नयी दिल्ली/वाशिंगटन , 17 जून ।पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ हिंसक झड़प में चीनी सेना के 35 जवान हताहत हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों के हवाले से बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस संख्या में मारे गए जवान और घायल हुए जवान दोनों शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों ने अमेरिकी खुफियो रिपोर्टों के हवाले से कहा कि चीनी पक्ष के 35 जवान हताहत हुए हैं।
चीन ने झड़प में अपनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के हताहत हुए जवानों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में इस सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण दोनों देशों के बीच सीमा पर पहले से जारी गतिरोध की स्थिति और गंभीर हो गई है।
सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि चीनी पक्ष के जवान भी ‘‘उसी अनुपात में हताहत’’ हुए हैं, लेकिन उन्हें स्पष्ट रूप से यह जानकारी नहीं है कि झड़प में कितने जवान हताहत हुए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीन सेवा प्रमुखों के साथ बुधवार को पूर्वी लद्दाख में समग्र हालात की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्र में हालात पर चर्चा के लिए सोमवार रात रक्षा मंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और थलसेना प्रमुख एम एम नरवणे के साथ बैठक की।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि झड़प में कम से कम चार भारतीय जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई।
भारत और चीन के बीच हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं: अमेरिका
वाशिंगटन,से खबर है कि, अमेरिका पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और उम्मीद करता है कि विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से हल कर लिया जाएगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा,‘‘वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच हालात पर हम करीब से नजर रख रहे हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘भारतीय सेना ने कहा है कि उसके 20 सैनिक मारे गए हैं, हम उनके परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।’’
प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही देशों ने तनाव कम करने की इच्छा जताई है और अमेरिका वर्तमान हालात के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है।
उन्होंने कहा,‘‘ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दो जून 2020 को फोन पर हुई बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और चीन सीमा के हालात पर चर्चा की थी।’’
गौरतलब है कि सोमवार रात पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए । पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
गलवान में सैनिकों को गंवाना बहुत परेशान करने वाला और दु:खद है: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों को गंवाना बहुत परेशान करने वाला और दु:खद है।
सिंह ने ट्वीट किया कि भारतीय जवानों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अदम्य साहस एवं वीरता का प्रदर्शन किया और अपनी जान न्यौछावर कर दी।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘देश अपने सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। देश इस मुश्किल समय में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के वीरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है।’’
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता, तो दोनों पक्षों को हुए नुकसान से बचा जा सकता था।
पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध चल रहा है। पैंगॉन्ग सो सहित कई इलाके में चीनी सैन्यकर्मियों ने सीमा का अतिक्रमण किया है ।
भारतीय सेना ने चीनी सेना की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है और क्षेत्र में अमन-चैन के लिए तुरंत उससे पीछे हटने की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में दोनों तरफ से कई बार बातचीत भी हुई है
भारत-चीन की एलएसी पर हुई हिंसक झड़प में हिमाचाल प्रदेश का जवान शहीद, गांववालों ने जताया शोक:
हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) से खबर है कि , भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में करोहटा गांव का रहने वाला जवान अंकुश ठाकुर शहीद हो गया, जिसके निधन की खबर से पूरे गांव में उदासी छा गई है।
भोरंज उपखंड के करोहटा गांव का 21 वर्षीय अंकुश 2018 में ही पंजाब रेजिमेंट में शामिल हुआ था। उसके पिता और दादा भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और छोटा भाई अभी छठी कक्षा में है।
गौरतलब है कि सोमवार रात पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
अंकुश के शहीद होने की खबर सेना मुख्यालय से करोहटा ग्राम पंचायत में फोन कर दी गई, जिसके बाद ही गांव में लोगों ने चीन विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए और उनके घर पहुंच परिवार को ढांढस बंधाया।
ग्राम पंचायत के वार्ड पंच विनोद कुमार ने बताया कि सेना मुख्यालय से फोन कर ठाकुर के शहीद होने की जानकारी दी गई।
आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि अंकुश का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा
लद्दाख में चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद
कल रात हुए घटनाक्रम में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए।
इस घटना से पहले से जारी गतिरोध की स्थिति और गंभीर हो गई है।
सेना की ओर से मंगलवार को जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई।
शुरुआत में भारतीय सेना ने कहा था कि झड़प में एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए।
बाद में सेना की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक “जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है जिसके बाद शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।”
वक्तव्य में कहा गया, “भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान क्षेत्र में जिस स्थान पर 15/16 जून 2020 को झड़प हुई वहां से दोनों सेनाओं के सैनिक हट गए हैं।”
वक्तव्य में कहा गया कि “भारतीय सेना राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।”
सरकार और सेना के कई सूत्रों ने बताया कि हिंसक झड़प कई घंटे तक चली।
सूत्रों ने कहा कि चीनी पक्ष के सैनिक भी “उसी अनुपात में” हताहत हुए हैं।
सूत्रों ने मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख व विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कल रात की झड़प के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख के संपूर्ण हालात से अवगत कराया।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवानों की शहादत के बाद यह इस तरह की पहली घटना है।
सैन्य सूत्रों ने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच घटनास्थल पर मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई।
सेना की ओर से जारी एक संक्षिप्त वक्तव्य में कहा गया था, ‘गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।’
वक्तव्य में कहा गया था, “दोनों पक्षों की ओर से सेना के वरिष्ठ अधिकारी तनाव कम करने के लिये घटनास्थल पर संवाद कर रहे हैं।’
पैतृक स्थानों पर भेजे जा रहे हैं शहीदों के पार्थिव शरीर
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सोमवार को चीनी सेना के साथ झड़प में शहीद होने वाले 20 सैनिकों के पार्थिव शरीर उनके पैतृक स्थानों पर भेजे जा रहे हैं। इन शहीदों के नाम इस प्रकार हैं।
कर्नल बी संतोष बाबू (हैदराबाद), सुबेदार एन सोरेन (मयूरभंज ओडिशा), नायब सुबेदार मंदीप सिंह (पटियाला पंजाब), नायब सुबेदार (गुरदासपुर पंजाब), हवलदार के पलानी (मदुरै तमिलनाडु), हवलदार सुनील कुमार (पटना बिहार), हवलदार बिपुल राय (मेरठ सिटी उत्तर प्रदेश), नायक दीपक कुमार (रेवा मध्य प्रदेश), सिपाही राजेश ओरांग (बीरघुम),सिपाही कुंदन कुमार ओझा (साहिबगंज), सिपाही गणेश राम (कांकेर), सिपाही चंक्रकांत प्रधान (कंधमाल ओडिशा), सिपाही अंकुश (हमीरपुर), सिपाही गुरबिंदर (संगरूर पंजाब), सिपाही गुरतेज सिंह (मनसा), सिपाही चंदन कुमार (भोजपुर),सिपाही कुंदन कुमार (सहरसा बिहार), सिपाही अमन कुमार (समस्तीपुर बिहार), सिपाही जयकिशोर सिंह (वैशाली) और सिपाही गणेश हंसदा (पूर्वी सिंहभूम)।