन चलाने वाला ही नहीं attacknews.in

बदायूँ 15 मई । उत्तर प्रदेश के बदायूं मेडिकल कालेज में 103 वेंटिलेटर होने के बाद भी मरीजों को उसका लाभ नही मिल पा रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि बदायूँ मेडिकल कॉलेज में 103 वेंटिलेटर हैं लेकिन ये वेंटिलेटर मरीजों को स्वास्थ्य लाभ नही दे पा रहे है। पिछले साल कोरोना काल मे शासन की तरफ से मेडिकल कॉलेज प्रशासन को 93 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए थे जबकि 10 वेंटिलेटर मेडिकल कॉलेज में पहले से मौजूद थे। तब से लेकर अब तक यह वेंटिलेटर चालू नही हो सके। इसकी वजह मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर चलाने के लिए एक भी एनेस्थेटिक का न होना हैं । एक एनेस्थेटिक आठ वेंटिलेटर को चला सकता है ।

सपा सांसद आजम खान की हालत स्थिर;कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण के कारण आईसीयू में रखा गया,4-5 लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है attacknews.in

लखनऊ, 15 मई ।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान (72) की मेदांता अस्पताल में हालत अभी स्थिर है। वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।

मेदांता अस्पताल द्वारा शनिवार को जारी बयान के अनुसार, ‘‘सपा सांसद आजम खान को कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण के कारण आईसीयू में रखा गया है। फिलहाल उन्हें 4-5 लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है।’’

बयान के अनुसार खान पूर्णतः होश में हैं तथा उनका इलाज सीवियर इन्फेक्शन डिजीज प्रोटोकॉल के तहत मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ की क्रिटिकल केयर टीम के डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में चल रहा है। बयान के अनुसार, खान की हालत अभी स्थिर है।

सीतापुर जले में बंद रहने के दौरान आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला खान के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद दोनों को बेहतर उपचार के लिए नौ मई की शाम लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया।

खान पिछले वर्ष से ही जमीन कब्जा करने और अन्य आपराधिक मामलों में अपने पुत्र के साथ सीतापुर के जिला कारागार में बंद हैं। अब्दुल्ला खान की स्थिति स्थिर एवं संतोषजनक बताई गई है और उन्हें भी डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और राजस्थान बस सेवा स्थगित होने की अवधि बढ़ाकर 23 मई कर दी गई attacknews.in

भोपाल, 15 मई । कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के बीच बस सेवाएं स्थगित रहने की अवधि बढ़ाकर 23 मई कर दी गयी है।

राज्य के अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) एवं राज्य परिवहन प्राधिकार के सचिव अरविंद सक्सेना ने इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिए हैं।

अभी तक यह अवधि 15 मई थी, जिसे बढ़ाकर 23 मई किया गया है।

इस दौरान इन राज्यों से मध्यप्रदेश में बस सेवाओं के संचालन पर पहले की तरह पूरी तरह रोक रहेगी।

मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल माह में काफी नुकसान किया है।

हालाकि अब मई में हालात थोड़े नियंत्रण में होते हुए नजर आ रहे हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों काे बाद में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए राज्य के पांच सरकारी मेडिकल कालेजों में विशेष वार्ड बनाने के निर्देश दिए attacknews.in

भोपाल, 15 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों काे बाद में (पोस्ट कोविड) ब्लैक फंगस जैसी जानलेवा बीमारियों के मामले बढ़ने के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य के पांच सरकारी मेडिकल कालेजों में विशेष वार्ड बनाने के निर्देश दिए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों को भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और रीवा में इस रोग के इलाज के लिए विशेष वार्ड बनाने के निर्देश दिए। इस दौरान एक उच्च स्तरीय बैठक में श्री चौहान ने काेरोना पर नियंत्रण संबंधी उपायों को लेकर विशेषज्ञों से चर्चा की और उनसे सुझाव मांगे।

श्री चौहान ने इस दौरान कहा कि कोरोना नियंत्रण के लिए उपयुक्त व्यवहार (कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर) को आम लोगों के जीवन में लाना आवश्यक है। ऐसा करने से कोरोना संक्रमण से बचने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा कोरोना प्रबंधन पर समाज की सहभागिता बढ़ाने के लिए भी श्री चौहान ने कहा। उन्होंने कहा कि निजी और सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं और प्रबंधन और बेहतर किए जाने की जरुरत है।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुयी बैठक में डॉ मदन गोपाल, दिल्ली की एक संस्था से जुड़े प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी और अन्य विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए।

कोवैक्सीन और कोविशील्ड को लेकर मन में हैं प्रश्न, आखिर कोरोना की दोनों वैक्सीन में अंतर क्या है और क्या कोई एक वैक्सीन अधिक असरदार है;तो यहां जानें इससे जुड़ी अहम बातें attacknews.in

नईदिल्ली 15 मई ।कोरोना महामारी पर लगाम लगाने के लिए देश में 18 से अधिक के लोगों के लिए वैक्सिनेशन की शुरूआत कर दी गई है।

वैक्सीन के पहले चरण में 45 साल के अधिक के लोगों को वैक्सीन दी गई थी।

भारत में फिलहाल दो तरह की वैक्सीन को मंजूरी मिली है। पहली है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन।

ज्यादातर लोगों के मन में दोनों वैक्सीन को लेकर बहुत से प्रश्न हैं।

दूसरे चरण में वैक्सिनेशन के दौरान लोगों में इस बात की जिज्ञासा अधिक है कि आखिर कोरोना की दोनों वैक्सीन में अंतर क्या है और क्या कोई एक वैक्सीन अधिक असरदार है।

हम जानते हैं कि आपके मन में भी इस बात को लेकर कई सवाल होंगे। आइए जानते हैं कोवैक्सीन और कोविशील्ड(Covaxin and covishield) से जुड़ी कुछ खास बातें।

#कोवैक्सीन और #कोविशील्ड वैक्सीन के बारे में जानकारी #Covaxin and #covishield

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वैक्सीन शरीर को प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है और शरीर को वायरस से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करती हैं। #कोवैक्सीन और #कोविशील्ड (#Covaxin and #covishield) दोनों को ही भारत में कोरोना महामारी से लड़ने के इस्तेमाल किया जा रहा है। दोनो ही वैक्सीन कोरोना के मॉडिफाइड वर्जन को खत्म करने का काम करती है।

आइए जानते हैं पहले कोवैक्सीन के बारे में।

#covaxin

कोरोना महामारी के लिए कोवैक्सीन Covaxine for साइट में जाकर अपना मोबाइल नंबर फिल कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको वैक्सीन को लेकर प्राथमिकता भी पूछी जाएगी। आप कोवैक्सीन और कोविशील्ड Covaxin and covishield में से अपनी पसंद के मुताबिक वैक्सीन का चयन कर सकते हैं। साथ ही अपने एरिया का पिनकोड डालने पर आपको उपलब्ध स्लॉट के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जब आप वैक्सीन सेंटर जाए, तो अपने साथ ओटीपी ले जाना न भूलें। आपको फ्री वैक्सीन चाहिए या फिर पे करने के बाद, इस ऑप्शन का चयन भी आप कर सकते हैं।

#corona #epidemic
#covaxin

कोवैक्सीन भारत में तैयार की गई है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लीमिटेड कंपनी ने आईसीएमआर (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पूणे के साथ मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया है। इस वैक्सीन को बनाने के लिए इनएक्टिव वायरल स्ट्रेन (Whole-Virion Inactivated Vero Cell ) का इस्तेमाल किया गया है। जब डेड वायरस शरीर में जाते हैं, तो ये शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। हमारे शरीर में जब भी कोई वायरस पहुंचता है, तो शरीर उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है। ऐसा नहीं है कि कोवैक्सीन में पहली बार निक्रिष्य वायरस का इस्तेमाल किया जा रहा है। दशकों से वैक्सीन बनाने के लिए इस ट्रेडीशनल टेक्नीक का इस्तेमाल किया जा चुका है। पोलियो, रेबीज,सीजनल इन्फ्लुएंजा, जापानी इंसेफेलाइटिस आदि बीमारियों के लिए इनएक्टिव वैक्सीन तैयार की जा चुकी हैं। यानि ये वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित होने के साथ ही शरीर को वायरस से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करती है।

जानिए कोवैक्सीन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें, जो आपको जरूर जाननी चाहिए:

कोवैक्सीन में इम्यून-पोटेंशिएटर्स #immune-#potentiators का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे वैक्सीन एडजुवेंट्स #vaccine #adjuvants के रूप में भी जानते हैं। ये वैक्सीन की इम्यूनोजेनेसिटी #immunogenicity बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

कोवैक्सीन को #DCGI यानी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया $Drugs $Controller #General of #India की ओर से फेज 1 और फेज 2 ह्युमन क्लीनिकल ट्रायल एप्रूव है।

कोवैक्सीन Covaxine के दो डोज 28 दिनों में दिए जाते हैं।

कोवैक्सीन के दूसरे डोज में 6 से 8 सप्ताह का अंतर भी हो सकता है।

कोवैक्सीन को लेकर कई ट्रायल्स किए जा चुके हैं। ये वैक्सीन 78% प्रभावी है और क्लीनिकल ट्रायल्स में ये बात सामने आई है कि ये वैक्सीन मृत्युदर को 100 प्रतिशत तक कम कर सकती है।

कोवैक्सीन को राज्य सरकारों को 600 रुपय में बेचा जाएगा जबकि निजी अस्पतालों और अन्य फैसिलिटी में ये वैक्सीन 1200 रुपय में उपलब्ध है।

कोरोना महामारी के लिए कोविशील्ड #covishield for #corona #epidemic:

सीरम इंस्टीट्यूट #seruminstitute, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी- एस्ट्राजेनेका #Oxford #university-#AstraZeneca’s ने मिलकर कोविशील्ड वैक्सीन तैयार की है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल भी कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में किया जा रहा है।

कोविशील्ड (Covishield) वायरल वैक्टर वैक्सीन है, जिसमें चिपैंजी के एडेनोवायरस (ChAD0x1) वेक्टर का इस्तेमाल वायरस के स्पाइक प्रोटीन को नष्ट करने के लिए किया जाता है। ये वैक्सीन शरीर में वायरस से लड़ने के लिए सक्षम है और वायरस की संख्या को कम करती है।

ये कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) इफिसिएंसी रेट 70% है। ये वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।

कोवैक्सीन के मुकाबले कोविशील्ड सस्ता है। इसकी कीमत राज्य सरकारों के लिए 300 रुपय और प्राइवेट फैसिलिटी के लिए 600 रुपय रखी गई है।

वायरस तेजी से म्यूटेशन कर रहा है और नए स्ट्रेन से इंफेक्शन की बात सामने आ रही है। दोनों ही वैक्सीन कुछ हद तक कोरोना के नए स्ट्रेन से शरीर को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं।

कोविशील्ड भी इंट्रामस्क्युलर वैक्सीन है।

ये कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में फिलहाल मुफ्त में लगाई जा रही हैं।

कोवैक्सीन और कोविशील्ड : लगवा रहे हैं वैक्सीन, तो ध्यान रखें ये बातें:

कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) देश भर में लोगों को लगाई जा रही हैं। अगर आप भी वैक्सीन लगवाने जा रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। आपको वैक्सीन लगवाने से पहले वैक्सीन के बारे में जानकारी के साथ ही इन बातों का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है।

अगर आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं या फिर आपको ड्रग एलर्जी है, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।

अगर आपको कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covaxin and covishield) आदि में से किसी भी टीके का पहला डोज लेने पर किसी तरह की समस्या हुई है, तो डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।

अगर आपको बुखार है, तो वैक्सीन लगावाने से पहले डॉक्टर को जरूर बताएं।

अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, तो भी आपको चिकित्सर को ये बात जरूर बतानी चाहिए।

अगर आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं या फिर आप प्रेग्नेंट हैं, तो वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त करें।

अगर आपको एलर्जी की समस्या है या फिर कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) के पहले डोज से एलर्जी की समस्या हो गई है, तो डॉक्टर आपको वैक्सीन न लगवाने की सलाह दे सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें।

कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covaxin and covishield) को लेकर कुछ गाइडलाइन हैं, जिन्हें जरूर पढ़ना चाहिए।

कोविन साइट पर कर सकते हैं रजिस्टर:

अगर आप 18 साल के हो चुके हैं, तो आप
साइट में जाकर अपना मोबाइल नंबर फिल कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको वैक्सीन को लेकर प्राथमिकता भी पूछी जाएगी। आप कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covaxin and covishield) में से अपनी पसंद के मुताबिक वैक्सीन का चयन कर सकते हैं। साथ ही अपने एरिया का पिनकोड डालने पर आपको उपलब्ध स्लॉट के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जब आप वैक्सीन सेंटर जाए, तो अपने साथ ओटीपी ले जाना न भूलें। आपको फ्री वैक्सीन चाहिए या फिर पे करने के बाद, इस ऑप्शन का चयन भी आप कर सकते हैं।

उत्तरप्रदेश पुलिस ने दावा किया कि गंगा में बहते हुए शवों की सात आठ साल पुरानी है तस्वीर से जनता को भड़काने पर उन्नाव में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह पर मुकदमा दर्ज attacknews.in

उन्नाव 15 मई । उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गंगा नदी के तट पर शवों को दफनाने को लेकर योगी सरकार पर लगातार हमले कर रहे सेवानिवृत्त आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने अफवाह फैला कर जनमानस को भड़काने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

दरअसल, श्री सिंह पिछले कुछ दिनो से सरकार की नीतियों के विरोध में ट्विटर पर अभियान छेड़े हुये थे। इसी कड़ी में पिछली 13 मई को उन्होने एक वीडियो शेयर कर उन्नाव में गंगा तट पर शवों को दफनाने का आरोप लगाया था। उन्होने कहा था कि शवों का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से न करना हिंदुओ के लिए कलंक जैसा है।

उन्नाव पुलिस ने ट्वीट का संज्ञान लेते हुये दावा किया कि गंगा में बहते हुए शवों की तस्वीर सात आठ साल पुरानी है। थाना प्रभारी दिनेश चन्द्र मिश्र ने इस सिलसिले में श्री सिंह के खिलाफ महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट व आईटी एक्ट के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

हालांकि इसके बाद भी रिटायर्ड आईएएस ने सरकार पर हमला करना जारी रखा है। शनिवार को उन्होने ट्वीट कर कहा “ क्या उन्नाव में कोई लाशें नहीं तैर रही। क्या मुझपर मुक़दमा कर देने से सच बदल जाएगा। एक अन्य ट्वीट में उन्होने कहा “ बात सच हो गयी, धारा 153, 465, 505, 21, 54 और आईटी Act 67 के तहत मेरे ऊपर उन्नाव पुलिस ने मुक़दमा लिख दिया है।”

प्रभारी निरीक्षक कोतवाली सदर द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर में आरोप है कि सूर्य प्रताप सिंह ने जिले के परियर घाट में सात साल पहले उतराते मिले 100 शवों की फोटो को बलिया की बता कर योगी सरकार के इशारे पर दफनाए जाने की अफवाह फैलायी जिससे जनभावनाओं को ठेस पहुंची। इसी आधार पर पुलिस ने धारा 153, 465, 505, 21, 54 और आईटी एक्ट 67 के तहत मामला दर्ज किया है।

एफआईआर दर्ज होने के बाद रिटायर्ड आईएएस ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर लिखा कि उन्नाव पुलिस का कहना है की ‘तैरती लाशों’ पर मेरे द्वारा किया गया ट्वीट भ्रामक है। फिर लिखा योगी जी ने दो दिन में लगातार दो ‘मुक़दमे’ तोहफ़े में दिए हैं। ये ‘यूपी मॉडल’ की पोल खोलने का इनाम है। फिर अगले ट्वीट में लिखा जब 25 साल में 54 ट्रान्सफ़र मेरी सदनीयत व नीतियाँ नहीं बदल सके तो एक एफआईआर क्या बदलेगी। सत्य पक्ष हमेशा सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता है।

सदर कोतवाली प्रभारी दिनेश चंद्र मिश्र की ओर से दर्ज कराई गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि शहर के कई संभ्रात नागरिकों द्वारा बताया गया कि सोशल मीडिया पर यूपी कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने एक ट्विट किया है। जिसमें लिखा है कि 67 शवों को सरकार ने गंगा तट पर जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफन करा दिया है। शवों का अन्तिम संस्कार हिन्दू वैदिक रीति रिवाज से न करना हिंदुओं के लिए कलंक जैसा है। यूपी का यह योगी मॉडल जीवित का इलाज नहीं मृतक का अंतिम संस्कार नहीं यह सब सेवानिवृत्त आईएएस ने लिखा है।

उन्‍होंने प्राथमिकी में कहा है कि इस ट्यूट से जिले का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। जांच में ट्विट भ्रामक भी निकला है। पूर्व आईएसएस द्वारा पुरानी फोटो को बलिया जिले की खबर के साथ जोड़ा गया है।

श्री मिश्र ने बताया कि सूचना मिलने पर उनके द्वारा सोशल मीडिया सेल उन्नाव से संपर्क किया गया तो मीडिया सेल द्वारा सोशल मीडिया में वायरल हो रहे सूर्य प्रताप सिंह के ट्यूट तथा उनसे सम्बन्धित फोटोग्राफ को 13 जनवरी 2014 का बताया गया है, जिसमें 100 शव गंगा नदी में बहते हुए पाए गए थे।

उन्‍होने बताया कि प्राप्त अभिलेखीय सूचना के अनुसार सूर्य प्रताप सिंह ने जनमानस में भ्रम पैदा करने के उद्देश्य से आठ वर्ष पुराने फोटो को कूटरचना के द्वारा बलिया जिले की खबर के साथ जोड़कर तैयार किया है। इससे उन्नाव में विभिन्न समुदायों के बीच तनाव तथा वैमनष्यता में वृद्धि परिलक्षित हो रही है।

कोरोना महामारी के मध्य एक सेवा निवृत्त प्रशासनिक अधिकारी द्वारा इस प्रकार जानबूझकर सोशल मीडिया में ट्यूट करके अफवाह फैलाने के कारण कोरोना मरीजों में भय व दहशत का माहौल ब्‍याप्‍त हुआ है तथा विभिन्न समुदायों के बीच ईर्ष्या, दुर्भावना तथा कलुषित भाव फैला है।

उन्‍होंने कहा कि सूर्य प्रताप सिंह का यह कृत्य धारा 153/465/505 भादवि व धारा 21 उ०प्र० लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग निवारण अध्यादेश 2020, धारा 54 डिजास्टर मैनेजमेन्ट एक्ट 2005 तथा 67 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 का अपराध है ।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने अपने छोटू महंत स्वामी आनंद गिरी को संत परंपरा का उल्लंघन करने पर किया निष्कासित attacknews.in

प्रयागराज 15 मई । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने अपने शिष्य और प्रयागराज संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के छोटे महंत स्वामी आनन्द गिरी को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से निष्कासित कर दिया है।

उन पर आरोप है कि संन्यास धारण करने के बावजूद उन्होने अपने परिवार से संबंध रखा जो संत पंरपरा के विपरीत है। महंत नरेन्द्र गिरि ने पत्र में लिखा कि आनन्द गिरि हरिद्वार कुंभ के दौरान अपने मकान में परिवार के सदस्यों के साथ रहे और उन्होेने संत परंपरा का उल्लघंन किया। इसकी सूचना मिलने पर उन्होने तथ्यों की जांच करायी और सत्य जानने के बाद उनके बहिष्कार का निर्णय लिया गया।

महंत गिरि के अनुसार उन्होने अपने शिष्य आनंद गिरि को पहले भी समझाया था जब उन्होने उज्जैन और नासिक मेले मे अपने कैंप में परिवार के सदस्यों को जगह दी थी मगर उनकी दी गयी चेतावनी को उन्होने नजरअंदाज कर दिया था जिसके चलते उन्हे यह फैसला लेना पड़ा।

कोरोना वायरस से मरने वालों में हाई-प्रोफाइल असीम बनर्जी भी शामिल हो गये;ममता बनर्जी के भाई के रूप मे पहचान थी इनकी attacknews.in

कोलकाता, 15 मई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाई असीम बनर्जी का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यहां एक अस्पताल में शनिवार सुबह निधन हो गया।

उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि कालीघाट के स्थानीय लोगों में ‘कालीदा’ के नाम से लोकप्रिय असीम बनर्जी ने निजी अस्पताल में सुबह करीब नौ बजकर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली।

चिकित्सा संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि वह करीब एक महीने पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और तभी से अस्पताल में भर्ती थे।

भारत में कोरोना महामारी और जनता कर्फ्यू की आपाधापी के बीच सही समय पर पहुंचा बारिश का माॅनसून 31 मई तक केरल पहुंचेगा attacknews.in

नयी दिल्ली 14 मई । भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दक्षिण पश्चिम माॅनसून के 31 मई तक केरल पहुंचने की संभावना व्यक्त की है।

आईएमडी की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया, “इस वर्ष दक्षिण पश्चिम मॉनसून केरल में 31 मई को पहुंच सकता है, हालांकि इस अनुमान में चार दिन कम या ज्यादा हो सकते हैं।” दक्षिणपश्चिम मॉनसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा। अरब सागर के ऊपर चक्रवात बनने के आसार हैं ऐसे में सागर के ऊपर भूमध्यरेखा से गुजरने वाली दक्षिण पछुआ हवाएं तेज हो गई हैं।

गौरतलब है कि जैसे-जैसे मानसून उत्तर की ओर बढ़ता है, क्षेत्रों में चिलचिलाती गर्मी के तापमान से राहत का अनुभव मिलता है। दक्षिण पश्चिम मानसून एक जून को लगभग सात दिनों के मानक विचल के साथ केरल में आ जाता है।

आईएमडी 2005 से केरल में मानसून के आरंभ की तारीख के लिए संक्रियात्मक पूर्वानुमान जारी कर रहा है।
भारतीय मानसून क्षेत्र में, मानसून की शुरुआती बारिश दक्षिण अंडमान सागर से होती है और उसकी बाद मानसूनी हवाएं उत्तर पश्चिम दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ती हैं। मानसून की नई सामान्य तारीखों के मुताबिक दक्षिणपश्चिम मानसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा। विभाग ने इस वर्ष मानसून सामान्य रहने का अनुमान जताया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले 16 वर्षों (2005-2020) के दौरान केरल में मानसून के आरंभ की तारीख का आईएमडी के संक्रियात्मक पूर्वानुमान वर्ष 2015 को छोड़कर सही साबित हुआ है। केरल के ऊपर 2021 के दक्षिण पश्चिम मानसून आरंभ के लिए पूर्वानुमान की बात करें तो इस वर्ष केरल के ऊपर दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ की तारीख प्लस माइनस चार दिनों की मॉडल त्रुटि के साथ 31 मई होने की संभावना है।

मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के अनेक निर्णय; कोरोना महामारी रोकथाम के लिये कलेक्टर्स को 104 करोड़ आवंटित; देशी मदिरा प्रदाय ठेकों को 31 जुलाई तक बढ़ाया, 31 जिलों के103 स्थानों पर आवंटित शासकीय भूमि लीज नियमों में बदलाव attacknews.in

भोपाल, 14 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रिपरिषद की वर्चुअल बैठक में कोविड-19 संक्रमण की तीव्रता को देखते हुए मैदानी स्तर पर महामारी की रोकथाम की उचित व्यवस्था एवं प्रबंधन के लिये प्रत्येक जिला कलेक्टर को दो दो करोड़ रुपये के मान से 104 करोड़ रुपये का आवंटन देने का समर्थन किया गया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसमें भोजन एवं कपड़े सहित पुनर्वास शिविरों की व्यवस्थाएँ, मेडिकल शिविरों (क्वारेंटाइन शिविरों) के संचालन, शिविरों का पर्यवेक्षण, आवश्यक कार्यों में तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा, साफ-सफाई व्यय आदि के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोविड-19 की रोकथाम के लिये किये जाने वाले विभिन्न कार्यों एवं आवश्यक उपकरण क्रय करना आदि शामिल है।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश के 31 जिलों के 37 नगरीय निकाय के 103 स्थानों पर पूर्व में प्रधानमंत्री आवास (शहरी) योजना के अंतर्गत जो शासकीय भूमि लीज पर आवंटित की गई थी, की लीज निरस्त करते हुए नवीन नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 (जो वर्तमान में लागू है) में किये गये प्रावधान के अनुरूप भूमि-स्वामी हक में शून्य प्रब्याजी तथा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम, 2018 के अनुसार वार्षिक भू-राजस्व निर्धारित करते हुए आवंटित करने का एवं भूमि-स्वामी हक में देने के लिये विलेख मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 में निर्धारित प्रपत्र अनुसार निष्पादित करने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने एक जून 2021 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि के लिये मध्यप्रदेश की आबकारी व्यवस्था का अनुमोदन किया। इसके तहत प्रदेश की वर्तमान मदिरा दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों को 10 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि के साथ मदिरा दुकानों के नवीनीकरण का विकल्प दिया गया है। पूर्व में मंत्रि-परिषद द्वारा 31 मई 2021 तक के लिये अनुमोदित देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था को यथावत रखते हुए 31 जुलाई 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने इंदिरा सागर परियोजना के डूब प्रभावित परिवारों के नगर परिषद छनेरा के वार्ड क्रमांक एक से 7 तथा वार्ड क्रमांक 15 की एनवीडीए को हस्तांतरित प्रश्नाधीन भूमि पुनः राजस्व विभाग को हस्तांतरित की जाकर उक्त भूमि पर एनवीडीए द्वारा बसाए गए शेष विस्थापितों (पूर्व में जिन विस्थापितों को भू-खण्ड का भूमिस्वामी हक प्राप्त हो गया है, उन को छोड़कर) को एनवीडीए दवारा प्रदत्त आवासीय भू-खण्ड, भूमि-स्वामी हक में आवंटित किए जाने का निर्णय लिया है। आवासीय भू-खण्डों को छोड़कर शेष भू-खण्ड पूर्ववत पट्टे पर रखा जायेगा। पट्टाधृति राज्य शासन के पट्टाधृति होंगे। आवासीय भू-खण्डों पर भूमि-स्वामी अधिकार देने के लिए जिला कलेक्टर को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने राज्य हाथकरघा बुनकर संघ की रीवा नगर निगम से लीज पर प्राप्त भूखण्ड जी 63, योजना क्र.7, यातायात नगर, जिला रीवा स्थित परिसम्पत्ति के निर्वर्तन के लिये एच-1 निविदाकार द्वारा निविदा मूल्य राशि 100 प्रतिशत जमा करने के बाद बुनकर संघ के परिसमापक संयुक्त संचालक, हाथकरघा संचालनालय भोपाल द्वारा उक्त 13 जुलाई 2047 तक लीज़ परिसम्पत्ति के विक्रय पंजीकृत अनुबंध का संपादन तथा रीवा नगर निगम द्वारा सम्पत्ति पंजी में एच-1 निविदाकार के पक्ष में नामांतरण करने का निर्णय लिया।

मध्यप्रदेश में इस बार दसवीं की परीक्षाएं नहीं होंगी, 12वीं की स्थगित attacknews.in

भोपाल, 14 मई । कोरोना संक्रमण की गंभीरता के कारण मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित 10वीं की परीक्षा का आयोजन इस बार नहीं किया जाएगा।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग ने संक्रमण के संभावित खतरे की रोकथाम करने के उद्देश्य से और छात्रहित में वर्तमान परिस्थिति की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये यह निर्णय लिया है।

कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर 12वीं, 12वीं(व्यावसायिक), डिप्लोमा इन प्री-स्कूल एजूकेशन, शारीरिक प्रशिक्षण पत्रोपाधि परीक्षाओं की सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक परीक्षायें आगामी आदेश तक स्थगित की गई हैं। कोरोना संक्रमण सामान्य होने की स्थिति में परीक्षा आयोजन की सूचना 20 दिन पहले दी जाएगी।

शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए कि काेरोना कफर्यू राज्य में ओर बढ़ाया जाएगा;कहा कि,राज्य में संक्रमण पॉजीटिविटी रेट घटी है, लेकिन अब भी ढिलायी नहीं की जा सकती attacknews.in

कोविड केयर सेंटर में पोस्ट कोविड केयर की भी व्यवस्था रहेगी- चौहान

भोपाल, 14 मई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि जिन कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद ‘पोस्ट कोविड केयर’ की आवश्यकता है, उनकी देखरेख कोविड केयर सेंटर में की जाए। इन सेंटर्स पर डॉक्टर की सलाह अनुसार ऐसे व्यक्तियों को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं स्थापित की जा रही हैं। इस बीमारी के लिए उपयोगी दवा की कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए जिला प्रशासन सतर्क रहे।

कोरोना संक्रमण दर घटी, लेकिन ढिलायी बिल्कुल नहीं होगी – शिवराज

मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर की भयावह तस्वीर के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण (पॉजीटिविटी रेट) की दर घटी है, लेकिन अब भी ढिलायी नहीं की जा सकती है। उन्होंने संकेत दिए कि काेरोना कफर्यू राज्य में और बढ़ाया जाएगा।

श्री चौहान ने राज्य की जनता के नाम विशेष संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गयी थी, जो अब घटकर 11़ 8 प्रतिशत पर आ गयी है। साप्ताहिक पॉजीटिविटी रेट 14़ 8 प्रतिशत हो गयी है। कोरोना के नए 8087 मामले सामने आए हैं। लेकिन अभी हमको ढिलायी बिल्कुल नहीं बरतना है, वरना पूरे किए गए पर पानी फिर जाएगा।

श्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग और सोशल मीडिया के जरिए मंत्रियों, सांसद, विधायकों, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों, कोरोना के उपचार में लगे डॉक्टर्स, स्टाफ, शासकीय सेवकों तथा आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि वे सबसे पहले कोरोना योद्धाओं को सलाम करते हैं, जिन्होंने जनता की सेवा में अपनी जान लगा दी। उन्होंने कहा कि हम सभी कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना बीमारी से दिवंगत हुए प्रत्येक व्यक्ति के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्री चौहान ने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना बीमारी में अपने माँ-बाप गवां दिए हैं, वे अनाथ नहीं होंगे। उनकी देखरेख मध्यप्रदेश सरकार करेगी। जब तक वे सक्षम नहीं हो जाते, उन्हें 5 हजार रूपए मासिक पेंशन दी जाएगी। उनकी नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें नि:शुल्क राशन भी दिया जाएगा।

गोवा में मेडिकल कालेज और अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 13 कोविड मरीजों की जान गईं,4 दिनों में 75 की मौत attacknews.in

पणजी, 14 मई । गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शुक्रवार तड़के ऑक्सीजन की कमी से कोरोना वायरस संक्रमित कम से कम 13 लोगों की जानें गयीं। इसके साथ ही राज्य में पिछले चार दिनों में मृतकों का आंकड़ा 75 तक पहुंच गया।

पूर्व मंत्री एवं गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने कहा कि तड़के दो से छह बजे तक चार घंटे मुश्किल की घड़ी रही।

उन्होंने कहा, “ गोवावासी तबाह हो गए और दिल टूट गए हैं, राज्य में कल रात दो बजे से सुबह छह बजे तक बहुत मुश्किल की घड़ी रही और इस दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण 13 लोगों की मौत हो गयी। हमें सिर्फ जांच की कार्रवाई चाहिए न कि एक और समिति की।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य में शासन व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद इस मुश्किल घड़ी में लोगों की मौत हो रही है। सरकार के बजाय, उच्च न्यायालय को गोवा पर शासन करना चाहिए क्योंकि सरकार फोटो सेशन के अलावा और कुछ नहीं कर रही है और वह मामलाें को उजागर करने वालों के खिलाफ सिर्फ प्रकरण दर्ज कर रही है।”

राज्य में जहां 10 मई को चार घंटों में 10 लोगों की मौत हो गयी, 11 मई को भी ऑक्सीजन की कमी के कारण 21 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा।

गोवा में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकारी एजेंसियों को खराब कोविड प्रबंधन और ऑक्सीजन की आपूर्ति के गलत प्रबंधन के मुद्दे पर सरकार की गंभीर स्वास्थ्य सुविधा को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन इसके बावजूद लोगों की मौत नहीं रुक पाई और 12 मई को 15 और 13 मई को 13 और लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गयी।
गोवा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष वरद मडोलकर ने कहा कि पिछले 14-15 दिनों से राज्य में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा छाया रहा, लेकिन सरकार ने इसके लिए कोई कदम नहीं उठाए।