पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देने के लिए विधेयक पारित किया attacknews.in

इस्लामाबाद, 11 जून । पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सरकार समर्थित एक विधेयक पारित किया है जो सजायाफ्ता भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देगा। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी सामने आई है।

‘डॉन’ समाचार-पत्र ने खबर दी कि नेशनल असेंबली ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (समीक्षा एवं पुनर्विचार) विधेयक, 2020 को बृहस्पतिवार को पारित किया जिसका लक्ष्य कथित भारतीय जासूस जाधव को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले के अनुरूप राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराना है।

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, 51 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था।

द हेग स्थित आईसीजे ने जुलाई 2019 में फैसला दिया कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराने और सजा सुनाने संबंधी फैसले की ‘‘प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार” करना चाहिए और बिना किसी देरी के भारत को जाधव के लिए राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने देने का भी अवसर देना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने 2019 के फैसले में पाकिस्तान को, जाधव को दी गई सजा के खिलाफ अपील करने के लिए उचित मंच उपलब्ध कराने को कहा था।

विधेयक पारित होने के बाद, कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा कि अगर उन्होंने विधेयक पारित नहीं किया होता तो भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद चला जाता और आईसीजे में पाकिस्तान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देता। नसीम ने कहा कि विधेयक आईसीजे के फैसले के मद्देनजर पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक पारित कर उन्होंने दुनिया को साबित कर दिया कि पाकिस्तान एक “जिम्मेदार राष्ट्र” है।

नेशनल असेंबली ने चुनाव (सुधार) विधेयक समेत 20 अन्य विधेयक भी पारित किए।

विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया और तीन बार कोरम (कार्यवाही के दौरान उपस्थित सदस्यों की तय से कम संख्या) की कमी की ओर इशारा किया लेकिन हर बार सदन के अध्यक्ष ने सदन में पर्याप्त संख्या घोषित की और काम-काज जारी रखा जिससे विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया।

विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और नारेबाजी की।

सरकार के कदम की आलोचना करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद एहसान इकबाल ने कहा कि इस कदम ने जाधव को राहत देने के लिए विधेयक को भारी विधायी एजेंडा में शामिल किया। इकबाल ने कहा कि यह व्यक्ति विशेष विधेयक था और जाधव का नाम विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण में शामिल था। उन्होंने कहा कि जब देश का कानून उच्च न्यायालयों को सैन्य अदालतों द्वारा सुनाई गई सजा की समीक्षा का प्रावधान करता है तो इस विधेयक को लाने की क्या जरूरत थी।

जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले के तुरंत बाद पिछले साल मई में सरकार ने अध्यादेश लाकर कानून को पहले ही अमल में ला दिया था।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने सदन अध्यक्ष से सदस्यों को विधेयक का अध्ययन करने के लिए कुछ वक्त देने को कहा। उन्होंने, पहले अध्यादेश के माध्यम से विधेयक लाने और फिर विधेयक पारित कर जाधव को राहत देने के लिए सरकार की आलोचना की।

कानून मंत्री नसीम ने कहा कि वह विपक्ष का आचरण देख कर स्तब्ध रह गए और ऐसा लगता है कि विपक्ष ने आईसीजे का फैसला नहीं पढ़ा। उनके अनुसार, आईसीजे ने साफ कहा है कि पाकिस्तान जाधव को, फैसले की समीक्षा का उनका अधिकार देने के लिए एक प्रभावी कानून बनाए।

एम्स-आईएनआई सीईटी 2021 परीक्षा एक महीने के लिए स्थगित:32 राज्यों में परीक्षा की तैयारियां पूरी कर ली गयी attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 जून । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को आईएनआई सीईटी 2021 परीक्षा एक महीने के लिए स्थगित करने का आदेश दिया।

यह परीक्षा पहले 16 जून का होने वाली थी। अब यह परीक्षा एक महीने बाद किसी भी दिन करायी जाने वाली थी।

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने 23 एमबीबीएस डाॅक्टरों के समूह, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क (छत्तीसगढ़ चैप्टर) और कोविड मरीजों के उपचार में लगे 35 अन्य रेजीडेंट डाक्टरों की याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद यह आदेश दिया।

न्यायालय ने कहा, “ अभ्यर्थियों ने जिन केन्द्राें को चुना है, वे उनसे काफी दूर कोविड ड्यूटी कर रहे हैं। उन्हें तैयारी के पर्याप्त समय नहीं मिला है, इसके मद्देनजर हमारा मानना है कि 16 जून की तारीख परीक्षा के लिए निर्धारित करना मनमानी है। हम एम्स को निर्देश देते हैं कि वह इस परीक्षा को कम से कम एक महीने के स्थगित कर दे।”

याचिकाकर्ताओं ने 16 जून को परीक्षा करवाने को चुनौती देते हुए कहा कि अधिकतर डाॅक्टर विभिन्न अस्पतालों में कोविड ड्यूटी कर रहे हैं और उन्हें परीक्षा की तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं मिला है।

उन्होंने याचिका में पोस्ट ग्रेजुएट काेर्स में प्रवेश के लिए होने वाली इस परीक्षा को स्थगित किये जाने की मांग करते हुए इस बारे में निर्देश देने की गुहार लगायी है।

याचिकाकर्ताओं के वकील अरविंद दातार ने कहा कि जब मई में होने वाली नीट परीक्षायें अगस्त तक के लिए स्थगित की जा सकती हैं तो आईएनआई सीईटी की परीक्षा क्यों नहीं स्थगित की जा सकती।

एम्स के वकील दुष्यंत पाराशर ने पीठ से कहा कि मई में प्रॉस्पेक्टस जारी कर दिया था और एक मई को अभ्यर्थी को परीक्षा के बारे में अवगत किया गया था। अगर परीक्षा रोक दी गयी तो डाक्टरों की कमी हो जायेगी।

उन्होंने कहा कि देश के 32 राज्यों में परीक्षा की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति में भी सुधार हो गया है।

न्यायालय ने हालांकि जाेर दिया कि परीक्षा कम से कम एक महीने के लिए स्थगित की जानी चाहिए। एम्स के वकील ने निर्देश लेने के लिए सोमवार तक का समय देने की मांग की लेकिन पीठ ने यह कहते हुए इससे इन्कार कर दिया कि परीक्षा की तिथि काफी नजदीक है।

सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोपों की CBI जांच की मांग यह कहकर याचिका खारिज कर दी कि, पुलिस में सेवा करने वाला व्यक्ति अब कह रहा है कि उसे राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 जून । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ सभी मामलों को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अथवा किसी अन्य राज्य को स्थानांतरित करने की मांग की थी।

अदालत ने कहा, “आपकोे अपने बलों (महाराष्ट्र पुलिस) पर संदेह नहीं होना चाहिए।”

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की अवकाशकालीन पीठ ने परम बीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे “चौंकाने वाला वाकिया” बताया कि महाराष्ट्र पुलिस बल में 30 साल से अधिक समय तक सेवा करने वाला व्यक्ति अब कह रहा है कि उसे राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है।

पीठ ने कहा, “जिनके घर शीशे के हो वो दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते हैं।”

पीठ ने कहा कि इस याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है।

पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के बारे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और इसके बाद उन्होंने कहा था कि ऐसा खुलासा करने के बाद से ही राज्य पुलिस बल उनके पीछे पड़ गया है।

वर्चुअल सुनवाई के दौरान परम बीर सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें श्री देशमुख के संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की सजा का सामना करना पड़ रहा है।

श्री जेठमलानी ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मामले के प्रभारी अधिकारी ने परम बीर सिंह पर पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया और उन्हें कई आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी दी गयी।

इस पर शीर्ष अदालत ने पूछा कि क्या डीजीपी रैंक का कोई अधिकारी दबाव के आगे झुक सकता है, तो पुलिस बल के अन्य लोगों की हालत क्या होगी।

गौरतलब है कि 20 मार्च को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)के इस वरिष्ठ अधिकारी ने एक बहुत ही चौंकाने वाले पत्र में आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने कथित तौर पर एक गिरफ्तार-निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाज़े को बार और हुक्का से प्रति माह 100 करोड़ रुपये वसूली करने के लिए कहा था।

बाद में श्री देशमुख ने श्री सिंह के आरोपों ‘को यह कहकर खारिज कर दिया था कि एंटीलिया बम मामले और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या से खुद को बचाने की कोशिश” के तहत वह इस तरह की बातें कर रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने भी उनकी पहले की याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया था और उनके आरोपों को ‘गंभीर प्रकृति’ का बताते हुए, उन्हें पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय में जाने का निर्देश दिया था।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोरोना महामारी की वजह से स्कूली व्यवस्था से बाहर हो गए बच्चों को वापस जोड़ने के लिए प्रबंध पोर्टल की शुरुआत की attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 जून । केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्कूल एजुकेशन एवं लिटरेसी विभाग ने कोरोना महामारी की वजह से स्कूली व्यवस्था से बाहर हो गए बच्चों को वापस जोड़ने के लिए शुक्रवार को यहाँ पर प्रबंध पोर्टल की शुरुआत की है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इस अवसर पर कहा, “यह पहल भारत सरकार की समग्र शिक्षा नीति के तहत है। इसके अलावा राइट टू एजुकेशन एवं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी हमने इस बात पर जोर दिया है कि स्कूली व्यवस्था से बाहर हो गए बच्चों को मुख्यधारा स्कूलों से जोड़ा जाए। प्रबंध पोर्टल के द्वारा हम ऐसे बच्चों का डाटा बेहतर तरीके से इकठ्ठा कर पाएंगे और बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने में सफल होंगे। इसके अलावा हमनें पहली बार 2021-22 से 16 से 18 वर्ष के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान भी किया है ताकि जो बच्चे इस उम्र में शिक्षा व्यवस्था से बाहर हो गए हैं उन्हें भी ओपन लर्निंग या डिस्टेंस लर्निंग के द्वारा अपनी शिक्षा पूरी करने का मौका मिल सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विज़न को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करेंगे कि देश का कोई भी बच्चा शिक्षा व्यवस्था से बाहर ना हो।”

शिक्षा विभाग ने इसके लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को ऐसे बच्चों का डाटा एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं ताकि इसकी ठीक तरह निगरानी की जा सके। इसके अलावा विभाग ने ऐसे बच्चों की शिक्षा में आए अंतराल को कम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान भी किया है। अभी तक यह वित्तीय सहायता छह से 14 वर्ष के बच्चों के लिए उपलब्ध करवाई जाती थी लेकिन 2021-22 से यह सहायता 16-18 वर्ष के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए भी उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि वो ओपन या डिस्टेंस लर्निंग के द्वारा अपनी शिक्षा जारी रख सकें।
ब्लॉक रिसोर्स सेंटर के ब्लॉक रिसोर्स समन्वयक द्वारा बच्चों के आंकड़े ब्लॉक लेवल पर अपलोड किया जाएगा और फिर उस आंकड़े को जिला मजिस्ट्रेट/जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा चिह्नित अधिकारी द्वारा सत्यापित करवाने के बाद प्रबंध पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

ईएमआई में नहीं मिलेगी राहत , लोन मोरेटोरियम आगे बढ़ाने से ‘सुप्रीम’ इंकार:कोरोना की दूसरी लहर में आर्थिक संकट से जूझ रहे और ईएमआई में राहत की उम्मीद पाले लोगों को सुप्रीम कोर्ट से झटका attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 जून । कोरोना की दूसरी लहर में आर्थिक संकट से जूझ रहे और ईएमआई में राहत की उम्मीद पाले लोगों को शुक्रवार को उस समय झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने लोन मोरेटोरियम योजना को आगे बढ़ाने तथा ब्याज माफी संबंधित याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने संबंधित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह नीतिगत मामला है और न्यायालय सरकार की नीतियों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अपनी मांग के लिए केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास जाना चाहिए।

याचिका में नए ऋण स्थगन, ऋण पुनर्गठन योजना के तहत समय दिये जाने और बैंकों की ओर से गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की घोषणा पर अस्थायी रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।

याचिका में न्यायालय से यह कहते हुए तत्काल राहत दिये जाने की मांग की गयी कि वर्तमान में अत्यधिक वित्तीय संकट झेल रहे आम आदमी के लिए केंद्र और आरबीआई की ओर से पर्याप्त उपाय नहीं किये गये हैं।

याचिकाकर्ता ने अदालत से तत्काल राहत की मांग की क्योंकि केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम आदमी की मदद के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए हैं जो वर्तमान में अत्यधिक वित्तीय तनाव में हैं।

मध्यप्रदेश में गुरुवार को मिले 420 कोरोना के नए मरीज, 34 की मृत्यु:अबतक संक्रमितों की संख्या 7,87,175 और मृतकों की संख्या 8475 हुई attacknews.in

भोपाल, 10 जून। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के 420 नये मामले सामाने आये है, वहीं इस महामारी से 34 लोगों की जान चली गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन के अनुसार आज 76,469 सैंपल की जांच में 420 लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिले है।

और वहीं 7,6049 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाये गये।

वहीं 375 सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया।

आज संक्रमण दर 0़ 5 प्रतिशत रही।

इस तरह राज्य में अब तक 7,87,175 लोग संक्रमित हो चुके हैं, हलाकि इनमें से अब तक 7,72,375 लोग ठीक हो चुके हैं।

वर्तमान स्थिति में एक्टिव केस (उपचाररत मरीज) की संख्या 6325 है।

आज 34 लोगों की मृत्यु दर्ज किए जाने के साथ ही अब तक 8475 संक्रमितों की मौत हुयी है।

वहीं आज राज्य भर से 1132 लोग संक्रमण से मुक्त हुए है।

राज्य के इंदौर में 129, भोपाल 107, ग्वालियर में 7, जबलपुर में 37, उज्जैन में 9, रतलाम में 6, सागर में 9, रीवा में 8, खरगोन में 8 नये मामले सामने आये हैं।

शेरों को हुआ कोरोना;अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई की दो शेरनी और एक शेर संक्रमित attacknews.in

बरेली 10 जून । तमिलनाडु के अरिगनर अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई की दो शेरनी और एक शेर में संक्रमित मिले है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की प्रयोगशाला में सैंपल जाँच में इसकी पुष्टि की गयी है।

संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ के पी सिंह ने गुरूवार को बताया कि तमिलनाडु के अरिगनर अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई से चार सैंपल टाइगर और दो सैंपल शेरनी और एक सैंपल शेर का आया था ।

आईवीआरआई की प्रयोगशाला में चार टाइगरों के सैंपलों की हुयी जाँच में चारों सारा कोव-2 कोरोना और डिस्टेम्पर निगेटिव मिले है जबकि एक शेरनी में सारा कोव-2 (कोरोना) और डिस्टेंपर पॉजिटिव मिले है। एक अन्य शेरनी में सारा कोव-2 (कोरोना) पॉजिटिव और तीसरे शेर में डिस्टेंपर पॉजिटिव मिला है। इसकी सूचना अरिगनर अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई के अधिकारियों को भेजी जा रहे है।

केंद्र सरकार कोरोना टीकों के स्टाॅक और टेम्प्रेचर जैसी सूचनाओं के संवेदनशील ई-विन आंकड़ों का दुरुपयोग और उनकी गैर-कानूनी कारोबारी हरकतों को रोकने के लिये सख्त कार्रवाई को तैयार attacknews.in

नईदिल्ली 10जून । केंद्र सरकार कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम और उससे सम्बंधित आंकड़ों में पारदर्शिता लाने तथा कोविन पर उसकी उपलब्धता के लिये कटिबद्ध
केंद्र सरकार “समग्र सरकारी तंत्र” की भावना के तहत प्रभावशाली टीकाकरण अभियान चलाने के लिये इस वर्ष 16 जनवरी से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का सहयोग करती रही है।

देशभर में कोविड-19 की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये केंद्र सरकार ने तमाम कदम उठाये हैं। इस सिलसिले में आपूर्ति श्रृंखला और टीकों का भंडारण भी बहुत अहमियत रखता है।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के उस पत्र का हवाला दिया गया है, जो उन्होंने ई-विन इनवेंट्री (वस्तु सूची या टीकों की फेहरिस्त) और तापमान आंकड़ों के बारे में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा था।

केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे वैक्सीन के भंडार और जहां उन्हें रखा गया है, वहां के तापमान की पूरी जानकारी और मूल्यांकन ई-विन के जरिये साझा करने से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति जरूर लें।

ऐसा करने का मकसद यही है कि इन आंकड़ों का गलत इस्तेमाल कोई एजेंसी अपने कारोबारी लाभ के लिये न कर सके।

उल्लेखनीय है कि सार्वभौमिक रोग-प्रतिरक्षा कार्यक्रम (यूनीवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम – यूआईपी) के तहत कई वैक्सीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और उन वैक्सीनों के तापमान के बारे में भी आंकड़े उपलब्ध हैं। किसी खास वैक्सीन के इस्तेमाल के रुझान के बारे में बहुत सी अहम सूचनायें होती हैं। अन्य वैक्सीनों के मद्देनजर सम्बंधित विशेष वैक्सीन से जुड़े अनुसंधान, कोल्ड-चेन उपकरणों की जानकारी के साथ-साथ बाजार में दखलंदाजी करने के लिये आंकड़ों का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।

यह बात बहुत अहम है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ई-विन इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें यूआईपी के तहत पिछले छह साल से अधिक समय से इस्तेमाल होने वाली वैक्सीनें शामिल हैं। स्टॉक, भंडारण और तापमान से जुड़े संवेदनशील आंकड़ों को स्वास्थ्य मंत्रालय की पूर्वानुमति के बिना साझा नहीं किया जा सकता।

कोविड-19 वैक्सीन के स्टॉक, खपत, बची हुई वैक्सीन का आंकड़ा कोविन प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसे नियमित तौर पर और पारदर्शिता के साथ साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस और दैनिक प्रेस विज्ञप्ति के जरिये मीडिया तथा जनता के सामने पेश करता है।

कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में पारदर्शिता लाने के लिये केंद्र सरकार कटिबद्ध है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन की सूचना प्रौद्योगिकी आधारित ट्रैकिंग करने का उपाय किया है। कोविन के जरिये वैक्सीन को लाभार्थियों तक पहुंचने की पूरी ट्रैकिंग की जाती है। इसका मकसद यही है कि नियमित रूप से सूचना को आम जनता के साथ साझा किया जाये।

मध्यप्रदेश में 15 जुलाई तक जेल के 49 हजार सभी बंदियों का वैक्सीनेशन कराने के सभी कलेक्टर्स को आदेश जारी attacknews.in

भोपाल, 10 जून । मध्यप्रदेश में कोरोना संकट पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के प्रयासाें के बीच राज्य की जेलों में मौजूद लगभग 49 हजार सभी बंदियों का कोरोना वैक्सीनेशन 15 जुलाई तक कराने के आदेश आज सभी कलेक्टरों को जारी किए गए।

राज्य के जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी आदेश सभी 52 जिलों के कलेक्टरों को भेज दिया गया है।

इसमें कहा गया है कि राज्य की सभी जेलों में निरुद्ध बंदियों का कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य 15 जुलाई तक (45 दिनों में) शत प्रतिशत पूर्ण करना है। यह कार्य एक जून से प्रारंभ हो गया है।

आदेश के मुताबिक इसके अलावा टीके की दूसरी डोज केंद्र सरकार की ओर से नियत अवधि में लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए।

कैदियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण 15 जुलाई तक : नरोत्तम

मध्यप्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि मध्यप्रदेश की जेलों में निरुद्ध समस्त बंदियों का टीकाकरण 15 जुलाई तक सुनिश्चित किया जाएगा।

डॉ मिश्रा ने बताया कि टीकाकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव (जेल) डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि बंदियों के टीकाकरण का कार्य एक जून से प्रारंभ कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव जेल और अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर से जारी आदेशानुसार स्वास्थ्य और जेल विभाग द्वारा कार्य को तत्परता से किया जा रहा है।

डॉ. राजौरा ने बताया है कि अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि 45 दिवस के अंदर जेलों में निरुद्ध समस्त बंदियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। टीके का दूसरा डोज़ भारत सरकार द्वारा नियत अवधि में लगाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। मध्यप्रदेश की 131 जेलों में 49 हजार सजायाफ्ता-विचाराधीन कैदी हैं। अभी इनमें से 7 हजार 100 कैदियों का टीकाकरण हुआ है।

कुशीनगर में 71 सामुदायिक शौचालय में लटके हैं ताले,निर्माण करने के पश्चात सरकार स्वयं सहायता समूहों को हस्तांतरित करने से भूली attacknews.in

कुशीनगर 10 जून। उत्तर प्रदेश्स में कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र की 77 ग्राम पंचायतों में से 71 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया है तथा छह निर्माणाधीन हैं, लेकिन इन सामुदायिक शौचालयों को स्वयं सहायता समूहों को हस्तांतरित नहीं किए जाने से इनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। इन सामुदायिक शौचालयों में एक साल से ताला लटक रहा है।

नेबुआ नौरंगिया ब्लॉक में ग्राम पंचायत व राजस्व गांव मिलाकर कुल 77 ग्राम सभाएं हैं। उनमें राज्य वित्त, चौदहवें वित्त और स्वच्छ भारत मिशन के तहत 77 गांवों में सामुदायिक शौचालय बनवाए जा रहे हैं, जिसमें 42 ग्राम पंचायतों में दो सीट वाले शौचालय और स्नानागार तीन लाख 85 हजार रुपये की लागत से तो 29 ग्राम पंचायतों में चार सीट वाले शौचालय व स्नानागार पांच लाख 71 हजार रुपये की लागत से बन रहे हैं।

71 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूर्ण हुए एक वर्ष हो गए हैं। इन पर तीन करोड़ 27 लाख 29 हजार रुपये खर्च होने के बाद भी इनमें लगभग एक वर्ष से ताले लटक रहे हैं।

इन शौचालयों की देख रेख के लिए प्रदेश सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक गांवों मे संचालित स्वयं सहायता समूह जो सक्रिय हों और सामाजिक कार्य कर रहे हों, उन्हें आवंटित कर देना है।

समूह को ग्राम सभा की तरफ से रखरखाव के लिए छह हजार रुपये और किट के लिए तीन हजार रुपये दिये जाने हैं।

ग्राम पंचायतों द्वारा आवेदन के बाद भी समूहों को शौचालय हस्तांतरित नहीं किया जा सका है।पिछले वर्ष 25 दिसंबर को ब्लॉक मुख्यालय पर हुए एक कार्यक्रम में पहुंचे जिलास्तरीय अधिकारी के दबाव में आनन फानन में नौ शौचालयों को सिर्फ कागजों हस्तांतरित कर दिया गया था।

एक वर्ष बीतने के बाद भी ग्राम पंचायत सचिवों और एडीओ पंचायत के रुचि न लेने से शौचालय में ताले लटक रहे हैं। एडीओ पंचायत नंदलाल सिंह का कहना है कि जो शौचालय पूर्ण हैं उन्हें समूहों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है। कोरोना महामारी के चलते कार्य प्रभावित था। जल्द ही सभी शौचालय हस्तांतरित करा दिया जाएंगे।

राज्यपाल कोटे से बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाने के नाम पर ₹ 60 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का अपराधी वशिष्ठ नारायण झा गिरफ्तार attacknews.in

शिवहर, 10 जून ।बिहार में शिवहर जिला पुलिस ने बिहार विधान परिषद का सदस्य राज्यपाल कोटे से बनाने के नाम पर 60 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक अपराधी वशिष्ठ नारायण झा को जिले को पुरनहिया थान क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।

थानाध्यक्ष विजय कुमार यादव ने गुरूवार को यहां बताया कि फूलकहां गांव निवासी रितेश कुमार त्रिवेदी ने 22 मार्च को थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि पुरनहिया थाना क्षेत्र के चिरैया गांव निवासी अनीश कुमार झा एवं उसके पिता वशिष्ठ नारायण झा द्वारा एक पार्टी के बड़े नेता से संपर्क होने की बात कहकर राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद का सदस्य बनाने के नाम पर 35 लाख का पहला चेक और 25 लाख का दूसरा चेक अगस्त 2020 में लिया। दोनों चेक एचडीएफसी बैंक के माध्यम से भुगतान भी हो गया।

जब राज्यपाल के कोटे से बनने वाले विधान परिषद सदस्यों की सूची में नाम नहीं होने पर उससे संपर्क की कोशिश की गयी तो वह टालमटोल करने लगा।

प्यार का बुखार उतरने पर वापस लौटी मां को बच्चों ने नहीं दी घर में जगह;जबरन घुसने का प्रयास करने पर बच्चे मां के खिलाफ शिकायत लेकर पुलिस थाने पहुंच गए attacknews.in

पीलीभीत 10 जून । उत्तर प्रदेश में पीलीभीत जिले के पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र में 15 साल पहले अपने प्रेमी के साथ फरार हुई चार बच्चों की मां प्यार का बुखार उतरने के बाद वापस अपने घर लौट आयी, लेकिन सालों बाद घर लौटी इस महिला को उसके बच्चों ने घर में रखने से साफ इनकार कर दिया।

इतना ही नही बच्चे जबरन घर में घुसने का प्रयास कर रही अपनी मां के खिलाफ शिकायत लेकर पुरनपुर थाने पहुंच गए।

पुलिस ने बताया कि साहूकारा लाइन पार की रहने वाली शायरा तीन बेटियों और एक बेटे की मां है।

अब से 15 बर्ष पूर्व वह चारो बच्चों व पति को घर छोड़कर किसी युवक के साथ फरार हो गई थी।जिसके बाद पति और बच्चों ने महिला को खोजने का काफी प्रयास किया, लेकिन असफल रहे।

बुधवार देर शाम महिला अचानक अपने घर वापस आ गई।महिला को बड़ा धक्का तब लगा जब उसके बच्चों ने उसे घर पर रखने से साफ इनकार कर दिया।

उसकी बेटियों ने कहा कि जब 15 साल तक उन्हें अपने बच्चों की याद नहीं आई तो अब घर में आने की कोई जरूरत नहीं हैं।

इतने पर भी साथियों के साथ जबरन घर में घुसने का प्रयास कर रही महिला को उसकी बेटियों ने कोतवाली जाकर उसके खिलाफ शिकायत की।

पूरनपुर कोतवाल हरीश वर्धन सिंह ने बताया कि महिला की पुत्रियों ने कोतवाली में आकर अपनी मां के विरूद्ध जबरन घर में घुसने की शिकायत की है।

पुलिस मामले की जाँच कर रही है।उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।

झारखंड के राज्य सभा चुनाव 2016 हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट जोड़ने का आवेदन विजिलेंस कोर्ट में ट्रांसफर,रघुवर दास की बढ़ सकती है मुश्किलें attacknews.in

रांची, 10 जून । झारखंड में राज्यसभा चुनाव 2016 में कथित हॉर्स ट्रेडिंग मामले में अनुसंधानकर्ता की ओर से पीसी एक्ट जोड़ने के आवेदन को रांची के ज्यूडिसियल कोर्ट ने विजिलेंस कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है।

विजिलेंस कोर्ट की ओर से यदि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट की धारा जोड़ने की अनुमति प्रदान कर दी जाती है, तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

रांची सिविल कोर्ट के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट चतुर्थ अनुज कुमार की अदालत ने इस मामले में सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था और गुरुवार को अपने फैसले में इस मामले को विजिलेंस कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक श्रद्धा जया टोपनो ने अपना पक्ष रखा।

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट (प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट) के तहत केस चलाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अनुसंधानकर्ता की ओर से अदालत में आवेदन दिया गया था ।

बता दें कि 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में खड़े प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए बड़कागांव के तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन दिया गया था। साथ ही उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी भी दी गई थी। इस घटना को लेकर 2018 में जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पीसी एक्ट जोड़ने की अनुमति के साथ ही केस एसीबी की विशेष अदालत में चला गया ।

बता दें कि इस मामले में चुनाव आयोग के निर्देश पर गृह विभाग के अवर सचिव ने जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें तत्कालीन सीएम रघुवर दास के सलाहकार अजय कुमार व एडीजी अनुराग गुप्ता को नामजद आरोपी बनाया गया था. मामले में अब हेमंत सरकार ने तीनों के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत जांच करने का भी आदेश 25 मई को जारी किया है।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए 16 जून से शुरू होगा विशाल मौन मोर्चा attacknews.in

कोल्हापुर, 10 जून । राज्यसभा सांसद और मराठा नेता छत्रपति संभाजीराजे भोसले ने गुरुवार को घोषणा कि 16 जून को शहर के टाउन हॉल क्षेत्र में छत्रपति शाहू महाराज की समाधि से एक विशाल मौन मोर्चा निकाला जाएगा।

श्री भोसले ने विभिन्न सामाजिक संगठनों, मराठा संगठनों और पदाधिकारियों से मराठा आंदोलन के संबंध में बात करने के बाद आज अपराह्न सरकारी अतिथि गृह में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कोल्हापुर शहर का चयन आरक्षण के आंदोलन की शुरुआत के लिए इसलिए नहीं किया कि वह स्वयं कोल्हापुर से हैं, बल्कि इसलिए किया कि यह छत्रपति शाहू महाराज की भूमि है, जिन्होंने देश में ‘बहुजन समाज’ के लिए पहला आरक्षण और देश को दिशा देने वाले शहर के रूप में घोषित किया था।

राजस्थान में बढ़ी बाबा रामदेव की मुसीबत:खैरथल में पतंजलि के लिए सरसो तेल बनाने वाली सिंघानिया ऑयल मिल पर लिए गए सभी तेल के सेम्पल गुणवत्ता अनुरुप नहीं पाये गये attacknews.in

अलवर 10 जून । राजस्थान में अलवर जिला कलेक्टर के निर्देश पर जिले के खैरथल में बाबा रामदेव की पतंजलि के लिए सरसो का तेल बनाने वाली सिंघानिया ऑयल मिल पर लिए गए सभी तेल के सेम्पल गुणवत्ता अनुरुप नहीं पाये गये।

मुख्य चिकित्सा एवं अधिकारी के निर्देशानुसार प्रशासन द्वारा गठित खाद्य सुरक्षा अधिकारीयो की टीम द्वारा 27 मई 2021 को खैरथल स्थित मैसर्स सिघानिया मिल, 60, इण्डस्ट्रीयल एरिया, खैरथल, जिला अलवर से लिये गये नमूने मस्टर्ड पाउच (पतंजली ब्राण्ड) मस्टर्ड ऑईल बोतल (पतजली ब्राण्ड) मस्टर्ड ऑईल (श्री श्री तत्व ब्राण्ड), तथा मस्टर्ड ऑर्डल (पार्लियामेन्ट ब्राण्ड) एवं सरसो तेल के 5 नमूने सग्रहित किये गये थे जो कि खाद्य सुरक्षा एव मानक प्रयोगशाला, अलवर की जांच रिपोर्ट के अनुसार पांचों नमूने गुणवत्ता अनुसार नही पाये गये।

मस्टर्ड ऑईल पाउच (पतंजली ब्राण्ड), मस्टर्डी ऑईल बोतल (पतजली ब्राण्ड), मस्टर्ड ऑईल (श्री श्री तत्व ब्राण्ड) एव सरसो तेल अवमानक्/ खाद्य पदार्थ पाया गया तथा मस्टर्ड ऑईल (पार्लियामेन्ट (पढ़े अवमानक एवं मिथ्या छाप खाद्य पदार्थ होना पाया गया है।

सीएमएचओ डॉ ओम प्रकाश मीना ने बताया कि इसमें सरकार के फ़ूड सेफ्टी एक्ट के तहत करवाही की जाएगी। इसमे अदालत ही करवाही करेगी। संबंधित पार्टी अपील कर सकती है।