दुनियाभर में दहशत:कोविड-19 के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ के डर से सभी देशों ने लगायी यात्रा पाबंदियां;जो लोग पहले संक्रमित होकर उबर गए हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं attacknews.in

ब्रसेल्स/ जिनेवा , 27 नवंबर (एपी) कोविड-19 महामारी फैलने के तकरीबन दो साल बाद दुनिया बीते दिनों सामने आए वायरस के नए स्वरूपों से संभवत: अधिक खतरनाक एक और नये स्वरूप से जूझती नजर आ रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है। इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप था जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने नए स्वरूप के बारे में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि यह तेजी से फैलता है।’’ नयी यात्रा पाबंदियों की घोषणा करते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने फैसला किया है कि हम सतर्कता बरतेंगे।’’

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रॉन के वास्तविक खतरों को अभी समझा नहीं गया है लेकिन शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि अन्य अत्यधिक संक्रामक स्वरूपों के मुकाबले इससे फिर से संक्रमित होने का जोखिम अधिक है। इसका मतलब है कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और उससे उबर गए हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, यह जानने में हफ्तों का वक्त लगेगा कि क्या मौजूदा टीके इसके खिलाफ कम प्रभावी हैं।

दक्षिणी अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया स्वरूप सामने आने के बाद अमेरिका, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने उस क्षेत्र से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका सोमवार से दक्षिण अफ्रीका और क्षेत्र में सात अन्य देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। बाइडन ने कहा कि इसका मतलब है कि देश लौट रहे अमेरिकी नागरिकों और स्थायी निवासियों के अलावा इन देशों से न कोई आएगा और न ही कोई वहां जाएगा।

डब्ल्यूएचओ समेत चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस स्वरूप के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किए जाने से पहले जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने के खिलाफ आगाह किया है। लेकिन इस वायरस से दुनियाभर में 50 लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद लोग डरे हुए हैं।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने सांसदों से कहा, ‘‘हमें जल्द से जल्द हर संभव कदम उठाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।’’ दक्षिणी अफ्रीका के साथ ही बेल्जियम, हांगकांग और इजराइल आने वाले यात्रियों में भी ओमीक्रॉन स्वरूप के मामले देखे गए हैं।

दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने कहा कि अभी ऐसे कोई संकेत नहीं है कि क्या इस स्वरूप से अधिक गंभीर रूप से बीमार पड़़ सकते हैं। अन्य स्वरूपों की तरह कुछ संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं। हालांकि, कुछ आनुवंशिक बदलाव चिंताजनक लगते हैं लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे जन स्वास्थ्य को कितना खतरा है। पहले कुछ स्वरूपों जैसे कि बीटा स्वरूप ने शुरुआत में वैज्ञानिकों को चिंता में डाला था लेकिन यह इतना ज्यादा नहीं फैला था।

नए स्वरूप ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को तुरंत प्रभावित किया। एशिया, यूरोप और अमेरिका में प्रमुख सूचकांक गिर गये। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन ने कहा, ‘‘यह नया स्वरूप कई समस्याएं पैदा करेगा।’’ 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के सदस्य हाल में संक्रमण के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहे हैं।

ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के देशों और कुछ अन्य देशों ने शुक्रवार को नयी यात्रा पाबंदियां लगायी और इनमें से कुछ देशों ने नए स्वरूप का पता चलने के कुछ घंटों के भीतर पाबंदियां लगा दी। यह पूछे जाने पर कि अमेरिका ने सोमवार तक का इंतजार क्यों किया, इस पर बाइडन ने कहा, ‘‘केवल इसलिए कि मेरे चिकित्सा दल ने यही सिफारिश की है।’’

यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘‘उड़ानों को तब तक स्थगित किया जाना चाहिए जब तक कि हमें इस नए स्वरूप से उत्पन्न खतरे के बारे में स्पष्ट समझ न हो और इस क्षेत्र से लौटने वाले यात्रियों को सख्त पृथक-वास नियमों का पालन करना चाहिए।’’ उन्होंने आगाह किया कि ‘‘उत्परिवर्तन से संक्रमण कुछ ही महीनों में दुनियाभर में फैल सकता है।’’

बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वैंडेनब्रुक ने कहा, ‘‘यह एक संदिग्ध स्वरूप है। हम नहीं जानते कि क्या यह बहुत खतरनाक स्वरूप है।’’

अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि ओमीक्रॉन का अभी अमेरिका में कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने कहा, हालांकि हो सकता है कि यह अन्य स्वरूप के मुकाबले अधिक संक्रामक हो और इस पर टीके का उतना असर न हो लेकिन ‘‘हमें अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं पता है।’’

बाइडन ने कहा कि नया स्वरूप ‘‘गंभीर चिंता’’ का विषय है और यह स्पष्ट होना चाहिए कि जब तक दुनियाभर में टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक महामारी खत्म नहीं होगी।

दुनिया के सबसे अधिक टीकाकरण करने वाले देशों में से एक इजराइल ने शुक्रवार को एलान किया कि उसके यहां मलावी से लौटे एक यात्री में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पहला मामला आया है। यात्री और दो अन्य संदिग्ध लोगों को पृथक-वास में रखा गया है। इजराइल ने बताया कि तीनों ने टीके की खुराक ले रखी है लेकिन अधिकारी उनके टीकाकरण की वास्तविक स्थिति का पता लगा रहे हैं।

रात भर 10 घंटे की उड़ान के बाद दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से एम्सटर्डम की केएलएम फ्लाइट 598 में सवार यात्रियों को शुक्रवार सुबह विशेष जांच के लिए चार घंटों तक शिफॉल हवाई अड्डे के रनवे पर रोक कर रखा गया।

ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका और पांच अन्य दक्षिणी अफ्रीकी देशों से शुक्रवार दोपहर उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया और घोषणा की कि जो कोई भी हाल में उन देशों से आया था, उसे कोरोना वायरस जांच कराने के लिए कहा जाएगा।

ब्रिटेन ने शुक्रवार से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लागू कर दिया है। हालांकि, सरकार ने दोहराया कि देश में अब तक वायरस के नए स्वरूप के किसी भी मामले का पता नहीं चला है।

जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, माल्टा और चेक गणराज्य, यूरोप के उन देशों में शामिल है जिन्होंने यात्रा पर कड़े प्रतिबंध लगाये हैं और पहले से ही कोविड-19 मामलों के चिंताजनक वृद्धि के बीच लॉकडाउन लगाया है।

कोरोना वायरस का नया चिंताजनक स्वरूप सामने आने के बीच डब्ल्यूटीओ ने प्रमुख बैठक टाली

इधर जिनेवा, से खबर है कि, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मंगलवार को होने वाले सरकारी मंत्रियों के अपने सम्मेलन को टाल दिया है। कोरोना वायरस के नये चिंताजनक स्वरूप के सामने आने के बाद स्विट्जरलैंड द्वारा नये यात्रा प्रतिबंध लागू किए जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। जिनेवा में संगठन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जिनेवा स्थित डब्ल्यूटीओ मुख्यालय में होने वाले एमसी12 सम्मेलन में मत्स्य पालन के लिए सब्सिडी पर एक लंबे समय से प्रतीक्षित समझौता और कोविड-19 टीकों से जुड़े पेटेंट और अन्य बौद्धिक संपदा संरक्षण नियमों में छूट देने के प्रयास जैसे प्रमुख मुद्दों पर बातचीत होनी थी। मत्स्य पालन के लिए सब्सिडी संबंधी समझौते को दुनिया भर के समुद्रों में ज्यादा मछलियां पकड़ने से रोकने के एक प्रमुख तरीके के रूप में देखा जा रहा है,

अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर शुक्रवार को बताया कि डब्ल्यूटीओ के 164 सदस्य राष्ट्रों के राजदूत नये स्विस यात्रा प्रतिबंधों के बाद चार दिवसीय सम्मेलन को टालने पर सहमत हो गए हैं क्योंकि इन प्रतिबंधों के कारण सभी प्रतिभागी भौतिक रूप से सम्मेलन में शामिल नहीं हो पाते और ऑनलाइन बैठक को अच्छा विकल्प नहीं माना जा रहा है।

स्विस स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दक्षिणी अफ्रीका से सभी सीधी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और बेल्जियम, हांगकांग और इजराइल जैसे अन्य स्थानों से आने वाले सभी लोगों को आगमन पर कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और 10 दिन के लिए पृथक-वास में रहना होगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाए गए चिंताजनक नए स्वरूप को अत्यधिक संक्रामक स्वरूप के तौर पर वर्गीकृत किया है और इसे ओमिक्रोन स्वरूप नाम दिया है।

कोरोना के नए स्वरूप पर नरेन्द्र मोदी ने भारत में सतर्कता के साथ ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता के साथ निगरानी के दिए दिशा निर्देश attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 नवंबर । दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नये स्वरूप का पता चलने और इसे लेकर दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके मद्देनजर ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि लोगों को अधिक सतर्क रहने तथा मास्क पहनने व उचित दूरी सहित बचाव के सभी अन्य उपायों का पालन करने की जरूरत है।

देश में कोविड-19 की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। लगभग दो घंटे चली इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोराना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के पाए जाने से पैदा हुई चिंताओं और विभिन्न देशों में इसके प्रभावों से अवगत कराया।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने प्रोएक्टिव रहने व बचाव के उपायों का पालन करने के साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी करने की भी आवश्यकता जताई।

पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों की निगरानी करने के साथ ही ‘जोखिम’ वाले देशों से आने वाले लोगों की, दिश-निर्देशों के अनुरूप जांच की जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कोरोना के नए स्वरूप के खतरों के मद्देनजर अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध हटाने की योजना की समीक्षा करने को भी कहा।

डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गाउबा, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल, नीति आयोग के ही ए के भल्ला, और भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन सहित कुछ अन्य अधिकारी मौजूद थे।

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 8,318 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,45,63,749 हो गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम हो कर 1,07,019 हो गयी, जो 541 दिनों में सबसे कम है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 465 मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़ कर 4,67,933 हो गयी है। कोरोना वायरस के रोज आने वाले मामले लगातार 50 दिनों से 20,000 से कम और लगातार 153वें दिन 50,000 से कम है।

देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की कुल 120.96 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।

इन सबके बीच, दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 के एक नये स्वरूप के आने से कई देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं और उन्होंने बचाव के उपाय करने आरंभ कर दिए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोना वायरस के इस नये स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है।

कोरोना वायरस के इस नये स्वरूप के सामने आने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने अफ्रीकी देशों से लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है।

कोविड के नये स्वरूप के खतरे को देखते हुए सरकार टीकाकरण के प्रति गंभीर हो जाए: राहुल

इधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना के नये स्वरूप को गंभीर खतरा करार देते हुए शनिवार को कहा कि अब केंद्र सरकार को सभी देशवासियों का टीकाकरण करने के प्रति गंभीर हो जाना चाहिए।

उन्होंने ट्विटर पर एक चार्ट भी साझा किया और कहा कि अब तक देश में सिर्फ 31.19 प्रतिशत आबादी को ही टीके की दोनों खुराक दी गई है।

राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कोविड का नया स्वरूप गंभीर खतरा है। इस समय यह बहुत जरूरी है कि भारत सरकार हमारे देशवासियों को टीके की सुरक्षा प्रदान करने के लिए गंभीर हो जाए। टीकाकरण के खराब आंकड़ों को एक व्यक्ति की तस्वीर के पीछे लंबे समय तक नहीं छिपाया जा सकता। ’

कोरोना के नये स्वरुप में आने की आहट से भारतीय बाजार शुक्रवार को हुआ धड़ाम,एकाएक गिरावट के साथ निवेशकों की संपत्ति 4.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटी attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 नवंबर । कमजोर वैश्विक रुख को देखते हुए शुक्रवार को दिन के कारोबार में निवेशकों की संपत्ति में 4.48 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई और बीएसई सूचकांक 1,488 अंक गिर गया।30 शेयरों वाला सूचकांक दिन के दौरान 1,488.01 अंक गिरकर 57,307.08 पर आ गया।

कोविड-19 के एक नए, अत्यधिक संक्रामक स्वरूप के उभार के बीच इक्विटी बाजारों में लगभग दो प्रतिशत की गिरावट आई है।

यूरोपीय संघ ने दक्षिण अफ्रीका से उड़ानों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की और कुछ यूरोपीय संघ के देश पहले से ही पूर्ण लॉकडाउन में हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन के इक्विटी रणनीति के प्रमुख और वरिष्ठ समूह उपाध्यक्ष हेमांग जानी ने कहा, ‘‘इस प्रकार, वायरस के इस नए स्वरूप के अन्य देशों में फैलने का डर है जो फिर से वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार सकता है।’’

टाटा स्टील, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक और मारुति के शेयर में 4.2 फीसदी तक की गिरावट आई।बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक दो फीसदी तक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।

कोरोना ने बदला अपना रूप,दक्षिण अफ्रीका में सामने आया कोविड का नया स्टेन: ब्रिटेन ने छह अफ्रीकी देशों की उड़ान पर लगाया प्रतिबंध attacknews.in

लंदन, 26 नवंबर (स्पूतनिक) ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीकी देशों में कोरोना वायरस (कोविड-19) के नये स्ट्रेन के प्रसार को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया के लिए 28 नवंबर तक उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सरकार ने यहां जारी एक बयान में कहा, “ अपराह्न शुक्रवार 26 नवंबर से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया को ब्रिटेन की यात्रा लाल सूची में शामिल किया जाएगा। इन छह देशों से सीधी उड़ानें शुक्रवार दोपहर से 28 नवंबर तब तक प्रतिबंधित रहेंगी।

बयान के अनुसार शुक्रवार से गैर ब्रिटेन और आयरिश नागरिक जिन्होंने पिछले 10 दिनों में इन छह अफ्रीकी देशों की यात्रा की है के ब्रिटेन में प्रवेश की मनाही होगी। जबकि ब्रिटेन और आयरिश नागरिकों को 10 दिनों के लिए क्वारंटीन में रहना होगा।

उल्लेखनीय है कि इस सप्ताह की शुरुआत में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बोत्सवाना में कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन पाये जाने को लेकर चेतावनी जारी की थी। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय संक्रामक रोग संस्थान ने बाद में 22 मामलों की पुष्टि भी की थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इनसे लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा बताया attacknews.in

नयी दिल्ली 26 नवंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवार आधारित राजनीतिक दलों को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त घोषित लोगों का महिमामंडन युवाओं को गलत रास्ते पर चलने के लिए उकसाता है।

श्री मोदी ने यहां संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में सविधान दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के हर हिस्से में परिवार आधारित राजनीतिक दलों का वर्चस्व बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। इसके लिए देशवासियों को जागरूक करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक ही परिवार के कई सदस्यों के राजनीति में आने के खिलाफ नहीं है लेकिन यह योग्यता के आधार पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह परिवार आधारित राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हैं, तो इनसे लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की रक्षा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। परिवार आधारित राजनीतिक दल पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं और यह लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते। ऐसे राजनीतिक दल लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है । उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक दल बहुत बड़ी चिंता का विषय है।

केरल में जानलेवा बना कोरोना;24 घंटे में 384 मरीजों ने दम तोड़ा,देशभर में कोरोना संक्रमण से करीब 500 मरीजों की मौत attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 नवंबर । देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की अपेक्षा नए मामलों में वृद्धि से सक्रिय मामलों में बढ़ातरी हुई है, जबकि इस दौरान इस महामारी से करीब 500 और लोगों ने दम तोड़ा दिया।

देश में गुरुवार देर रात तक कोरोना संक्रमण के 10549 नए मामले दर्ज करने के साथ संक्रमिताें की कुल संख्या बढ़कर तीन करोड़ 45 लाख 55 हजार 431 हो गई है। इस दौरान 83 लाख 88 हजार 824 लोगों को कोरोना के टीके लगाये गये और अब तक एक अरब 20 करोड़ 27 लाख तीन हजार 659 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटों में 9868 मरीजों के स्वस्थ होने के साथ ही महामारी को मात देने वालों की संख्या बढ़कर तीन करोड़ 39 लाख 77 हजार 830 हो गयी है।

इस अवधि में सक्रिय मामलों में 193 की वृद्धि देखी गई है, जिसके साथ ही अब कुल सक्रिय मामलों की संख्या 110133 हो गई है। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान इस जानलेवा वायरस के संक्रमण से 488 और मरीजों की मौत हो गयी। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर चार लाख 67 हजार 468 हो गया है।
देश में सक्रिय मामलों की दर 0.32 फीसदी, रिकवरी दर 98.33 फीसदी और मृत्यु दर 1.35 फीसदी है।

देश में केरल में सक्रिय मामले अभी भी सर्वाधिक हैं। यहां सक्रिय मामलों की संख्या 509 के साथ बढ़कर 52452 तक पहुंच गयी है। राज्य में 5094 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त होने वालों की तादाद बढ़कर 5028752 हो गयी है। इसी अवधि में 384 मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 38737 हो गयी है। केरल में पिछले 24 घंटे में देश में इस जानलेवा वायरस से मरने वालों की संख्या सबसे ऊपर है।

महाराष्ट्र में सक्रिय मामले 176 घटने से इनकी कुल संख्या घटकर 12852 रह गयी है जबकि 50 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 140857 हो गयी है। वहीं कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या 974 घटकर 6479396 रह गयी है।

उज्जैन में सामूहिक बलात्कार करने वाले तीसरे आरोपी को देरी से गिरफ्तारी के बाद अब दी गई 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा attacknews.in

उज्जैन 24 नवम्बर ।न्यायालय श्रीअम्बुज पाण्डेय, अपर सत्र न्यायाधीश , जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी सुनील पिता भैरूलाल, उम्र-42 वर्ष निवासी-उज्जैन को धारा 376(घ) भादवि में आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि, घटना इस प्रकार है कि, पीड़िता ने पुलिस थाने पर उपस्थित होकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि मैं दिनांक 27.12.2013 को सुबह ट्रेन से उज्जैन आई थी। उज्जैन रेल्वे स्टेशन के पास मुझे तीन व्यक्ति मिले। उन व्यक्ति में से एक ने मुझसे शादी करने का कहा और मुझे उज्जैन रेल्वे स्टेशन के पुल के पास ले गये। मैंने उक्त तीनों व्यक्ति ने नाम पता पूछा तो एक ने प्रेम, सुनील तथा राजू उर्फ रईस होना बताया। तीनों ने मुझे दारू पिलाई तथा तीनो ने मेरे साथ दुष्कर्म किया। मेरे द्वारा चिल्लाने पर मुझे जान से खत्म कर देने की धमकी दी। मेरे चिल्लाने की आवाज सुनकर आस-पास के लोग वहॉ पर इकट्ठा हो गये तथा रईस को पकड़ लिया और प्रेम तथा सुनील वहॉ से भाग गये।

पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई तथा राजू उर्फ रईस तथा प्रेम को गिरफ्तार किया गया व आवश्यक अनुसंधान पश्चात् न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया था।

अभियोग पत्र प्रस्तुत करते समय आरोपी सुनिल फरार था, जिसे दिनांक 04.07.2020 को गिरफ्तार किया गया।

नोटः- पूर्व में दिनंाक 14.05.2015 के निर्णय में अभियुक्त प्रेम को दोषमुक्त किया गया तथा राजू उर्फ रईस को 20 वर्ष के कठोर कारावास से दण्डित किया गया था।

दण्ड का प्रश्न:- अभियुक्त सुनील द्वारा निवेदन किया गया है कि यह मेरा प्रथम अपराध है इसलिये न्यूनतम सजा देने का निवेदन किया गया। अभियोजन अधिकारी द्वारा कठोर दण्ड देने का निवेदन किय गया।

टिप्पणीः-अभियुक्त के द्वारा जिस प्रकार एक बाहर से आई महिला की स्थिति का लाभ लेते हुये सामूहिक बलात्कार कर घृणित कृत्य किया है, उसके लिये वह उदारता का पात्र नही है।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री रविन्द्र सिंह कुशवाह, ए0जी0पी0 उज्जैन द्वारा की गई।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को और चार महीने मार्च 2022 तक विस्तार देने को मंजूरी दी,सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह 5 किलो अनाज निःशुल्क attacknews.in

नईदिल्ली 24 नवम्बर ।प्रधानमंत्री द्वारा सात जून, 2021 को राष्ट्र के नाम सम्बोधन में लोकहित में की गई घोषणा तथा कोविड-19 के संदर्भ में आर्थिक पहलों के हिस्से के रूप में मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-चरण पांच) को और चार महीने, यानि दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक विस्तार देने को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) सहित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) [अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता प्राप्त घरों] के दायरे में आने वाले सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो अनाज निःशुल्क प्राप्त होता रहेगा।

इस योजना का पहला और दूसरा चरण क्रमशः अप्रैल से जून 2020 और जुलाई से नवंबर, 2020 में परिचालन में था। योजना का तीसरा चरण मई से जून, 2021 तक परिचालन में रहा। योजना का चौथा चरण इस समय जुलाई-नवंबर, 2021 के दौरान चल रहा है।

पीएजीकेएवाई योजना का पांचवां चरण दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक चलेगा, जिसमें अनुमानित रूप से 53344.52 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी दी जायेगी।

पीएमजीकेएवाई के पांचवें चरण के लिये खाद्यान्न का कुल उठान लगभग 163 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है।

यह याद रहे कि पिछले वर्ष देश में अप्रत्याशित रूप से कोविड-19 महामारी फैलने के कारण आने वाली आर्थिक अड़चनों को मद्देनजर रखते हुये, सरकार ने मार्च 2020 में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रति व्यक्ति, प्रति माह के हिसाब से पांच किलोग्राम अतिरिक्त रूप से निःशुल्क अनाज (चावल/गेहूं) दिया जायेगा, जो नियमित मासिक एनएफएसए खाद्यान्न, यानी उनके राशन कार्ड पर नियमित रूप से देय खाद्यान्न से अधिक होगा, ताकि गरीब, जरूरतमंद और जोखिम वाले घरों/लाभार्थियों को आर्थिक संकट के दौरान समुचित अनाज की अनुपलब्धता की वजह से वंचित न होना पड़े। अब तक पीएम-जीकेएवाई (एक से चार चरण तक) के तहत विभाग ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कुल मिलाकर लगभग 600 लाख मीट्रिक टन का आवंटन किया है, जो लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपये की खाद्यान्न सब्सिडी के बराबर है।

पीएमजीकेएवाई-चौथे चरण के अंतर्गत वितरण इस समय चल रहा है और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक, अब तक 93.8 प्रतिशत अनाज उठा लिया गया है और लगभग 37.32 एलएमटी (जुलाई 2021 का 93.9 प्रतिशत), 37.20 एलएमटी (अगस्त 2021 का 93.6 प्रतिशत), 36.87 एलएमटी (सितंबर 2021 का 92.8 प्रतिशत), 35.4 एलएमटी (अक्टूबर 2021 का 89 प्रतिशत) और 17.9 एलएमटी (नवंबर, 2021 का 45 प्रतिशत) अनाज क्रमशः लगभग 74.64 करोड़, 74.4 करोड़, 73.75 करोड़, 70.8 करोड़ और 35.8 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किया गया।

पहले पूर्ण हुए चरणों के अनुभव को देखते हुए पीएमजीकेएवाई-चरण पांच के प्रदर्शन के बारे में भी यही आशा है कि वह भी पहले के चरणों के उसी उच्चस्तर पर ही कायम रहेगा।

कुल मिलाकर पीएमजीकेएवाई चरण एक से पांच में सरकार को लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।


कैबिनेट ने केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में बिजली वितरण और खुदरा आपूर्ति कारोबार के निजीकरण को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव (डीएनएच और डीडी) में बिजली वितरण कारोबार के निजीकरण के लिए कंपनी (विशेष प्रयोजन कंपनी) के गठन, उच्चतम बोली लगाने वाले को नवगठित कंपनी के इक्विटी शेयर की बिक्री एवं कर्मचारियों की देनदारियों को पूरा करने के लिए ट्रस्ट के गठन को मंजूरी दे दी है।

उक्त निजीकरण प्रक्रिया, डीएनएच एंड डीडी के 1.45 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाओं तथा वितरण में परिचालन सुधार और कार्य-कुशलता से सम्बंधित वांछित परिणामों को पूरा करेगी तथा देश भर में अन्य सेवा प्रदाता कंपनियों के अनुकरण के लिए एक मॉडल प्रदान करेगी। इससे प्रतिस्पर्धा में और वृद्धि होगी, बिजली उद्योग को मजबूती मिलेगी एवं बकाया धनराशि की वसूली में भी मदद मिलेगी।

मई 2020 में, भारत सरकार ने संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की घोषणा की थी। सुधार के प्रमुख उपायों में एक थी- बिजली वितरण सेवा प्रदाता कंपनियों के निजीकरण के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण और खुदरा आपूर्ति में सुधार करना, ताकि बिजली वितरण में निजी क्षेत्र की दक्षता का लाभ उठाया जा सके।

एक एकल वितरण कंपनी यानी डीएनएच-डीडी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड को पूर्ण स्वामित्व वाली सरकारी कंपनी के रूप में निगमित किया जाएगा और नवगठित कंपनी में स्थानांतरित कर्मियों के सेवा-लाभों के प्रबंधन के लिए ट्रस्ट (ट्रस्टों) का गठन किया जाएगा। दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव विद्युत (पुनर्गठन एवं सुधार) स्थानान्तरण योजना, 2020 के अनुसार नवगठित कम्पनी में सम्पत्तियों, दायित्वों, कार्मिकों आदि का स्थानान्तरण किया जायेगा।


केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने “वायुमंडल और जलवायु अनुसंधान-मॉडलिंग प्रेक्षण प्रणाली एवं सेवाओं (एक्रॉस)” की समग्र योजना को 14वें वित्त आयोग से लेकर अगले वित्त आयोग के चक्र (2021-2026) तक जारी रखने की मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने “वायुमंडल और जलवायु अनुसंधान-मॉडलिंग प्रेक्षण प्रणाली एवं सेवाओं (एक्रॉस)” की समग्र योजना को उसकी आठ उप-योजनाओं के साथ कुल 2,135 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अगले पांच साल यानी 2021-2026 के वित्तीय चक्र तक जारी रखने को अपनी मंजूरी दे दी है।

यह योजना पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) द्वारा भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ), भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) जैसी इकाइयों के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है।

विवरण:

एक्रॉस योजना, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के वायुमंडलीय विज्ञान कार्यक्रमों से संबंधित है और यह मौसम एवं जलवायु से जुड़ी सेवाओं के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देती है। इनमें से प्रत्येक पहलू को “एक्रॉस” की समग्र योजना के तहत आठ उप-योजनाओं के रूप में शामिल किया गया है और इनका कार्यान्वयन उपरोक्त चार संस्थानों के माध्यम से एकीकृत तरीके से किया जाता है।

कार्यान्वयन की रणनीति और लक्ष्य:

एक्रॉस योजना के तहत आने वाली आठ उप-योजनाएं अपनी प्रकृति में बहुआयामी हैं और उन्हें मौसम एवं जलवायु के सभी पहलुओं को कवर करने के लिए आईएमडी, आईआईटीएम, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ और आईएनसीओआईएस के माध्यम से एकीकृत तरीके से लागू किया जाएगा। निम्नलिखित आठ योजनाओं के माध्यम से उपरोक्त कार्यों को पूरा करने में इनमें से प्रत्येक संस्थान की एक निर्दिष्ट भूमिका है:

(i) पोलारिमेट्रिक डॉपलर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) की शुरुआत-आईएमडी

(ii) पूर्वानुमान प्रणाली का उन्नयन-आईएमडी

(iii) मौसम एवं जलवायु से जुड़ी सेवाएं-आईएमडी

(iv) वायुमंडलीय प्रेक्षण नेटवर्क-आईएमडी

(v) मौसम एवं जलवायु की संख्यात्मक मॉडलिंग -एनसीएमआरडब्ल्यूएफ

(vi) मानसून मिशन III- आईआईटीएम /एनसीएमआरडब्ल्यूएफ/ आईएनसीओआईएस/ आईएमडी

(vii) मानसून संवहन, बादल और जलवायु परिवर्तन (एमसी4)-आईआईटीएम/ एनसीएमआरडब्ल्यूएफ/आईएमडी

(viii) उच्च प्रदर्शन वाली कंप्यूटिंग प्रणाली (एचपीसीएस)-आईआईटीएम/एनसीएमआरडब्ल्यूएफ

रोजगार सृजन की संभावना सहित प्रमुख प्रभाव:

यह योजना बेहतर तरीके से मौसम, जलवायु एवं समुद्र के बारे में पूर्वानुमान एवं सेवाएं और अन्य जोखिम संबंधी सेवाएं प्रदान करेगी ताकि अंतिम उपयोगकर्ता को सार्वजनिक मौसम सेवा, कृषि-मौसम विज्ञान सेवाओं, विमानन सेवाओं, पर्यावरण निगरानी सेवाओं, जल-मौसम विज्ञान सेवाओं, जलवायु सेवाओं, पर्यटन, तीर्थयात्रा, बिजली उत्पादन, जल प्रबंधन, खेल और रोमांच आदि से संबंधित लाभ पर्याप्त रूप से सुनिश्चित हो। पूर्वानुमान से जुड़ी सूचनाओं को तैयार करने से लेकर इनके वितरण तक की पूरी प्रक्रिया में हर स्तर पर काफी संख्या में श्रमशक्ति की जरूरत होती है, जिससे कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।

पृष्ठभूमि:

मौसम, जलवायु एवं समुद्र से संबंधित मापदंडों का पर्यवेक्षण करना और जलवायु विज्ञान एवं जलवायु सेवाओं को विकसित करने पर ध्यान देने सहित सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों के लिए मौसम, जलवायु और खतरे से संबंधित घटनाओं की भविष्यवाणी करने की क्षमता को विकसित करने और उसमें सुधार लाने के लिए अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को अंजाम देना पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के विभिन्न अधिदेशों में से एक है। वैश्विक जलवायु परिवर्तन के कारण बेहद खराब मौसम की बढ़ती घटनाओं और बेहद खराब मौसम से जुड़े जोखिमों ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) को विभिन्न लक्ष्य आधारित कार्यक्रम तैयार करने के लिए प्रेरित किया है। इन कार्यक्रमों को आईएमडी, आईआईटीएम, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ और आईएनसीओआईएस के माध्यम से एकीकृत तरीके से लागू किया जाता है। इसी वजह से, इन गतिविधियों को “एक्रॉस” की समग्र योजना के तहत एक साथ रखा गया है।


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अम्ब्रेला योजना “महासागर सेवाएं, मॉडलिंग, अनुप्रयोग, संसाधन और प्रौद्योगिकी (ओ-स्मार्ट)” को जारी रखने की मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय की 2,177 करोड़ रुपए की लागत वाली अम्ब्रेला योजना “समुद्री सेवाएं, मॉडलिंग, अनुप्रयोग, संसाधन और प्रौद्योगिकी (ओ-स्मार्ट)” को 2021-26 की अवधि के दौरान जारी रखने की मंजूरी दे दी है।

इस योजना में सात उप-योजनाएं शामिल हैं, जैसे कि समुद्री प्रौद्योगिकी, समुद्री मॉडलिंग और परामर्श सेवाएं (ओएमएएस), समुद्री अवलोकन नेटवर्क (ओओएन), समुद्री निर्जीव (नॉन-लिविंग) संसाधन, समुद्री सजीव संसाधन एवं इको-सिस्टम (एमएलआरई), तटीय अनुसंधान एवं अनुसंधान पोतों का संचालन और रख-रखाव। इन उप-योजनाओं को राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), चेन्नई, भारतीय राष्ट्रीय समुद्री सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस), हैदराबाद, राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (एनसीपीओआर), गोवा, समुद्री सजीव संसाधन एवं इकोलॉजी केंद्र (सीएमएलआरई), कोच्चि, और राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र (एनसीसीआर), चेन्नई जैसे मंत्रालय के स्वायत्त/संबद्ध संस्थानों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। साथ ही, इस कार्य में अन्य राष्ट्रीय संस्थानों को भी शामिल किया जाता है। इस योजना के लिए मंत्रालय का समुद्र विज्ञान और तटीय अनुसंधान पोतों का एक बेड़ा अनुसंधान कार्य में आवश्यक सहायता प्रदान करता है।

भारत में महासागरों से संबंधित अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के विकास की शुरुआत महासागर विकास विभाग (डीओडी) द्वारा शुरू की गई थी, जिसे 1981 में स्थापित किया गया था। इसे बाद में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में मिला दिया गया और तब से यह कार्य निरंतर चल रहा है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने राष्ट्रीय लाभ के लिए प्रौद्योगिकी विकास, पूर्वानुमान सेवाओं, क्षेत्र प्रतिष्ठानों, अन्वेषणों, सर्वेक्षण, प्रौद्योगिकी प्रदर्शनों के माध्यम से समुद्र विज्ञान अनुसंधान में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। हमारे महासागरों के निरंतर अवलोकन, प्रौद्योगिकियों के विकास तथा हमारे समुद्री संसाधनों (सजीव और निर्जीव दोनों) के दोहन के लिए और समुद्र विज्ञान में अग्रणी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अन्वेषी सर्वेक्षणों के आधार पर सतत पूर्वानुमान और सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से समुद्र विज्ञान अनुसंधान गतिविधियों को शामिल करते हुए ओ-स्मार्ट योजना को लागू किया जा रहा है।

इस योजना की गतिविधियों के माध्यम से कई उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की गई हैं। हिंद महासागर के आवंटित क्षेत्र में गहरे समुद्र में पॉली मेटैलिक नोड्यूल्स (पीएमएन) और हाइड्रोथर्मल सल्फाइड के खनन पर व्यापक अनुसंधान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीबेड अथॉरिटी (आईएसए) में एक अग्रणी निवेशक के रूप में भारत की मान्यता मिलना इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है। लक्षद्वीप के द्वीपों में निम्न तापमान के इस्तेमाल से विलवणीकरण का उपयोग कर विलवणीकरण संयंत्र की स्थापना के लिए प्रौद्योगिकी का विकास करना भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके अलावा, भारत की महासागर संबंधी गतिविधियों को अब आर्कटिक से अंटार्कटिक क्षेत्र तक विस्तारित किया गया है, जिसमें बड़े समुद्री स्थान शामिल हैं, जिनकी निगरानी इन-सीटू और उपग्रह-आधारित अवलोकन के माध्यम से की गई है। भारत ने अंतर-सरकारी क्षेत्र में वैश्विक महासागर प्रेक्षण प्रणाली के हिंद महासागर घटक के कार्यान्वयन में नेतृत्व की भूमिका निभाई है।

हिंद महासागर में मूर्ड और ड्रिफ्टर्स दोनों प्रकार के प्रेक्षण नेटवर्कों के माध्यम से समुद्र विज्ञान आयोग को तैनात और अनुरक्षित किया गया है। ये प्रेक्षण नेटवर्क मछली पकड़ने के संभावित स्थान और प्राकृतिक तटीय जोखिम चेतावनी के लिए समुद्री पूर्वानुमान सेवाएं प्रदान करता है, जो पड़ोसी देशों के साथ-साथ कई देशों के हितधारकों के लिए चक्रवात और सुनामी से जुड़े तूफान की चेतावनी देता है। भारत और हिंद महासागर के देशों के लिए सेवाएं प्रदान करने के लिए आईएनसीओआईएस, हैदराबाद में सुनामी, तूफान की लहरों जैसी समुद्री आपदाओं के लिए एक अत्याधुनिक तत्काल चेतावनी प्रणाली स्थापित की गई हैं, जिसे यूनेस्को द्वारा मान्यता दी गई है। भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) और भारत के महाद्वीपीय शेल्फ में समुद्र के संसाधनों, महासागर से संबंधित चेतावनी सेवाओं, नेविगेशन आदि की पहचान के लिए राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए व्यापक सर्वेक्षण आयोजित किया जाता है। समुद्री जैव विविधता के संरक्षण और संरक्षण के उद्देश्य से ईईजेड और हिंद महासागर की गहराई वाले संसाधनों के मानचित्रण सहित समुद्री इको-सिस्टम में जीवित संसाधनों का मूल्यांकन शामिल है। मंत्रालय तटरेखा परिवर्तन और समुद्री इको-सिस्टम सहित भारत के तटवर्ती समुद्र के स्वास्थ्य की निगरानी भी कर रहा है।

ओ-स्मार्ट एक बहु-विषयक सतत योजना होने के कारण, मौजूदा व्यापक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास गतिविधियों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में राष्ट्र की क्षमता निर्माण में वृद्धि होगी। वर्तमान दशक को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा सतत विकास के लिए समुद्र विज्ञान के दशक के रूप में घोषित किया गया है और इस योजना को जारी रखने से वैश्विक समुद्र विज्ञान अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास में हमारा निश्चय मजबूत होगा। इस योजना के जारी रहने से विशाल महासागरीय संसाधनों के सतत तरीके से प्रभावी और कुशल उपयोग के लिए नीली अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय नीति में महत्वपूर्ण योगदान होगा। तटीय अनुसंधान और समुद्री जैव विविधता संबंधी गतिविधियों के माध्यम से महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य-14 को प्राप्त करने के प्रयासों को शामिल किया जा रहा है। समुद्री पर्यावरण में काम कर रहे समुदायों और कई क्षेत्रों को लाभान्वित करने वाली समुद्री चेतावनी सेवाओं और प्रौद्योगिकियों के माध्यम से राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है और विशेष रूप से भारत के तटीय राज्यों में इसे निरंतर जारी रखा जा रहा है।

अगले पांच वर्षों (2021-26) में समुद्री क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपयोग करके, विभिन्न तटीय हितधारकों के लिए पूर्वानुमान और चेतावनी सेवाएं प्रदान करके, समुद्री जीवन के लिए संरक्षण रणनीति की दिशा में जैव विविधता को समझने तथा तटीय प्रक्रिया को समझने की दिशा में चल रही गतिविधियों को मजबूत करने के लिए यह योजना व्यापक कवरेज प्रदान करेगी।


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम) को अगले पांच वर्षों के लिए जारी रखने की मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने शिक्षा मंत्रालय की राष्‍ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के तहत वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक (31 मार्च 2026 तक) की अवधि के लिए अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण प्राप्‍त करने वाले प्रशिक्षुकों को 3,054 करोड़ रुपये की वृत्तिका सहायता देने के लिए अपनी मंजूरी दी है।

उद्योग और वाणिज्यिक संगठनों द्वारा लगभग 9 लाख प्रशिक्षुकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। एनएटीएस भारत सरकार की एक सुस्थापित योजना है, जिसने सफलतापूर्वक अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण प्राप्‍त करने वाले छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाने में योगदान दिया है।

इंजीनियरिंग, मानविकी, विज्ञान और वाणिज्य में स्नातक और डिप्लोमा कार्यक्रम पूरा करने वाले प्रशिक्षुकों को क्रमशः 9,000/- रुपये और 8,000/- रुपये प्रति माह की वृत्तिका (स्टाइपेन्ड) दी जाएगी।

सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्‍यय को मंजूरी दी है, जो पिछले पांच वर्षों के दौरान किए गए व्यय से लगभग 4.5 गुना अधि‍क है। अप्रेंटिसशिप में यह बढ़ा हुआ व्‍यय राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा अप्रेंटिसशिप को दिए गए महत्‍व के अनुरूप है।

‘‘सबका साथ, सबका विकास-सबका विश्वास, सबका प्रयास’’ के बारे में सरकार द्वारा दिए जा रहे जोर को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरिंग स्ट्रीम के छात्रों के अलावा मानविकी, विज्ञान और वाणिज्य के छात्रों को भी इस योजना में शामिल करने के लिए एनएटीएस के दायरे का और विस्तार किया गया है। इस योजना का उद्देश्य कौशल इको-सिस्‍टम को मजबूत करते हुए कौशल स्तर के मानकों में बढ़ोतरी करना है, जिसके परिणामस्वरूप यह योजना अगले पांच वर्षों में लगभग 7 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्‍ध कराएगी।

एनएटीएस उत्‍पादन से जुड़े प्रोत्‍साहन (पीएलआई) के तहत मोबाइल विनिर्माण, चिकित्सा उपकरण विनिर्माण, फार्मा क्षेत्र, इलेक्ट्रॉनिक्स/प्रौद्योगिकी उत्पाद, ऑटोमोबाइल क्षेत्र जैसे उभरते क्षेत्रों में अप्रेंटिसशिप उपलब्‍ध कराएगी। यह योजना ‘गतिशक्ति’ के तहत पहचान किए गए कनेक्टिविटी/लॉजिस्टिक उद्योग क्षेत्रों के लिए कुशल मानवशक्ति भी तैयार करेगी

इंदौर में मानव तस्करी और देहव्यापार में गिरफ्तार बांग्लादेशी विजय कुमार दत्त ने 5 हजार से ज्यादा लड़कियों की खरीद फरोख्त करवाना कबूला attacknews.in

इंदौर 24 नवम्बर। मानव तस्करी और देहव्यापार के मामले में गिरफ्तार विजय कुमार दत्त ने पांच हजार से ज्यादा लड़कियों की खरीद फरोख्त और देहव्यापार करवाना कबूला है। 25 साल पूर्व बांग्लादेश से भारत आया विजय मुंबई के नाला सुपारा क्षेत्र की तंग बस्ती में रहता था। एसआइटी ने उसे बाणगंगा क्षेत्र की कालिंदी गोल्ड सिटी में रहने वाले उज्जवल ठाकुर के घर से साथी बबलू के साथ पकड़ा है।वह उज्जवल,बबलू और सैजल की मदद से इंदौर को देहव्यापार का हब बनाना चाहता था इंदौर से सूरत, राजस्थान,मुंबई सहित अन्य टूरिस्ट पैलेस पर लड़कियां सप्लाय की चेन तैयार करने के प्रयास में भी था।

आईजी हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक आरोपित विजय कुमार दत्त ने पूछताछ में स्वीकारा कि उसका मूल नाम कुछ और है अवैध तरिके से भारत आने के बाद वह मुंबई में ही बस गया था। फर्जी वोटर आईडी और आधार आइडी कार्ड बनवाने के उसने पासपोर्ट बनवाया और पत्नी से मिलने के बहाने बांग्लादेश जाना शुरु कर दिया।

तस्कर ने यह भी बताया कि वह बांग्लादेश की शबाना व बख्तियार के माध्यम से गरीब घरों कीकी लड़कियों नौकरी के बहाने भारत बुला कर देहव्यापार में धकेल देता था। उसने यह भी बताया कि बांग्लादेश से आने वाली लड़कियों को पहले तक उन्हें नाला सुपारा व अन्य जगहों पर छुपाता और खुद शारीरिक संबध बनाता।विजय करीब 10 युवतियों से शादी कर चुका है। जबकि 100 से ज्यादा प्रेमिकाएं है उनसे भी देहव्यापार करवा कर कमिशन खुद ही रखता है।

आरोपित ने यह भी बताया उसने इंदौर,धार,अलीराजपुर, झाबुआ,सूरत,अहमदाबाद,जयपुर,बैंगलुरु सहित विभिन्न शहरों के दलालों की चेन बना ली थी। आईजी के मुताबिक सैंकड़ों लड़कियां का पुलिस को हिसाब मिल चुका है जिन्हें विजय ने दलालों के माध्यम से विभिन्ना शहरों में भेजा है पुलिस को उसके ऐसे विडियों मिलें है जिसमें शराब की बोतल लिए लड़कियों के बीच में फिल्मी गानों पर नाच रहा है। पुलिस ने 4 युवतियों को भी हिरासत में लिया है जिसमें दो बांग्लादेशी बताई जा रही है।

मुंबई में दबिश देते ही इंदौर आ गया था तस्कर

विजयनगर थाना पुलिस ने विजय की तलाश में कईं बार छापे मारे लेकिन तंग बस्ती होने से पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। इस बार एनआइए द्वारा जानकारी मांगे जाने पर एसपी(पूर्वी) आशुतोष बागरी ने प्रोबेशनर आइपीएस मोती उर रहमान को जांच का जिम्मा सौंपा और एक टीम मुंबई भेजी। इस बार भी विजय पुलिस के हाथ से फिसल गया लेकिन भागकर इंदौर आ गया। एसपी ने एसआइटी को पीछे लगाया और मोबाइल लोकेशन के आधार पर कालिंदी गोल्ड से उज्जवल के घर से पकड़ लिया।

मंगलवार दोपहर टीआई तहजीब काजी और एसआई प्रियंका शर्मा ने उज्जवल के घर छापा मार कुछ दस्तावेज जब्त कर लिए। बरामद एक लड़की इसके पूर्व एमआइजी थाना द्वारा पकड़ी जा चुकी है। आरोपित ने बताया कि सूरज और मुंबई के बाद इंदौर को हब बनाने की कोशिश थी। इंदौर से फ्लाइट,बस और ट्रेन आसानी से मिलने के कारण लड़कियों की सप्लाय आसान हो जाती है। इसलिए वह सैजल,बबलू और उज्जवल के माध्यम से किराये का मकान लेकर मुख्य अड्डा बनाना चाहता था

धान के खेत और नाले पार करवा कर लांघी सीमा

विजयनगर थाना पुलिस के मुताबिक पिछले वर्ष अक्टूबर में एक युवती की शिकायत पर आरोपित जीवन,सैलज,प्रमोद बाबा,ज्योति,पलक,राहुल बाबा,बाबा,यास्मिन,आफरीन के खिलाफ केस दर्ज किया था। युवती ने पुलिस को बताया आरोपित शबाना और बख्तियार ने जौशुर(बांग्लादेश) से धान के खेतों और नालों को पार करवा कर भारतीय सीमा में धकेला और विजय के पास ले आए। शुरुआत में उसे तंग कपड़े पहनने पर मजबूर ममजबूर किया उसके बाद देहव्यापार की ओर धकेल किया। पीड़िता ने बताया कि आरोपित बांग्लादेश जाने की जीद करने पर गोली मारने की धमकी देते थे।

पशु क्रुरता के विरूद्ध जनजागरण आवश्यक निगम परिषद हॉल में हुई पशु निगरानी समिति की बैठक

उज्जैन 9 नवम्बर : नगर निगम परिषद हॉल में पशु निगरानी समिति की बैठक आयुक्त श्री अंशुल गुप्ता की उपस्थिति में समिति सदस्यों ने पशुओं पर होने वाली क्रुरता की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की।

बैठक में आयुक्त श्री अंशुल गुप्ता ने कहा कि पशु प्रेम, पशु सुरक्षा और पशुओं को क्रुरता से बचाने के लिए जन जागरण की आवश्यकता है। इसके लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाना चाहिए। पशु चिकित्सा के सिलसिले में चिकित्सकगण की अतिरिक्त सेवाएं ली जाना चाहिए।

बैठक में महंत श्री रामेश्वर गुरू द्वारा व्यक्त किया गया कि सड़कों पर घूमने वाले पशुओं को आवारा नहीं बल्कि असहाय कहना चाहिए और हर प्रकार के पशुओं के विरूद्ध होने वाली क्रूरता को रोका जाना चाहिए।

बैठक में डॉ. एम.एल. परमार, डॉ. मुकेश जैन, प्रति जैन, श्री बालकृष्ण दास, सुश्री कुनप्रिया देवताले, डॉ.गुंजन पारिक राना, श्रीमती प्रिंयका बुधोलिया, श्री खैलेन्द्र राठौर एवं डॉ. अमृता सोनी ने अपने विचार रखे ।

निगम की ओर से आयुक्त के अतिरिक्त अपर आयुक्त श्री मनोज पाठक, श्री राधेश्याम मण्डलोई, उपायुक्त श्री संजेश गुप्ता, स्वास्थ्य अधिकारी श्री संजय कुलश्रेष्ठ ने निगम की कार्ययोजना और किये जाने वाले कार्यो पर प्रकाश डाला।

योगी आदित्यनाथ की चेतावनी:तालिबान का समर्थन करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा,दंगा भड़काने का प्रयास करेगा तो उसकी आने वाली कई पीढ़ियां भूल जाएंगी कि दंगा कैसे होता है attacknews.in

कैराना (शामली), आठ नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि ‘‘तालिबानी मानसिकता’’ कतई स्वीकार नहीं होनी चाहिये और आगाह किया कि राज्य में तालिबान का समर्थन करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।

दंगों को राजनीतिक नहीं बल्कि देश की अस्मिता से जुड़़ा मुद्दा बताते हुए योगी ने कहा, ‘‘अगर कोई हमारी अस्मिता को ठेस पहुंचाने, दंगा भड़काने का प्रयास करेगा तो उसकी आने वाली कई पीढ़ियां भूल जाएंगी कि दंगा कैसे होता है।’

योगी ने शामली में 425 करोड़ रुपए की लागत से बनी विभिन्न विकास परियोजना का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘जो लोग अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर नहीं चाहते थे, जो लोग कश्मीर में अनुच्देद 370 को समाप्त करने का विरोध करते थे। यह लोग कब खुश होते हैं… जब मुजफ्फरनगर में दंगा होता है, जब कैराना से पलायन होता है और जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन होता है। तब उनके नारे लगते हैं लेकिन हम तालिबानीकरण कतई स्वीकार नहीं होने देंगे।’

उन्होंने कोई संदर्भ दिये बगैर कहा, ‘उत्तर प्रदेश की धरती पर जो भी तालिबान का समर्थन करेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा। तालिबानी मानसिकता नहीं स्वीकार होनी चाहिए। यह समाज को मध्य युग में ले जाने की चेष्टा है।…जो लोग केवल और केवल एक मजहबी जुनून के साथ जीते हैं, वे इन तालिबानी कृत्यों का समर्थन कर रहे हैं। इसे उत्तर प्रदेश की धरती पर कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।’

मुजफ्फरनगर दंगा और कैराना से पलायन के संदर्भ में योगी ने कहा, ‘हमारे लिए यह राजनीति का नहीं बल्कि प्रदेश और देश की आन, बान और शान पर आने वाली आंच और अस्मिता का मुद्दा है। अगर कोई हमारी अस्मिता को ठेस पहुंचाने का प्रयास करेगा, दंगा भड़काने का प्रयास करेगा तो उसकी आने वाली कई पीढ़ियां भूल जाएंगी कि दंगा कैसे होता है।’

योगी ने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘पहले यहां के नौजवानों को झूठे मुकदमों में फंसा कर उनकी जिंदगी तबाह करने का काम होता था। हमारे वरिष्ठ नेताओं हुकुम सिंह, संजीव बालियान और सुरेश राणा के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाते थे। उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। महीनों जेल में डाला जाता था। दंगाइयों को मुख्यमंत्री के आवास पर बुलाकर सम्मानित किया जाता था।’

मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘हमने सत्ता में आने के बाद अपराध और अपराधियों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनायी है और कभी कैराना से व्यापारियों और नागरिकों को पलायन पर मजबूर करने वाले अपराधी अब खुद भागने को मजबूर हैं। अगर किसी ने व्यापारी या निर्दोष व्यक्ति को गोली मारने की कोशिश की तो, उस गोली ने उसके सीने को चीरा और उसे परलोक पहुंचा दिया।’’

सपा पर निशाना साधते हुए योगी ने आरोप लगाया, ‘जिन लोगों के लिए वोट बैंक सर्वोपरि है, वे मुजफ्फरनगर के दंगाइयों और कैराना के आतताइयों को सम्मानित करते थे। मुजफ्फरनगर में दो निर्दोष नौजवान मारे गए, निर्दोष हिंदुओं के घर जलाए जा रहे थे, तब जातिवाद की राजनीति करने वालों को नजर नहीं आ रहा था।’’

उन्होंने कांग्रेस और सपा के नेताओं का नाम लिये बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘कहा गया है धर्म चक्र परिवर्तनाय। यह धर्म चक्र है जिसे (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी ने ऐसा घुमा दिया है कि जो लोग कल तक मंदिर जाने में संकोच करते थे, आज उनका टीका तिलक इतना बड़ा लगा होता है जैसे वे ही सबसे बड़े हिंदू हैं।’

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 250 करोड़ रुपये की लागत से गठित होने वाली पीएसी बटालियन की आधारशिला रखी। इस बटालियन में 1278 जवान रहेंगे।

समाजवादी पार्टी ने डा अम्बेडकर और संत रविदास का अपमान किया;मायावती ने सपा पर दलित और पिछड़े वर्ग के संतों और महापुरुषों का तिरस्कार करने के लगाए आरोप attacknews.in

लखनऊ, आठ नवंबर । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर शुरू से ही दलित और पिछड़े वर्ग के संतों और महापुरुषों का तिरस्कार करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि ऐसे में सपा से इन विभूतियों के अनुयायियों के प्रति आदर की उम्मीद करना बेमानी है।

मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में आरोप लगाया, ‘सपा शुरू से ही दलितों तथा पिछड़े वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं एवं महापुरुषों का तिरस्कार करती रही है, जिसका खास उदाहरण फैजाबाद जिले में से बनाया गया नया आम्बेडकर नगर जिला है। भदोही को नया जिला संत रविदास नगर बनाने का भी इन्होंने (सपा ने) विरोध किया तथा इसका नाम तक भी सपा सरकार ने बदल दिया।’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के अनेक संस्थानों व योजनाओं आदि के नाम जातिवादी द्वेष के कारण बदल दिए गये। ऐसे में सपा से उनकी व उनके मानने वालों के प्रति आदर-सम्मान एवं सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है? चाहे अब यह पार्टी इनके वोट की खातिर कितनी भी नाटकबाजी क्यों ना कर ले।

CBSE की परीक्षा में पंजाबी भाषा के बारे में झूठ बोलकर फंसे चरणजीत सिंह चन्नी,अधिकारी ने स्पष्ट किया;क्षेत्रीय भाषाओं को 10वीं, 12वीं कक्षा की टर्म-1 परीक्षा में लघु विषय श्रेणी में रखा गया attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि 10वीं और 12वीं कक्षा की टर्म-1 परीक्षा के लघु विषयों की श्रेणी में सभी क्षेत्रीय विषयों को रखा गया है।

सीबीएसई की ओर से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्य विषयों से पंजाबी को बाहर रखने पर आपत्ति व्यक्त की है ।

चन्नी ने ट्वीट किया था, ‘‘मैं पंजाबी को मुख्य विषयों से बाहर रखने के सीबीएसई के तानाशाही निर्णय का विरोध करता हूं । यह संविधान की संघीय भावना के खिलाफ है और पंजाबी युवकों को अपनी मातृभाषा में सीखने के अधिकार का उल्लंघन है। मैं पंजाबी को पक्षपातपूर्ण ढंग से बाहर रखने की निंदा करता हूं । ’’

पंजाब के मुख्यमंत्री की आपत्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ यह सभी को पता है कि सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा की टर्म-1 परीक्षा के तहत मुख्य विषयों की तिथियों की घोषणा की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट किया जाता है कि विषयों का वर्गीकरण प्रशासनिक आधार पर किया गया है जिसका मकसद विषयों में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर टर्म-1 परीक्षा का आयोजन करना है और यह किसी भी रूप में मुख्य या लघु विषयों के महत्व से इसका कोई लेनाा-देना नहीं है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘ अकादमिक दृष्टिकोण से सभी विषय समान रूप से महत्वपूर्ण है । पंजाबी क्षेत्रीय भाषा के तहत पेश की जाने वाली एक भाषा है। सभी क्षेत्रीय भाषाओं को लघु विषयों की श्रेणी के तहत प्रशासनिक सुविधा के उद्देश्य से रखा गया है जो परीक्षा आयोजित से जुड़ी व्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिये है। ’’

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सोमवार को घोषणा की थी कि कक्षा 10वीं के लिए पहले टर्म की बोर्ड परीक्षा 30 नवंबर से शुरू होगी, जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षा एक दिसंबर से शुरू होगी।

इसके बाद, सीबीएसई ने कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के पहले टर्म के लघु (माइनर) विषयों के लिए तारीखों (डेटशीट) की घोषणा की।

दसवीं कक्षा के लिए लघु विषयों की परीक्षा 17 नवंबर से सात दिसंबर के बीच होगी जबकि 12वीं कक्षा के लिए 16 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच परीक्षा होगी।

सीबीएसई ने घोषणा की थी कि कक्षा 10वीं के लिए पहले टर्म की बोर्ड परीक्षा 30 नवंबर से शुरू होगी, जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षा एक दिसंबर से शुरू होगी।

शैक्षणिक सत्र को विभाजित करना, दो टर्म वाली परीक्षा आयोजित करना और पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाना 2021-22 के लिए दसवीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए विशेष मूल्यांकन योजना का हिस्सा था, जिसे जुलाई में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर घोषित किया गया था।

राष्ट्र के नाम संबोधन में नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 रोधी 1अरब टीकाकरण उपलब्धि पर कहा:भारत का टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान- जनित,विज्ञान-संचालित और विज्ञान -आधारित’’ attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या 100 करोड़ के पार पहुंचने की उपलब्धि की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’’ है, साथ ही इसमें कोई ‘‘वीआईपी-संस्कृति’’ भी नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए लोगों से आगामी त्यौहारों के दौरान भी कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने और किसी तरह की लापरवाही न करने की अपील की।

मोदी ने कहा, ‘‘ यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारा टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’’ है ।’’

उन्होंने कहा कि भारत का पूरा टीकाकरण कार्यक्रम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि सभी को साथ लेकर, देश ने ‘‘सबको टीका, मुफ्त टीका’’ अभियान की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का केवल एक मंत्र है, कि अगर बीमारी कोई भेदभाव नहीं करती, तो टीकाकरण में भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा , ‘‘ इसलिए यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी प्रकार की वीआईपी संस्कृति को अनुमति ना दी जाए।’’

गौरतलब है कि देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या बृहस्पतिवार को 100 करोड़ के पार पहुंच गई थी।

मुस्लिम निकाह एक अनुबंध है जिसके कई अर्थ हैं और यह हिंदू विवाह की तरह संस्कार नहीं है: कर्नाटक उच्च न्यायालय का फैसला- मुस्लिम पूर्व पत्नी को गुजारा भत्ता लेने का अधिकार है attacknews.in

बेंगलुरु, 20 अक्टूबर । कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि मुस्लिम निकाह एक अनुबंध है, जिसके कई अर्थ हैं, यह हिंदू विवाह की तरह कोई संस्कार नहीं और इसके विघटन से उत्पन्न कुछ अधिकारों एवं दायित्वों से पीछे नहीं हटा जा सकता।

यह मामला बेंगलुरु के भुवनेश्वरी नगर में एजाजुर रहमान (52) की एक याचिका से संबंधित है, जिसमें 12 अगस्त, 2011 को बेंगलुरु में एक पारिवारिक अदालत के प्रथम अतिरिक्त प्रिंसिपल न्यायाधीश का आदेश रद्द करने का अनुरोध किया गया था। रहमान ने अपनी पत्नी सायरा बानो को पांच हजार रुपए के ‘मेहर’ के साथ विवाह करने के कुछ महीने बाद ही ‘तलाक’ शब्द कहकर 25 नवंबर, 1991 को तलाक दे दिया था।

इस तलाक के बाद रहमान ने दूसरी शादी की, जिससे वह एक बच्चे का पिता बन गया। बानो ने इसके बाद गुजारा भत्ता लेने के लिए 24 अगस्त, 2002 में एक दीवानी मुकदमा दाखिल किया था।

पारिवारिक अदालत ने आदेश दिया था कि वादी वाद की तारीख से अपनी मृत्यु तक या अपना पुनर्विवाह होने तक या प्रतिवादी की मृत्यु तक 3,000 रुपये की दर से मासिक गुजारा भत्ते की हकदार है।

न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित ने 25,000 रुपए के जुर्माने के साथ याचिका खारिज करते हुए सात अक्टूबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘निकाह एक अनुबंध है जिसके कई अर्थ हैं, यह हिंदू विवाह की तरह एक संस्कार नहीं है। यह बात सत्य है।’’

न्यायमूर्ति दीक्षित ने विस्तार से कहा कि मुस्लिम निकाह कोई संस्कार नहीं है और यह इसके समाप्त होने के बाद पैदा हुए कुछ दायित्वों एवं अधिकारों से भाग नहीं सकता।

पीठ ने कहा, ‘‘तलाक के जरिए विवाह बंधन टूट जाने के बाद भी दरअसल पक्षकारों के सभी दायित्वों एवं कर्तव्य पूरी तरह समाप्त नहीं होते हैं।’’

उसने कहा कि मुसलमानों में एक अनुबंध के साथ निकाह होता है और यह अंतत: वह स्थिति प्राप्त कर लेता है, जो आमतौर पर अन्य समुदायों में होती है।

अदालत ने कहा, ‘‘यही स्थिति कुछ न्यायोचित दायित्वों को जन्म देती है। वे अनुबंध से पैदा हुए दायित्व हैं।’’

अदालत ने कहा कि कानून के तहत नए दायित्व भी उत्पन्न हो सकते हैं। उनमें से एक दायित्व व्यक्ति का अपनी पूर्व पत्नी को गुजारा भत्ता देने का परिस्थितिजन्य कर्तव्य है जो तलाक के कारण अपना भरण-पोषण करने में अक्षम हो गई है।

न्यायमूर्ति दीक्षित ने कुरान में सूरह अल बकराह की आयतों का हवाला देते हुए कहा कि अपनी बेसहारा पूर्व पत्नी को गुजारा-भत्ता देना एक सच्चे मुसलमान का नैतिक और धार्मिक कर्तव्य है।

अदालत ने कहा कि एक मुस्लिम पूर्व पत्नी को कुछ शर्तें पूरी करने की स्थिति में गुजारा भत्ता लेने का अधिकार है और यह निर्विवाद है।

न्यायमूर्ति दीक्षित ने कहा कि ‘मेहर’ अपर्याप्त रूप से तय किया गया है और वधु पक्ष के पास सौदेबाजी की समान शक्ति नहीं होती।