उत्तर प्रदेश सरकार नहीं देगी अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृति अभिलेख attacknews.in

लखनऊ 09 जून । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को उनके अनिवार्य सेवानिवृति विषयक अभिलेख देने से मना कर दिया है।

अमिताभ ठाकुर को गृह मंत्रालय के निर्णय के पालन में 23 मार्च 2021 को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी थी। अमिताभ ने सरकार के इस निर्णय से संबंधित अभिलेख मांगे थे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को उन्हें दी गई अनिवार्य सेवानिवृति से संबंधित दस्तावेज देने से मना कर दिया है। ठाकुर को गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुपालन में गत 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी थी। उन्होंने शासन के इस निर्णय से संबंधित अभिलेख मांगे थे।

अमिताभ ठाकुर की पत्नी और सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने बुधवार को बताया कि गृह विभाग के विशेष सचिव कुमार प्रशांत के हस्ताक्षर से निर्गत आदेश के अनुसार अमिताभ को उनकी अनिवार्य सेवानिवृति से संबंधित पत्रावली के नोटशीट, पत्राचार, कार्यवृत वगैरह की प्रति नहीं दी जा सकती क्योंकि ये सभी अभिलेख ‘अत्यंत गोपनीय’ प्रकृति के हैं जो उच्चतम स्तर के अधिकारियों के विचार-विमर्श तथा अनुमोदन से संबंधित हैं।

अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि सरकार द्वारा मनमाने ढंग से उन्हें सेवा से निकाला जाना तथा अब उनकी जीविका से संबंधित सूचना भी नहीं देना अत्यंत दुखद है तथा सरकार की गलत मंशा को दिखाता है।

नूतन ने बताया कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इसी सिलसिले में सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी देने से मना कर दिया था।खराब शासन के आरोप में गृह मंत्रालय ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।

नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान कतिपय प्रस्तावों का विरोध करने की खबरों पर कहा कि,किसी विषय पर सुझाव देना नाराजगी नहीं होती attacknews.in

भोपाल, 09 जून । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में कोई मतभेद नहीं है और पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व में एक है।

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान कल यहां कतिपय प्रस्तावों का श्री मिश्रा द्वारा विरोध करने संबंधी समाचारपत्रों में प्रकाशित खबरों के संदर्भ में श्री मिश्रा ने यह टिप्पणी की है।

उन्होंने यहां मीडिया से चर्चा के बाद ट्वीट में लिखा है कि कल कैबिनेट की बैठक को लेकर मीडिया में चल रही खबर निराधार है। कैबिनेट में सारगर्भित चर्चा होती है। किसी विषय पर सुझाव देना नाराजगी नहीं होती।

श्री मिश्रा ने सिलसिलेवार ट्वीट में एक अन्य संदर्भ में कहा कि कांग्रेस में श्री सचिन पायलट की अनदेखी का दर्द सबके सामने है। दरअसल कांग्रेस की संस्कृति ही ऐसी है, जहां जमीनी कार्यकर्ता की कोई कद्र नहीं होती। पार्टी में यह परंपरा सर ए ओ ह्यूम (कांग्रेस के संस्थापक) के समय से चली आ रही है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता श्री मिश्रा ने यह भी बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति में तेजी से सुधार जारी है। पिछले 24 घंटों में 1030 मरीज स्वस्थ हुए और 453 नए मामले सामने आए। संक्रमण दर घटकर अब 0़़ 5 प्रतिशत और रिकवरी दर बढ़कर 98़ 02 प्रतिशत हो गयी है। राज्य में दतिया समेत 09 जिलों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

नहीं थम रही हैं मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की गुटीय राजनीति:वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने कार्यकर्ताओं से पार्टी की भीतरी और विपक्ष की उकसावे की राजनीति से दूर रहने की अपील की attacknews.in

भोपाल, 09 जून । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं से विनम्र अपील की है कि वे ””ताजा राजनीतिक गतिविधियों”” के चलते विचलित होकर जल्दबाजी में ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं करें, जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो।

श्री सिंह ने यहां जारी बयान में कार्यकर्ताओं से कहा कि राजनीति धैर्य के साथ ठहरने और देख कर आगे बढ़ने की प्रक्रिया है।इसलिए भावुक होकर वे अपना विवेक न छोड़ें और ऐसी बयानबाजी न करें, जिससे भाजपा को फायदा लेने का कोई मौका मिले।

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में विंध्य अंचल के मैहर की यात्रा के दौरान वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य अंचल में पार्टी के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए मार्च 2020 में पंद्रह माह पुरानी तत्कालीन कांग्रेस सरकार के पतन के संबंध में बयान दिया था।इसके बाद श्री अजय सिंह का भी बयान मीडिया में आया था।

इस घटनाक्रम को लेकर इक्का दुक्का नेताओं के बयानों के बीच पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को रीवा शहर एवं ग्रामीण कांग्रेस का प्रभारी मनोनीत कर दिया गया।कांग्रेस की राजनीति में श्री अजय सिंह और श्री चतुर्वेदी के ”संबंध” किसी से छिपे हुए नहीं हैं।

विंध्य अंचल से आने वाले श्री अजय सिंह ने आज के बयान में कहा कि राज्य के विंध्य अंचल की तासीर को न समझने वाले इक्का दुक्का जूनियर लोग उन पर व्यक्तिगत आक्षेप लगा रहे हैं।इस बहाने वे अपनी महत्वाकांक्षा के चलते राजनीतिक प्रतिबद्धता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे पार्टी को ही नुकसान होगा और भाजपा इसका लाभ लेने की कोशिश करेगी।

उन्होंने कहा कि एकता में ही हमारी ताकत है।

कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता से उन्होंने आग्रह किया है कि वे किसी उकसावे में न आयें।इसके पीछे छिपी साजिश का आकलन करें और संगठन को प्रभावी और मजबूत करने के लिए पहले की तरह काम करते रहें।

श्री सिंह ने कार्यकर्ताओं से कहा ””जहाँ तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बयान का सवाल है, वह एक सहज अभिव्यक्ति थी, न कि कोई दोषारोपण।फिर भी मैंने आप सबकी ओर से असहमति, आपत्ति और भावनाएं उन्हें व्यक्त कर दी हैं कि आपके कहने का कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कहीं न कहीं विपरीत सन्देश गया है।इससे भाजपा को मौका मिलेगा।मैं आज भी कह रहा हूँ कि पिछले चुनाव में विंध्य के कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं ने जी तोड़ मेहनत की थी, भले ही परिणाम विपरीत आये हों।””

वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र में असहमति, आपत्ति और उचित सलाह का अर्थ विरोध करना नहीं लगाया जाता।लेकिन विन्ध्य के साथ साथ प्रदेश के कुछ कार्यकर्ता इस घटनाक्रम पर जिस तरह प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, उससे भाजपा वाले कांग्रेस में आंतरिक विरोध शुरू होने का प्रचार कर रहे हैं, जो कि पार्टी के लिए नुकसानदायक है।

इसके मद्देनजर उन्होंने कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता से आग्रह किया है कि वे शांत रहें।

जहाँ तक कांग्रेस प्रभारियों की नियुक्तियों का मामला है, उस पर कांग्रेस का बयान आ चुका है कि जहाँ कहीं से भी विसंगति की शिकायतें आ रही हैं, वहां पुनर्विचार किया जायेगा।

इसके मद्देनजर सभी कार्यकर्ता कृपया धैर्य से काम लें।

मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ की कोरोना रिपोर्ट आई निगेटिव,चेकअप के लिए पहुंचे मेदांता अस्पताल में हो गये भर्ती;दिल्ली यात्रा पर हुए थे रवाना attacknews.in

भोपाल, 09 जून । मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ रुटीन चेकअप और जांच के लिए गुरूग्राम के एक अस्पताल पहुंचे ।

श्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने आज यहां बताया ”पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी, दो दिन से बुखार होने के कारण रुटीन चेकअप व जांच के लिए गुरूग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में पहुंचे हैं।डॉक्टर्स द्वारा परीक्षण के उपरांत आवश्यक निर्णय लिया गया ।”

मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज रुटीन चेकअप और जांच के लिए गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए हैं।

नरेंद्र सलूजा ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को दो तीन दिन से बुखार था और उन्होंने अपने सभी दौरे निरस्त कर दिए। इसके बाद वे मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए। अस्पताल में उनके सभी आवश्यक परीक्षण हुए।

श्री सलूजा ने बताया कि श्री कमलनाथ की कोरोना संबंधी रिपोर्ट निगेटिव आयी है। डॉक्टर निरंतर उनके स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे हैं और उनका स्वास्थ्य अब बेहतर है

श्री कमलनाथ हाल ही में दिल्ली की यात्रा पर रवाना हुए थे।

कांग्रेस को उत्तरप्रदेश में झटका दे गये जितिन प्रसाद का पार्टी से इन कारणों से हुआ मोहभंग और घुटनभरी राजनीति का अंत भाजपा में शामिल होने से हुआ attacknews.in

क्या उत्तर प्रदेश में भाजपा से ब्राह्मणों की नाराजगी दूर कर पाएंगे जितिन प्रसाद;

नईदिल्ली 8 जून ।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक बिसात में अपने खिसकते ब्राह्मण वोट बैंक को मजबूती से थामने के उद्देश्य से आज कांग्रेस में हाशिये पर आये एक प्रभावशाली ब्राह्मण नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को भगवा ब्रिगेड में शामिल कर लिया।

तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़े श्री प्रसाद ने बुधवार को यहां गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद पार्टी कार्यालय में मोदी मंत्रिमंडल के हाई प्रोफाइल मंत्री पीयूष गोयल के हाथों सदस्यता पर्ची और गुलदस्ता ग्रहण करके भाजपा परिवार में पदार्पण किया। बाद में उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी मुलाकात की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद का कांग्रेस पार्टी से बाहर होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में उनका शामिल होने के कयास लंबे समय से चल रहे थे।

कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विश्वासपात्र माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी से बाहर होना और अब जितिन प्रसाद का ऐसे समय में पार्टी को छोड़ना जब उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनावों होने वाला है, उससे पहले ये खेल कांग्रेस के लिए नुकसानदायक होगा ।

यूपी में भाजपा की अगुवाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार है, जो योगी लगातार दूसरी बार चुनावी जीत की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट है कि राहुल और कांग्रेस को शर्मिंदा करने और सबसे पुरानी पार्टी की स्थिति को कमजोर करने से इतर यकीनन कुछ और है जो भाजपा में प्रसाद के शामिल होने से राजनीतिक लाभ मिलता है।

जितिन प्रसाद दो साल से भी अधिक समय से कांग्रेस में नाराज़ चल रहे थे और पार्टी के भीतर, खास तौर से उत्तर प्रदेश में दरकिनार किए जाने के बाद से वो अपना धैर्य खो चुके थे। 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले जब पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने मध्य यूपी की कुछ सीटों, खास तौर से खीरी और सीतापुर के लिए पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों का फैसला करने से पहले प्रसाद को लेकर इनकार कर दिया था, तभी से पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लगभग कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया था।

इन दोनों क्षेत्र से सटे धौरहरा निर्वाचन क्षेत्र से प्रसाद ने 2009 का चुनाव जीता था जबकि दूसरी बार 2014 में भाजपा की रेखा वर्मा से वो हार गएं। हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आश्वासनों के बाद जितिन प्रसाद ने भाजपा में जाने की अपनी योजना को छोड़ दिया था।

उसके बाद जितिन प्रसाद लगातार तीसरी बार हार गए। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें अपने गृह जिले शाहजहांपुर के तिलहर निर्वाचन क्षेत्र से उतारा गया था लेकिन वो हार गए। 2019 में, कांग्रेस पार्टी के नेशनल और उत्तर प्रदेश, दोनों मोर्चों पर भाजपा के खिलाफ कमजोर पड़ती कांग्रेस ने उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया।

2019 में उनके भाजपा में शामिल होने की अफवाह और बीते साल अगस्त में 23 कांग्रेस नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पार्टी के प्रभावी नेतृत्व की मांग करने वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद से उन्होंने राहुल-प्रियंका का विश्वास खो दिया, जिन्होंने उन्हें पार्टी के भीतर किसी पुराने राजनीतिक कोने में डाल दिया था।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की भाजपा के साथ लगातार पीछे के दरवाजे से चल रही बातचीत के बारे में पार्टी नेतृत्व को पता था। हालांकि, गांधी परिवार को उम्मीद थी कि जितिन प्रसाद, जिनके दिवंगत पिता जितेंद्र प्रसाद 2000 में पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में सोनिया को खुले तौर पर और असफल रूप से चुनौती देने के बावजूद कांग्रेस के प्रति वफादार रहे थे, को और अधिक जिम्मेदारियां दी गईं तो वे भाजपा के साथ अपने संबंधों को खत्म कर देंगे।

जी-23 पत्र विवाद के बाद सोनिया ने न केवल जितिन को नई कांग्रेस कार्यसमिति में बनाए रखने का फैसला किया था, बल्कि उन्हें पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी भी दी थी। हालाँकि, प्रसाद ने बंगाल में अपनी नई भूमिका को गांधी परिवार द्वारा अपने गृह राज्य यूपी से दूर रखने की एक चाल के रूप में देखा था। विशेष रूप से बाद के महीनों में, जब उन्हें कई आंतरिक समितियों से बाहर रखा गया था, जिन्हें प्रियंका ने कांग्रेस की चुनावी तैयारियों के लिए यूपी में गठित किया था।

हाल में संपन्न हुए बंगाल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। बंगाल और अन्य राज्यों में चुनाव की हार पर चर्चा को लेकर आयोजित कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक में जितिन प्रसाद ने संकेत दिया था कि बंगाल में हार केंद्रीय नेतृत्व की वजह से हुई।

प्रसाद ने गांधी परिवार पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए सीडब्ल्यूसी में कहा था कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने न केवल राज्य के नेताओं को कठिन चुनाव में खुद को बचाने के लिए छोड़ दिया है, बल्कि ममता बनर्जी के खिलाफ स्पष्ट रूप से ‘नरम’ अभियान के जरिए मतदाताओं को भ्रमित करके माहौल को और भी खराब कर दिया एआईसीसी ने न केवल राज्य के नेताओं को एक कठिन चुनाव में खुद को बचाने के लिए छोड़ दिया था, बल्कि ममता बनर्जी के खिलाफ स्पष्ट रूप से ‘नरम’ अभियान के माध्यम से मतदाताओं को भ्रमित करके चीजों को और भी खराब कर दिया था, क्योंकि अधीर रंजन चौधरी जैसे राज्य के नेताओं के द्वारा मुखर आलोचना से इतर सीएम ममता को पार्टी के अधीन किया जा रहा था। जबकि जितिन प्रसाद की कथित टिप्पणियों में कोई कमी नहीं थी, कांग्रेस के कामकाज के बारे में दूर से ही किसी को पता होगा कि उनके बयानों से गांधी परिवार खुश नहीं होंगे।

जितिन प्रसाद ने अपना पाला ऐसे समय में बदला है जब अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी सीटों की संख्या और वोट शेयर बढ़ाने की पूरी कोशिश कांग्रेस कर रही है। जाहिर है, एक हाई-प्रोफाइल, ब्राह्मण चेहरे का पार्टी से बाहर होना, जो कभी राहुल गांधी के सबसे नजदीकी में से एक थे और जिन्होंने स्टील, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मानव संसाधन विकास और सड़क परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभागों के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, ऐसे समय में जब यूपी में प्रियंका और उनके कांग्रेसी सहयोगी सीएम योगी आदित्यनाथ को कोविड महामारी के खराब प्रबंधन, बिगड़ती कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक विभाजन को जोर देने सहित कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं। जितिन प्रसाद का पार्टी बदलना भाजपा के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत है।

लेकिन, अभी यूपी चुनाव आठ महीने दूर हैं। प्रसाद का भाजपा में शामिल होना और कांग्रेस का राज्य में अपने प्रमुख ब्राह्मण नेता को पार्टी के भीतर बनाए रखने में किस तरह की विफलता रही, यह लंबे समय तक जारी नहीं रह सकता। सवाल ये है कि जितिन प्रसाद के दल बदलने से भाजपा को क्या लाभ हो सकता है?

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पाला बदलकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी का बड़ा नुकसान किया था। कमलनाथ सरकार गिर गई थी। लेकिन, इससे इतर जितिन प्रसाद का यूपी में ऐसा कोई राजनीतिक दबदबा नहीं है। वो लगातार तीन चुनाव हारे हैं, उनके पास कांग्रेस पार्टी के ऐसे कोई विधायकी खेमे साथ में नहीं है, जो भाजपा में शामिल हो सकते हैं। जितिन प्रसाद, जो बेहतर अंग्रेजी बोलने वाले, मीडिया के साथ अच्छे तालुकात, जिन्हें कांग्रेस ने अब खो दिया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने पिछले एक साल में खुद को चुनावी रूप से ब्राह्मण समुदाय के महत्वपूर्ण नेता के रूप में पेश करने की भरपूर कोशिश की है। यूपी में ब्राह्मणों का लगभग 12 प्रतिशत वोट शेयर है। उन्होंने ब्राह्मण चेतना संवाद का नेतृत्व इसी उम्मीद में किया था कि उन्हें ऐसे कार्यक्रमों के जरिए इस समुदाय का विश्वास जीतने में मदद मिलेगी, जो एक ठाकुर समुदाय की अगुवाई वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नाराज थे। हालाँकि, इस समुदाय के वोट बैंक पर उनकी पकड़ भाजपा की रेखा शर्मा से अधिक मजबूत नहीं है, जिन्होंने 2014 और 2019 के आम चुनावों में धौरहरा क्षेत्र से जितिन प्रसाद को हराया था या दिनेश शर्मा जो राज्य में योगी सरकार में बनाए गए दो उपमुख्यमंत्रियों में से एक हैं।

इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि यूपी में ब्राह्मणों के बीच भाजपा की स्थिति अपने ही समुदाय के लिए योगी की कथित वरीयता को लेकर मजबूत नहीं है। जितिन प्रसाद के रूप में एक और ब्राह्मण चेहरे को जोड़ने से भाजपा को इस समुदाय तक अपनी निरंतर पहुंच बनाने में मदद मिल सकती है।

यदि जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल होकर अपने राजनीतिक प्रोफाइल में किसी भी तरह के आमूल-चूल बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं, तो वे कांग्रेस की एक अन्य पूर्व सहयोगी और ब्राह्मण नेता रीता बहुगुणा जोशी से भी संपर्क कर सकते थे। रीता बहुगुणा जोशी ने भाजपा में शामिल होने के साथ कई असफलताओं के बाद साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सफलतापूर्वक जीत हासिल की थी। बीजेपी के टिकट पर 2019 के चुनावों में, एक और चुनावी जीत से पहले उन्हें महिला कल्याण, परिवार कल्याण और पर्यटन मंत्री के रूप में योगी कैबिनेट में शामिल किया गया था।

भाजपा के मंच से अपने प्रथम वक्तव्य में श्री प्रसाद ने कहा कि उन्होंने बहुत सोच विचार कर कांग्रेस के साथ तीन पीढ़ी का संबंध छोड़ने और भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, “मैंने देश भर में भ्रमण करके और लोगों से बात करके महसूस किया है कि देश में असली मायने में कोई राजनीतिक दल है, संस्थागत दल है तो केवल भाजपा ही है, बाकी दल व्यक्ति आधारित या क्षेत्रीय दल हैं।”

उन्होंने कहा, “वैश्विक पटल पर ये दशक भारत के भविष्य के लिए निर्णायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नये भारत के निर्माण के लिए दिन-रात जुटे हैं। मुझे भी छोटा सा योगदान करने का मौका मिलेगा।”

उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस में रह कर महसूस हो रहा था कि इस दल में रह कर जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकते। यदि आप जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकते तो राजनीति में रहने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। अब वह भाजपा के सशक्त माध्यम से जनसेवा करेंगे।

श्री प्रसाद ने उन्हें भाजपा में शामिल करने के लिए श्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, “आपके स्नेह, अपनेपन से अभिभूत हूँ। भाविष्य में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, आपने एवं भाजपा परिवार ने जो विश्वास मुझ पर व्यक्त किया है उस पर पूर्ण रूप से खरा उतरने का प्रयास करूँगा।”

उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के प्रति किसी प्रकार की कटुता या आलोचना के शब्दों से परहेज किया तथा करीब 20 साल के उनके राजनीतिक कार्यकाल में उन्हें सहयोग देने वाले कांग्रेस के नेताओं के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया।

लव-जेहाद:कुशीनगर में इमरान ने सोनू शुक्ल बनकर भजन गायिका को दोस्ती में नशीला पदार्थ देकर बलात्कार करके 2 साल तक करता रहा ब्लैकमेल attacknews.in

कुशीनगर 8 जून ।उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र में लव जेहाद का मामला सामने आया है। हाटा नगर के एक मोहल्ले की युवती से गोरखपुर के एक शातिर ने अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर दोस्ती की। फिर घर ले जाकर नशीली गोली खिलाकर दुष्कर्म किया। दो साल तक उसका शोषण करता रहा।

दो महीने पहले युवती को सच्चाई का पता चला तो पहले से शादीशुदा शातिर युवक ने उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इससे उसकी शादी भी टूट गई। आरोपी युवक के खिलाफ रेप, मारपीट, धमकाने व लव जेहाद का मुकदमा दर्ज किया गया है।

कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र में लव जेहाद का मामला सामने आया है। हाटा नगर के एक मोहल्ले की युवती से गोरखपुर के एक शातिर ने अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर दोस्ती की। फिर घर ले जाकर नशीली गोली खिलाकर दुष्कर्म किया। दो साल तक उसका शोषण करता रहा। दो महीने पहले युवती को सच्चाई का पता चला तो पहले से शादीशुदा शातिर युवक ने उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इससे उसकी शादी भी टूट गई। आरोपी युवक के खिलाफ रेप, मारपीट, धमकाने व लव जेहाद का मुकदमा दर्ज किया गया है।

पीड़ित युवती ने पुलिस को बताया कि वह दो साल से गोरखपुर रहकर मंचों पर भजन गाया करती है। उसकी मुलाकात गोरखपुर में ही एक युवक से हुई, जो अपना नाम सोनू शुक्ल बताकर जागरण में आर्गन बजाता है। साथ रहने के दौरान उक्त युवक एक दिन अपने घर लतीफ नगर, शाहपुर ले गया। वहां चाय में नशीली दवा खिलाकर दुष्कर्म किया। बाद में सोशल मीडिया पर वीडियो व फोटो वायरल करने की धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाता रहा। दो माह पूर्व उसे युवक की सच्चाई पता चली तो पीछा छुड़ाने के लिए युवती के परिजनों ने दूसरी जगह शादी तय कर दी। इसके बाद आरोपी युवक ने युवती के साथ का अपना फोटो उसकी होने वाली ससुराल में भेज दिया। इसके बाद शादी टूट गई। आरोपी युवक दूसरे समुदाय के होने के साथ ही पहले से विवाहित भी है।

सोमवार की शाम हाटा कोतवाली पहुंची युवती ने पुलिस को तहरीर सौंपी। पुलिस क्षेत्राधिकारी कसया पियूषकांत राय भी हाटा कोतवाली पहुंचे और पीड़िता का बयान लिया। सीओ पीयूष कांत राय ने बताया कि युवती की तहरीर पर आरोपी इमरान उर्फ सोनू निवासी लतीफनगर थाना शाहपुर जनपद गोरखपुर के विरुद्ध धारा 376, 323, 506, 328, 507, 406 आइपीसी व 66 डी आइटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम रवाना कर दी गई है।

एसपी के हस्तक्षेप पर हरकत में आई पुलिस

पीड़िता के अनुसार पहले मुकामी पुलिस ने मामले में दिलचस्पी नहीं दिखाई। कोर्ट में जाकर धारा 156/3 के तहत मुकदमा दर्ज कराने की सलाह दी। इसके बाद उसने एसपी कुशीनगर के कार्यालय पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने कोतवाली पुलिस को निर्देश दिए तब जाकर हाटा पुलिस हरकत में आई।

मध्यप्रदेश में मंगलवार को मिले 535 कोरोना के नए मरीज, 36 की मृत्यु:अबतक संक्रमितों की संख्या 7,86,302 और मृतकों की संख्या 8,405 हुई attacknews.in

भोपाल, आठ जून । मध्य प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 535 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 7,86,302 तक पहुंच गयी।

राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से प्रदेश में 36 और व्यक्तियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 8,405 हो गयी है। यह जानकारी मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 52 जिलों में से छह जिलों- कटनी, सिंगरौली, छतरपुर, टीकमगढ़, अलीराजपुर एवं भिण्ड में पिछले 24 घंटों में एक भी नया कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं पाया गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंगलवार को कोविड-19 के 179 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 124 एवं जबलपुर में 46 नये मामले आये।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 7,86,302 संक्रमितों में से अब तक 7,69,914 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 7,983 मरीजों का इलाज चल रहा है।

उन्होंने कहा कि मंगलवार को कोविड-19 के 1,376 रोगी स्वस्थ हुए हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले में राहत मिली है। प्रदेश भर में जांच किये गये 75 हजार 982 सैंपलों में केवल 535 संक्रमित पाये गये। इस संक्रमित बीमारी से आज 36 लोगों की जान चली गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय के अनुसार आज 75,982 सैंपल की जांच में 535 लोग पॉजीटिव मिले है और 75,447 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाये गये। वहीं 154 सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया।

आज संक्रमण दर 0़ 7 प्रतिशत रही। इस तरह राज्य में अब तक 7,86,302 व्यक्ति संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 7,69,914 व्यक्ति संक्रमण से निजात मिला हैं।

आईटीआई के सभी तथा नर्सिंग में अंतिम वर्ष छोड़ अन्य कक्षाओं के छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का निर्णय attacknews.in

गांधीनगर, 08 जून । गुजरात सरकार ने आईटीआई के सभी तथा नर्सिंग के अंतिम वर्ष को छोड़ अन्य कक्षाओं के छात्रों को मास प्रमोशन देने का आज फ़ैसला किया है।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में आज हुई कोर कमेटी की बैठक में निर्णय किया गया कि राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के विद्यार्थियों को इस वर्ष के लिए मास प्रमोशन दिया जाएगा।

यह भी निर्णय किया गया कि नर्सिंग के पाठ्यक्रम में अंतिम वर्ष (फाइनल) की परीक्षा ली जाएगी।

उसके सिवाय अन्य कक्षाओं के नर्सिंग के विद्यार्थियों को इस वर्ष के लिए मास प्रमोशन दिया जाएगा।

यह फ़ैसला कोरोना के वर्तमान हालात के मद्देनज़र लिया गया है।

बैठक में उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल, मुख्य सचिव अनिल मुकीम और कई वरिष्ठ सचिव उपस्थित थे।

आगरा के पारस अस्पताल के खिलाफ योगी आदित्यनाथ ने दिये जांच के आदेश;वायरल वीडियो में संचालक डा अरिंजय जैन पर 22 मरीजों की मौत की जिम्मेदारी attacknews.in

आगरा 08 जून ।उत्तर प्रदेश के आगरा में पारस अस्पताल के संचालक डा अरिंजय जैन के वायरल वीडियो की जांच के आदेश दिये गये हैं।

वायरल वीडियो में डा जैन की आक्सीजन की कमी का हवाला देते हुये कह रहे हैं कि माक ड्रिल के जरिये यह पता करते है कि पांच मिनट के लिये आक्सीजन आपूर्ति बाधित करने से कितने मरीजों की जान पर संकट आ सकता है।

इस वायरल वीडियो पर गंभीर रूख अपनाते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिये हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है जिसके बाद अस्पताल को सील किया जा सकता है।

अस्पताल को किया सीज़:

आगरा में श्री पारस हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया। अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ऑक्सीजन की कमी के मॉकड्रिल के दौरान 22 लोगों की मौत का दावा किया गया। पूरे मामले की जांच की जा रही है। अस्पताल को सीज करने के साथ ही संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया ।

पारस अस्पताल को सीज करने के आदेश जिलाधिकारी आगरा ने दे दिए । यह आदेश मौके पर करीब 2 घंटे जांच करने के बाद जारी किए गए ।

पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा कायम होगा।यह मुकदमा उनके द्वारा वीडियो में मोदीनगर में ऑक्सीजन खत्म होने की भ्रामक सूचना के कारण दर्ज किया जाएगा।

अस्पताल में 55 मरीज भर्ती हैं।मौके पर सीएमओ आगरा को बुला लिया गया और अस्पताल के सभी मरीजों को अन्य अस्पताल में शिफ्ट कराने की कार्यवाही शुरू की गई । इस पूरी घटना पर लखनऊ से लेकर आगरा तक हड़कंप मच गया ।.लखनऊ से पूरी घटना की जांच की मॉनीटरिंग की जा रही है। अभी हॉस्पिटल को सीज किया गया है।

आगरा प्रशासन ने जारी किया ऑक्सीजन स्टेटस

आगरा प्रशासन ने 25 मई से से लेकर 27 मई तक के बीच ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टेटस जारी किया । प्रशासन के मुताबिक 25 अप्रैल को आपूर्तित सिलेंडर की संख्या 149 था, वहीं 20 सिलेंडर रिजर्व रखे गए थे. 26 अप्रैल को 121 आपूर्तित सिलेंडर थे, वहीं 15 सिलेंडर रिजर्व रखे गए थे. 27 अप्रैल को 117 सिलेंडर थे, वहीं 16 सिलेंडर रिजर्व रखे गए थे।

क्या है पूरा मामला

आगरा के पारस अस्पताल के मालिक डॉ. अरिंजय जैन का एक वीडियो सामने आया, इसमें डॉक्टर को ये कहते हुए सुना जा रहा है कि 26 अप्रैल को अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई थी. इस वजह से 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी। इससे 22 मरीजों की मौत हो गई. इस मामले में डॉ. अरिंजय ने ये तो माना है कि आवाज उन्हीं की है। लेकिन वो सारे आरोपों को खारिज करते हैं।

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पुलिस ने मादक पदार्थों के तस्कर को गिरफ्तार कर दो किलो हेरोइन बरामद की attacknews.in

श्रीनगर 08 जून । जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पुलिस ने मादक पदार्थों के एक तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास से दो किलो हेरोइन बरामद की है।

पुलिस प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर कुपवाड़ा जिले में कर्नाह शहर के यारिबन हाजित्रा ताड इलाके में जांच नाका स्थापित किया गया। जांच के दौरान नाका पार्टी ने एक व्यक्ति को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा।

बाद में पुलिस ने उसकी तलाशी ली जिसमें व्यक्ति के पास से हेरोइन के दो पैकेट बरामद किये गये। उसकी पहचान हाजित्रा निवासी नसीर अहमद शेख के रूप में की गयी है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने गिरफ्तार व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है तथा उस पर मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम के तहत कर्नाह थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि इन नशा तस्करों के खिलाफ जंग जारी रहेगी और इसमें शामिल पाए जाने वालों पर कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रायबरेली पुलिस ने ही गिरफ्तार किया पुलिस दरोगा को चोरी करते हुए पूछताछ में नकली पुलिस वाला और निकला इनामी बदमाश attacknews.in

रायबरेली,08 जून । उत्तर प्रदेश की रायबरेली पुलिस ने जगतपुर इलाके से नकली दरोगा और हरचंदपुर क्षेत्र से इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया है।

अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जगतपुर इलाके के कुछ लोगो ने पुलिस को सूचित किया कि एक व्यक्ति वर्दी में रोब गांठ रहा है । ग्रामीणों ने उसे एक दुकान से पैसा चोरी करते पकड़ लिया। वह खुद को थाने का दरोगा बता रहा है।

सूचना पर पीआरवी गाड़ी व थाना जगतपुर पुलिस मौके पर पहुंची और उसे थाने ले लाया गया ।

पूछताछ में उसने अपना नाम राजा भानु प्रताप सिंह निवासी निगोही थाना डीह रायबरेली बताया ,उसके पास से चोरी किए गये पैसे बरामद कर लिए।

पुलिस ने फर्जी दरोगा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया । आरोप है कि वो खाकी वर्दी पहनकर के क्षेत्र में चोरी करते हुए धरा गया। इसकी सूचना स्थानीय लोगों द्वारा डायल 112 को दी, सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस और डायल 112 ने मौके पर पहुंचकर फर्जी दरोगा को हिरासत में लिया और पूछताछ की।

अपर पुलिस अधीक्षक श्रीवास्तव ने बताया कि जगतपुर थाना क्षेत्र के जगतपुर कस्बे से डायल 112 को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति लाल रंग का जूता और खाकी पहने हुए है और अपने आपको थाने का दरोगा बता रहा है।

गांव के लोगों ने पैसे चोरी करते हुए फर्जी दरोगा को पकड़ा

गांव के लोगों ने डायल 112 को बताया कि हम लोगों ने पैसे चोरी करते हुए पकड़ लिया है। उन्होंने बताया कि इस सूचना पर तत्काल जगतपुर थाने की पुलिस और पीआरबी मौके पर पहुंची और उस व्यक्ति को हिरासत में लिया।

पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि उस्का नाम राजा भानु प्रताप सिंह है। वो डीह थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उसने पुलिस के सामनें कबूल किया कि वो नकली दरोगा बनकर के कई बार पहले भी क्षेत्र में कुछ वारदातें कर चुका है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जगतपुर थाने में आरोपित के विरूद्ध मुकदमा दर्जकर उसे कोर्ट में पेश किया जा रहा है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा : कोरोना संक्रमण पूर्ण रूप से समाप्त हो तथा दोबारा न बढ़े,आवश्यक है कि हर व्यक्ति कोविड अनुकूल व्यवहार करे तथा वैक्सीन लगवाए attacknews.in

भोपाल, 08 जून। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण पूर्ण रूप से समाप्त हो तथा दोबारा न बढ़े, इसके लिए आवश्यक है कि हर व्यक्ति कोविड अनुकूल व्यवहार करे तथा वैक्सीन लगवाए। इन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

श्री चौहान आज मंत्रालय में कोरोना की‍ स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में अनलॉक प्रक्रिया पर पूरी नजर रखी जाए। कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए लोगों को जागरूक किए जाने के साथ ही सख्ती भी की जाए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।

प्रदेश में कोरोना के 535 नए प्रकरण आए हैं, 1376 स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव मरीजों की संख्या 7983 है। प्रदेश की 07 दिनों की औसत पॉजिटिविटी 0.9 प्रतिशत तथा आज की पॉजिटिविटी 0.7 प्रतिशत है।
प्रदेश के कुल एक्टिव मरीजों में से 4521 होम आयसोलेशन में तथा 3462 अस्पतालों में हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों में से 1421 आई.सी.यू. में, 1326 ऑक्सीजन बेड्स पर तथा 715 सामान्य बिस्तरों पर हैं।

प्रदेश में 07 जिलों में 10 से अधिक कोरोना के प्रकरण आए हैं। इंदौर में 179, भोपाल में 124, जबलपुर में 46, रतलाम में 13, ग्वालियर में 12, खरगौन में 11 तथा अनूपपुर में 11 नए प्रकरण आए हैं।

प्रदेश के पाँच जिलों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रतलाम तथा बैतूल जिलों में ही 1 प्रतिशत से अधिक साप्ताहिक पॉजिटिविटी है। शेष 47 जिलों में 01 प्रतिशत से कम साप्ताहिक औसत पॉजिटिविटी है।
प्रदेश के 06 जिलों अलीराजपुर, भिंड, छतरपुर, कटनी, सिंगरौली एवं टीकमगढ़ में कोरोना का कोई प्रकरण नहीं आया है। चार जिलों अशोकनगर, मुरैना, सीहोर तथा श्योपुर में 01-01 नए प्रकरण आए हैं। अलीराजपुर कोरोना मुक्त है‍।

श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति लोगों में जागरूकता लाई जाए। इससे संबंधित सभी भ्रांन्तियों को दूर किया जाए 18 प्लस के हर व्यक्ति का वैक्सीनेशन हो तथा वैक्सीने का एक भी डोज बेकार नहीं जाए।

कर्नाटक में उद्योगपति भास्कर शेट्टी की हत्या पत्नी राजेश्वरी शेट्टी, पुत्र नवनीत शेट्टी ने करके लाश के टुकड़ें कर ज्योतिषी की मदद से, हवन कुंड में जला दिया था; कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा attacknews.in

उडुपी, 08 जून । कर्नाटक की एक स्थानीय अदालत ने 2016 के चर्चित भास्कर शेट्टी हत्याकांड के तीन आरोपियों को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

न्यायाधीश जे ए सुब्रमण्यम ने उद्योगपति भास्कर शेट्टी की पत्नी राजेश्वरी शेट्टी, पुत्र नवनीत शेट्टी और ज्योतिषी निरंजन भट को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। राघवेन्द्र को हालांकि अदालत ने बरी कर दिया है जिस पर इस मामले के साक्ष्य मिटाने के आरोप थे।

कर्नाटक के उडूपी जिले की एक अदालत ने प्रवासी भारतीय उद्योगपति भास्कर शेट्टी की 2016 में हुयी हत्या के मामले में उनकी पत्नी एवं बेटे समेत तीन मुख्य आरोपियों को दोषी करार देते हुये मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है ।

उडूपी जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे एन सुब्रमण्या ने शेट्टी की पत्नी राजेश्वरी शेट्टी, बेटे नवनीत शेट्टी एवं ज्योतिषी निरंजन भट को आजीवन कारावास की सजा सुनायी ।

उडूपी जिले के इंद्राली के रहने वाले प्रवासी भारतीय उद्योगपति शेट्टी (52) की 2016 में हत्या कर दी गयी थी और उनके शव को टुकड़ों में काट कर ज्योतिषी की मदद से, हवन कुंड में जला दिया गया था ।

अदालत ने मामले के एक अन्य आरोपी राघवेंद्र भट को बरी कर दिया। उस पर साक्ष्य नष्ट करने का आरोप था । निरंजन भट के पिता श्रीनिवास भट पर भी यही आरोप लगाये गये थे, और सुनवाई के दौरान उसकी मौत हो गयी ।

विशेष लोक अभियोजक शांताराम शेट्टी ने अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की अदालत में पैरवी की । मुख्य अभियुक्त राजेश्वरी शेट्टी अभी जमानत पर बाहर है जबकि नवनीत शेट्टी एवं निरंजन भट बेंगलुरू की जेल में बंद है ।

इंद्राली स्थित शेट्टी के आवास पर 28 जुलाई 2016 को उनकी हत्या की गयी थी । उनके शव को बाद में टुकड़ों में काट कर भट के घर पर बने हवन कुंड में जला दिया गया था ।

भास्कर शेट्टी की मां ने इस मामले में 31 जुलाई को मणिपाल पुलिस थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी।

भोपाल में भारतीय खाद्य निगम कर्मचारी किशोर मीणा ने 5 साल में करोडों रूपये इकठ्ठा किए:CBI ने भोपाल, विदिशा, खंडवा, झाबुआ, नरसिंहपुर, जबलपुर, नांदेड़ और जलगांव में स्थित 13 ठिकानों पर एकसाथ की छापामारी attacknews.in

भोपाल, 08 जून । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के भोपाल मंडल कार्यालय में पदस्थ एक कर्मचारी (सहायक ग्रेड 1) किशोर मीना के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के मामले में अपराध दर्ज कर आज 13 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई प्रारंभ की।

सीबीआई की ओर से मुहैया करायी गयी जानकारी के अनुसार आरोपी कर्मचारी के खिलाफ दिसंबर 2016 से 29 मई 2021 की अवधि के दौरान 2,93,03,396 रुपयों की अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपों के संबंध में अपराध दर्ज किया गया है।

इसके साथ ही भोपाल, विदिशा, खंडवा, झाबुआ, नरसिंहपुर, जबलपुर, नांदेड़ और जलगांव में स्थित 13 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई एकसाथ प्रारंभ की गयी। ये ठिकाने ठेकेदारों और निजी लोगों से संबंधित हैं, हालाकि शाम तक यह साफ नहीं हो पाया कि छापों के दौरान क्या मिला।

सीबीआई की ओर से बताया गया है कि हाल ही में भोपाल में दिल्ली की एक कंपनी से एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में भारतीय खाद्य निगम के चार अधिकारियों कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कर्मचारी किशोर मीना भी शामिल है।

तब इन कर्मचारियों के आवास पर की गयी जांच में मीना के निवास से तीन करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि नगद मिली थी।

इसी मामले की जांच आगे की जा रही है।

उस समय छापे के दौरान तीन करोड़ रुपयों से अधिक के अलावा रुपयों के लेनदेन संबंधी दस्तावेज, नोट गिनने की मशीन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले भी सीबीआई को मिले थे।

तब किशोर मीना के अलावा एफसीआई भोपाल के तीन अधिकारियों हरीश हिनोनिया, अरुण श्रीवास्तव और मोहन परते को गिरफ्तार किया गया था।

तीनों अधिकारी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं, जबकि किशोर मीना सीबीआई की हिरासत (रिमांड) में है।

उससे पूछताछ की जा रही है।

किशोर मीना की रिमांड अवधि समाप्त होने पर आज उसे यहां सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां पर उसकी रिमांड अवधि दस जून तक बढ़ा दी गयी।

राजस्थान सरकार ने संत आसाराम की अस्थायी जमानत मंजूर करने की मांग का विरोध किया, याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली attacknews.in

नयी दिल्ली, 08 जून । उच्चतम न्यायालय ने इलाज कराने के लिए अस्थायी तौर पर सजा निलंबित करने को लेकर स्वयंभू तांत्रिक आसाराम की अपील की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी है।

न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाशकालीन खंडपीठ ने मंगलवार को संबंधित पक्षों के वकीलों को बताया कि उन्हें राजस्थान सरकार की ओर से सुबह ही जवाब प्राप्त हुआ है, इसलिए मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित की जाती है। राजस्थान सरकार ने हालांकि आसाराम की अस्थायी जमानत मंजूर करने की मांग का विरोध किया।

इसी बीच, न्यायालय ने याचिकाकर्ता को उस हलफनामे का जवाब देने की अनुमति प्रदान की।

राजस्थान उच्च न्यायालय ने आसाराम को इलाज के लिए उसकी आजीवन कारावास की सजा अस्थायी तौर पर निलंबित करने की याचिका निरस्त कर दी थी, जिसे उसने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।

आसाराम की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लुथरा ने कहा कि याचिकाकर्ता 83-84 वर्ष के वृद्ध हैं और उन्हें चिकित्सकीय सहायता की तत्काल जरूरत है। उन्हें जोधपुर के एम्स में दिया गया इलाज पर्याप्त नहीं है और उन्हें एक आयुर्वेदिक केंद्र में शिफ्ट किया जाना है। इससे पहले न्यायालय ने गत शुक्रवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।