राजकोट, 20 नवंबर । केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि संसद के सत्र अक्सर पुनर्निर्धारित किए जाते रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संसद का कोई सत्र और चुनाव प्रचार एक ही वक्त में न हों । जेटली ने दावा किया कि अतीत में कांग्रेस भी संसद के सत्रों को पुनर्निर्धारित कर चुकी है ।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए जेटली ने कहा कि विपक्षी पार्टी ने भी 2011 में संसद के सत्र आयोजित करने में देरी की थी और उससे पहले भी ऐसा किया था, क्योंकि सत्र का समय चुनाव प्रचार कार्यक्रम के वक्त पड़ रहा था ।
उन्होंने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘यह परंपरा रही है और ऐसा कई बार हो चुका है कि चुनाव प्रचार के दौरान संसद के सत्र पुनर्निर्धारित किए गए हैं।’’ जेटली ने यह भी कहा कि सत्र का आयोजन होगा और कांग्रेस ‘‘पूरी तरह बेनकाब’’ हो जाएगी ।
उन्होंने कहा, ‘‘अपने 10 साल के शासन में कांग्रेस ने सबसे भ्रष्ट सरकार दी है, जबकि नरेंद्र मोदी ने सबसे ईमानदार सरकार दी है । जोर से बोलकर किसी सच को झूठ करार देने से वह झूठ नहीं बन जाता ।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने खुद कई बार संसद के सत्रों को पुनर्निर्धारित किया ।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘समय इस तरह तय किया जाता है कि वे चुनाव प्रचार के वक्त नहीं आयोजित हों । (कांग्रेस ने) 2011 में ऐसा किया और उससे पहले भी किया ।’’ संसद का शीतकालीन सत्र आम तौर पर नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होता है और दिसंबर के तीसरे हफ्ते तक चलता है ।
जेटली ने कहा, ‘‘संसद सत्र निश्चित तौर पर होगा और सभी विषयों पर होगा…..कांग्रेस को पूरी तरह बेनकाब कर दिया जाएगा ।’’ सूत्रों ने बताया कि सरकार करीब 10 दिनों का शीतकालीन सत्र आयोजित करने पर विचार कर रही है, जिसकी शुरूआत दिसंबर के दूसरे हफ्ते में होने की संभावना है ।
नई दिल्ली में आज कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने कमजोर आधार पर संसद के शीतकालीन सत्र में व्यवधान पैदा करके अपने अहंकार में भारत के संसदीय लोकतंत्र पर काली परछाई डाल दी है।’’attacknews