भारत मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान जारी: मानसून के उत्तर, दक्षिण में सामान्य, मध्य भारत में सामान्य से अधिक रहने का अनुमान attacknews.in

नयी दिल्ली, एक जून । भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य, मध्य भारत में सामान्य से अधिक और पूर्व तथा पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम रहने का अनुमान है।

दक्षिण पश्चिम मानसून 2021 के लिए अपना दीर्घावधि पूर्वानुमान जारी करते हुए आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि देश में इस साल मानसून सामान्य रहने का पूर्वानुमान है।

महापात्र ने कहा कि इसके सामान्य दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 96 से 104 प्रतिशत होने की संभावना है।

उन्होंने कहा, ‘‘ दक्षिण-पश्चिम मानसनू (जून – सितम्बर) की वर्षा सामान्य सामान्य दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 96 से 104 प्रतिशत होने की संभावना है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मात्रात्मक रूप से, देश में मानसून की बारिश के एलपीए के 101 प्रतिशत होने की संभावना है। ’’

वर्ष 1961-2010 मानसून की बारिश का एलपीए 88 सेंटीमीटर था।

यूपी में फिर बदलेगा मौसम,आधे राज्य में आंधी पानी का अलर्ट

मई के आखिरी सप्ताह में पूर्वांचल में आंधी बारिश के बाद उत्तर प्रदेश में मौसम एक बार फिर अंगड़ाई लेने को बेकरार है।

मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में पूर्वी और मध्य यूपी के कई जिलों में धूल भरी आंधी और बारिश के साथ बज्रपात के आसार हैं।

मौसम विभाग द्वारा मंगलवार को जारी अलर्ट के अनुसार बहराइच,श्रावस्ती,गोंडा,बलरामपुर,श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, महाराजगंज, कुशीनगर,देवरिया,गोरखपुर,बलिया,सुलतानपुर,अंबेडकरनगर,जौनपुर,मऊ,गाजीपुर और आजमगढ़ में धूल भरी आंधी और तेज बारिश का अनुमान है। इस दौरान कई इलाकों में बिजली गिरने की भी संभावना है

केशव प्रसाद मौर्य ने दावा:2022 में भाजपा जीतेगी 300 से ज्यादा और बनाएगी दोबारा सरकार attacknews.in

लखनऊ 01 जून । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व मेंं 300 से अधिक सीट जीतकर दोबारा सरकार बनायेगी।

श्री मौर्य ने यह दावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष से मंगलवार को मुलाकात करने के बाद किया। श्री संतोष ने श्री मौर्य और उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा के अलावा योगी मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों से अलग अलग मुलाकात कर सरकार के कामकाज की जानकारी हासिल की।

आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में अगले साल यानि 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं।सभी राजनीतिक दलों ने इसके लिए काफी पहले से तैयारी भी शुरू कर दी है। राज्य में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिए कोरोना वायरस की दूसरी लहर चुनौती के रूप में उभरी है. इसके बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जमीन पर उतरकर मोर्चा संभालना पड़ा।

लेकिन इस बीच बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि हम 2022 के विधानसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटों के साथ एक ऐतिहासिक जीत हासिल करेंगे।

2022 के लिए बीजेपी ने तेज की तैयारी

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने ‘सेवा ही संगठन अभियान’ को और तेज करने का फैसला किया है।

इस कड़ी में बीजेपी कार्यकर्ता कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित हुए लोगों के घरों पर पहुंचकर आवश्यकतानुसार उनकी सहायता के साथ-साथ टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक करेंगे. सोमवार को बीजेपी मुख्यालय में संगठन की एक उच्‍च स्‍तरीय बैठक में यह फैसला किया गया जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष, बीजेपी उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के संगठन प्रभारी राधा मोहन सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल समेत कई प्रमुख पदाधिकारी व क्षेत्रीय अध्यक्ष मौजूद थे।

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष सोमवार को उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर राजधानी लखनऊ पहुंचे हैं।

बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी की ओर से जारी बयान के अनुसार बी एल संतोष ने प्रदेश बीजेपी मुख्यालय पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर राज्य में कोरोना से बचाव और रोकथाम को लेकर ‘सेवा ही संगठन’ के तहत किये जा रहे कार्यों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के सात साल पूरे होने पर प्रदेश में किये गए सेवा कार्यो की जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

भारतीय रेल के संस्थान रिसर्च डिजाइन एंड स्टेंडर्ड्स ऑरगेनाइजेशन को “एक राष्ट्र एक मानक” अभियान के तहत ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड्स का पहला एसडीओ संस्थान घोषित किया गया attacknews.in

 

नईदिल्ली 1 जून । उपभोक्ता मामलों के विभाग के अंतर्गत आने वाले भारतीय रेल के संस्थान आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एंड स्टेंडर्ड्स ऑरगेनाइजेशन) को “एक राष्ट्र एक मानक” अभियान के तहत बीआईए (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड्स) का पहला एसडीओ संस्थान घोषित किया गया है।

भारत सरकार के तहत आने वाले दो संस्थानों की यह अनूठी पहल देश के शेष सभी प्रमुख अनुसंधान एवं मानक विकास संस्थानों के लिए न सिर्फ एक आदर्श स्थापित करेगी बल्कि उन्हें विश्व स्तरीय मानकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगी।

यह ध्यान देने की बात है कि भारत सरकार की “एक राष्ट्र एक मानक” की परिकल्पना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय मानक संस्थान भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने एक योजना शुरू की है जिसके तहत किसी संस्थान को एसडीओ की मान्यता दी जाती है। इस योजना के जरिए बीआईएस का लक्ष्य, अपने विशिष्ट क्षेत्रों में मानकों के विकास के काम में लगे देश के विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध मौजूदा क्षमताओं और विशिष्ट डोमेन में उपलब्ध सकल विशेषज्ञता को एकीकृत करना है और इस तरह देश में जारी सभी मानक विकास गतिविधियों को रूपांतरित कर “एक विषय पर एक राष्ट्रीय मानक” तैयार करना है।

रेल मंत्रालय का एकमात्र अनुसंधान एवं विकास संगठन आरडीएसओ, लखनऊ, देश के प्रमुख मानक तय करने वाले संस्थानों मे से एक है और यह भारतीय रेल के लिए मानक तय करने का काम करता है।

आरडीएसओ ने बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत एक मानक विकास संगठन (एसडीओ) के रूप में मान्यता प्राप्त करने की पहल की। इस प्रक्रिया में, आरडीएसओ ने मानक निर्माण प्रक्रियाओं की समीक्षा की ताकि उन्हें मानकीकरण के सर्वोत्तम अभ्यासों के साथ पुन: संरेखित किया जा सके, इसे डब्ल्यूटीओ-टीबीटी “अच्छे अभ्यास संहिता” में एन्कोड किया गया और ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा एसडीओ के रूप में मान्यता के लिए आवश्यक मानदंड के रूप में अनिवार्य किया गया।

बीआईएस ने आरडीएसओ की मानक निर्माण प्रक्रियाओं की समीक्षा के बाद 24 मई 2021 को आरडीएसओ को एसडीओ (मानक विकास संगठन) के रूप में मान्यता प्रदान की। इस मान्यता के साथ, आरडीएसओ बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत मान्यता प्राप्त करने वाला देश का पहला मानक विकास संगठन बन गया है। ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा अनुमोदित एसडीओ के रूप में आरडीएसओ की मान्यता का दायरा “भारत में रेल परिवहन क्षेत्र के लिए उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं के लिए मानक विकास करना है। मान्यता 3 साल के लिए वैध है और वैधता अवधि पूरी होने के बाद नवीनीकरण की आवश्यकता होगी।

आरडीएसओ में मानक तैयार करने की प्रक्रिया अब आम सहमति आधारित निर्णय लेने पर अधिक केंद्रित होगी और शुरुआती चरणों से मानक बनाने की प्रक्रिया में यानी अवधारणा से लेकर मानकों को अंतिम रूप देने तक उद्योग, अकादमिक,  उपयोगकर्ता, मान्यता प्राप्त लैब, टेस्ट हाउस इत्यादि सहित सभी हितधारकों की व्यापक भागीदारी होगी।

बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा इस मान्यता से होने वाले कुछ प्रमुख लाभों में आईआर आपूर्ति श्रृंखला में उद्योग / विक्रेताओं / एमएसएमई / प्रौद्योगिकी डेवलपर्स की बड़ी भागीदारी, उद्योग / विक्रेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा में कमी शामिल है।

इसके साथ ही लागत में और उत्पाद और सेवाओं की गुणवत्ता में क्वांटम सुधार, आईआर पर नवीनतम विकसित और उभरती प्रौद्योगिकियों का सहज समावेश, आयात पर निर्भरता कम करना, “मेक-इन-इंडिया” पर जोर, व्यवसाय की सुगमता में सुधार, मानक तय करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला/वैश्विक व्यापार के साथ एकीकरण आदि है।

मानक बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता, खुलेपन,  निष्पक्षता, प्रभावशीलता, सुसंगतता और विकास आयाम को बनाए रखने पर अधिक जोर देने के साथ मानकीकरण के स्थापित छह सिद्धांतों के अनुरूप नियमों और शर्तों का अनुपालन करने का दायित्व, समग्र आत्मविश्वास में सुधार करेगा और मानक तय करने वाले निकाय यानी आरडीएसओ में उद्योग और प्रौद्योगिकी डेवलपर्स का विश्वास और देश में रेलवे क्षेत्र के लिए मानक निर्माण में योगदान करने के लिए सभी हितधारकों को प्रेरित करेगा।

यह मानकीकरण गतिविधि के सामंजस्य में भी मदद करेगा जिससे राष्ट्रीय मानकों के निर्माण और कार्यान्वयन में सभी हितधारकों को अधिक भागीदारी का अवसर मिलेगा और देश में निर्मित उत्पाद की गुणवत्ता के लिए लंबे समय में एक ब्रांड इंडिया की पहचान बनेगी।

मानक बनाने की प्रक्रिया में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए मानकों के विकास के लिए सहभागी दृष्टिकोण बहुत प्रारंभिक चरणों से मानकों के विकास और उनके जमीनी अनुकूलन या उपयोगकर्ता उपयोग के बीच के समय को कम करेगा। इस पहल से प्रौद्योगिकी के विकास और उसके नवाचार के स्तर से उसके वास्तव में कार्यरूप लेने के बीच का परिवर्तन तेज़ होगा।

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था के लिए 2020-21 ‘अंधकारमय’ बताते हुए कहा कि,केंद्र सरकार गलतियां स्वीकार करे और विपक्ष को सुने attacknews.in

नयी दिल्ली, एक जून । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था में 2020-21 के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट होने पर मंगलवार को चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अगर 2021-21 में ऐसी स्थिति से बचना है तो सरकार को अपनी गलतियां स्वीकार करते हुए विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह सुननी चाहिए।

पूर्व वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था की लिहाज से 2021-21 को पिछले चार दशक का ‘सबसे अंधकारमय’ साल करार दिया और यह आरोप भी लगाया कि कोरोना महामारी के साथ ही सरकार के ‘अकुशल एवं अक्षम आर्थिक प्रबंधन’ हालात और बिगड़ गए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था, वही हुआ। पिछले वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।’’

चिदंबरम ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी 140,03,316 करोड़ थी। 2019-20 में यह 145,69,268 करोड़ रुपये थी और 2020-21 में यह घटकर 135,12,740 करोड़ रुपये हो गई। यह देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को बताता है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘साल 2020-21 पिछले चार दशक में देश की अर्थव्यवस्था का सबसे अंधकारमय साल रहा है। चारों तिमाही के आंकड़े अर्थव्यवस्था की कहानी बयां करते हैं।’’

चिदंबरम ने कहा, ‘‘पिछले साल जब कोरोना महामारी की पहली लहर धीमी पड़ती नजर आई तो वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की बातें करने लगे…हमने कहा था कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन पैकेज की मजबूत मदद चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद एक लाख रुपये से नीचे चला गया है।

चिदंबरम ने आरोप लगाया, ‘‘निश्चित तौर पर कोरोना महामारी का अर्थव्यवस्था पर व्यापक रूप से असर पड़ा है, लेकिन अकुशल और अक्षम आर्थिक प्रबंधन ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को और बिगाड़ दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। इसमें पहली लहर की तुलना में संक्रमण और मौतों की संख्या की लिहाज से ज्यादा नुकसान हुआ है। अगर 2020-21 की तरह साल 2021-22 को नहीं होने देना है तो सरकार को जागना चाहिए, अपनी गलतियां स्वीकार करनी चाहिए, अपनी नीतियां बदलनी चाहिए तथा विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह स्वीकार करनी चाहिए।’’

एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि नोट की छपाई होनी चाहिए तो वह कर सकती है क्योंकि भारत के पास ऐसा करने का संप्रभु अधिकार है।

गौरतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था में 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी है जो गिरावट के बारे में पहले के विभिन्न अनुमानों से कम है। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से ठीक पहले चौथी तिमाही में वृद्धि दर का कुछ बेहतर रहना है।

एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 1.6 प्रतिशत रही। यह इससे पिछली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर, 2020 में 0.5 प्रतिशत से अधिक है।

वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी,व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिये आयातित ऑक्सीजन सांद्रकों पर केंद्र के आईजीएसटी को असंवैधानिक करार दिया था attacknews.in

नयी दिल्ली, एक जून । उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के उस आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी, जिसमें व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिये लोगों द्वारा आयातित ऑक्सीजन सांद्रकों पर केंद्र के लगाए एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) को असंवैधानिक करार दिया गया था।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की विशेष पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता को जवाब देने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘हम दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा रहे हैं।’’

शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के 21 मई के आदेश के खिलाफ वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह रोक लगाई।

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने बताया कि जीएसटी परिषद की बैठक आठ जून को होगी और इसमें ऑक्सीजन सांद्रकों समेत कोविड-19 से संबंधित आवश्यक वस्तुओं को छूट देने पर विचार किया जाएगा।

वेणुगोपाल ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस बात पर गौर नहीं किया कि ऑक्सीजन सांद्रकों के आयात पर राज्यों और अन्य सरकारी एजेंसियों को आईजीएसटी की छूट पहले ही दी जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के अनुसार, यदि आप उन पर कर लगाते हैं, तो यह अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘पहले आईजीएसटी 77 प्रतिशत था। हमने इसे कम करके 28 प्रतिशत किया गया है। इसके बाद इसे और कम करके 12 प्रतिशत लाया गया, लेकिन वे अब भी कह रहे हैं कि अनुच्छेद 21 का उल्लंघन हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि 28 मई को फैसला किया गया था कि मंत्रियों का समूह कोविड-19 संबंधी आवश्यक उत्पादों के आयात पर दी जाने वाली कर संबंधी छूट को लेकर आठ जून को अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।

शीर्ष कानूनी अधिकारी ने कहा कि अदालत का आदेश नीति संबंधी मामलों में दखल देता है और कोई निर्णय लेने से पहले ही जीएसटी परिषद के हाथ बांध देता है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिये आयातित ऑक्सीजन सांद्रकों पर आईजीएसटी लगाए जाने को 21 मई को असंवैधानिक करार दिया था। अदालत ने इस संदर्भ में एक मई को जारी वित्त मंत्रालय की अधिसूचना खारिज कर दी थी।

अधिसूचना में कहा गया था कि व्यक्तिगत उपयोग के लिये आयातित ऑक्सीजन सांद्रकों पर 12 प्रतिशत आईजीएसटी लगेगा, फिर चाहे वह उपहार के रूप में या अन्य किसी तरीके से आए हों।

अदालत ने साथ में यह भी निर्देश दिया था कि ऐसे लोगों को लिखित में देना होगा कि उन्होंने ऑक्सीजन सांद्रकों का आयात वाणिज्यिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत उपयोग के लिये किया है।

इससे पहले, अदालत ने मामले में निर्देश दिया था कि 85 साल के व्यक्ति द्वारा आयातित ऑक्सीजन सांद्रक को सीमा शुल्क अधिकारी उसे जारी करें। यह निर्देश इस शर्त पर दिया गया था कि व्यक्ति उस पर देय आईजीएसटी के बराबर राशि अदालत में जमा करे।

बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा था कि उसके रिश्तेदार ने अमेरिका से उपहारस्वरूप उसके लिये ऑक्सीजन सांद्रक भेजा है ताकि उसका इलाज बेहतर हो सके।

याचिकाकर्ता ने व्यक्तिगत उपयोग के लिये आयातित ऑक्सीजन सांद्रक पर आईजीएसटी लगाये जाने को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान इस जरूरी उपकरण की देश में पहले से कमी है, ऐसी स्थिति में व्यक्तिगत उपयोग के लिये आयातित ऑक्सीजन सांद्रकों पर आईजीएसटी लगाना अनुचित है।

योग गुरू बाबा रामदेव की टिप्पणी के खिलाफ दिल्ली के अस्पतालों में रेजीडेंट चिकित्सकों का ‘काला दिवस’ प्रदर्शन;बिना शर्त माफी की मांग attacknews.in

नयी दिल्ली, एक जून । ऐलोपैथी के संबंध में योग गुरु रामदेव की टिप्पणी से आहत दिल्ली के कई अस्पतालों के रेजिडेंट चिकित्सकों ने मंगलवार को राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत प्रदर्शन शुरू किया।

चिकित्सकों की मांग है कि या तो रामदेव बिना शर्त माफी मांगें या उनके खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने प्रदर्शन का आह्वान 29 मई को किया था और इस बात पर जोर दिया था कि आंदोलन के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होने दी जाएंगी। दिल्ली के रेजिडेंट चिकित्सकों ने काली पट्टियां और रिबन पहनकर प्रदर्शन किया।

फोर्डा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘रामदेव की टिप्पणियों के विरोध में हमारा प्रदर्शन मंगलवार सुबह शुरू हुआ। वह तो ऐलोपैथी के बारे में बोलने तक की योग्यता नहीं रखते हैं। इससे चिकित्सकों का मनोबल प्रभावित हुआ है जो (कोविड-19) महामारी से हर दिन लड़ रहे हैं। हमारी मांग है कि वह सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगे, अन्यथा महामारी रोग अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।’’

उन्होंने बताया कि एम्स, सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज-अस्पताल, हिंदूराव अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल, बी.आर. आंबेडकर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) इस आंदोलन में शामिल हो चुके हैं तथा कुछ अन्य भी शामिल होने वाले हैं।

फोर्डा के अधिकारी ने बताया, ‘‘विरोध स्वरूप कई चिकित्सकों ने बांहों पर काली पट्टी बांधी है। अन्य शहरों के चिकित्सक भी आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।’’

कुछ चिकित्सकों ने विरोध संदेश लिखे प्लेकार्ड ले रखे थे जबकि अन्य ने ऐसी पीपीई किट पहन रखी थीं, जिनके पीछे ‘काला दिवस प्रदर्शन’ लिखा था।

फोर्डा इंडिया ने एक बयान जारी करके शनिवार को कहा था कि रामदेव के बयानों के प्रति आपत्ति जताए जाने के बावजूद ‘‘अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। हम स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किए बिना कार्यस्थलों पर एक जून, 2021 को राष्ट्रव्यापी काला दिवस प्रदर्शन की घोषणा कर रहे हैं’’।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम मांग करते हैं कि वह सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगे या उनके खिलाफ महामारी रोग कानून, 1897 की प्रासंगिक धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए।’’

फोर्डा ने यह भी आरोप लगाया कि रामदेव की टिप्पणी ने लोगों में ‘‘टीकों को लेकर हिचकिचाहट’’ भी बढ़ाई है।

एम्स आरडीए ने एक बयान में कहा कि रामदेव की ऐसी ‘‘अपमानजक टिप्पणियां स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के खिलाफ हिंसा भड़काएंगी और इससे जन स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह ठप हो जाएगी।’’

रामदेव को वायरल हुई वीडियो क्लिप में दिए गए उस बयान को वापस लेने के लिए हाल में मजबूर होना पड़ा था जिसमें वह कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते और यह कहते सुने गए कि ‘‘कोविड-19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग की मौत हो गई।’’

इस टिप्पणी का चिकित्सकों के संघ ने जोरदार विरोध किया, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे ‘‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’’ बयान वापस लेने के लिए कहा।

एक दिन बाद, योग गुरु ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ‘‘खुले पत्र’’ में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) से 25 प्रश्न पूछे। इसमें पूछा गया था कि क्या एलोपैथी ने उच्च रक्तचाप और टाइप -1 और टाइप-2 मधुमेह जैसी बीमारियों के लिए स्थायी राहत प्रदान की है।

वाहन ईंधन कीमतों में एक महीने में 17वीं बार बढ़ोतरी के बाद देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें मंगलवार को नयी ऊंचाई पर जा पहुंचीं attacknews.in

नयी दिल्ली, एक जून । वाहन ईंधन कीमतों में एक महीने में 17वीं बार बढ़ोतरी के बाद देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें मंगलवार को नयी ऊंचाई पर जा पहुंचीं।

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल की कीमत में 26 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 23 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।

दिल्ली में, पेट्रोल 94.49 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जबकि डीजल की कीमत 85.38 रुपये प्रति लीटर है।

मूल्यवर्धित कर (वैट) और माल ढुलाई शुल्क जैसे स्थानीय करों की वजह से ईंधन की कीमतें एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होती हैं। राजस्थान देश में पेट्रोल पर सबसे अधिक मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाता है, इसके बाद मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का स्थान आता है।

पेट्रोल की कीमत पहले ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में 100 रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी थी, ने शनिवार को मुंबई में इस मनोवैज्ञानिक सीमा को लांघ डाला। उसके बाद से मंगलवार को दूसरी बार कीमतों में वृद्धि हुई है।

मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब 100.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.69 रुपये प्रति लीटर है।

मंगलवार को कीमतों में वृद्धि चार मई के बाद से 17 वीं वृद्धि है।

पेट्रोल की कीमत में 17 बार में 4.09 रुपये प्रति लीटर और डीजल 4.65 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है।

पेट्रोलियम कंपनियां पिछले 15 दिन में अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क ईंधन की औसत कीमत और विदेशी विनिमय दरों के आधार पर प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन करती हैं।

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में कीमतें देश में सबसे ज्यादा हैं, जहां पेट्रोल 105.52 रुपये प्रति लीटर और डीजल 98.32 रुपये प्रति लीटर है।

केंद्र सरकार ने एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया,इससे होता है ब्लैक फंगस के संक्रमण का इलाज attacknews.in

नयी दिल्ली, एक जून । सरकार ने मंगलवार को एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसका इस्तेमाल म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार इंजेक्शन के निर्यात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। इसका मतलब है कि एक निर्यातक को अपनी निर्यात खेप के लिए निदेशालय से विशेष अनुमति या लाइसेंस लेना जरूरी है।

डीजीएफटी ने कहा कि एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का निर्यात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने किया इनकार;स्पष्ट किया कि इस प्रोजेक्ट पर रोक नहीं लगेगी और यह एक राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट है attacknews.in

नयी दिल्ली,31 मई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर जारी निमार्ण संबंधी गतिविधियों पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायाधीश ज्योति सिंह की खंडपीठ ने इस परियोजना पर रोक लगाने के लिए दायर एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि इस प्रोजेक्ट पर रोक नहीं लगेगी और यह एक राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट है।

खंडपीठ ने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट से जुड़ी निर्माण संबंधी गतिविधियों को लेकर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने कभी भी कोई सवालिया निशान नहीं लगाया और सरकार ने भी यह सुनिश्चित किया था कि इस कार्य में लगे मजदूर निर्माण स्थल पर सुरक्षित रहें और कोविड अनुकूल मानकों का पालन कर रहे हैं। खंडपीठ ने कहा “ निर्माण स्थल पर मजदूर रह रहे हैं तो कोविड को देखते हुए इस निर्माण संबंधी कार्य को रोके जाने का सवाल ही नहीं उठता है।”

न्यायालय ने कहा“ इस याचिका को लेकर याचिकाकर्ताओं की मंशा स्पष्ट नहीं हैं और यह सही मंशा को लेकर दायर नहीं की गई थी। इस याचिका को खारिज किया जाता है और याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया जाता है। यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय महत्व का आवश्यक प्रोजेक्ट है।”

गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट की वैधानिकता को भी उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा है और इस काम को नवंबर 2021 तक पूरा किया जाना है।

इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने के लिए आन्या मल्होत्रा, अनुवादक और सोहेल हाशमी, इतिहासकार तथा डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता ने एक जनहित याचिका दायर की थी और यह भी कहा था कि कोरोना संक्रमण के इस समय में इस तरह के कार्य से कोरोना संक्रमण में बेतहाशा इजाफा हो सकता है।

याचिका में यह भी कहा गया था कि केन्द्र सरकार ने इसके निर्माण में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उस आदेश का भी उल्लंघन किया था जिसमें कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान के केवल आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को ही अनुमति दी जाएगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि यह प्रोजेक्ट“ मौत का केन्द्रीय गढ़” है और इसके बारे में कोई भी जानकारी हासिल नहीं की जा सकती है तथा यह भी पता लगाना कठिन है कि केन्द्र सरकार ने जो आश्वासन दिए थे क्या उनकी दिशा में कोई कदम उठाए जा रहे हैं।

याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि दिशानिर्देशों के मुताबिक जिस स्थान पर मजदूर रह रहे हैं उनके अलावा सभी निर्माण संबंधी गतिविधियों को रोका जाना है।

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के सामने कभी भाजपा की राजनीति का चुनौतीपूर्ण पर्याय बने पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का कोरोना से निधन attacknews.in

भोपाल, 31 मई । मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का आज यहां निधन हो गया।

मूल रूप से विदिशा जिले के सिंरोज निवासी श्री शर्मा को कोरोना संक्रमण के चलते कुछ दिनों पहले यहां चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज रात उन्होंने अंतिम सांस ली।

वे लगभग 60 वर्ष के थे। शुरूआती दिनों में शिक्षक के रूप में कार्य करने वाले श्री शर्मा नब्बे के दशक में विधायक चुने गए थे। इसके बाद वे लगातार आगे बढ़ते गए और भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री तक का सफर तय किया।

श्री शर्मा सिंरोज विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर निर्वाचित हुए थे और जनसंपर्क तथा अन्य प्रमुख विभागों के मंत्री रहे थे। हालाकि बाद का जीवन उनका काफी चुनौतीपूर्ण रहा।

मध्यप्रदेश में सोमवार को मिले कोरोना के 1205 मरीज, 48 की मृत्यु;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,80,030 और मृतकों की संख्या 8067 हुई attacknews.in

भोपाल, 31 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के घटते मामलों के बीच आज 1205 लोग कोरोना संक्रमित मिले है।इस महामारी से आज 48 लोगों की मौत हुई है।

अब सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 23390 पहुंच गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 75417 सैंपल की जांच में 1205 पॉजीटिव मिले और 74,212 निगेटिव रहे।

हालाकि 226 सैंपल रिजेक्ट हुए और संक्रमण दर 1़ 5 प्रतिशत रही।

बुलेटिन के अनुसार 1205 नए मामले आने के बाद राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,80,030 हाे गयी।

इनमें से 748573 लोग कोरोना संक्रमण को मात देकर घर पहुंच चुके है।

इस संक्रमित महामारी ने राज्य में 8067 लोगों की जान ले चुका है।

वर्तमान में सक्रिय मामले घटकर 23,390 हो गए हैं।

राज्य में सबसे अधिक मामले 391 इंदौर जिले में दर्ज किए गए।

इसके अलावा भोपाल में 245, ग्वालियर में 49, जबलपुर में 77, उज्जैन में 18, रतलाम में 27, सागर में 20, रीवा में 18, खरगोन में 15, बैतूल में 19 और धार में 17 नए मामले सामने आए।

उत्तरप्रदेश में जून भर रहेगा वैक्‍सीनेशन का जुनून: मंगलवार को दुनिया के सबसे बड़े वैक्‍सीनेशन अभियान का मंगल आगाज होगा जब सरकार एक करोड़ डोज लगाने की तैयारी में है attacknews.in

लखनऊ 31 मई । कोरोना के खिलाफ निर्णायक लड़ाई को तैयार उत्तर प्रदेश में अब पूरे जून वैक्‍सीनेशन का जुनून चलेगा। मंगलवार को दुनिया के सबसे बड़े वैक्‍सीनेशन अभियान का मंगल आगाज होगा जब सरकार कोविड वैक्‍सीन की एक करोड़ डोज लगाने की तैयारी में है ।

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि राज्‍य के 75 जिलों के गांव,गली,मोहल्‍लों से लेकर शहर तक चलने वाले इस अभियान के जरिये योगी सरकार कोरोना के खिलाफ यूपी को अभेद्य कवच से लैस करने की योजना पर काम कर रही है। इस महाअभियान की निगरानी अलग अलग जिलों में योगी सरकार के विधायक, मंत्री और अधिकारी करेंगे।

अलीगढ़ में जहरीली शराब से मरने वालों का सिलसिला थमा नहीं,आंकड़ो को छुपाने की जद्दोजहद में लगा प्रशासन,मृतकों की संख्या 80 पहुंची attacknews.in

अलीगढ़ 31 मई ।उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में शराब कांड में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और अब ये आंकड़ा 80 तक पहुंच गया है ।

घटना के चौथे दिन भी जहरीली शराब से लोग मर रहे हैं। तीसरे दिन 15 मौतों के बाद आज सोमवार को अबतक 9 और लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को अलीगढ़ के थाना महुआखेड़ा धनीपुर में दो लोगों की, क्वार्सी क्षेत्र के चंदनिया में चार लोगों की और तीन अन्य की जहरीली शराब पीने से मौत हुई। इसी के साथ जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या का आंकड़ा 80 पहुंच गया है।

आंकड़ा पहुंचा 80, लेकिन प्रशासन डाल रहा पर्दा

अलीगढ़ में जहरीली शराब ने लगातार चौथ दिन सोमवार को भी कहर बरपाया। शराब पीने से टप्पल के बीमार लोगों की मौत का सिलसिला चौथे दिन भी जारी रहा। सोमवार को जिले में 9 और लोगों की मौत हो गई। इससे पहले रविवार शाम तक पोस्टमार्टम के लिए लाए गए शवों की संख्या 71 तक पहुंच गई थी। इस तरह जिले में रविवार को 15 मौत हुई थीं और आज 9।

वहीं जिला प्रशासन द्वारा अभी तक मौत के इस तांडव को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। बल्कि प्रशासन लगातार आंकड़े छिपाने में जुटा है।

जिलाधिकारी ने मौतों को लेकर आधिकारिक पुष्टि करने के बजाय कहा है कि अब पोस्टमार्टम रिपोर्टों के अध्ययन के बाद ही यह तस्वीर साफ की जा सकेगी जहरीली शराब से जिले में कितनी मौत हुई हैं। फिलहाल पोस्टमार्टम कराए जा रहे हैं।

खुलेआम होती है नकली शराब की बिक्री

अलीगढ़ जहरीली शराब कांड के इस प्रकरण में मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो चुकी है। चार लोगों ने रविवार को एडीएम प्रशासन के कार्यालय में पहुंचकर अपने बयान दर्ज कराए। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि खुलेआम नकली, कच्ची शराब की बिक्री होती है। 24 घंटे ठेकों से शराब की बिक्री होती है।

जहरीली शराब फैक्टरी का पर्दाफाश

अलीगढ़ में जहरीली शराब बेचकर मौत का तांडव मचाने वाला 50 हजारी नकली शराब सरगना विपिन उर्फ ओमवीर यादव को एक अन्य साथी संग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उसके उस ठिकाने को भी बेपर्दा कर दिया है जहां यह शराब बनाई जा रही थी। 15 फीट ऊंचाई की बाउंड्रीवाल में कैद यह शराब फैक्टरी अकराबाद क्षेत्र के पनैठी से सटे गांव अधौन के खेतों में चल रही थी। विपिन की गिरफ्तारी के बाद देर रात एक टीम अधौन स्थित फैक्टरी पहुंच गई थी, जहां भारी मात्रा में माल बरामद किया गया था, जबकि दूसरी टीम तालानगरी की एक स्याही-सैनीटाइजर फैक्टरी में थी। वहां भी चेकिंग की जा रही थी।

आबकारी विभाग को ठहराया गया जिम्मेदार

जहरीली शराब से मौतों के लिए जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर से शासन को भेजी गई संयुक्त रिपोर्ट में आबकारी को सीधे-सीधे जिम्मेदार ठहराया गया है। इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ठेकों से इस तरह की शराब बिक रही है, यह बिना आबकारी की मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता। इधर, शासन स्तर से भी इस सच्चाई की जानकारी के लिए आईबी की टीम यहां भेजी गई है। जो जांच पड़ताल कर सीधे लखनऊ को रिपोर्ट भेज रही है। ये टीमें घटना वाले गांवों से लेकर पोस्टमार्टम तक हर एक पहलू पर जांच कर रही है। शराब के सभी चर्चित कारोबारियों की कुंडली भी जुटाई जा रही है। इनके राजनीतिक कनेक्शन, संरक्षणदाता, अधिकारियों से संबंध पर भी जांच चल रही है।

रिमांड पर लिए गए रालोद नेता अनिल चौधरी

जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपियों में शामिल रालोद नेता अनिल चौधरी व सहयोगी ठेकेदार नरेंद्र को पुलिस ने तीन दिन के रिमांड पर ले लिया है। रिमांड मंजूर होने के बाद उन्हें पुलिस टीम पूछताछ के लिए ले गई है। इस दौरान प्रयास किया जा रहा है कि उनसे इस रैकेट के एक-एक राज उगलवाए जाएं। साथ में फरार साथियों के विषय में भी पता लगाया जा सके।

एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार अनिल चौधरी व नरेंद्र का पुलिस कस्टडी रिमांड शनिवार को ही आवेदन कर उसे तीन दिन के लिए मंजूर करा लिया गया है। यह रिमांड रविवार से शुरू हुआ है और तीनों को पुलिस टीमें पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई हैं। एसपी देहात शुभम पटेल की अगुवाई में लगातार पूछताछ चल रही है। इनसे वो हर राज उगलवाने का प्रयास चल रहा है जो इस रैकेट के संबंध में है।

दो थानेदार व दो दरोगा निलंबित

जहरीली शराब कांड में एसएसपी कलानिधि नैथानी ने जिले के दो थानेदार व दो दरोगाओं को और निलंबित कर दिया है। इनमें लोधा के बाद टप्पल क्षेत्र में सर्वाधिक मौतों को लेकर टप्पल इंस्पेक्टर व जट्टारी चौकी प्रभारी को निलंबित किया है। वहीं जिले में मौत का तांडव मचाने वाली फैक्टरी अकराबाद क्षेत्र में संचालित होने पर वहां के एसओ व निवर्तमान चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया है। साथ ही एसएसपी ने साफ कहा है कि इस कांड में बिना सोये काम करने वाले और तगड़ी कार्रवाई करने वालों को बेहतर इनाम दिया जाएगा।

आबकारी आयुक्त पी गुरूप्रसाद हटाये गये

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार शाम भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पांच अधिकारियों का तबादला किया है जिसमें आबकारी आयुक्त पी गुरूप्रसाद शामिल है।

अधिकृत सूत्रों ने बताया कि श्री प्रसाद को पद से हटाते हुये प्रतीक्षा सूची में डाला गया है जबकि उनके स्थान पर अंतर राज्यीय प्रतिनियुक्ति से वापस रिग्जियान सैंफिल को तैनात किया गया है। माना जाता है कि अलीगढ़ में जहरीली शराब कांड के सिलसिले में श्री प्रसाद के खिलाफ यह कार्रवाई की गयी है।

पुलिस पर धौंस झाड़ने वाला फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर हवालात में बंद;एक पारिवारिक झगड़े में समझौते के लिए लड़की वालों को धमका रहा था attacknews.in

जींद, 31 मई । एक पारिवारिक झगड़े में समझौते के लिए लड़की वालों की धमकाने और पुलिस पर ही धौंस झाड़ने के आरोप में एक फर्जी सीबीआई निरीक्षक को गिरफ्तार किया गया है।

हरियाणा के जींद जिले में सफीदों सदर पुलिस ने बताया कि ससुराल में प्रताड़ित किये जाने के बाद एक युवती अपने मायके चली गयी थी। उनके पिता भूप सिंह ने पुलिस को इस संबंध में दी शिकायत में बताया कि उनके पास अनिल दहिया नामक व्यक्ति का फोन आया था जिसने खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर बताया और धमकाया कि बेटी को ससुराल भेज दो, नहीं तो उठवा लेंगे, मार डालेंगे। कुछ दिन बाद उनके पास फिर फोन आया और सामने वाले ने खुद को गोहाना का पुलिस थाना प्रभारी बताया।

इस बार श्री सिंह ने उसे सफीदों पुलिस थाने में आकर बात करने के लिए कहा। इसके बाद अनिल दहिया सफीदों पुलिस थाने में आया और वह खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर बताते हुए पुलिस से लड़की वालों पर कार्रवाई के लिए धौंस झाड़ने लगा।

उसके बार-बार धौंस झाड़ने पर थाना प्रभारी मलकीत सिंह को शक हुआ और दहिया के परिचय पत्र और पिस्तौल की जांच की गई तो दोनों चीजें फर्जी पाई गईं।

तथाकथित इंस्पेक्टर ने जांच कर रहे अधिकारी को भी धमकाया और थाने में मुंशी को भी लताड़ लगाई। इस समय एसएचओ थाने से बाहर थे।

जब युवक ने ज्यादा झाड़ लगानी शुरु की तो पुलिसकर्मियों को कुछ शक हुआ जिसके बाद जांच की गई। इसके बाद तथाकथित सीबीआई इंस्पेक्टर को पुलिसकर्मियों ने अपनी बातों में उलझाया और उसके कार्ड को वैरिफाई करवाया, लेकिन वो फर्जी निकला।

इसके बाद जब सरकारी असलहा के प्रकार की पिस्तौल डाली हुई थी उसकी चैकिंग की गई तो वह भी नकली निकली। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने आरोपी को काबू कर लिया । पुलिस ने जब गहनता से पूछताछ की तो आरोपी की पहचान गोहाना निवासी सुनील के रुप में हुई है।

सदर थाना सफीदों पुलिस ने सुनील के खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, फर्जीवाड़े का सहारा लेने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।

शिवराज सिंह चौहान की जिंदगी का सबसे भयानक दौर गुजरा जो था कोरोना की दूसरी लहर को बताकर कहा:कुछ छूटों के साथ कोरोना कर्फ्यू 15 जून तक लागू रहेगा, क्राइसिस मेनेजमेंट समूह प्रत्येक तीसरे दिन रिव्यू करेंगे attacknews.in

भोपाल, 31 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संकट टला है, समाप्त नहीं हुआ। प्रदेश में आगामी 15 जून तक कई छूटों के साथ कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा।

श्री चौहान ने आज मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, प्रभारी सचिवों सहित क्राइसिस मेनेजमेंट समूह के सदस्यों से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि क्राइसिस मेनेजमेंट समूह छूटों के विषय में निर्णय लेंगे तथा प्रत्येक तीसरे दिन रिव्यू करेंगे। संक्रमण किसी भी स्थिति में बढ़ने नहीं देना है।

श्री चौहान ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर ‘मेरी जिंदगी का सबसे भयानक दौर’ था। इस संकट के समय में जिस तरह जनसहयोग से मध्यप्रदेश संकट से बाहर आया है, उसके लिए मैं सभी को अपनी अर्न्तरात्मा से धन्यवाद देता हूँ एवं आभार व्यक्त करता हूँ। मध्य प्रदेश क्राइसिस मेनेजमेंट समितियों के माध्यम से जनसहयोग द्वारा कोरोना नियंत्रण का अनूठा मॉडल है, जिसकी पूरे देश में चर्चा हो रही है।

श्री चौहान ने कहा कि हर व्यक्ति के लिए कोविड अनुरूप व्यवहार, सभी कोविड गाइड लाइन्स का पालन अनिवार्य है। हर जिले में इसे सुनिश्चित कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की पॉजिटिविटी रेट घटकर 1.6 प्रतिशत रह गई है, यह प्रसन्न्ता की बात है। प्रदेश की रिकवरी रेट 96 प्रतिशत हो गई है। आज किए गए 75 हजार से अधिक टैस्ट में 1205 नए पॉजिटिविट प्रकरण आए हैं। खण्डवा जिले में कोरोना का कोई प्रकरण नहीं है तथा 30 जिलों में 10 से कम नए प्रकरण आए हैं।

श्री चौहान ने कहा कि सभी दुकानदान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। स्वंय मास्क लगाएं, दुकान पर सेनेटाइजर रखें, ग्राहकों के बीच दूरी की व्यवस्था करें तथा बिना मास्क वाले को सामान न दें।

श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार 03 महीने का तथा केन्द्र सरकार 02 महीने का नि:शुल्क राशन दे रही है। प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 05 किलो राशन दिया जा रहा है। यह सभी को मिल जाए यह सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनता को कोरोना से सहायता देने के लिए 05 नई योजनाएं मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, कोरोना योद्धा योजना, अनुकंपा नियुक्ति एवं विशेष अनुग्रह योजना, तथा कोविड मृत्यु पर अनुगृह राशि योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। इन सभी का लाभ जनता को दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए।

श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने फैसला लिया है कि अब विधायकगण अपनी विधायक निधि की 50 प्रतिशत राशि स्वेच्छानुदान के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे।

बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।

मप्र में 15 जून तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा, लेकिन रियायतें भी रहेंगी –

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ गया है, लेकिन ऐहतियातन कोरोना कर्फ्यू 15 जून तक जारी रहेगा और इस दौरान अनलॉक के तहत अनेक रियायतें कल से दी जाएंगी।

श्री चौहान ने देर शाम राज्य की जनता को संबोधित करते हुए यह बात कही। सोशल मीडिया के माध्यम से अपने संबोधन में श्री चौहान ने एक मंत्र देते हुए कहा ‘अब हमें जिंदगी को अनलॉक और कोरोना को लॉक’ करना है। उन्होंने नागरिकों को समझाइश भी दी और कहा कि तीसरी लहर हम लोगों की लापरवाही का ही नतीजा रहेगी, इसलिए हम लोग ‘कोविड अनुकूल व्यवहार’ को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। ऐसा करने पर तीसरी लहर रोकी जा सकती है।

इस बीच श्री चौहान ने कल से पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित गतिविधियों और प्रतिबंध से मुक्त गतिविधियों की जानकारी भी दी।

सम्पूर्ण प्रदेश में प्रतिबंधित गतिविधियाँ

1 सभी सामाजिक / राजनैतिक / खेल मनोरंजन / शैक्षणिक / सांस्कृतिक / धार्मिक आयोजन / मेले आदि।
2 स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक प्रशिक्षण / कोचिंग संस्थान।
3 सिनेमा घर, शापिंग मॉल, व्यायाम शाला, जिम, स्वीमिंग पूल, थियेटर, पिकनिक स्पॉट, बार, ऑडिटोरियम, सभागृह
4 अत्यावश्यक सेवाएं देने का कार्य करने वाले कार्यालयों को छोड़कर शेष कार्यालय 100% अधिकारी और 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ संचालित हो सकेंगे।
5 सभी धार्मिक / पूजा स्थल पर एक समय में 04 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं रहेंगे।
6 अधिकतम 10 लोगों के साथ अंतिम संस्कार / मृत्युभोज की अनुमति।
7 दोनों पक्षों के मिलाकर अधिकतम 20 लोगों के साथ विवाह की अनुमति।
8 किसी भी स्थान पर 06 से अधिक व्यक्तियों के इकठ्ठा होने पर प्रतिबन्ध।
9 पूरे प्रदेश में शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू।

सम्पूर्ण प्रदेश में प्रतिबंध से मुक्त गतिविधियाँ

1 समस्त प्रकार के उद्योग एवं औद्योगिक गतिविधियां।
2 उद्योगों में कच्चा माल / तैयार माल का आवागमन।
3 अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक मेडिकल इन्श्योरेंस कम्पनीज अन्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं और पशु चिकित्सा अस्पताल
4 केमिस्ट, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन दुकानें, किराना दुकानें, फल और सब्जियां, डेयरी एवं दूग्ध केन्द्र, पशु आहार की दुकानें।
5 पेट्रोल / डीजल पम्प / गैस स्टेशन, रसोई गैस। मण्डी, खाद बीज / कृषि यंत्र की दुकानें एवं सभी कृषि गतिविधियाँ
6 रेस्टोरेंट एवं भोजनालय (केवल टेक होम डिलेवरी के लिए)
7 लॉजिंग/होटल (केवल आगन्तुकों के लिए रूम डायनिंग के साथ)
8 बैंक, बीमा कार्यालय एवं एटीएम • प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा केबल आपरेशन्स बैंक, इन्श्योरेंस, नॉन- बैंकिंग फाइनांस कम्पनियाँ, सहकारी साख समिति, कैश मेनेजमेन्ट एजेन्सीज आदि का संचालन एवं आवागमन
9 इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर, मोटर मेकेनिक आई. टी सर्विस प्रोवाईडर आवागमन
10 एम्बूलेंस, ऑक्सीजन टैंकर्स का सम्पूर्ण प्रदेश में आवागमन।
11 अस्पताल / नर्सिंग होम और टीकाकरण हेतु आवागमन कर रहे नागरिक/कर्मचारी
12 सार्वजनिक परिवहन (निजी बसों, ट्रेनों के माध्यम से)
13 सभी प्रकार के सामानों और माल की आवाजाही
14 निजी सुरक्षा सेवाएं
15 घरेलू सेवा देने वाले यथा लांड्री, ड्रायवर, हाऊस हेल्प/मेड, कुक आदि का आवागमन
16 ई-कॉमर्स कम्पनियों से तथा अत्यावश्यक वस्तुओं की दुकानों से होम डिलीवरी
17 रेड जोन के बाहर के ग्रामों में समस्त मनरेगा कार्य, ग्रामीण विकास कार्य एवं अन्य विभागों के निर्माण कार्य तथा तेन्दूपत्ता संग्रहण के कार्य
18 फायर बिग्रेड, टेली-कम्यूनिकेशन, विद्युत प्रदाय, रसोई गैस, पेट्रोल/ डीजल/केरोसीन टैंकर, होम डिलेवरी सेवाएं, दूध एकत्रीकरण/वितरण, फल-सब्जी के परिवहन, डाक एवं कोरियर सेवाये
19 मोहल्लों / कॉलोनियों में एकल दुकानें। कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउसिंग की सर्विसेज
20 समस्त सिविल मरम्मत कार्य तथा नवीन कन्स्ट्रक्शन गतिविधियाँ
21 परीक्षा केन्द्र आने एवं जाने वाले परीक्षार्थी तथा परीक्षा केन्द्र एवं परीक्षा आयोजन से जुड़े कर्मी / अधिकारीगण का आवागमन
22 ऑटो, ई रिक्शा में 02 सवारी, टेक्सी / निजी 04 पहिया वाहन में ड्राइवर सहित 03 सवारी कोविड प्रोटोकॉल के साथ
23 जिला स्तर पर परंपरागत लेबर मार्किट कोविड प्रोटोकॉल के साथ
24 व्यक्तियों और वस्तुओं का राज्य के भीतर और राज्य के बाहर आवागमन

राज्य के सभी 52 जिलों में अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से कोरोना की दूसरी लहर के भयानक प्रकोप के कारण कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया था, जो लगभग सभी जिलों में आज 31 मई तक था। मई माह में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में आने के चलते श्री चौहान ने कल से अनेक रियायतों की घोषणा करते हुए राज्य काे धीरे धीरे अनलॉक करने की दिशा में कदम बढ़ाया है ।