सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत ऋण वसूली के लिए गारंटरों के खिलाफ कार्रवाई करने की केंद्र की अधिसूचना की वैधता को बरकरार रखा attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मई । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र की उस अधिसूचना की वैधता को बरकरार रखा, जिसमें बैंकों को दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत ऋण वसूली के लिए व्यक्तिगत गारंटरों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दी गई थी।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि आईबीसी के तहत समाधान योजना की मंजूरी से बैंकों के प्रति व्यक्तिगत गारंटरों की देनदारी खत्म नहीं हो जाती।

न्यायमूर्ति भट ने फैसले के निष्कर्ष को पढ़ते हुए कहा, ‘‘फैसले में हमने अधिसूचना को बरकरार रखा है।’’

याचिकाकर्ताओं ने आईबीसी और अन्य प्रावधानों के तहत जारी 15 नवंबर 2019 की अधिसूचना को चुनौती दी थी, जो कॉरपोरेट देनदारों को व्यक्तिगत गारंटी देने वालों से संबंधित हैं।

अधिसूचना की वैधता को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी कंपनी के लिए दिवालिया समाधान योजना शुरू होने से व्यक्तियों द्वारा वित्तीय संस्थानों के बकाया भुगतान के प्रति दी गई कॉरपोरेट गारंटी खत्म नहीं होती।

रिजर्व बैंक के बोर्ड ने केंद्र सरकार को अतिरिक्त शेष बकाया के रूप में ₹ 99,122 करोड़ हस्तांतरित करने की मंजूरी दी attacknews.in

मुंबई, 21 मई ।। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने की लेखा अवधि के लिए सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी।

केंद्र सरकार को अधिशेष हस्तांतरित करने का निर्णय आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई बैठक में लिया गया।

एक विज्ञप्ति के अनुसार आरबीआई बोर्ड ने अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप को कम करने के लिए वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और हाल के नीतिगत उपायों की भी समीक्षा की।

रिजर्व बैंक के लेखा वर्ष को अप्रैल-मार्च (पहले जुलाई-जून) में बदलने के साथ, बोर्ड ने नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की अवधि के दौरान आरबीआई के कामकाज पर चर्चा की।

बैठक के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बोर्ड ने संक्रमण अवधि के लिए रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और खातों को मंजूरी दी।

बयान के मुताबिक, ‘‘बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की लेखा अवधि के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी, जबकि आकस्मिक जोखिम बफर को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया।’’

बैठक में डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, माइकल देवव्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव और टी रवि शंकर शामिल हुए।

केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक एन चंद्रशेखरन, सतीश के मराठे, एस गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और सचिन चतुर्वेदी भी बैठक में शामिल हुए।

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देवाशीष पांडा और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने भी बैठक में भाग लिया।

नरेंद्र मोदी ने ‘‘ब्लैक फंगस’’ को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नयी चुनौती करार देते हुए कहा कि इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी attacknews.in

वाराणसी, 21 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘ब्लैक फंगस’’ को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नयी चुनौती करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य कर्मियों से संवाद करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सामूहिक प्रयासों से स्थिति को संभालने में काफी हद तक मदद मिली है लेकिन यह संतोष का समय नहीं है और एक लंबी लड़ाई लड़नी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने ‘‘जहां बीमार, वहीं उपचार’’ का नारा दिया और छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाकर काम करने पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने महामारी के कारण असमय अपनी जान गंवाने वाले काशी क्षेत्र के लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वह थोड़ी देर के लिए भावुक भी हो गए।

कोरोना की दूसरी लहर में टीकाकरण से हो रहे फायदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘टीके की सुरक्षा के चलते काफी हद तक हमारे अग्रिम मोर्चा पर तैनात कर्मी सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं। यही सुरक्षा कवच आने वाले समय में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा। हमें अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवानी है।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में अभी इन दिनों ब्लैक फंगस की एक और नई चुनौती भी सामने आई है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी बरतनी है और व्यवस्था पर भी ध्यान देना जरूरी है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को काफी हद तक संभालने में मदद मिली है लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है। अभी हमें ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है। कोविड के खिलाफ गांवों में चल रही लड़ाई में आशा और एएनएम बहनों की भी भूमिका बहुत अहम है। मैं चाहूंगा कि इनकी क्षमता और अनुभव का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जाए।’’

‘‘जहां बीमार वहीं उपचार’’ के सिद्धांत पर काम करने की आवश्यकता जताते हुए मोदी ने छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाने पर बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘घर-घर दवाइयां बांटने के अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।’’

इससे पहले प्रधानमंत्री ने पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल सहित वाराणसी के विभिन्न कोविड अस्पतालों के कार्यों की समीक्षा की । साथ ही उन्होंने जिले के अन्य गैर-कोविड अस्पतालों के कार्यों की भी समीक्षा की।

पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल का निर्माण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और सेना के संयुक्त प्रयासों से आरंभ किया गया है।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 के 7735 नये मामले सामने आए हैं।

दिल्ली के रसूखदार व्यवसायी नवनीत कालरा के ठिकानों पर ईडी द्वारा छापेमारी:ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित जमाखोरी तथा कालाबाजारी में हुई हैं गिरफ्तारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मई । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित जमाखोरी तथा कालाबाजारी के एक हालिया मामले में कारोबारी नवनीत कालरा के कई ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की।

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि छापेमारी का मकसद मामले में सबूत एकत्रित करना है।

केन्द्रीय एजेंसी ने कालरा से संबंधित एक रेस्तरां और कुछ परिसरों पर दिल्ली पुलिस द्वारा पांच मई को की गई छापेमारी और वहां से पांच सौ से ज्यादा जीवन रक्षक उपकरण बरामद किये जाने के बाद दर्ज मामले पर संज्ञान लिया था।

एजेंसी ने कालरा और अन्य के खिलाफ धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कालरा के तीन रेस्तरां से 500 से अधिक ऑक्सीजन सांद्रक जब्त हुए थे। आरोप है कि इनकी कालाबाजारी करने के लिए इन्हें यहां रखा गया था।

ऑक्सीजन सांद्रक कोविड-19 मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण उपकरण माने जाते हैं और संक्रमण की दूसरी लहर में इनकी भारी मांग है।

कालरा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है इन सांद्रकों को बेचने के लिए रखा गया था।

स्थानीय अदालत ने बृहस्पतिवार को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

प्रसिद्ध पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन नेता सुंदरलाल बहुगुणा की पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ गंगा किनारें की गई अंत्येष्टि;कोरोना संक्रमण से निधन attacknews.in

देहरादून, 21 मई ।प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुन्दर लाल बहुगुणा की शुक्रवार को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ यहां गंगा किनारे पूर्णानन्द घाट पर अंत्येष्टि कर दी गई । कोरोना वायरस से संक्रमित बहुगुणा का आज दोपहर एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया था ।

पद्मविभूषण से सम्मानित बहुगुणा के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेट कर घाट पर लाया गया जहां उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें सशस्त्र सलामी दी ।

सरकार के प्रतिनिधि के रूप में देहरादून के जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेंद्र रावत ने चिपको आंदोलन के नेता के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी ।

बहुगुणा को उनके ज्येष्ठ पुत्र राजीव नयन बहुगुणा ने मुखाग्नि दी । अंतिम संस्कार के समय दिवंगत पर्यावरणविद की पत्नी विमला, पुत्री मधु समेत अन्य परिजन मौजूद थे ।

इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल व नगर निगम ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाईं भी मौजूद थी । ।

प्रसिद्ध पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन नेता सुंदरलाल बहुगुणा का शुक्रवार को एम्स, ऋषिकेश में कोविड-19 से निधन हो गया ।

वह 94 वर्ष के थे । उनके परिवार में पत्नी विमला, दो पुत्र और एक पुत्री है ।

एम्स प्रशासन ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद आठ मई को बहुगुणा को एम्स में भर्ती कराया गया था । ऑक्सीजन स्तर कम होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी । चिकित्सकों की पूरी कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका ।

नौ जनवरी, 1927 को टिहरी जिले में जन्मे बहुगुणा को चिपको आंदोलन का प्रणेता माना जाता है । उन्होंने सत्तर के दशक में गौरा देवी तथा कई अन्य लोगों के साथ मिलकर जंगल बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरूआत की थी ।इसके तहत वृक्षों से चिपककर उन्हें बचाना था।

पद्मविभूषण तथा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित बहुगुणा ने टिहरी बांध निर्माण का भी बढ़-चढ़ कर विरोध किया और 84 दिन लंबा अनशन भी रखा था । एक बार उन्होंने विरोध स्वरूप अपना सिर भी मुंडवा लिया था ।

टिहरी बांध के निर्माण के आखिरी चरण तक उनका विरोध जारी रहा । उनका अपना घर भी टिहरी बांध के जलाशय में डूब गया । टिहरी राजशाही का भी उन्होंने कडा विरोध किया जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पडा । वह हिमालय में होटलों के बनने और लक्जरी टूरिज्म के भी मुखर विरोधी थे ।

महात्मा गांधी के अनुयायी रहे बहुगुणा ने हिमालय और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कई बार पदयात्राएं कीं । वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कट्टर विरोधी थे।

सुंदरलाल बहुगुणा का निधन ‘बहुत बड़ा’ नुकसान: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर शोक जताया और इसे देश के लिए ‘‘बहुत बड़ा नुकसान’’ बताया।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सुंदरलाल बहुगुणाजी का निधन हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। प्रकृति के साथ तालमेल कर रहने की हमारे सदियों पुराने लोकाचार का उन्होंने प्रकटीकरण किया। उनकी सदाशयता और जज्बे की भावना को कभी भूला नहीं जा सकता। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ है।’’

बहुगुणा का शुक्रवार को ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे और पिछले दिनों कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे।

नौ जनवरी, 1927 को टिहरी जिले में जन्मे बहुगुणा को चिपको आंदोलन का प्रणेता कहा जाता है । उन्होंने सत्तर के दशक में गौरा देवी तथा कई अन्य लोगों के साथ मिलकर जंगल बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरूआत की थी।

इजरायल गाजा संघर्षविराम के लिए सहमत,सुरक्षा कैबिनेट ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी attacknews.in

गाजा 20 मई । इजरायल ने गुरुवार की देर रात पुष्टि की कि सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा में संघर्षविराम के लिए सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक गाजा पट्टी में आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए आज शाम सुरक्षा कैबिनेट की बैठक हुई थी। मंत्रियों ने बिना किसी शर्त के परस्पर संघर्षविराम के लिए मिस्र की पहल को स्वीकार करने पर सहमति जतायी है और यह एक घंटे बाद प्रभावी होगी।स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उच्च स्तरीय सुरक्षा कैबिनेट में मंत्रियों ने सर्वसम्मति से गाजा में संघर्ष विराम के पक्ष में मतदान किया।

नारद स्टिंग मामल मे गिरफ्तार ममता बनर्जी के मंत्रियों और तृणमूल कांग्रेस नेताओं को राहत नहीं, कोलकाता हाईकोर्ट ने जमानत पर सुनवाई टाली attacknews.in

कोलकाता, 20 मई । कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं और नारदा स्टिंग टेप मामले में गिरफ्तार शहर के एक पूर्व मेयर की जमानत मंजूर किये जाने के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई अपरिहार्य परिस्थिति का हवाला देते हुए टाल दिया।

कलकत्ता उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर एक नोटिस जारी किया गया कि अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण आज प्रथम श्रेणी पीठ बैठ नहीं सकेगी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ निचली अदालत द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेताओं और शहर के पूर्व महापौर को सोमवार को दी गई जमानत पर पुनर्विचार करने के लिए सीबीआई द्वारा एक आवेदन पर सुनवाई कर रही है।

उच्च न्यायालय ने सोमवार रात मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को निचली अदालत से मिली जमानत पर रोक लगा दी थी।

सीबीआई ने जिन्हें नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार किया और उन विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया था।

खंडपीठ ने कहा था कि उसने विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगाना उचित समझा और निर्देश दिया “आरोपियों को अगले आदेश तक न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा।” बुधवार को इस मामले की सुनवाई को एक दिन के लिए स्थगित कर दी गयी थी।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई द्वारा जांच की जा रही।

नारदा स्टिंग मामले के सिलसिले में चारों नेताओं को सोमवार सुबह शहर में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआइ अदालत ने उसी दिन शाम में इन सभी को जमानत दे दी थी, लेकिन देर रात में कोलकाता हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाते हुए 19 मई तक जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया था।

कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों को अब 3 महीने के बाद लगेगा टीका साथ ही पहला डोज लेने के बाद हुए संक्रमितों को भी 3 महीने के बाद दूसरा डोज लगेगा attacknews.in

झांसी/औरैया 20 मई । कोरोना की दूसरी लहर से मचे कोहराम के बीच वैक्सीनेशन की दर में भी काफी बढ़ोतरी हुई है इस बीच कोविड टीकाकरण कार्यों और वैक्सीन के प्रभावों की निगरानी कर रहे नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 की सलाह पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने वैक्सीनेशन के संबंध में नयी सलाह जारी की गयी है।

जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरूवार को दी गयी जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश कुमार ने इस संबंध में जारी पत्र के अनुसार कोविड संक्रमण से ठीक हुए लोगों को अब 3 महीने के बाद टीका दिया जाएगा। वहीं, ऐसे लोग जो टीके का पहला डोज लेने के बाद संक्रमित हुए हैं, उन्हें भी 3 महीने के बाद ही दूसरा डोज लेने की सलाह दी गयी है। साथ ही टीकाकरण के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकते हैं।

मध्यप्रदेश के सागर में मास्क नहीं पहनने पर पुलिस ने सड़क पर की मां-बेटी की जमकर पिटाई और बाल पकड़कर घसीटा; महिला आरक्षक और एएसआई निलंबित attacknews.in

सागर, 20 मई । मध्यप्रदेश के सागर जिले के रहली थाना अंतर्गत माँ-बेटी को पुलिस कर्मियों द्वारा बल पूर्वक पकडने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने एएसआई और महिला आरक्षक को निलंबित कर दिया है।

पुलिस अधीक्षक सागर अतुल सिंह द्वारा महिला आरक्षक अर्चना डिम्हा और एएसआई एलएन तिवारी को निलंबित कर दिया गया है।

पुलिस ने इस महिला व उसकी बेटी को मास्क नहीं पहने होने की वजह से सोमवार सुबह करीब करीब 11 बजे बाजार में रोका था और खुली जेल में भेजने के लिए उसे पुलिस जीप में बिठाने की कोशिश की थी।

सागर जिले में कोविड-19 को नियंत्रित करने में लगे कोरोना कर्फ्यू के दौरान सब्जी खरीदने बाजार आई एक महिला के मास्क नहीं पहनने पर कुछ पुलिस अफसरों ने सड़क पर उसकी पिटाई कर दी और बाल पकड़कर घसीटा।

यह घटना सागर जिले के रहली कस्बे में सोमवार को हुई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जाने के बाद पुलिस अफसर ने बताया कि इस महिला ने पहले एक महिला पुलिस अफसर पर हमला किया था।

सागर में एक महिला की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें महिला अपनी बेटी के साथ बाहर निकली थी, मास्क नहीं पहना था बेटी ने भी मुंह पर सिर्फ स्कॉर्फ बांध रखा था। इस बीच पुलिस ने चेकिंग के दौरान गांधी चौक के पास उसे पकड़ लिया।

पुलिस ने इस महिला व उसकी बेटी को मास्क नहीं पहने होने की वजह से सोमवार सुबह करीब करीब 11 बजे बाजार में रोका थऔर खुली जेल में भेजने के लिए उसे पुलिस जीप में बिठाने की कोशिश की।इस दौरान इस महिला ने विरोध किया और वहां मौजूद एक महिला पुलिस अफसर के चेहरे पर उसका नाखून लग गया ।

वीडियो में एक महिला पुलिस अफसर के साथ में कुछ पुलिस अफसर एक महिला को उसके बालों से पकड़ कर घसीट कर पुलिस की गाड़ी में बैठाने की कोशिश करते हुए, धक्का देते हुए और मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि यह महिला इसका विरोध कर रही है।

इस सिलसिले में रहली के सब डिवीजन पुलिस अफसर (एसडीओपी) कमल सिंह ने बताया, ‘यह वीडियो पूरा नहीं हैं. वीडियो में दिखाई घटना के पहले महिला और उसकी बेटी ने पुलिस के साथ मारपीट की थी जिसमें महिला पुलिसकर्मी के चेहरे पर नाखून लगने से खून भी आया।

उन्होंने कहा कि यह घटना सोमवार की है जब सुबह करीब 11 बजे पुलिस ने इस महिला व उसकी बेटी को मास्क नहीं पहने होने के सबब बाजार में रोका था और खुली जेल में भेजने की कार्रवाई के दौरान यह घटना घटी. सिंह ने कहा कि इस महिला के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है।

मध्यप्रदेश में गुरुवार को मिले 4,952 कोरोना संक्रमित, 88 की मौत;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,52,735 और मृतकों की संख्या 7315 हुई attacknews.in

भोपाल, 20 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के घटते मामले के बीच आज चार हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।इस महामारी से आज 88 लोगों की मौत हो गयी।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के नये मामले में हर दिन गिरावट आ रही है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले में 77,493 लोगों की जांच की गई।

जांच सैंपल रिपोर्ट में 4,952 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) 6़ 3 प्रतिशत दर्ज की गयी।

इस महामारी से 9,746 लोग मुक्त होकर घर रवाना हुए है।

वहीं प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 72,725 है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने अब तक 7,52,735 लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।

हालांकि इनमें से अब तक 6,72695 लोगों ने संक्रमण को मात देकर घर पहुंच गये है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश में 7315 लोगों की जान ले चुका है।

आज 88 लोगों की मौत हुई है।

राज्य के इंदौर जिले में आज भी दूसरे जिलों की तुलना सबसे अधिक संक्रमित मिले हैं।

इंदौर जिले में आज 1072 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं दूसरे स्थान पर भोपाल जिले में 693 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 135, जबलपुर में 336, उज्जैन में 197, रतलाम में 162, रीवा में 158, सागर जिले में 187 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 4 से लेकर 102 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

शिवराज सिंह चौहान बोले:कोरोना संक्रमण की रफ्तार जन-सहयोग से थम रही है;इंदौर संभाग को नियंत्रण की दिशा में आदर्श बताया, यहां स्थिति तेजी से नियंत्रित हो रही है attacknews.in

भोपाल/इंदौर , 20 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में नागरिकों से मिले सहयोग से कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम कर उसे समाप्त करने की दिशा में तेजी बढ़ा जा सका है।

श्री चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव में जन-भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित की गयी है। इसी का परिणाम है कि जन-जागरूकता बढ़ी है। लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिये प्रेरित हुए हैं। लोगों ने न केवल कोरोना से बचाव के उपाय स्वयं अपनाये, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरित किया। सामाजिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों, जन-प्रतिनिधियों, समाज सेवियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ और समुदाय के विभिन्न क्षेत्रों के नागरिकों से मिले सहयोग से कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम कर उसे समाप्त करने की दिशा में तेजी बढ़ा जा सका है। जन-सहभागिता से कोरोना संक्रमण पीड़ितों के समुचित इलाज की व्यवस्था में भी सहयोग प्राप्त हुआ है।

राज्य सरकार, जन-सहयोग से कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस को पूरी तरह समाप्त करने के लगातार प्रयास कर रही है। किल-कोरोना अभियान में सामाजिक संगठनों के सहयोग से प्रारंभिक स्तर पर कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों की पहचान के लिये जागरूकता लायी गयी तथा सक्रिय चिन्हांकन किया गया। प्रदेश में टेस्टिंग कैपेसिटी को बढ़ाया गया। साथ ही टेस्टिंग के परिणाम आने में लगने वाले समय को घटाया गया।

श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम और बचाव में कोरोना-वॉलेंटियर्स का योगदान सराहनीय रहा है। बताया गया कि प्रदेश भर में कोरोना वॉलेंटियर्स की संख्या अब एक लाख 16 हजार 98 से भी अधिक हो गयी है, जिसमें से 50 हजार से अधिक वॉलेंटियर्स अधिक सक्रिय रहे हैं। करीब 7899 वॉलेंटियर्स द्वारा वैक्सीनेशन सेंटर पर सहयोग किया जा रहा है।

योग से निरोग कार्यक्रम में अब तक 93 हजार 779 होम आइसोलेटेड कोविड मरीजों को लाभान्वित किया गया।।

इंदौर संभाग में स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है-शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग को कोरोना संक्रमण के नियंत्रण की दिशा में आदर्श बताते हुए कहा कि यहां स्थिति तेजी से नियंत्रित एवं सामान्य हो रही है।

श्री चौहान आज इंदौर में संभाग स्तरीय कोविड नियंत्रण की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा अगले दस दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। इन दस दिनों में उन्होंने विशेष सावधानी एवं सतर्कता रखते हुए जनता कर्फ्यू का कड़ाई से पालन करने का आग्रह आमजन से किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं। दवाईयों/इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये भी लगातार प्रयास हो रहे हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री श्री मोदी से भी चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस तथा अन्य बीमारियों के इलाज के लिये हर जिले में पोस्ट कोविड सेंटर की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में पात्र परिवारों के मरीजों को ब्लैक फंगस का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कोरोना से निपटने के लिये क्षेत्रवार रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने इंदौर संभाग विशेषकर इंदौर जिले में कोरोना से निपटने के लिये हो रहे प्रयासों, प्रबंधन तथा नवाचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इंदौर संभाग तथा इंदौर जिला कोरोना मुक्ति के लिये प्रदेश में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में श्री चौहान ने कोरोना पॉजिटिव पेशेंन्ट्स/पॉजिटिविटी रेट/मृत्यु दर, कंटेनमेंट एरिया, कोविड सैंपल कलेक्शन एवं टेस्टिंग, आयुष्मान योजना की प्रगति, इस योजना में लाभान्वित कोविड पेशेंट्स, अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटर में बेड प्रबंधन, ऑक्सीजन की उपलब्धता, ब्लैक फंगस के उपचार तथा पोस्ट कोविड ओपीडी संचालन की स्थिति, कोविड टीकाकरण अभियान आदि की जिलेवार समीक्षा की।

मध्यप्रदेश के 2 कलेक्टर और अपर प्रबंध संचालक मप्र पर्यटन विकास बोर्ड को बदला गया attacknews.in

भोपाल, 20 मई । मध्यप्रदेश शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों की नवीन पद-स्थापना की है।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में अजय गुप्ता कलेक्टर सीहोर को उप सचिव मध्यप्रदेश शासन, चन्द्र मोहन ठाकुर कलेक्टर अनूपपुर को कलेक्टर सीहोर और सुश्री सोनिया मीना अपर प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड तथा उपायुक्त पर्यटन (अतिरिक्त प्रभार) को कलेक्टर अनूपपुर पदस्थ किया है।

जींद में अचानक ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट में तकनीकी खराबी से बंद हुई सांसें , तीन कोरोना मरीजों की मौत attacknews.in

जींद, 20 मई । हरियाणा के जींद जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग की ऑक्सीजन सप्लाई में कल तकनीकी खराबी आ जाने के कारण ऑक्सीजन का फ्लो कम होने से उपचाराधीन तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई।

अस्पताल के सूत्रों के अनुासर नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग में टैंक के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है और कल रात अचानक प्लांट में तकनीकी खराबी आने से ऑक्सीजन का फ्लो कुछ समय के लिए बंद हो गया। प्लांट में मौजूद कर्मियों ने सिलेंडरों के माध्यम से जैसे-तैसे ऑक्सीजन की सप्लाई को शुरू किया लेकिन इसमें 15 से 20 मिनट का समय लग गया और इस दौरान वेंटिलेटर को ऑक्सीजन का पर्याप्त प्रेशर नहीं मिल पाया। इससे वेंटिलेटर पर तीन मरीजों की हालत बिगड़ने लगी। स्वास्थ्य कर्मियों ने तीनों मरीजों को वेंटिलेटर से हटा कर ऑक्सीजन स्पॉट पर ले जाया गयालेकिन उनकी गंभीर हालात होने के चलते उनकी जान को बचाया नहीं जा सका।

विदेश मंत्री जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर कहा:भारत और चीन के संबंध चौराहे पर खडे हैं ,इसकी दिशा इस बात पर निर्भर है कि क्या चीन विभिन्न समझौतों को पालन करता है attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का जिक्र करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन के संबंध चौराहे पर हैं और इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि क्या पड़ोसी देश सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये विभिन्न समझौतों को पालन करता है।

जयशंकर ने कहा कि 1962 के संघर्ष के 26 वर्ष बाद 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे ताकि सीमा पर स्थिरता को लेकर सहमति बन सके । इसके बाद 1993 और 1996 में सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये दो महत्वपूर्ण समझौते हुए ।

समाचार पत्र फाइनेंशियल एक्सप्रेस और इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर स्थिरता के मद्देनजर कई क्षेत्रों में संबंधों में विस्तार हुआ लेकिन पूर्वी लद्दाख की घटना ने इस पर प्रतिकूल प्रभाव डाला ।

वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी होनी चाहिए तथा सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली से ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है ।

गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो इलाके में पिछले वर्ष हिंसक संघर्ष के बाद सीमा गतिरोध उत्पन्न हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने हजारों सैनिकों एवं भारी हथियारों की तैनाती की थी। सैन्य एवं राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने इस वर्ष फरवरी में पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था।

इस बीच, विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि संबंध चौराहे पर हैं और इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या चीनी पक्ष सहमति का पालन करता है, क्या वह हमारे बीच हुए समझौतों का पालन करता है । पिछले वर्ष यह स्पष्ट हो गया कि अन्य क्षेत्रों में सहयोग, सीमा पर तनाव के साथ जारी नहीं रह सकता है । ’’

चीन द्वारा क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने एवं दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा के बारे में एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत प्रतिस्पर्धा करने को तैयार है और हमारी अंतर्निहित ताकत और प्रभाव है जो हिन्द प्रशांत से लेकर अफ्रीका और यूरोप तक है । ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रतिस्पर्धा करना एक बात है लेकिन सीमा पर हिंसा करना दूसरी बात है । ’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं प्रतिस्पर्धा करने को तैयार हूं । यह मेरे लिये मुद्दा नहीं है । मेरे लिये मुद्दा यह है कि मैं संबंधों को किस आधार पर व्यवस्थित रखूं जब एक पक्ष इसका उल्लंघन कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध 1980 और 1990 के दौरान सीमा पर स्थिरता के आधार पर संचालित रहे ।

जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरे पास इस समय कोई स्पष्ट जवाब नहीं है लेकिन 1962 के संघर्ष के 26 वर्ष बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे । 1988 में एक तरह की सहमति बनी जिससे सीमा पर स्थिरता कायम हुई ।’’

उन्होंने कहा कि इसके बाद 1993 और 1996 में सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये दो महत्वपूर्ण समझौते हुए ।

विदेश मंत्री ने कहा कि इस समझौतों में यह कहा गया था कि आप सीमा पर बड़ी सेना नहीं लायेंगे और वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान किया जायेगा और इसे बदलने का प्रयास नहीं होगा । लेकिन पिछले वर्ष चीन वास्तव में 1988 की सहमति से पीछे हट गया ।

उन्होंने कहा कि अगर सीमा पर शांति और स्थिरता नहीं होगी तब निश्चित तौर पर इसका संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा ।

वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस वर्ष शुरू की गयी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में 30 अप्रैल को अपने चीनी समकक्ष के साथ चर्चा की थी और यह बताया था कि यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है तथा यह जरूरी है कि इसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए ।

बागची ने कहा, ‘‘ इस संदर्भ में यह सहमति बनी कि वे जमीन पर स्थिरता बनाये रखेंगे और किसी नयी घटना से बचेंगे । ’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,‘‘ हमें उम्मीद है कि कोई भी पक्ष ऐसा कोई कदम नहीं उठायेगा, जो इस समझ के अनुरूप नहीं हो ।’’

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली से ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती।

दिल्ली में मई में बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़े;चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ और पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीते 24 घंटों में रिकॉर्ड 119.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । दिल्ली में चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ और पश्चिमी विक्षोभ के कारण बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटों में रिकॉर्ड 119.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसने मई में बारिश के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि 1976 में 24 मई को 60 मिमी बारिश दर्ज की गई थी और इस बार उससे दोगुनी बारिश दर्ज की गई।

आईएमडी ने बृहस्पतिवार को कहा कि शहर में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 16 डिग्री सेल्सियस गिर कर 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 1951 के बाद से मई में सबसे कम अधिकतम तापमान है।

आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘दिल्ली में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रिकॉर्ड 119.3 मिमी बारिश हुई।’’

लोधी रोड मौसम केंद्र ने इस अवधि के दौरान 124.4 मिमी बारिश दर्ज की।

पालम, आयानगर, नजफगढ़ और एसपीएस मयूर विहार में क्रमश: 64 मिमी, 98 मिमी, 92.5 मिमी और 95.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।

15 मिमी से कम की बारिश को हल्की, 15 से 64.5 मिमी के बीच की बारिश को मध्यम, 64.5 मिमी से 115.5 मिमी के बीच की बारिश को भारी, 115.6 से 204.4 मिमी के बीच को बहुत भारी बारिश माना जाता है। 204.4 मिमी से अधिक की बारिश को अत्यधिक भारी बारिश माना जाता है।

आईएमडी ने बताया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बुधवार को चक्रवाती तूफान ताउते और एक पश्चिमी विक्षोभ के संपर्क के कारण बारिश हुई।

राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर. के. जिनामणि ने कहा, ‘‘मई आमतौर पर सूखा रहता है। सामान्यत: दिल्ली में इस महीने 24 घंटों में अधिकतम 30 मिमी या 40 मिमी बारिश होती है। लेकिन यह अरब सागर से आ रही और पश्चिमी विक्षोभ के संपर्क से पूरी तरह अलग व्यवस्था है। चूंकि इसके विशेष गुण दुर्लभ है तो इतनी बारिश होना हैरानी की बात नहीं है।’’

आईएमडी ने कहा कि बृहस्पतिवार को बारिश कम हो सकती है।

मूसलाधार बारिश से बुधवार को सफदरजंग में अधिकतम तापमान गिरकर 23.8 डिग्री सेल्सियस रह गया। बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से सात डिग्री कम 19.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘सफदरजंग में बुधवार को अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 1951 के बाद से यह सबसे कम अधिकतम तापमान है।’’

उन्होंने बताया कि इससे पहले 13 मई 1981 को 24.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था।

आईएमडी के अनुसार, बुधवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान श्रीनगर (25.8 डिग्री सेल्सियस) और धर्मशाला (27.2 डिग्री सेल्सियस) से कम दर्ज किया गया।