नरेंद्र मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर कांग्रेस ने सरकार द्वारा की गई सात “बड़ी भूलों” का एक आरोप-पत्र जारी किया और आरोप लगाया कि, सरकार ने जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ दिया attacknews.in

मोदी सरकार देश के लिए हानिकारक : कांग्रेस ने सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर कहा

नयी दिल्ली, 30 मई । नरेंद्र मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि यह सरकार देश के लिए हानिकारक है, क्योंकि वह हर मोर्चे पर विफल हुई है और इसने लोगों के भरोसे को तोड़ा है।

कांग्रेस ने इस मौके पर सरकार की ओर से की गई सात “बड़ी भूलों” का एक आरोप-पत्र जारी किया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ दिया है।

कांग्रेस ने सरकार की सात ‘बड़ी विफलताओं’ की सूची बनाई है जिसमें गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी और कोविड-19 कुप्रबंधन शामिल है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपे ट्वीट में कहा, ‘‘कोरोना से लड़ने के लिए चाहिए- सही नीयत, नीति, निश्चय। महीने में एक बार निरर्थक बात नहीं!’’

गांधी की यह टिप्पणी उस दिन आई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” में देश को संबोधित किया।

कांग्रेस महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला ने कहा कि पिछले सात वर्ष एक सरकार की अभूतपूर्व बर्बादी, जिम्मेदारियों के त्याग और भारत के लोगों का परित्याग किए जाने की कहानी है, जिसे पूरा प्रेम एवं स्नेह दिया गया।

उन्होंने कहा, “यह सरकार देश के लिए हानिकारक है क्योंकि इसने भारत के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में जताए गए लोगों के भरोसे एवं सहज विश्वास के साथ छल कर रही है।”

सुरजेवाला ने कहा, “यह उस सरकार द्वारा 140 करोड़ भारतीयों के साथ किया गया सबसे बड़ा धोखा है, जिसे असंख्य वादों पर चुना गया है। सात वर्षों के बाद सबका हिसाब लेने का वक्त आ गया है। यह पूछने का वक्त आ गया है कि देश क्यों पीड़ा में है।”

कांग्रेस साढ़े चार मिनट का एक वीडियो “भारत माता की कहानी” भी लेकर आई है, जिसमें पिछले सात वर्षों में सरकार की “विफलताएं” गिनाई गई हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया: देश में कोविड-19 टीकाकरण के लिए जून के महीने में करीब 12 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 मई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि देश में कोविड-19 टीकाकरण के लिए जून के महीने में करीब 12 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी।

इससे पहले मई के महीने में टीके की 7.94 करोड़ खुराक उपलब्ध थीं।

मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की खुराकों का आवंटन वहां होने वाली खपत, उसकी जनसंख्या और टीके की बर्बादी के आधार पर किया जाता है।

वक्तव्य के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात की स्पष्ट तौर पर जानकारी दे दी गयी है कि जून 2021 में उन्हें टीके की कितनी खुराकों की आपूर्ति की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ” भारत सरकार की ओर से जून के महीने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों के अलावा 45 अथवा उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके की 6.09 करोड़ खुराक निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।”

इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के अलावा निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए टीके की 5,86,10,000 खुराक उपलब्ध होंगी, अर्थात जून 2021 में राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीके की करीब 12 करोड़ (11,95,70,000) खुराक उपलब्ध होंगी।

मंत्रालय ने कहा कि टीके के आवंटन का कार्यक्रम राज्यों के साथ तय समय पर साझा किया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़े संबंधित अधिकारियों को टीके की आवंटित खुराकों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करने और टीके की बर्बादी को कम करने का निर्देश दें।

मंत्रालय ने कहा कि टीके की खुराकों के आवंटन के बारे में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को पहले जानकारी इसलिए दी जा रही है ताकि वे टीके की आपूर्ति और प्रबंधन को लेकर बेहतर योजना बना सकें।

मंत्रालय के मुताबिक मई में केन्द्र की ओर से राज्यों को टीके की 4,03,49,830 खुराक उपलब्ध कराई गयीं। इसके अतिरिक्त राज्यों और निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए टीके की 3,90,55,370 खुराक उपलब्ध थीं।

इस प्रकार मई में राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए कुल मिलाकर टीके की 7,94,05,200 खुराक उपलब्ध थीं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की जरूरत के कारण उनकी प्रशिक्षण की अवधि बढ़ाने के अधिकारियों के फैसले को मनमाना नहीं माना attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 मई । दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न मौजूदा स्थितियों में अस्पतालों के ठीक से काम करने के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों की सेवाएं अनिवार्य हैं और उनकी प्रशिक्षण की अवधि निर्धारित समय से अधिक बढ़ाने का अधिकारियों का फैसला प्रथम दृष्टया मनमाना या अनुचित नहीं हो सकता।

उच्च न्यायालय डीएनबी सुपर स्पेशिएलिटी पाठ्यक्रमों के कई चिकित्सकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें चार मई, 2021 की अधिसूचना को चुनौती दी गई है। इस अधिसूचना के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड (एनबीई) ने उनकी प्रशिक्षण की अवधि इसके समाप्त होने की निर्धारित तिथि से आगे बढ़ा दी थी।

चिकित्सकों की दलील है कि डीएनबी पाठ्यक्रम तीन साल का है और तीन महीने का अनिवार्य विस्तार स्वीकार्य है, जो उन्होंने पहले ही पूरा कर लिया है और दावा किया कि अधिकारियों के पास इस अवधि से ज्यादा पाठ्यक्रम को विस्तार देने का अधिकार नहीं है।

न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने कहा, “कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुई परिस्थितियों को देखते हुए और जैसा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के 27 अप्रैल, 2021 के परामर्श में रेजिडेंसी बढ़ाने की जरूरत का उल्लेख किया गया है- जिसे याचिका में चुनौती नहीं दी गई है- इसे देखते हुए मैं अधिवक्ता सिद्धार्थ यादव के अंतरिम आदेश के अनुरोध को स्वीकार करने में असमर्थ हूं।”

अदालत ने एनएमसी के वकील टी सिंहदेव और एनबीई के वकील कीर्तिमान सिंह की दलीलों से सहमति जताई कि रेजिडेंट डॉक्टरों की उपलब्धता अस्पतालों के सही ढंग से काम करने के लिए अनिवार्य है।

अदालत ने कहा, “मौजूदा स्थिति में, प्रतिवादियों के फैसले को प्रथम दृष्टया मनमाना या अनुचित नहीं कहा जा सकता है।”

अलीगढ़ में जहरीली शराब ने ढाया कहर;पीकर मरने वालों की लगी कतार;अबतक 56 लोगो की मौत होने की खबर ;आबकारी अधिकारी,निरीक्षक और सिपाहियों को किया निलंबित attacknews.in

अलीगढ़ में जहरीली शराब से 25 लोगों की मौत की पुष्टि, भाजपा सांसद ने 35 के मरने का दावा किया

अलीगढ़ (उप्र), 30 मई । अलीगढ़-हरियाणा सीमा पर टप्पल ब्लॉक में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और जिले के अधिकारियों ने अब तक 25 लोगों की मौत की पुष्टि की है।

इधर अपुष्ट सूत्रों के अनुसार जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 के पार पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 18 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से कई लोगों की हालत नाजुक है। हालांकि प्रशासन ने अब तक सिर्फ 25 लोगों की मौत की ही पुष्टि की है। सांसद सतीश गौतम ने पोस्टमार्टम केंद्र पहुंचकर 35 मौत होने की पुष्टि की।

अलीगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सतीश गौतम ने रविवार को दावा किया कि उनके द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार मरने वालों की संख्या 35 को पार कर गई है।

गौतम ने कहा कि उन्होंने उन विभिन्न गांवों से एकत्र की गई सूचना के आधार पर आंकड़े एकत्र किए है, जहां कई पीड़ितों का बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार किया गया है।

आधिकारिक आंकड़ों और अनौपचारिक आंकड़ों के बीच बड़ा अंतर होने के सवाल पर सांसद ने कहा, “हम आज अधिकारियों से मिलेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।”

जहरीली शराब से मौत के मामले पहले केवल लोधा ब्लॉक में सामने आ रहे थे, लेकिन अब जिले के अन्‍य ब्लॉक में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि त्रासदी की खबर आने के एक दिन बाद भी कई पीड़ितों ने जानलेवा शराब पी।

इस बीच जिलाधिकारी सरकारी कर्मचारियों के दलों को अलग-अलग गांवों में भेज रहे हैं। ये दल लाउडस्पीकर के जरिये लोगों से एक सप्ताह पहले बेची गई शराब का सेवन नहीं करने का आग्रह कर रहे हैं।

इस बीच, लोधा थानाध्यक्ष अभय कुमार शर्मा को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया, जिसकी आधिकारिक घोषणा शनिवार शाम की गई।

इसके पहले अपर मुख्‍य सचिव (आबकारी) संजय भूसरेड्डी ने शुक्रवार को बताया था कि अलीगढ़ के जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, संबंधित क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार यादव और चंद्रप्रकाश यादव, प्रधान आबकारी सिपाही अशोक कुमार एवं आबकारी सिपाही रामराज राना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि शुक्रवार देर रात तक नकली शराब के रैकेट के सरगना अनिल चौधरी समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने तीन अलग-अलग मामलों में 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

चौधरी के करीबी माने जाने वाले ऋषि शर्मा और विपिन यादव सहित दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए 50-50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई है।

पुलिस अनिल चौधरी और ऋषि शर्मा के “नेटवर्क” की भी जांच कर रही है जिनके कथित तौर पर मजबूत राजनीतिक संबंध हैं।

पुलिस ने शराब के पांच ठेकों को सील कर दिया है और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम शराब के ठेकों की जांच कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नकली शराब के भंडार से और लोगों की मौत नहीं हो।

घटना की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश पहले ही दे दिए गए हैं और पांच आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। जांच अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी।

जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने पत्रकारों को बताया था कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगा सकता है। जिलाधिकारी ने मरने वालों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।

उल्लेखनीय है कि अलीगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) दीपक कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया था कि शुक्रवार सुबह लोढ़ा थाना पुलिस को सूचना मिली कि अलीगढ़-टप्पल राजमार्ग पर यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर करसिया गांव में एक ठेके से खरीदी गई देसी शराब पीने से दो ट्रक चालकों की मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के मौके पर पहुंचने तक सूचना मिली कि करसिया और आसपास के कुछ अन्य गांवों के छह अन्य लोगों ने भी शराब पीने के बाद दम तोड़ दिया है। इसके बाद कई गांवों से शराब पीने से लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं। तब से मृतक संख्या लगातार बढ़ रही है।

‘‘मन की बात’’: पिछले 7 सालों में भारत ने किसी के दबाव में आए बगैर अपने संकल्पों से कदम उठाया और देश के खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया attacknews.in

सरकार की वर्षगांठ पर बोले मोदी, पिछले सात वर्षों देश ने राष्ट्रीय गौरव के कई क्षणों का अनुभव किया

नयी दिल्ली, 30 मई । केंद्र सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए दावा किया कि इस दौरान देश ने कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण महसूस किए।

आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की ताजा कड़ी में देशवासियों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात सालों में भारत ने किसी के दबाव में आए बगैर अपने संकल्पों से कदम उठाया और देश के खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘इन सात वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है। देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से हम सभी ने काम किया है।’’

मोदी ने कहा कि इन सात वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वह देश और देशवासियों की रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं। जब हम ये देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है तो हम सबको गर्व होता है।’’

उन्होंने कहा कि अब भारत अपने खिलाफ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब देता है और इससे देश का आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती है तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।’’

पिछले सात सालों में बिजली, पानी, सड़क के अलावा बैंक खाते खोलने और आवास सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें इन सात सालों में लोगों की करोड़ों खुशियों में शामिल होने का मौका मिला।

आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई गरीब मुफ्त इलाज से स्वस्थ होकर घर आता है तो उसे लगता है कि उसे नया जीवन मिला है। उसे भरोसा होता है कि देश उसके साथ है। ऐसे कितने ही परिवारों के आशीर्वचन, करोड़ों माताओं का आशीर्वाद लेकर हमारा देश मजबूती के साथ विकास की ओर अग्रसर है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं सात सालों में भारत ने डिजिटल लेनदेन में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है और आज किसी भी जगह आसानी से चुटकियों में पैसे भेजे जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि गत सात वर्षों में ही देश के अनेकों पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं और इनकी वजह से पूर्वोतर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ये सब काम जो दशकों में भी नहीं हो सके, इन सात सालों में इसीलिए संभव हुआ क्योंकि इस दौरान हमने सरकार और जनता से ज्यादा एक देश के रूप में काम किया, एक टीम के रूप में काम किया।’’

कोरोना महामारी से देश की लड़ाई का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सात सालों में देश ने जहां कई सफलताएं हासिल की वहीं उसे कई कठिन परीक्षाओं के दौर से भी गुजरना पड़ा लेकिन इन सबके बावजूद देश मजबूत होकर निकला है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह तो एक ऐसा संकट है, जिसने पूरी दुनिया को परेशान किया है। कितने ही लोगों ने अपनों को खोया है। बड़े-बड़े देश भी इसकी तबाही से बच नहीं सके हैं। इस वैश्विक-महामारी के बीच भारत, ‘सेवा और सहयोग’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।’’

ज्ञात हो कि 23 मई 2019 में लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे। भाजपा ने 303 सीटें जीतकर जनादेश हासिल किया और नरेंद्र मोदी ने 30 मई को लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।

तमिलनाडु से आतंकी संगठन ISIS में शामिल मो इकबाल के खिलाफ NIA ने दाखिल की चार्जशीट;जनवरी में डॉक्टर दंपत्ति के  खिलाफ दाखिल किया था आरोपपत्र  attacknews.in

 

नयी दिल्ली 29 मई । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड इराक (आईएसआईएस) के एक सदस्य के खिलाफ चेन्नई एनआईए की विशेष अदालत में 28 मई को आरोप पत्र दाखिल किया है।

एनआईए ने शनिवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि आरोपी मोहम्मद इकबाल एन उर्फ ​​सेंथिल कुमार (31) तमिलनाडु के मदुरै में काजीमार स्ट्रीट का निवासी है। वह कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर का सदस्य था और उस पर कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

आईएसआईएस में शामिल होने वाले डॉक्टर के खिलाफ एनआईए ने आरोपपत्र दाखिल किया

इससे पहले  12 जनवरी  को एनआईए ने मंगलवार को एक डॉक्टर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जो अपनी विचारधारा का प्रसार करने और भारत में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह में शामिल हो गया था। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।

बेंगलुरू के रहने वाले 28 वर्षीय अब्दुर रहमान के खिलाफ आरोपपत्र यहां एनआईए की विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता (भादंसं) और अवैध गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दाखिल किया गया था ।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सह आरोपी जहांजैब सामी वानी एवं अन्य के साथ मिलकर प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस/इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत (आईएसकेपी) की विचारधारा का प्रसार करने तथा भारत में विध्वंसक एवं देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रहमान को आरोपित किया गया है।’’

इससे पहले दो सितंबर को श्रीनगर के वानी एवं हिना बशीर बेग, हैदराबाद के अब्दुल्ला बासित और पुणे के सादिया अनवर शेख तथा नबील सिद्दीक खत्री के खिलाफ भादंसं एवं यूएपीए की धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया था।

अधिकारी ने बताया कि मामला वानी और उसकी पत्नी बेग की, मार्च 2020 में दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है। सूचना मिली थी कि वे आईएसकेपी से जुड़े हुए हैं (जो आईएसआईएस का हिस्सा है) और देश में विध्वंसक तथा देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।

एनआईए ने जांच शुरू की और रहमान को अगस्त 2020 में बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया। रहमान बेंगलुरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का छात्र था और उसी दौरान वह कट्टरपंथी बना। एनआईए के अधिकारी ने बताया कि वह ‘अनवर अवलाकी’ सहित कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशकों के ऑनलाइन व्याख्यान सुनता था।

मिजारेम में सूअरों से जुड़ी बीमारी ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ (एएसएफ) के कारण दहशत फैली, दो महीने के भीतर हजारों सूअरों को मारा गया attacknews.in

आइजोल, 29 मई । मिजारेम में सूअरों से जुड़ी बीमारी ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ (एएसएफ) की वजह से दहशत जारी है और इस कारण दो महीने के भीतर 4,650 सूअर मारे गए हैं।

पशु पालन एवं पशु चिकित्सा विभाग में मवेशी स्वास्थ्य मामलों के संयुक्त निदेशक डॉक्टर ललहमिंगथंगा ने कहा कि राज्य को एएसएफ की वजह से 18.60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

राज्य में इस बीमारी से 21 मार्च को सूअर की पहली मौत हुई थी और तब से यह बीमारी नौ जिलों में फैल चुकी है।

अधिकारी ने कहा कि शनिवार को इस बीमारी से 40 और सूअरों की मौत हो गई जिससे इस रोग से मारे गए सूअरों की कुल संख्या 4,650 हो गई है।

30 मई : पहले हिन्दी साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन: इसी दिन जुगलकिशोर शुक्ल ने दुनिया के पहले हिन्दी साप्ताहिक पत्र “उदन्त मार्तण्ड” का प्रकाशन कलकत्ता से शुरू किया था attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मई । 30 मई का दिन हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा गया है। इसी दिन जुगलकिशोर शुक्ल ने दुनिया के पहले हिन्दी साप्ताहिक पत्र “उदन्त मार्तण्ड” का प्रकाशन कलकत्ता :अब कोलकाता: से शुरू किया था।

देश दुनिया के इतिहास में 30 मई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है।

1606 : सिखों के पाँचवें गुरू अर्जन देव जी का निधन।

1826 : पहले हिंदी साप्ताहिक पत्र उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन।

1981 : बांग्लादेश के राष्ट्रपति जिया-उर-रहमान और उनके 8 सहयोगियों की हत्या, देश में आपातकाल लागू।

1987 : गोवा को राज्य का दर्जा मिला। गोवा भारत का 26 वाँ राज्य बना।

1996 : 6 वर्षीय बालक गेधुन चोकी नाइया को नया पंचेन लामा चुना गया।

1998 : पाकिस्तान ने एक और (छठा) परमाणु परीक्षण किया 1998 : अफ़ग़ानिस्तान में भीषण भूकम्प से 5000 लोगों के मरने की आशंका।

2003 : नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री लोकेन्द्र बहादुर चंद ने इस्तीफ़ा दिया।

2004 : सऊदी अरब में बंधक संकट समाप्त, परन्तु दो भारतीयों सहित 22 की हत्या।

2007 : अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस पर 107 शांति रक्षक पुरस्कृत।

2008 : अफ़ग़ानिस्तान में एक ज़िले पर तालिबान ने क़ब्ज़ा किया।

2012 : विश्वनाथन आनंद पाँचवीं बार विश्व शतरंज चैंपियन बने।

2012 : लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति चार्ल्स टेलर को सियरा लिओन के गृह युद्ध में किए गए अपराधों और मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए 50 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई।

2020 : कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 5,000 के करीब पहुंचा। संक्रमितों की कुल संख्या 1.73 से पार। सरकार ने दो महीने से अधिक समय से लागू लॉकडाउन को एक जून से चरणबद्ध तरीके से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड -19 के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए कई सहायता और सुविधाओं की घोषणा की attacknews.in

नयी दिल्ली 29 मई । सरकार ने कहा है कि वह कोरोना महामारी के कारण अपने माता पिता को खो देने वाले बच्चों के साथ खड़ी है और उनका भविष्य उज्जवल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड -19 के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों की सहायता के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की जिसमें इन बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में चर्चा की गयी।

महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए बैठक में कई सुविधाओं की घोषणा की गयी। इन उपायों की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और देश बच्चों की सहायता एवं सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगा ताकि वे मजबूत नागरिक के रूप में उभरें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो।

प्रधानमंत्री ने कहा , “ ऐसे कठिन समय में एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और उनमें एक उज्ज्वल भविष्य की आशा जगाएं। कोविड-19 के कारण माता-पिता दोनों या माता-पिता में से जीवित बचे या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता को खोने वाले सभी बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता दी जाएगी। ” बच्चों को यह सहायता पीएम केयर्स फंड के जरिये दी जायेगी।

इन घोषणाओं के तहत पीएम केयर्स 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष बनाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई एक योजना के माध्यम से योगदान देगा।

यह कोष:18 वर्ष की आयु से अगले पांच वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए मासिक वित्तीय सहायता या छात्रवृति देने के लिए उपयोग किया जाएगा, और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर, उसे व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए एकमुश्त के रूप से कोष की राशि मिलेगी।

इसके अलावा 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए सहायता की घोषणा की गयी है। बच्चे को नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। पीएम केयर्स वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा।

सरकार 11 -18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए,बच्चे को केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे कि सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिलाया जाएगा। यदि बच्चे को अभिभावक / दादा-दादी / विस्तारित परिवार की देखरेख में रखा जाना है, तो उसे निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। पीएम केयर्स वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा।

मौजूदा शिक्षा ऋण के मानदंडों के अनुसार भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों / उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण दिलाने में बच्चे की सहायता की जाएगी। इस ऋण पर लगने वाले ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।

विकल्प के रूप में ऐसे बच्चों को केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्नातक / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के शिक्षण शुल्क / पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए पीएम केयर्स एक समकक्ष छात्रवृत्ति प्रदान करेगा।

ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर होगा। अठारह वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के लिए प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।

दिल्ली की अदालत ने ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की हिरासत अवधि चार दिनों के लिए बढ़ाई attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मई । दिल्ली की एक अदालत ने पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में गिरफ्तार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और उसके सहयोगी अजय कुमार की पुलिस हिरासत शनिवार को चार दिनों के लिए बढ़ा दी।

पुलिस ने अदालत से दोनों आरोपियों की हिरासत अवधि सात और दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की थी।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मयंक गोयल ने कहा,“ मैं केवल चार दिनों के लिए पुलिस हिरासत बढ़ाने को उचित समझता हूं।

” गौरतलब है कि चार मई को एक फ्लैट खाली कराने को लेकर पहलावानों के दो गुटों के बीच झगड़ा हुआ जिसके बाद पहलवान सागर धनखड़ की मौत हो गई।

इस मामले में सुशील कुमार (38) मुख्य आरोपी हैं जो फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं।

मध्यप्रदेश में शनिवार को मिले 1640 कोरोना मरीज, 68 की मौत,अबतक संक्रमितों की संख्या 7,77,349 और मृतकों की संख्या 7,959 हुई attacknews.in

भोपाल, 29 मई । मध्यप्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,640 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 7,77,349 तक पहुंच गयी।

राज्य में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से 68 और व्यक्तियों की मौत हुई है जिन्हें मिलाकर प्रदेश में अब तक इस बीमारी से 7,959 लोगों की जान जा चुकी है।

यह जानकारी मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शनिवार को कोविड-19 के 504 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 324 एवं जबलपुर में 94 नये मामले आये।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 7,77,349 संक्रमितों में से अब तक 7,38,491 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 30,899 मरीजों का इलाज चल रहा है।

उन्होंने कहा कि शनिवार को कोविड-19 के 4,995 रोगी स्वस्थ हुए हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण दर घटकर अब 2़ 5 से घटकर 2़ 1 प्रतिशत पहुंच गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के जांचे गये 75,933 सैंपल में 1,640 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

जबकि 74,293 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव मिला है और 1562 कोरोना टेस्ट रिजेक्ट हुए है।

आज पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 2़ 1 प्रतिशत दर्ज की गयी।

पिछले 24 घंटों में 4995 मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव मरीजों की संख्या अब 30899 हो गई है।

प्रदेश में अब तक 7,77,349 लोग संक्रमित हो चुके है।

इनमें से अब तक 7,38491 लोग ठीक होकर घर पहुंच चुके है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 7959 लोगों की जान ले चुका है।

आज 68 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।

राज्य के इंदौर में 504 एवं भोपाल में 324 नए प्रकरण आए हैं।

इसके अलावा जबलपुर(94), ग्वालियर (64), सागर में 58 नये मरीज मिले है।

शेष जिलों में 1 से लेकर 38 के बीच कोरोना मरीज मिले हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना को लेकर शनिवार की स्थिति

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों को लेकर शनिवार को रात्रि में राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार स्थिति इस प्रकार है।

जिला…….संक्रमित…मृत्यु…ठीक हुए

इंदौर…….136391…1253…119110

भोपाल……112226…838….96708

ग्वालियर….50918…471…..41846

जबलपुर……46537…512…41145

उज्जैन…….17108….159….13785

रतलाम……15953…256…11968

रीवा………14806……71…..12069

सागर………14574…203….12317

खरगौन…….12942…199..11129

बैतुल………11834…158….9754

धार……….11626…120….9655

शिवपुरी……11358..63….8754

विदिशा……10998…151…10133

सतना……..11226…90….9103

नरसिंहपुर….10571…63…8903

होशंगाबाद…9838…97…8252

शहडोल…..9284…104..7925

सीहोर…….9229….49…..7837

कटनी ……8852…..79….7744

रायसेन……8395..144…6927

सीधी……..8351…58….6731

बालाधाट….8298..51…7079

अनुपपुर…..8113..62…6553

बडवानी….8101…70…7120

सिंगरौली…8083..63..6369

राजगढ……7867…110..6455

मंदसौर…..7858…69…6524

मुरैना……..7697…58….6779

झाबुआ……7523…45…6882

नीमच…….7397…84…6283

छतरपुर…..7219…73…6451

दमोह…….7117….120…5440

देवास…….6090…42…6502

पन्ना………6683…36….5851

दतिया…….6611….72…5556

टीकमगढ़….6548….93…..5772

छिदंवाडा….6369….115..5923

सिवनी…….6256…26…5410

शाजापुर……5850…49…5001

उमरिया…….5626 …53…4361

मंडला…….4901…16….4194

गुना……….4779….44…4028

हरदा……..4794….67…4021

डिण्डोरी…..4113…23…3438

खंडवा……3953…89…3645

श्योपुर…….3660…49….3007

निवाडी…….3461…34….2891

अलीराजपुर…3414…44….3192

अशोकनगर….3396….21…2970

आगर मालवा….3013…29…2502

भिंड……….2814….19….2500

बुरहानपुर…….2462….35…2182

योग……724279…6913…617396

1 जून को कोरोना कर्फ्यू से मुक्त हुआ मध्यप्रदेश: समस्त खुलने और बंद रहने वाली इन गतिविधियों के लिए गृह विभाग ने नए दिशानिर्देशों का पत्र समस्त कलेक्टरों को भेजा attacknews.in

एक जून से मध्यप्रदेश में कोरोना कर्फ्यू में ढील संबंधी दिशानिर्देश जारी, शुरू होंगी आर्थिक गतिविधियां

भोपाल, 29 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते लगभग पौने दो माह के बाद कोरोना कर्फ्यू में एक जून से रियायत देने संबंधी नए दिशानिर्देश आज राज्य सरकार ने जारी करने के साथ ही आर्थिक गतिविधियां खोलने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम राज्य की जनता को सोशल मीडिया के माध्यम से संबोधित किया।

श्री चौहान ने साथ ही आम लोगों से कोरोना संक्रमण पर आगे भी काबू पाने के लिए सभी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने की स्थिति में कोरोना फिर से हम सभी को अधिक परेशान कर सकता है।

दूसरी आेर राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने नए दिशानिर्देशों के संबंध में समस्त कलेक्टरों को संबोधित तीन पेज का पत्र और दिशानिर्देशों को परिशिष्ट के रूप में विस्तार से भेजा है।

इस पत्र में कहा गया है कि नए दिशानिर्देश एक जून से 15 जून के बीच प्रभावी रहेंगे और पत्र में दिए गए दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किए जाने की अपेक्षा की गयी है।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंधित गतिविधियां राज्य के सभी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों पर लागू होंगे।

इसमें कहा गया है कि प्रदेश के गांवों को तीन जोन में चिंहाकित किया गया है।

जहां कोविड 19 के शून्य एक्टिव केस हैं, उन ग्रामों को ग्रीन ग्राम सभा तथा जहां चार या चार से कम एक्टिव केस हैं, वहां ग्रामों को यलो ग्राम में चिंहाकित किया गया है।

जिन गांवों में कोरोना के एक्टिव केस पांच या पांच से अधिक हैं, उन्हें रेड ग्राम के रूप में चिंहाकिंत किया गया है।

इन गांवों तथा नगरीय क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन और कंटेनमेंट जोन बनाकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ही गतिविधियां हो सकेंगी।

डॉ राजौरा की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जिन नगरीय क्षेत्रों में पॉजिटिविटी दर का साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से अधिक है, किंतु 15 जून के पूर्व साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से कम हो जाता है, तो वहां भी रियायतें देने में उदारता रहेगी। लेकिन यदि पाजिटिविटी रेट का साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से कम है और वहां 15 जून के पहले साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से अधिक हो जाता है, तो वहां प्रतिबंध बढ़ाए जाएंगे। लेकिन प्रतिबंध बढ़ाने के पहले राज्य के गृह विभाग से सलाह लेना आवश्यक है।

पत्र में कलेक्टरों से कहा गया है कि वे यह निर्देश समस्त ग्राम, वार्ड, ब्लाक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स को प्रेषित कर उनकी सहमति एवं सुझाव 30 मई तक प्राप्त करें। इसी दिन यानी कल ही जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में विचार कर निर्णय लिया जाए। इसके बाद 31 मई को प्रतिबंधात्मक आदेश का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। यदि इस परिपत्र के दिशानिर्देशों से भिन्न कोई निर्णय लेना आवश्यक है तो गृह विभाग से सहमति प्राप्त करने के उपरांत ही आदेश जारी किए जाएंगे। यह समस्त कार्रवाई 31 मई तक पूर्ण करने के लिए कहा गया है।

दिशानिर्देशों के अंत में कहा गया है कि यह दिशानिर्देश 15 जून तक प्रभावशील रहेंगे।

जिला प्रशासन कोविड 19 के प्रोटोकाल का जिले में पालन सुनिश्चित कराएगा।

इनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सभी सामाजिक, राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन और मेले आदि, जिनमें जनसमूह एकत्रित होगा, प्रतिबंधित रहेंगे।

स्कूल कॉलेज शैक्षणिक प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान में ऑनलाइन क्लासेस चलती रहेंगी।

सभी सिनेमाघर, शापिंग मॉल, स्वीमिंग पूल, थियेटर, पिकनिक स्पाट, ऑडिटोरियम सभागृह आदि भी बंद रहेंगे।

धार्मिक और पूजास्थलों पर एक समय में चार से अधिक व्यक्ति मौजूद नहीं रह सकेंगे।

अत्यावश्यक सेवाएं देने का कार्य करने वाले कार्यालयों को छोड़कर शेष कार्यालय 100 प्रतिशत अधिकारियों और 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ संचालित किए जाएंगे।

अत्यावश्यक सेवाओं में जिला कलेक्ट्रेट, पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जेल, राजस्व, पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, विद्युत प्रदाय, सार्वजनिक परिवहन, कोषालय, पंजीयन सम्मिलित हैं।

इसके अतिरिक्त भी अत्यावश्यक सेवाओं के बारे में कलेक्टर तय कर सकेंगे।

दिशानिर्देशों में प्रतिबंध से मुक्त गतिविधियों की सूची भी जारी की गयी है।

हालाकि इनमें कोरोना के सक्रिय केस के आधार पर क्षेत्रों का वर्गीकरण किया गया है।

इसके अनुसार सभी प्रकार के उद्योग एवं औद्योगिक गतिविधियां चालू रह सकेंगी।

इस कार्य के लिए संबंधित उद्योगों के कर्मचारियों को वैध परिचय पत्र रखना होगा।

उद्योगाें के कच्चे माल और तैयार माल के आवागमन पर किसी प्रकार की रोक नहीं होगी।

अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक, मेडिकल इंश्योरेंस कंपनीज, अन्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं, पशु चिकित्सा अस्पताल चालू रह सकेंगे।

केमिस्ट, राशन दुकानें, किराना दुकानें, फल और सब्जियां, डेयरी, दुग्ध केंद्र, आटाचक्की, पशुआहार की दुकानें पूरे दिन के लिए खुली रखी जा सकेंगी।

पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी खुली रहेंगी।

सभी कृषि गतिविधियों की अनुमति रहेगी।

बैंक, बीमा कार्यालय और एटीएम प्रारंभ होंगे।

प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा केबल ऑपरेशंस को अनुमति रहेगी।

सभी प्रकार के सामान की आवाजाही बिना किसी रोकटोक के जारी रहेगी।

सार्वजनिक परिवहन, निजी बसों और ट्रेनों के माध्यम से कोरोना के दिशानिर्देशाें के अंतर्गत अनुमति रहेगी।

ऑटो ईरिक्शा में दो सवारी, टैक्सी तथा निजी चार पहिया वाहनों ड्रायवर तथा दो यात्रियों को मॉस्क के साथ यात्रा करने की अनुमति रहेगी।

इसके अलावा प्रतिबंध से मुक्त गतिविधियों और कोविड 19 प्रोटोकॉल एवं कोविड उपयुक्त व्यवहार (अनुशासन) के संबंध में भी विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए ।

मुरैना कोरोना कर्फ्यू 4 जून तक बढ़ा

इधर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि मुरैना जिले में लगातार 3 दिन से कोरोना के केस बढ़ रहें है। इसलिये जिले में जनता के हितों को ध्यान में रखते हुये 1 जून से अनलाॅक किया जाना उचित नहीं।

जिला स्तरीय क्राइसेस मैनेजमेन्ट ग्रुप की बैठक में मुरैना जिले में कोरोना कर्फ्यू 4 जून को प्रातः 6 बजे तक रखने का निर्णय लिया गया है।

मध्यप्रदेश के 5% से अधिक तथा 5% से कम संक्रमण जिलों के लिए अनलॉक की पृथक गाइड लाइन होगी,संक्रमण बढ़ा तो पुन: लागू होंगे प्रतिबंध attacknews.in

भोपाल, 29 मई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 01 जून से प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है।

अनलॉक के संबंध में मंत्री समूहों द्वारा दी गई अनुशंसाओं को सभी क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों को भिजवा दिया गया है। इनपर 30 मई को शाम तक सभी क्राइसिस मैनेजमेंट समूह चर्चा कर अनलॉक प्रक्रिया के संबंध में निर्णय लेकर 31 मई को जनसामान्य को अवगत करा देंगे।

श्री चौहान आज निवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में ‘अनलॉक’ के संबंध में प्रभारी मंत्रियों, प्रभारी अधिकारियों, कमिश्नर,आई.जी., कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों से चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 5 फीसदी से अधिक संक्रमण वाले तथा 5 फीसदी से कम संक्रमण वाले जिलों के लिए अनलॉक की पृथक-पृथक गाइड लाइन होगी। प्रदेश के इंदौर, भोपाल, सागर तथा मुरैना जिलों में 5 फीसदी से अधिक संक्रमण है। यदि कही भी संक्रमण बढ़ता है तो प्रतिबंध पुन: लागू किए जाएं।

प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यान एक जून से खुलेंगे-शाह

मध्यप्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि कोरोना काल में प्रदेश के सभी बंद राष्ट्रीय उद्यान एक जून से 30 जून तक के लिये खोले जायेंगे।

श्री शाह ने बताया है कि कोरोना के चलते नेशनल पार्कों में जिन गाइडों,जिप्सी ड्राइवर आदि व्यक्तियों को रोजगार की दिक्कत महसूस की जा रही थी, उन्हें अब रोजगार मिलेगा। पर्यटन गतिविधियों को संचालित करने के दृष्टिगत भी यह निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना का आदेश जारी; नियुक्ति देने की प्रक्रिया, पात्रता और पदों की प्राथमिकता इस तरह होगी attacknews.in

 

उज्जैन 29 मई। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा अनुसार राज्य शासन ने उसके नियोजन में कार्यरत समस्त नियमित/स्थाईकर्मी/कार्यभारित एवं आकस्मिकता से वेतन पाने वाले/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/ संविदा/कलेक्टर दर/आउटसोर्स/मानदेय के रूप में कार्यरत शासकीय सेवक/सेवायुक्तों के लिये मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना लागू कर दी है।

सेवायुक्तों की कोविड संक्रमण से मृत्यु होने पर उनके परिवार के पात्र एक सदस्य को योजना में विहित प्रावधान के अनुसार उसी प्रकार के नियोजन में अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी, जिसमें मृत सेवक नियोजित था।

पात्र कर्मी

राज्य के समस्त नियमित/स्थाईकर्मी/कार्यभारित एवं आकस्मिकता से वेतन पाने वाले/दैनिक वेतन भोगी/तदर्थ/संविदा/कलेक्टर दर पर कार्यरत सेवक, जिनका वेतन/मानदेय/पारिश्रमिक का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विभागों द्वारा सक्षम स्वीकृति एवं निर्धारित प्रक्रिया के तहत ली गई आउटसोर्स सेवाओं पर कार्यरत सेवायुक्त, जिनका पारिश्रमिक/मानदेय आदि का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विधि द्वारा स्थापित आयोग, ऐसी संस्थाएँ, जिनका शत-प्रतिशत स्थापना व्यय राज्य के नियमित स्थापना मद से विकलनीय होता है अथवा इसके लिये स्थापना अनुदान दिया जाता है, उनमें कार्यरत सेवायुक्त पात्र होंगे।

पात्रता की शर्तें

मृतक सेवायुक्त मान्य चिकित्सीय जाँच में (RAT/RTPCR) कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया हो तथा उसकी मृत्यु उपचार के दौरान हुई हो अथवा स्वस्थ होने के बाद पॉजिटिव होने के साठ दिन के भीतर किसी भी बीमारी से मृत्यु हो गयी हो। मृत्यु की तिथि पर वह शासन के नियोजन/शासकीय कार्य में कार्यरत हो। मृतक सेवायुक्त शासकीय कार्य में पूर्णकालिक रूप से नियोजित होना चाहिये।

योजना में अनुकम्पा नियुक्ति के लिये परिवार के सदस्य की पात्रता का निर्धारण सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र 29 सितम्बर, 2014 की कण्डिका-2 के अनुसार होगा। मृतक शासकीय सेवक/सेवायुक्त के पात्र आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने में आयु का बंधन नहीं होगा। दिवंगत शासकीय सेवक/सेवायुक्त के परिवार का कोई भी सदस्य यदि पूर्व से शासकीय सेवा अथवा निगम, मण्डल, परिषद, आयोग आदि में नियमित सेवा में नियोजित हो, तो वह अनुकम्पा नियुक्ति के लिये अपात्र होगा। यदि किसी शासकीय सेवक/सेवायुक्त की मृत्यु अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करने के बाद सेवावृद्धि, पुनर्नियुक्ति/संविदा नियुक्ति के दौरान होती है, तो अनुकम्पा नियुक्ति के लिये अपात्र होगा। जिन परिवार को मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा योजना के अंतर्गत 50 लाख रुपये प्राप्त करने की पात्रता है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा।

योजना की अवधि

योजना एक मार्च 2021 से लागू होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। अगर सेवायुक्त योजनावधि में कोविड-19 पॉजिटिव था, लेकिन उसकी मृत्यु योजनावधि समाप्त होने के पश्चात परंतु कोविड-19 पॉजिटिव होने के साठ दिन के भीतर हो जाती है तब भी अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी।

अनुकम्पा नियुक्ति के पद

योजना में कार्यरत सेवक की मृत्यु होने पर उसके परिवार के पात्र सदस्य को उसके द्वारा धारित योग्यता एवं अर्हता के आधार पर वर्ग-3 (गैर कार्यपालिक पद) अथवा वर्ग-4 अथवा इसके समतुल्य पदों पर उसी प्रकार के नियोजन में अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी, जिस प्रकार के नियोजन में मृतक सेवक नियोजित था।

अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया

अनुकम्पा नियुक्ति के लिये आवेदन-पत्र उस कार्यालय प्रमुख/विभाग प्रमुख, जिसमें दिवंगत सेवायुक्त अपनी मृत्यु के पूर्व कार्यरत था, को प्रस्तुत किया जायेगा। आवेदन मृत्यु दिनांक से 4 माह के भीतर प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। अपरिहार्य स्थिति में विलम्ब के कारणों से संतुष्ट होने पर दावा स्वीकृति के लिये सक्षम प्राधिकारी अधिकतम तीन माह तक का विलम्ब माफ कर सकेंगे। अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदनों के निपटारे के लिये ऐसे आवेदकों की एक सूची संबंधित कार्यालय/विभाग में बनाई जायेगी एवं इसका क्रम दिवंगत सेवायुक्त की मृत्यु के दिनांक से निर्धारित किया जायेगा, अर्थात जो सेवायुक्त पहले दिवंगत हुआ है, उसके आश्रितों को पहले अनुकम्पा नियुक्ति आरक्षण नियमों का पालन करते हुए दी जायेगी। अनुकम्पा नियुक्ति यथासंभव उसी कार्यालय या विभाग में दी जायेगी, जिसमें दिवंगत सेवायुक्त निधन के पूर्व नियोजित था। यदि विभाग की स्थापना में ऐसा पद रिक्त नहीं है, जिस पर परिवार के सदस्यों को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकती है, तो इसके लिये सांख्येत्तर पद निर्मित किया जा सकेगा। ऐसे सांख्येत्तर पद पर की गई नियुक्ति भविष्य में नियमित पद की रिक्ति के विरुद्ध समायोजित की जायेगी एवं पात्र आश्रित की पदोन्नति एवं अन्य कारणों से सांख्येत्तर पद रिक्त होने पर स्वत: समाप्त समझा जायेगा।

सांख्येत्तर पद निर्मित करने की अनुमति शासन द्वारा गठित समिति द्वारा दी जायेगी। समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। समिति में प्रमुख सचिव, वित्त और विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव सदस्य होंगे। अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग सदस्य सचिव होंगे।

दिवंगत सेवायुक्त के परिवार को शपथ-पत्र पर उस सदस्य का नाम देना होगा, जिसको अनुकम्पा नियुक्ति दी जाना है। दिवंगत सेवायुक्त के पात्र आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने की स्थिति में उस पात्र अभ्यर्थी से नियुक्ति के पूर्व इस आशय का शपथ-पत्र लिया जायेगा कि वह दिवंगत सेवायुक्त के परिवार के अन्य सदस्यों का समुचित भरण-पोषण करेगा। आउटसोर्स के रूप में पात्र आश्रित को उसकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से नियोजित कराया जायेगा।

प्रकरण स्वीकृति के लिये सक्षम अधिकारी

जिलों में कार्यरत सेवायुक्त की मृत्यु के समय उनके नियुक्ति स्थल के कार्यालय प्रमुख द्वारा निर्धारित प्रारूप में अपने अभिमत सहित प्रकरण संबंधित जिले के कलेक्टर के पूर्व अनुमोदन के बाद नियुक्ति आदेश विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा किया जायेगा।

जिला कलेक्टर अनुमोदन देने से पूर्व, जिले में इस योजना के अंतर्गत प्राप्त अनुकम्पा नियुक्ति के समस्त प्रकरणों की समीक्षा करेंगे, ताकि यथासंभव संबंधित जिले में ही पात्र आवेदक को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सके। यदि किसी विभाग में उपयुक्त पद रिक्त न हो, तो जिले के अन्य किसी ऐसे विभाग में पद रिक्त होने पर अनुकम्पा नियुक्ति अन्य ऐसे विभाग में दी जाने के निर्देश कलेक्टर संबंधित को दे सकेंगे। यह अनिवार्यता नहीं रहेगी कि जिले में अनुकम्पा नियुक्ति उसी विभाग में दी जाये, जिसमें मृत कर्मचारी कार्यरत था।

सचिवालय/विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ सेवायुक्तों के प्रकरणों में संबंधित विभाग प्रमुख सक्षम प्राधिकारी होंगे। दैनिक वेतनभोगी/कलेक्टर दर पर कार्यरत/आउससोर्स/मानदेय कर्मी की मृत्यु पर उसके परिवार के पात्र सदस्य को आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित करने के लिये कलेक्टर/सक्षम विभागीय अधिकारी, सक्षम प्राधिकारी होंगे।

अर्द्धशासकीय/निगम/मण्डल/संस्थाओं में नियोजन

राज्य शासन के निगम/मण्डल/संस्थाओं/प्राधिकरण/विश्वविद्यालयों/स्थानीय निकाय में कार्यरत नियमित/स्थाईकर्मी/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/संविदा/आउटसोर्स सेवायुक्तों को उनके शासी निकाय के अनुमोदन से इस योजना के अनुरूप उसी संस्था में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। इन संस्थाओं को प्रकरण कलेक्टर को भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा एक माह की समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।

कमलनाध ने कहा: सुप्रीम कोर्ट के कारण भारत पूरे विश्व में बदनाम हो रहा है;मैंने कहा मेरा भारत महान है, पर यह जो आज कोर्ट की स्थिति पूरे विश्व में देखी है,मैं तो इस बदनामी से भारत को बचाने की बात कर रहा हूं attacknews.in

कमलनाथ ने दोहराया, कोरोना से मृत्यु के मामले दबाए जा रहे हैं

भोपाल, 29 मई। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज फिर आरोप दोहराते हुए कहा कि राज्य में कोरोना से मृत्यु संबंधी आकड़े दबाए जा रहे हैं और वे इस तरह के मुद्दे उठाने के प्रयास करते हैं, तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है।

प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री कमलनाथ ने कहा है कि उन्होंने तीन सप्ताह पहले मांग की थी कि जितनी भी मृत्यु हुयी हैं, श्मशानघाटों के रजिस्टर में दर्ज आकड़े सामने आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार वे मानते हैं कि इनमें से लगभग 80 प्रतिशत मृत्यु कोरोना के कारण हुयी हैं।
हमारी यही मांग थी कि कम से कम लाशों के आकड़े तो सरकार की तरफ से आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह कोरोना से मृत्यु के मामले में मुआवजे संबंधी नियम ठीक नहीं हैं।जिस परिवार में लाश पड़ी है, उसके परिवार का सदस्य उसके अंतिम संस्कार की व्यवस्था में लगा है, वह नगर पालिका और नगर निगम क्या मृत्यु प्रमाणपत्र लेने जाएगा।

श्री कमलनाथ ने कहा कि जब वे सरकार से इस तरह के कोई प्रश्न पूछते हैं तो उन्हें देशद्रोही बता दिया जाता है।जब वे कोई खुलासा करते हैं तो उनके ऊपर प्राथमिकी कर दी जाती है।

श्री कमलनाथ की ओर से विज्ञप्ति में लिखा गया है ””मैंने कहा मेरा भारत महान है, पर यह जो आज सुप्रीम कोर्ट की स्थिति पूरे विश्व में देखी है, इससे भारत बदनाम हो रहा है, मैं तो इस बदनामी से भारत को बचाने की बात कर रहा हूं।

”मेरा भारत महान” हमारा कितना अच्छा नारा था।
देश में ही नहीं पूरे विश्व में आज भारत बदनाम हो रहा है।मैंने तो नाम नहीं रखा, इंडियन कोविड, यह सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने खुद कहा है।उन्होंने एफिडेविट में यह बात कही।”’

श्री कमलनाथ ने कहा कि ””डब्ल्यूएचओ ने कहा।
इंडियन कोविड, यह चीन का है।अपना देश बदनाम नहीं होता, यह चीन का कोविड था, इसे आज इंडियन कोविड बना दिया।आज सब देशों ने रोक लगा दी।हमारे देशवासी हमारे नागरिक कहीं विदेश नहीं जा सकते।सभी एयरलाइंस ने रोक लगा दी।इससे क्या देश बदनाम नहीं होता।”’

श्री कमलनाथ ने इसके अलावा वैक्सीन के मामले में भी केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की।