‘अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज’ द्वारा फरवरी 2022 में होने वाले ऑस्कर पुरस्कारों को एक महीने के लिए टाला गया attacknews.in

 

लॉस एंजिलिस, 28 मई । ऑस्कर पुरस्कारों का आयोजन करने वाले ‘अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज’ (एएमपीएएस) ने 2022 में होने वाले समारोह को एक महीने के लिए टालने का फैसला किया है।

एएमपीएएस ने एक बयान में कहा कि यह पुरस्कार समारोह पहले 27 फरवरी को होना था और अब यह 27 मार्च 2022 को आयोजित किया जाएगा।

हालांकि, अकेडमी पुरस्कारों के लिए पात्रता 31 दिसंबर तक की ही रहेगी।

पिछले समारोह में अकेडमी ने कोविड-19 महामारी के कारण पात्रता में बदलाव करते हुए इसे 28 फरवरी 2021 तक के लिए बढ़ा दिया था।

अब एक बार फिर उन फिल्मों को पुरस्कारों की दौड़ में शामिल होने का मौका मिलेगा जिन्हें थिएटरों में रिलीज किया जाना था लेकिन इसके बजाय उन्हें ऑनलाइन रिलीज किया गया।

केंद्र सरकार मध्याह्न-भोजन के बदले सभी पात्र 11.8 करोड़ छात्रों को नगद सहायता राशि देंगी; देश भर के 11.20 लाख स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चे होंगे लाभान्वित attacknews.in

नईदिल्ली 28 मई । केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एक विशेष कल्याण उपाय के तौर पर मध्याह्न-भोजन योजना सभी पात्र बच्चों के लिए खाना पकाने की लागत घटक के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से 11.8 करोड़ छात्रों (118 मिलियन छात्रों) को मौद्रिक सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे मध्याह्न भोजन कार्यक्रम को गति मिलेगी।

यह भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम की दर से निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की घोषणा के अतिरिक्त है।

यह निर्णय बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और इस चुनौतीपूर्ण महामारी के समय में उनकी प्रतिरक्षा को बनाए रखने में मदद करेगा।

केंद्र सरकार इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को लगभग 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगी। केंद्र सरकार के इस एक बार के विशेष कल्याणकारी उपाय से देश भर के 11.20 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लगभग 11.8 करोड़ बच्चे लाभान्वित होंगे।

जीएसटी परिषद की बैठक शुरू, कोविड से जुड़े सामान दवाइयों, टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर की कर दरों, राज्यों को क्षतिपूर्ति पर लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मई । जीएसटी परिषद की बैठक शुक्रवार को शुरू हुई, जिसमें कोविड से जुड़ी सामग्री मसलन दवाइयों, टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर कर की दर को कम करने पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के तौर-तरीकों पर भी चर्चा होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली परिषद की 43वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हो रही है। करीब आठ महीने में यह परिषद की बैठक पहली बैठक है।

बैठक से पहले गैर-भाजपा शासित राज्यों मसलन राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, केरल और पश्चिम बंगाल ने कोविड से जुड़ी आवश्यक सामग्रियों पर शून्य कर की दर के लिए दबाव बनाने की संयुक्त रणनीति तैयार की है।

जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

कर की दरों पर विचार विमर्श के अलावा परिषद में राज्यों को अनुमानत: 2.69 लाख करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने पर भी चर्चा होगी। वर्ष 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को वैट और अन्य कर लगाने के उनके अधिकार को छोड़ने पर राजी करते हुये उनके राजस्व नुकसान की भरपाई का वादा किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि जीएसटी दरों पर फिटमेंट समिति ने परिषद को कोविड टीके, दवाओं और अन्य उपकरणों पर कर की दर को शून्य करने के गुण-दोष पर रिपोर्ट सौंप दी है। इस समिति में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं।

यदि अंतिम उत्पाद को जीएसटी से छूट दी जाती है तो विनिर्माताओं के पास कच्चे माल पर इनपुट कर क्रेडिट के लाभ का दावा करने का विकल्प नहीं बचेगा। ऐसे में उपभोक्ताओं को कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा। वर्ष 2018 में परिषद ने कई महिला संगठनों की मांग पर सेनेटरी नैपकिंस को जीएसटी मुक्त किया था। इस पर 12 प्रतिशत की दर से यह कर लगता था। लेकिन जीएसटी मुक्त किये जाने के बाद उपभोक्ताओं को कोई खास लाभ नहीं मिला क्योंकि विनिर्माताओं को आपूर्ति श्रृंखला में लगने वाले कर की वापसी का लाभ नहीं मिला।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस माह के शुरू में कोविड संबंधी टीकों, दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर को जीएसटी से छूट दिये जाने की मांग को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इस तरह की छूट दिये जाने से उपभोक्ताओं के लिये ये जीवनरक्षक सामग्री महंगी हो जायेगी क्योंकि इसके विनिर्माताओं को कच्चे माल पर दिये गये कर का लाभ नहीं मिल पायेगा।

वर्तमान में टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक तौर पर आयात पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है जबकि कोविड दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।

जहां तक राज्यों के राजस्व क्षतिपूर्ति की बात है केन्द्र ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इस मद में 2.69 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान लगाया है। केन्द्र को विलासिता, अहितकर और तंबाकू उत्पादों पर लागू उपकर से 1.11 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है जबकि शेष 1.58 लाख करोड़ रुपये उधार से जुटाने होंगे।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘‘ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच मजबूत साझेदारी की समीक्षा बैठक की attacknews.in

वाशिंगटन, 28 मई । अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘‘ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच मजबूत साझेदारी की समीक्षा करने के लिए’’ बृहस्पतिवार को मुलाकात की।

जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद किसी भारतीय कैबिनेट मंत्री की अमेरिका की यह पहली यात्रा है।

वहीं, जयशंकर ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘ एनएसए जेक सुलीवन से मिलकर प्रसन्नता हुई। हिंद-प्रशांत और अफगानिस्तान सहित कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। कोविड से निपटने के लिए अमेरिका द्वारा दिखाई गई एकजुटता की सराहना की। टीके को लेकर भारत-अमेरिका की साझेदारी बड़ा बदलाव ला सकती है।’’

बैठक के बाद सुलीवन ने ट्वीट किया, ‘‘दोनों देशों के लोगों का एकदूसरे से सम्पर्क और हमारे मूल्य अमेरिका-भारत साझेदारी की नींव हैं और यह साझेदारी वैश्विक महामारी का खात्मा करने, जलवायु संबंधी मामले का नेतृत्व करने और स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत का समर्थन करने के लिए हमारी मदद करेगी।’’

अमेरिका सरकार और अमेरिकी जनता ने भारत को कोविड-19 संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए अभी तक 50 करोड़ डॉलर से अधिक की मदद की है।

सुलीवन ने ट्वीट किया, ‘‘ हम वैश्विक महामारी का खात्मा एकसाथ मिलकर करेंगे।’’

व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली होर्न ने बताया कि बैठक के दौरान सुलीवन और जयशंकर ने हाल के हफ्तों में किए गए सहयोग का स्वागत किया, जिसके तहत अमेरिका की संघीय सरकार और राज्य सरकारों, अमेरिकी कम्पनियों और अमेरिकी नागरिकों ने भारत के लोगों को कोविड-19 संबंधी राहत पहुंचाने के लिए 50 करोड़ डॉलर से अधिक की मदद की।

उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की और इस बात पर सहमत हुए अमेरिका और भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए।’’

होर्न ने कहा, ‘‘ वे इस बात पर भी सहमत हुए कि लोगों का लोगों से सम्पर्क और साझा मूल्य अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी की नींव है जो वैश्विक महामारी का खात्मा करने, स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत का समर्थन करने और जलवायु संबंधी चुनौतियों को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने में मदद कर रही है। ’’

भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य युद्धाभ्यास और आक्रामकता की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, मुक्त और सम्पन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं।

चीनी सेना बीजिंग के प्रभाव को बढ़ाने के लिए रणनीतिक महत्व के हिंद महासागर क्षेत्र पर भी सक्रिय रूप से नजर गड़ाए हुए है।

जयशंकर शुक्रवार को अमेरिकी समकक्ष टोनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से भी मुलाकात करेंगे।

यशंकर ने बृहस्पतिवार को कोविड-19 टीकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मसलों पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई के सकारात्मक रुख और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के लिए उनके समर्थन का स्वागत किया।

बैठक के बाद एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘आईपीआर मसलों पर सकारात्मक रुख और कुशल तथा मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए उनके समर्थन का स्वागत किया।’’

ताई ने इस महीने की शुरुआत में विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श के बाद विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में कोविड-19 टीकों के कुछ आईपी पहलुओं को खत्म करने के भारत और दक्षिण अफ्रीका के कदम को समर्थन देने की घोषणा की थी।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी रणनीतिक साझेदारी के मूल में व्यापार, प्रौद्योगिकी और कारोबारी सहयोग है। कोविड महामारी के बाद आर्थिक सुधार के लिए इन्हें बढ़ाना महत्वपूर्ण है।’’

नेपाल के चीफ जस्टिस ने राष्ट्रपति द्वारा संसद के निचले सदन को भंग करने के खिलाफ दायर 30 याचिकाओं की सुनवाई के लिए किया संविधान पीठ का गठन attacknews.in

काठमांडू, 28 मई । नेपाल के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा ने राष्ट्रपति द्वारा प्रतिनिधि सभा भंग करने के खिलाफ दायर 30 रिट याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ के गठन के लिए उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों को चुना है। मीडिया में शुक्रवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई।

संवैधानिक मामलों संबंधी विवाद को निपटाने के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का प्रावधान है।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सलाह पर संसद के निचले सदन को भंग करने की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के 22 मई के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में करीब 30 याचिकाएं दर्ज की गई हैं।

काठमांडू पोस्ट की खबर के मुताबिक नव गठित पीठ में न्यायमूर्ति दीपक कुमार कार्की, आनंद मोहन भट्टाराई, तेज बहादुर केसी और बाम कुमार श्रेष्ठ के अलावा प्रधान न्यायाधीश शामिल होंगे।

उच्चतम न्यायालय के संचार विशेषज्ञ किशोर पोडेल ने अखबार को बताया, “प्रधान न्यायाधीश राणा ने वरिष्ठतम न्यायाधीशों को शामिल कर पीठ का गठन किया है।”

उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश के अलावा वर्तमान में 13 वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।

ऐसी 19 याचिकाओं पर शुरुआती सुनवाई प्रधान न्यायाधीश राणा नीत पीठ ने बृहस्पतिवार को की थी। एकल पीठ ने इसपर आगे की सुनवाई के लिए दायर रिट याचिकाओं को संविधान पीठ को भेज दिया है।

कुछ याचिकाकर्ताओं ने सदन भंग करने और राष्ट्रीय बजट प्रस्तुत करने के लिए सदन की बैठक बुलाए जाने के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने की मांग की है। राणा ने इससे इनकार कर दिया।

संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक, सरकार को 29 मई तक संघीय बजट प्रस्तुत करना ही होगा।

चूंकि कोई संसद है नहीं इसलिए सरकार अध्यादेश के जरिए बजट लाने की योजना बना रही है।

राष्ट्रपति भंडारी ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा को पांच महीनों में दूसरी बार शनिवार को भंग कर दिया और प्रधानमंत्री ओली की सलाह पर 12 नवंबर और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की है।

नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में चक्रवात ‘यास’ से ओडिशा के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की, ओडिशा ने चक्रवातों की समस्या से निजात का मांगा दीर्घकालिक समाधान attacknews.in

भुवनेश्वर, 28 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचे और यहां एक बैठक में चक्रवात ‘यास’ से ओडिशा के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की। इस दौरान ओडिशा सरकार ने बार-बार आने वाली चक्रवात की समस्या से निजात के लिए दीर्घकालिक समाधानों और आपदा अनुकूल शक्ति तंत्र के प्रावधानों पर जोर दिया।

समीक्षा बैठक के बाद ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन में हुए खर्च के लिए कोई तत्काल राहत कोष की मांग नहीं की बल्कि दीर्घकालिक समाधानों पर जोर दिया क्योंकि ओडिशा को आए दिन चक्रवातीय तूफानों का सामना करना पड़ता है।

बैठक में प्रधानमंत्री और ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

इसके बाद प्रधानमंत्री बालासोर और भद्रक के प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकल गए। प्रधानमंत्री हवाई मार्ग से ही पश्चिम बंगाल पहुंचे।

इससे पहले, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

जेना ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने एक आपदा अनुकूल शक्ति संसाधन और चक्रवातों से तटीय क्षेत्रों को बचाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में 480 किलोमीटर लंबा तटीय क्षेत्र है जिसमें 200 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र ज्वार की दृष्टि से संवेदनशील हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तत्काल किसी आर्थिक सहायता की मांग नहीं की है और वह अपने संसाधनों से व्यवस्था कर लेगा।

उन्होंने कहा कि चक्रवात से हुए नुकासान का अगले सात दिनों में आकलन किया जाएगा और उसके बाद केंद्रीय मदद की मांग की जाएगी।

इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ओडिशा के साथ खड़ी है। राज्य सरकार ने कोई तत्काल मदद की मांग नहीं की है लेकिन स्थायी समाधान पर जोर दिया है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फिलहाल हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लेंगे और शाम को राहत पैकेज की घोषणा करेंगे।

बैठक के आरंभ में प्रधानमंत्री का राज्य में स्वागत किया गया और इसके बाद चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में एक वीडियो फिल्म और डिजिटल प्रस्तुति के जरिए उन्हें अवगत कराया गया।

जेना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र व राज्य की सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने तटीय इलाकों में कटाव की समस्या का जिक्र किया और तूफान से आए दिन होने वाले नुकसानों की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट कराया।

ज्ञात हो कि चक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गयी जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।

पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है।

प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और वहां भी एक समीक्षा बैठक करेंगे।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों, टीएमसी विधायक और शहर के पूर्व महापौर को अंतरिम जमानत दी attacknews.in

कोलकाता, 28 मई । कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों – सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हाकिम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और शहर के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी।

उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इन सभी को अंतरिम जमानत देते हुये कई शर्तें लगायीं हैं। पीठ ने चारों आरोपी नेताओं को दो-दो लाख रुपये का निजी मुचलका जमा कराने का निर्देश दिया है। ये सभी नजरबंद हैं।

पीठ ने उनसे मामले के संबंध में मीडिया में या सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी न करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने आरोपियों को निर्देश दिया है कि जांच अधिकारियों द्वारा बुलाये जाने पर वे डिजिटल माध्यम से उनसे मुलाकात करें।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2017 के आदेश पर नारद स्टिंग टेप मामले की जांच कर रही सीबीआई ने चारों नेताओं को 17 मई की सुबह को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को 17 मई को अंतरिम जमानत दी थी लेकिन उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंड पीठ ने बाद में फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इन नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

पांच न्यायाधीशों की पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश जिंदल और न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सोमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी शामिल थे।

दिल्ली हाईकोर्ट से ट्विटर को आईटी नियमों का पालन करने, शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देने का अनुरोध attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मई । दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में शुक्रवार को कहा गया है कि ट्विटर ने शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी नियुक्त करने संबंधी केंद्र के आईटी कानून के नियम का पालन नहीं किया है। इसमें अनुरोध किया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को इस नियम का अविलंब पालन करने का निर्देश दिया जाए।

अधिवक्ता अमित आचार्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून 25 फरवरी को प्रभाव में आए तथा केंद्र ने ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया मंचों को इनका पालन करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था।

याचिका में कहा गया कि यह अवधि 25 मई को समाप्त हो गई लेकिन ट्विटर ने इस मंच पर ट्वीट से जुड़ी शिकायतों को देखने के लिए आज तक शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी की नियुक्ति नहीं।

आचार्य ने याचिका में कहा कि जब उन्होंने कुछ ट्वीट के बारे में शिकायत दर्ज करवाने का प्रयास किया तब उन्हें सरकारी नियमों का कथित अनुपालन नहीं किए जाने के बारे में पता चला।

याचिका में मांग की गई है कि ट्विटर को शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी की अविलंब नियुक्ति करने का निर्देश दिया जाए। इसमें केंद्र को भी निर्देश देने की मांग की गई कि वह आईटी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करे।

ट्विटर ने हाल में नए आईटी नियमों की आलोचना की थी और कहा था कि ये नियम ‘‘मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं।’’

इस पर प्रतिक्रिया में केंद्र ने कहा था कि ट्विटर भारत को बदनाम करने के लिए निराधार और झूठे आरोप लगा रहा है।

राहुल गांधी ने कहा:सच्चाई यह है कि सरकार और नरेन्द्र मोदी को कोरोना की समझ नहीं और आज तक समझ नहीं आई ,कोरोना को के तीन-चार तरीके हैं,इनमें से लॉकडाउन एक हथियार है attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मई । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की कथित तौर पर धीमी गति होने को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से ‘नौटंकी’ की और अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, उस कारण कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर ‘झूठ बोलने’ के बजाय सच्चाई देश को बतानी चाहिए तथा विपक्ष के सुझावों को सुनना चाहिए क्योंकि विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है।

राहुल गांधी ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोरोना संकट को लेकर हमने सरकार को एक के बाद एक सलाह दी, लेकिन सरकार ने हमारा मजाक बनाया। प्रधानमंत्री ने समय से पहले यह घोषित कर दिया कि कोरोना को हरा दिया गया है। सच्चाई यह है कि सरकार और प्रधानमंत्री को कोरोना की समझ नहीं है और आज तक समझ नहीं आई है।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘कोरोना एक बदलता हुआ वायरस है। इस वायरस को जितना समय आप देंगे, जितनी जगह देंगे यह उतना ही खतरनाक बनता जाएगा। मैंने पिछले साल कहा था कि कोरोना को समय और जगह मत दीजिए।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कोरोना को रोकने के तीन-चार तरीके हैं। इनमें से एक तरीका टीकाकरण है। लॉकडाउन एक हथियार है, लेकिन यह अस्थायी समाधान है। सामाजिक दूरी और मास्क भी अस्थायी समाधान है। टीका स्थायी समाधान है। अगर आप तेजी से टीका नहीं लगाते हैं तो वायरस बढ़ता जाएगा।’’

उन्होंने कहा , ‘‘कुछ ही समय पहले मैंने देखा कि विदेश मंत्री ने कहा कि हम ‘टीका कूटनीति’ कर रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आज स्थिति क्या है? देश के सिर्फ तीन फीसदी लोगों को टीका लगाया गया। यानी 97 फीसदी लोगों को कोरोना पकड़ सकता है। इस सरकार ने कोरोना के लिए दरवाजा खुला छोड़ रखा है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अमेरिका ने अपनी आधी आबादी को टीका लगा दिया। ब्राजील जैसे देश ने आठ-नौ फीसदी लोगों को टीका लगा दिया। हम टीका बनाते हैं, लेकिन हमारे यहां सिर्फ तीन फीसदी लोगों को टीका लगा है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दूसरी लहर प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने जो नौटंकी की, अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की, उसका कारण दूसरी लहर है।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगाह किया कि अगर मौजूदा गति से टीकाकरण हुआ तो और भी लहर आएगी क्योंकि वायरस का स्वरूप बदलता जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस मृत्यु दर की बात की जा रही है वो झूठ है। यह झूठ सरकार फैला रही है। यह राजनीतिक मामला नहीं है, यह देश के भविष्य और देश के लोगों की जान बचाने का मामला है। विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है। विपक्ष उनको रास्ता दिखा रहा है।’

राहुल गांधी ने देश और जनता का अपमान किया: भाजपा

इधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार करते हुए कहा है कि श्री गांधी ने देश और जनता का अपमान किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को यहाँ संवाददाता सम्मेलन में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी देश की जनता के साथ मिलकर कोविड का सामना कर रहे हैं, तब श्री गांधी ऐसे प्रयासों के लिए ‘नौटंकी’ शब्द का उपयोग करते हैं। यह देश और जनता का अपमान है। हम ‘नौटंकी’ जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे क्योंकि उनकी नौटंकी जनता ने कब की बंद कर दी है।”

उन्होंने कहा, “पहले तो कांग्रेस को वैक्सीन पर भरोसा नहीं था, कांग्रेस ने टीके को लेकर आशंकाये व्यक्त की। यहां तक कि कांग्रेस के एक नेता ने इसे ‘मोदी वैक्सीन’ कहा था। कोवैक्सीन को लेकर श्री गांधी ने भ्रम फैलाया। श्री गांधी कहते हैं कि 2024 तक सभी को वैक्सीन लगेगी, हम कहते हैं इस वर्ष के अंत तक सभी को टीका लग जाएगा।”

श्री जावड़ेकर ने कहा कि श्री गांधी को वैक्सीन की चिंता है तो पहले अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों पर ध्यान दें। राजस्थान में आए दिन बलात्कार हो रहे हैं। हाल ही में एक एंबुलेंस का इस्तेमाल दुष्कर्म करने के लिए किया गया। एक महिला सांसद पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। श्री गांधी को देश को उपदेश देने की बजाए अपने शासित राज्य पर ध्यान देना चाहिए।

गंगा किनारे दफन मिले सैकड़ों शव पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी, कहा- ये परंपरा, हिंदुओं के अंतिम संस्कार पर सवाल निंदनीय attacknews.in

प्रयागराज, 28 मई ।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने गंगा घाट के किनारे भू-समाधि किए गए शवों पर प्रश्नचिह्न लगाने और सरकार की आलोचना करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदुओं के अंतिम संस्कार पर सवाल खड़ा करना निंदनीय है।

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि हिंदुओं में पार्थिव शरीर को जलाने के साथ भू-समाधि देने और जल में प्रवाहित करने की परंपरा है और यह सृष्टि निर्माण काल से चली आ रही है। गंगा के घाट के पास पार्थिव शरीर हमेशा दफनाएं जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी और सूबे में योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्ववादी सरकार सत्तारूढ़ है। इससे सनातन धर्म विरोधी ताकतें बौखला गई हैं।

परिषद अध्यक्ष ने कहा कि सनातन धर्म विरोधी ताकतें सरकार को बदनाम करने के लिए तरह-तरह का कुचक्र रचते रहते हैं। उसी के तहत अब पार्थिव शरीर को निशाना बनाने का घिनौना काम किया जा रहा है जिसे अखाड़ा परिषद स्वीकार नहीं करेगा। संत समाज इसके खिलाफ लोगों में जागरुकता फैलाएगा।

गिरि ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि कुछ लोग गंगा किनारे दफनाए गए शवों को कोरोना से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना के कारण अधिक मृत्यु हुई है, जिससे दाह संस्कार करने के साथ-साथ उन्हें गंगा घाट के किनारे दफनाया भी गया है जबकि कोरोना से पहले भी पार्थिव शरीर दफनाएं जाते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि शव जलाने के लिए लकड़ी की कमी है। उन्होंने बताया कि पतित पावनी गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए घाट से दूर शवों को दफनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पहले मीड़िया नहीं था जिस कारण इतना हो हल्ला नहीं मचता था, आज मीडिया के कारण कोई भी समाचार लोगों तक तत्काल पहुंच जाता है।

अलीगढ़ में जहरीली शराब का कहर 12 की मृत्यु कई बीमार;करसुआ और अंडला गांव के लोगों ने सरकारी ठेकेदार के ठेके से शराब खरीदकर पी थी attacknews.in

अलीगढ़,28 मई । उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले के जवां और लोधा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से दो ट्रक चालकों समेत 12 लोगों की मृत्यु हो गई है जबकि 11 को अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। इस मामले में पुलिस ने शराब कारोबारी और ठेके के सेल्समैन को हिरासत में लिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर राष्ट्रीयु सुरक्षा कानून(रासुका) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जवां और लौधा इलाके में जहरी शराब पीने से अभी तक 12 लोगों की मृत्यु हो होने की सूचना है जबकि 11 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से कुछ की आंखों की रोशनी जाने की आशंक है।

उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर आईओसी गैस के बोटलिंग प्लांट के सामने करसुआ और अंडला गांव के कुछ लोगों ने सरकारी ठेकेदार के ठेके से गुरुवार को शराब खरीदकर पी थी।

शराब पीने के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जिससे अब तक नौ लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जिनमें दो ट्रक ड्राइवर शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि 11 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिले के जवां इलाके के छेरत गांव में भी जहरीली शराब पीने से अब तक तीन लोगों की मृत्यु हो गई है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई है और जांच में जुटी है।

इस घटना से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ जिला आबकारी अधिकारी ने गांव का दौरान किया। इस मामले में पुलिस ठेकेदार और सेल्समैन को हिरासत में लिया है।

मध्यप्रदेश में जॉब फेयर के लिये माई एम.पी. रोजगार पोर्टल पर मिलेगी सूचना attacknews.in

भोपाल, 28 मई । कोविंड 19 की स्थिति में योग्यताधारी आवेदकों के लिए माई एम पी रोजगार पोर्टल पर सूचना मिलेगी।

कोरोना के कारण जहाँ एक ओर नियोजक अपने पास उपलब्ध रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए निर्धारित योग्यताधारी आवेदकों के चयन की प्रक्रिया नहीं कर पा रहे है। वहीं दूसरी ओर बेरोजगार आवेदकों को साक्षात्कार की सूचना प्राप्त नहीं हो पा रही है।

इस समस्या के समाधान के लिये रोजगार संचालनालय के माई एम.पी. रोजगार पोर्टल पर वर्चुअल प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया गया है। जिसके माध्यम से आवेदक अपने घर से ही काउन्सिलिंग प्राप्त कर सकते हैं और ऑनलाइन साक्षात्कार भी दे सकते है।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया:राज्य में 1 करोड़ वैक्सीन के डोज के लिए ग्लोबल टेण्ड आमंत्रित किये गये हैं इसके अलावा 5 करोड़ और डोज की व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे हैं attacknews.in

सीहोर, 28 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में कोरोना की दूसरी लहर काफी हद तक नियंत्रण में आने का जिक्र करते हुए आज फिर दोहराया कि इसे अब भी हल्के में नहीं लें। इससे सावधान रहेंगे, ताे कुछ नहीं होगा, लेकिन जरा सी भी लापरवाही नागरिकों के लिए बेहद खतरनाक साबित होगी।

श्री चौहान ने सीहाेर जिला मुख्यालय कोरोना संबंधी स्थिति की समीक्षा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि अब भी कोरोना की तीसरी लहर रोकना बड़ी चुनौती है। यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं है। यदि लोगों ने सावधान रहते हुए शासन प्रशासन की ओर से निर्धारित दिशानिर्देशों का पूर्ण पालन किया। बाहर निकलने पर मॉस्क लगाएं। दूरी बनाए रखें। सेनीटाइज करें और कोराेना को रोकने के लिए निर्धारित अन्य आचार संहिता का पूर्ण पालन करें। यदि किसी को जरा सी भी सर्दी, खांसी हुयी, तो वे तत्काल अस्पताल पहुंचकर जांच और इलाज प्रारंभ कराएं।

श्री चौहान ने प्रशासन को भी निर्देश दिए कि वे भी बीमार व्यक्तियों के बारे में तुरंत सजग रहकर उनकी जांच कराएं और उनके संक्रमित पाए जाने पर उन्हें कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराएं। सरकार इस तरह के सेंटर बंद नहीं करेगी। इसके अलावा अधिक से अधिक टेस्टिंग भी जारी रखी जाए। वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से जारी रहे। ये सब उपाय कर हम कोरोना को नियंत्रित रख सकते हैं।

उन्होंने दोहराया कि यदि इन सब नियमों का पालन नहीं किया गया, तो तीसरी लहर को रोकना संभव नहीं हो पाएगी और इसकी कीमत सबको चुकाना पड़ सकती है।

श्री चौहान ने कहा कि हम सबको राज्य में अभूतपूर्व तबाही मचाने वाली दूसरी लहर के प्रकोप से सबक लेना चाहिए। इसने अप्रैल और मई माह के दौरान कितनी तबाही मचायी। हमें ऑक्सीजन और दवा इत्यादि के लिए कितना परेशान होना पड़ा, यह किसी से छिपा नहीं है। इसके मद्देनजर हम सबको लगातार सतर्क रहकर कोरोना के साथ रहने की अादत डालना होगी। इसी स्थिति में बाजार बेहतर ढंग से संचालित किए जा सकते हैं।

श्री चौहान ने बार बार आम लोगों और प्रशासन से अनुरोध किया कि वे कोरोना की तीसरी लहर नहीं आने देने के लिए पूरा प्रयास करें। यह हम सबके, परिवार, समाज, गांव, कस्बे, शहर, प्रदेश और देश के हित में रहेगा। हम कोरोना कर्फ्यू बहुत लंबे समय तक नहीं लगा सकते हैं। इससे आर्थिक गतिविधियां रुकती हैं और गरीब तथा छोटे मोटे व्यवसाय करने वाले भी प्रभावित होेते हैं।

उन्होंने वैक्सीनेशन पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में एक करोड़ वैक्सीन के डोज की व्यवस्था करने के लिए वैश्विक स्तर पर निविदाएं आमंत्रित की गयी हैं। इसके अलावा पांच करोड़ और डोज की व्यवस्था के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि वैक्सीन लगने के बाद कोरोना नहीं होगा, लेकिन यदि वैक्सीन के बाद भी किसी को कोरोना होगा, उसे नुकसान अधिक नहीं होगा। उनका भाषण सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोगों ने भी सुना।

नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि,मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट बढ़कर 94़ 5 हुयी,25 मई से 5 जिलों में कोरोना कर्फ्यू में दी गई रियायत के अनुभवों के आधार पर 01 जून को अनलॉक के निर्णय लिए जाएंगे attacknews.in

भोपाल, 28 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि राज्य अब कोरोना पर नियंत्रण की स्थिति के करीब पहुंच गया है।

डॉ मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के बाद ट्वीट के जरिए कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 1854 नए मामले सामने आए और 5796 व्यक्ति स्वस्थ हुए। औसत संक्रमण दर (पाॅजिटिविटी रेट) 2़ 56 और स्वस्थ होने वालाें की दर (रिकवरी रेट) 94़ 5 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गयी है। राज्य में कल 72,210 टेस्ट किए गए।

इस बीच राज्य में में एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने की कवायद जारी है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं और उनकी ओर से गठित समितियां तथा सभी 52 जिलों में विभिन्न स्तरों पर गठित आपदा प्रबंधन समितियां भी अपने अपने स्तर पर स्थानीय स्थितियों के अनुरूप चर्चा कर रही हैं।

फिलहाल प्रयोग के तौर पर 25 मई से कम संक्रमण वाले पांच जिलों में कोरोना कर्फ्यू में धीरे धीरे रियायत दी गयी हैं। ये रियायतें 31 मई तक के लिए दी गयी हैं और इनके अनुभवों के आधार पर 01 जून को होने वाले अनलॉक को लेकर भी निर्णय लिए जाएंगे। वर्तमान में पांच जिलों के अलावा सभी 47 जिलों में 31 मई तक के लिए कोरोना कर्फ्यू लागू है।
सबसे अधिक प्रकरण अब भी इंदौर और भोपाल जिलों में सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या भी अपेक्षाकृत कम नहीं हो पा रही है। एक दिन में राज्य में अब भी लगभग 70 व्यक्तियों की मौत की खबरें आ रही हैं। दूसरी ओर ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज नयी चुनौती बना हुआ है।

मध्यप्रदेश की 22 हजार 813 ग्राम पंचायतों में से 20 हजार 565 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त; शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि,प्रदेश में तीसरी लहर न आए ऐसे प्रयास किए जाएँ attacknews.in

भोपाल 27 मई ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में इस तरह के प्रयास किए जाएँ कि कोरोना की तीसरी लहर आए ही नहीं। किल-कोरोना अभियान-4 में अधिक से अधिक टेस्ट किए जाएँ, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाए तथा माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए जाएँ। एक-एक मरीज की पहचान कर उन्हें नि:शुल्क मेडिकल किट प्रदान करने का कार्य निरंतर जारी रहे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण का मूलमंत्र है जनता की भागीदारी। गाँव, कस्बों और शहरों के क्राइसिस मैनेजमेंट समूह निरंतर सक्रिय रूप से कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की 22 हजार 813 ग्राम पंचायतों में से 20 हजार 565 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान उपस्थित थे।

तीसरी लहर के संबंध में अध्ययन करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना की तीसरी लहर के संबंध में देश-दुनिया में अध्ययन करें। विशेषज्ञों के साथ चर्चा करें तथा उसके अनुसार पूरी तैयारी करें। स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर बेहतर बनाया जाए।

1977 नए प्रकरण

प्रदेश में 1977 नए प्रकरण आए हैं। प्रदेश की साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 4% तथा आज की पॉजिटिविटी रेट 2.8% है। पिछले 24 घंटों में 6888 मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव मरीजों की संख्या 38327 हो गई है।

दो जिलों में ही 100 से अधिक नए प्रकरण

प्रदेश के दो जिलों इंदौर एवं भोपाल में ही 100 से अधिक नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 533 एवं भोपाल में 409 नए प्रकरण आए हैं। इसके अलावा तीन जिलों जबलपुर(99), सागर (96) तथा ग्वालियर (51) में 50 से अधिक प्रकरण हैं।

46 जिलों में 5 प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी दर

प्रदेश के 46 जिलों में 5% से कम पॉजिटिविटी दर है। छह जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर इंदौर (8.1%), भोपाल (7.7%), सागर (7%), रतलाम (6.1%), अनूपपुर (6.6%) तथा रीवा में (5.2%) है।

खरगोन जिले को बधाई

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खरगोन जिले में कोरोना संक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित किए जाने के लिए खरगौन जिले की पूरी टीम को बधाई दी। यहाँ आज की पॉजिटिविटी दर 2.1% है और 25 नए प्रकरण आए हैं। नीमच में भी स्थिति बेहतर है। आज की पॉजिटिविटी दर 3.7% है और 19 नए प्रकरण आए हैं। बड़वानी जिले में भी कोरोना पर अच्छा नियंत्रण है। यहाँ की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 0.7% और आज की पॉजिटिविटी दर 0.6% है। आठ नए प्रकरण हैं। धार जिले में भी संक्रमण नियंत्रित है, यहां की साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 3.9% है।

2500 इंजेक्शन प्राप्त, 6100 का अलॉटमेंट

प्रदेश में ब्लैक फंगस के उपचार के लिये 6100 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का अलाटमेंट मिला है और 2500 इंजेक्शन प्राप्त हो चुके हैं। इंजेक्शन प्रदेश के प्रत्येक जिले को भिजवाए जा रहे हैं। इसी के साथ इसकी टैबलेटस भी प्राप्त हो रही हैं। प्रदेश में वर्तमान में इस रोग के 1061 मरीज हैं।

प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत करता है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राणायाम से फेफड़े मजबूत होते हैं। स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग के साथ मिलकर योग एवं प्राणायाम का प्रशिक्षण सभी इच्छुक व्यक्तियों को देने की व्यवस्था करे। वर्तमान में ‘योग से निरोग’ कार्यक्रम के अंतर्गत होम आइसोलेशन और कोविड केअर सेंटर्स आदि में योग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।