सिरसा, 09 जून । सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड व साध्वी बलात्कार मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सुनारिया जेल से बार-बार पैरोल व मेडिकल लीव जैसी छूट दिए जाने पर अंशुल छत्रपति ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है और जेल प्रशासन व हरियाणा सरकार पर सवाल उठाए हैं।
पत्र में मुख्य न्यायाधीश से गुजारिश की गई है कि वे उक्त मामले में पूर्व की भांति हस्तक्षेप कर हरियाणा सरकार व प्रशासन से जवाब तलबी करें।
श्री छत्रपति ने कहा कि अगस्त 2017 में सीबीआई अदालत के सजा सुनाए जाने के दौरान डेरा प्रमुख के इशारे पर पूरे हरियाणा व उत्तर भारत को हिंसा ग्रस्त करने की साजिश रची गई और उसके बाद पैदा हुए हालातों को नियंत्रित करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय को दखल देना पड़ा था।
हिंसा में 40 लोगों की जान चली गई अरबों करोड़ों की संपत्ति तहस-नहस हुई और मीडिया के बहुत सारे वाहनों व मीडिया हाउसेस की ओबी वैन को जलाकर राख कर दिया गया किया, उक्त मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने कई महीनों तक लगातार सुनवाई की हरियाणा सरकार और प्रशासन की नाकामी के लिए उन्हें कोसा और इन दंगों का जिम्मेदार डेरा सच्चा सौदा के साथ-साथ हरियाणा सरकार को भी ठहराया।
अंशुल छत्रपति ने कहा कि उच्च न्यायालय की इस सारी मशक्कत के कोई मायने नहीं रह जाएंगे यदि हरियाणा सरकार व प्रशासन दोबारा फिर से इस तरह की बदमाशी कर इस खतरनाक अपराधी को इसी तरीके से खुल्ला घुमाते रहेंगे और कभी मां की बीमारी व इलाज के बहाने, कभी फार्म हाउस की सैर तो कभी फाइव स्टार हॉस्पिटल में इलाज करवाने की छूट दी जाती रही तो वह दिन दूर नहीं कि अगस्त 2017 की तरह हिंसा दंगों की फिर से पुनरावृति हो।
उन्होंने कहा कि पंचकूला दंगों के दौरान पुलिस के आला अधिकारियों ने बार-बार मीडिया के सामने यह बात कबूली कि दंगे बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा थे, जिसकी सूत्रधार डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के साथ साथ हनीप्रीत व डॉ आदित्य आदि भी थे और आरोप लगाया कि इस बार फिर सरकार की शह पर मेदांता अस्पताल व मानेसर फार्म हाउस में इस तरह की साजिश रचे जाने का खेल जारी है जिस पर माननीय अदालत रोक लगाए और सरकार और प्रशासन से जवाब तलबी करे।
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व डेरा प्रमुख की बहुत सी याचिकाएं सिरसा जिला प्रशासन व रोहतक जिला प्रशासन की ओर से यह कहकर खारिज की गई कि उसके बाहर आने से लॉ एंड ऑर्डर की समस्या खड़ी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि आज भी समस्या जस की तस है डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को किसी भी बहाने से जेल से बाहर नहीं निकाला जाना चाहिए ताकि प्रदेश का अमन-चैन फिर से खराब ना हो।
उन्होंने कहा कि माननीय अदालत डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को इलाज के बहाने मेदांता अस्पताल में रखे जाने वाले वार्ड की सीसीटीवी की मॉनिटरिंग करवाने का आदेश दे।