बोस्टन/वाशिंगटन , 16 मई (एपी) अमेरिका सरकार ने चीन की प्रौद्योगिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हुवावेई पर कुछ नए प्रतिबंध लगाए हैं। इसके तहत हुवावेई की अमेरिकी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की क्षमता पर अंकुश लगाया गया है। इससे उद्योग विकास और सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका-चीन विवाद और बढ़ सकता है।
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने शुक्रवार को कहा कि हुवावेई पर विदेशों में सेमीकंडक्टर के डिजाइन और उत्पादन के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर पूर्व में प्रतिबंध लगाए गए थे। अमेरिका चाहता है कि हुवावई पूर्व में लगाए गए अंकुशों से बच नहीं पाए।
रॉस ने ‘फॉक्स बिजनेस’ से कहा कि एक काफी उच्चस्तर की तकनीकी खामी है जिसके जरिये हुवावेई अमेरिकी प्रौद्योगिकी को प्रभावित करने में सफल रही है।
उन्होंने कहा कि हम कभी नहीं चाहते थे कि इस तरह की खामी रहे।
हुवावेई टेक्नोलॉजीज चीन का पहला वैश्विक प्रौद्योगिकी ब्रांड है और यह कंपनी नेटवर्क उपकरण तथा स्मार्टफोन बनाती है। हुवावेई अमेरिका-चीन विवाद का प्रमुख मुद्दा है। अमेरिकी अधिकारी कहते रहे हैं कि हुवावई सुरक्षा के लिए खतरा है। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों को नकारा है। वहीं चीन का कहना है कि अमेरिका सुरक्षा चेतावनी का दुरुपयोग कर अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों लिए चुनौती बन रही हुवावेई को नुकसान पहुंचाना चाहता है।
नए नियमों के तहत विदेशी सेमीकंडक्टर विनिर्माता को हुवावेई द्वारा डिजाइन सेमीकंडक्टर जिनका निर्माण अमेरिकी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर किया गया है, को चीन की कंपनी को भेजने के लिए अमेरिकी लाइसेंस हासिल करना होगा।
चीन ने अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। दुनिया के सेमीकंडक्टर संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले चिप डिजाइन और विनिर्माण उपकरण ज्यादातर अमेरिका में बनते हैं। ऐसे में नए नए उन विदेशी उत्पादकों को प्रभावित करेंगे जो हुवावेई को बिक्री करते हैं।
शी चिनफिंग से अभी बात नहीं करना चाहता: ट्रम्प
वाशिंगटन, से खबर है कि ,अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के मामले में चीनी नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी का संकेत देते हुए कहा है कि वह अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग से अभी बात नहीं करना चाहते।
व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में ट्रम्प से सवाल किया गया कि वह शी से बात क्यों नहीं करना चाहते हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘उनसे अभी बात नहीं करना चाहता हूं। हम देखेंगे कि आने वाले समय में क्या होता है।’’
इस साल की शुरुआत में हुए व्यापार समझौते के अनुसार चीन पिछले साल की तुलना में अमेरिकी वस्तुएं अधिक खरीद रहा है।
ट्रम्प ने कहा, ‘‘वे व्यापार समझौते पर काफी खर्च कर रहे हैं, लेकिन व्यापार समझौते को लेकर मेरा मजा थोड़ा किरकिरा हो गया है, आप समझ सकते हैं।’’
इससे पहले ट्रम्प ने कहा था कि वह व्यापार समझौते के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं।
ट्रम्प ने कहा, ‘‘मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहता। मैं कह सकता हूं कि चीन हमारे काफी उत्पाद खरीद रहा है, लेकिन व्यापार समझौता– अभी स्याही सूखी भी नहीं थी कि चीन से यह (कोरोना वायरस) आ गया। इसलिए, ऐसा नहीं है कि हम खुश हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था। यह चीन से आया। इसे दुनिया में फैलने से पहले चीन में ही रोका जा सकता था। कुल 186 देश प्रभावित हुए हैं। रूस बुरी तरह प्रभावित है, फ्रांस बुरी तरह प्रभावित है। आप किसी भी देश की ओर देखिए और आप यह कह सकते हैं कि वह ‘‘प्रभावित’’ है या यह कह सकते हैं कि वह ‘‘संक्रमित’’ है।’’
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव केलीग मैकेनानी ने संवाददाताओं से कहा कि ट्रम्प चीन से हताश हैं।
इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन अमेरिकी नागरिकों की निजता या विश्वभर में आगामी पीढ़ी के नेटवर्कों की अखंडता को कमजोर करने के ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ के प्रयासों को सहन नहीं करेगा।
पिछले कई हफ्तों से ट्रम्प पर चीन के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है। सांसदों और विचारकों का कहना है कि चीन की निष्क्रियता की वजह से वुहान से दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला है।
कोरोना वायरस के कारण विश्वभर में 45 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और तीन लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है