नयी दिल्ली , 18 जुलाई । अचल सम्पत्तियों का कारोबार करने वाले आम्रपाली समूह ने आज उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने केंद्र सरकार को अपनी बिना बिकी एवं भविष्य की परियोजनाओं का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन (एनबीसीसी) से कराने का प्रस्ताव किया है।आम्रपाली इस समय वित्तीय और कानूनी दिक्कतों में फंसी है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू . यू . ललित की पीठ ने आम्रपाली समूह को कहा है कि वह केंद्र सरकार को दिये प्रस्ताव की विस्तृत जानकारी तथा 2008-09 से शुरू की गयी परियोजनाओं का वित्तीय विवरण 10 दिनों के अंदर न्यायालय के समक्ष पेश क रे।
अतिरिक्त महाधिवक्ता विक्रम जीत बनर्जी ने न्यायालय से यह स्पष्ट करने को कहा कि परियोजनाओं को एनबीसीसी को देने का प्रस्ताव न्यायालय का निर्देश नहीं होकर आम्रपाली समूह द्वारा दिया गया प्रस्ताव है।
पीठ ने आम्रपाली समूह के प्रवर्तकों को देश से बाहर नहीं जाने का भी निर्देश दिया।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 17 मई को दिये आदेश में 42 हजार घर खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए तीन सहयोगी कंपनियों को आम्रपाली समूह की 12 अटकी परियोजनाएं छह से 48 महीने के समय में पूरा करने को कहा था।
शीर्ष न्यायालय ने परियोजनाएं पूरी होने पर सहायक कंपनियों को भुगतान करने के लिए आम्रपाली समूह को चार सप्ताह के भीतर 250 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। इनमें से छह परियोजनाओं के पूरा होने से परेशानी में फंसे 27-28 हजार ग्राहकों को फायदा होगा।
न्यायालय ने दस मई को कंपनी में 2,700 करोड़ रुपये की राशि की हेराफेरी को चिह्नित कर उसे लेन देन और खातों का विवरण प्रस्तुत करने को कहा था। न्यायालय ने कहा कि मकान खरीदने वालों को ‘ तेल की कढ़ाही में नहीं फेका जा सकता।attacknews.in