नयी दिल्ली, 24 मई । अमेरिका की एक अनजान कंपनी ने भारत की राष्ट्रीय संरचना पाइपलाइन (एनआईपी) में इक्विटी के रूप में 500 अरब डॉलर का निवेश करने की पेशकश की है। इस अमेरिकी कंपनी लैंडोमस रियल्टी वेंचर्स के कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 19 है और इसका राजस्व 1.5 करोड़ डॉलर है। कंपनी की वेबसाइट सिर्फ एक पेज की है।
लैंडोमस रियल्टी ने विज्ञापनों के जरिये तथा अपनी वेबसाइट पर बयान जारी कर कहा है कि वह भारत निर्माण के तहत एनआईपी और भारत सरकार की सूचीबद्ध गैर-एनआईपी परियोजनाओं में 2,000 अरब डॉलर के निवेश के पहले चरण में इक्विटी के रूप में 500 अरब डॉलर का निवेश करना चाहती है।
देश के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में लैंडोमस समूह के चेयरमैन प्रदीप कुमार सत्यप्रकाश ने कहा कि उनका समूह भारत के पुन:निर्माण और 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लक्ष्य के लिए सरकार की मदद करना चाहता है।
विज्ञापन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से जारी अपील में कहा, ‘‘लैंडोमस समूह नव भारत के आपके दृष्टिकोण में योगदान करने का अवसर चाहता है। हमारा आपसे आग्रह है कि हमें यह अवसर प्रदान किया जाए।’’
दिलचस्प बात यह है कि यह एक अनजान सी कंपनी है और इसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। कंपनी की वेबसाइट भी एक ही पेज की है जिसपर अधिक ब्योरा उपलब्ध नहीं है।
जूमइन्फो के अनुसार कंपनी के कर्मचारियों की संख्या मात्र 19 है।
वेबसाइट पर कंपनी का पता अमेरिका के न्यूजर्सी का है। जूमइन्फो लैंडोमस रियल्टी वेंचर्स का गठन भारत में जमीन के टुकड़ों के अधिग्रहण और ‘लैंड बैंक’ बनाने के लिए किया गया था। कंपनी के ई-मेल पते पर भेजे गए मेल का जवाब नहीं मिला।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिसंबर, 2019 में एनआईपी की घोषणा की थी। एनआईपी के तहत वित्त वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक कुल 111 लाख करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचा निवेश का अनुमान है।